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Saturday 10 February 2018

साकेत चौधरी नहीं करेंगे हिंदी मीडियम का सीक्वल

निर्माता और निर्देशक दिनेश विजन इस समय दो सीक्वल फिल्मों के निर्माण की सोच रहे हैं।  बदलापुर २ के बारे में बताया जा चुका है।  दूसरा सीक्वल, पिछले साल रिलीज़ इरफ़ान खान और पाकिस्तानी अभिनेत्री सबा कमर अभिनीत फिल्म हिंदी मीडियम का है।  हिंदी मीडियम को फिल्मफेयर और स्क्रीन अवार्ड्स मिले थे। हिंदी मीडियम का सीक्वल अगस्त से शूट होने के लिए फ्लोर पर जायेगा।  इस फिल्म के बारे में भी कहा जा रहा है कि फिल्म में पिछली फिल्म के मुक़ाबले दस साल की छलांग लगेगी।  फिल्म में इरफ़ान खान और सबा कमर की बेटी पिया अब १६ साल हो चुकी है। हालाँकि, हिंदी मीडियम की सीक्वल फिल्म भी भारत की शिक्षा व्यवस्था पर ही होगी। लेकिन, इसके टाइटल में मूल टाइटल का सिर्फ ज़िक्र भर ही होगा। फिल्म में दिल्ली के व्यापारी राज बत्रा की भूमिका इरफ़ान खान ही करेंगे। लेकिन, उनकी बीवी की भूमिका सबा कमर नहीं कर रही होंगी। बाकी की स्टार कास्ट के लिए अंदाजा ही लगाया जा सकता है।  वैसे हिंदी मीडियम के डायरेक्टर साकेत चौधरी सीक्वल फिल्म को डायरेक्ट नहीं करेंगे। 



 

Friday 9 February 2018

लीग ऑफ एक्स्ट्राऑर्डिनरी जेंटलमैन में इरफान खान


बॉलीवुड और हॉलीवुड की फिल्मों में बेहद शानदार किरदार निभाने वाले अभिनेता इरफान खान, अब द लीग ऑफ एक्स्ट्राऑर्डिनरी जेंटलमैन में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (एचबीएस) और हार्वर्ड केनेडी स्कूल (एचकेएस) के छात्रों ने इरफान खान को 'इंडिया कांफ्रेंस' के १५ वें एडिशन में आने का न्यौता दिया है। इस का आयोजन फरवरी में बोस्टन में किया जाएगा। इसमें इरफान एक इंस्पिरेशनल स्पीकर के तौर पर शामिल होंगे। इस कांफ्रेंस का थीम 'डिस्रप्टिव इनोवेशन इन इंडिया' होगा। कई इंटरनेशनल और हॉलीवुड फिल्म के अलावा, इरफान खान ने मकबूल, हिंदी मीडियम, लंच बॉक्स, पीकू, पान सिंह तोमर, करीब करीब सिंगल, जैसी फिल्मों में दमदार अभिनय और अपनी भूमिका से सबको प्रभावित किया है। उन्होंने भारत के कई रुढ़ीवादी तरीकों को चोट पहुंचाई है। इसलिए वह इस थीम के पीछे की प्रेरणा शक्ति हैं। इसके अलावा, इस साल इरफान खान ने हिंदी मीडियम में अपने अभिनय के लिए बेस्ट एक्टर अवार्ड हासिल किया। साथ ही वह इस साल कई दिलचस्प प्रोजेक्ट पर भी काम करने वाले हैं। ग्लोबल लीडरशिप के लिए भारत के रास्ते में मौजूद महत्वपूर्ण समस्याओं, इनके समाधान और अवसरों पर चर्चा के लिए पहले भी इस कांफ्रेंस में सरकारी अधिकारियों, बिजनेस लीडर, विद्वान लोगों, आर्टिस्ट,एथलीटों, समाजसेवियों और कई अन्य नेताओं को बुलाया जाता रहा है। इससे पहले भी हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल ने अमर्त्य सेन, उमर अब्दुल्ला, चंदा कोचर, अजीम प्रेमजी, शशि थरूर, पी. चिदंबरम, मनीष मल्होत्रा, करण जौहर, रजत शर्मा, विनोद राय और नवीन जिंदल की मेजबानी की है। इस साल इन्फ्लुएंसियल स्पीकर की लीग में इरफान खान भी शामिल हो जाएंगे।


