Friday 28 August 2015

'फ्यूरियस ७' से फ़ास्ट हो गए विन डीजल

इस साल अप्रैल में फ़ास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की सातवी फिल्म 'फ्यूरियस ७' की सफलता के बाद विन डीजल के अरमान सातवें आसमान पर हैं।  उनके लिए सब कुछ आसान सा हो गया है।  वह आये दिन स्टूडियो एक्सेक्युटिव्स के साथ फिल्म प्रोजेक्ट डिस्कस्स कर रहे हैं। फ़ास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की आठंवी फिल्म का ऐलान हो चुका है।  फिल्म के लिए विन डीजल के नाम का सबसे पहले खुलासा  हुआ।  उनकी इस साल की दूसरी फिल्म 'द लास्ट विच हंटर' २३ अक्टूबर को रिलीज़ होने वाली है।  इस फिल्म में वह अमरता के श्राप से ग्रस्त चुड़ैलों के शिकारी कॉल्डर का किरदार कर रहे हैं।  वह एक्सएक्सएक्स (XXX) सीरीज की तीसरी फिल्म में जेंडर केज का किरदार करने की तैयारी में भी लगे हुए है। हालाँकि, ट्रिपल एक्स सीरीज की दूसरी फिल्म 'एक्सएक्सएक्स: स्टेट ऑफ़ द यूनियन' में उनकी कोई भूमिका नहीं  थी।  सीरीज की इस दूसरी फिल्म में आइस क्यूब ट्रिपल एक्स का किरदार कर रहे थे।  वैसे आइस क्यूब जेंडर केज नहीं बल्कि एक दूसरे एजेंट डेरियस स्टोन का किरदार कर रहे थे ।  विन डीजल लम्बे समय से हनीबल बार्का (बेक्टर नहीं) किरदार पर फिल्म बनाना चाह रहे थे। ऐसा लगता है कि जल्द ही इस फिल्म के बारे में भी कोई ऐलान होगा।  ज़ाहिर है कि फ्यूरियस सेवन ने विन डीजल के करियर  को काफी फ़ास्ट बना दिया है।


बांड गर्ल बनी एक्स-मेन की प्रेमिका

फ्रेंच एक्ट्रेस ली सीडॉक जेम्स बांड सीरीज की २४ वी फिल्म 'स्पेक्ट्र' में एक मनोविज्ञनी की भूमिका कर रही हैं, जो जेम्स बांड की मदद करती है। 'स्पेक्ट्र' इसी साल ६ नवंबर को वर्ल्डवाइड रिलीज़ होने जा रही है।  इस फिल्म में ली के किरदार डॉक्टर मैडलीन स्वान के किरदार से प्रभावित हो कर फॉक्स स्टूडियो ने ली को एक्स-मेन सीरीज की स्पिन-ऑफ फिल्म गैम्बिट में गैम्बिट म्युटेंट की प्रेमिका बेलाडोना बॉर्डरॉक्स का किरदार ऑफर किया है।  कॉमिक बुक के कथानक में बॉर्डरॉक्स केवल गैम्बिट की प्रेमिका नहीं, बल्कि वह भाड़े के हत्यारों के गिल्ड की एक सदस्य भी है।  उसके पास अपनी शक्तियां भी हैं।  एक्स-मेन सीरीज की फिल्म गैम्बिट में बेलाडोना के किरदार को कॉमिक बुक के किरदार जितनी प्रभावशाली बनाया गया है या नहीं, यह तो बात की बात है।  लेकिन, इतना तय है कि ली सीडॉक्स को बढ़िया रोल मिला है।  इस फिल्म में अभिनेता चाननिंग टाटम काजुन नाम के म्युटेंट का किरदार कर रहे हैं।  काजुन अपनी काइनेटिक एनर्जी से किसी ऑब्जेक्ट को बदल सकता है।  रूपर्ट व्याट की इस फिल्म में एक दो महत्वपूर्ण कैमिया भी हो सकते हैं।  शायद ह्यू जैकमैन के लोगन/वॉल्वरिन का भी।

हिंदी फिल्मों से बाहर हैं राखी धागों का त्यौहार !

