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Saturday 27 October 2018

विद्या, सोनाक्षी, निम्रत, तापसी का मंगलयान !



कुछ दिनों पहले, इस ब्लॉग में खबर दी गई थी कि अक्षय कुमार और विद्या बालन, ११ साल बाद आर बाल्की की फिल्म करने जा रहे हैं। इस फिल्म की कहानी महिला प्रधान थी।

फिल्म को, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के अंतर्गत मार्स ऑर्बिटर मिशन, मंगलयान पर आधारित बताया गया था। इस अभियान में महिला अंतरिक्ष वैज्ञानिक शामिल थी।

फिल्म में विद्या बालन के साथ अक्षय कुमार की एयरलिफ्ट नायिका निम्रत कौर को भी लिया गया था।

अब इस प्रोजेक्ट में दो दूसरे नामों का इज़ाफ़ा हो गया है। सोनाक्षी सिन्हा और तापसी पन्नू भी इस मंगलयान की सवारी में शामिल हो गई है।

अभी यह जानकारी नहीं दी गई है कि फिल्म में इन दोनों अभिनेत्रियों की भूमिका क्या है। लेकिन, सोनाक्षी और तापसी की जो प्रतिष्ठा है, उसके अनुसार यह दोनों कोई सामान्य सी भूमिका के लिए फिल्म को हाँ नहीं कहेंगी।

आर बाल्की के सहायक जगन शक्ति निर्देशित इस फिल्म के सह-निर्माता अक्षय कुमार हैं।

इस फिल्म में, भूल भुलैया की तरह अक्षय कुमार और विद्या बालन की जोड़ी नहीं बनाई गई है।  लेकिन, दोनों अंतरिक्ष विज्ञानी होने के नाते आमने सामने आते रहते हैं।

वायाकॉम १८ मोशन पिक्चर्स और होप प्रोडक्शंस की इस फिल्म के टाइटल पर अभी भ्रान्ति है।

फिल्म का नाम रियल लाइफ मिशन मंगलयान पर होगा या महिला मंडल होगा, जैसा कि कहा जा रहा है।

Juhi Parmar turns child blogger - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Saturday 20 October 2018

महिला मंडल के लिए विद्या बालन और निम्रत कौर


महिला स्वच्छता पर पैडमन बनाने वाली अक्षय कुमार और आर बाल्की की जोडी, अब एक और संदेशात्मक फिल्म बनाने जा रही है।

महिला किरदारों वाली इस फिल्म का टाइटल महिला मंडल रखा गया है। यह फिल्म, टाइटल के अनुरूप महिलाओं की समस्याओं पर फिल्म होगी।

लेकिन, फिल्म में अक्षय कुमार की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी।

इस फिल्म की कहानी विद्या बालन और निम्रत कौर को सुनाई गई है। इन दोनों को कथासार काफी पसंद आया है। इसलिए पूरी उम्मीद है कि यह दोनों महिला मंडल की  मंडली में शामिल नज़र आएंगी।

यहाँ बताते चलें कि अक्षय कुमार और विद्या बालन ने भूल भुलैया जैसी हिट फिल्म साथ की है।निम्रत कौर भी, अक्षय कुमार की २०१६ में रिलीज़ हिट फिल्म एयरलिफ्ट की नायिका थी। इन दोनों अभिनेत्रियों के अलावा कुछ दूसरी अभिनेत्रियों को भी फिल्म से जोड़ा जाएगा।

इन सभी की भूमिका के इर्दगिर्द महिला मंडल घूमेगी।

कुछ समय पहले, यह खबर थी कि अक्षय कुमार और आर बाल्की एक महिला विज्ञानी जो भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन में काम कर चुकी थी, के जीवन पर फिल्म बनाने जा रहे हैं। जिसका नाम मंगलयान रखा गया था।

कुछ सूत्रों का कहना है कि मंगलयान को ही महिला मंडल नाम से बनाया जा रहा है।

तथ्य क्या है, इसका पता तो फिल्म के बाद में जारी होने वाले विवरण से ही चलेगा।

Sunday 17 January 2016

क्या सचमुच रियल बन पाते हैं रील लाइफ किरदार !

कुछ फिल्मों पर नज़र डालें।  इन फिल्मों को बायोपिक या रियल लाइफ घटना पर फ़िल्में कहा जाता है।  २२ जनवरी को अक्षय कुमार की राजा कृष्णा मेनन निर्देशित फिल्म 'एयरलिफ्ट' रिलीज़ हो रही है। फिल्म में  १९९० के कुवैत-इराक युद्ध के दौरान कुवैत में फंसे भारतीयों को हवाई मार्ग से बाहर निकाले जाने की घटना का चित्रण किया गया है।  इस फिल्म में अक्षय कुमार एक कुवैती भारतीय व्यापारी रंजीत कत्याल का रोल कर रहे हैं तथा लंचबॉक्स की नायिका निमृत कौर उनकी पत्नी अमृता बनी हैं।  निर्देशक राम माधवानी की १९ फरवरी को रिलीज़ हो रही बायोपिक ड्रामा फिल्म 'नीरजा' में अभिनेत्री सोनम कपूर ५ सितम्बर १९८६ को भारत की मुंबई- न्यू यॉर्क फ्लाइट को अपहृत कर कराची ले जाए गए यात्री बंधकों को बचाने के प्रयास में मारी गई एयर होस्टेस नीरजा भनोट का किरदार कर रही हैं। हंसल मेहता निर्देशित फिल्म 'अलीगढ' अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मराठी भाषा के प्रोफेसर डॉक्टर श्रीनवास रामचन्द्र सिरस पर केंद्रित है, जिसे समलैंगिक सम्बन्ध रखने के कारण निलंबित कर दिया गया था।  बाद में वह संदेहास्पद परिस्थिति में मृत पाया गया।  सिरस के किरदार को मनोज बाजपेई कर रहे हैं।  टोनी डिसूजा  भारतीय  क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन पर बायोपिक फिल्म 'अज़हर' का निर्देशन कर रहे हैं। अज़हर के जीवन पर १३ मई को रिलीज़ होने जा रही इस फिल्म 'अजहर' में मोहम्मद अज़हरुद्दीन का किरदार सीरियल किसर अभिनेता इमरान हाशमी कर रहे हैं। वहीँ नीरज पाण्डेय भारतीय क्रिकेट टीम के  कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर बायोपिक फिल्म 'धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' बना रहे हैं।  इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत धोनी का किरदार कर रहे हैं। ओमग कुमार की फिल्म 'सरबजीत' पाकिस्तान की जेल में मारे गए भारतीय बंदी सरबजीत और उसे छुड़ाने के लिए उसकी बहन दलबीर के संघर्ष की कहानी है।  २० मई को रिलीज़ होने जा रही इस फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन दलबीर का किरदार कर रही हैं। सरबजीत का किरदार रणदीप हूडा कर रहे हैं। नितेश तिवारी के निर्देशन में आमिर खान हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगट का किरदार कर रहे हैं।  कामनवेल्थ गेम्स में कुश्ती के स्वर्ण और रजत पदक पाने वाली बेटियों गीता फोगट और बबिता फोगट का किरदार फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा कर रही हैं।  साक्षी तंवर महावीर फोगट  की पत्नी दया कौर के किरदार में हैं।
रियल लाइफ पर फ़िल्में क्यों ? - हॉलीवुड
सवाल उठना ही चाहिए कि वास्तविक घटना और किरदारों पर फ़िल्में क्यों बनाई जानी चाहियें ? हॉलीवुड में बहुत सी बायोपिक या वास्तविक घटनों पर फ़िल्में बनाई गई हैं।  कुख्यात वाटरगेट कांड पर आल द प्रेसिडेंटस मेन, वियतनाम वॉर पर बॉर्न ऑन द फोर्थ ऑफ़ जुलाई, सेरिब्रल पल्सी से ग्रस्त लेखक क्रिस्टी ब्राउन पर माय लेफ्ट फुट, जर्मन कैंप में हजारों कैदियों को बचाने वाले ओस्कर शिंडलर  पर शिंडलर्स लिस्ट, १९७० में नासा के चाँद पर रेस्क्यू मिशन पर फिल्म अपोलो १३, सिगरेट बनाने वाली अपनी ही  कंपनी के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले जेफ्री विगंड पर फिल्म द इनसाइडर, गाँव वालो को प्रदूषित पानी पिलाने वाली कंपनी से मुआवज़ा दिलवाने वाली वकील एरिन ब्रोकोविच पर फिल्म  एरिन ब्रोकोविच,  आदि कुछ फ़िल्में केवल उदहारणस्वरुप ही हैं।  ऎसी सैकड़ों फ़िल्में हॉलीवुड ने बनाई हैं।  इन फिल्मों का उद्देश्य खोजपरक तथ्य जनता के सामने रखना या इन घटनाओं से सबक दर्शाना होता है।
रियल लाइफ पर फ़िल्में क्यों ? - बॉलीवुड
बॉलीवुड ऐसा कोई इसरार नहीं करता।  प्रेरणादाई अथवा तथ्यात्मक फिल्मों के लिहाज़ से बॉलीवुड हॉलीवुड के आस पास तक नहीं। अन्यथा, वह अपने स्वतंत्रता सेनानियों पर अच्छी फ़िल्में बनाता।  भगत सिंह, चन्द्र शेखर आज़ाद, सुभाष चन्द्र बोस, आदि सेनानी चरित्रों पर जो फ़िल्में बनी है,  वह ज़्यादातर एक्शन या स्टंट को ध्यान में रख कर बनाई गई।  अंदरूनी  तथ्यों उकेरने वाली तलवार जैसी जो कोशिशें की भी गई हैं, वह बॉक्स ऑफिस को ध्यान में रख कर ही की गई। विशाल भरद्वाज की फिल्म 'हैदर' कश्मीर की स्थिति का एकतरफा चित्रण करने वाली फिल्म थी, जिसमे कश्मीरियों को मासूम दिखाने के चक्कर में आर्मी को कटघरे में खड़ा कर दिया गया था।  इधर जो बायोपिक या रियल घटनों पर फ़िल्में प्रदर्शित होने जा रही हैं, वह किस लिहाज़ से खोजपरक या प्रेरणादायक हैं, इसकी जानकारी फिल्म रिलीज़ होने के बाद ही होगी।
सबसे बड़ा सवाल ???
सबसे बड़ा सवाल प्रामाणिकता का है।  क्या  तथ्यों के लिहाज़ से यह फ़िल्में प्रामाणिक बन पाएंगी ? क्या इनके चरित्र रियल लाइफ और स्वाभाविक बन पाएंगे ? प्रमाणिकता की बात करें तो हिंदी फ़िल्में हमेशा विवादित होती रही हैं।  अब चाहे वह ऐतिहासिक जोधा अकबर हो या बाजीराव मस्तानी, तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने का आरोप हमेशा ही लगता रहा है।  लेकिन, पीरियड फिल्मों या वास्तविक घटनाओं पर बनी फिल्मों के साथ तथ्यों का ख़ास महत्व होता है।  इसके अलावा किरदार कितने वास्तविक बन पड़े हैं, यह भी मायने रखता है। अपने किरदार के अनुरूप खुद को ढालने की जिम्मेदारी एक्टर्स पर होती है।  क्या हमारे एक्टर  इम्तिहान में खरे उतरते हैं या उतरेंगे ? आइये रिलीज़ होने जा रही फिल्मों के सन्दर्भ में इसे परखते हैं।
एयरलिफ्ट- इस फिल्म में अक्षय कुमार को रंजीत कत्याल नज़र आना है।  रंजीत कत्याल भारतीयों के लिहाज़ से बहुत जाना पहचाना नहीं।  लेकिन, अक्षय कुमार को खुद की इमेज से उबरना होगा।  उन्होंने बेबी या हॉलिडे में जो किरदार किये थे, वह एक्शन ओरिएंटेड थे।  अक्षय कुमार पर ऐसे किरदार फबते हैं।  लेकिन, रंजीत कत्याल एक साधारण इंसान है, जो असाधारण काम करने के लिए जाना जाता है। देखना होगा कि वह इस साधारण किरदार को कितना असाधारण बना पाते हैं ! इस लिहाज़ से उनकी पत्नी के किरदार में निमृत कौर का काम आसान होगा।
 नीरजा- एयर होस्टेस के किरदार को सोनम कपूर के लिहाज़ से टेलर मेड कहना ठीक होगा।   सोनम कपूर स्टाइल आइकॉन हैं।  उन्होंने एयर होस्टेस को काफी नज़दीकी से देखा होगा।  वह नीरजा के किरदार को गेटअप के लिहाज़ से आसानी से कर ले जाएंगी। उनकी सही मायनों में परीक्षा होगी प्लेन हाईजैक के बाद के  मानसिक और शारीरिक तनाव को अपने चेहरे और बॉडी लैंग्वेज से प्रदर्शित करना ।  यह काम उनके लिए बहुत आसान नहीं होगा।
अलीगढ- हंसल मेहता ने श्रीनिवास रामचन्द्र सिरस के किरदार के लिए मनोज बाजपेई का चयन सबसे बेहतर किया  है । सत्य के भीखू म्हात्रे, शूल के इंस्पेक्टर समर प्रताप सिंह,  पिंजर के राशिद, एलओसी कारगिल के ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव, आदि मनोज बाजपेई की करैक्टर की स्किन में घुस जाने की क्षमता के प्रमाण हैं। इसलिए, उनसे उम्मीद की ही जानी चाहिए।
अज़हर- इस फिल्म में मोहम्मद अज़हरुद्दीन के किरदार में इमरान हाशमी कमज़ोर कड़ी साबित हो सकते हैं।  इमरान एक कमज़ोर अभिनेता हैं।  उनकी ख़ास इमेज हैं।  अगर टोनी डिसूज़ा ने इस फिल्म में अज़हर के निजी जीवन और फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद अज़हर की ज़िन्दगी को ज़रा भी नज़दीक से  दिखाया होगा तो इमरान हाश्मी के फिसलने का खतरा है।  अन्य किरदारों में प्राची देसाई अज़हर की पहली पत्नी नौरीन, नर्गिस फाखरी फिल्म एक्ट्रेस और  अज़हर की दूसरी पत्नी संगीता बिजलानी के किरदार में होंगी।  इन चरित्रों में इनके एक्टरों की परख होगी ही।
 सरबजीत- ओमंग कुमार ने मैरी कॉम में प्रियंका चोपड़ा से बढ़िया काम कराया था।  सरबजीत में वह वैसा ही काम दलबीर कौर की भूमिका में ऐश्वर्या राय बच्चन से करा पाएंगे, इसे दर्शक देखना चाहेंगे।  इस किरदार में ऐश्वर्या राय के एक्टर की कड़ी परीक्षा होगी।
धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी- नीरज पाण्डेय की इस फिल्म में धोनी का रोल सुशांत सिंह राजपूत कर रहे हैं। वह सक्षम अभिनेता हैं। लेकिन, किसी रियल लाइफ किरदार में यह उनकी पहली परीक्षा है।  उनसे उम्मीद की जा सकती है।
दंगल- आमिर खान ने अब तक की अपनी तमाम फिल्मों में चरित्रों को स्वाभाविक रखा है।  लेकिन, दंगल इस लिहाज़ से अलग है कि यह वास्तविक चरित्र है।  एक साधारण इंसान के असाधारण व्यक्तित्व को आमिर खान कितनी आसानी से कर पाएंगे, यह तभी हो पायेगा जब वह खुद को हरियाणा का एक साधारण पहलवान जैसा पेश कर सकें।  क्या आमिर खान का सुपर स्टार इतना साधारण बन पायेगा ?
बायोपिक या वास्तविक घटनाओं पर फिल्मों को सशक्त स्क्रिप्ट की दरकार होती है।  अगर स्क्रिप्ट सशक्त है तो एक्टर का काम आसान हो जाता है।  लेकिन, इसके बावजूद एक्टर के किरदार में घुसने की क्षमता की परीक्षा होती है।  तभी वह खुद को उस किरदार के योग्य बना पाता है। ऐसी सशक्त फ़िल्में हिंदी दर्शक देखना पसंद करता है।

राजेंद्र कांडपाल