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Friday, 29 March 2019

नाना पाटेकर की दक्षिण से वापसी !


दस साल पहले, फिल्म हॉर्न ओके प्लीज के सेट पर हुई घटना को फिर से सुर्ख़ियों में ला कररिटायर हो चुकी फिल्म अभिनेत्री तनुश्री दत्ता (Tanushree Dutta) ने नाना पाटेकर (Nana Patekar) का नुकसान तो कर ही दिया।

अब वह भारत से अमेरिका जा चुकी हैं। लेकिन, इधर बॉलीवुड में, मीटू में फंसे नाना पाटेकर मुसीबत में हैं। उन्हें हॉउसफुल ४ (Houseful 4) से बीच शूटिंग से ही वापस कर दिया गया। वेलकम सीरीज की तीसरी फिल्म के लिए भी नाना पाटेकर के नाम को ना ना हो चुकी है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है।

परन्तु,  दक्षिण में तनुश्री दत्ता (Nana Patekar) के द्वारा शुरू किये गए मीटू मूवमेंट का कोई असर नहीं है। जिस तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के भल्लालदेवा राणा डग्गुबाती (Rana Daggubati) को हाउसफुल ४ में नाना पाटेकर (Nana Patekar) की जगह लिया गया था, वही तेलुगु इंडस्ट्री नाना पाटेकर को हाँ हाँ बोलते हुए बाहें फैलाये खडी है।

खबर गर्म है कि नाना पाटेकर (Nana Patekar), मीटू मूवमेंट के बाद, अपनी अभिनय की दूसरी पारी की शुरुआत एक तेलुगु फिल्म से करने जा रहे हैं। यह फिल्म,   हॉलीवुड (Hollywood) की २००९ में रिलीज़ कॉमेडी फंतासी रोमांस फ़िल्म द इन्वेंशन ऑफ़ लाइंग (The Invention of Lying) की रीमेक होगी।


इस फिल्म की कहानी एक ऐसे संसार की है, जहाँ हर कोई सच बोलता है। झूठ कोई नहीं बोलता।  मगर, एक पटकथा लेखक पर नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है। वह अपना करियर बचाने के लिए एक झूठी कहानी रचता है। फिर क्या होता है, यह जानना बेहद दिलचस्प होगा।

फिल्म के तेलुगु संस्करण को त्रिविक्रम श्रीनिवास (Trivikram Srinivas) निर्देशित करेंगे। इस फिल्म में अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) मुख्य भूमिका में होंगे। फिल्म के निर्देशक त्रिविक्रम, अपनी फिल्म में एक बिलकुल नए चेहरे को लेना  चाहते थे। पूरे देश की फिल्म इंडस्ट्री की ख़ाक छानने के बाद त्रिविक्रम को इस रोल के लिए नाना पाटेकर खूब फबे।

अब जल्द ही नाना पाटेकर (Nana Patekar) से बातचीत के बाद, फिल्म के बारे में आधिकारिक ऐलान कर दिया जाएगा। खबर यह भी है कि इस फिल्म में तब्बू को भी शामिल किया जा रहा है। वह फिल्म में, अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) की माँ की भूमिका करेंगी। नाना पाटेकर (Nana Patekar) और तब्बू (Tabu) ने तीन फ़िल्में कोहराम, हु तू तू और तरकीब एक साथ की हैं।  


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Wednesday, 27 March 2019

अक्षय और परेश का वेलकम नाना को न न !



अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और कैटरीना कैफ (Katrina Kaif) की रोमांटिक जोडी के साथ दो हास्यास्पद डॉन मजनू और उदय शेट्टी की फिल्म वेलकम (२००७) को बड़ी सफलता मिली थी।

वेलकम की बड़ी सफलता के बावजूदआठ साल बाद, जब निर्देशक अनीस बज्मी (Anees Bazmee) की फिल्म वेलकम बेक (२०१५) आई, तब उसमे अक्षय कुमार और कैटरीना कैफ की रोमांटिक जोड़ी नदारद थी।

लेकिन, अनिल कपूर (Anil Kapoor) और नाना पाटेकर (Nana Patekar) के रूप में मजनू और उदय शेट्टी मौजूद थे। फिल्म में जॉन अब्राहम (John Abraham) और श्रुति हासन (Shruti Haasan) की रोमांटिक जोड़ी बनाई गई थी। इस फिल्म को भी बड़ी सफलता मिली थी।

अब निर्माता फ़िरोज़ नाडियाडवाला (Firoz Nadiadwala) ने, वेलकम की फ्रैंचाइज़ी के तौर पर तीसरी फिल्म बनाने का ऐलान किया है। इस फिल्म का निर्देशन अनीस बज्मी ही करेंगे।

लेकिन, स्टारकास्ट में बड़ा बदलाव किये जाने की खबर है। फिल्म में अनिल कपूर की मौजूदगी तो तय है। लेकिन, वेलकम और वेलकम बेक में उनके जोड़ीदार नाना पाटेकर को न न बोल दी गई है। 

उनकी जगह किसी दूसरे अभिनेता (शायद नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी (Nawauddi Siddiqui) या इरफ़ान खान (Irrfan Khan) को तलाशा जा रहा है।

अभी दूसरी स्टारकास्ट का भी ऐलान होना है। अनीस बज्मी पागलपंथी की शूटिंग में व्यस्त है, इसलिए उम्मीद है कि पागलपंथी की शूटिंग पूरी होने के बाद ही वेलकम की तीसरी फिल्म की स्टारकास्ट का ऐलान होगा।


विक्टिम बन कर टक्कर देगी अजय देवगन को दीपिका !-  क्लिक करें 

Wednesday, 17 October 2018

नाना की जगह जैकी दादा !



हाउसफुल ४ की चाय की प्याली में तूफ़ान ही तूफ़ान है।

निर्माता साजिद नाडियाडवाला की इस फिल्म के एक एक्टर नाना पाटेकर पर, पूर्व फिल्म अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने १० साल पुराना मीटू अस्त्र छोड़ दिया। नतीजे के तौर पर, बॉलीवुड में मीटू की दुर्गन्ध में डूबी नायिका बनने की इच्छुक अभिनेत्रियों के मीटू रूदन से पूरा देश शोर में डूब गया। 

नाना पाटेकर के बाद, फिल्म के निर्देशक साजिद खान पर एक महिला पत्रकार ने इंटरव्यू के दौरान अश्लील व्यवहार करने का आरोप लगा दिया।

पहले तो साजिद खान और उनकी बहन फराह खान ने इन आरोपों को मज़ाक में उड़ा ही दिया था। 

लेकिन, अपनी सोशल एक्टिव बीवी के शौहर अक्षय कुमार छुट्टियों की मौज़ मस्तियाँ निबटाने के बाद स्वदेश वापस लौटे।

उन्होंने लौटते ही, सार्वजनिक अपील का बम फोड़ डाला।

फिल्म के निर्माताओं से अपील की कि हाउसफुल ४ की शूटिंग फिलहाल के लिए रोक दी जाए।

इसका परिणाम पहले साजिद खान के और फिर नाना पाटेकर के बाहर होने के तौर पर सामने आया।

साजिद खान के बदल के तौर पर, साजिद नाडियाडवाला हाउसफुल ३ के निर्देशक फरहाद सामजी को ले आये।

अब खोज होने लगी नाना पाटेकर के बदल की।

यह खोज संजय दत्त और अनिल कपूर से होते हुए जैकी श्रॉफ पर आ रुकी है। अब हाउसफुल ४ में नाना (पाटेकर) की जगह दादा (जैकी श्रॉफ) लेंगे।

लेकिन, स्टारों के निकलने का सिलसिला यहीं रुकता नहीं लगता।

फिल्म की तीन अभिनेत्रियों में से एक कृति सैनन ने ट्वीट कर साजिद खान का समर्थन कर दिया है।  ट्विटर पर कृति की ट्रोलिंग  का सिलसिला शुरू हो गया है।

क्या यह सिलसिला कृति के बाहर होने पर ख़त्म होगा ?