कभी हिंदी फिल्मों का फ्लेवर पारिवारिक हुआ करता था।  एक भरा पूरा माँ, पिता, भाई, बहन और भाभी वाला परिवार। ज़ाहिर है कि हिन्दुओं के हर पर्व के लिए गुंजाईश।  ऐसे में भाई बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षा बंधन को तो हिंदी फिल्मों में होना ही था।  लेकिन, आज फिल्मों का फॉर्मेट बिलकुल बदल चुका है। अब तो रेस २ जैसी फिल्मो में  भाई बहन एक दूसरे के खिलाफ षडयंत्र रचते हैं।  ज़ोया अख्तर की फिल्म 'दिल धड़कने दो' भी सतही तौर पर परिवार और भाई-बहन दिखाती है।  यही कारण है कि दर्शकों को आज भी पुराने जमाने की फिल्मों के भाई बहन और राखी गीत याद आते रहते हैं।
ऐतिहासिक फिल्मों के भाई और बहन -
दो ऐतिहासिक फिल्मों 'सिकंदर' और 'हुमायूँ' को भाई और बहन के रिश्ते को दिखाने वाली फ़िल्में कहा जा सकता है। सोहराब मोदी की फिल्म 'सिकंदर' में सिकंदर की पत्नी पुरुराज को राखी बांधती हैं और अपने पति की रक्षा का वचन लेती है। महबूब खान की १९४५ में रिलीज़ फिल्म हुमायूँ में अशोक कुमार हुमायूँ बने थे तथा वीणा ने रानी कर्णावती की भूमिका की थी। कर्णावती अपने पति की रक्षा के लिए  हुमायूँ को राखी भेजती है। हुमायूँ राखी के बंधन को निभाता भी है।  बहुत बाद में, आशुतोष गोवारिकर ने फिल्म 'जोधा अकबर' में ऐश्वर्या राय और सोनू सूद के ज़रिये भाई सुजामल और बहन जोधा के प्यार को प्रभावशाली ढंग से दिखाया था।
तूफ़ान और दिया (१९५६)-
प्रभात कुमार निर्देशित यह फिल्म पूरी तरह से भाई बहन की कहानी पर केंद्रित थी।  इस फिल्म में नंदा ने बहन की भूमिका की थी।  सतीश व्यास उनके भाई बने थे।  उस समय नंदा की उम्र १७ साल की थी।  यह अनाथ भाई बहन तमाम दुश्वारियों से गुज़र रहे हैं।  बहन की आँख चली जाती हैं।  तब छोटा भाई अपनी बहन को एक आश्रम में रख कर खुद मेहनत मज़दूरी कर उसकी शादी करने का बीड़ा उठा है।  इस फिल्म के निर्माता नंदा के चाचा वी शांताराम थे।  इस फिल्म के लिए नंदा को फिल्मफेयर का नॉमिनेशन मिला था।
हिंदी फिल्मों की बहन नंदा-
८ मार्च १९३९ को जन्मी नंदा ने कई फिल्मों में नायिका की भूमिका अदा की।  लेकिन, कुछ प्रारंभिक फिल्मों ने उन पर बहन का ठप्पा लगा दिया।  तूफ़ान और दिया का ज़िक्र ऊपर किया जा चूका है।  एल वी प्रसाद की १९५९ में प्रदर्शित फिल्म 'छोटी बहन' से नंदा हिंदी फिल्मों की छोटी बहन के तौर पर विख्यात हो गई।  इस फिल्म में नंदा ने दो बड़े भाइयों की अंधी छोटी बहन का किरदार किया था।  इन फिल्मों ने नंदा पर बहन का ठप्पा लगा दिया होता अगर उन्हें हम दोनों और तीन देवियाँ की सपोर्टिंग भूमिका के बाद कानून और चार दिवारी में नायिका की भूमिका न मिल गई होती।  चार दिवारी के लिए उन्हें सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला
जब वहीदा रहमान बन गई अशोक कुमार की बहन -
१९६२ में रिलीज़ भीमसिंह की फिल्म 'राखी' में अशोक कुमार और वहीदा रहमान अनाथ भाई बहन बने थे, जो अपनी मेहनत से अमीर बन जाते हैं।  लेकिन, शादी के भाई को बहन से काफी दूर जाना पड़ता है।  लम्बे अरसे बाद भाई रक्षा बंधन के दिन वापस आता है।  बहन उसे राख बांधती है।  अंत दोनों के मरने से होता है।  इस फिल्म के बाद अशोक कुमार ने वहीदा रहमान को अपनी बहन मान लिया।  वह आजीवन वहीदा रहमान से राखी बंधवाते रहे।
पॉपुलर राखी गीत -
फिल्म छोटी बहन का नंदा पर फिल्माया गया 'भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना' आज भी राखी के दौरान बजता है।  इसी प्रकार से राखी फिल्म का 'राखी धागों का त्यौहार' गीत भी आज भी लोकप्रिय गीतों में शुमार है।   तूफ़ान  और दिया का 'मेरी छोटी बहन' गीत भी काफी लोकप्रिय है।  अनपढ़ फिल्म में नायिका माला सिन्हा 'रंग बिरंगी राखी लेकर आया है त्यौहार' गीत पर नाचते दिखाई गई थी।  रेशम की डोरी में धर्मेन्द्र को राखी बांधते हुए कुमुद छुगानी 'बहना ने  भाई की कलाई में प्यार बाँधा है' गीत गाती है। देव आनंद की १९७१ में
रिलीज़ सुपर हिट फिल्म 'हरे रामा हरे कृष्णा' में देव आनंद का बचपन का किरदार (अभिनेता  सत्यजित)  अपनी छोटी बहन (बेबी गुड्डी) को मनाने के लिए 'फूलों का तारों का सबका कहना है' गाता है।  इसी गीत को देव आनंद भी ज़ीनत अमान को अपने बचपन की याद दिलाने के लिए गाते हैं।  फिल्म काजल में अभिनेत्री मीना कुमारी अपने भाई शैलेश कुमार को राखी बांधते हुए 'मेरे भैया मेरे चंदा' गीत गाती थी।  यह गीत पॉपुलर राखी गीतों में शुमार है।  राजेश खन्ना की दोहरी भूमिका वाली फिल्म 'सच्चा झूठा' में बाजावाला बने राजेश खन्ना अपनी लंगड़ी बहन नज़ीमा के लिए 'मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुल्हनिया' गीत गाते हुए ठुमका लगाते हैं।
पसंद नहीं आये भाई-बहन - आम तौर पर हिंदी दर्शक भाई-बहन वाली फ़िल्में पसंद करता है।  लेकिन, कभी दर्शक ऎसी जोड़ियों को नकारते ही हैं, फ़िल्में भी फ्लॉप कर देते हैं ।  मंसूर खान की फिल्म 'जोश' एक ऐसी ही फिल्म थी।  इस फिल्म में शाहरुख़ खान और ऐश्वर्या राय की जोड़ी भाई बहन बनी थी।  दर्शकों ने इस जोड़े को कुछ इस कदर नकारा कि  खुद शाहरुख़ खान और ऐश्वर्या राय की हिम्मत भाई बहन बनने की नहीं हुई। इसी प्रकार से खालिद मोहम्मद की फिल्म 'फ़िज़ा' की उस समय के पॉपुलर एक्टर ह्रितिक रोशन की करिश्मा कपूर के साथ बनी भाई बहन जोड़ी नकार दी गई। फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हुई।
त्याग और बलिदान के प्रतीक भाई-बहन- हिंदी फिल्मों के भाई बहन प्यार और बलिदान के प्रतीक है।  फिल्म रेशम की डोरी और गर्व में भाई अपनी बहन के बलात्कारी की हत्या कर देता है।  फिल्म तूफ़ान और दिया का भाई अपनी बहन की शादी के  मज़दूरी करता है। दिल धड़कने दो का भाई रणवीर सिंह बहन प्रियंका चोपड़ा को बुरे पति से तलाक़ लेने के लिए सपोर्ट करता है, जबकि, बहन भाई को उसका प्यार अनुष्का शर्मा को पाने के लिए प्रेरित करती है। हम साथ साथ हैं के तीन भाई सलमान खान, सैफ अली  खान और मोहनीश बहल अपनी बहन नीलम कोठारी के लिए कुछ भी कर  गुजरते हैं। 'माय ब्रदर निखिल' में जूही चावला का किरदार अपने एड्स पीड़ित भाई संजय सूरी को सम्मान दिलाने के लिए संघर्ष करता है।  

