बॉलीवुड में दोस्ती, स्टॉक मार्केट के उस गतिशील परिवर्तन जैसी है जो हमेशा बदलती रहती हैं. हाल ही में एक एवार्ड फंक्शन में जैकलीन और सोनम की घनिष्ठता देख ऐसा लगा जैसे पिछले जन्म में बिछडी दो बहनें मिल गयीं हों. ऐसी ही जिगरी सहेलियों में शामिल है करीना -अमृता और सुज़ैन – गौरी का नाम. फिलहाल इन्हीं में दो नाम और जुडे हैं जो अब एक हो चुके हैं. फिल्म ‘कुछ कुछ लोचा है’ के सेट पर बॉलीवुड की दो पोस्टर गर्ल सनी लियोने और एवलिन शर्मा इस कदर घुल मिल गयी हैं कि इन्हें देखकर ऐसा लग रहा है वह बॉलीवुड की अन्य जिगरी सहेलियों को पीछे छोड देंगी. खबर है कि अपनी फिल्मों के साथ जहां देखें वहां यह दोनों नायिकाएं फैशन - फुड, योगा तथा लडकों पर भी काफी बातें शेयर करती नज़र आती हैं. इसके अलावा अपनी फिल्म ‘कुछ कुछ लोचा है’ की मलेशिया में चल रही शूटिंग के दौरान इन दोनों ने साथ मिलकर अपनी काफी तस्वीरें भी खिंची. इस सिलसिले में एवलिन ने कहा, ‘’मैं इस बात से चकित थी कि सनी और मेरी बॉंडिंग इतनी अच्छी हो जाएगी. दरअसल इस बॉंडिंग की शुरूआत हमारी फिल्म के सेट पर हुई लेकिन जैसे जैसे हमनें अपनी अपनी दिलचस्पी शेयर करनी शुरू की हमनें जाना कि हममें काफी कुछ कॉमन है. जी हां यह बात बिल्कुल सच है कि हम दोनों पश्चिमी देशों से हैं लेकिन हमारी जडें भारतीय हैं. मुझे लगता है हम दोनों एक ही तरह का ह्यूमर शेयर करते हैं. शायद यही वजह है कि हमारी इतनी बनती है.’’ सनी और एवलिन की इस दोस्ती को देखते हुए ऐसा लगता है बॉलीवुड में हीरोइनों की बजाय शीरोइनों मौसम आ गया है. वैसे यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि हर पल बदलते इस बॉलीवुड में इस ‘दोस्ती’ का स्वाद कब तक यूं ही बना रहेगा.
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 13 February 2015
बेस्ट फ्रेंड फॉरेवर बनें सनी और एवलिन
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Thursday, 12 February 2015
बॉलीवुड रोमांस : 'आलमआरा' से 'रांझणा' तक
हिंदुस्तानी फिल्मों ने जब बोलना शुरू किया, तब पहला शब्द प्यार, इश्क़ और मोहब्बत ही था। १४ मार्च १९३१ को रिलीज़ हिन्दुस्तानी की पहली बोलती फिल्म 'आलमआरा' की कहानी एक राजकुमार के एक जिप्सी लड़की से इश्क़ की दास्ताँ थी। ' आलमआरा' की ज़बरदस्त सफलता के बाद इश्क़ का यह बुखार पारसी थिएटर से निकल कर मुख्य धारा की हिंदी फिल्मों तक पहुँच गया। कभी मास्टर विट्ठल और ज़ुबैदा के बीच बोले गए आशिकाना संवाद आज के अर्जुन कपूर, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अलिया भट्ट और श्रद्धा कपूर की जुबां पर चढ़ गए हैं। युग बदलते रहे, लेकिन, रोमांस फिल्मों का सिलसिला हमेशा चलता रहा। आइये जानते हैं ऎसी रोमांस से सराबोर फिल्मों के बारे में, जिन्होंने बॉलीवुड को बोल्ड भी साबित किया।
अछूत कन्या- सुजाता (१९३६-१९५९) - बॉम्बे टॉकीज की फ्रेंज़ ऑस्टेन निर्देशित अछूत कन्या' में ब्राह्मण लड़का अछूत से प्यार करता है । लेकिन, दोनों की अलग अलग शादी हो जाती हैं। फिल्म के अंत में अछूत कन्या ब्राह्मण लडके को बचाने में अपनी जान गंवा देती है। यह फिल्म १९३६ में रिलीज़ हुई थी। बड़े परदे पर चलती फिरती आकृतियों के बोलना शुरू करने के पांच साल बाद ही अछूत कन्या के इस जाति विरोधी तेवरों ने पूरे देश में तहलका दिया। हालाँकि, फिल्म सुपर हिट साबित हुई। अछूत कन्या के २३ साल बाद बिमल रॉय ने जब एक बार फिर ब्राह्मण लडके का निम्न जाति की लड़की से रोमांस को पेश किया तो इसे समाज सुधारक फिल्म का दर्ज़ा मिला। लेकिन, इतना तय है कि दोनों ही फिल्मों ने क्रमशः अशोक कुमार और देविका रानी तथा सुनील दत्त और नूतन के चरित्रों के ज़रिये अनूठी खुशबू वाले रोमांटिक फूलों को खिला दिया।
देवदास (१९३६)- अछूत कन्या के साल ही शरतचन्द्र चटर्जी के उपन्यास देवदास पर पीसी बरुआ ने बंगाली, हिंदी और असमी भाषा में देवदास का निर्माण किया। हिंदी देवदास में देवदास की भूमिका में केएल सहगल, देवदास पार्वती उर्फ़ पारो जमुना तथा चंद्रमुखी टी राजकुमारी बनी थी। बंगला साहित्य से निकली यह दुखांत प्रेम कहानी बड़े परदे पर अमर हो गयी। बताते हैं कि सहगल की देवदास के कारण तत्कालीन युवाओं में निराशा व्याप्त हो गयी थी और वह आत्महत्याएं करने लगे थे। ऐसे समय वी शांताराम जीवन का सन्देश देने वाली फिल्म दुनिया न माने ले कर आये। केएल सहगल की देवदास के बाद दिलीप कुमार, सुचित्रा सेन और वैजयंतीमाला (१९५५) और शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित (२००२) भी इन किरदारों को करके इन आइकोनिक करैक्टर के साथ अमर हो गए।
आदमी (१९३९)- वी शांताराम की फिल्म आदमी एक पुलिस वाले कहानी थी, जो एक वैश्या को समाज में ऊंचा स्थान दिलाना चाहता है। लेकिन, उसे समाज के भारी विरोध का सामना करना पड़ता है। पुलिस वाले और वैश्या के रोमांस वाली यह फिल्म समाज सुधर की दृष्टि से बड़ा कदम थी। इस फिल्म में मुख्य भूमिकाएं शाहू मोदक शांता हुबलीकर ने निबाही थी।
मुग़ल-ए-आज़म (१९५७)- के० आसिफ ने फिल्म मुग़ल-ए-आज़म में सलीम- अनारकली के काल्पनिक रोमांस को इतिहास का जामा पहना कर अमर कर दिया। इस फिल्म में अकबर पृथ्वीराज कपूर, सलीम दिलीप कुमार और अनारकली मधुबाला बनी थीं। फिल्म के ज़बरदस्त संवादों, भव्य सेटों और जानदार संगीत ने अनारकली और सलीम की मोहब्बत की दास्ताँ को आम आदमी तक पहुंचा दिया । इस फिल्म में संगीतकार नौशाद की धुनों पर ऐ मोहब्बत ज़िंदाबाद, मोहब्बत की झूठी कहानी पे रोये और प्यार किया तो डरना क्या जैसे गीत मोहब्बत भरे दिलों के विद्रोह को आवाज़ देने लगे।
बॉबी (१९७३)- मेरा नाम जोकर बना कर दिवालिया हो चुके फिल्मकार राजकपूर को बुलंदियों पर पहुंचाने वाली फिल्म बॉबी से राजकपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर को बिलकुल नयी लड़की डिंपल कपाड़िया का हीरो बना कर पेश किया। इस फिल्म में भी बॉलीवुड का परंपरागत अमीर गरीब का फार्मूला था। लेकिन, खास था एक हिन्दू लडके राज का क्रिस्चियन लड़की बॉबी ब्रैगेंज़ा से रोमांस। इस फिल्म के गीत 'बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो, पर प्यार भरा दिल न तोड़ो' से धर्म की दीवारों को चुनौती दी थी। उस समय भी इस गीत को लेकर काफी तूफ़ान मचा था।
छोटी सी बात (१९७५)- बासु चटर्जी की रॉम कॉम फिल्म छोटी सी बात इस लिहाज़ से ख़ास थी कि यह एक आम आदमी अरुण की रोमांस कहानी थी, जो प्रभा को मन ही मन चाहता है, लेकिन अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं कर पाता । इसके लिए वह लव गुरु से रोमांस की ट्रेनिंग लेने जाता है। अपने मधुर गीतों और साधारण कद काठी वाले अभिनेता अमोल पालेकर की मैंनेरिस्म की बदौलत यह फिल्म युवा दर्शकों में अपनी जगह बना पाने में कामयाब हुई थी।
जूली (१९७५)- दक्षिण की अभिनेत्री लक्ष्मी और बॉलीवुड अभिनेता विक्रम की केएस सेतुमाधवन निर्देशित फिल्म 'जूली' विवाह पूर्व संबंधों और अवैध बच्चे की बोल्ड कहानी थी। इस फिल्म में भी हिन्दू लड़का क्रिस्चियन लड़की से सम्बन्ध बनाता है। दोनों की शादी इस लिए नहीं हो सकती कि दोनों के धर्म और विश्वास भिन्न थे। फिल्म का साफ़ सन्देश था कि प्रेम के रास्ते में किसी धर्म को दीवार नहीं बनाया जा सकता। यह लक्ष्मी की पहली हिंदी फिल्म थी। इस फिल्म में श्रीदेवी ने लक्ष्मी की छोटी बहन की बाल भूमिका की थी।
कभी कभी (१९७६)- निर्माता- निर्देशक यश चोपड़ा की फिल्म कभी कभी में दो पीढ़ियों का रोमांस था। पहला परिपक्व रोमांस वास्तव में अमिताभ बच्चन-राखी- शशि कपूर - वहीदा रहमान का प्रेम चौकोण था। अमिताभ राखी से प्रेम करते हैं, पर इन दोनों की वहीदा रहमान और शशि कपूर के किरदारों से होती है। वहीदा रहमान और अमिताभ बच्चन की एक लड़की है और वहीदा की एक अवैध लड़की भी है। राखी और शशि कपूर का लड़का ऋषि कपूर हैं। अब होता यह है कि वहीदा रहमान की वैध और अवैध लड़कियां ऋषि कपूर से प्रेम करने लगती है। तीन घंटा लम्बी कभी कभी के गीतों कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, मैं पल दो पल का शायर हूँ, तेरे चहरे से नज़र नहीं हटती, चाहे चले छुरियाँ, आदि गीतों ने धूम मचा थी। दो पीढ़ियों का यह रोमांस हर वर्ग के दर्शकों को रास आया था।
एक दूजे के लिए (१९८१)-हिंदी न जानने वाले तमिल वासु और उत्तर भारत की सपना की इस रोमांस गाथा ने पूरे उत्तर भारत में तहलका मचा दिया था। हिंदी न जानने वाले फिल्म के तीनों मुख्य कलाकारों कमल हासन, रति अग्निहोत्री और माधवी युवा दिलों की धड़कन बन गए थे। तमाम शहरों के एकांत स्थानों में वासु और सपना नाम खुदे देखे जा सकते थे। गोवा का वह पहाड़ी स्थान, फिल्म में जहाँ से छलांग लगा कर वासु और सपना अपनी जान देते हैं, युवा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र था। ताज़गी भरे चेहरों वाली इस रोमांस फिल्म की खासियत दो प्रदेशों के युवाओं का रोमांस था।
सागर (१९८४)- रमेश सिप्पी निर्देशित फिल्म सागर से डिंपल कपाड़िया ने शादी के बाद अपनी वापसी की थी। यह उनकी ११ साल बाद रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म थी। एक बार फिर डिंपल-ऋषि की मशहूर बॉबी जोड़ी सागर में भी बन रही थी। इस फिल्म में भी क्रिस्चियन मोना का हिन्दू रवि से रोमांस था। कमल हासन का राजा करैक्टर इसे प्रेम त्रिकोण बना रहा था। इस फिल्म में डिंपल और ऋषि के बीच का चुम्बन काफी मशहूर हुआ था।
बॉम्बे (१९९५)- मणि रत्नम की इस फिल्म को क्लासिक फिल्म का दर्ज़ा प्राप्त है। यह फिल्म १९९२ के दंगों की पृष्ठभूमि पर हिन्दू लडके से मुसलमान लड़की के प्रेम विवाह की कहानी थी। इन दोनों का प्रेम १९९२ के दंगों में भी नहीं हारता था। इस फिल्म का हिन्दू और मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने एक सा विरोध किया था। फिल्म में सोनाली बेंद्रे पर फिल्माया गया 'हम्मा हम्मा' गीत काफी सेंसुअस माना गया था।
दहक (१९९९)- अक्षय खन्ना और सोनाली बेंद्रे की इस फिल्म की कहानी बड़ी दिलचस्प थी। जब्बार बक्शी को यह स्वीकार नहीं कि उसकी बहन किसी से मोहब्बत करे। इसलिए वह अपनी बहन के शौहर को मार देता है। बहन भी आत्महत्या कर लेती है। जब्बार को १२ साल की कैद हो जाती है। जब वह छूट कर बाहर आता है तो पाता है कि उसकी भांजी भी उसकी बहन की हमशक्ल है। वह उस समय स्तब्ध रह जाता है, जब उसे मालूम होता है कि उसकी भांजी एक हिन्दू से प्रेम करती है। इस फिल्म में सोनाली बेंद्रे ने माँ और बेटी का दोहरा किरदार किया था। डैनी डैंग्जोप्पा उनके भाई और मामा की भूमिका में थे।
हम दिल दे चुके सनम (१९९९)- संजयलीला भंसाली की यह म्यूजिकल रोमांस फिल्म सलमान खान और ऐश्वर्या राय के बीच की गर्मागर्म रोमांस की अफवाहों के बीच बढ़िया केमिस्ट्री के कारण समर्पित रोमांस की खुशबू फैला पाने में कामयाब हुई थी। यह फिल्म अजय देवगन के बढ़िया अभिनय के कारण यादगार है। फिल्म में ड्रामा, रोमांस और संगीत का ऐसा प्रभावशाली मिश्रण था कि दर्शक हम दिल दे चुके सनम कहने से नहीं भरे। इस फिल्म में इस्माइल दरबार के संगीत से सजे 'हम दिल दे चुके सनम', 'ढोल बाजे', 'आँखों की गुस्ताखियाँ', 'तड़प तड़प के' , आदि गीतों ने दर्शकों के दिलों में सलमान खान और ऐश्वर्या राय रोमांस अमर कर दिया। आज भी इस गीत को इन्ही दोनों के रोमांस और फिल्म में रोमांटिक केमिस्ट्री के लिए याद किया जाता है।
