Saturday 2 July 2016

हमेशा सलमान खान की नहीं रही है ईद

कहा जाता है कि ईद में दर्शक सलमान खान को बढ़िया ईदी देते है । लेकिन, सलमान खान की फिल्मों को ईद रास आने का सिलसिला २००९ से चला आ रहा है । उससे पहले सलमान खान की फिल्मों को ईद के बावजूद असफलता हासिल हुई। वैसे बॉलीवुड की तमाम बड़ी फ़िल्में ईद वीकेंड पर रिलीज़ होती रही है । तमाम बड़े सितारों मसलन अमिताभ बच्चन, आमिर खान, आदि की फ़िल्में ईद वीकेंड पर रिलीज़ होती रही है । ईद और दीवाली का मिला जुला हफ्ता तो सोने पर सुहागा साबित होता । आइये पिछले तीन दशकों (१९९१-२०१५) के दौरान रिलीज़ हिंदी फिल्मों पर नज़र डालते हैं- 
२०वी शताब्दी का आखिरी दशक- शताब्दी के आखिर में नए सुपर स्टारों के आने का सिलसिला शुरू हो चला था । अजय देवगन, आमिर खान, अक्षय खन्ना, ऐश्वर्या राय, आदि सितारे झिलमिलाने लगे थे । अस्सी के दशक के कुछ सितारे सूरज बनने का प्रयास कर रहे थे । इन सभी की फ़िल्में ईद या ईद-दिवाली कंबाइंड वीकेंड में रिलीज़ हुई । लेकिन, अनुभव खट्टा मीठा रहा । अलबत्ता, ज्यादातर को ईदी मिली, दिवाली की मिठाई खाना नसीब हुआ । ख़ास तौर पर अनिल कपूर को ।
धूल में मिल गये सुपर सितारे - ईद १९९१ में दो फ़िल्में अजूबा और अफसाना प्यार का रिलीज़ हुई थी । सुपर स्टार अमिताभ बच्चन फंतासी फिल्म अजूबा से बॉक्स ऑफिस पर अपना सुपर स्टारडम नहीं दिखा सके । यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने का अजूबा दिखा गई । आमिर खान को उम्मीद थी कि वह सुपर स्टार बन जायेंगे । तीन साल पहले ही उनकी बतौर नायक पहली रोमांस फिल्म क़यामत से क़यामत तक सुपर हिट साबित हुई थी । लेकिन, अफसाना प्यार का का रोमांस दर्शकों को रास नहीं आया । 
अनिल कपूर साबित हुए बॉक्स ऑफिस के बेटा- १९९२ का साल अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित की जोड़ी के लिए सुपर ईद ले कर आया । इंद्रकुमार निर्देशित फिल्म बेटा ने बढ़िया स्क्रिप्ट, कल्पनाशील निर्देशन, अनिल-माधुरी जोड़ी की केमिस्ट्री, माधुरी दीक्षित की सेक्स अपील और बढ़िया संगीत के बलबूते बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर बिज़नस किया ।
जब फ्लॉप हुए बिग स्टार्स- १९९३ को बॉलीवुड के बड़े सितारों की असफल ईद के लिए याद किया जायेगा । विनोद खन्ना, धर्मेन्द्र, सनी देओल, संजय दत्त, मीनाक्षी शेषाद्री, रवीना टंडन, राखी गुलजार, आदि की जेपी दत्ता निर्देशित फिल्म क्षत्रिय बुरी तरह से फ्लॉप हुई । यह बॉलीवुड के बड़े सितारों की ज़बरदस्त असफलता थी ।
दोस्तों की असफलता- ईद १९९५ में अक्षय कुमार की फिल्म पांडव और रोहित शेट्टी की फिल्म सुरक्षा रिलीज़ हुई थी । रोहित शेट्टी और अक्षय कुमार ने १९९४ में मोहरा जैसी हिट फिल्म से अपनी जोड़ी को विश्वसनीय बनाया था । सुरक्षा में सुनील शेट्टी के साथ सैफ अली खान भी थे । लेकिन, दोनों ही एक्शन स्टार्स की फ़िल्में बुरी तरह से असफल रही ।
सलमान खान की सफलता का जुड़वाँ- सलमान खान की दोहरी भूमिका वाली डेविड धवन निर्देशित फिल्म जुड़वाँ ईद १९९७ में रिलीज़ हुई थी । फिल्म में करिश्मा कपूर और रम्भा सलमान खान की दो नायिकाएं थी । यह कॉमेडी फिल्म ज़बरदस्त हिट हुई ।
विनाशक १९९८- ईद १९९८ सुनील शेट्टी के लिए विनाशक साबित हुई । रवीना टंडन के साथ रवि दीवान निर्देशित एक्शन फिल्म विनाशक बॉक्स ऑफिस पर पानी तक नहीं मांग सकी । इसी फिल्म के साथ रिलीज़ जैकी श्रॉफ, आदित्य पंचोली और मधु की फिल्म हफ्ता वसूली भी बॉक्स ऑफिस पर अपनी लागत तक नहीं वसूल कर सकी ।
९९ के फेर में काजोल और ऐश्वर्या- यह दशक एक्सटेंडेड वीकेंड का नहीं था । अन्यथा, काजोल और अनिल कपूर की फिल्म हम आपके दिल में रहते हैं और अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय की फिल्म आ अब लौट चलें २२ जनवरी के बजाय १९ जनवरी को रिलीज़ होती और आज की तरह एक्सटेंडेड वीकेंड का फायदा उठाती । अलबत्ता, दोनों ही फ़िल्में अच्छा बिज़नस कर पाने में कामयाब हुई । हम आपके दिल में रहते हैं सुपर हिट और आ अब लौट चलें ने औसत से कम का बिज़नेस किया ।