मांझी पर जारी होगा पोस्टल स्टैम्प

नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म 'मांझी -द माउंटेन मैन' फिल्म क्रिटिक द्वारा काफी सराही जा रही है। इस फिल्म को दिल्ली और बिहार सरकारों ने कर-मुक्त भी कर दिया है।  हाल ही में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने घोषणा करते हुए कहा है कि सरकार जल्द ही स्वर्गीय पूर्व प्रधान मंत्री अब्दुल कलाम और बिहार के माउंटेन मैन दशरत मांझी पर विशेष संस्करण की टिकटें जारी करेगी । इन टिकटों को डाकघरों में 5 रुपये प्रति टिकट के मूल्य से उपलब्ध किया जाएगा। नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने 'मांझी: द माउंटेन मैन' में  दशरथ मांझी का किरदार किया है।  भारत सरकार द्वारा दशरथ मांझी पर टिकेट जारी किये जाने से फिल्म के नया नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी खुद को बड़ा सम्मानित महसूस कर रहे है। इस खबर पर नवाज़ुद्दीन कहते है ' यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है की मै 'मांझी-द माउंटेन मैन' जैसी फिल्म का हिस्सा हूँ। सरकार पोस्टल स्टैम्प के रूप में दशरथ  मांझी जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है। दशरथ मांझी वो महान व्यक्ति थे जिन्होंने अपने गाँव के भविष्य के लिए अकेले दम पर पहाड़ की खुदाई कर रास्ता बनाया। दशरत मांझी को दिए जा रहे इस सम्मान के लिए मैं भारत सरकार को  धन्यवाद देता हूँ।"



Thursday 27 August 2015

टोरेंटो फ़िल्म फेस्टिवल में फिल्म 'एंग्री इंडियन गॉडेसेस् 'की होगी विशेष प्रस्तुति


जंगल बुक एंटरटेनमेंट के द्वारा निर्मित की गयी फ़िल्म 'एंग्री इंडियन गॉडेस' को टोरेंटो फ़िल्म फेस्टिवल 2015 में एक विशेष प्रस्तुति के लिए चयनित किया गया है, यह भारत की ऐसी पहली फ़िल्म है जो महिलाओं की जिगरी दोस्ती के ताने बाने में बुनी हुयी है और इसकी दमदार भूमिकाओं को सात बहुमुखी अभिनेत्रियाँ सारा-जेन डिआस, तनिष्ठा चटर्जी, अनुष्का मनचंदा, संध्या मृदुल, अमृत मघिरा, पवलीन गुजराल,और राजश्री देशपांडे आदि निभा रही है।
इस फ़िल्म की कहानी शुरू होती है फ्रीडा से(सारा जेन डियास)जो क़ि  अपनी जिगरी महिला मित्रों को अपनी शादी की उद्धघोषणा के लिए गोआ आमंत्रित करती है।वहाँ वह सबके साथ मिलकर एक तूफानी बेचलर पार्टी का आयोजन करती है, इस दौरान वह सभी इस प्रक्रिया में भावनाओं के बवंडर में गोते लगाते हुए अपने चरित्रों के अलग अलग रंगों को दर्शाती हैं, उनकी, अराजकता ,आनंद और जटिलताएं उन्हें क्रोधित भारतीय देवी में तब्दील कर देती हैं।
जंगल बुक एंटरटेनमेंट अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म क्षेत्र में कोई अनजान नाम नहीं है बल्कि वो पहले भी एक बेहद सफल डॉक्यूमेंट्री 'फेथ कनेक्शन्श' बना चुका है।फ्रांस के सहनिर्माता के साथ बनायीं गयी यह डॉक्यूमेंट्री कुम्भ मेला 2013 पर आधारित है।इसे अब तक16 देशों के सिनेमाघरों में इस डॉक्यूमेंट्री को रिलीज़ किया जा चुका है।फ़िल्म 'एंग्री इंडियन गोडेसेस' जंगल बुक एंटरटेनमेंट को भारतीय सिनेमा की मुख्यधारा में ले आई है।
'जंगल बुक एंटरटेनमेंट' में दुनिया भर में प्रख्यात निर्देशक पैन नलिन (संसारा, वैली ऑफ़ फ्लावर) और बहुमुखी निर्माता गौरव ढींगरा (पेड़लेर्स, आइस रोड ट्रकर्स)एक दुसरे के सहयोगी हैं।यह दोनों ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टीवी और फ़िल्म के अनुभवी दिग्गज हैं।
जंगल बुक के बारे में बात करते हुए गौरव ढींगरा ने बताया "हमार लक्ष्य विश्व स्तरीय फ़िल्मों को बनाना है जिसकी भावुक पटकथा भारतीय होने के साथ साथ वैश्विक भी हो और हमारी आने वाली फ़िल्म ए.आई.जी. ठीक उसी तरह के बेहतरीन और अर्थपूर्ण सिनेमा का उत्कृष्ट उदाहरण है जैसा हम बनाना चाहते हैं। हमारी जंगल बुक एंटरटेनमेंट से यही आकांक्षा थी, जिससे ऐसा सिनेमा बनाया जाये जो मनोरंजन के साथ साथ प्रेरित भी करे। 
पैन नलिन बताते हैं "कई सालों से मेरी यह इच्छा रही है कि मैं जुनूनी भारतीय महिलाओं के साथ मुख़्य भूमिका वाली फ़िल्म कर सकूं जो पूर्णतः विद्रोह की भावना रखती हो क्योंकि लगभग 96 प्रतिशत बॉलीवुड फिल्मो में महिलाओं की भूमिका सिर्फ सजावट के रूप में होती है।फ़िल्म 'कहानी' और 'क्वीन' से काफी पहले ही, मैं शक्तिशाली महिला प्रधान चरित्र की मुख्य भूमिका वाली फिल्मों की दमदार स्क्रिप्ट ले कर कई निर्माताओ के पास बार बार गया, लेकिन कोई भी इसके लिए तैयार नहीं हुआ और फिर मेरी मुलाकात नीरज ढींगरा से हुयी जिन्होंने इस प्रोजेक्ट पर विश्वास जताया और पूरा समर्थन दिया। 'ए.आई.जी' का चयन टी. आई एफ.एफ में विशेष प्रस्तुति के लिए, एक बहुत बड़ी बात है।हमारे बहुत सारे भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स जिनकी अत्यंत ही सशक्त कहानी और अन्य सामग्री है, लगभग शुरू ही होने वाले है जिनके बारे में आपको शीघ्र ही पता चल जायेगा।