Monday 30 October 2017

"द मिनिस्ट्री" में इरफान

बॉलीवुड पार्टी साँग और डैन्क इरफान जैसी इंटरनेट की मेमे सीरीज़ की अपार लोकप्रियता के बाद अब इरफान तीसरी बार डिजिटल कॉमेडी ग्रुप एआईबीके साथ काम करने जा रहे हैं। द मिनिस्ट्रीनाम का यह शो दस भागों में होगा और इसे एआईबी ने लिखा है। एमेज़ोन प्राइम पर स्ट्रीम होने वाला यह शो बड़े चुभने वाले राजनीतिक व्यंग्य से लोगों का मनोरंजन करेगा। इस शो के जरिए इरफान मनोरंजन के विभिन्न क्षेत्रों में अपने प्रयोगों को जारी रखेंगे और ऐसा करने वाले गिने-चुने फिल्म स्टारों में अपनी जगह बरकरार रखेंगे। द मिनिस्ट्री निश्चित रूप से मनोरंजन की नयी ऊंचाई को छूएगा, क्योंकि इसमें एक ग्लोबल स्टार और भारत का सबसे बड़ा कॉमेडी ग्रुप साथ मिलकर दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल मंज पर अपने हुनर का करिश्मा पेश करेंगे। शो के बारे में बोलते हुए  इरफान ने कहा, "मैं एआईबी के साथ फिर से काम करने के अवसर पर बेहद उत्साहित हूं, क्योंकि उनका कंटेंट ही मुझे उत्साहित करता है। इस शो में काम करना निश्चय ही एक यादगार अनुभव रहेगा"।

Tuesday 28 March 2017

जब इरफ़ान खान ने ओढ़ी साड़ी !

साकेत चौधरी की कॉमेडी ड्रामा फिल्म हिंदी मीडियम दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में रहने वाले विवाहित जोड़े  की है, जो उच्च-संभ्रांत घरों की पार्टियों शामिल  होना और घुलना मिलना चाहता है। यह जोड़ा हिंदी मध्यम स्कूल में पढ़ा है।  इसलिए अंग्रेजी न बोल पाना उनकी इस महत्वाकांक्षा के आड़े आता है।  इस भूमिका को इरफ़ान खान और पाकिस्तानी अभिनेत्री सबा क़मर कर रहे हैं।  आजकल इस फिल्म का साड़ी ओढ़े इरफ़ान खान का एक पोज़ वायरल हो रहा है कि इरफ़ान खान ने फिल्म में साड़ी क्यों पहनी है।  दरअसल, फिल्म में इरफ़ान खान एक व्यवसाई बने हैं, जिसकी चांदनी चौक इलाके में साड़ी, चुंदरी, आदि की दूकान है।  इरफ़ान खुद चुंदरी ओढ़ कर अपनी महिला ग्राहकों को समझाने की कोशिश करते हैं।  यह दृश्य ऎसी उनकी किसी कोशिश का है।  लेकिन, इस सीन को करने का एक बड़ा फायदा इरफ़ान को यह हुआ है कि वह साड़ी बांधना बहुत अच्छी तरह से जान गए हैं।  निर्माता दिनेश विजन और भूषण कुमार की यह फिल्म १२ मई को रिलीज़ हो रही है।