फ्लॉप हुआ २१वी शताब्दी का मेला- शताब्दी की शुरुआत को पुराने सितारों के ज़मींदोज़ होने और नए सितारों के उदय की शताब्दी कहा जाता है । ख़ास तौर पर इस शताब्दी का पहला साल । इसके बाद तो पूरी शताब्दी में उतार चढ़ाव आये । पुराने चावल स्वादिष्ट साबित हुए ।
फ्लॉप मेला, ध्वस्त बुलंदी- फर्स्ट फ्राइडे जिंक्स की शुरुआत २००० से ही हुई । ७ जनवरी को आमिर खान की धर्मेश दर्शन निर्देशित फिल्म मेला और टी रामाराव की अनिल कपूर अभिनीत फिल्म बुलंदी रिलीज़ हुई । इन बड़े सितारों और दर्शकों की नब्ज़ भांपने वाले निर्देशकों की फिल्मों से बॉलीवुड को बड़ी उम्मीदें थी । लेकिन, यह दोनों फ़िल्में ईद वीकेंड के बावजूद बुरी तरह से असफल हुई । साल के पहले शुक्रवार की मनहूसियत का आगाज़ हो गया ।
गम नहीं ख़ुशी ही ख़ुशी- बतौर निर्देशक करण जौहर की दूसरी फिल्म कभी ख़ुशी कभी गम (२००१) ने बॉलीवुड को ख़ुशी ही ख़ुशी दी । पिछले साल बड़े सितारों की बड़ी फिल्मों की असफलता के बाद यह फिल्म महत्वपूर्ण थी । अमिताभ बच्चन, शाहरुख़ खान, हृथिक रोशन, करीना कपूर, काजोल और जया बच्चन जैसे सितारों से सजी यह म्यूजिकल फॅमिली फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई ।
क़र्ज़ का दर्द- एक्शन हमेशा हिट नहीं होता, यह बताया हैरी बवेजा की फिल्म क़र्ज़ द बर्डन ऑफ़ ट्रुथ ने । सनी देओल, सुनील शेट्टी और शिल्पा शेट्टी की यह एक्शन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से असफल हुई ।
निखिल अडवाणी का कल हो...- करण जौहर ने कल हो न हो में अपने चेले निखिल अडवाणी को शाहरुख़ खान, प्रीटी जिंटा और सैफ अली खान को निर्देशित करने की ज़िम्मेदारी सौंपी थी । ईद के दर्शकों को निखिल को निराश नहीं किया ।  इसे हिट फिल्मों में शुमार किया जाता है ।
फला ईद और दिवाली का मिलन- २००४ में दीवाली और ईद का मिलन हुआ था । इस साल बॉक्स ऑफिस पर यश चोपड़ा की शाहरुख़ खान, रानी मुख़र्जी और प्रीटी जिंटा अभिनीत फिल्म वीर ज़ारा और उसके अपोजिट निर्देशक अब्बास मुस्तान की अक्षय कुमार, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर निर्देशित फिल्म ऐतराज़ रिलीज़ हुई थी । ईद और दीवाली के सम्मिलित दर्शकों का प्यार वीर जारा को मिला । वीर जारा जहाँ सुपरहिट फिल्मों में शुमार हुई, ऐतराज़ ने एवरेज बिज़नस किया ।  
सलमान खान के लिए फ्लॉप ईद- आज के दिन कोई कल्पना तक नहीं कर सकता कि ईद में रिलीज़ सलमान खान की कोई फिल्म फ्लॉप हो सकती है । लेकिन, २००५ में भी ऐसा हुआ । इस साल प्रियदर्शन निर्देशित दो फ़िल्में अक्षय कुमार और जॉन अब्राहम की कॉमेडी फिल्म गरम मसला और सलमान खान और करीना कपूर की गंभीर फिल्म क्योंकि... रिलीज़ हुई थी । सलमान खान की सीरियस फिल्म पर अक्षय कुमार की कॉमेडी भारी पड़ी । गरम मसाला हिट और क्योंकि... फ्लॉप साबित हुई ।
एक हिट एक फ्लॉप (२००६ से २००९ तक)- ईद और दीवाली का मिलना हर किसी को फलता नहीं । सलमान खान पर भारी पड़े थे शाहरुख़ खान । फरहान अख्तर ने शाहरुख़ खान और प्रियंका चोपड़ा के साथ १९७८ की अमिताभ बच्चन की हिट फिल्म डॉन का रीमेक पेश किया था । इस फिल्म के सामने शिरीष कुंदर की सलमान खान, अक्षय कुमार और प्रीटी जिंटा की फिल्म जानेमन रिलीज़ हुई थी । जहाँ डॉन हिट हुई, वहीँ जानेमन औंधे मुंह लुढ़क गई । सलमान खान शाहरुख़ खान से मात खा गए । अगले साल यानि २००७ में अक्षय कुमार की फिल्म भूल भुलैया सुपरहिट हुई तो अभिषेक बच्चन, रानी मुख़र्जी, कोंकना सेन शर्मा और जाया बच्चन की फिल्म लागा चुनरी में दाग सुपर फ्लॉप हुई । २००८ में तो इमरान खान की किडनैप और अभिषेक बच्चन की द्रोण को असफलता का मुंह देखना पडा । २००९ में सलमान खान ईद के लकी सितारे के रूप में स्थापित हो गए । उनकी प्रभुदेवा निर्देशित एक्शन फिल्म वांटेड सुपरहिट साबित हुई । जबकि, फिल्म के सामने रानी मुख़र्जी और शाहिद कपूर की क्रिकेट पर फिल्म दिल बोले हडीप्पा फ्लॉप हो गई ।