ग़दर एक प्रेमकथा (२००१)- भारत विभाजन की पृष्ठभूमि पर पनपी अनिल शर्मा की एक प्रेम कथा में सनी देओल ने सरदार तारा सिंह और अमीषा पटेल ने मुसलमान लड़की सकीना का किरदार किया था। इस फिल्म में पाकिस्तान पर ज़बरदस्त हमला किया गया था। इसलिए इस फिल्म ने साथ ही रिलीज़ आमिर खान की फिल्म 'लगान' से ज़्यादा बिज़नेस किया। इस फिल्म का भी मुस्लिम संगठनों ने धर्म के नाम पर विरोध किया था।
वीर-ज़ारा (२००४)- यश चोपड़ा निर्देशित वीर-ज़ारा सरहद पार के रोमांस पर फिल्म थी। शाहरुख़ खान का किरदार स्क्वाड्रन लीडर वीर प्रताप सिंह पाकिस्तान से आयी ज़ारा हयात खान को पहाड़ से गिरने से बचाता है। दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। ठीक ग़दर की तरह वीर अपनी ज़ारा को पाने पाकिस्तान जाता हैं, जहाँ उसे बंदी बना लिया जाता है। फिल्म में रानी मुख़र्जी का किरदार वीर को जेल से छुड़ाता है। जब वीर वापस हिंदुस्तान आता है तो वह अपने घर में ज़ारा को इंतज़ार करता पाता है। सरहद पार रोमांस का यह फार्मूला दर्शकों को रास आया था।
अजब प्रेम की गज़ब कहानी (२००९)- राजकुमार संतोषी की इस फिल्म में भी हिन्दू लडके प्रेम का क्रिस्चियन लड़की जेनी के साथ रोमांस कॉमेडी शैली में फिल्माया गया था। परदे पर इन किरदारों को रणबीर कपूर और कटरीना कैफ ने किया था। इस फिल्म में भी दो भिन्न धर्मों के रहन सहन, खान पान और संस्कृति की भिन्नता और टकराव को हास्य पैदा करने के लिहाज़ से उभारा गया था। एक सीन में लड़का जेनी को पटाने के लिए खुद के नॉन वेज होने का दावा करता है, लेकिन पाता है कि जेनी वेज है। इसी प्रकार से एक सीन में प्रेम जीसस से जेनी को पाने में मदद करने के लिए कहता है, क्योंकि हिन्दू देवता इससे खुश नहीं होंगे।
एक था टाइगर (२०१२)- जिन कबीर खान पर 'बजरंगी भाईजान' में लव जेहाद दिखाने का आरोप लग रहा है, उसी कबीर खान की फिल्म एक था टाइगर में भारतीय अंडरकवर एजेंट अविनाश (सलमान खान) पाकिस्तान की एजेंट ज़ोया (कटरीना कैफ) से प्यार करने लगता है। दोनों अपनी अपनी सरकारों को धोखा दे कर भाग निकलते हैं। यह फिल्म सरहद पार के रोमांस एक भिन्न उदाहरण है।
इशकज़ादे (२०१२)- यशराज फिल्म्स की बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर की लॉन्चिंग फिल्म 'इशकज़ादे' भी लखनऊ की पृष्ठभूमि पर हिन्दू लडके और मुस्लिम लड़की के रोमांस और राजनीतिक दांव पेच की दुखांत कहानी थी। इस फिल्म ने परिणीति चोपड़ा और अर्जुन कपूर को हिट कर दिया।
रांझणा (२०१३)- आनंद एल राज की फिल्म 'रांझणा' से दक्षिण के अभिनेता धनुष का डेब्यू हुआ था। फिल्म में वाराणसी के एक पंडित का बेटा कुंदन शंकर एक मुस्लिम लड़की ज़ोया हैदर से प्रेम करने लगता है। फिल्म में धनुष और सोनम कपूर ने इन किरदारों को किया था। यह फिल्म हिट हुई थी। धनुष बॉलीवुड में जम गए। रांझणा में एक मुस्लिम अभिनेता मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब ने चोटीधारी पंडित मुरारी का किरदार बड़ी स्वाभाविकता से क्या था।
लखनऊ के नवाबों का रोमांस ( १९६०- १९७२)- गुरुदत्त की फिल्म कागज़ के फूल फ्लॉप हो चुकी थी। गुरुदत्त बुरी तरह से टूट चुके थे। उन्होंने इस फिल्म पर अपना तन, मन और धन, सब कुछ लूटा दिया था। उनका बैनर शक के घेरे में था। गुरु का खुद पर से विश्वास तक उठ चुका था। ऐसे समय में उन्होंने लखनऊ के नवाबों की पृष्ठभूमि पर प्रेम त्रिकोण फिल्म चौदहवीं का चाँद की शुरुआत की। लेकिन, निर्देशक की कुर्सी पर बैठाया अपने दोस्त एम सादिक़ को। यह फिल्म सुपर हिट हुई। गुरुदत्त का बैनर बच गया। इसके साथ ही लखनऊ और उसके नवाबों की पृष्ठभूमि पर फिल्मों को सिलसिला चल निकला। चौदहवीं का चाँद में गुरुदत्त, रेहमान और वहीदा रेहमान ने मुख्य भूमिका की थी। इसके बाद नौशाद के संगीत से सजी अशोक कुमार, राजेंद्र कुमार, निम्मी, साधना और अमिता की मुख्य भूमिका वाली फिल्म मेरे महबूब प्रदर्शित हुई। इस फिल्म को भी ज़बरदस्त सफलता हासिल हुई। इसके बाद, एक बाद एक अशोक कुमार, मीना कुमारी, शशि कपूर और तनूजा की फिल्म बेनज़ीर; सुनील दत्त, मीना कुमारी, रेहमान और पृथ्वीराज कपूर की फिल्म ग़ज़ल; राजेंद्र कुमार, वहीदा रेहमान और रहमान की फिल्म पालकी; अशोक कुमार, मीना कुमारी और प्रदीप कुमार की फिल्म बहु बेगम; राजकुमार, माला सिन्हा और जीतेन्द्र की फिल्म मेरे हुज़ूर; राजेश खन्ना, लीना चंद्रावरकर और प्रदीप कुमार की फिल्म मेहबूब की मेहंदी; अशोक कुमार, राजकुमार और मीना कुमारी की फिल्म पाकीज़ा रिलीज़ हुई। इन सभी फिल्मों में लखनऊ, नवाब, इश्क़ और बलिदान ख़ास था। यह ज़्यादातर फ़िल्में बॉक्स ऑफिस और दर्शकों में नवाबों के रूमानी और रूहानी इश्क़ का जादू जगा पाने में कामयाब हुई थी।
कहते हैं कि इश्क़ की कोई भाषा नहीं होती। चाहे यह इश्क़ हो, प्यार हो या मोहब्बत हो, दर्शकों के ज़ेहन पर इसका जादू आसानी से चल जाता । कहते हैं इश्क़ अंधा होता है। तभी खूबसूरत मजनूं का काली लैला पर दिल आ जाता है। यह धर्म या जाति के बंधन नहीं मानता। इसके लिए वैश्या या तवायफ भी महबूब है।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉलीवुड में प्रेम का रोग है बड़ा बुरा
अभिनेता सैफ अली खान इधर काफी नाराज़ चल रहे हैं। एक हिन्दू संगठन ने
अपनी पत्रिका के कवर पर करीना कपूर की मॉर्फ़ फोटो लगा कर उस पर लव जेहाद
का कैप्शन लगा दिया था । ध्यान रहे कि करीना कपूर ने सैफ अली खान से शादी
की है। वह समझ नहीं पा रहे हैं कि उनकी शादी लव जेहाद कैसे हो गयी ! करीना
कपूर ने शादी करने के लिए अपना धर्म नहीं बदला है। तब इसे लव जेहाद कैसे
कहा जा सकता है। लेकिन, हिन्दू संगठन हिन्दू लड़की से मुस्लमान लडके के
रोमांस और शादी को ही लव जेहाद मानते हैं। इधर हिंदी फिल्मों में हिन्दू
लड़की के मुस्लमान लडके के साथ रोमांस पर फिल्मों का सिलसिला भी चल निकला
है। राजकुमार हिरानी की पीके के विवाद के केंद्र में यह मसला भी था।
इसलिए हिन्दू संगठनों ने सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान को लेकर हल्ला
मचाना शुरू कर दिया है। हिन्दू संगठन का ऐतराज़ इस बात पर है ही कि फिल्म
के शीर्षक में हिन्दुओं के आराध्य के नाम के साथ भाईजान लगाया गया है,
बल्कि इसके लव जेहाद पर भी ऐतराज़ है । फिल्म की पंडित लड़की करीना कपूर
मुस्लमान सलमान खान के साथ प्रेम करती है। इन संगठनों को ऐसा लगता है कि
हिंदी फ़िल्में लव जेहाद को बढ़ावा देती हैं। सैफ अली खान और करीना कपूर की
जोड़ी की फिल्म कुर्बान, शाहरुख़ खान और काजोल की फिल्म माय नाम इज़ खान इसी
लव जेहाद का नमूना हैं।
क्या हिंदी फ़िल्में या बॉलीवुड लव जेहाद का समर्थन करता है ! अगर बॉलीवुड की शादियों को देखा जाये तो लव जेहाद साफ़ नज़र आता है। आज के दो बड़े खान अभिनेताओं आमिर खान और शाहरुख़ खान ने हिन्दू लड़कियों से शादी की। सलमान खान के दोनों भाइयों की शादियां हिन्दू लड़कियों से हुई है। तीनों खानों की माँ सुशीला चरक हिन्दू हैं। फ़िरोज़ खान और फारूक शेख ने भी हिन्दू लड़कियों से शादियां की। इमरान खान की शादी हिन्दू लड़की अवंतिका से हुई है। सैफ अली खान भी हिन्दू शर्मीला टैगोर की संतान हैं। अभिनेत्री संगीता बिजलानी क्रिकेटर अज़हरुद्दीन की बीवी है। पूजा बेदी फरहान इब्राहिम की तलाक़शुदा है। कहने का मतलब यह कि बॉलीवुड निजी जवान में जितना लव जेहादी है, उतना ही फिल्मों में है।
लेकिन, यह तमाम उदाहरण लव जेहाद का एकतरफा रूप है। इसमे कोई शक नहीं कि बॉलीवुड में एक धर्म से दूसरे धर्म में विवाह के ढेरों उदाहरण हैं। बॉलीवुड में हिन्दू पुरुष का मुस्लिम स्त्री से विवाह के उदाहरण भी कम नहीं। सुनील दत्त और नर्गिस का विवाह इस का पहला उदाहरण था। बॉलीवुड के भट्ट परिवार के महेश भट्ट भी मुस्लिम महिला शिरीन और नानाभाई भट्ट के रोमांस का नतीजा है। खुद महेश भट्ट ने अशरफ बन कर सोनी राजदान से शादी की। आलिया भट्ट इन्हीं दोनों की संतान है। तब्बू की बहन और फिल्म अभिनेत्री फराह नाज़ पहलवान दारा सिंह की बहु बनी। सलमान खान की एक बहन अलविरा खान अभिनेता और फिल्म निर्माता अतुल अग्निहोत्री से विवाहित हैं। अभिनेत्री वहीदा रहमान ने हिन्दू कंवलजीत से शादी की। कंवलजीत फिल्म सन ऑफ़ इंडिया के हीरो थे। नफीसा अली ने कर्नल आरएस सोढ़ी से विवाह किया। अभिनेत्री मुमताज़ ने मयूर माधवानी से शादी की तो उनकी मल्लिका दारा सिंह के भाई रंधावा की बीवी बनीं। किशोर कुमार मधुबाला, ह्रितिक रोशन सुज़ैन खान, ज़रीना वहाब आदित्य पंचोली, सुनील शेट्टी माना कादरी, पंकज कपूर नीलिमा अज़ीम, राज बब्बर नादिरा बब्बर, आदि के विवाह हिन्दू लडके और मुस्लिम लड़की के विवाह के उदाहरण है। इनसे हिन्दू संगठनों वाला लव जेहाद साबित नहीं होता।
बॉलीवुड की उपरोक्त हस्तियों की शादियों के उदहारण की तरह फ़िल्में भी उदाहरण है। हिन्दू संगठनों का विरोध है कि हिंदी फ़िल्में (माय नाम इज़ खान, कुर्बान, पीके और बजरंगी भाईजान) लव जेहाद को बढ़ावा देती हैं, क्योंकि इनमे मुसलमान लड़का हिन्दू लड़की से शादी करता है। वास्तविकता तो यह है कि अब तक की हिन्दी फिल्मों में विपरीत धर्म का लव जेहाद नज़र आता है। हिन्दू लड़की से शादी करने वाले फ़िरोज़ खान की फिल्म 'धर्मात्मा' का रोमांस तो सरहद पार कर गया था। इस फिल्म में हिन्दू लडके और अफगानी लड़की का रोमांस दिखाया गया था।ऐसी ही एक नहीं कई फ़िल्में हैं, जिनमे दूसरे धर्म की लड़कियों से हिन्दू लडके का रोमांस दिखाया गया। पेश हैं ऐसी कुछ फ़िल्में -
बॉबी (१९७३)- मेरा नाम जोकर बना कर दिवालिया हो चुके फिल्मकार राजकपूर को बुलंदियों पर पहुंचाने वाली फिल्म बॉबी से राजकपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर को बिलकुल नयी लड़की डिंपल कपाड़िया का हीरो बना कर पेश किया। इस फिल्म में भी बॉलीवुड का परंपरागत अमीर गरीब का फार्मूला था। लेकिन, खास था एक हिन्दू लडके राज का क्रिस्चियन लड़की बॉबी ब्रैगेंज़ा से रोमांस। इस फिल्म के गीत 'बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो, पर प्यार भरा दिल न तोड़ो' से धर्म की दीवारों को चुनौती दी थी। उस समय भी इस गीत को लेकर काफी तूफ़ान मचा था।
जूली (१९७५)- दक्षिण की अभिनेत्री लक्ष्मी और बॉलीवुड अभिनेता विक्रम की केएस सेतुमाधवन निर्देशित फिल्म 'जूली' विवाह पूर्व संबंधों और अवैध बच्चे की बोल्ड कहानी थी। इस फिल्म में भी हिन्दू लड़का क्रिस्चियन लड़की से सम्बन्ध बनाता है। दोनों की शादी इस लिए नहीं हो सकती कि दोनों के धर्म और विश्वास भिन्न थे। फिल्म का साफ़ सन्देश था कि प्रेम के रास्ते में किसी धर्म को दीवार नहीं बनाया जा सकता। यह लक्ष्मी की पहली हिंदी फिल्म थी। इस फिल्म में श्रीदेवी ने लक्ष्मी की छोटी बहन की बाल भूमिका की थी।
सागर (१९८४)- रमेश सिप्पी निर्देशित फिल्म सागर से डिंपल कपाड़िया ने शादी के बाद अपनी वापसी की थी। यह उनकी ११ साल बाद रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म थी। एक बार फिर डिंपल-ऋषि की मशहूर बॉबी जोड़ी सागर में भी बन रही थी। इस फिल्म में भी क्रिस्चियन मोना का हिन्दू रवि से रोमांस था। कमल हासन का राजा करैक्टर इसे प्रेम त्रिकोण बना रहा था। इस फिल्म में डिंपल और ऋषि के बीच का चुम्बन काफी मशहूर हुआ था।