Wednesday 14 December 2016

इरफ़ान खान का मज़ाक, पाकिस्तानी एक्ट्रेस की खतरे में जान

कभी कभी खुद का बचाव करने के लिये किया गया मज़ाक भी भारी पड़ जाता है।  कम से कम इरफ़ान खान को लेकर कुछ ऐसा ही हुआ।  वह अपनी नई फिल्म हिंदी मीडियम का प्रमोशन करने के लिए पाकिस्तान गए हुए थे।  निर्देशक साकेत चौधरी की यह फिल्म दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में रह रहे पति-पत्नी की हास्य से भरपूर रोमांटिक फिल्म है, जो हाई सोसाइटी में घुलना-मिलना चाहता है।  इस फिल्म में पाकिस्तानी एक्ट्रेस सबा क़मर,  इरफ़ान खान की बीवी का किरदार कर रही हैं।  सभी जानते हैं कि उड़ी हमले के बाद पाकी एक्टर्स को लेकर भारतीयों में गुस्सा है।  इसलिए, यह सोचा जाने लगा था कि क्या सबा क़मर फिल्म में काम कर रही हैं।  इसी को लेकर पाकिस्तानी मीडिया ने सवाल  दागा था।  इस सवाल के जवाब में उन्हें गलत तरीके से न पेश किया जाये यह सोच कर इरफ़ान खान ने हिंदी मीडियम के करैक्टर को जरिया बनाते हुए मज़ाक किया कि सबा ने हिंदुस्तानी से शादी कर ली है, इसलिए वह अब भारतीय हैं।  मीडिया ने तो इसका सही मतलब निकाला।  लेकिन, पाकिस्तान में कुछ ग्रुप्स ने इसे गलत तरीके से लिया कि सबा क़मर ने एक हिंदुस्तानी से शादी कर ली है।  इरफ़ान के इस मज़ाक का अनर्थ यह हुआ कि सबा क़मर को जान से मार डालने की धमकी तक मिलने लगी।  ज़ाहिर है कि इरफ़ान खान अपने मज़ाक का यह हश्र देख कर खुश तो नहीं ही होंगे !

Tuesday 13 December 2016

इरफ़ान खान का मज़ाक, पाकिस्तानी एक्ट्रेस की खतरे में जान

कभी कभी खुद का बचाव करने के लिये किया गया मज़ाक भी भारी पड़ जाता है।  कम से कम इरफ़ान खान को लेकर कुछ ऐसा ही हुआ।  वह अपनी नई फिल्म हिंदी मीडियम का प्रमोशन करने के लिए पाकिस्तान गए हुए थे।  निर्देशक साकेत चौधरी की यह फिल्म दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में रह रहे पति-पत्नी की हास्य से भरपूर रोमांटिक फिल्म है, जो हाई सोसाइटी में घुलना-मिलना चाहता है।  इस फिल्म में पाकिस्तानी एक्ट्रेस सबा क़मर,  इरफ़ान खान की बीवी का किरदार कर रही हैं।  सभी जानते हैं कि उड़ी हमले के बाद पाकी एक्टर्स को लेकर भारतीयों में गुस्सा है।  इसलिए, यह सोचा जाने लगा था कि क्या सबा क़मर फिल्म में काम कर रही हैं।  इसी को लेकर पाकिस्तानी मीडिया ने सवाल  दागा था।  इस सवाल के जवाब में उन्हें गलत तरीके से न पेश किया जाये यह सोच कर इरफ़ान खान ने हिंदी मीडियम के करैक्टर को जरिया बनाते हुए मज़ाक किया कि सबा ने हिंदुस्तानी से शादी कर ली है, इसलिए वह अब भारतीय हैं।  मीडिया ने तो इसका सही मतलब निकाला।  लेकिन, पाकिस्तान में कुछ ग्रुप्स ने इसे गलत तरीके से लिया कि सबा क़मर ने एक हिंदुस्तानी से शादी कर ली है।  इरफ़ान के इस मज़ाक का अनर्थ यह हुआ कि सबा क़मर को जान से मार डालने की धमकी तक मिलने लगी।  ज़ाहिर है कि इरफ़ान खान अपने मज़ाक का यह हश्र देख कर खुश तो नहीं ही होंगे !