पिता करीम मोरानी के मीटू पर क्या बोली जोया मोरानी ? - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Saturday, 29 September 2018

नाना को छूने लगी है तनुश्री दत्ता की आग !


क्या तनुश्री दत्ता के आरोप की आंच नाना पाटेकर को छूने लगी है ?

हाउसफुल ४ की लोकेशन शूटिंग के दौरान की घटना से तो ऐसा ही लगता है।

नाना पाटेकर, हाउसफुल ४ की स्टार कास्ट में शामिल किये गये थे। वह हाउसफुल ४ की शूटिंग में शामिल होने के लिए जैसलमेर पहुँच भी गए थे।

हवाई अड्डे पर, हाउसफुल ४ की टीम ने उनका स्वागत किया। मुंबई से, नाना पाटेकर के साथ फराह खान और फिल्म की एक एक्टर कृति सैनन भी थी।


फिल्म के निर्देशक साजिद खान की बहन फराह खान ने इस मौके का एक फोटो अपने सोशल अकाउंट में पोस्ट भी किया।

लेकिन, खबर है कि नाना पाटेकर जैसलमेर पहुँच जाने के बावजूद, सेट पर तो पहुंचे लेकिन शूटिंग में हिस्सा नहीं ले सके। वह जैसलमेर से बिना एक भी सीन शूट किये वापस आ गए।

सूत्र बताते हैं कि  नाना पाटेकर को फिल्म से हटाया नहीं गया है। उनके सीन बाद में किसी समय शूट कर फिल्म में शामिल कर लिए जायेंगे।

यहाँ, बताते चलें कि नाना पाटेकर के साथ फोटो खिंचाने के लिए अक्षय कुमार मौजूद नहीं थे।


बॉलीवुड में मिलने लगा है तनुश्री दत्ता को समर्थन - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Friday, 9 February 2018

आज रिलीज़ हो रही है अजय देवगन के कैमिया वाली आपला मानुस

प्रियंका चोपड़ा और अनुष्का शर्मा की कड़ी में अभिनेता अजय देवगन भी फिल्मों के निर्माण में उतर आये हैं।  उनकी पहली फिल्म आपला मानुस आज रिलीज़ हो रही है।  इस फिल्म  में मानुस की केंद्रीय भूमिका नाना पाटेकर कर रहे हैं।  अजय देवगन ने अपनी ही फिल्म में कैमिया किया है।  अजय देवगन और नाना पाटेकर ने तीन हिंदी फ़िल्में अपहरण, भूत और राजनीती एक साथ की है।  इस लिहाज़ से इन दोनों के बीच अच्छे सम्बन्ध हैं।  नाना पाटेकर ने  अजय देवगन की दिवाली २०१७ में रिलीज़ फिल्म गोलमाल अगेन में अपनी आवाज़ के ज़रिये कैमिया किया था।  आपला मानुस एक पारिवारिक फिल्म है।  इस फिल्म  का निर्देशन सतीश रजवाड़े कर रहे हैं।  फिल्म में इरावती हरषे और सुमित राघवन भी अभिनय कर रहे हैं।  सतीश रजवाड़े इससे पहले करीब १४ मराठी फ़िल्में निर्देशित का चुके हैं।  अजय देवगन के साथ फिल्म निर्माता के रूप में अभिनव  शुक्ल और मनीष मिश्रा का प्रोडक्शन हाउस वाटरगेट प्रोडक्शन कर रहा है।  अगर आपला मानुस हिट हो गई तो अजय देवगन को भी अच्छी क्षेत्रीय भाषा की फ़िल्में बनाने का हौसला मिलेगा। 