बॉम्बे (१९९५)- मणि रत्नम की इस फिल्म को क्लासिक फिल्म का दर्ज़ा प्राप्त है। यह फिल्म १९९२ के दंगों की पृष्ठभूमि पर हिन्दू लडके से मुसलमान लड़की के प्रेम विवाह की कहानी थी। इन दोनों का प्रेम १९९२ के दंगों में भी नहीं हारता था। इस फिल्म का हिन्दू और मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने एक सा विरोध किया था। फिल्म में सोनाली बेंद्रे पर फिल्माया गया 'हम्मा हम्मा' गीत काफी सेंसुअस माना गया था।
दहक (१९९९)- अक्षय खन्ना और सोनाली बेंद्रे की इस फिल्म की कहानी बड़ी दिलचस्प थी। जब्बार बक्शी को यह स्वीकार नहीं कि उसकी बहन किसी से मोहब्बत करे। इसलिए वह अपनी बहन के शौहर को मार देता है। बहन भी आत्महत्या कर लेती है। जब्बार को १२ साल की कैद हो जाती है। जब वह छूट कर बाहर आता है तो पाता है कि उसकी भांजी भी उसकी बहन की हमशक्ल है। वह उस समय स्तब्ध रह जाता है, जब उसे मालूम होता है कि उसकी भांजी एक हिन्दू से प्रेम करती है। इस फिल्म में सोनाली बेंद्रे ने माँ और बेटी का दोहरा किरदार किया था। डैनी डैंग्जोप्पा उनके भाई और मामा की भूमिका में थे।
ग़दर एक प्रेमकथा (२००१)- भारत विभाजन की पृष्ठभूमि पर पनपी अनिल शर्मा की एक प्रेम कथा में सनी देओल ने सरदार तारा सिंह और अमीषा पटेल ने मुसलमान लड़की सकीना का किरदार किया था। इस फिल्म में पाकिस्तान पर ज़बरदस्त हमला किया गया था। इसलिए इस फिल्म ने साथ ही रिलीज़ आमिर खान की फिल्म 'लगान' से ज़्यादा बिज़नेस किया। इस फिल्म का भी मुस्लिम संगठनों ने धर्म के नाम पर विरोध किया था।
वीर-ज़ारा (२००४)- यश चोपड़ा निर्देशित वीर-ज़ारा सरहद पार के रोमांस पर फिल्म थी। शाहरुख़ खान का किरदार स्क्वाड्रन लीडर वीर प्रताप सिंह पाकिस्तान से आयी ज़ारा हयात खान को पहाड़ से गिरने से बचाता है। दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। ठीक ग़दर की तरह वीर अपनी ज़ारा को पाने पाकिस्तान जाता हैं, जहाँ उसे बंदी बना लिया जाता है। फिल्म में रानी मुख़र्जी का किरदार वीर को जेल से छुड़ाता है। जब वीर वापस हिंदुस्तान आता है तो वह अपने घर में ज़ारा को इंतज़ार करता पाता है। सरहद पार रोमांस का यह फार्मूला दर्शकों को रास आया था।
अजब प्रेम की गज़ब कहानी (२००९)- राजकुमार संतोषी की इस फिल्म में भी हिन्दू लडके प्रेम का क्रिस्चियन लड़की जेनी के साथ रोमांस कॉमेडी शैली में फिल्माया गया था। परदे पर इन किरदारों को रणबीर कपूर और कटरीना कैफ ने किया था। इस फिल्म में भी दो भिन्न धर्मों के रहन सहन, खान पान और संस्कृति की भिन्नता और टकराव को हास्य पैदा करने के लिहाज़ से उभारा गया था। एक सीन में लड़का जेनी को पटाने के लिए खुद के नॉन वेज होने का दावा करता है, लेकिन पाता है कि जेनी वेज है। इसी प्रकार से एक सीन में प्रेम जीसस से जेनी को पाने में मदद करने के लिए कहता है, क्योंकि हिन्दू देवता इससे खुश नहीं होंगे।
एक था टाइगर (२०१२)- जिन कबीर खान पर 'बजरंगी भाईजान' में लव जेहाद दिखाने का आरोप लग रहा है, उसी कबीर खान की फिल्म एक था टाइगर में भारतीय अंडरकवर एजेंट अविनाश (सलमान खान) पाकिस्तान की एजेंट ज़ोया (कटरीना कैफ) से प्यार करने लगता है। दोनों अपनी अपनी सरकारों को धोखा दे कर भाग निकलते हैं। यह फिल्म सरहद पार के रोमांस एक भिन्न उदाहरण है।
इशकज़ादे (२०१२)- यशराज फिल्म्स की बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर की लॉन्चिंग फिल्म 'इशकज़ादे' भी लखनऊ की पृष्ठभूमि पर हिन्दू लडके और मुस्लिम लड़की के रोमांस और राजनीतिक दांव पेच की दुखांत कहानी थी। इस फिल्म ने परिणीति चोपड़ा और अर्जुन कपूर को हिट कर दिया।
रांझणा (२०१३)- आनंद एल राज की फिल्म 'रांझणा' से दक्षिण के अभिनेता धनुष का डेब्यू हुआ था। फिल्म में वाराणसी के एक पंडित का बेटा कुंदन शंकर एक मुस्लिम लड़की ज़ोया हैदर से प्रेम करने लगता है। फिल्म में धनुष और सोनम कपूर ने इन किरदारों को किया था। यह फिल्म हिट हुई थी। धनुष बॉलीवुड में जम गए। रांझणा में एक मुस्लिम अभिनेता मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब ने चोटीधारी पंडित मुरारी का किरदार बड़ी स्वाभाविकता से क्या था।
ज़ाहिर है कि १९७३ की फिल्म बॉबी में ईसाई बॉबी ब्रैगेंज़ा से रोमांस करने वाला हिन्दू प्रेम चालीस साल बाद भी अजब प्रेम की गज़ब कहानी, कॉकटेल और एक मैं और एक तू में भी ईसाई लड़की से कभी गौतम तो कभी राहुल बन कर प्यार करता है। बॉम्बे में पनपी हिन्दू लडके और मुसलमान लड़की की इश्क़बाजी लखनऊ आकर भी इशकजादे कहलाती है। ऐसे में किस फिल्म को लव जेहाद कहा जाये, किसे नहीं, कह पाना ज़रा मुश्किल है।
क्या हिंदी फ़िल्में या बॉलीवुड लव जेहाद का समर्थन करता है ! अगर बॉलीवुड की शादियों को देखा जाये तो लव जेहाद साफ़ नज़र आता है। आज के दो बड़े खान अभिनेताओं आमिर खान और शाहरुख़ खान ने हिन्दू लड़कियों से शादी की। सलमान खान के दोनों भाइयों की शादियां हिन्दू लड़कियों से हुई है। तीनों खानों की माँ सुशीला चरक हिन्दू हैं। फ़िरोज़ खान और फारूक शेख ने भी हिन्दू लड़कियों से शादियां की। इमरान खान की शादी हिन्दू लड़की अवंतिका से हुई है। सैफ अली खान भी हिन्दू शर्मीला टैगोर की संतान हैं। अभिनेत्री संगीता बिजलानी क्रिकेटर अज़हरुद्दीन की बीवी है। पूजा बेदी फरहान इब्राहिम की तलाक़शुदा है। कहने का मतलब यह कि बॉलीवुड निजी जवान में जितना लव जेहादी है, उतना ही फिल्मों में है।
लेकिन, यह तमाम उदाहरण लव जेहाद का एकतरफा रूप है। इसमे कोई शक नहीं कि बॉलीवुड में एक धर्म से दूसरे धर्म में विवाह के ढेरों उदाहरण हैं। बॉलीवुड में हिन्दू पुरुष का मुस्लिम स्त्री से विवाह के उदाहरण भी कम नहीं। सुनील दत्त और नर्गिस का विवाह इस का पहला उदाहरण था। बॉलीवुड के भट्ट परिवार के महेश भट्ट भी मुस्लिम महिला शिरीन और नानाभाई भट्ट के रोमांस का नतीजा है। खुद महेश भट्ट ने अशरफ बन कर सोनी राजदान से शादी की। आलिया भट्ट इन्हीं दोनों की संतान है। तब्बू की बहन और फिल्म अभिनेत्री फराह नाज़ पहलवान दारा सिंह की बहु बनी। सलमान खान की एक बहन अलविरा खान अभिनेता और फिल्म निर्माता अतुल अग्निहोत्री से विवाहित हैं। अभिनेत्री वहीदा रहमान ने हिन्दू कंवलजीत से शादी की। कंवलजीत फिल्म सन ऑफ़ इंडिया के हीरो थे। नफीसा अली ने कर्नल आरएस सोढ़ी से विवाह किया। अभिनेत्री मुमताज़ ने मयूर माधवानी से शादी की तो उनकी मल्लिका दारा सिंह के भाई रंधावा की बीवी बनीं। किशोर कुमार मधुबाला, ह्रितिक रोशन सुज़ैन खान, ज़रीना वहाब आदित्य पंचोली, सुनील शेट्टी माना कादरी, पंकज कपूर नीलिमा अज़ीम, राज बब्बर नादिरा बब्बर, आदि के विवाह हिन्दू लडके और मुस्लिम लड़की के विवाह के उदाहरण है। इनसे हिन्दू संगठनों वाला लव जेहाद साबित नहीं होता।
बॉलीवुड की उपरोक्त हस्तियों की शादियों के उदहारण की तरह फ़िल्में भी उदाहरण है। हिन्दू संगठनों का विरोध है कि हिंदी फ़िल्में (माय नाम इज़ खान, कुर्बान, पीके और बजरंगी भाईजान) लव जेहाद को बढ़ावा देती हैं, क्योंकि इनमे मुसलमान लड़का हिन्दू लड़की से शादी करता है। वास्तविकता तो यह है कि अब तक की हिन्दी फिल्मों में विपरीत धर्म का लव जेहाद नज़र आता है। हिन्दू लड़की से शादी करने वाले फ़िरोज़ खान की फिल्म 'धर्मात्मा' का रोमांस तो सरहद पार कर गया था। इस फिल्म में हिन्दू लडके और अफगानी लड़की का रोमांस दिखाया गया था।ऐसी ही एक नहीं कई फ़िल्में हैं, जिनमे दूसरे धर्म की लड़कियों से हिन्दू लडके का रोमांस दिखाया गया। पेश हैं ऐसी कुछ फ़िल्में -
बॉबी (१९७३)- मेरा नाम जोकर बना कर दिवालिया हो चुके फिल्मकार राजकपूर को बुलंदियों पर पहुंचाने वाली फिल्म बॉबी से राजकपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर को बिलकुल नयी लड़की डिंपल कपाड़िया का हीरो बना कर पेश किया। इस फिल्म में भी बॉलीवुड का परंपरागत अमीर गरीब का फार्मूला था। लेकिन, खास था एक हिन्दू लडके राज का क्रिस्चियन लड़की बॉबी ब्रैगेंज़ा से रोमांस। इस फिल्म के गीत 'बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो, पर प्यार भरा दिल न तोड़ो' से धर्म की दीवारों को चुनौती दी थी। उस समय भी इस गीत को लेकर काफी तूफ़ान मचा था।
जूली (१९७५)- दक्षिण की अभिनेत्री लक्ष्मी और बॉलीवुड अभिनेता विक्रम की केएस सेतुमाधवन निर्देशित फिल्म 'जूली' विवाह पूर्व संबंधों और अवैध बच्चे की बोल्ड कहानी थी। इस फिल्म में भी हिन्दू लड़का क्रिस्चियन लड़की से सम्बन्ध बनाता है। दोनों की शादी इस लिए नहीं हो सकती कि दोनों के धर्म और विश्वास भिन्न थे। फिल्म का साफ़ सन्देश था कि प्रेम के रास्ते में किसी धर्म को दीवार नहीं बनाया जा सकता। यह लक्ष्मी की पहली हिंदी फिल्म थी। इस फिल्म में श्रीदेवी ने लक्ष्मी की छोटी बहन की बाल भूमिका की थी।
सागर (१९८४)- रमेश सिप्पी निर्देशित फिल्म सागर से डिंपल कपाड़िया ने शादी के बाद अपनी वापसी की थी। यह उनकी ११ साल बाद रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म थी। एक बार फिर डिंपल-ऋषि की मशहूर बॉबी जोड़ी सागर में भी बन रही थी। इस फिल्म में भी क्रिस्चियन मोना का हिन्दू रवि से रोमांस था। कमल हासन का राजा करैक्टर इसे प्रेम त्रिकोण बना रहा था। इस फिल्म में डिंपल और ऋषि के बीच का चुम्बन काफी मशहूर हुआ था।
बॉम्बे (१९९५)- मणि रत्नम की इस फिल्म को क्लासिक फिल्म का दर्ज़ा प्राप्त है। यह फिल्म १९९२ के दंगों की पृष्ठभूमि पर हिन्दू लडके से मुसलमान लड़की के प्रेम विवाह की कहानी थी। इन दोनों का प्रेम १९९२ के दंगों में भी नहीं हारता था। इस फिल्म का हिन्दू और मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने एक सा विरोध किया था। फिल्म में सोनाली बेंद्रे पर फिल्माया गया 'हम्मा हम्मा' गीत काफी सेंसुअस माना गया था।
दहक (१९९९)- अक्षय खन्ना और सोनाली बेंद्रे की इस फिल्म की कहानी बड़ी दिलचस्प थी। जब्बार बक्शी को यह स्वीकार नहीं कि उसकी बहन किसी से मोहब्बत करे। इसलिए वह अपनी बहन के शौहर को मार देता है। बहन भी आत्महत्या कर लेती है। जब्बार को १२ साल की कैद हो जाती है। जब वह छूट कर बाहर आता है तो पाता है कि उसकी भांजी भी उसकी बहन की हमशक्ल है। वह उस समय स्तब्ध रह जाता है, जब उसे मालूम होता है कि उसकी भांजी एक हिन्दू से प्रेम करती है। इस फिल्म में सोनाली बेंद्रे ने माँ और बेटी का दोहरा किरदार किया था। डैनी डैंग्जोप्पा उनके भाई और मामा की भूमिका में थे।
ग़दर एक प्रेमकथा (२००१)- भारत विभाजन की पृष्ठभूमि पर पनपी अनिल शर्मा की एक प्रेम कथा में सनी देओल ने सरदार तारा सिंह और अमीषा पटेल ने मुसलमान लड़की सकीना का किरदार किया था। इस फिल्म में पाकिस्तान पर ज़बरदस्त हमला किया गया था। इसलिए इस फिल्म ने साथ ही रिलीज़ आमिर खान की फिल्म 'लगान' से ज़्यादा बिज़नेस किया। इस फिल्म का भी मुस्लिम संगठनों ने धर्म के नाम पर विरोध किया था।
वीर-ज़ारा (२००४)- यश चोपड़ा निर्देशित वीर-ज़ारा सरहद पार के रोमांस पर फिल्म थी। शाहरुख़ खान का किरदार स्क्वाड्रन लीडर वीर प्रताप सिंह पाकिस्तान से आयी ज़ारा हयात खान को पहाड़ से गिरने से बचाता है। दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। ठीक ग़दर की तरह वीर अपनी ज़ारा को पाने पाकिस्तान जाता हैं, जहाँ उसे बंदी बना लिया जाता है। फिल्म में रानी मुख़र्जी का किरदार वीर को जेल से छुड़ाता है। जब वीर वापस हिंदुस्तान आता है तो वह अपने घर में ज़ारा को इंतज़ार करता पाता है। सरहद पार रोमांस का यह फार्मूला दर्शकों को रास आया था।
