हिंदी फिल्म निर्माता और निर्देशक संजय लीला भंसाली, दर्शकों की
नब्ज़ पहचानते हैं। इसीलिए,
जब वह बतौर निर्देशक फिल्म बनाते हैं तो सफल होते ही हैं, बतौर फिल्म
निर्माता भी सफल नज़र आते हैं। भंसाली ने सिर्फ निर्माता के तौर पर ज़ितनी फ़िल्में
बनाई हैं, उनमे सफलता
का प्रतिशत फिफ्टी फिफ्टी है। यह प्रतिशत इस लिहाज़ से बढ़िया है कि जो फ़िल्में हिट
हुई, उनसे भंसाली
प्रोडक्शंस को हुए फायदे के मुक़ाबले में फ्लॉप फिल्मों से हुआ घाटा नाम मात्र का
था।
पहली फिल्म
माय फ्रेंड पिंटो
संजय लीला भंसाली की बतौर निर्देशक पिछली तीन फ़िल्में पद्मावत, बाजीराव-मस्तानी
और गोलियों की रासलीला : राम-लीला को बड़ी सफलता मिली थी। हालाँकि,उनकी बतौर
निर्माता फिल्म बनाना १९९९ में, खुद ही निर्देशित फिल्म हम दिल दे चुके सनम से कर
चुके थे। लेकिन,
सिर्फ निर्माता की भूमिका में, वह २०११ में रिलीज़ फिल्म माय फ्रेंड पिंटो
में थे। प्रतीक बब्बर और कल्कि कोएच्लिन अभिनीत इस फिल्म का निर्देशन राघव दर ने
किया था।
बतौर
निर्माता ६ फ़िल्में
बतौर निर्माता संजय लीला भंसाली ने, राउडी राठौर, शीरीं फरहाद की तो निकल पड़ी, मैरी कॉम, गब्बर इज
बैक और मलाल जैसी पांच अन्य फिल्मों का निर्माण किया है। अक्षय कुमार के साथ फिल्म राउडी राठौर और गब्बर
इज बैक तथा प्रियंका चोपड़ा की फिल्म मैरी कॉम को बड़ी सफलता मिली। लेकिन, बाकी की
फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह लुढ़की।
बड़ी फ़िल्में
हिट
इस विश्लेषण से एक बात साफ़ लगती है कि भंसाली की बड़े सितारों के साथ बड़ी
फ़िल्में हिट हो जाती है। लेकिन, बाकी के साथ उनकी फ़िल्में सफल नहीं हो पाती। शीरीं
फरहाद की तो निकल पड़ी,
फराह खान और बोमन ईरानी की तथा मलाल में, पुराने जमाने के कॉमेडियन जगदीप के पोते
मीजान जाफ़री और नूतन की पोती प्रनुतन बहल
नायिका-नायिका की भूमिका में थे।
पूनम ढिल्लों
का बेटा हीरो
निर्माता संजय लीला भंसाली की अगली फिल्म ट्यूसडेज एंड फ्राइडेज की स्टार
कास्ट भी बिलकुल नई है। इस फिल्म में, नूरी अभिनेत्री पूनम ढिल्लों के बेटे अनमोल
ठाकरिया नायक की भूमिका में हैं। उनकी नायिका की भूमिका झटलेखा मल्होत्रा कर रही
है। झटलेखा, २०१४ फेमिना
मिस इंडिया की फर्स्ट रनर-अप हैं।
डिजिटल
प्लेटफार्म पर
हालाँकि,
ट्यूसडेज एंड फ्राइडेज की कहानी दिलचस्प है। यह कहानी एक जोड़े की है, जो सिर्फ
ट्यूसडे और फ्राइडे को ही मिल सकता है। इस फिल्म का निर्देशन तरनवीर सिंह कर रहे
हैं। यह उनकी पहली फिल्म है। लेकिन, यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ नहीं हो
सकेगी। कोरोना वायरस के कारण फिल्मों की रिलीज़ का शिड्यूल बिलकुल गड़बड़ा गया है।
इसलिए निर्माता संजय लीला भंसाली को लगा कि सिनेमाघरों का इंतज़ार करने के बजाय
फिल्म को डिजिटल प्लेटफार्म पर स्ट्रीम कर दो।
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