Tuesday 25 August 2015

अब बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस पर दहाड़ेगा दक्षिण का 'पुलि' यानि चीता भी !

बॉलीवुड की वाट लग रही है।

हॉलीवुड की फ़िल्में क्या कम थीं कि दक्षिण की फिल्मों ने भी हिंदी बेल्ट में धूम धडाका मचाना शुरू कर दिया ।

 इस साल की शुरू में शंकर की फिल्म  'आइ' ने हिंदी दर्शकों को आकर्षित किया। इस तमिल भाषा की रोमांटिक फिल्म ने अपने विशेष प्रभाव वाले दृश्यों और उत्कृष्ट छायांकन के कारण हिंदी दर्शकों को आकर्षित किया ।

 हिंदी दर्शक इसके पहले रजनीकांत की फिल्म 'रोबोट' और कमल हासन की फिल्म 'विश्वरूपम' से दक्षिण के फिल्मकारों की मेकिंग के कायल हो चुके थे।  'आइ' ने उन्हें दक्षिण की फिल्मों को गंभीरता से लेने के लिए मज़बूर किया।  'आइ' के हीरो विक्रम को दर्शक उनकी डब फिल्मों 'अपरिचित' और 'रावण' से पहचानते थे।

फिल्म में उनकी नायिका एमी जैक्सन से भी दर्शक परिचित थे।  एमी ने प्रतीक बब्बर के साथ फिल्म 'एक दीवाना था' की थी।

इसके बाद दक्षिण की फिल्म 'बाहुबली' ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।  एसएस राजामौली निर्देशित 'बाहुबली: द बेगिनिंग' में प्रभाष के अलावा राणा 'दम मारो दम' दग्गुबती, अनुष्का शेट्टी और तमन्ना भाटिया की मुख्य भूमिका थी।  दक्षिण के काल्पनिक महिष्मति राज्य के दो भाइयों के बीच सत्ता के लिए टकराव की इस कहानी के भव्य सेट, विशेष प्रभाव वाले  दृश्यों, स्वप्न सरीखे पहाड़, पर्वत, झरने और प्राकृतिक दृश्यों ने हिंदी दर्शकों को इतना  प्रभावित किया कि सलमान खान की फिल्म 'बजरंगी भाईजान' को पूरे देश में सभी थिएटर नहीं मिल सके।  इस फिल्म ने हिंदी बेल्ट में भी सलमान खान की फिल्म को कड़ी टक्कर  दी।

