Wednesday 20 May 2020

महामारी पर Anand Gandhi की फिल्म

कोरोना महामारी का पॉजिटिव प्रभाव फिल्मकार आनंद गाँधी पर पड़ा लगता है। आनंद गाँधी को पहली बार पूरी दुनिया के साथ भारत में भी पहचान मिली थी २०१३ में प्रदर्शित फिल्म शिप ऑफ़  थीउस से। इस फिल्म को विभिन्न फिल्म महोत्सवों में सराहना मिली ही, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में भी यह श्रेष्ठ फीचर फिल्म के तौर पर पुरस्कृत हुई।

गाँधी पर कोरोना प्रभाव
यही आनंद गाँधी अब कोरोना वायरस से प्रभावित नज़र आ रहे हैं। वह इस समय एक फिल्म इमर्जेंस पर काम कर रहे हैं। लिखते समय यह फिल्म पिछले कुछ सालों की महामारी पर फिल्म के तौर पर लिखी गई थी । इस फिल्म के चार वैज्ञानिक दुनिया को एक खतरनाक महामारी से बचाने के दिन रात एक किये हुए हैं।

अब कोरोना पर केन्द्रित
हालाँकि, इस फिल्म पर आनंद गाँधी पहले से ही काम कर रहे थे। लेकिन, अब कोरोना महामारी के बाद, उनका इरादा फिल्म को नए रूप और आकार में लाने का है, जिसमे कोरोना महामारी का असर भी साफ़ नज़र आएगा। शुरू में आनंद गाँधी का इरादा महामारी की प्रकृति के बारे में दर्शकों को बताने का था. लेकिन, कोरोना महामारी के बाद, उन्हें फिल्म को कोरोना के बाद के भारत और विश्व पर केन्द्रित करने का फैसला लिया है।

सुशांत सिंह एक वैज्ञानिक
आनंद गाँधी इस फिल्म में अपने मित्र सुशांत सिंह राजपूत को भारतीय वैज्ञानिक के तौर पर लेना चाहते हैं। फिल्म में एक ऑस्ट्रेलियाई एक्टर ह्यूगो वीविंग को भी लिए जाने की संभावना है। इस फिल्म की शूटिंग अगले साल शुरू होगी।


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