केवल सलमान खान की ईद- वांटेड के बाद सलमान खान ईद वीकेंड पर छा गए । तब से २०१३ के साल को छोड़ कर, हर साल अब तक यानि ईद २०१६ तक सलमान खान की फ़िल्में ही ईद की ईदी अकेले ही लूटती रही । सलमान खान की दबंग, बॉडीगार्ड, एक था टाइगर, किक और बजरंगी भाईजान रिलीज़ हुई । यह सभी फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट साबित हुई । २०१३ में सलमान खान की कोई फिल्म रिलीज़ नहीं हुई थी । ईद २०१३ को शाहरुख़ खान की रिलीज़ फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस सुपरहिट साबित हुई । 

कब तक सलमान खान को बचाते रहेंगे अब्बा हुजूर !

सुल्तान के प्रमोशन के लिए मीडिया के द्वारा का सलमान खान का इंटरव्यू लिया जा रहा था ।  जब एक पत्रकार ने शूटिंग के दौरान उनके अनुभवों के बारे में पूछा तो सलमान खान ने कुछ ऐसा कहा कि उन्हें शूटिंग के दौरान १२० किलो वजन के पहलवान को सर के ऊपर से उठा कर पटकना होता था ।  ऐसा उन्हें कैमरा के पांच पांच एंगल के लिए दोहराना पड़ता था ।  ऐसे में जब वह कैमरे बाहर हो रहे होते थे तो वह बलात्कार की शिकार महिला की तरह चल नहीं पा रहे होते थे ।  बलात्कार की शिकार महिला का उदाहरण सलमान खान की मानसिकता के अनुसार तो ठीक हो सकता था ।  लेकिन, बलात्कार की महिला कैसे चलती है, यह हर पत्रकार या दर्शकों का अनुभव नहीं हो सकता था ।  यह एक गलत और अवमाननापूर्ण  उदाहरण था ।  सलमान खान की चारों तरफ से आलोचना होने लगी । राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी उन्हें नोटिस दे दिया । इसके बाद सलमान खान कपिल शर्मा के शो में शामिल नहीं हुए । क्योंकि, कपिल के शो ऐसे सवाल उनसे पूछे जाते तब !
सलमान खान कपिल शर्मा के शो में न जाकर नागवार गुजरने वाले सवालों से तो बच गए ।  लेकिन, आलोचनाओं के शिकंजे में तो वह कस ही चुके थे । राष्ट्रीय महिला आयोग उनसे माफ़ी माँगने के लिए कह रहा है ।  सलमान खान हैं कि ढीठ बच्चे की तरह आइफा में शामिल होने के लिए निकल गए हैं । ऐसे में उनके अब्बा हुजूर सलीम खान को आगे आना पडा ।  उन्होंने न केवल सलमान खान की तरफ से सफाई दी, बल्कि, बलात्कार की शिकार महिला का उदाहरण देने के लिए माफ़ी भी मांगी ।  लेकिन, सलमान खान की बदजुबानी के लिए अब्बा हुजूर कब तक और कितनी बार माफ़ी माँगते रहेंगे ? ऐसे कई मामले हैं, जिन पर सलीम खान को अपने बेटे के गलत कामों पर सफाई देनी पड़ी, माफ़ी मांगनी पड़ी ।
ओलिंपिक ब्रांड एम्बेसडर सलमान खान
पिछले दिनों भारतीय ओलिंपिक संघ ने सलमान खान को ओलिंपिक खेलो में भारत का ब्रांड एम्बेसडर चुना था । खेल में एक फिल्म स्टार का दखल मशहूर धावक मिल्खा सिंह को रास नहीं आया । उन्होंने दूसरे ओलिंपियन के साथ सलमान खान की नियुक्ति का विरोध करते हुए, भारत सरकार से उन्हें हटाने की मांग कर डाली । ऐसे समय में अब्बा सलीम खान आगे आये । उन्होंने सलमान को ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने का समर्थन करते हुए ट्वीट किया कि बेशक सलमान खान ने किसी खेल स्पर्धा में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन, वह स्तरीय तैराक, साइकिलिस्ट और भारत्तोलक है । सलीम खान ने मिल्खा को चुप कराने के लिए यहाँ तक कह डाला कि मिल्खा आज प्रशंसकों की निगाहों में हैं तो इसलिए कि इस फिल्म उद्योग ने उन पर फिल्म भाग मिल्खा भाग बनाई थी । हालाँकि, सलीम खान का यह उदाहरण भी सवालों के घेरे में आया । लेकिन, सलमान खान विवाद से बच निकले ।
सलमान खान को सीरियसली मत लो !
कभी सलमान खान के पिता सलीम खान ने सलमान खान के लिए कहा था कि उनके बचकाने कमेंट्स को सीरियसली नहीं लिया जाए । यह वाकया तब का है, जब बॉम्बे बम ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी की सज़ा कन्फर्म हो गई थी । याकूब को फांसी नहीं दिए जाने की कई संगठनों और व्यक्तियों ने मांग की थी । इसी समय भावनाओं के ज्वार में बहते हुए सलमान खान ने ट्वीट कर डाला, “१९९३ बम ब्लास्ट के अभियुक्त याकूब मेमन को फांसी मत दो, बल्कि उसके भाई टाइगर मेमन को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए ।“ सलमान खान यहीं नहीं रुके । उन्होंने यह भी ट्वीट किया कि वह अपनी बात पर कायम हैं, हालाँकि, उनके अब्बा हुजूर चाहते हैं कि मैं कमेंट वापस ले लूं । सलमान खान ने अपना वह ट्वीट हटा भी लिया । इस मामले में सलीम खान अपने बेटे के बचाव में मैदान पर उतरे । उन्होंने सलमान खान की ट्वीट की कड़ी आलोचना की । उन्होंने कहा, “सलमान खान ने जो कुछ भी लिखा, वह बकवास और निरर्थक था । सलमान खान को तथ्य नहीं मालूम ।  इसलिए, लोगों को उसके ट्वीट को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए ।
२००२ का हिट एंड रन केस
हालाँकि, सलमान खान को बॉम्बे हाई कोर्ट से रिहाई मिल गई । लेकिन, एक समय २००२ का हिट एंड रन केस सलमान खान के लिए शिकंजे की तरह बन गया था । उन पर फूटपाथ पर सोये लोगों पर गाडी चढाने का आरोप तो लगा ही था, यह भी आरोप था कि वह घायल लोगों की मदद करने के बजाय भाग खड़े हुए । ऐसे समय में सलीम खान ने अपने बेटे का बचाव किया । उन्होंने कहा कि उनका बेटा सेलेब्रिटी है, इसलिए उसे अलग तरह से ट्रीट किया जा रहा है । आम तौर पर ऐसे मामलों में जो धाराए लगाईं जाती हैं, उनसे कहीं कड़ी धाराएं मेरे बेटे पर सेलेब्रिटी होने के कारण लगाईं गई । ऐसी धाराए भोपाल गैस ट्रेजेडी के मामले में भी नहीं लगाईं गई ।
सलमान खान के पतंग उड़ाने पर
आज नरेन्द्र मोदी प्रधान मंत्री हैं । लेकिन, सलमान खान उस समय भी गुजरात सरकार के तत्कालीन मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ पतंग उड़ा रहे थे ।  मोदी को कथित रूप से गुजरात में मुसलमानों का कत्लेआम किये जाने का दोषी बताया जा रहा था । उस समय सलमान खान का खुल कर नरेन्द्र मोदी के साथ खडा होना, उनकी कौम के अलावा तमाम विरोधी दलों को भी नागवार गुजर रहा था । उस समय सलीम खान ने अपने बेटे के बचाव में आगे आ कर एक अखबार को इंटरव्यू में कहा, ”मेरे बेटे की फिल्म (जय हो) को प्रभावित करने के लिए यह नफ़रत भरा प्रचार किया जा रहा है ।  मैं ऐसे संगठनो से कहूँगा कि नफ़रत से विश्व में किसी हिंसा का हल नहीं निकलता ।  इसलिए, मेरी प्रार्थना है कि दुश्मनी की भाषा बोलना बंद कीजिये ।“ उस समय सलीम खान ने वर्तमान प्रधान मंत्री का बचाव भी किया । सलीम खान ने कहा, “माफ़ी मांगी नहीं जाती, दी जाती है । २००२ के दंगों को सही नहीं ठहराया जा सकता । लेकिन, कब तक अतीत से चिपका रहा जायेगा ।“
काले हिरन का शिकार
सलमान खान, १९९८ में, हम साथ साथ हैं की शूटिंग के दौरान सैफ अली खान, नीलम और सोनाली बेंद्रे के साथ विलुप्त प्रजाति वाले संरक्षित काले हिरन का शिकार करने के लिए अभियुक्त बनाये गए थे । पूरे देश में सलमान खान की आलोचना हो रही थी । अख़बारों में सलमान खान को इसका दोषी बताया जा रहा था । उस समय सलीम खान बेटे के बचाव में आगे आये थे । उन्होंने एक मैगज़ीन को इंटरव्यू में कहा, “क्या फर्क पड़ेगा जब छुपे तथ्य सामने आयें । मेरे बेटे का नुकसान तो हो ही चूका है । सलमान खान को यह अनुमान तक नहीं था कि चीजे कुछ इस तरह पेश की जायेंगी । लोग कहेंगे कि हम खुद को बचाने के लिए बेताब हैं । मैं कहूँगा कि अगर सलमान खान दोषी है, तो उसे दंड दो । लेकिन, तथ्य छुपाये जा रहे है । तथ्य क्या है, यह उस रात मौजूद लोग ही जानते हैं ।“
इस बार सलमान खान बुरे फंसे लगते हैं । कभी सलमान खान बडबोलेपन के लिए शाहरुख़ खान का बचाव करते हुए कहते थे कि वह तो बोल कर निकल जाते हैं, सफाई मुझे देनी पड़ती है । आज सलमान खान फंसे हैं तो आमिर खान और शाहरुख़ खान बचाव में खुल कर सामने नहीं आये हैं । बॉलीवुड में जिसने भी बचाव किया है, यही कह कर कि सलमान खान का इरादा गलत नहीं था । लेकिन, सलमान खान जिस तरह से राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा माफ़ी का नोटिस दिए जाने के बावजूद आइफा अवार्ड के लिए निकल गए, उससे ऐसा लगता है कि उन्होंने बलात्कार पीड़ित महिला उदाहरण दे कर सुलतान को सुर्खियाँ दिलाने सफल कोशिश की है । क्योंकि, वह जब भी माफ़ी मांगे, सुल्तान को बिना कुछ खर्च किये ज़बरदस्त प्रचार तो मिल ही चुका है ।



ड्वेन जॉनसन बनेंगे वुल्फमैन !

