इस साल के शुरू में जब तमाम फिल्म साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक के द्वारा अपने अपने पुरस्कार बांटे जाने का सिलसिला शुरू होने को था तभी अभिनेत्री कंगना रनौत ने खुलेआम यह ऐलान कर दिया कि वह इन पुरस्कार समारोहों में शामिल नहीं होंगी। यह फिल्म अवार्ड, जिन्हे पॉपुलर फिल्म अवार्ड्स भी कहा जाता है, पाठकों की पसंद के नाम पर दिए जाते हैं। इन पुरस्कारों को देने वाली मॅगज़ीन्स का उद्देश्य ग्लैमर इकठ्ठा करना और अपनी पत्रिका को पॉपुलर बनाना ही होता हैं। यह पुरस्कार पूर्वाग्रह से भरे और पक्षपातपूर्ण होते हैं। कलाकारों को समारोह में मौजूद रहने और परफॉर्म करने की शर्त पर श्रेष्ठ चुना जाता है। आमिर खान ऐसे अभिनेता हैं, जो कभी इन समारोहों में नहीं जाते और न ही अवार्ड क़ुबूल करते हैं। अजय देवगन और इमरान हाशमी जैसे अभिनेता भी इन पुरस्कारों से दूर रहते हैं। कंगना रनौत का अवार्ड्स फंक्शन से दूर रहने का ऐलान इन पुरस्कारों की निष्पक्षता पर जोरदार झटका था। लगे हाथ शाहरुख़ खान ने भी 'इन अवार्ड्स में पहले वाली बात नहीं रही' का शोशा छोड़ दिया। कंगना रनौत जानती थी कि दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा के सामने उन्हें यह पॉपुलर पुरस्कार मिलने वाले नहीं। ऐसा ही हुआ भी। ज़्यादातर पुरस्कार दीपिका पादुकोण के नाम रहे। लेकिन, चूंकि, कंगना रनौत का ऐलान वायरल हो गया था तो खिसियाई दीपिका पादुकोण को हैप्पी न्यू ईयर के लिए एक अवार्ड जीतने के बाद यह कहना पड़ा कि इस पुरस्कार के लिए क्वीन की कंगना ही सही चुनाव हैं। लेकिन, बॉलीवुड की अभिनेत्रियों के लोमड़ीपने से परिचित कंगना ने दो टूक कह दिया कि दीपिका मुझे सामने आ कर बधाई दें सकती हैं ।
बहरहाल, आज राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पा कर कंगना सचमुच खुश होंगी। विकास बहल निर्देशित 'क्वीन' की रीढ़ सही मायनों में कंगना ही थी। उन्होंने अपने करैक्टर को जीवंत कर दिया। यह फिल्म कंगना रनौत की ज़बरदस्त अभिनय प्रतिभा का आईना हैं। इस पुरस्कार की दावेदारी मैरी कॉम की प्रियंका चोपड़ा भी कर रही थी। इसमे कोई शक नहीं कि प्रियंका ने मैरी कॉम के किरदार के लिए कड़ी मेहनत की थी, लेकिन स्वभाविकता और सहजता के लिहाज़ से क्वीन की कंगना रनौत की फिक्शनल करैक्टर रानी, प्रियंका चोपड़ा के रियल करैक्टर मैरी कॉम पर भारी पड़ गई। यह उनका दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार है। इसके पहले वह फिल्म फैशन के लिए श्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का ५६वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकी हैं। इत्तेफ़ाक़ की बात यह है कि जिस प्रियंका चोपड़ा के साथ वह इस साल श्रेष्ठ अभिनेत्री की दावेदारी कर रही थी, उसी प्रियंका चोपड़ा ने फैशन के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। कंगना रनौत क्वीन के लिए फिल्मफेयर का श्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार भी जीत चुकी हैं। इस साल रिलीज़ होने वाली कंगना रनौत की दो फिल्मों कट्टी बट्टी और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स में उनके अभिनय की चर्चा अभी से हो रही है। कौन जाने अगले साल का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी कंगना रनौत के नाम रहे।
बहरहाल, आज राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पा कर कंगना सचमुच खुश होंगी। विकास बहल निर्देशित 'क्वीन' की रीढ़ सही मायनों में कंगना ही थी। उन्होंने अपने करैक्टर को जीवंत कर दिया। यह फिल्म कंगना रनौत की ज़बरदस्त अभिनय प्रतिभा का आईना हैं। इस पुरस्कार की दावेदारी मैरी कॉम की प्रियंका चोपड़ा भी कर रही थी। इसमे कोई शक नहीं कि प्रियंका ने मैरी कॉम के किरदार के लिए कड़ी मेहनत की थी, लेकिन स्वभाविकता और सहजता के लिहाज़ से क्वीन की कंगना रनौत की फिक्शनल करैक्टर रानी, प्रियंका चोपड़ा के रियल करैक्टर मैरी कॉम पर भारी पड़ गई। यह उनका दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार है। इसके पहले वह फिल्म फैशन के लिए श्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का ५६वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकी हैं। इत्तेफ़ाक़ की बात यह है कि जिस प्रियंका चोपड़ा के साथ वह इस साल श्रेष्ठ अभिनेत्री की दावेदारी कर रही थी, उसी प्रियंका चोपड़ा ने फैशन के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। कंगना रनौत क्वीन के लिए फिल्मफेयर का श्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार भी जीत चुकी हैं। इस साल रिलीज़ होने वाली कंगना रनौत की दो फिल्मों कट्टी बट्टी और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स में उनके अभिनय की चर्चा अभी से हो रही है। कौन जाने अगले साल का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी कंगना रनौत के नाम रहे।
No comments:
Post a Comment