अजब प्रेम की गज़ब कहानी (२००९)- राजकुमार संतोषी की इस फिल्म में भी हिन्दू लडके प्रेम का क्रिस्चियन लड़की जेनी के साथ रोमांस कॉमेडी शैली में फिल्माया गया था। परदे पर इन किरदारों को रणबीर कपूर और कटरीना कैफ ने किया था। इस फिल्म में भी दो भिन्न धर्मों के रहन सहन, खान पान और संस्कृति की भिन्नता और टकराव को हास्य पैदा करने के लिहाज़ से उभारा गया था। एक सीन में लड़का जेनी को पटाने के लिए खुद के नॉन वेज होने का दावा करता है, लेकिन पाता है कि जेनी वेज है। इसी प्रकार से एक सीन में प्रेम जीसस से जेनी को पाने में मदद करने के लिए कहता है, क्योंकि हिन्दू देवता इससे खुश नहीं होंगे।
एक था टाइगर (२०१२)- जिन कबीर खान पर 'बजरंगी भाईजान' में लव जेहाद दिखाने का आरोप लग रहा है, उसी कबीर खान की फिल्म एक था टाइगर में भारतीय अंडरकवर एजेंट अविनाश (सलमान खान) पाकिस्तान की एजेंट ज़ोया (कटरीना कैफ) से प्यार करने लगता है। दोनों अपनी अपनी सरकारों को धोखा दे कर भाग निकलते हैं। यह फिल्म सरहद पार के रोमांस एक भिन्न उदाहरण है।
इशकज़ादे (२०१२)- यशराज फिल्म्स की बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर की लॉन्चिंग फिल्म 'इशकज़ादे' भी लखनऊ की पृष्ठभूमि पर हिन्दू लडके और मुस्लिम लड़की के रोमांस और राजनीतिक दांव पेच की दुखांत कहानी थी। इस फिल्म ने परिणीति चोपड़ा और अर्जुन कपूर को हिट कर दिया।
रांझणा (२०१३)- आनंद एल राज की फिल्म 'रांझणा' से दक्षिण के अभिनेता धनुष का डेब्यू हुआ था। फिल्म में वाराणसी के एक पंडित का बेटा कुंदन शंकर एक मुस्लिम लड़की ज़ोया हैदर से प्रेम करने लगता है। फिल्म में धनुष और सोनम कपूर ने इन किरदारों को किया था। यह फिल्म हिट हुई थी। धनुष बॉलीवुड में जम गए। रांझणा में एक मुस्लिम अभिनेता मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब ने चोटीधारी पंडित मुरारी का किरदार बड़ी स्वाभाविकता से क्या था।
ज़ाहिर है कि १९७३ की फिल्म बॉबी में ईसाई बॉबी ब्रैगेंज़ा से रोमांस करने वाला हिन्दू प्रेम चालीस साल बाद भी अजब प्रेम की गज़ब कहानी, कॉकटेल और एक मैं और एक तू में भी ईसाई लड़की से कभी गौतम तो कभी राहुल बन कर प्यार करता है। बॉम्बे में पनपी हिन्दू लडके और मुसलमान लड़की की इश्क़बाजी लखनऊ आकर भी इशकजादे कहलाती है। ऐसे में किस फिल्म को लव जेहाद कहा जाये, किसे नहीं, कह पाना ज़रा मुश्किल है।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
परदे के बाहर भी धड़कते हैं ये दिल
हिंदी फिल्मों के किरदारों के सीनों में एक अदद दिल धड़कता रहा है। रोमांस फ़िल्में हर युग के दर्शकों की पसंदीदा रही हैं। इन रोमांटिक किरदारों को करने वाले एक्टरों को फिल्म दर्शकों का प्यार हमेशा ही मिला है। ऐसे में जब परदे पर दो दिल धड़कते हों तो उनके धड़कने का अनुभव इन्हे परदे पर जीने वाले कलाकारों को होना स्वाभाविक है। ऐसे मैं मुंबई की मायानगरी से रोमांस की खबरे चारों और फैलें तो कोई बड़ी बात नहीं। हाँ, कभी कभी यह रोमांस शादियों तक भी पहुंचे हैं।
१९३० के दशक में, जब परदे पर पहली दुखांत रोमांस कथा देवदास परदे पर उतरी, परदे का रोमांस किरदारों को करने वाले कलाकारों के दिल में भी धड़क रहा था। बंगाली देवदास में देवदास का किरदार करने वाले पीसी बरुआ और पार्वती का किरदार करने वाली जमुना पति पत्नी थे। परन्तु, रोमांटिक फिल्मों के बावजूद बॉलीवुड में अभिनेता-अभिनेत्री के बीच रोमांस के किस्से बहुत कम सुनाई पड़ते थे। १९५० के दशक का सबसे गर्मागर्म रोमांस हुआ बड़ी अभिनेत्री गीता बाली और उभरते अभिनेता शम्मी कपूर के बीच। किदार शर्मा की फिल्मों के पसंदीदा इस जोड़े ने मिस कोका कोला, रंगीन रातें, मोहन और कॉफ़ी हाउस जैसी फिल्मों में साथ अभिनय किया। यह फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर बिलकुल नहीं चली। लेकिन,इस जोड़े का रोमांस चल निकला। १९५५ में योगिता बाली और शम्मी कपूर ने शादी कर ली। यह प्यार की ताकत ही थी कि जब कपूर खानदान की बहू शादी के बाद भी फिल्मो में काम करती रही ।
संजय दत्त के पिता सुनील दत्त का अभिनेत्री नर्गिस के साथ रोमांस परवान चढ़ा, उसे अपनी मंज़िल मिली। नर्गिस मुस्लमान थीं, सुनील दत्त हिन्दू। लेकिन, उस समय की बड़ी अभिनेत्री नर्गिस को सुनील दत्त भा गए। उन पर दत्त की बहादुरी और साहस ने जादू कर दिया। महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया में नर्गिस ने सुनील दत्त की माँ का किरदार किया था। फिल्म के एक दृश्य में नर्गिस खेतों में पुआल के ढेरों में आग लग जाने के कारण फंस जाती है। अब हुआ यह कि रील लाइफ के लिए फिल्माया जा रहा यह दृश्य रियल हो गया। नर्गिस सचमुच आग के बीच फंस गयी। सभी डरे से खड़े हुए नर्गिस को मौत के मुंह में जाता देखते रहे। ऐसे समय में युवा सुनील दत्त अपनी जान की परवाह किये बिना आग के बीच घुस कर नर्गिस को बचा लाये। नर्गिस उन पर मर मिटी। उन्होंने फिल्मों में अपना उजला करियर छोड़ कर सुनील दत्त के साथ घर बसा लिया।
साठ के दशक तक यही इक्का दुक्का रोमांस थे, जो शादी में बदले। हालाँकि, इस दौरान नलिनी जयवंत और अशोक कुमार, देव आनंद और सुरैया के रोमांस ने रील और रियल लाइफ में सुर्खियां पाई। राजेंद्र कुमार और सायरा बानो का रोमांस भी खूब चर्चित हुआ। लेकिन, सायरा बानो के दिलीप कुमार से निकाह के साथ यह रोमांस ख़त्म हो गया। इस दशक की सबसे रोमांटिक और चर्चित शादी हुई किशोर कुमार और मधुबाला की। किशोर कुमार अपनी पहली पत्नी रूमा से तलाक़ ले चुके थे। इसी दौरान उनकी ज़िन्दगी में दिलीप कुमार से प्रताड़ित और टीबी की शिकार अभिनेत्री मधुबाला। किशोर कुमार ने यह जानते हुए भी कि मधुबाला को टीबी है और वह लम्बा जीवित नहीं रह पाएंगी, न केवल उनसे विवाह किया, बल्कि, महा कंजूस के रूप में मशहूर इस एक्टर गायक ने मधुबाला की बीमारी के इलाज़ में पानी की तरह पैसा बहाया। यह मधुबाला -किशोर कुमार प्रेम की इन्तहा थी।
सत्तर का दशक रियल लाइफ रोमांस से भरपूर था। अब एक्टर चाहे एक्शन करें या रोमांस, रियल लाइफ में उनके रोमांस के किस्से सुर्खियां पाते रहते थे। हिंदी फिल्मों के ही-मैन धर्मेन्द्र और एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन के रोमांटिक किस्सों से ग्लॉसी मैगज़ीन लालों लाल रहा करती थी। धर्मेन्द्र ने स्टारडम की सीढ़ियां चढने के लिए उस समय की बड़ी अभिनेत्री मीना कुमारी के साथ अपने रोमांस को खूब हवा दी। जब वह बड़े स्टार बन गए तो उनके हेमा मालिनी के साथ रोमांस के किस्से चटखारे के साथ सुने और सुनाये जाने लगे। धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी ने साथ दर्जनों फिल्मों में अभिनय किया। तुम हसीं मैं जवान, शराफत, जुगनू, नया ज़माना, सीता और गीता , राजा जानी, पत्थर और पायल, प्रतिज्ञा, बगावत, आदि फिल्मों की शूटिंग के दौरान इन दोनों को एकांत में घंटों बिताते देखा जाता था। शोले के बाद इस प्रेम की परिणीति दोनों के विवाह में हुई।
हालाँकि, अमिताभ बच्चन के कई अभिनेत्रियों के साथ रोमांस के किस्से आम हुए। उन्होंने फिल्म अभिनेत्री जया भादुड़ी के साथ अपनी पहली सुपर हिट फिल्म ज़ंजीर में अभिनय किया था। इन दोनों ने अभिमान, मिली,चुपके चुपके और शोले जैसी फिल्मों में अभिनय किया। दोनों के बीच रोमांस कुछ इतना ज़ोर पकड़ा की इन दोनों ने शादी कर ली। अब यह बात दीगर है कि अमिताभ बच्चन जया से शादी के बाद भी अभिनेत्री रेखा के साथ रोमांस करते रहे। अमिताभ रेखा के रोमांस को ज़बरदस्त सुर्खियां मिला करती थी। इन दोनों की फ़िल्में भी सुपर हिट हुआ करती थी। यह रोमांस कुली की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन के घायल हो जाने के बाद ख़त्म हो गया।
बॉलीवुड की पहली फैमिली कपूरों ने भी कम रोमांस नहीं किया। राज कपूर ने नर्गिस के साथ रोमांस किया। उनके छोटे भाई शम्मी कपूर ने अभिनेत्री गीता बाली के साथ रोमांस और शादी की। शशि कपूर ने एक अँगरेज़ फिल्म और रंगमंच की अभिनेत्री जेनिफर से विवाह किया। राजकपूर के बेटों रणधीर कपूर और ऋषि कपूर ने खूब रोमांस भी किया और शादी भी की। रणबीर कपूर ने फिल्म कल आज और कल में अपनी नायिका और लम्बे समय की प्रेमिका बबिता के साथ शादी कर ली। इन दोनों की बेटियों करिश्मा कपूर और करीना कपूर ने भी जम कर रोमांस किया। करिश्मा कपूर का अभिषेक बच्चन के साथ रोमांस शादी की दहलीज़ तक पहुँच कर टूट गया। लेकिन, करीना कपूर ने शाहिद कपूर के साथ सबसे लम्बा प्रेम प्रसंग रचाने के बाद शादी की अभिनेता सैफ अली खान के साथ। सैफ के साथ करीना का रोमांस भी कुर्बान और एजेंट विनोद के दौरान खूब सुर्खियां पाया। राजकपूर के दूसरे बेटे ऋषि कपूर का अभिनेत्री नीतू सिंह के साथ रोमांस फिल्मों की हदें तोड़ कर बाहर आ निकला। इन दोनों ने रफू चक्कर, कभी कभी, खेल खेल में, अमर अकबर अन्थोनी, आदि फिल्मों में रोमांटिक भूमिकाएं की। इन दोनों के रोमांस का नतीज़ा था कि इन दोनों की ज़्यादातर फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई। बाद में दोनों ने शादी कर ली। आजकल, इन दोनों की संतान रणबीर कपूर कभी दीपिका पादुकोण तो कभी कटरीना कैफ से रोमांस लड़ाते सुर्खियां पाते हैं।
कभी अक्षय कुमार की कैसानोवा बॉय की इमेज बन गई थी। वह अपनी हर फिल्म की हर अभिनेत्री के चक्कर काटने लगते थे। पहले उनका रोमांस मॉडल पूजा बत्रा से हुआ। फिल्म मोहरा की शूटिंग के दौरान अक्षय की फिल्म की नायिका रवीना टंडन के साथ पहले दोस्ती और फिर रोमांस कायम हो गया। इन दोनों के बीच रोमांस कितना गर्म था, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि अक्षय ने रवीना के साथ सगाई भी कर ली थी। लेकिन, उभरते करियर और दर्शक खो देने के भय ने इस सगाई की खबरों को गुप्त रखा गया। पर यही रवीना धोखा खा गयी। अक्षय अपनी पूर्व प्रेमिकाओं से मिलने लगे। वह अपने एक दूसरी को-स्टार शिल्पा शेट्टी के दीवाने नज़र आये। खिलाडियों का खिलाडी की शूटिंग के दौरान रवीना ने अक्षय को रेखा के साथ गर्मागर्म रोमांस करते पकड़ा। अक्षय की इस बेवफाई ने रवीना का दिल तोड़ दिया। बताते हैं कि रवीना ने आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन, बच जाने के बाद उन्होंने अक्षय से रिश्ता बिलकुल तोड़ दिया। अपनी दिल फेंक आदतों के कारण अक्षय कुमार अपनी फिल्म इंटरनेशनल खिलाडी की नायिका और राजेश खन्ना-डिंपल की बेटी ट्विंकल को अपने प्रेम जाल में फंसाने लगे। लेकिन, ट्विंकल उनसे ज़्यादा चतुर निकली। उसने अक्षय को शादी करने के लिए मज़बूर कर दिया। चौदह साल पहले इन दोनों की शादी हो गयी।
अजय देवगन के करिश्मा कपूर तथा इक्का दुक्का अन्य को-स्टार्स के साथ रोमांस के किस्से उछले। फिर अजय देवगन के जीवन में आई काजोल । इन दोनों ने प्यार तो होना ही था, इश्क़, दिल क्या करे, राजू चाचा, आदि फ़िल्में साथ की। दोनों के रोमैंस के किस्से सुनाई देने लगे। लेकिन, इस रोमांस को इन दोनों ने जल्द ही शादी में बदल दिया।
ऐश्वर्या राय के सबसे ज़्यादा रोमांटिक किस्से सलमान खान के साथ फैले। हालाँकि, इन दोनों ने इक्का दुक्का फ़िल्में ही साथ की। हम दिल दे चुके सनम ऎसी ही फिल्म थी। इस फिल्म में दोनों की रोमांटिक केमिस्ट्री साफ़ नज़र आती थी। मगर, चलते चलते की शूटिंग के दौरान सलमान खान द्वारा मारपीट करने से घबरा कर ऐश्वर्या राय ने सलमान खान से नाता तोड़ लिया। फिर वह कुछ समय तक विवेक ओबेरॉय से लिंक रही। लेकिन, आखिरकार, ढाई अक्षर प्रेम के और उमराव जान में अपने नायक अभिषेक बच्चन के साथ संक्षिप्त रोमांस के बाद ऐश्वर्या राय ने बच्चन सर नेम अपने नाम के आगे लगा लिया।