कुछ साल पहलेयूनिवर्सल पिक्चरस ने मॉन्स्टर यूनिवर्स की शुरुआत की थी । उस समय कई भिन्न क्लासिक प्रोजेक्ट शुरू होने की बात कही गई थी । इस कड़ी की पहली फिल्म ड्राकुला अनटोल्ड थी । इस फिल्म के क्रेडिट टाइटल्स के दौरान ल्यूक इवांस का ड्राकुला वर्तमान दिनों में उभरता दिखाया गया था । इस मॉन्स्टर यूनिवर्स की कड़ी में ममी रिबूट आने वाली है । खबर यह है कि मॉन्स्टर यूनिवर्स का अगला दैत्य प्रोजेक्ट द वुल्फ मैन होगा । स्टूडियो की इच्छा है कि इस प्रोजेक्ट में अभिनेता ड्वेन जॉनसन शामिल हों । हालाँकिइस समय जॉनसन सोनी की फिल्म सन ऑफ़ शओलिन से जुड़े हुए हैं । लेकिनजॉनसन के वुल्फ मैन बनाने की खबरें दब नहीं रही । इस लिए कयास लगाए जा रहे हैं कि द वुल्फ मैन आखिर कब शुरू होगी । क्योंकिड्वेन जॉनसन यूनिवर्सल की ही फिल्म फ़ास्ट एंड फ्युरिअस ८ में काफी व्यस्त हैं । बाद में वह जुमांजी रिबूट करेंगे । जहाँ तक वुल्फ मैन किरदार पर फिल्म का सवाल है नवम्बर २०१४ में आरोन गुज़िकोव्सकी को स्क्रिप्ट लिखने के लिए कहा गया था । इसके अलावा यूनिवर्सल द इनविजिबल मैनवैन हेल्सिंगफ्रैंकेंस्टीनआदि पर फिल्मों का रिबूट बनाने का इरादा रखता है ।  द वुल्फ मैन पर पहली फिल्म १९४१ में रिलीज़ हुई । लोन चैने जूनियर वुल्फ मैन के किरदार में थे । इसके बाद वुल्फ मैन किरदार के साथ १९४३ में फ्रैंकेंस्टीन मीट्स द वुल्फ मैनअगले साल हाउस ऑफ़ फ्रैंकेंस्टीन१९४५ में हाउस ऑफ़ ड्राकुला और १९४८ में बड अबोट लोउ कोस्टेलो मीट फ्रैंकेंस्टीन रिलीज़ हुई । यूनिवर्सल ने २०१० में बेनिचियो डेल टोरो के साथ रिबूट फिल्म द वुल्फमैन बनाई थी । 

क्या वर्ल्डवाइड रिलीज़ हो पायेगा जापानी गॉडज़िला ?

जापानी फिल्म कंपनी तोहो की गॉडजिला फिल्म गॉडजिला: रिसर्जेन्स, जापान में २४ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही है । अमेरिका सहित पूरे विश्व के देशों में यह फिल्म कब रिलीज़ होगी, तय नहीं हुआ है । हालाँकि, दुनिया के दर्शकों को, वार्नर ब्रदर्स की २०१४ में रिलीज़ फिल्म गॉडजिला की जबरदस्त सफलता के बाद, इस दैत्याकार आकृति का सृजन करने वाली तोहो के गॉडजिला का बेसब्री इंतज़ार है । लेकिन, फिलहाल, तोहो जापान में गॉडजिला को दैत्याकार प्रचार के ज़रिये रिलीज़ करने जा रहा है । जापान में गॉडजिला के वास्तविक से नज़र आने वाले पैरों के निशान होकाईडो आइलैंड में बनाए गए हैं, जो २२ मीटर लम्बे और २२ मीटर चौड़े हैं । यह कलाकृति इशिकारी बीच सैंड पार्क २०१६ समारोह का हिस्सा है। यह इवेंट १० जुलाई तक चलेगा । गॉडजिला पर फिल्म बनाने के लिए तोहो और वार्नर ब्रदर्स के बीच हुई डील आज भी कायम है । लेकिन, तोहो इस करैक्टर पर फिल्मों का जापानी दर्शकों के लिए सीक्वल भी बना सकती है और रिबूट भी कर सकती है । लेकिन, इन फिल्मों के दर्शक जापान तक ही सीमित रहेंगे । शायद इसीलिए गॉडजिला रिसर्जेन्स का वर्ल्डवाइड रिलीज़ का कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है । फिलहाल तो दुनिया के लोग जापानी गॉडजिला के कथानक, इसके जापानी कलाकारों की भूमिकाओं और फिल्म के ज़बरदस्त थ्रिल का अंदाजा ही लगा रहे हैं ।

बेफ़िक्रे की शूटिंग पूरी

निर्देशक आदित्य चोपड़ा की फिल्म बेफ़िक्रे की शूटिंग पूरी हुई।  इस मौके पर, आम तौर पर कैमरे से दूर रहने वाले आदित्य चोपड़ा ने भी यूनिट के  सदस्यों के साथ  फोटो खिंचाई।  इस फोटो में वह सबसे ऊपर की पंक्ति में बिलकुल बाईं ओर खड़े दिखाई दे रहे हैं।  फिल्म ९ दिसंबर को रिलीज़ होने जा रही है।

Tuesday 28 June 2016

कॉमेडी के बिग फ्रेंडली जायंट थे बड स्पेंसर

अपने प्रशंसकों के बीच बिग फ्रेंडली जायंट के उपनाम से मशहूर इतालवी एक्टर बड स्पेंसर का ८६ साल की उम्र में निधन हो गया । कार्लो पेड़ेर्सोली का जन्म इटली के शहर नैप्लस में ३१ अक्टूबर १९२९ को हुआ था । वह पेशेवर तैराक थे । वह पहले इटालियन थे, जिसने १०० मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी में एक मिनट से भी कम का समय निकाला । उन्होंने १९५२ की ग्रीष्मकालीन ओलंपिक्स में भी हिस्सा लिया । उन्होंने अपने फिल्म करियर की शुरुआत इतालियन कॉमेडी फिल्मों से की थी । हन्निबल (१९५९) के सेट पर वह टेरेंस हिल से मिले । इस फिल्म के बाद बड स्पेसर और टेरेंस हिल की जोड़ी की कॉमेडी एक्शन फिल्मों ने दुनिया भर में धूम मचा दी । इस जोड़ी ने कोई २० फ़िल्में एक साथ की । इनमे एस हाई, दे कॉल मी ट्रिनिटी, ट्रिनिटी इज स्टिल माय नेम, आल द वे, बॉयज, टू मिशनरीज, वाच आउट, वी आर मैड, आई एम् फॉर द हिप्पोपोटामस, डबल ट्रबल, मिआमि सुपरकॉप्स, आदि उल्लेखनीय हैं । इन फिल्मों के अलावा बड स्पेंसर की द फाइव मैन आर्मी, द फिफ्थ डे ऑफ़ पीस, इट कैन बी डन अमीगो, फ्लैटफूट, दे कॉल हिम बुलडोज़र, द शेरिफ एंड द सॅटॅलाइट किड, बनाना जो, बॉम्बर और सुपरफैंटाजिनियो जैसी फ़िल्में भी उल्लेखनीय हैं । बड स्पेंसर ने अपनी कुछ फिल्मों की स्क्रिप्ट पूरी या आधी अधूरी लिखी भी थी । १९८६ में रिलीज़ सुपरफैंटाजिनियो फिल्म में उन्होंने जिन्न की भूमिका की थी । इस फिल्म के बाद बड स्पेंसर टीवी सीरीज में व्यस्त हो गए । २००५ में उन्होंने इटली की राजनीती में पैर जमाने की असफल कोशिश भी की । अपनी कॉमेडी एक्शन फिल्मों से दर्शकों को हंसा हंसा कर लोटपोट करने वाले बड स्पेंसर को बिग फ्रेंडली जायंट का उपनाम सबसे उपयुक्त था । उल्लेखनीय है कि स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म द बिग फ्रेंडली जायंट १ जुलाई से पूरे विश्व में रिलीज़ हो रही है । 