Saturday, 2 January 2016

बॉलीवुड के लिए प्रतिभाओं की जनवरी

प्रतिभा के लिहाज़ से, बॉलीवुड के लिए जनवरी का महीना फलदार पेड़ की तरह है।  इस महीने प्रतिभाशाली अभिनेता, अभिनेत्रियां और डायरेक्टर मिले।  इनमे से बॉलीवुड के इम्तिहान में कुछ फेल भी हुए और कुछ फर्स्ट क्लास निकले ।  इस महीने पैदा निर्देशकों ने भारतीय सिनेमा को नयापन दिया।  कॉमेडी को नई दिशा दी।  एक्टर्स ने अपने सजीव अभिनय से चरित्रों को अविस्मरणीय बना दिया।
अभिनेत्रियां सेक्सी भी और इमोशनल भी
जनवरी में पैदा अभिनेत्रियां अभिनय  कला के  लिहाज़ से बेजोड़ हैं।  वह ग्लैमरस भी हैं और सेक्सी भी। इन अभिनेत्रीयों ने हिंदी फिल्मों की नायिका को नायक की परछाई से अलग अपनी पहचान दी।  इन अभिनेत्रियों के कारण फ़िल्में बिकती भी हैं और देखी भी जाती हैं।
विद्या बालन- साल के पहले दिन, १ जनवरी १९७९ को पैदा विद्या बालन की पहचान अभिनय सक्षम अभिनेत्री के बतौर हैं। उनका केरल से मुंबई तक का सफर टेलीविज़न से हो कर जाता है। सीरियल  हम पांच की यह नायिका आज परिणीता, डर्टी पिक्चर, कहानी, आदि फिल्मों में अपने कुशल अभिनय से पहचानी जाती हैं। उनको ध्यान में रख कर फ़िल्में लिखी जाने लगी है।
दीपिका पादुकोण- ५ जनवरी १९८६ को जन्मी दीपिका पादुकोण अभिनय और ग्लैमर का संगम हैं।  वह २००७ से लगातार हर साल कम से कम एक हिट फिल्म दे रही हैं। इस साल रिलीज़ फिल्म पीकू और तमाशा में उनके अभिनय की भी प्रशंसा हुई।
बिपाशा बासु- ७ जनवरी १९७९ को जन्मी बिपाशा बासु ने अपनी सेक्स अपील के बल पर ही ए ग्रेड फिल्मों को फतह किया।  उन्होंने इरोटिक थ्रिलर फिल्म जिस्म (२००३) से अपने करियर की शुरुआत की।  ऎसी फिल्मों की अभिनेत्रियां एक ख़ास खांचे वाली फिल्मों के लिए ही उपयुक्त मानी जाती हैं।  लेकिन, बिपाशा बासु ने खुद को इस ठप्पे से बचाते हुए नो एंट्री, फिर हेरा फेरी, रेस, धूम २, कॉर्पोरेट, अपहरण और बचना ऐ हसीनों जैसी बड़े बजट की भिन्न कथानकों वाली फ़िल्में की।
जनवरी  में जन्मी कुछ अन्य अभिनेत्रियो में से एक प्रीटी जिंटा की कभी तूती बोला करती थी।  उन्होंने लगभग हर बड़े सितारे के साथ फ़िल्में की। दक्षिण में अपनी अभिनय प्रतिभा का परचम लहराने के बाद श्रुति हासन और एमी जैक्सन हिंदी फिल्मों को जीतने आ गई हैं।  प्रीटी जिंटा और एमी जैक्सन ३१ जनवरी को पैदा हुई।  श्रुति  हासन ने २८ जनवरी को दुनिया में पहली सांस ली।  इनके अलावा कल्कि कोएच्लिन और पल्लवी शारदा १० जनवरी को, मिनिषा लाम्बा २८ जनवरी और रिया सेन २४ जनवरी को पैदा हुई अभिनेत्रियां हैं।
लाजवाब अभिनय वाले अभिनेता !