राजेंद्र कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कभी सफल कभी असफल बॉलीवुड रोमांस
बॉलीवुड रोमांस के लिए धर्म कोई बाधा नहीं, जाति उसे किसी बंधन में
नहीं बाँध पाती। वह केवल प्रेम देखता है। जैसा राधा का कृष्ण से, हीर का
रांझा से, जूलिएट का रोमियो से था । बॉलीवुड ने इसे रील लाइफ और रियल लाइफ
में बार बार साबित किया है। अब यह बात दीगर है कि किसी रोमांस ने मंज़िल पा
ली, तो किसी का सफर अधूरा रह गया।
संजय दत्त के पिता सुनील दत्त का अभिनेत्री नर्गिस के साथ रोमांस परवान चढ़ा, उसे अपनी मंज़िल मिली। नर्गिस मुस्लमान थीं, सुनील दत्त हिन्दू। लेकिन, उस समय की बड़ी अभिनेत्री नर्गिस को सुनील दत्त भा गए। उन पर दत्त की बहादुरी और साहस ने जादू कर दिया। महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया में नर्गिस ने सुनील दत्त की माँ का किरदार किया था। फिल्म के एक दृश्य में नर्गिस खेतों में पुआल के ढेरों में आग लग जाने के कारण फंस जाती है। अब हुआ यह कि रील लाइफ के लिए फिल्माया जा रहा यह दृश्य रियल हो गया। नर्गिस सचमुच आग के बीच फंस गयी। सभी डरे से खड़े हुए नर्गिस को मौत के मुंह में जाता देखते रहे। ऐसे समय में युवा सुनील दत्त अपनी जान की परवाह किये बिना आग के बीच घुस कर नर्गिस को बचा लाये। नर्गिस उन पर मर मिटी। उन्होंने फिल्मों में अपना उजला करियर छोड़ कर सुनील दत्त के साथ घर बसा लिया।
सुनील दत्त से शादी से पहले, नर्गिस और राजकपूर का रोमांस परवान चढ़ा था। आम तौर पर, राजकपूर अपनी फिल्म की नायिका के साथ रोमांटिकली इन्वॉल्व हो जाय करते थे। ऐसा वह फिल्म में रोमांस को गहराने के लिए करते थे। जब राजकपूर फिल्मों में आये, तब तक नर्गिस टॉप की अभिनेत्रियों में शुमार की जाती थी। लेकिन, जब राजकपूर ने बतौर निर्देशक फिल्म आग बनाने का ऐलान किया तो नर्गिस ने आग की नायिका बनने के लिए सहमति दे दी। इस फिल्म के बाद नर्गिस और राजकपूर कुल १६ फिल्मों में अभिनय किया। हर फिल्म के साथ इन दोनों का रोमांस ज़ोर पकड़ने लगा। कहा जाता है कि इन रोमांस की खबरों से परेशान हो कर राजकपूर की पत्नी कृष्णा घर छोड़ कर होटल में रहने चली गयी। इस रोमांस का अंत मदर इंडिया के दौरान सुनील दत्त से नर्गिस की शादी के साथ हो गया।
लेकिन, सभी रोमांस कहानियाँ नर्गिस-सुनील दत्त रोमांस की तरह मंज़िल पर जा कर ख़त्म नहीं होती। देव आनंद-सुरैया तथा गुरु दत्त - वहीदा रहमान रोमांस भी अधूरा रह गया रोमांस था। सुरैया और देव आनंद ने एक साथ सात फ़िल्में की थी। फिल्म विद्या से दोनों के बीच रोमांस पनपा। लेकिन,सुरैया की नानी इस रोमांस के सख्त खिलाफ थी। वह नहीं चाहती थीं कि उनकी नातिन किसी हिन्दू के साथ शादी क्या रोमांस भी करे। हालाँकि, सुरैया और देव आनंद रोमांस सगाई की दहलीज़ तक पहुँच गया था। लेकिन, सुरैया नानी का दबाव नहीं झेल सकीं। उन्होंने देव आनंद से सगाई करने से इंकार कर दिया। देव आनंद की वेडिंग रिंग समुद्र की कोख में डूब गयी। देव आनंद ने अपनी टैक्सी ड्राइवर की को-स्टार कल्पना कार्तिक से शादी कर ली, सुरैया ने एकांत को गले लगा लिया। ठीक इसी प्रकार से ख़त्म हुआ गुरु दत्त और वहीदा रहमान रोमांस। कुछ कहते हैं कि वहीदा रहमान अपने करियर बनाने में गुरु दत्त का फायदा उठाने के लिए उन से इन्वॉल्व नज़र आ रही थीं। लेकिन, इस एकतरफा रोमांस का नतीज़ा दत्त परिवार ने झेला। गुरु दत्त की पत्नी गायिका गीता दत्त थीं। वहीदा रहमान के कारण गीता दत्त और गुरु के बीच तनाव पैदा हो गया। गीता दत्त घर छोड़ कर चली गयी। गुरु दत्त अकेले रह गए। वह अत्यधिक शराब पीने लगे। कहा जाता है कि उन्होंने नशीली दवा की ओवरडोज़ लेकर आत्महत्या कर ली।
असफल रोमांस और शराब ने संजीव कुमार की जान ले ली और सुलक्षणा पंडित का फिल्म करियर ख़त्म हो गया। सुलक्षणा सुरैया के जोड़ की गायिका अभिनेत्री बन कर उभरी थीं। उनकी बतौर अभिनेत्री पहली फिल्म उलझन संजीव कुमार के साथ थी। इस फिल्म से सुलक्षणा पंडित को गायिका अभिनेत्री की प्रतिष्ठा दी। लेकिन, वह संजीव कुमार से प्यार करने लगी थी और उनसे शादी का सपना देख रही थीं। वही संजीव कुमार दिलफेंक किस्म के व्यक्ति थे। वह अपनी फिल्म की हर अभिनेत्री से इन्वॉल्व हो जाते। संजीव कुमार ने शोले के निर्माण से पहले हेमा मालिनी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। उस समय तक हेमा मालिनी कुंवारे संजीव कुमार को छोड़ कर शादीशुदा धर्मेन्द्र को चाहने लगी थी। हेमा मालिनी ने संजीव कुमार को साफ़ इंकार कर दिया। संजीव कुमार का दिल टूट गया। निर्देशक रमेश सिप्पी को साफ़ हिदायतें दे दी गयी कि संजीव कुमार और हेमा मलिनीं के बीच कोई सीन शूट नहीं किया जायेगा। जो इक्का दुक्का सीन इन दोनों के बीच थे, वह भी अलग अलग फिल्माए गए थे। हेमा मालिनी के इंकार के बाद संजीव कुमार शराब में बुरी तरह से डूब गए। दिल के रोगी संजीव को शराब भारी पड़ी। सैंतालिस साल की उम्र में उनका देहांत हो गया। संजीव कुमार की दशा ने सुलक्षणा पंडित को झिंझोड़ कर रख दिया। संजीव कुमार की मौत के बाद उन्होंने खुद को एकांत में डुबो दिया। सुलक्षण पंडित की तरह अभिनेत्री रंजीता का करियर भी रोमांस ने ख़त्म कर दिया। रंजीता ने ऋषि कपूर के साथ सुपर डुपर हिट फिल्म लैला मजनू से डेब्यू किया था। इस फिल्म के बाद रंजीता की अँखियों के झरोखों से,पति पत्नी और वह, सुरक्षा, तराना, आदि फ़िल्में एक के बाद एक सुपर हिट होती चली गयी। ऐसा लगा रंजीता अपनी समकालीन टॉप की अभिनेत्रियों के लिए कड़ी चुनौती बनेंगी। लेकिन, फिल्म हादसा के दौरान वह फिल्म के नायक अकबर खान के रोमांस में पड़ गयी। वह अकबर से शादी करने की तयारी करने लगी। उन्होंने अपने करियर की उपेक्षा करनी शुरू कर दी। नतीज़तन फिल्म निर्माता उनसे छिटकने लगे। अकबर खान ने रंजीता से शादी नहीं की, लेकिन उनका करियर ज़रूर ख़त्म हो गया।
रेखा और अमिताभ बच्चन की पहली मुलाक़ात दो अनजाने के दौरान हुई थी। तुरंत ही दोनों के बीच प्रेम सम्बन्ध स्थापित हो गए। लेकिन, चूंकि, अमिताभ बच्चन जया भादुड़ी विवाहित थे, इसलिए दोनों ने अपना प्रेम गोपनीय रखा। लेकिन, फिल्म गंगा की सौगंध के सेट पर यूनिट के एक सदस्य द्वारा रेखा के साथ बदतमीज़ी किये जाने पर अमिताभ बच्चन भड़क गए। इसके साथ ही रेखा-अमिताभ रोमांस कुलांचे भरने लगा। इस रोमांस का खत्म कुली में घटी दुर्घटना के बाद ही हुआ। अमिताभ बच्चन, रेखा और जया बच्चन त्रिकोण पर ही यश चोपड़ा ने फिल्म सिलसिला का निर्माण किया था।
कुछ ऐसे रोमांस भी हुए, जो शादी की दहलीज़ तक नहीं पहुँच सके। लेकिन, इन्हे करने वालों ने इसे क़ुबूल किया। शत्रुघ्न सिन्हा और रीना रॉय रोमांस सात साल तक चला। शत्रुघ्न सिन्हा शादी शुदा थे, लेकिन रीना को इस पर ऐतराज़ नहीं था। शत्रु भी रीना के 'साथ' को स्वीकार करते थे। फिर रीना रॉय ने पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहसिन खान से शादी कर ली। महेश भट्ट और परवीन बाबी रोमांस भी अधूरा रहा। परवीन बॉबी कबीर बेदी के साथ सम्बन्ध ख़त्म होने से टूट गयी थी। सो वह महेश भट्ट से जुड़ गयी। महेश भट्ट उनसे जुड़े। पर कभी खुल कर सामने नहीं आये। महेश ने परवीन और कबीर संबंधों पर फिल्म अर्थ और अपने परवीन के संबंधों पर वह लम्हे बनाई। अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित तथा माधुरी दीक्षित और संजय दत्त रोमांस भी खूब परवान चढ़ा। लेकिन,माधुरी दीक्षित शायद यह रोमांस अपने करियर के खातिर कर रही थी। क्योंकि, संजय दत्त के जेल जाने के बाद वह उनसे मिलने तक नहीं गई। मिथुन चक्रवती के साथ श्रीदेवी का रोमांस शादी की खबरों तक पहुंचा। लेकिन,श्रीदेवी ने शादी बोनी कपूर से करके इन हवाओं को शांत कर दिया। अक्षय कुमार ने रवीना टंडन, शिल्पा शेट्टी, आदि अपनी तमाम फिल्म नायिकाओं के साथ रोमांस किया। लेकिन, ट्विंकल खन्ना के साथ उनका रोमांस ही शादी की दहलीज़ पर पहुंचा। सलमान खान और ऐश्वर्या राय का रोमांस हम दिल दे चुके सनम के दौरान बेहद गर्म था। लेकिन, चलते चलते के दौरान सलमान खान के मारपीट करने ने ऐश्वर्या राय को सलमान से दूर छिटका दिया। सलमान खान फिर कटरीना कैफ से भी जुड़े। लेकिन, कटरीना ने सलमान को छोड़ दिया। इसके बाद, दीपिका पादुकोण के साथ गर्मागर्म रोमांस करने वाले रणबीर कपूर कटरीना कैफ से जुड़ गए। बिपाशा बासु और जॉन अब्राहम का रोमांस दस साल चलने के बाद यकायक ख़त्म हो गया। इसी प्रकार से, शाहिद कपूर और करीना कपूर के बीच का रोमांस भी जब वी मेट पूरा होने के साथ ही ख़त्म हो गया। यह दोनों रोमांस इसलिए ख़त्म हुए, क्योंकि बिपाशा बासु और करीना कपूर को लगता था कि उनके पुरुष मित्र कहीं और मुंह मारते हैं।
फिलहाल , बॉलीवुड में कैज़ुअल रोमांस जारी है। श्रद्धा कपूर और आदित्य रॉय कपूर का रोमांस खदबदाता रहता है। अलिया भट्ट और सिद्धार्थ मल्होत्रा के रोमांस की भी खबरे हैं। दीपिका पादुकोण फिलहाल रणबीर को छोड़ कर रणवीर सिंह में अपना प्यार ढूंढ रही हैं। रणवीर सिंह से धोखा खाई अनुष्का शर्मा क्रिकेटर विराट कोहली के बल्ले की आवाज़ में मोहब्बत ढूंढ रही है। जॉन अब्राहम से टूटने के बाद हरमन बवेजा से जुडी बिपाशा का दिल हरमन से भी उकता गया है। सुना है कि सुशांत सिंह राजपूत अपनी सीरियल पवित्र रिश्ता की सह अभिनेत्री अंकिता लोखंडे से शादी करने जा रहे हैं। यो शादी करने की खबर तो रणबीर कपूर और कटरीना कैफ की भी है। लेकिन, बॉलीवुड के यह रोमांस कितना टूटते हैं या शादी से जुड़ते हैं, कहना ज़रा मुश्किल है।
राजेंद्र कांडपाल
संजय दत्त के पिता सुनील दत्त का अभिनेत्री नर्गिस के साथ रोमांस परवान चढ़ा, उसे अपनी मंज़िल मिली। नर्गिस मुस्लमान थीं, सुनील दत्त हिन्दू। लेकिन, उस समय की बड़ी अभिनेत्री नर्गिस को सुनील दत्त भा गए। उन पर दत्त की बहादुरी और साहस ने जादू कर दिया। महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया में नर्गिस ने सुनील दत्त की माँ का किरदार किया था। फिल्म के एक दृश्य में नर्गिस खेतों में पुआल के ढेरों में आग लग जाने के कारण फंस जाती है। अब हुआ यह कि रील लाइफ के लिए फिल्माया जा रहा यह दृश्य रियल हो गया। नर्गिस सचमुच आग के बीच फंस गयी। सभी डरे से खड़े हुए नर्गिस को मौत के मुंह में जाता देखते रहे। ऐसे समय में युवा सुनील दत्त अपनी जान की परवाह किये बिना आग के बीच घुस कर नर्गिस को बचा लाये। नर्गिस उन पर मर मिटी। उन्होंने फिल्मों में अपना उजला करियर छोड़ कर सुनील दत्त के साथ घर बसा लिया।
सुनील दत्त से शादी से पहले, नर्गिस और राजकपूर का रोमांस परवान चढ़ा था। आम तौर पर, राजकपूर अपनी फिल्म की नायिका के साथ रोमांटिकली इन्वॉल्व हो जाय करते थे। ऐसा वह फिल्म में रोमांस को गहराने के लिए करते थे। जब राजकपूर फिल्मों में आये, तब तक नर्गिस टॉप की अभिनेत्रियों में शुमार की जाती थी। लेकिन, जब राजकपूर ने बतौर निर्देशक फिल्म आग बनाने का ऐलान किया तो नर्गिस ने आग की नायिका बनने के लिए सहमति दे दी। इस फिल्म के बाद नर्गिस और राजकपूर कुल १६ फिल्मों में अभिनय किया। हर फिल्म के साथ इन दोनों का रोमांस ज़ोर पकड़ने लगा। कहा जाता है कि इन रोमांस की खबरों से परेशान हो कर राजकपूर की पत्नी कृष्णा घर छोड़ कर होटल में रहने चली गयी। इस रोमांस का अंत मदर इंडिया के दौरान सुनील दत्त से नर्गिस की शादी के साथ हो गया।