Sunday 26 June 2016

द गर्ल विद आल द गिफ्ट्स

हॉलीवुड में ज़ोंबी मूवीज एक सफल जोनर है । हर साल कोई न कोई ज़ोंबी फिल्म बड़े सितारों के साथ एक्शन, सस्पेंस, कॉमेडी या हॉरर शैली में रिलीज़ होती रहती है । इस साल रिलीज़ हो रही फिल्म द गर्ल विद आल द गिफ्ट्स ज़ोंबी मूवीज के ढेर में एक लिहाज़ से काफी अलग है । यह ज़ोंबी में प्रकृति द्वारा मानव में परिवर्तन और खोज का सन्देश देती है । क्योंकि, हम उसके लिहाज़ से उपयुक्त नहीं हैं । डायरेक्टर कॉम मकार्थी के लिए माइक कैरी ने अपने उपन्यास का स्क्रीन रूपांतरण किया है । पिछले दिनों इस फिल्म का ट्रेलर ऑन लाइन हुआ । यकीन मानिए यह ट्रेलर कमज़ोर दिलों के लिए बना ही नहीं है । यह कहानी एक नन्ही बालिका ज़ोंबी की है, जो हंग्री-ह्यूमन हाइब्रिड है । इस भूमिका को नया चेहरा सेंनिया नानुआ ने किया है । जेमा आर्टरटन, ग्लेन क्लोज और पैडी कांसिदिने की भूमिकाएं भी ख़ास है । यह फिल्म ९ सितम्बर को रिलीज़ होगी । 

फिर क्वीन विक्टोरिया के किरदार में जुडी डेंच

हॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री जुडी डेंच एक बार फिर क्वीन विक्टोरिया के किरदार में नज़र आयेंगी । जुडी डेंच ने १९९७ में रिलीज़ मिसेज ब्राउन में पहली बार क्वीन विक्टोरिया का किरदार किया था । इस फिल्म के लिए वह ऑस्कर के लिए नामित हुई तथा उन्होंने बाफ्टा अवार्ड और गोल्डन ग्लोब अवार्ड जीता ।  गोल्डन ऑय फिल्म से जेम्स बांड फिल्मों की बांड की बॉस एम का किरदार करने वाली जुडी ने दो साल बाद यानि १९९८ में रिलीज़ जॉन मैडेन की फिल्म शेक्सपियर इन लव में क्वीन एलिज़ाबेथ प्रथम की भूमिका के लिए सह अभिनेत्री का ऑस्कर अवार्ड जीता । इस फिल्म के लिए उन्हें बाफ्टा अवार्ड भी मिला । अब वह स्टीफेन फ्रेअर्स की फिल्म विक्टोरिया एंड अब्दुल में क्वीन विक्टोरिया का किरदार कर रही हैं । इस फिल्म की कहानी ली हॉल ने लिखी है । फिल्म एक क्लर्क अब्दुल करीम की कहानी है, जो १८८७ में क्वीन की स्वर्ण जयंती मनाने के जश्न की तैयारी के लिए भारत का दौरा करता है । इसी दौरे में वह रानी के प्यार में बांध जाता है । रानी को शाही परम्पराओं का निर्वाह भी करना है । वह अब्दुल के साथ अपनी दोस्ती में नई ज़िन्दगी देखती है । इस फिल्म की शूटिंग इस साल शुरू हो जायेगी तथा फिल्म २०१७ में रिलीज़ होगी । जुडी ने दो बार क्वीन का किरदार किया है तथा दोनों ही बार उन्हें बाफ्टा और ऑस्कर अवार्ड्स मिले हैं । क्या क्वीन एंड अब्दुल के लिए भी वह कोई पुरस्कार जीत सकेंगी ? जुडी इस साल ३० सितम्बर को रिलीज़ होने जा रही फिल्म मिस पेरेग्रींस होम फॉर पिक्युलियर  चिल्ड्रेन में मिस अवोसेट के किरदार मे दिखाई देंगी ।

Thursday 23 June 2016

दो बार बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड जीतने वाली सयानी गुप्ता

'लीचेस' में अपने अभिनय के लिए वाह-वाही लूटने वाली सयानी गुप्ता एक बार फिर अपने रंग में दिखायी पड़ रही हैं।इस बार इस ज़बरदस्त अदाकारा ने 'बैंगलौर इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल' में अपनी शॉर्ट फ़िल्म 'माला' के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड जीता है।फ़िल्म का प्रीमियर इस साल 'मामी मुम्बई फ़िल्म फेस्टिवल' में भी किया जाएगा।यह फ़िल्म 'कान्स 2016' के फेस्टिवल में भी पहुँच चुकी है और इसे निर्देशित किया है कौशिक रॉय ने।कौशिक रॉय पिछले तीन दशकों से विज्ञापन जगत का एक जाना पहचाना नाम हैं।जे.डब्लू.टी.से शुरुआत करने वाले कौशिक, डीडीबी मुद्रा में चीफ क्रिएटिव ऑफिसर भी रहे हैं और वर्तमान में रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड में प्रेसिडेंट ब्रांड और मार्केटिंग कम्युनिकेशन के पद पर हैं।उनकी पहली फीचर फ़िल्म इरफान खान और शोभना के साथ 'अपना आसामान' थी।महिला सशक्तिकरण से प्रेरित, शार्ट फ़िल्म 'माला' अचानक ही 'जिओ मामी' मुम्बई फ़िल्म फेस्टिवल के दौरान उनके ज़हन में आयी।यह फिल्म माला नाम की एक ऐसी लड़की की कहानी है जो फ़िल्ममेकर बनना चाहती है वहीँ दूसरी ओर उसका परिवार उसके इस सपने के विरुद्ध उसकी शादी जल्द से जल्द कर देना चाहता है।लेकिन अपने परिवार से झूठ बोलकर माला मुम्बई, फ़िल्म फेस्टिवस्ल को अटेंड करने आ जाती है।यह फ़िल्म अभी हाल ही में '5th बैंगलोर इंटरनेशल शार्ट फ़िल्म फेस्टिवल' में भी प्रदशित की गयी है और इस फ़िल्म की अभिनेत्री सयानी गुप्ता को बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है।

इस पर बात करते हुए सायानी ने कहा," मैँ बहुत खुश हूँ।पहले 'लीचेस' ने बहुत से फिल्म फेस्टिवल में अवार्ड्स जीते और अब 'माला' भी हर फेस्टिवल में बेहद पसंद की जा रही है।मैं मानती हूँ की शार्ट फिल्म्स विभिन्न चरित्रों को प्रदर्शित करने का एक बहुत सशक्त माध्यम है जबकि फीचर फ़िल्म में यह आज़ादी सीमित होती है।इन फिल्मों में एक्सपेरीमेंट के लिए बहुत जगह होती है।फ़िल्म 'माला' मामी फ़िल्म फेस्टिवल पर आधारित है, फ़िल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक फ़िल्म फेस्टिवल आपकी ज़िन्दगी को बदल सकता है।इस फ़िल्म में माला एक ऐसा पात्र है जो फिल्मों के लिए दीवानी है।यह वो लड़की है जिसका सपना है एक फिल्मकार बनने का और जब उसकी मुलाकात फ़िल्म फेस्टिवल में किरण राव, अनुपमा चोपड़ा और कल्कि जैसी हुनरमंद, मज़बूत और हिम्मती महिलाओं से होती है तो उसे लगता है कि उसका भी यह सपना उन सभी की तरह सच हो सकता है।माला फ़िल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित 'मलाला' फ़िल्म से भी बेहद प्रभावित होती है।मलाला जैसी साहासी लड़की की अदभुत कहानी उसे भी कुछ कर गुजरने का जज़्बा दे जाती है।कुछ ऐसी कहानी है इस फ़िल्म की।मैं महसूस करती हूँ कि सच्ची कहानियों को कहने वाली फिल्मो में काम करने का अपना एक अलग मायने होता है या आप यह कह सकते हैं कि हक़ की लड़ाई लड़ने वाली फिल्मों के प्रति मेरा एक अलग ही झुकाव है।आज इस तरह की फिल्मों की सोसाइटी को ज़रुरत भी है।एक एक्टर या फिल्मकार होने के नाते यह हमारा फ़र्ज़ होना चहिये कि हम ऐसी कहानियों को भी दिखाएँ जो एक बड़ा बदलाव ला सकती हैं।मैं खुद हर साल मामी फ़िल्म फेस्टिवल अटेंड करती हूँ और उनके लिये यह फ़िल्म करना मेरे लिये एक रोमांचित कर देने वाला अनुभव है।"

Tuesday 21 June 2016

सह नायिका की बहार निगार सुल्ताना !