Tuesday 12 April 2016

इरफ़ान ने दी फैंस को असली वाली ख़ुशी

यह किसी भी स्टार के लिए नाज़ की बात है कि उनके फैंस उनको उनके होम कंट्री के बाहर शूटिंग के बीच चीयर करने आये।वैसे तो फ़िल्म स्टार्स अपने व्यस्त शूटिंग शेड्यूल के चलते लगातार काम में लगे रहते हैं लेकिन जब बात उनके फैंस की आती है तो वह समय निकाल उनसे ज़रूर मिलते हैं और उनके साथ समय बिताने का मौका नहीं जाने देते हैं। इसी तरह के स्टार अपने डैशिंग इरफ़ान खान हैं।
इरफ़ान आजकल मोस्तफा सरवार फ़ारूक़ी की नयी फ़िल्म 'नो बेड ऑफ़ रोज़ेज़' की शूटिंग में व्यस्त हैं।फ़िल्म के सेट पर इस गहरी आँखों वाले खान ने अपने एक निर्णय से फिल्म की पूरी क्रू को सकते में डाल दिया। इरफान को जब पता चला कि शूटिंग एरिया के बाहर उनके बेशुमार फैंस उनका लंबे समय से  इंतज़ार कर रहे हैं उनसे रुका न गया।जिस सीन की शूटिंग चल रही थी वह बहुत ही महत्वपूर्ण था, और बार बार इरफ़ान का ध्यान बाहर खड़े उनको बेहद प्यार करने वाले फैंस की तरफ खिंचा जा रहा था।और इस सब के चलते उन्होंने शूटिंग को बीच में रोककर उन्होंने अपने फैंस से मिलने का फैसला लिया।वह बाहर आये तो उन्होंने देखा कि बड़ी संख्या में उनके फैंस उनका बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे।यह देख गदगद हुए इरफ़ान ने न केवल अपने फैंस का अभिवादन किया बल्कि उनके साथ दिल खोलकर सेल्फी भी खिंचवायी और उन्हें ऑटोग्राफ भी दिए।