क्या यह इत्तेफ़ाक़ है कि अभिनेत्रियों की तरह  जनवरी में बहुमुखी प्रतिभा के अभिनेताओं ने जन्म लिया।  इन अभिनेताओं को अपने अभिनय के बूते हिंदी फिल्मों को नए प्रकार का नायक दिया।  बॉक्स ऑफिस को एक्टर-स्टार दिया। गायक मुकेश के पोते नील नितिन मुकेश ने जॉनी गद्दार से दर्शकों को आकर्षित किया था। उन पर नेगेटिव किरदार ख़ास फबते हैं।  ७ खून माफ़ और डेविड से दर्शकों को अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले नील नितिन मुकेश को दक्षिण के दर्शक सुपर हिट फिल्म कठ्ठी के विलेन के बतौर जानते हैं।  श्रेयस तलपडे (२७ जनवरी) और चन्दन रॉय सान्याल (३० जनवरी) लीक से हट कर भूमिकाओं से अपनी पहचान बना चुके हैं।  इनके अलावा आदित्य पंचोली (४ जनवरी), उदय चोपड़ा (५ जनवरी), इमरान खान, अध्ययन सुमन और अश्मित पटेल (१३ जनवरी), सिद्धार्थ मल्होत्रा (१६ जनवरी), सुशांत सिंह राजपूत (२१ जनवरी) और बॉबी देओल (२७ जनवरी) इसी महीने पैदा हुए।
नाना पाटेकर- १ जनवरी १९५१ को जन्मे नाना पाटेकर ने  खुद की पहचान बीआर चोपड़ा की फिल्म 'आज की आवाज़' के विलेन के रूप में बनाई।  अंकुश, तृषाग्नि, सलाम बॉम्बे, आदि कुछ फिल्मों में खुद को हरफनमौला अभिनेता साबित करने वाले नाना पाटेकर ने विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म परिंदा के अन्ना सेठ की भूमिका में दर्शकों की रीढ़ में सिहरन पैदा कर दी। वह प्रहार के नायक और निर्देशक थे।  तिरंगा, क्रांतिवीर, अग्निसाक्षी, टैक्सी नंबर ९२११, ब्लफ मास्टर, वेलकम, आदि उनकी अभिनय प्रतिभा और बॉक्स ऑफिस पर पकड़ को साबित करने वाली फ़िल्में थी।
इरफ़ान खान - नाना  पाटेकर जैसी प्रतिभा ७ जनवरी १९६७ को पैदा इरफ़ान खान में भी नज़र आई। उन्होंने सलाम बॉम्बे से  पीकू और जज़्बा तक खुद की प्रतिभा बार बार साबित की।  इसी का नतीज़ा है कि वह हॉलीवुड फिल्मों में स्वीकार किये गए।  इसी साल उन्हें जुरैसिक वर्ल्ड में देखा गया।
ह्रितिक रोशन- १० जनवरी १९७४ को जन्मे ह्रितिक रोशन सुन्दर सूरत और गठीले शरीर के कारण बॉक्स ऑफिस के पसंदीदा हैं।  वह अपनी अभिनय प्रतिभा से भी फिल्म मिशन कश्मीर, फ़िज़ा, लक्ष्य, गुज़ारिश, ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा और अग्निपथ के दर्शकों को प्रभावित कर चुके हैं। उनकी सिंधु सभ्यता की पृष्ठभूमि पर फिल्म 'मोहन जोदड़ो' की दर्शकों को प्रतीक्षा है।
अलग तरह की फ़िल्में बनाने वाले निर्देशक
जनवरी में ऐसे निर्देशक जन्मे, जिन्होंने बॉलीवुड में मील का पत्थर साबित होने वाली फ़िल्में बनाई।   फिल्मों को उत्कृष्ट तकनीक और गुणवत्ता प्रदान की।  ख़ास बात यह थी कि हर डायरेक्टर की अपनी अलग दृष्टि थी।  इससे हिंदी फिल्म दर्शकों को भिन्न शैली वाली फिल्में देखने को मिली।
