आईसीसी वर्ल्ड क्रिकेट कप बॉलीवुड से कोसों दूर पाताल में खेला जा रहा था। लेकिन, बॉलीवुड बेहाल हो गया। १४ फरवरी से २९ मार्च तक चले इस एक दिनीं मेले ने बॉलीवुड फिल्मों के चारों शो फ्लॉप कर दिए। बॉलीवुड को ६०- ७० करोड़ के बीच का घाटा उठाना पड़ा। कोई भी फिल्म १०० करोड़ का आंकड़ा छू नहीं सकी। हालाँकि, इस दौरान कोई भी बड़ी फिल्म रिलीज़ नहीं हुई। बड़े बैनरों ने अपनी फिल्मों की रिलीज़ की तारिख या तो वर्ल्ड कप से पहले की रखी या उसके बाद की। यही कारण था कि अक्षय कुमार की फिल्म 'बेबी' और अमिताभ बच्चन और धनुष की फिल्म 'षमिताभ' वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले ही रिलीज़ कर दी गई। इसलिए, वर्ल्ड कप के दौरान छोटे बजट की फ़िल्में ही रिलीज़ हुई।
कुछ मंझोले बजट की फिल्मों ने हिम्मत दिखाने की कोशिश की। अर्जुन रामपाल और जैक्विलिन फर्नांडीज़ की फिल्म 'रॉय' १३ फरवरी को रिलीज़ हुई। दूसरे दिन वर्ल्ड कप शुरू होना था। फिल्म ने पहले दिन ९.२५ करोड़ से ज़्यादा का कलेक्शन किया। हालाँकि, फिल्म का वीकेंड कलेक्शन २३ करोड़ से ज़्यादा का हुआ। लेकिन, कुल मिला कर रॉय को रणबीर कपूर के नाम का फायदा आगे चल कर नहीं हो सका। अगले हफ्ते वरुण धवन की फिल्म बदलापुर रिलीज़ हुई। इस फिल्म ने वर्ल्ड कप के बावजूद दर्शक आकर्षित किये। लेकिंन, अगर बदलापुर आम दिनों में रिलीज़ होती तो ज़्यादा अच्छा बिज़नेस करती।
वर्ल्ड कप क्रिकेट के दौरान नाना पाटेकर का जादू भी नहीं चला। उनकी फिल्म 'अब तक छप्पन २' ध्वस्त हो गई। आयुष्मान खुराना की फिल्म 'दम लगा के हईशा' ने दम दिखाने की कोशिश की। लेकिन जल्द हांफ गई। के सी बोकाडिया ने १९८७ में वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान अपनी फिल्म 'कुदरत का कानून' रिलीज़ की थी। जिस दिन फाइनल था, उस दिन भी फिल्म को १०० प्रतिशत दर्शक मिले। यही सोच कर कि अच्छी फिल्म को दर्शक मिलेंगे, बोकाडिया ने अपनी मल्लिका शेरावत अभिनीत फिल्म 'डर्टी पॉलिटिक्स' वर्ल्ड कप के बीच ही रिलीज़ की। लेकिन, बोकाडिया की क्रिकेट के साथ यह पॉलिटिक्स डर्टी साबित हुई।
दिलचस्प बात यह है कि इस साल विश्व कप के दौरान न बड़े चेहरों का जादू चला, जा कॉमेडी फिल्म हिट हुई, न सेक्सी कॉमेडी फिल्म। हॉरर को भी मुंह की खानी पड़ी। सेक्स कॉमेडी हंटर दर्शकों को सिनेमाघर की ओर धकेलने वाला चाबुक नहीं बन सकी। कॉमेडी फ़िल्में 'दिल्ली वाली ज़ालिम गर्लफ्रेंड' ठंडी गई तो गणेश आचार्य की मुख्य भूमिका वाली 'हे ब्रो' भी दर्शकों से भाई चारा स्थापित नहीं कर सकी, रोमांटिक कॉमेडी 'बदमाशियां' ने न दिल को छुआ न गुदगुदाया । कॉफ़ी ब्लूम का रोमांटिक ड्रामा दर्शकों के सर नहीं चढ़ सका।
विश्व कप के दौरान कम बजट वाली छोटी फ़िल्में ही रिलीज़ हुई थी। लेकिन, इसके बावजूद इंडस्ट्री के कुल मिला कर १०० करोड़ दांव पर थे। हिंदी फिल्मों ने इस दौरान ३०-४० प्रतिशत की गिरावट देखी। किसी फिल्म के १०० करोड़ कमाने का सवाल ही नहीं था। ऐसा ही हुआ भी। इसके बावजूद 'बदलापुर ' के अलावा अनुष्का शर्मा की बतौर निर्माता और अभिनेत्री फिल्म 'एनएच१०' ठीक ठाक बिज़नेस कर पाने में कामयाब हुई। अनुष्का शर्मा ने वर्ल्ड क्रिकेट कप के दौरान भारतीय टीम के एक खिलाड़ी विराट कोहली से अपने अफेयर को चतुराई से इस्तेमाल किया। दर्शकों की इस फिल्म के प्रति उत्सुकता जगी। फिल्म ने १३ करोड़ का ओपनिंग वीकेंड दिया। इससे साफ़ है कि दर्शक क्रिकेट का दीवाना है। लेकिन, अगर बकौल के सी बोकाडिया 'कंटेंट अच्छा हो तो दर्शक क्रिकेट के बावजूद फिल्म देखने जायेगा।'