 इस फिल्म के साथ ही बॉलीवुड फिल्मों का दीवाना दर्शक दक्षिण की फिल्मों का दीवाना बन गया।

आज दर्शक किसी खान अभिनेता की फिल्म के बजाय 'बाहुबली : द कांक्लुजन' का भी इंतज़ार यह जानने के लिए कर रहे हैं कि बाहुबली को कटप्पा ने क्यों मारा ?" दर्शकों द्वारा ऐसा इंतज़ार और ऐसी उत्सुकता  तो किसी हिंदी फिल्म के सीक्वल का नहीं किया गया।

यही कारण है कि अब दर्शक तमिल फिल्म 'पुलि' का भी इंतज़ार कर रहे हैं।  इस फिल्म में विजय की दोहरी भूमिका है। इस फंतासी फिल्म 'पुलि' यानि चीता में विजय का किरदार एक रानी को उसके अत्याचारी सेनापति से बचाने के लिए विगत में चला जाता है।

इस जादूगरनी रानी का किरदार श्रीदेवी कर रही हैं।  यह फिल्म श्रीदेवी का तमिल इंडस्ट्री में कमबैक कराने वाली है।

'आइ' और  'बाहुबली: द बेगिनिंग' की सफलता को देखते हुए तमिल और तेलुगु में रिलीज़ होने वाली फिल्म 'पुलि' के हिंदी संस्करण को भी बड़े पैमाने पर रिलीज़ किया जायेगा।

फिल्म के हिंदी संस्करण के सॅटॅलाइट राइट्स गोल्ड माइन कंपनी ने करोड़ों की प्राइस में हासिल किये है।

 'पुलि' १ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है।

इस फिल्म में श्रीदेवी के अलावा श्रुति हासन और हंसिका मोटवानी भी हैं, जिन्हे हिंदी दर्शक पहचानते हैं।

फिर बुरे किरदार में ताहिर राज भसीन

प्रदीप सरकार की फिल्म 'मर्दानी' एक महिला पुलिस अधिकारी की महिला तस्करों के विरुद्ध लड़ाई की कहानी थी।  रानी मुख़र्जी पुलिस अफसर की मुख्य भूमिका में थी।  बेशक अपनी इस भूमिका से रानी मुख़र्जी छा गई थी।  इसके बावजूद करण रस्तोगी की भूमिका में ताहिर राज भसीन ने दर्शकों का ध्यान आकृष्ट किया था।  करण रस्तोगी देह व्यापार में लगा बुरा आदमी है।  वह बाहर से भला नज़र आता है, लेकिन, उसके कारनामें बेहद काले हैं।  रानी मुख़र्जी की मौजूदगी में भी ताहिर छा गए थे। ताहिर को नेगेटिव भूमिकाओं की ताक़त का अंदाज़ा हो गया था।  इसीलिए, अब जबकि वह अपनी दूसरी फिल्म 'फ़ोर्स २' में जॉन अब्राहम के अपोजिट हैं, तो इस फिल्म में भी वह बुरा किरदार कर रहे है।  'फ़ोर्स २' निशिकांत कामथ निर्देशित एक नारकोटिक्स अफसर की नशीली दवाओं के तस्करों से टकराव की एक्शन और इमोशन से भरी हिट फिल्म 'फ़ोर्स' की सीक्वल फिल्म है।  फ़ोर्स में जॉन अब्राहम के अपोजिट विद्युत जामवाल खल भूमिका में थे।  'फ़ोर्स २' में विद्युत नहीं हैं।  उनकी जगह बुरे किरदार में ताहिर राज भसीन आ गए हैं।  ऑस्ट्रेलिया से फिल्म  की बारीकियां सीख कर आये ताहिर को पहली बार में ही 'मर्दानी' जैसी उनकी सशक्त भूमिका वाली फिल्म मिल गई। 'फ़ोर्स २' एक क्राइम ड्रामा फिल्म है।  इस फिल्म की शूटिंग बुडापेस्ट में हो रही है।  ताहिर ने पूरी तैयारियां कर ली हैं 'फ़ोर्स २' से बॉलीवुड के दर्शकों पर छा जाने की।