लेकिन, सभी रोमांस कहानियाँ नर्गिस-सुनील दत्त रोमांस की तरह मंज़िल पर जा कर ख़त्म नहीं होती। देव आनंद-सुरैया तथा गुरु दत्त - वहीदा रहमान रोमांस भी अधूरा रह गया रोमांस था। सुरैया और देव आनंद ने एक साथ सात फ़िल्में की थी। फिल्म विद्या से दोनों के बीच रोमांस पनपा। लेकिन,सुरैया की नानी इस रोमांस के सख्त खिलाफ थी। वह नहीं चाहती थीं कि उनकी नातिन किसी हिन्दू के साथ शादी क्या रोमांस भी करे। हालाँकि, सुरैया और देव आनंद रोमांस सगाई की दहलीज़ तक पहुँच गया था। लेकिन, सुरैया नानी का दबाव नहीं झेल सकीं। उन्होंने देव आनंद से सगाई करने से इंकार कर दिया। देव आनंद की वेडिंग रिंग समुद्र की कोख में डूब गयी। देव आनंद ने अपनी टैक्सी ड्राइवर की को-स्टार कल्पना कार्तिक से शादी कर ली, सुरैया ने एकांत को गले लगा लिया। ठीक इसी प्रकार से ख़त्म हुआ गुरु दत्त और वहीदा रहमान रोमांस। कुछ कहते हैं कि वहीदा रहमान अपने करियर बनाने में गुरु दत्त का फायदा उठाने के लिए उन से इन्वॉल्व नज़र आ रही थीं। लेकिन, इस एकतरफा रोमांस का नतीज़ा दत्त परिवार ने झेला। गुरु दत्त की पत्नी गायिका गीता दत्त थीं। वहीदा रहमान के कारण गीता दत्त और गुरु के बीच तनाव पैदा हो गया। गीता दत्त घर छोड़ कर चली गयी। गुरु दत्त अकेले रह गए। वह अत्यधिक शराब पीने लगे। कहा जाता है कि उन्होंने नशीली दवा की ओवरडोज़ लेकर आत्महत्या कर ली।
असफल रोमांस और शराब ने संजीव कुमार की जान ले ली और सुलक्षणा पंडित का फिल्म करियर ख़त्म हो गया। सुलक्षणा सुरैया के जोड़ की गायिका अभिनेत्री बन कर उभरी थीं। उनकी बतौर अभिनेत्री पहली फिल्म उलझन संजीव कुमार के साथ थी। इस फिल्म से सुलक्षणा पंडित को गायिका अभिनेत्री की प्रतिष्ठा दी। लेकिन, वह संजीव कुमार से प्यार करने लगी थी और उनसे शादी का सपना देख रही थीं। वही संजीव कुमार दिलफेंक किस्म के व्यक्ति थे। वह अपनी फिल्म की हर अभिनेत्री से इन्वॉल्व हो जाते। संजीव कुमार ने शोले के निर्माण से पहले हेमा मालिनी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। उस समय तक हेमा मालिनी कुंवारे संजीव कुमार को छोड़ कर शादीशुदा धर्मेन्द्र को चाहने लगी थी। हेमा मालिनी ने संजीव कुमार को साफ़ इंकार कर दिया। संजीव कुमार का दिल टूट गया। निर्देशक रमेश सिप्पी को साफ़ हिदायतें दे दी गयी कि संजीव कुमार और हेमा मलिनीं के बीच कोई सीन शूट नहीं किया जायेगा। जो इक्का दुक्का सीन इन दोनों के बीच थे, वह भी अलग अलग फिल्माए गए थे। हेमा मालिनी के इंकार के बाद संजीव कुमार शराब में बुरी तरह से डूब गए। दिल के रोगी संजीव को शराब भारी पड़ी। सैंतालिस साल की उम्र में उनका देहांत हो गया। संजीव कुमार की दशा ने सुलक्षणा पंडित को झिंझोड़ कर रख दिया। संजीव कुमार की मौत के बाद उन्होंने खुद को एकांत में डुबो दिया। सुलक्षण पंडित की तरह अभिनेत्री रंजीता का करियर भी रोमांस ने ख़त्म कर दिया। रंजीता ने ऋषि कपूर के साथ सुपर डुपर हिट फिल्म लैला मजनू से डेब्यू किया था। इस फिल्म के बाद रंजीता की अँखियों के झरोखों से,पति पत्नी और वह, सुरक्षा, तराना, आदि फ़िल्में एक के बाद एक सुपर हिट होती चली गयी। ऐसा लगा रंजीता अपनी समकालीन टॉप की अभिनेत्रियों के लिए कड़ी चुनौती बनेंगी। लेकिन, फिल्म हादसा के दौरान वह फिल्म के नायक अकबर खान के रोमांस में पड़ गयी। वह अकबर से शादी करने की तयारी करने लगी। उन्होंने अपने करियर की उपेक्षा करनी शुरू कर दी। नतीज़तन फिल्म निर्माता उनसे छिटकने लगे। अकबर खान ने रंजीता से शादी नहीं की, लेकिन उनका करियर ज़रूर ख़त्म हो गया।
रेखा और अमिताभ बच्चन की पहली मुलाक़ात दो अनजाने के दौरान हुई थी। तुरंत ही दोनों के बीच प्रेम सम्बन्ध स्थापित हो गए। लेकिन, चूंकि, अमिताभ बच्चन जया भादुड़ी विवाहित थे, इसलिए दोनों ने अपना प्रेम गोपनीय रखा। लेकिन, फिल्म गंगा की सौगंध के सेट पर यूनिट के एक सदस्य द्वारा रेखा के साथ बदतमीज़ी किये जाने पर अमिताभ बच्चन भड़क गए। इसके साथ ही रेखा-अमिताभ रोमांस कुलांचे भरने लगा। इस रोमांस का खत्म कुली में घटी दुर्घटना के बाद ही हुआ। अमिताभ बच्चन, रेखा और जया बच्चन त्रिकोण पर ही यश चोपड़ा ने फिल्म सिलसिला का निर्माण किया था।
कुछ ऐसे रोमांस भी हुए, जो शादी की दहलीज़ तक नहीं पहुँच सके। लेकिन, इन्हे करने वालों ने इसे क़ुबूल किया। शत्रुघ्न सिन्हा और रीना रॉय रोमांस सात साल तक चला। शत्रुघ्न सिन्हा शादी शुदा थे, लेकिन रीना को इस पर ऐतराज़ नहीं था। शत्रु भी रीना के 'साथ' को स्वीकार करते थे। फिर रीना रॉय ने पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहसिन खान से शादी कर ली। महेश भट्ट और परवीन बाबी रोमांस भी अधूरा रहा। परवीन बॉबी कबीर बेदी के साथ सम्बन्ध ख़त्म होने से टूट गयी थी। सो वह महेश भट्ट से जुड़ गयी। महेश भट्ट उनसे जुड़े। पर कभी खुल कर सामने नहीं आये। महेश ने परवीन और कबीर संबंधों पर फिल्म अर्थ और अपने परवीन के संबंधों पर वह लम्हे बनाई। अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित तथा माधुरी दीक्षित और संजय दत्त रोमांस भी खूब परवान चढ़ा। लेकिन,माधुरी दीक्षित शायद यह रोमांस अपने करियर के खातिर कर रही थी। क्योंकि, संजय दत्त के जेल जाने के बाद वह उनसे मिलने तक नहीं गई। मिथुन चक्रवती के साथ श्रीदेवी का रोमांस शादी की खबरों तक पहुंचा। लेकिन,श्रीदेवी ने शादी बोनी कपूर से करके इन हवाओं को शांत कर दिया। अक्षय कुमार ने रवीना टंडन, शिल्पा शेट्टी, आदि अपनी तमाम फिल्म नायिकाओं के साथ रोमांस किया। लेकिन, ट्विंकल खन्ना के साथ उनका रोमांस ही शादी की दहलीज़ पर पहुंचा। सलमान खान और ऐश्वर्या राय का रोमांस हम दिल दे चुके सनम के दौरान बेहद गर्म था। लेकिन, चलते चलते के दौरान सलमान खान के मारपीट करने ने ऐश्वर्या राय को सलमान से दूर छिटका दिया। सलमान खान फिर कटरीना कैफ से भी जुड़े। लेकिन, कटरीना ने सलमान को छोड़ दिया। इसके बाद, दीपिका पादुकोण के साथ गर्मागर्म रोमांस करने वाले रणबीर कपूर कटरीना कैफ से जुड़ गए। बिपाशा बासु और जॉन अब्राहम का रोमांस दस साल चलने के बाद यकायक ख़त्म हो गया। इसी प्रकार से, शाहिद कपूर और करीना कपूर के बीच का रोमांस भी जब वी मेट पूरा होने के साथ ही ख़त्म हो गया। यह दोनों रोमांस इसलिए ख़त्म हुए, क्योंकि बिपाशा बासु और करीना कपूर को लगता था कि उनके पुरुष मित्र कहीं और मुंह मारते हैं।
फिलहाल , बॉलीवुड में कैज़ुअल रोमांस जारी है। श्रद्धा कपूर और आदित्य रॉय कपूर का रोमांस खदबदाता रहता है। अलिया भट्ट और सिद्धार्थ मल्होत्रा के रोमांस की भी खबरे हैं। दीपिका पादुकोण फिलहाल रणबीर को छोड़ कर रणवीर सिंह में अपना प्यार ढूंढ रही हैं। रणवीर सिंह से धोखा खाई अनुष्का शर्मा क्रिकेटर विराट कोहली के बल्ले की आवाज़ में मोहब्बत ढूंढ रही है। जॉन अब्राहम से टूटने के बाद हरमन बवेजा से जुडी बिपाशा का दिल हरमन से भी उकता गया है। सुना है कि सुशांत सिंह राजपूत अपनी सीरियल पवित्र रिश्ता की सह अभिनेत्री अंकिता लोखंडे से शादी करने जा रहे हैं। यो शादी करने की खबर तो रणबीर कपूर और कटरीना कैफ की भी है। लेकिन, बॉलीवुड के यह रोमांस कितना टूटते हैं या शादी से जुड़ते हैं, कहना ज़रा मुश्किल है।
राजेंद्र कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
रूस से आ रही है नतालिआ कॅप्चक
नतालिआ कॅप्चक रशियन मॉडल हैं। जैसी कि आम तौर पर मॉडल होती हैं, नतालिआ भी हॉट हैं। खूबसूरत फिगर वाली हैं। मॉडलिंग करती समय वह इसका प्रदर्शन करती रहती हैं। वह दुबई में अपना कारोबार चलाती हैं। समाज कार्य भी करती हैं। दुबई, अब बॉलीवुड का दूसरा घर बन गया है। इसलिए यह हो ही नहीं सकता कि कोई हॉट मॉडल वहां पार्टियों में डोल रही हो और बॉलीवुड को नज़र न आये। सो, नतालिआ अब बॉलीवुड फिल्म दर्शकों को नज़र आने वाली हैं। एक फिल्म रिलीज़ होने को है 'दिलवाली ज़ालिम गर्लफ्रेंड'. वह इस फिल्म में दिव्येंदु शर्मा और डॉक्टर ज़ीउस के साथ डांस करती नज़र आएंगी। हालाँकि, उन्हें बॉलीवुड में पैर जमा चुकी पोर्न स्टार सनी लियॉन के लिए खतरा बताया जा रहा, क्योंकि सनी की तरह नतालिआ को भी एक्सपोज़र से परहेज़ नहीं। लेकिन, फिलहाल, नतालिआ से सनी लियॉन को कोई खतरा नज़र नहीं आ रहा। क्योंकि, सनी लियॉन बॉलीवुड की ख़ास पोर्न शैली में बनने वाली फिल्मों में अपनी 'प्रतिभा' का प्रदर्शन कर चुकी हैं। जबकि, नतालिआ फिल्म दिलवाली ज़ालिम गर्लफ्रेंड के प्रमोशनल वीडियो में नज़र आएंगी। यानि, वह कुछ वैसा ही कर रही हैं, जैसा कयली मिनोगे, लुलिआ वंतूर और टाटा यंग क्रमशः फिल्म 'ब्लू', 'ओ तेरी' और 'धूम' में कर चुकी हैं। लुलिआ ने तो 'ओ तेरी' का आइटम सांग सलमान खान के साथ किया था। लेकिन, यह तीनों विदेशी हसीनाएं आजकल कहाँ हैं ? बेशक, नतालिआ पर फिल्माया गया गीत लड़कियों की पूल पार्टी पर है। एक्सपोज़र और कामुक अंग सञ्चालन की भरपूर गुंजाईश है। लेकिन, फिल्म रिलीज़ होने के बाद तक तो इंतज़ार करना ही होगा। तो इंतज़ार कीजिये।
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कैसे मिली फिल्म
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
रामगोपाल वर्मा की 'मेन्टल' 'अफेयर'
रामगोपाल वर्मा हिंदी फिल्मों के बाजार में सक्रिय फिल्मकार नहीं लगते। उनकी पिछली हिंदी फिल्म सत्या २ थी, जो २०१३ में रिलीज़ हुई थी। इसके बाद से उनकी अगली हिंदी फिल्म का दर्शकों को इंतज़ार है। लेकिन, हिंदी फिल्म दर्शकों को अपनी फिल्मों का इंतज़ार करा रहे वर्मा तेलुगु सिनेमा में लगातार सक्रिय हैं। २०१४ में उन्होंने चार तेलुगु फिल्मों का निर्माण किया। इसके बावजूद कि उनकी कोई हिंदी फिल्म रिलीज़ नहीं हुई, रामगोपाल वर्मा अखबारी सुर्ख़ियों में लगातार बने रहे हैं। उन्होंने एक इरोटिक तेलुगु फिल्म बनानी शुरू की, नाम रखा श्रीदेवी। पुराने ज़माने की फिल्मों की मशहूर एक्ट्रेस श्रीदेवी के फिल्म निर्माता पति बोनी कपूर ने उन्हें कानूनी नोटिस भेज दिया। पर वर्मा डटे रहे। अब यह फिल्म इस साल रिलीज़ होगी। अभी पिछले दिनों यह खबर आई कि वह बॉलीवुड में अपनी ज़ोरदार वापसी निर्माता एकता कपूर के सहयोग से करना चाहते हैं। फिल्म का नाम रखा गया 'एक्स इ एस' यानि 'एस इ एक्स' सेक्स का उलटा! यह वर्मा के करियर की पहली इरोटिक थ्रिलर फिल्म होगी। वह एक फिल्म गुटखा किंग जगदीश जोशी के एक्टर बेटे सचिन जोशी के साथ बना रहे हैं। सचिन ने फिल्म 'अज़ान' से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था। सचिन जोशी के साथ रामगोपाल वर्मा की फिल्म द्विभाषी होगी। इन फिल्मों का शीर्षक दिलचस्प है। हिंदी में इस फिल्म का नाम 'मेन्टल' है और तेलुगु में 'अफेयर' । सचिन जोशी के साथ रामगोपाल वर्मा की फिल्म जोड़ी 'मेन्टल' 'अफेयर' बॉक्स ऑफिस पर क्या गुल खिलाती है, अभी पता नहीं। लेकिन, यह ज़रूर पता चला है कि रामगोपाल वर्मा का इरादा फिर फटे टांग अड़ाने का है। रियल घटनों को रील में उतारने के शौक़ीन रामगोपाल वर्मा की रियल लाइफ फिल्मों 'द अटैक २६/११ और 'नॉट अ लव स्टोरी' की श्रृंखला में उनकी अगली फिल्म मशहूर सुनंदा पुष्कर हत्याकांड पर हो सकती है। बताते हैं कि फिलहाल वर्मा इस हत्याकांड के परिणामों को बारीकी से परख रहे हैं। अगर, इस हत्याकांड की पेचीदगियां वर्मा को भा गयी तो संभव है कि रामगोपाल वर्मा की अगली फिल्म का नाम होगा - सुनंदा: ऐन अनटोल्ड स्टोरी !