राजेंद्र कांडपाल
कुछ मंझोले बजट की फिल्मों ने हिम्मत दिखाने की कोशिश की। अर्जुन रामपाल और जैक्विलिन फर्नांडीज़ की फिल्म 'रॉय' १३ फरवरी को रिलीज़ हुई। दूसरे दिन वर्ल्ड कप शुरू होना था। फिल्म ने पहले दिन ९.२५ करोड़ से ज़्यादा का कलेक्शन किया। हालाँकि, फिल्म का वीकेंड कलेक्शन २३ करोड़ से ज़्यादा का हुआ। लेकिन, कुल मिला कर रॉय को रणबीर कपूर के नाम का फायदा आगे चल कर नहीं हो सका। अगले हफ्ते वरुण धवन की फिल्म बदलापुर रिलीज़ हुई। इस फिल्म ने वर्ल्ड कप के बावजूद दर्शक आकर्षित किये। लेकिंन, अगर बदलापुर आम दिनों में रिलीज़ होती तो ज़्यादा अच्छा बिज़नेस करती।
वर्ल्ड कप क्रिकेट के दौरान नाना पाटेकर का जादू भी नहीं चला। उनकी फिल्म 'अब तक छप्पन २' ध्वस्त हो गई। आयुष्मान खुराना की फिल्म 'दम लगा के हईशा' ने दम दिखाने की कोशिश की। लेकिन जल्द हांफ गई। के सी बोकाडिया ने १९८७ में वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान अपनी फिल्म 'कुदरत का कानून' रिलीज़ की थी। जिस दिन फाइनल था, उस दिन भी फिल्म को १०० प्रतिशत दर्शक मिले। यही सोच कर कि अच्छी फिल्म को दर्शक मिलेंगे, बोकाडिया ने अपनी मल्लिका शेरावत अभिनीत फिल्म 'डर्टी पॉलिटिक्स' वर्ल्ड कप के बीच ही रिलीज़ की। लेकिन, बोकाडिया की क्रिकेट के साथ यह पॉलिटिक्स डर्टी साबित हुई।
दिलचस्प बात यह है कि इस साल विश्व कप के दौरान न बड़े चेहरों का जादू चला, जा कॉमेडी फिल्म हिट हुई, न सेक्सी कॉमेडी फिल्म। हॉरर को भी मुंह की खानी पड़ी। सेक्स कॉमेडी हंटर दर्शकों को सिनेमाघर की ओर धकेलने वाला चाबुक नहीं बन सकी। कॉमेडी फ़िल्में 'दिल्ली वाली ज़ालिम गर्लफ्रेंड' ठंडी गई तो गणेश आचार्य की मुख्य भूमिका वाली 'हे ब्रो' भी दर्शकों से भाई चारा स्थापित नहीं कर सकी, रोमांटिक कॉमेडी 'बदमाशियां' ने न दिल को छुआ न गुदगुदाया । कॉफ़ी ब्लूम का रोमांटिक ड्रामा दर्शकों के सर नहीं चढ़ सका।
विश्व कप के दौरान कम बजट वाली छोटी फ़िल्में ही रिलीज़ हुई थी। लेकिन, इसके बावजूद इंडस्ट्री के कुल मिला कर १०० करोड़ दांव पर थे। हिंदी फिल्मों ने इस दौरान ३०-४० प्रतिशत की गिरावट देखी। किसी फिल्म के १०० करोड़ कमाने का सवाल ही नहीं था। ऐसा ही हुआ भी। इसके बावजूद 'बदलापुर ' के अलावा अनुष्का शर्मा की बतौर निर्माता और अभिनेत्री फिल्म 'एनएच१०' ठीक ठाक बिज़नेस कर पाने में कामयाब हुई। अनुष्का शर्मा ने वर्ल्ड क्रिकेट कप के दौरान भारतीय टीम के एक खिलाड़ी विराट कोहली से अपने अफेयर को चतुराई से इस्तेमाल किया। दर्शकों की इस फिल्म के प्रति उत्सुकता जगी। फिल्म ने १३ करोड़ का ओपनिंग वीकेंड दिया। इससे साफ़ है कि दर्शक क्रिकेट का दीवाना है। लेकिन, अगर बकौल के सी बोकाडिया 'कंटेंट अच्छा हो तो दर्शक क्रिकेट के बावजूद फिल्म देखने जायेगा।'
राजेंद्र कांडपाल
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