Sunday, 28 March 2021

होली गीत नए पुराने, भावनाओं वाले !


पुरानी फ़िल्में देख चुके हिंदी फिल्म दर्शकों को दुःख रहता है कि आजकल की फिल्मों में होली गीत नहीं होते। जबकि पुराने समय की फिल्मों में होली, दिवाली, दशहरा या जन्माष्टमी के गीत आम हुआ करते थे। होली गीत तो ख़ास उत्सव की तरह रखे जाते थे तथा फिल्मों में महत्वपूर्ण मोड़ पर भी आया करते थे। परन्तु, अब तो हिंदी होली गीत टीवी तक ही सीमित रह गए है।

अंग प्रदर्शन की मज़बूरी ! - इस बारे में कुछ का कहना है कि अब फिल्मकारों को नायिका का बदन दिखाने के लिए उसके कपडे भिगोने के लिए नदी में डुबोने या होली के रंगों में भिगोने की ज़रुरत नहीं है। हिंदी फिल्मों की वाणी कपूर तक की नायिका स्विमिंग पूल में या स्विमिंग पूल के बाहर बिकिनी पहने घूमती नज़र आ जाती है। अब नायक नायिका का चुम्बन दिखाने के लिए दो फूलों का मिलाना या पक्षियों का चोंच लड़ाते दिखाना बाबा आदम के ज़माने की बात हो गई है। अब तो नायिका को चुम्बन लेने तक से परहेज नहीं है। इसी तरह नायिका की सेक्स अपील उभरने के लिए उसके तन के कपड़ों को होली के रंगों से गीला करने की क्या ज़रुरत !

कथानक की आवश्यकता - दरअसल, कभी कथानक की आवश्यकता हुआ करते थे होली गीत। मनोभावनाओं को उभारने वाले ग्रामीण पृष्ठभूमि या पारिवारिक कथानक वाली फिल्मों को यह गीत काफी उपयुक्त लगा करते थे।ध्यान कीजिये महबूब की फिल्म मदर इंडिया का होली गीत होली आई रे कन्हाई का। यह गीत जहाँ नर्गिस को पति राजकुमार की याद में खो देने वाला है, वही बिरजू बने सुनील दत्त के प्रति अजरा की प्रेम की अभिव्यक्ति भी करता है। इसी गीत के क्लाइमेक्स में साहूकार की बेटी बिरजू की माँ के कंगन पहन कर बिरजू को भड़काती हैं। यही से बिरजू के डाकू बनने की शुरुआत होती है।

चटख रंगों की नवरंग - निर्माता- निर्देशक वी शांताराम ने फिल्म नवरंग को दो आँखे बारह हाथ की शूटिंग के दौरान अपने आँखों की रोशनी को लगभग खो देने के हादसे के बाद, बनाया था। इसलिए, उन्होंने नवरंग को चटख रंग वाले गेवाकलर में चित्रित किया था। एक कवि की कल्पना की इस कहानी में रंगों वाली होली का होना स्वाभाविक था। गीत आ रे जा नटखट शानदार कल्पना, नृत्य प्रतिभा और रंग संयोजन का श्रेष्ठ उदाहरण है।

पहले प्रेम की अभिव्यक्ति - १०६० के दशक में, हिंदी फिल्मों के कथानक मे थोड़ा परिवर्तन होना शुरू हो गया। इनमे अपराध की छौंक डाली जाने लगी। धर्मेन्द्र और मीना कुमारी अभिनीत फिल्म फूल और पत्थर में एक चोर और एक विधवा के मूक प्रेम की कहानी थी। चूंकि, फिल्म में क्लब था इसलिए शशिकला का कैबरे था। इसी में होली गीत भी था। लाई है हजारों रंग होली गीत में आग में जले हुए धर्मेन्द्र और मीना कुमारी के बीच प्रेम फूटता है। इस भावना की अभिव्यक्ति यह होली गीत बखूबी करता था।

विधवा का दर्द - शक्ति सामंत की फिल्म कटी पतंग की कहानी एक विधवा (आशा पारेख) की थी, जिससे एक नौजवान (राजेश खन्ना) प्रेम करता है। लेकिन, समाज में विधवा को इसकी अनुमति नहीं। फिल्म का आज न छोड़ेंगे रे हमजोली गीत, जहां युवा उमंग को दर्शाता था, वहीँ एक विधवा के दुःख को भी प्रकट करने वाला था। इसी गीत में आशा पारेख पर रंग पड़ जाता है और वह सहम जाती है। इसी के बाद, राजेश खन्ना अपने प्रेम की अभिव्यक्ति करते हैं।

डाकुओ का हमला - शोले की कहानी काफी फैलाव लिए हुई थी. दो चोर, रिटायर पुलिस अधिकारी इन्हें गब्बर सिंह को पकड़ने के लिए रामगढ लाता है। इसी में एक तांगे वाली, एक विधवा और इन दोनों से इन चोरों के रोमांस की कहानी थी। शोले के गीत होली के दिन में धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी के बीच प्रेम का उन्मुक्त चित्रण है, अमिताभ बच्चन का विधवा जया भादुड़ी के प्रति प्रेम भी उभर कर आता है। अब यह बात दीगर है कि गीत ख़त्म होते होते गब्बर सिंह का हमला और भयानक खून खराबा होता हैं।  यहीं जय और वीरू के सामने राज खुलता है कि ठाकुर के हाथ कटे हुए हैं।

बच्चन के होली गीतों का सिलसिला - शोले के बाद, अमिताभ बच्चन पर फिल्माए गए दो होली गीत विशेष उल्लेखनीय है। पहला गीत यश चोपड़ा की फिल्म सिलसिला का था, जिसमे वह भांग के नशे में रंग बरसे गीत गाते हुए अपनी पुरानी प्रेमिका रेखा के साथ बिदास व्यवहार करता है। वही फिल्म बागबान का होरी खेले रघुवीर गीत पूरे परिवार के होली उत्साह को दर्शाने वाला है।

आज की पीढ़ी के होली गीत - युवा पीढी के होली गीतों की बात करें तो होली गीत अपनी भूमिका निभाते नज़र आते हैं। यह फिल्म निर्देशक पर निर्भर करता है कि वह अपनी फिल्म के चरित्रों की भावनाएं किस प्रकार से दर्शाना चाहता है। इस लिहाज़ यह जवानी है दीवानी, बद्रीनाथ की दुल्हनिया और टॉयलेट एक प्रेम कथा के होली गीत अनोखे हैं। अयान मुख़र्जी की फिल्म यह जवानी है दीवानी के होली गीत बलम पिचकारी, सिकुड़ी सिमटी रहने वाली दीपिका पादुकोण की उन्मुक्तता को दर्शाता है। वह मन ही मन रणबीर कपूर से प्रेम भी करने लगी है, लेकिन रणबीर कपूर विदेश जा रहा है। बद्रीनाथ की दुल्हनिया में होली को डिस्को शैली में फिल्माया गया है। टॉयलेट एक प्रेम कथा में पति पत्नी की भावनाए व्यक्त होती थी। इस गीत में अक्षय कुमार अपने भूमि पेडनेकर के प्रति प्रेम को व्यक्त करते हैं और उसके लिए घर के अन्दर शौचालय बनाना तय करता है।

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