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'कृष' को कैसे मिली 'गब्बर' !
संजयलीला भंसाली की बतौर निर्माता फिल्म 'गब्बर' का निर्देशन तेलुगु फिल्म के निर्देशक राधाकृष्ण जगरलामुदी उर्फ़ कृष कर रहे हैं। यह कृष की हिंदी डेब्यू फिल्म है। कृष को 'गब्बर' मिलने की दास्ताँ दिलचस्प है। कृष ने तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में कदम फिल्म 'गम्यम' से रखा था। उनकी दूसरी फिल्म 'वेदम' २०१० में रिलीज़ हुई। यह दोनों ज़बरदस्त सफल तो हुई ही, इन्होने नंदी अवार्ड्स और फिल्मफेयर अवार्ड्स भी बटोरे। वह 'गम्यम' का हिंदी रीमेक बनाना चाहते थे। वह अपना आईडिया लेकर संजयलीला भंसाली के पास गए। संजय को फिल्म काफी पसंद आई थी। वह इस फिल्म का हिंदी रीमेक कृष के साथ ही बनाना चाहते थे। लेकिन, गम्यम के हिंदी रीमेक की बात आगे नहीं बढ़ सकी। कृष निराश वापस लौट गए। इधर, भंसाली एक तेलुगु फिल्म, विवि विनायक निर्देशित 'टैगोर' का हिंदी रीमेक बनाना चाहते थे। चिरंजीवी, ज्योतिका और श्रिया सरन अभिनीत फिल्म 'टैगोर' २००२ में रिलीज़ ए आर मुरुगदॉस निर्देशित तमिल फिल्म रामन्ना का रीमेक थी। तमिल रामन्ना के हीरो विजयकांत थे। दोनों ही भाषाओँ में फिल्म सुपर हिट हुई थी। संजयलीला भंसाली ने रामन्ना /टैगोर के हिंदी रीमेक 'गब्बर' के लिए अक्षय कुमार को साइन कर लिया था। वह इस हिंदी रीमेक का निर्देशन मुरुगदॉस या विनायक के बजाय किसी तीसरे निर्देशक से करवाना चाहते थे। इसी समय उनके दिमाग में कृष का नाम कौंधा। उन्होंने 'गब्बर' का निर्देशन कृष को सौंप दिया। अक्षय कुमार को कभी भी नए निर्देशकों के साथ फिल्म करने से परहेज नहीं रहा। इसलिए वह भंसाली के निर्णय के साथ थे। कृष भी बॉलीवुड को अपनी प्रतिभा से परिचित करवाना चाहते थे। इस लिहाज़ से संजयलीला भंसाली और अक्षय कुमार के साथ फिल्म उनका बढ़िया डेब्यू हो सकती थी। कृष के 'गब्बर' की कमान सम्हालते ही फिल्म में अक्षय कुमार की नायिका श्रुति हासन बना दी गई। प्रकाश राज, सोनू सूद और निकितन धीर की सह भूमिका के साथ फिल्म 'गब्बर' एक मई को रिलीज़ होगी।
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कैसे मिली फिल्म
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉलीवुड और क्रिकेट का मुक़ाबला या छनेगी खूब
हर चौथे साल होने वाला क्रिकेट का विश्व कप १४ फरवरी से शुरू होगा। इस कप के लिए घमासान पूरे डेढ़ महीना यानि २९ मार्च तक चलती रहेगी। हालाँकि, क्रिकेटर विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा का गहरा और क्रिकेट फील्ड पर प्रदर्शित होने वाला रोमांस क्रिकेट की पत्रिकाओं और बॉलीवुड की खबरों में सुर्ख रहता है। इसके बावजूद बॉलीवुड हमेशा की तरह क्रिकेट से सहमा हुआ है। विश्व कप के दूसरे ही दिन यानि १५ फरवरी को ही भारत अपना पहला मैच पाकिस्तान से खेलेगा। इसके बाद भारत २२ फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से, २८ फरवरी को यूनाइटेड अरब एमिरेट्स से, ६ मार्च को वेस्ट इंडीज से, १० मार्च को आयरलैंड से और १४ मार्च को ज़िम्बाब्वे से अपने प्रारंभिक मैच खेलेगा। इस दौरान कोई १८ फ़िल्में रिलीज़ होनी है। आइये जानते हैं, कैसा ठनेगा बॉलीवुड और क्रिकेट का मुक़ाबला या छनेगी खूब जब मिल बैठेंगे दोनों के दीवाने दर्शक -
पहला हफ्ता- १४ फरवरी को विश्व कप क्रिकेट में दो मैच श्रीलंका और न्यू जीलैंड तथा इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेले जायेंगे। लेकिन, एक दिन पहले बॉलीवुड का पहला शुक्रवार होगा। इस दिन यानि १३ फरवरी को अर्जुन रामपाल और जैक्विलिन फर्नांडीज़ की दोहरी भूमिका वाली फिल्म 'रॉय' और लम्बे अरसे से विवादित डेरा सच्चा सौदा के संत गुरमीत राम रहीम की फिल्म 'एमएसजी- द मैसेंजर' रिलीज़ होगी। विश्व कप क्रिकेट के कारण इन फिल्मों को दोपहर तक के शो का नुकसान हो सकता है। ख़ास तौर पर, १५ फरवरी को जब भारत और पाकिस्तान के बीच मुक़ाबला होगा। इस मुकाबले की भारतीय दर्शकों को बेसब्री से प्रतीक्षा है। इसलिए, कोई शक नहीं कि दर्शक १५ फरवरी को टीवी छोड़े ही नहीं। यानि इन दोनों फिल्मों को संडे के कलेक्शन का नुक्सान।
दूसरा हफ्ता - विश्व कप क्रिकेट के दूसरे हफ्ते में बॉलीवुड की दो फ़िल्में वरुण धवन, यामी गौतम, हुमा कुरैशी और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की श्रीराम राघवन निर्देशित फिल्म 'बदलापुर' तथा निर्देशक अनूप सिंह की इरफ़ान खान और तिलोत्तमा शोम अभिनीत ड्रामा फिल्म 'क़िस्सा' २० फरवरी को रिलीज़ होगी। इन दोनों फिल्मों के पहले दो दिन तो ठीक जा सकते हैं, लेकिन संडे कलेक्शन का नुकसान इन फिल्मों को भी होगा। क्योंकि, २२ फरवरी को भारत को दक्षिण अफ्रीका से मुक़ाबला करना है। वरुण धवन के एक्शन अवतार के कारण बदलापुर दर्शकों को आकर्षित कर रही है। लेकिन, इरफ़ान खान की फिल्म 'क़िस्सा' को माउथ पब्लिसिटी का ही सहारा है।
तीसरा हफ्ता - विश्व कप मेले के तीसरे हफ्ते में भारत का मुक़ाबला २८ फरवरी को यूनाइटेड अरब एमिरेट्स से होगा यानि दर्शकों की दिलचस्पी क्रिकेट फील्ड में, कम से कम भारत के मुकाबले पर तो नहीं ही होगी। लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर सिल्वर स्क्रीन पर घमासान मचा होगा। इस समय कुल पांच फ़िल्में २७ फरवरी की रिलीज़ के लिए श्रंखलाबद्ध हैं। २७ फरवरी को रामगोपाल वर्मा की फिल्म सत्या की सीक्वल फिल्म सत्या २, आनंद राउत की करिश्मा कोटक, अध्ययन सुमन और शरत सक्सेना अभिनीत फिल्म लखनवी इश्क़, अमित खन्ना की रॉम कॉम फिल्म बदमाशियां- फन नेवर एंड्स, निर्देशक शरत कटारिया की आयुष्मान खुराना और भूमि पेंडेकर अभिनीत कॉमेडी फिल्म 'दम लगा के हईसा' और निर्देशक अजय चंडोक की गणेश आचार्य, मनिंदर सिंह और नुपुर शर्मा अभिनीत फिल्म 'हे ब्रो' रिलीज़ होंगी। इन फिल्मों में 'सत्या २', 'दम लगा के हईसा' और 'हे ब्रो' से ही उम्मीदें लगाई जा सकती हैं। लेकिन, काफी कुछ निर्भर करेगा समीक्षकों के पॉजिटिव रिव्यु से। इसका मतलब यह कि यह पांच फ़िल्में भारत के कमज़ोर मैच का फायदा भी नहीं उठा पाएंगी।
चौथा हफ्ता- क्रिकेट में भारत के दो मैच और बॉलीवुड की चार फ़िल्में। यह हफ्ता दिलचस्प होगा। क्रिकेट और बॉलीवुड की रोमांटिक जोड़ी मुकाबले में होगी। ६ मार्च को मैदान पर भारत की टीम वेस्ट इंडीज के मुकाबले में होगी। क्रिकेटर विराट कोहली बल्ले से जौहर दिखा रहे होंगे। लेकिन, मैदान पर उन्हें चीयर करने के लिए उनकी बॉलीवुड की प्रेमिका फिल्म अभिनेत्री अनुष्का शर्मा नहीं होंगी। क्योंकि, ६ मार्च को अनुष्का शर्मा की बतौर निर्माता और अभिनेत्री फिल्म 'एनएच १०' रिलीज़ हो रही है। 'एनएच १० में अनुष्का शर्मा की मुख्य भूमिका है। इसीलिए, अनुष्का शर्मा ऑस्ट्रेलिया के बजाय मुंबई में अपनी फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का इंतज़ार कर रही होंगी। अब यह तो अनुष्का शर्मा ही बताएंगी कि वह ६ मार्च को क्रिकेट को कोस रही होंगी या नहीं! लेकिन, मल्लिका शेरावत ज़रूर चाहेंगी उनकी डर्टी पॉलिटिक्स के सामने क्रिकेट का विश्व कप मात खा जाए। डायरेक्टर केसी बोकाडिया की फिल्म डर्टी पॉलिटिक्स में मल्लिका शेरावत मुख्य भूमिका में हैं। इसी दिन रिलीज़ होने वाली दो अन्य फ़िल्में इमरान हाश्मी की इंटरनेशनल फिल्म 'टाइगर्स' और यशराज फिल्म्स की 'बैंक चोर' रिलीज़ होंगी। कॉमेडी फिल्म बैंक चोर में रितेश देशमुख, विवेक ओबेरॉय और रिया चक्रवर्ती मुख्य भूमिका में हैं। इसी फिल्म से स्टैंड अप कॉमेडियन कपिल शर्मा डेब्यू करने वाले थे। ज़ाहिर है कि ६ मार्च को क्रिकेट और बॉलीवुड का कडा मुक़ाबला होगा। लेकिन, अंततः यह चार फ़िल्में ही एक दूसरे का नुक्सान करेंगी। इसी हफ्ते १० मार्च को भारत का आयरलैंड से मुक़ाबला भी है।
पांचवा हफ्ता- चौथे हफ्ते में वर्ल्ड कप में वेस्ट इंडीज से मुकाबले के बाद विश्व कप में भारत का भविष्य तय हो चूका होगा। इसीलिए १४ मार्च को ज़िम्बाब्वे के साथ भारत का मुक़ाबला जितना ठंडा हो सकता है, उतना ही ठंडा १३ मार्च का शुक्रवार होगा। इस दिन रणदीप हुडा दर्शकों के सामने फिल्म मैं और चार्ल्स में अंतर्राष्ट्रीय जालसाज़ चार्ल्स शोभराज के किरदार के गेटअप में रू-ब-रू होंगे। फिल्म धरम संकट में बॉलीवुड के सशक्त कलाकार नसीरुद्दीन शाह, परेश रावल, अन्नू कपूर और मुरली शर्मा की मौजूदगी के कारण खास हो जाएगी। दिलचस्प तथ्य यह है कि ऑस्ट्रेलिया में भी क्रिकेट फील्ड पर कांटे की टक्कर वाली टीमें टकरा नहीं रही होंगी।
छठां हफ्ता- इस हफ्ते विश्व कप क्रिकेट में क्वार्टर फाइनल मुकाबले हो रहे होंगे। यह तो प्रारंभिक मैचों के परिणामों से ही तय होगा कि क्वार्टर फाइनल किन आठ टीमों के बीच खेल जायेगा। ऐसी दशा में दर्शक बॉक्स ऑफिस पर कुछ ख़ास ढूंढना चाहेंगे, जो उन्हें मिलेगा नहीं। क्योंकि, २० मार्च को दो फ़िल्में दोज़ख इन सर्च ऑफ़ हेवन तथा हंटर रिलीज़ होंगी। दोज़ख में ललित मोहन तिवारी, नाज़िम खान, गैरी चौधरी, रूबी सैनी और पवन तिवारी दर्शकों को आकर्षित करने की हरचंद कोशिश करेंगे। लेकिन, उन्हें हर्षवर्धन कुलकर्णी की सेक्सी फिल्म हंटर से मात खानी होगी। इस फिल्म में नायिका राधिका आप्टे अपने नायक गुलशन देवैया के साथ साथ दर्शकों को भी अपनी सेक्स अपील से शिकार कर खुद को हंटर साबित करना चाहेंगी। निश्चित रूप से दर्शक दोज़ख जाने के बजाय हंटर की सेक्स अपील के स्वर्ग में जाना चाहेगा।
आखिरी हफ्ता- चूंकि, २९ मार्च को विश्व कप क्रिकेट का फाइनल खेला जायेगा। २४ और २६ मार्च को तय होगा कि फाइनल कौन खेलेगा। शायद इसीलिए कि शायद डिफेंडिंग चैंपियन भारत फाइनल खेले, बॉलीवुड ने २७ मार्च का शुक्रवार बिलकुल खाली रखा है। लेकिन, संभव है कि भारत के क्वार्टर फाइनल में ही बाहर हो जाने की दशा में कुछेक फ़िल्में २७ मार्च को रिलीज़ हो जाएँ। क्या होगा! आगे के हफ्ते बताएँगे।
पहला हफ्ता- १४ फरवरी को विश्व कप क्रिकेट में दो मैच श्रीलंका और न्यू जीलैंड तथा इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेले जायेंगे। लेकिन, एक दिन पहले बॉलीवुड का पहला शुक्रवार होगा। इस दिन यानि १३ फरवरी को अर्जुन रामपाल और जैक्विलिन फर्नांडीज़ की दोहरी भूमिका वाली फिल्म 'रॉय' और लम्बे अरसे से विवादित डेरा सच्चा सौदा के संत गुरमीत राम रहीम की फिल्म 'एमएसजी- द मैसेंजर' रिलीज़ होगी। विश्व कप क्रिकेट के कारण इन फिल्मों को दोपहर तक के शो का नुकसान हो सकता है। ख़ास तौर पर, १५ फरवरी को जब भारत और पाकिस्तान के बीच मुक़ाबला होगा। इस मुकाबले की भारतीय दर्शकों को बेसब्री से प्रतीक्षा है। इसलिए, कोई शक नहीं कि दर्शक १५ फरवरी को टीवी छोड़े ही नहीं। यानि इन दोनों फिल्मों को संडे के कलेक्शन का नुक्सान।
दूसरा हफ्ता - विश्व कप क्रिकेट के दूसरे हफ्ते में बॉलीवुड की दो फ़िल्में वरुण धवन, यामी गौतम, हुमा कुरैशी और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की श्रीराम राघवन निर्देशित फिल्म 'बदलापुर' तथा निर्देशक अनूप सिंह की इरफ़ान खान और तिलोत्तमा शोम अभिनीत ड्रामा फिल्म 'क़िस्सा' २० फरवरी को रिलीज़ होगी। इन दोनों फिल्मों के पहले दो दिन तो ठीक जा सकते हैं, लेकिन संडे कलेक्शन का नुकसान इन फिल्मों को भी होगा। क्योंकि, २२ फरवरी को भारत को दक्षिण अफ्रीका से मुक़ाबला करना है। वरुण धवन के एक्शन अवतार के कारण बदलापुर दर्शकों को आकर्षित कर रही है। लेकिन, इरफ़ान खान की फिल्म 'क़िस्सा' को माउथ पब्लिसिटी का ही सहारा है।
