दिलीप कुमार पर फिल्माए गए गीत पीते पीते जाम बदल जाते है, चालीस साल पहले आज के दिन ११ अगस्त १९८५ को प्रदर्शित फिल्म मेरी जंग पर सटीक बैठता है। यह एक ऐसी फिल्म थी, जिसे घोषणा से लेकर पूरा होने तक कई होंठों से जाम छिने और दूसरे होंठों तक पहुंचे। आज फिल्म मेरी जंग के प्यासे रह गए और जाम पी गए होंठों के बारे में बताते हैं।
फिल्म निर्माता एनएन सिप्पी, शायद राजेंद्र कुमार की १९६९ में प्रदर्शित स्पाई फिल्म शतरंज से प्रेरित हो कर फिल्म शतरंज का निर्माण करना चाहते थे। क्योंकि, वह इस फिल्म के एसोसिएट निर्माता भी थे। एनएन सिप्पी ने इस फिल्म के निर्देशन की कमान रमेश सिप्पी को सौंपी थी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, अमजद खान और अनिल कपूर मुख्य भूमिकाओं में थे। इस फिल्म की घोषणा १९८२ में हुई थी। चूंकि फिल्म एक वकील की कहानी थी, अमिताभ को इस लिए लिया गया कि उन्होंने इसके पहले कभी वकील की भूमिका नहीं की थी।
इसी दौरान अमिताभ बच्चन कुली के सेट पर गंभीर रूप से घायल हो गए। चोट से उन्हें १९८४ में राजीव गाँधी की तरफ से, इलाहाबाद की लोकसभा सीट से कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ने का आमंत्रण आया। दोस्त की पुकार पर अमिताभ बच्चन शतरंज की फ़िल्मी बिसात छोड़ कर राजनीति की बिसात मोहरे चलने आ गए।
शतरंज से अमिताभ बच्चन के निकलने के बाद बड़े परिवर्तन हुए। जाम एक होंठ से दूसरे होंठ लगने लगे। सबसे पहले, शतरंज का नाम बदल कर मेरी जंग कर दिया गया। फिल्म के निर्देशक रमेश सिप्पी के स्थान पर सुभाष घई बना दिए गए। सुभाष घई के निर्देशक जीवन का प्रारम्भ एनएन सिप्पी निर्मित फिल्म कालीचरण से हुआ था। मेरी जंग, सुभाष घई की, सिप्पी के लिए दूसरी और अंतिम फिल्म थी। इस फिल्म के बाद, सुभाष घई ने कभी दूसरे निर्माता की फिल्म निर्देशित नहीं की।
इसके बाद, मेरी जंग में कलाकारों के बदलाव का सिलसिला प्रारम्भ हो गया। फिल्म शतरंज में खल भूमिका कर रहे अनिल कपूर, अमिताभ बच्चन के स्थान पर फिल्म के नायक बना दिए गए। इस फिल्म ने अनिल कपूर के करियर को नया मोड़ दिया। अनिल कपूर आज भी इसका श्रेय अमिताभ बच्चन के फिल्म शतरंज छोड़ने को देते है।
शतरंज की नायिका जयाप्रदा थी। क्योंकि, जयाप्रदा के हिंदी फिल्म जीवन का प्रारम्भ सिप्पी की फिल्म सरगम से हुआ था। किन्तु, जयाप्रदा, अमिताभ बच्चन पर आसक्त थी। वह अमिताभ बच्चन के लिए ही फिल्म कर रही थी। इसलिए जैसे ही अमिताभ बच्चन ने शतरंज छोड़ी , जयाप्रदा ने भी बाजी छोड़ दी। जयाप्रदा के स्थान पर फिल्म में अनिल कपूर की नायिका मीनाक्षी शेषाद्रि बना दी गई।
जहाँ, शतरंज से मेरी जंग बनते ही फिल्म मेरी जंग के नायक और नायिका में बदलाव हुआ, इसके खलनायक भी बदल गए। अमजद खान की जगह अमरीश पुरी आ गए। अनिल कपूर की भूमिका पुराने ज़माने के हास्य अभिनेता जगदीप के बेटे जावेद जाफरी को मिल गई। उनका फिल्म में बोल बेबी बोल पर ब्रेक डांस सुपरहिट हो गया। किन्तु, फिल्म मेरी जंग के हिट होने का लाभ जावेद को नहीं मिला। यद्यपि बीआर इशारा ने अपनी हॉरर थ्रिलर फिल्म वह फिर आएगी में एक ब्रेक डांस पहला पहला प्यार जानम तेरे लिए जावेद पर ही फिल्माया था।
जावेद जाफरी को मेरी जंग से पहले फिल्म डिस्को डांसर में एक डिस्को डांसर की भूमिका का अवसर मिला था। किन्तु, जावेद जाफरी नहीं चाहते थे कि वह नायक मिथुन चक्रवर्ती से कमतर हीरो की भूमिका करें। बाद में यह भूमिका करण राजदान ने की।
मेरी जंग के लिए नूतन और अमरीश पुरी को सह अभिनेत्री और सह अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। इस फिल्म के एक गीत झूम ले को संगीतकार लक्ष्मीकांत के साथ सुभाष घई ने गाया था। मेरी जंग लेखक जावेद अख़बार की सुभाष घई के लिए इकलौती फिल्म थी।
फिल्म में जावेद जाफरी के साथ ब्रेक डांस करने वाली अभिनेत्री खुशबू को बॉलीवुड में अपेक्षित सफलता नहीं मिली। किन्तु, वह दक्षिण की फिल्मों के बहुत सफल हुई। प्रशंसकों द्वारा उनके नाम के मंदिर भी बनाये गए।


