अविनाश तिवारी और तृप्ति डिमरी |
अली भाइयों (इम्तियाज़ और साजिद) को, एकता कपूर के साथ सैकड़ों साल पुरानी लैला मजनू की दन्त कथा को, परदे पर उतारने का शौक चर्राया है।
इम्तियाज़ अली की पिछले दो-तीन सालों में दो रोमांटिक फ़िल्में तमाशा और जब हैरी मेट सेजल मुंह की खाई हैं।
इसके बावजूद उन्होंने अपने भाई साजिद के साथ लैला मजनू की कहानी लिख मारी। यह बात दीगर है कि यह मोहब्बत की दीवानगी आधुनिक लैला मजनू की है।
परन्तु ऐसे समय में, मोहब्बत की प्राचीन दुखांत कथाओं में अरब देश से आकर हिंदुस्तान में बेहद
लोकप्रिय क़ैस और लैला की मोहब्बत की दास्तान पर बनी हिंदी फिल्मों का ज़िक्र लाजिमी
है।
लैला के साथ मोहब्बत में पड़ कर क़ैस शायरी करने लगा। उसके शायरी और लैला के प्रति जूनून को देख कर
लोगों ने उसे मजनूँ यानि पागल का खिताब दे दिया।
मजनूं ने जब लैला के पिता से उसका हाथ माँगा तो पिता ने साफ़ मना कर दिया और
लैला की शादी एक रईस व्यापारी के साथ कर दी। अब यह बात दीगर है कि लैला को यह शादी
रास नहीं आई और वह बीमार हो कर मर गई ।
लैला के गम में दीवाना मजनू भी पहाड़ों पर शायरी गढ़ता हुआ मर जाता है।
बॉलीवुड ने लैला मजनू की दास्ताँ पर ढेरों फ़िल्में बनाई हैं।
१९२२ में लैला मजनू
पर पहली मूक फिल्म रिलीज़ हुई।
कांजीभाई राठौड़ की १९३१ में बनाई गई लैला मजनू में
ग़ज़नवी और जहाँआरा कज्जन ने मजनू और लैला की दास्ताँ पहली बार परदे पर सवाक पेश
की।
दो साल बाद बी एस राजहंस ने एम् सूकी
और फातिमा जैस्मिन को लेकर लैला मजनू बनाई।
१९४५ में नज़ीर ने खुद मजनू और
स्वर्णलता को अपनी लैला बना कर लैला मजनू का निर्माण किया।
यहाँ एक दिलचस्प तथ्य
यह कि याहू अभिनेता शम्मी कपूर के करियर की शुरुआत की तीसरी फिल्म लैला मजनू
थी। इस फिल्म में मजनू बने शम्मी कपूर की
लैला नूतन थी।
वहीँ उनके बड़े भाई राजकपूर के बेटे ऋषि कपूर की एक बड़ी हिट फिल्मों
में एच एस रवैल की फिल्म लैला मजनू का नाम शामिल है। १९७९ में रिलीज़ इस फिल्म में लैला की भूमिका
रंजीता ने की थी।
लैला मजनू की कहानी पर
दक्षिण में भी फ़िल्में बनाई गई।
इनमे १९४९
में रिलीज़ पी एस रामकृष्ण राव की फिल्म उल्लेखनीय है। इस फिल्म में ए नागेश्वर राव
ने क़ैस और भानुमति रामकृष्ण ने लैला की भूमिका की थी।
पी. भास्करन की १९६२ में रिलीज़ मलयालम फिल्म
लैला मजनू में प्रेम नज़ीर ने मजनू और एल विजयलक्ष्मी ने लैला का किरदार किया
था।
अब इम्तियाज़ अली अपने भाई और एकता कपूर के साथ आधुनिक रोमांस लैला मजनू ले कर आ रहे हैं। यह लैला मजनू कश्मीर की वादियों में मोहब्बत करते हैं।
क्या आज के दौर में, जब पहली नज़र में लैला और मजनू हमबिस्तर हो जाते हैं, इम्तियाज़ अली ने अपने लैला और मजनू के बीच कितनी दूरी बनाये रखी होगी। क्या ऐसा शाकाहारी रोमांस आज की पीढ़ी को रास आएगा ?
साजिद अली निर्देशित लैला मजनू में आधुनिक लैला और मजनू की भूमिका अविनाश तिवारी (तू है मेरा संडे) और तृप्ति डिमरी (पोस्टर बॉयज) ने की है।
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