Saturday 2 January 2016

बॉलीवुड के लिए प्रतिभाओं की जनवरी

प्रतिभा के लिहाज़ से, बॉलीवुड के लिए जनवरी का महीना फलदार पेड़ की तरह है।  इस महीने प्रतिभाशाली अभिनेता, अभिनेत्रियां और डायरेक्टर मिले।  इनमे से बॉलीवुड के इम्तिहान में कुछ फेल भी हुए और कुछ फर्स्ट क्लास निकले ।  इस महीने पैदा निर्देशकों ने भारतीय सिनेमा को नयापन दिया।  कॉमेडी को नई दिशा दी।  एक्टर्स ने अपने सजीव अभिनय से चरित्रों को अविस्मरणीय बना दिया।
अभिनेत्रियां सेक्सी भी और इमोशनल भी
जनवरी में पैदा अभिनेत्रियां अभिनय  कला के  लिहाज़ से बेजोड़ हैं।  वह ग्लैमरस भी हैं और सेक्सी भी। इन अभिनेत्रीयों ने हिंदी फिल्मों की नायिका को नायक की परछाई से अलग अपनी पहचान दी।  इन अभिनेत्रियों के कारण फ़िल्में बिकती भी हैं और देखी भी जाती हैं।
विद्या बालन- साल के पहले दिन, १ जनवरी १९७९ को पैदा विद्या बालन की पहचान अभिनय सक्षम अभिनेत्री के बतौर हैं। उनका केरल से मुंबई तक का सफर टेलीविज़न से हो कर जाता है। सीरियल  हम पांच की यह नायिका आज परिणीता, डर्टी पिक्चर, कहानी, आदि फिल्मों में अपने कुशल अभिनय से पहचानी जाती हैं। उनको ध्यान में रख कर फ़िल्में लिखी जाने लगी है।
दीपिका पादुकोण- ५ जनवरी १९८६ को जन्मी दीपिका पादुकोण अभिनय और ग्लैमर का संगम हैं।  वह २००७ से लगातार हर साल कम से कम एक हिट फिल्म दे रही हैं। इस साल रिलीज़ फिल्म पीकू और तमाशा में उनके अभिनय की भी प्रशंसा हुई।
बिपाशा बासु- ७ जनवरी १९७९ को जन्मी बिपाशा बासु ने अपनी सेक्स अपील के बल पर ही ए ग्रेड फिल्मों को फतह किया।  उन्होंने इरोटिक थ्रिलर फिल्म जिस्म (२००३) से अपने करियर की शुरुआत की।  ऎसी फिल्मों की अभिनेत्रियां एक ख़ास खांचे वाली फिल्मों के लिए ही उपयुक्त मानी जाती हैं।  लेकिन, बिपाशा बासु ने खुद को इस ठप्पे से बचाते हुए नो एंट्री, फिर हेरा फेरी, रेस, धूम २, कॉर्पोरेट, अपहरण और बचना ऐ हसीनों जैसी बड़े बजट की भिन्न कथानकों वाली फ़िल्में की।
जनवरी  में जन्मी कुछ अन्य अभिनेत्रियो में से एक प्रीटी जिंटा की कभी तूती बोला करती थी।  उन्होंने लगभग हर बड़े सितारे के साथ फ़िल्में की। दक्षिण में अपनी अभिनय प्रतिभा का परचम लहराने के बाद श्रुति हासन और एमी जैक्सन हिंदी फिल्मों को जीतने आ गई हैं।  प्रीटी जिंटा और एमी जैक्सन ३१ जनवरी को पैदा हुई।  श्रुति  हासन ने २८ जनवरी को दुनिया में पहली सांस ली।  इनके अलावा कल्कि कोएच्लिन और पल्लवी शारदा १० जनवरी को, मिनिषा लाम्बा २८ जनवरी और रिया सेन २४ जनवरी को पैदा हुई अभिनेत्रियां हैं।
लाजवाब अभिनय वाले अभिनेता !
क्या यह इत्तेफ़ाक़ है कि अभिनेत्रियों की तरह  जनवरी में बहुमुखी प्रतिभा के अभिनेताओं ने जन्म लिया।  इन अभिनेताओं को अपने अभिनय के बूते हिंदी फिल्मों को नए प्रकार का नायक दिया।  बॉक्स ऑफिस को एक्टर-स्टार दिया। गायक मुकेश के पोते नील नितिन मुकेश ने जॉनी गद्दार से दर्शकों को आकर्षित किया था। उन पर नेगेटिव किरदार ख़ास फबते हैं।  ७ खून माफ़ और डेविड से दर्शकों को अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले नील नितिन मुकेश को दक्षिण के दर्शक सुपर हिट फिल्म कठ्ठी के विलेन के बतौर जानते हैं।  श्रेयस तलपडे (२७ जनवरी) और चन्दन रॉय सान्याल (३० जनवरी) लीक से हट कर भूमिकाओं से अपनी पहचान बना चुके हैं।  इनके अलावा आदित्य पंचोली (४ जनवरी), उदय चोपड़ा (५ जनवरी), इमरान खान, अध्ययन सुमन और अश्मित पटेल (१३ जनवरी), सिद्धार्थ मल्होत्रा (१६ जनवरी), सुशांत सिंह राजपूत (२१ जनवरी) और बॉबी देओल (२७ जनवरी) इसी महीने पैदा हुए।
नाना पाटेकर- १ जनवरी १९५१ को जन्मे नाना पाटेकर ने  खुद की पहचान बीआर चोपड़ा की फिल्म 'आज की आवाज़' के विलेन के रूप में बनाई।  अंकुश, तृषाग्नि, सलाम बॉम्बे, आदि कुछ फिल्मों में खुद को हरफनमौला अभिनेता साबित करने वाले नाना पाटेकर ने विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म परिंदा के अन्ना सेठ की भूमिका में दर्शकों की रीढ़ में सिहरन पैदा कर दी। वह प्रहार के नायक और निर्देशक थे।  तिरंगा, क्रांतिवीर, अग्निसाक्षी, टैक्सी नंबर ९२११, ब्लफ मास्टर, वेलकम, आदि उनकी अभिनय प्रतिभा और बॉक्स ऑफिस पर पकड़ को साबित करने वाली फ़िल्में थी।