फराह खान और फरहान अख्तर- इन दोनों हस्तियों की जन्म की तरीख बेशक ९  जनवरी है।  लेकिन, दोनों की फ़िल्में बनाने की शैली काफी भिन्न है।  फराह खान हलकी फुलकी कॉमेडी, कमोबेश स्पूफ फ़िल्में बनाती हैं। उन्होंने 'मैं हूँ न' और 'हैप्पी न्यू ईयर' जैसी सुपर हिट फ़िल्में बनाई हैं।  वहीँ, फरहान अख्तर दिल चाहता है, लक्ष्य, डॉन और डॉन २ जैसी फिल्मों के निर्देशक हैं।  यह सभी फ़िल्में भिन्न शैली की हैं।  फराह खान ने फिल्म 'शीरीं  फरहाद की तो निकल पड़ी' में नायिका की भूमिका की थी।  फरहान अख्तर के खाते में दर्जन भर दूसरी फिल्मों के अलावा ' भाग मिल्खा भाग' जैसी यादगार फिल्म दर्ज़ है।
रमेश सिपप्पी - २३ जनवरी १९४७ को जन्मे रमेश सिप्पी ने जब 'अंदाज़' और 'सीता और गीता'  जैसी सुपर हिट फिल्मों के ज़रिये बॉक्स ऑफिस पर अपनी पहचान बनाई उस समय वह मात्र २४ साल के थे। दर्शकों की नब्ज़ पहचानने वाल रमेश सिप्पी ने उस दौर में 'शोले' जैसी हिंसक फिल्म का निर्माण किया, जब रोमांटिक फिल्मों का दौर ख़त्म नहीं हुआ था।  लेकिन, शोले जैसी उत्कृष्ट तकनीक वाली फिल्म बना कर, रमेश सिप्पी ने हिंदी फिल्मों को एक्शन धारा की ओर मोड़ा ही, उच्च तकनीक अपनाने के लिए भी प्रेरित किया।
सुभाष घई- २४ जनवरी ९४५ को जन्मे सुभाष घई को राजकपूर के बाद दूसरा शोमैन कहा गया। सुभाष घई की कालीचरण, विश्वनाथ और गौतम गोविंदा से लेकर क़र्ज़ और ताल तक फ़िल्में अपने मधुर संगीत और स्वप्निल भव्य सेट्स के कारण भी जानी जाती हैं। उन्होंने एक्शन फिल्मों के युग में भी हीरो, सौदागर, परदेस और ताल जैसी संगीतमय रोमांस फ़िल्में बनाई।  यह फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल भी हुई।
विक्रम भट्ट- २७ जनवरी १९६९ को जन्मे विक्रम भट्ट ने जनम और गुलाम जैसी हिट फिल्मों से अपने करियर शुरू किया।  लेकिन, उन्हें हॉरर फिल्मों को जीवन देने वाला निर्देशक माना गया हॉरर फिल्म राज़ (२००२)  के बाद।  इस फिल्म ने भट्ट कैंप के लिए फ्रैंचाइज़ी फिल्मों का दरवाज़ा खोल दिया।  फिल्म १९२० के बाद विक्रम भट्ट हॉरर फिल्मों के मसीहा बन गए।  उन्होंने हॉन्टेड फिल्म को ३डी में बना कर हॉरर फिल्मों के लिए भी उत्कृष्ट तकनीक के रास्ते खोल दिए।
प्रियदर्शन- ३० जनवरी १९५७ को जन्मे प्रियदर्शन ने मलयालम फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की।  दो दर्जन से ज़्यादा मलयालम फ़िल्में बनाने के बाद प्रियदर्शन फिल्म 'मुस्कराहट'  से हिंदी फिल्मों में आये।  इस फिल्म ने प्रियदर्शन को हिंदी दर्शको का प्रिय बना दिया।  गर्दिश और विरासत जैसी भिन्न शैली वाली फिल्मों के बाद फिल्म 'हेरा फेरी' (२०००) ने प्रियदर्शन को अलग तरह  की कॉमेडी फ़िल्में बनाने वाले निर्देशक के रूप में स्थापित कर दिया,  जिसकी फ़िल्में संदेसा भी देती थी।  'भूल भुलैया' में प्रियदर्शन कॉमेडी और सुपर नेचुरल पावर का अनोखा मिश्रण कर रहे थे।