पिछले दिनों,
नेटफ्लिक्स पर दो फ़िल्में स्ट्रीम होने से पहले काफी चर्चित हुई। मस्का से, इलू गर्ल
मनीषा कोइराला की वापसी हो रही थी। जबकि, बॉलीवुड एक्ट्रेस जैक्वेलिन फर्नांडेज़ फिल्म
मिसेज सीरियल किलर में अपने पति को बचाने के लिए हत्या करने वाली महिला की भूमिका
कर रही थी। लेकिन,
लॉकडाउन के कारण यह दोनों फिल्मे सिनेमाघरों पर रिलीज़ नहीं हो सकी। अन्यथा, हिंदी फिल्म
दर्शकों इन दोनों अभिनेत्रियों पर केंद्रित फिल्मों मे उनके अभिनय के जौहर देखने
को मिलते।अभी बहुत से नायिका प्रधान फ़िल्में बन चुकी है या निर्माण के विभिन्न
चरणों में हैं। इनमे कियारा अडवाणी की इंदु की जवानी, उर्वशी
रौतेला की वर्जिन भानुप्रिया, तापसी पन्नू की हसीन दिलरुबा, आलिया भट्ट
की गंगूबाई काठियावाड़ी,
रानी मुख़र्जी की बंटी और बबली २ कंगना रनौत की धाकड़ और थलेवि उल्लेखनीय
हैं। इन फिल्मों का जिक्र करते समय, यह बड़ा सवाल सर उठता है कि क्या यह फ़िल्में
थिएटर में रिलीज़ हो पाएंगी ? क्योंकि, कोरोना वायरस के कारण भारत में सिनेमाघरों
के अगस्त से पहले खुलने की कोई संभावना नहीं है। जब थिएटर खुलेंगे तो तमाम बड़े
एक्टरों की फिल्मे सिनेमाघरों पर कब्ज़ा ज़मा रही होंगी। उनके साथ हॉलीवुड की फ़िल्में
भी होड़ में होंगी। ऐसे में लगता आलिया भट्ट और रानी मुखर्जी की फिल्मों के अलावा
कोई दूसरी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ हो
पाएंगी। ऐसे में कोई शक नहीं, अगर विद्या बालन की फिल्म शकुंतला देवी की तरह यह
तमाम फिल्मे डिजिटल प्लेटफार्म पर नज़र आएं।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday, 30 May 2020
क्या नायिका प्रधान फिल्मों को मिलेंगे थिएटर ?
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खबर चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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