हिंदी फिल्म दर्शक मुग़ल ए आज़म की बहार को नहीं भूल सकते, जो सलीम अनारकली की मोहब्बत की दुश्मन थी।  लेकिन, बहार की भूमिका निगार सुल्ताना के लिए नहीं लिखी गई थी।  फिल्म के निर्देशक के आसिफ ने इस रोल को अपनी पहली पत्नी सितारा देवी को ध्यान में रख कर लिखा था।  लेकिन, निगार सुल्ताना से  निकाह के  बाद यह रोल निगार को चला गया।  निगार  सुल्ताना ने बहार की भूमिका को सजीव बना दिया।  निगार सुल्ताना की पहली फिल्म रंगभूमि थी, जो १९४६ में रिलीज़ हुई थी।  राजकपूर की फिल्म आग उनका पहला ब्रेक था।  १९४९ में रिलीज़ फिल्म पतंगा में उन पर फिल्माया गया मेरे पिया गए रंगून, वहां से किया है टेलीफोन आज भी पॉपुलर गीतों में शुमार हैं।   निगार सुल्ताना ने अपने करियर में कोई ४९ फिल्मों में अभिनय किया।  उन्हें ज़्यादातर सह भूमिकाओं के लिए याद किया जाता है।  उन्होंने अशोक कुमार और बीना रॉय के साथ फिल्म सरदार और दिलीप कुमार  और मीना कुमारी के साथ फिल्म यहूदी जैसी उल्लेखनीय फ़िल्में की।  उनकी अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में दिल की बस्ती, खेल, शीश महल, दामन, आनंद भवन, तनख्वाह, दुर्गेश नन्दिनीं और मिर्ज़ा ग़ालिब थी।  पचास के दशक मे काफी सक्रिय निगार सुल्ताना ने राज की बात, दो कलियाँ, बंसी और बिरजू और राज की बात में चरित्र भूमिकाएं की।  उनकी आखिरी फिल्म जुम्बिश अ मूवमेंट १९८६ में रिलीज़ हुई थी।  २१ जून १९३२ को हैदराबाद में जन्मी निगार सुल्ताना की मौत ६७ साल की उम्र में मुंबई में हो गई।

Saturday 18 June 2016

बालवीर का प्रपोजल सही मौके पर आया – निगार जेड खान

निगार जेड खान को लिपस्टिक, प्रतिमा और कसम से जैसे सीरियलों के निगेटिव  किरदारों से शोहरत मिली है। उन्हें कई रियलिटी शो में भी देखा गया।  उनका बहन गौहर खान के साथ शो खान सिस्टर्स ख़ास लोकप्रिय हुआ।  पिछले साल जुलाई में दुबई के एक पाकिस्तानी व्यापारी के साथ शादी कर सेटल निगार खान अब सब टीवी के शो बालवीर में प्रचण्डिका का निगेटिव किरदार कर रही हैं।  लेकिन, यह किरदार उनके तमाम निगेटिव किरदारों से अलग है।  कैसे, आइये जानते हैं उन्ही से- 
शादी के बाद बालवीर सीरियल ! क्या कारण थे ?
ईमानदारी से कहूं तो यह मेरा अभिनय के प्रति लगाव था शादी के बाद हर अभिनेत्री ब्रेक लेती है मैं समझती हूँ कि शादी के बाद अपना ध्यान दूसरी बातों से हटा लेना चाहिए मेरे शौहर तो ख़ास तौर पर मेरी देखभाल के अधिकारी है मुझे ख़ुशी है कि मैंने थोड़े समय के लिए अभिनय से अपना ध्यान हटाया इससे किसी अभिनेत्री को आराम करने का मौका भी मिल जाता है, वह फिर ताज़ादम होकर अपने काम में मन लगा सकती है सौभाग्य से बालवीर का प्रपोजल सही मौके पर आया हालाँकि, मुझे पहले से ही वैम्पिश रोल के ऑफर मिल रहे थे लेकिन, अबू धाबी में रहने के कारण मैं २६ दिनों का कॉन्ट्रैक्ट साइन नहीं कर सकती थी सब टीवी और प्रोडक्शन हाउस ने मेरे रोल की शूटिंग महीने में दस दिन में पूरा कर लेने का आश्वासन दे कर मुझे कॉन्ट्रैक्ट साइन करने में मदद की
शो में अपने करैक्टर के बारे में बताइये !
बलवीर में मैं प्रचंडिका का किरदार कर रही हूँ यह करैक्टर टीवी के तमाम निगेटिव किरदारों से अलग है यह उत्तेजनारहित और शांत है प्रचंडिका ठेठ बुरी औरतों की तरह नहीं, जो अपना क्रोध और भय दिखाती रहती हैं यह बहुत स्टाइलिश है वह पारे की तरह है  जहाँ शांत है, वहीँ दुष्ट भी वह बालवीर की ज़िन्दगी में समस्याएं पैदा करती रहती है  
अपने लुक के बारे में बताएं !
मेरे लुक को लेकर पूरी टीम ने दो महीने तक विचार किया मैंने अपनी पूरी ज़िन्दगी में पहली बार बैंगनी लिपस्टिक लगाईं है मैं मुतमईन नहीं थी कि मैं इसे कर ले जाऊंगी पर मुझे अब लगता है कि मैं इसे कर सकती थी
आप सब टीवी जैसे कॉमेडी सीरियलों वाले चैनल में काम कर रही हैं क्या कभी कॉमेडी सीरियल में काम करेंगे ?
मैंने पहले काफी कॉमेडी की है वास्तव में मैंने कुछ साल पहले एक कॉमेडी रियलिटी शो भी किया था मुझे इसमे बड़ा मजा आया पर फिक्शन कितना एन्जॉय करूंगी, पता नहीं में स्लैपस्टिक कॉमेडी नहीं कर सकती मुझे यह पसंद नहीं बतौर अभिनेत्री मैं कैमिया कर सकती हूँ इसलिए अगर इस तरह से कोई कॉमेडी शो मिलेगा तो करूंगी हाँ, मैंने सब टीवी के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रिय और दर्शकों के पसंदगी   वाला शो यस बॉस किया था
आप दुबई में सेटल हैं दुबई-मुंबई के बीच भागदौड़ कैसे कर ले जाती हैं ?
मुझे इन दोनों जगहों में भागना-दौड़ना अच्छा लगता है सच मैं मुंबई को बहुत मिस करती हूँ मैंने इंडिया से एक ही समय में तीन तीन शो किये हैं अगर मुझ पर छोड़ा जाए तो मैं मुंबई-दुबई के चक्कर लगाते हुए अपना काम करते रहना पसंद करूंगी मुझे इससे प्यार है
बड़ी स्क्रीन के बारे में क्या सोचा है ?

