Monday, 5 November 2018

क्या अमावस से डरा पाएगी नरगिस फाखरी ?


तोरबाज़ और अमावस में नरगिस फाखरी
नरगिस फाखरी के पास इस समय दो फ़िल्में हैं।  एक फिल्म, ५९ साल के संजय दत्त के साथ तोरबाज़ है।  इस फिल्म में वह अफगानिस्तान में शरणार्थी बच्चो की देखभाल करने वाली एक एनजीओ की कार्यकर्ता बनी है। दूसरी फिल्म में वह दर्शकों को डराएंगी।  इस फिल्म का टाइटल अमावस है।  इस फिल्म का निर्देशन १९२० ईविल रिटर्न्स, रागिनी एमएमएस २ और अलोन के निर्देशक भूषन पटेल कर रहे हैं।  नरगिस ने इस फिल्म का फर्स्ट लुक हेलोवीन डे पर जारी किया।  इस फिल्म में, नरगिस के नायक सचिन जोशी हैं।  वह भी फ्लॉप एक्टर हैं।  क्या दो फ्लॉप एक्टर मिल कर एक हिट फिल्म दे सकेंगे


थर्टी प्लस की एक्ट्रेस नहीं कर पाती रॉक !
क्या सचमुच नरगिस फाखरी की फिल्म अमावस हिट होगी कभी ऑन स्क्रीन थर्टी प्लस का हीरो ही अच्छा लगता है।  यह साबित किया था अभिनेता जीतेन्द्र ने।  उनकी फिटनेस को देखते हुए ही, उन्हें एनर्जी कैप्सूल थर्टी प्लस कैप्सूल के प्रचार के लिए चुना गया था।   लेकिन, थर्टी प्लस की हीरोइन दर्शकों को रास आएगी, नहीं कहा जा सकता।  नरगिस फाखरी ने, थर्टी प्लस में यानि ३१ साल की उम्र में, २८ साल के रणबीर कपूर के साथ फिल्म रॉकस्टार से डेब्यू किया था।  इस फिल्म को अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी।  दर्शकों को, हीरो से ३ साल बड़ी नरगिस फाखरी भी पसंद नहीं आई थी।  नरगिस के खाते में मद्रास कैफ़े, फटा पोस्टर निकला हीरो, मैं तेरा हीरो, अज़हर, हाउसफुल ३ और बैंजो जैसी फ़िल्में की।  इनमे से ज़्यादा फ्लॉप हुई।  जो हिट हुई, उनके लिए नरगिस को कोई क्रेडिट नहीं मिला।


संवादों का अखरोट तोड़ने वाली नरगिस
ख़ास बात यह रही कि नरगिस फाखरी इन सभी फिल्मों में अपनी अभिनय प्रतिभा की छाप छोड़ पाने में भी नाकामयाब रही थी।  अमेरिका में जन्मी और पली-बढ़ी नरगिस के लिए अच्छी तरह से हिंदी-उर्दू बोल लेना, कमज़ोर दांत वाले व्यक्ति के लिए अखरोट तोड़ने के सामान था।  यही कारण था कि रणबीर कपूर की इस नायिका को फिल्मों के टोटे पड़ गए। 


केदारनाथ और जीरो के बीच सैंडविच अमावस
परन्तु, अमावस की सफलता के आड़े, नरगिस फाखरी का अभिनयहीन होना या अच्छी हिंदी न बोल पाना, नहीं आएगा।  अमावस १४ दिसंबर को रिलीज़ होगी।  ७ दिसंबर को, सारा अली खान की पहली फिल्म केदारनाथ रिलीज़ हो रही है।  २१ दिसंबर को शाहरुख़ खान की फिल्म जीरो रिलीज़ होगी। अमावस इन दो फिल्मों के बीच फंस कर सैंडविच बन जायेगी।


हॉरर है पसंदीदा !
लेकिन, हॉरर फिल्मों का एक बड़ा दर्शक वर्ग है।  यह वर्ग रोमांटिक या कॉमेडी फिल्म देखना नहीं चाहता।  इसका पसंदीदा जॉनर हॉरर है।  यह वर्ग नरगिस की हॉरर फिल्म अमावस को देखेगा।  बावज़ूद इसके कि इसकी नायिका नरगिस फाखरी को अभिनय नहीं आता, ठीक से संवाद बोलने नहीं आते।  हॉरर फिल्म की नायिका का इन दोनों चीज़ों से ख़ास सरोकार नहीं होता। क्योंकि, फिल्म का सारा दारोमदार हॉरर पर होता है। भूषन पटेल तो किसी नॉन एक्ट्रेस से भी भय निकलवा लेते हैं।

भारत और बाटला हाउस में नोरा फतेही - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

No comments: