"सक्सेस के बाद का प्लान सबके पास है, लेकिन अगर गलती से फेल हो गए, तो फेलियर
से कैसे डील करना है,
कोई बात ही नहीं करना चाहता."
"तुम्हारा रिजल्ट डिसाइड नहीं करता है कि तुम लूजर हो कि नहीं, तुम्हारी
कोशिश डिसाइड करती है."
कहते हैं फ़िल्में ज़िन्दगी का हिस्सा होती है. शायद यह एक फलसफा से ज़्यादा
कुछ नहीं है. अगर ऐसा होता तो सुशांत सिंह राजपूत को सिर्फ ३४ साल की उम्र में
आत्महत्या नहीं करनी पड़ती. क्योंकि, ऊपर के दो संवाद हैं, उनकी २०१९
की हिट फिल्म छिछोरे के. इस फिल्म में उनका रील लाइफ बेटा परीक्षा में फेल होने से
निराश हो कर आत्महत्या करने की कोशिश करता है. सुशांत उसे ही समझाते हुए यह संवाद
बोलते हैं. फिल्म में सुशांत सिंह के बोले संवाद रील लाइफ बेटे पर असर डालते हैं.
वह नए सिरे से कोशिश करता है और सफल होता है. लेकिन, सुशांत सिंह राजपूत कैसे इतने निराश हो गए
कि कोशिश ही नहीं की! उन्होंने फेलियर से डील करने के बारे में पहले क्यों नहीं
सोचा.
पांच दिन पहले,
सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व सेक्रेटरी दिशा सालियान ने मलाड स्थित एक
बिल्डिंग की १४वी मंजिल से कूद कर जान दे दी थी. दिशा के बाद सुशांत की आत्महत्या
को लेकर चर्चा हो रही है ! इन दोनों के बीच का कोई कनेक्शन ढूँढा जा रहा है. क्या
दिशा के बाद सुशांत द्वारा भी आत्महत्या का कोई सम्बन्ध है ? देखा जाए तो
सुशांत सिंह राजपूत डिप्रेशन यानि अवसाद के शिकार लगते हैं. उन्होंने, ३ जून को
अपनी और अपनी माँ की फोटो अपने इन्स्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा, “धुंधला अतीत
आंसुओं की बूंदों से उड़ता जा रहा है.
अंतहीन स्वप्न मुस्कुराहट की कमान खींच रहे हैं और क्षण भंगुर ज़िन्दगी. दोनों के
बीच निभा रहा हूँ.”
सुशांत सिंह राजपूत की माँ की मृत्य २००२ में हो गई थी, उस समय
सुशांत सिर्फ १६ साल के थे. इसका उन्हें गहरा सदमा लगा था. इसके बावजूद, उन्होंने इस
साल मदर डे के मौके पर धरती माँ का चित्र लगते हुए लिखा था, इस माँ को, अपनी सभी
माओं की तरह,
उसके निस्वार्थ प्रेम के लिए आदर और सम्मान दें. इसमे निराशा का अंश मात्र
भी नहीं था. उन्होंने २४ मई को अपने माँ-पिता की फोटो लगा कर कमेंट किया, “बार बार दिन
ये आये. मेरी ज़िन्दगी से सबसे कीमती जोड़े को शादी की सालगिरह को शुभकामनायें.” तब ऐसा क्या
हुआ कि उन्होंने ११ दिन पहले आशा-निराशा के बीच झूलती पोस्ट डाली.
पटना के राजेंद्र नगर के रहने वाला राजपूत परिवार २००२ के बाद दिल्ली चला
आया. यहीं सुशांत सिंह राजपूत ने अपने फिल्म करियर को बनाने के लिए डांस ग्रुप
ज्वाइन किये,
डंसा अकादमी में प्रशिक्षण लिया. अभिनय के क्षेत्र में उनकी पहचान बनी
टीवी सीरियल पवित्र रिश्ता से. वह एक आदर्श बेटे और पति मानव के रूप में दर्शकों
के पसंदीदा बन गए. इस सीरियल की सफलता के बाद, उन्हें अभिषेक कपूर की फिल्म काई पो छे मिल
गई. यह फिल्म सफल रही. उसके बाद सुशांत सिंह राजपूत ने सफलता के कीर्तिमान स्थापित
किये. शुद्ध देसी रोमांस और पीके के बाद, उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी पर बायोपिक
फिल्म एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी में उन्होंने धोनी के किरदार को जीवंत कर दिया.