नहीं, वास्तव में मैंने इंडस्ट्री में पिछले १५ सालों से रहते हुए भी बड़े परदे के लिए कभी प्लान नहीं किया मुझे कई ऑफर आये अगर मुझे कोई पसंदीदा करैक्टर मिलेगा, तभी मैं बड़े परदे के लिए काम करना चाहूंगी मैं खुद को एक्टर साबित करना चाहती हूँ, न कि छोटे कपड़ों में सेक्सी फिगर का प्रदर्शन करना मैं इसके बिलकुल खिलाफ हूँ।  


अल्पना कांडपाल 

Friday 17 June 2016

संगम की नायिका ने कैबरे किया था

निर्माता, निर्देशक और अभिनेता राजकपूर की फिल्म संगम १८ जून १९६४ को रिलीज़ हुई थी।  यह आर के फिल्म्स की ही नहीं, अभिनेता राजकपूर की भी पहली रंगीन फिल्म थी।  उससे पहले तक राजकपूर की सभी फ़िल्में श्वेत श्याम थी।  इस लिहाज़ से, राजकपूर की छोटे भाई शम्मी कपूर उनसे पहले रंगीन फिल्म जंगली (१९६१) के नायक बन चुके थे।  इस रोमांटिक ट्रायंगल फिल्म को इन्दर राज आनंद ने लिखा था।  फिल्म में राजकपूर, राजेंद्र कुमार और वैजयंतीमाला का संगम हुआ था।  इस फिल्म का संगीत  शंकर जयकिशन ने दिया था।  टैक्नीकलर में बनाई गई फिल्म संगम की लम्बाई २३८ मिनट यानि चार घंटे से सिर्फ २ मिनट कम अवधि की थी । यह पहली बॉलीवुड फिल्म थी, जिसमे दो मध्यांतर हुए।  फिल्म की तमाम शूटिंग वेनिस, पेरिस और स्विट्ज़रलैंड जैसी विदेशी लोकेशन पर हुई थी। देसी लोकेशन पर फिल्म को प्रयाग में शूट  किया गया था।  संगम के बाद ही बॉलीवुड की तमाम फिल्मों की शूटिंग विदेशी लोकेशन पर होने लगी।  आज़ादी के बाद, इस फिल्म में पहली बार चुम्बन का दृश्य दिखलाया गया।  यह शायद इकलौती ऎसी फिल्म है, जिसके ज़्यादातर गीतों पर बॉलीवुड  फिल्मों के टाइटल रखे गए।  बोल राधा बोल (ऋषि कपूर और जूही चावला), हर दिल जो प्यार करेगा (सलमान खान, प्रीटी जिंटा और रानी मुख़र्जी), महबूबा (संजय दत्त, अजय देवगन और मनीषा कोइराला), मेरे सनम (आशा पारेख, विश्वजीत और प्राण), दोस्त (धर्मेंद्र, हेमा मालिनी और शत्रुघ्न सिन्हा), बुड्ढा मिल गया (नवीन निश्चल, ओम प्रकाश और अर्चना) आदि फिल्मों के टाइटल संगम के गीतों से ही उधार लिए गए थे।  संगम में राजकपूर के करैक्टर का नाम गोपाल था।  गोपाल राजकपूर का पारिवारिक ड्राइवर और केयर टेकर का नाम था।  राजेंद्र कुमार की भूमिका के लिए सबसे पहले दिलीप कुमार और फिर देव आनंद को एप्रोच किया गया था।  इनके मना करने पर ही राजेंद्र कुमार सुंदर के रोल  में लिए गए। दिलीप कुमार गोपाल या सुन्दर में से किसी भी रोल के लिए तैयार  थे, बशर्ते कि फिल्म की फाइनल एडिटिंग दिलीप कुमार ही करेंगे।  राजकपूर को यह मंजूर नहीं हुआ।  संगम के निर्माण में एक करोड़ खर्च हुए थे।   लेकिन, संगम ने बॉक्स ऑफिस पर १६ करोड़ की कमाई कर राजकपूर को मालामाल कर दिया। दसारी  नारायण राव ने संगम को तेलुगु और कन्नड़ में स्वप्ना टाइटल के साथ रीमेक किया।  १९८८ में संगम का रीमेक सनी देओल, अनिल कपूर और श्रीदेवी के साथ राम अवतार बनाया गया।  



फिल्म निर्माता बन नयी पारी की शुरुआत करेंगे इमरान हाश्मी

​इमरान हाश्मी एक सफल अभिनेता तो है ही साथ ही वे "किस ऑफ़ लाइफ" इस किताब से लेखक भी बन गए है,अब इमरान हाशमी अपने होम प्रोडक्शन इमरान हाश्मी फिल्म्स बैनर तले फिल्म का निर्माण कर बतौर फिल्म निर्माता नयी पारी शुरू करेंगे। 
इमरान हाशमी "मासेस के हीरो " के रूप में जाना जाता है हाल ही में प्रदर्शित हुई फिल्म अजहर ने यह साबित भी कर दिया।  फिल्म ने ८५ प्रतिशत से ज्यादा कारोबार मल्टीप्लेक्स में ८५ किया है। 
अभिनेता इमरान हाश्मी बेहद खुश है की टोनी पहले इंसान है जिन्हे इमरान ने बतौर निर्देशक इमरान हाश्मी फिल्म के लिए अप्रोच किया गया है। 
​इमरान और टोनी 
 
​जल्दी ही एक साथ
 एक रोमांचक 
​वेंचर के ​
लिए एक साथ
​ ​
​आएंगे
, जिसका विवरण 
​का ​
खुलासा 
​होना बाकी
 है।
फिल्म 
​का निर्माण 
 इमरान हाशमी फिल्म्स 
​तथा
 टोनी डिसूजा और नितिन के 
​ऑडबॉल
 मोशन पिक्चर्स के बैनर तले 
​निर्माण
 किया जाएगा।

फिल्म ध्रुवा के लिए जापानी मार्शियल आर्ट फॉर्म आइकिदो की ट्रेनिंग लेंगे राम चरण

टॉलीवुड सुपरस्टार राम चरण अपनी आगामी फिल्म ध्रुवा में आई पी एस  अफसर का किरदार निभाएंगे जिसके लिए वे अभी से ही कड़ी मेहनत कर रहे हैं, अपने किरदार को परफेक्ट बनाने के लिए वे जापानी मार्शियल आर्ट फॉर्म आइकिदो की ट्रेनिंग लेंगे. इस कला का मुख्य लक्ष्य  ये है की प्रैक्टिशनर्स   खुद के  बचाव  के लिए इस  कला का इस्तेमाल कर सकते है. राम चरण अपनी आगामी फिल्म में आई पी एस  अफसर का किरदार निभा रहे है और यह आर्ट फॉर्म इस किरदार के लिए बहुत ही सटीक होगा.
रामचरण अपने हर काम को परफेक्ट करने में विश्वास रखते है इसीलिए उन्होंने इस आर्ट फॉर्म को सीखने के लिए स्पेशल ट्रेनर को अपॉइन्ट कर रहे है.

बॉक्स ऑफिस पर 'उड़' न सकेगा यह 'पंजाब' !