इरफ़ान खान - नाना  पाटेकर जैसी प्रतिभा ७ जनवरी १९६७ को पैदा इरफ़ान खान में भी नज़र आई। उन्होंने सलाम बॉम्बे से  पीकू और जज़्बा तक खुद की प्रतिभा बार बार साबित की।  इसी का नतीज़ा है कि वह हॉलीवुड फिल्मों में स्वीकार किये गए।  इसी साल उन्हें जुरैसिक वर्ल्ड में देखा गया।
ह्रितिक रोशन- १० जनवरी १९७४ को जन्मे ह्रितिक रोशन सुन्दर सूरत और गठीले शरीर के कारण बॉक्स ऑफिस के पसंदीदा हैं।  वह अपनी अभिनय प्रतिभा से भी फिल्म मिशन कश्मीर, फ़िज़ा, लक्ष्य, गुज़ारिश, ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा और अग्निपथ के दर्शकों को प्रभावित कर चुके हैं। उनकी सिंधु सभ्यता की पृष्ठभूमि पर फिल्म 'मोहन जोदड़ो' की दर्शकों को प्रतीक्षा है।
अलग तरह की फ़िल्में बनाने वाले निर्देशक
जनवरी में ऐसे निर्देशक जन्मे, जिन्होंने बॉलीवुड में मील का पत्थर साबित होने वाली फ़िल्में बनाई।   फिल्मों को उत्कृष्ट तकनीक और गुणवत्ता प्रदान की।  ख़ास बात यह थी कि हर डायरेक्टर की अपनी अलग दृष्टि थी।  इससे हिंदी फिल्म दर्शकों को भिन्न शैली वाली फिल्में देखने को मिली।
फराह खान और फरहान अख्तर- इन दोनों हस्तियों की जन्म की तरीख बेशक ९  जनवरी है।  लेकिन, दोनों की फ़िल्में बनाने की शैली काफी भिन्न है।  फराह खान हलकी फुलकी कॉमेडी, कमोबेश स्पूफ फ़िल्में बनाती हैं। उन्होंने 'मैं हूँ न' और 'हैप्पी न्यू ईयर' जैसी सुपर हिट फ़िल्में बनाई हैं।  वहीँ, फरहान अख्तर दिल चाहता है, लक्ष्य, डॉन और डॉन २ जैसी फिल्मों के निर्देशक हैं।  यह सभी फ़िल्में भिन्न शैली की हैं।  फराह खान ने फिल्म 'शीरीं  फरहाद की तो निकल पड़ी' में नायिका की भूमिका की थी।  फरहान अख्तर के खाते में दर्जन भर दूसरी फिल्मों के अलावा ' भाग मिल्खा भाग' जैसी यादगार फिल्म दर्ज़ है।
रमेश सिपप्पी - २३ जनवरी १९४७ को जन्मे रमेश सिप्पी ने जब 'अंदाज़' और 'सीता और गीता'  जैसी सुपर हिट फिल्मों के ज़रिये बॉक्स ऑफिस पर अपनी पहचान बनाई उस समय वह मात्र २४ साल के थे। दर्शकों की नब्ज़ पहचानने वाल रमेश सिप्पी ने उस दौर में 'शोले' जैसी हिंसक फिल्म का निर्माण किया, जब रोमांटिक फिल्मों का दौर ख़त्म नहीं हुआ था।  लेकिन, शोले जैसी उत्कृष्ट तकनीक वाली फिल्म बना कर, रमेश सिप्पी ने हिंदी फिल्मों को एक्शन धारा की ओर मोड़ा ही, उच्च तकनीक अपनाने के लिए भी प्रेरित किया।
सुभाष घई- २४ जनवरी ९४५ को जन्मे सुभाष घई को राजकपूर के बाद दूसरा शोमैन कहा गया। सुभाष घई की कालीचरण, विश्वनाथ और गौतम गोविंदा से लेकर क़र्ज़ और ताल तक फ़िल्में अपने मधुर संगीत और स्वप्निल भव्य सेट्स के कारण भी जानी जाती हैं। उन्होंने एक्शन फिल्मों के युग में भी हीरो, सौदागर, परदेस और ताल जैसी संगीतमय रोमांस फ़िल्में बनाई।  यह फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल भी हुई।
विक्रम भट्ट- २७ जनवरी १९६९ को जन्मे विक्रम भट्ट ने जनम और गुलाम जैसी हिट फिल्मों से अपने करियर शुरू किया।  लेकिन, उन्हें हॉरर फिल्मों को जीवन देने वाला निर्देशक माना गया हॉरर फिल्म राज़ (२००२)  के बाद।  इस फिल्म ने भट्ट कैंप के लिए फ्रैंचाइज़ी फिल्मों का दरवाज़ा खोल दिया।  फिल्म १९२० के बाद विक्रम भट्ट हॉरर फिल्मों के मसीहा बन गए।  उन्होंने हॉन्टेड फिल्म को ३डी में बना कर हॉरर फिल्मों के लिए भी उत्कृष्ट तकनीक के रास्ते खोल दिए।
प्रियदर्शन- ३० जनवरी १९५७ को जन्मे प्रियदर्शन ने मलयालम फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की।  दो दर्जन से ज़्यादा मलयालम फ़िल्में बनाने के बाद प्रियदर्शन फिल्म 'मुस्कराहट'  से हिंदी फिल्मों में आये।  इस फिल्म ने प्रियदर्शन को हिंदी दर्शको का प्रिय बना दिया।  गर्दिश और विरासत जैसी भिन्न शैली वाली फिल्मों के बाद फिल्म 'हेरा फेरी' (२०००) ने प्रियदर्शन को अलग तरह  की कॉमेडी फ़िल्में बनाने वाले निर्देशक के रूप में स्थापित कर दिया,  जिसकी फ़िल्में संदेसा भी देती थी।  'भूल भुलैया' में प्रियदर्शन कॉमेडी और सुपर नेचुरल पावर का अनोखा मिश्रण कर रहे थे।