सफलता के इस दौर में उन्हें असफलता का ज़ोरदार झटका लगा फिल्म राबता से. भारी बजट
की इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर उतनी ही भारी असफलता मिली. इसके साथ ही, सुशांत सिंह
राजपूत का निराशा का दौर शुरू हो जाता है.
फिल्मों में सफलता के बाद, सुशांत सिंह राजपूत, अपनी पवित्र
रिश्ता की सह कलाकार और पहला प्रेम अंकिता लोखंडे से दूर हो गए. अब उनके कई
सच्चे-झूठे प्रेम के किस्से खबरें बनने लगे. राबता की कृति सेनन के साथ उनके
रोमांस के किस्से फैले. केदारनाथ के समय फिल्म की नायिका सारा अली खान से भी उनका
नाम जुड़ा. लेकिन,
सारा ने ज़ल्द ही खुद को कार्तिक आर्यन से जोड़ लिया. उनको उस समय शर्मनाक
दौर से गुजरना पडा,
जब उनकी फिल्म किज्जी एंड मैनी की नायिका संजना संघी ने एक बार सेट पर
तमाशा खड़ा कर दिया और सेट पर अपने माँ-पिता को बुलावा लिया. संजना ने सुशांत पर
आरोप लगाया कि वह कुछ ज्यादा नज़दीक आने की कोशिश कर रहे थे. हालाँकि, सुशांत सफाई
देते रह गए, पर संजना
सेट छोड़ कर ही नहीं गई,
देश छोड़ का विदेश चली गई घूमने. बाद में वह लौटी और फिल्म पूरी की. अब यह
फिल्म दिल बेचारा नाम से अमेज़न प्राइम विडियो पर स्ट्रीम होगी. सुशांत को इस घटना
से काफी लज्जित होना पड़ा.
इस दौर में,
फिल्मों की असफलता भी उनके साथ लगी हुई थी. हालाँकि छिछोरे को सफलता मिली.
लेकिन, सोन चिड़िया
और ड्राइव असफल हुई. उनकी फिल्म चंदा मामा दूर के यकायक बंद कर दी गई. हालाँकि, इसके लिए
उन्होंने काफी मेहनत की थी. इसी प्रकार से रॉ : रोमियो अकबर वाल्टर की शुरुआत उनके
साथ हुई, पर बाद में
जॉन अब्राहम इसके नायक बने. उनकी फिल्म राइफलमैन को भी कानूनी पचड़ों के कारण बंद
कर दिया गया. होमी अदजानिया ने भी सुशांत और परिणीती चोपड़ा के साथ बनाई जाने वाली
फिल्म तकदुम को बंद कर दिया. शेखर कपूर और यशराज फिल्म्स ने भी सुशांत के साथ
फिल्म पानी को बंद कर दिया.
साफ़ तौर पर यह किसी भी कलाकार के लिए निराशा का सबब हो सकता है कि उसकी
ज़्यादातर फ़िल्में ऐलान के बाद बंद हो जाती है. जो फ़िल्में पूरी भी होती है, उनकी एक बार
नहीं कई कई बार बंद हो जाने की खबरें सुर्खियाँ पाती है. अंततः यह फ़िल्में बॉक्स
ऑफिस पर असफल हो जाती है. यह सब कुछ किसी भी इमोशनल व्यक्ति को लॉकडाउन के दौर में
अवसाद से भर सकता है. जबकि आप अपनों से दूर तीन नौकरों के साथ खाली अपार्टमेंट में
ज़िन्दगी गुजर कर रहे हों.