पिछले दिनों अनुराग कश्यप और एकता कपूर के साथ बॉलीवुड के तमाम सितारे क्रिएटिव फ्रीडम का रोना रो रहे थे।  यह लोग बॉम्बे हाई कोर्ट तक पहुंचे और कोर्ट को अस्थाई सेंसर बोर्ड बना कर फिल्म से सेंसर द्वारा लगाए गए गालियों के कट हटवा लाये।  इसलिए उड़ता पंजाब की समीक्षा की शुरुआत फिल्म में गालियों से।  खूब गालियाँ है।  चरसी भी गाली बक रहे हैं और पुलिस वाले भी।  लड़कियाँ औरते भी और आदमी तो बकेंगे ही।  पर एक बात समझ में नहीं आई।  निर्माताओं ने अंग्रेजी सब टाइटल में अंग्रेजी में Mother Fucker को Mother F***er और Sister Fucker को Sister F***ker कर दिया है। क्यों ? अंग्रेजी में माँ को चो... में परेशानी क्यों हुई कश्यप और चौबे को !
जहाँ तक पूरी उड़ता पंजाब की बात है, इसे फिल्म के फर्स्ट हाफ, अलिया भट्ट और दिलजीत दोसांझ के बढ़िया अभिनय के लिए देखा जा सकता है।  अलिया ने बिहारन मजदूरनी और दिलजीत दोसांझ ने एक सब इंस्पेक्टर के रोल को बखूबी जिया है।  शाहिद कपूर के लिए करने को कुछ ख़ास नहीं था।  अनुराग कश्यप ने उन्हें स्टार स्टेटस दिलाने के लिए साइन किया होगा।  करीना कपूर बस ठीक हैं।
अभिषेक चौबे ने अपने निर्देशन के लिए फिल्म की पटकथा सुदीप शर्मा के साथ खुद लिखी है।  मध्यांतर से पहले फिल्म पंजाब के युवाओं में ड्रग्स के चलन, पुलिस भ्रष्टाचार को बखूबी दिखाती है।  लेकिन, फिल्म में सभी डार्क करैक्टर देख कर पंजाब के प्रति निराशा होती है।  पता नहीं कैसे उड़ता पंजाब की यूनिट पंजाब में फिल्म शूट कर पाई! इंटरवल के बाद अभिषेक चौबे की फिल्म से पकड़ छूट जाती है।  पूरी फिल्म एक बहुत साधारण थ्रिलर फिल्म की तरह चलती है।  लेखक के लिए पंजाब की ड्रग समस्या का हल बन्दूक ही लगाती है।  क्या ही अच्छा होता अगर दिलजीत दोसांझ और करीना कपूर के करैक्टर अख़बार, चैनलों और अदालतों के द्वारा पंजाब के ड्रग माफिया का सामना करते।  लेकिन, अनुराग कश्यप इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाते।  संभव है कि लेखक जोड़ी की कल्पनाशीलता आम मसाला फिल्म लिखने से आगे नहीं बढ़ पाई हो।  फिल्म के कुछ दृश्य सचमुच स्तब्ध करने वाले हैं।  मसलन, अलिया भट्ट के करैक्टर को नशीले इंजेक्शन लगा लगा कर बलात्कार करने, ड्रग फैक्ट्री में नशीली दवाओं के निर्माण, करीना कपूर के करैक्टर की हत्या, आदि के दृश्य।  लेकिन, करीना कपूर की हत्या के बाद फिल्म हत्थे से उखड जाती है।  अभी तक सबूत जुटा रहा दिलजीत दोसांझ का करैक्टर एंग्री यंग मैन बन कर अपनो का ही खून बहा देता।
अनुराग कश्यप एंड कंपनी फिल्म के रशेज देख कर जान गई थी कि फिल्म में बहुत जान नहीं है। इसलिए, गालियों को बनाए रखने का शोशा छोड़ा।  कोई शक नहीं अगर सेंसर बोर्ड भी इस खेल में शामिल हो गया हो।  इसके एक सदस्य अशोक पंडित तो खुला खेल खेल रहे थे।
सुदीप शर्मा के संवाद ठीक ठाक है।  पंजाबी ज्यादा है।  अंग्रेजी सब टाइटल की ज़रुरत समझ में नहीं आई।  राजीव रवि के कैमरा और मेघा सेन की कैंची ने अपना काम बखूबी किया है।

लास्ट मूमेंट बताया गया कि लिप-लॉक करना है- संगीता चौहान

कई विज्ञापन फिल्मों में अपनी आकर्षक मुस्कान का प्रदर्शन कर चुकी संगीता चौहान आजकल अपनी एक बड़ी फिल्म की रिलीज़ की तैयारी में व्यस्त है । लव यू अलिया टाइटल वाली इस कन्नड़ फिल्म में संगीता को भूमिका चावला, वी रविचंद्रन और सुदीप जैसे बड़े सितारों के साथ अभिनय का मौका मिला है । फिल्म के डायरेक्टर इन्द्रजीत लंकेश साउथ के बड़े निर्देशकों में शुमार किये जाते हैं । लव यू अलिया कन्नड़ के अलावा हिंदी में भी डब कर रिलीज़ की जा रही है । पेश है संगीता चौहान से एक बातचीत-
लव यू अलिया क्या कोई सन्देश देने वाली फिल्म है ?
आजकल के परिवार में साथ खाने और बैठ कर बातचीत करने के रिश्ते ख़त्म हो चुके है । यह सम्बन्ध ट्वीट और मेसेज भेजने तक ही सीमित हैं । लव यू अलिया आधुनिक परिवार के सदस्यों के डिनर टेबल पर बैठ कर बातचीत करने और आपसी संबंधो, आदि पर गहराई से नज़र डालती है ।
अलिया के बारे में कुछ बताये ?  
अलिया तलाकशुदा माता-पिता की संतान है । उसे शादी जैसी संस्था पर कतई विश्वास नहीं । वह शादी करना नहीं चाहती । परिस्थितियां उसे महसूस कराती है । मैं इस मुख्य किरदार को करके खुद को । भाग्यशाली समझती हूँ । अलिया एक सीधी साडी लड़की है, जिसे संबंधों से जुड़ना पड़ता है और तब उसकी ज़िन्दगी में जटिलताएं पैदा होने लगती है । आपने अब तक जितने करैक्टर देखें हैं, अलिया उनसे काफी अलग है ।
इन्द्रजीत लंकेश दक्षिण के प्रतिष्ठित नाम है । उनके साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा ?
मैं उनकी कार्य शैली से बेहद प्रभावित हुई हूँ । उन्हें दक्षिण की फिल्मों का यश चोपड़ा कहा जा सकता है । मैं भाग्यशाली हूँ कि मुझे यह रोल मिला और लंकेश ने मुझ पर विश्वास किया ।  
क्या इस फिल्म के लिए कोई ख़ास ट्रेनिंग ली ?
मैंने नीरज कबी के साथ एक्टिंग की वर्कशॉप की । नीरज एक्टर भी हैं और एक्टिंग टीचर भी ।
शूटिंग के दौरान का कोई कठिन दौर ?
फिल्म में एक लिप-लॉक का सीन है । मुझे इसकी इत्तला बैंकाक में शूटिंग के दौरान आखिरी मौके पर दी गई । शुरू में मैं समझ नहीं पा रही थी कि इसे कैसे करूंगी । लेकिन, फिर कर लिया ।
आपकी दूसरी फ़िल्में ?
यह मेरी दूसरी फिल्म है । मेरी पहली फिल्म शार्पशूटर थी । मैंने अभी हिंगलिश में एक शॉर्ट फिल्म शूट की है । इसकी निर्देशक हीना डीसूजा हैं । इस फिल्म का वर्किंग टाइटल काफी जटिल था । इसलिए अभी टाइटल फाइनल होना है ।
आप इंडस्ट्री में किसे आदर्श मानती है ?
विद्या बालन मेरी रोल मॉडल हैं । उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बलबूते पर अपना एक यह मुकाम बनाया है । संघर्षों के बावजूद उन्होंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी । अभिनेताओं में आर माधवन और आमिर खान मेरे पसंदीदा है । 

अल्पना कांडपाल 

Thursday 16 June 2016

First Look of Bhushan Kumar’s Befikra starring Tiger Shroff and Disha Patani

When it comes to singles Bhushan Kumar seems to have gotten unstoppable. The producer is now coming out with his third single in just a month. T-Series recently launched two singles ‘Dillagi’ and ‘Tum Ho To Lagta hai’ which has been rising on the charts gaining its postion in the list of millions of view. While these songs are still trending the producer is now coming out with yet another single titled “Befikra” with the sensational pair, Tiger Shroff and Disha Patani. 
The song which is a peppy track has been shot in the beautiful city of love, Paris under the direction of Sam Bombay. The music to the song has been given by Meet Bros, the musical duo have even given their voice to the song along with Aditi Singh Sharma and lyrics has been penned down by Kumaar.

नई फिल्मों के पोस्टरों में फिल्म की नायिका को तरजीह