    

Wednesday 30 December 2015

रॉबर्ट लंगडोन की थ्रीक्वेल फिल्म 'इन्फर्नो' में इरफ़ान खान

सोनी पिक्चर्स द्वारा जारी तस्वीरों में टॉम हैंक्स, फ़ेलिसिटी जोंस के साथ भागते नज़र आ रहे हैं।  डायरेक्टर रोन होवार्ड का थ्रीकुएल इन्फर्नो टॉम हैंक्स के करैक्टर रॉबर्ट लंगडोन के साथ तीसरी ब्लॉकबस्टर मिस्ट्री बताई जा रही हैं।  यह फिल्म डान ब्राउन के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित फिल्म है।  डान ब्राउन ने प्रोफेसर रॉबर्ट लंगडोन के काल्पनिक करैक्टर के साथ चार उपन्यास 'एंजेल्स एंड डीमॉन्स' (२०००), डा विन्ची कोड (२००३), द लॉस्ट सिंबल (२००९) और इन्फर्नो (२०१३) लिखे थे।  पहले दो उपन्यासों पर इसी टाइटल के साथ बनी फिल्मों में टॉम हैंक्स ने प्रोफेसर रॉबर्ट लंगडोन के किरदार किये थे।  अब वह तीसरी बार इस तीसरी कड़ी में इस किरदार को कर रहे हैं। प्रोफेसर रॉबर्ट लंगडोन सिंबलोजिस्ट (चिन्ह विशेषज्ञ) है।  इन्फर्नो में वह जब इटली के एक हॉस्पिटल में आँख खोलता है तो सब कुछ भूल चूका है।  वह एक डॉक्टर सिएना ब्रुक्स की मदद से अपनी खोई यादें वापस पाना चाहता है।  क्योंकि, तभी वह एक सिरफिरे को दांते की अमर पुस्तिका के ज़रिये दुनिया में प्लेग फैलाने से रोक सकता है। फिल्म में डॉक्टर सिएना ब्रुक्स का किरदार द थ्योरी ऑफ़ एवरीथिंग की नायिका फ़ेलिसिटी जोंस, हैरी सिम्स का किरदार बॉलीवुड अभिनेता इरफ़ान खान, क्रिस्टोफर ब्रूडर का किरदार द इनटॉचबलस के ओमर सय और डॉक्टर एलिज़ाबेथ सिंस्की का किरदार बोरगेन की बाबेट्ट कनडसेन कर रहे हैं। फिल्म के मुख्य विलेन वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के हेड का किरदार लोन सर्वाइवर के बेन फोस्टर कर रहे हैं।  इन्फर्नो की पटकथा डेविड कोएप ने लिखी है।  फिल्म २८ अक्टूबर २०१६ को रिलीज़ होगी।