तीसरा हफ्ता - विश्व कप मेले के तीसरे हफ्ते में भारत का मुक़ाबला २८ फरवरी को यूनाइटेड अरब एमिरेट्स से होगा यानि दर्शकों की दिलचस्पी क्रिकेट फील्ड में, कम से कम भारत के मुकाबले पर तो नहीं ही होगी। लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर सिल्वर स्क्रीन पर घमासान मचा होगा। इस समय कुल पांच फ़िल्में २७ फरवरी की रिलीज़ के लिए श्रंखलाबद्ध हैं। २७ फरवरी को रामगोपाल वर्मा की फिल्म सत्या की सीक्वल फिल्म सत्या २, आनंद राउत की करिश्मा कोटक, अध्ययन सुमन और शरत सक्सेना अभिनीत फिल्म लखनवी इश्क़, अमित खन्ना की रॉम कॉम फिल्म बदमाशियां- फन नेवर एंड्स, निर्देशक शरत कटारिया की आयुष्मान खुराना और भूमि पेंडेकर अभिनीत कॉमेडी फिल्म 'दम लगा के हईसा' और निर्देशक अजय चंडोक की गणेश आचार्य, मनिंदर सिंह और नुपुर शर्मा अभिनीत फिल्म 'हे ब्रो' रिलीज़ होंगी। इन फिल्मों में 'सत्या २', 'दम लगा के हईसा' और 'हे ब्रो' से ही उम्मीदें लगाई जा सकती हैं। लेकिन, काफी कुछ निर्भर करेगा समीक्षकों के पॉजिटिव रिव्यु से। इसका मतलब यह कि यह पांच फ़िल्में भारत के कमज़ोर मैच का फायदा भी नहीं उठा पाएंगी।
चौथा हफ्ता- क्रिकेट में भारत के दो मैच और बॉलीवुड की चार फ़िल्में। यह हफ्ता दिलचस्प होगा। क्रिकेट और बॉलीवुड की रोमांटिक जोड़ी मुकाबले में होगी। ६ मार्च को मैदान पर भारत की टीम वेस्ट इंडीज के मुकाबले में होगी। क्रिकेटर विराट कोहली बल्ले से जौहर दिखा रहे होंगे। लेकिन, मैदान पर उन्हें चीयर करने के लिए उनकी बॉलीवुड की प्रेमिका फिल्म अभिनेत्री अनुष्का शर्मा नहीं होंगी। क्योंकि, ६ मार्च को अनुष्का शर्मा की बतौर निर्माता और अभिनेत्री फिल्म 'एनएच १०' रिलीज़ हो रही है। 'एनएच १० में अनुष्का शर्मा की मुख्य भूमिका है। इसीलिए, अनुष्का शर्मा ऑस्ट्रेलिया के बजाय मुंबई में अपनी फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का इंतज़ार कर रही होंगी। अब यह तो अनुष्का शर्मा ही बताएंगी कि वह ६ मार्च को क्रिकेट को कोस रही होंगी या नहीं! लेकिन, मल्लिका शेरावत ज़रूर चाहेंगी उनकी डर्टी पॉलिटिक्स के सामने क्रिकेट का विश्व कप मात खा जाए। डायरेक्टर केसी बोकाडिया की फिल्म डर्टी पॉलिटिक्स में मल्लिका शेरावत मुख्य भूमिका में हैं। इसी दिन रिलीज़ होने वाली दो अन्य फ़िल्में इमरान हाश्मी की इंटरनेशनल फिल्म 'टाइगर्स' और यशराज फिल्म्स की 'बैंक चोर' रिलीज़ होंगी। कॉमेडी फिल्म बैंक चोर में रितेश देशमुख, विवेक ओबेरॉय और रिया चक्रवर्ती मुख्य भूमिका में हैं। इसी फिल्म से स्टैंड अप कॉमेडियन कपिल शर्मा डेब्यू करने वाले थे। ज़ाहिर है कि ६ मार्च को क्रिकेट और बॉलीवुड का कडा मुक़ाबला होगा। लेकिन, अंततः यह चार फ़िल्में ही एक दूसरे का नुक्सान करेंगी। इसी हफ्ते १० मार्च को भारत का आयरलैंड से मुक़ाबला भी है।
पांचवा हफ्ता- चौथे हफ्ते में वर्ल्ड कप में वेस्ट इंडीज से मुकाबले के बाद विश्व कप में भारत का भविष्य तय हो चूका होगा। इसीलिए १४ मार्च को ज़िम्बाब्वे के साथ भारत का मुक़ाबला जितना ठंडा हो सकता है, उतना ही ठंडा १३ मार्च का शुक्रवार होगा। इस दिन रणदीप हुडा दर्शकों के सामने फिल्म मैं और चार्ल्स में अंतर्राष्ट्रीय जालसाज़ चार्ल्स शोभराज के किरदार के गेटअप में रू-ब-रू होंगे। फिल्म धरम संकट में बॉलीवुड के सशक्त कलाकार नसीरुद्दीन शाह, परेश रावल, अन्नू कपूर और मुरली शर्मा की मौजूदगी के कारण खास हो जाएगी। दिलचस्प तथ्य यह है कि ऑस्ट्रेलिया में भी क्रिकेट फील्ड पर कांटे की टक्कर वाली टीमें टकरा नहीं रही होंगी।
छठां हफ्ता- इस हफ्ते विश्व कप क्रिकेट में क्वार्टर फाइनल मुकाबले हो रहे होंगे। यह तो प्रारंभिक मैचों के परिणामों से ही तय होगा कि क्वार्टर फाइनल किन आठ टीमों के बीच खेल जायेगा। ऐसी दशा में दर्शक बॉक्स ऑफिस पर कुछ ख़ास ढूंढना चाहेंगे, जो उन्हें मिलेगा नहीं। क्योंकि, २० मार्च को दो फ़िल्में दोज़ख इन सर्च ऑफ़ हेवन तथा हंटर रिलीज़ होंगी। दोज़ख में ललित मोहन तिवारी, नाज़िम खान, गैरी चौधरी, रूबी सैनी और पवन तिवारी दर्शकों को आकर्षित करने की हरचंद कोशिश करेंगे। लेकिन, उन्हें हर्षवर्धन कुलकर्णी की सेक्सी फिल्म हंटर से मात खानी होगी। इस फिल्म में नायिका राधिका आप्टे अपने नायक गुलशन देवैया के साथ साथ दर्शकों को भी अपनी सेक्स अपील से शिकार कर खुद को हंटर साबित करना चाहेंगी। निश्चित रूप से दर्शक दोज़ख जाने के बजाय हंटर की सेक्स अपील के स्वर्ग में जाना चाहेगा।
आखिरी हफ्ता- चूंकि, २९ मार्च को विश्व कप क्रिकेट का फाइनल खेला जायेगा। २४ और २६ मार्च को तय होगा कि फाइनल कौन खेलेगा। शायद इसीलिए कि शायद डिफेंडिंग चैंपियन भारत फाइनल खेले, बॉलीवुड ने २७ मार्च का शुक्रवार बिलकुल खाली रखा है। लेकिन, संभव है कि भारत के क्वार्टर फाइनल में ही बाहर हो जाने की दशा में कुछेक फ़िल्में २७ मार्च को रिलीज़ हो जाएँ। क्या होगा! आगे के हफ्ते बताएँगे।
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फिल्म पुराण
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Wednesday, 11 February 2015
वेलकम बैक के सेट पर घायल हुए जॉन अब्राहम
सभी जानते है की वेलकम बैक कॉमेडी एंटरटेनर है , लेकिन शूटिंग करते समय बहुत चैलेंजिंग हुआ जब सेट पर फिल्म मुख्य अभिनेता जॉन अब्राहम घायल हो गए। दुबई के रेगिस्तान में जब हमर कार चला रहे थे तो उनके पीठ मोच आगयी और ऐसे ही एक एक्शन सीन में कांच तोड़ने थे तभी वे जख्मी हो गए। यह अहम सीन फिल्म में इंटरवल से पहले का है । सीन के दौरान जॉन के हाथो में कट्स लग गए और वे जख्मी हो गए। शॉट के बाद तुरंत ही डॉक्टर को सेट पर बुलाया गया। निर्देशक अनीस बज़्मी कहते है " मेने जॉन कहा की वे शूट से ब्रेक ले ले, लेकिन शूट करने पर अड़े रहे। उन्होंने हाथो के जख्मो पर मेकअप कर फिर से शूट जारी रखा।"
एक्शन डायरेक्टर अब्बास अली मुग़ल ने कहा " जॉन को पहले ही अगाह किया गया था की यह एक्शन सीन जोखिम भरा है,लेकिन जॉन नहीं माने वे खुद यह सीन करना चाहते थे क्यूंकि फिल्म का यह अहम सीन में से है वे नेचुरल दिखना चाहते थे। "
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शूटिंग/लोकेशन
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
परिवार संग छुट्टियों पर विवेक ओबेरॉय
लम्बे समय से शूटिंग में व्यस्त रहे विवेक ओबेरॉय अपनी आगामी फिल्म का शेडूल पूरा कर अब अपना कुछ समय अपने परिवार के साथ बिता रहे है। विवेक ने अपनी २० दिनों की छुट्टिया उनकी पत्नी प्रियंका ,बेटे विवान
वीर के साथ अमेरिका में बिता रहे है। अपने प्रोफेशनल कमिटमेंट्स के चलते विवेक पिछले कुछ महीनो से काफी व्यस्त रहे है । उन्होंने जनवरी में ही तय कर लिया था जैसे ही फ्री होंगे परिवार संग छुट्टियों पर जायेंगे।
विवेक चाहते थे की यह छुट्टियो पर अप्रेल से पहले जाए क्यूंकि विवेक की पत्नी पेटसे है और यह कयास है की अप्रेल में शायद वे दूसरे बच्चे को जन्म दे। इसके तहत उससे पहले विवेक पूरी सावधानी बरते हुए छुट्टियों पर गए। विवेक कहते है " अभी में अमरीका में अपने परिवार के साथ छुट्टियों का लुफ्त ले रहा हु। यह छुट्टिया मेरे परिवार के लिए बहुत जरुरी थी क्यूंकि इसके बाद में फिर से अपनी फिल्म के शेडूल की शूटिंग में व्यस्त हो जाऊंगा।
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हस्तियां
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जंपिंग जैक जीतेन्द्र ने रिलीज़ किया '१०१ जीतेन्द्र हिट्स'
शेमारू एंटरटेनमेंट की पॉपुलर सीरीज १०१ हिट्स का २३ वां टाइटल है '१०१ जीतेन्द्र हिट्स' । जैसा कि टाइटल से साफ़ है, इस टाइटल में १९७० के दशक के महा-लोकप्रिय अभिनेता जीतेन्द्र की फिल्मों के १०१ गीत संकलित किये गए हैं। पिछले दिनों इस टाइटल को कभी 'जंपिंग जैक जीतेन्द्र' के नाम से मशहूर अभिनेता जीतेन्द्र ने रिलीज़ किया। जब जीतेन्द्र को इस संकलन की झलक दिखलायी गयी तो इन गीतों में अपनी नायिकाओं बबिता, लीना चंद्रावरकर और हेमा मालिनी से लेकर रेखा, रीना रॉय, मौशमी चटर्जी और परवीन तथा श्रीदेवी, जयाप्रदा और भानुप्रिया के साथ उछलकूदनुमा डांस करते नज़र आ रहे जीतेन्द्र पुरानी यादों में खो गए। लेडीज मैन माने जाने वाले जीतेन्द्र के तमाम धुन कदमों को थिरकाने वाली डांस और धुनों वाले होते हैं। यही इन गीतों की लोकप्रियता का बड़ा कारण भी है। इस ३ डीवीडी के पैक के आकर्षक कवर को देख कर जीतेन्द्र काफी खुश हुए। इस डीवीडी पैक में जीतेन्द्र की चार दशक की फिल्मों के गीतों का संकलन किया गया है। इस सेट की २ डीवीडी में जीतेन्द्र की फिल्मों के युगल गीत और एक डीवीडी में एकल गीत शामिल हैं। इस सेट में जीतेन्द्र की सुपर हिट फिल्मों हमजोली, कारवां, मेरे हुज़ूर, परिचय, अपनापन, आशा, जुदाई. प्यासा सावन, तोहफा, स्वर्ग से सुन्दर, आदि फिल्मों के गीत शामिल हैं। जीतेन्द्र ने डीवीडी के कुछ पैक्स पर अपने हस्ताक्षर भी किये।
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Tuesday, 10 February 2015
'रॉय' के प्रमोशन में रणबीर कपूर, अर्जुन रामपाल, जैक्विलिन फर्नांडीज़ और अन्य
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Monday, 9 February 2015
यह गाड़ियां दौड़ेंगी जेम्स बांड की 'स्पेक्ट्र' में
जेम्स बांड सीरीज की अगली फिल्म 'स्पेक्ट्र' में द जैगुआर सी-एक्स ७५ एस, द रेंज रोवर स्पोर्ट एसवीआर और डिफेंडर 'बिग फूट्स' के साथ ब्रितानी जासूस जेम्स बांड के रोमांच देखने को मिलेंगे।
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Hollywood
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फिल्म एंड टेलीविज़न डायरेक्टर्स एसोसिएशन के नए ऑफिस का सितारों से भरा उद्घाटन हुआ (कुछ तस्वीरें)
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कलान जर्मनी में गूंजी 'सर्च फॉर बुद्धा' सिम्फनी
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करण जौहर का कैजाद, बॉम्बे वेलवेट का विलेन
कुछ समय पहले अनुराग कश्यप ने कहा था कि मशहूर निर्माता निर्देशक करण जौहर फिल्म 'बॉम्बे वेलवेट' के सरप्राइज पैकेज होंगे। ६० के दशक के बॉम्बे, ख़ास तौर पर बॉलीवुड पर केंद्रित 'बॉम्बे वेलवेट' में रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म में अनुष्का शर्मा जैज़ सिंगर रोज़ी नोरोन्हा के किरदार में हैं। वह फिल्म में बॉक्सर जॉनी बलराज का किरदार कर रहे रणबीर कपूर से प्रेम करती है। इन दिनों के बीच विलन का काम कर रहे हैं करण जौहर। आज सुबह फिल्म 'बॉम्बे वेलवेट' में करण जौहर के किरदार का फर्स्ट लुक जारी किया गया। इस फर्स्ट लुक में करण जौहर कैजाद खम्बाटा के गेटअप में नज़र आ रहे हैं। करण जौहर को हमेशा सफाचट दाढ़ी मूछ में देखने के आदी दर्शकों के लिए करण जौहर का यह लुक सचमुच चकित करने वाला है। बताते हैं कि उनका यह लुक टेबलायड अंग्रेजी साप्ताहिक 'ब्लिट्ज' के संस्थापक और संपादक से प्रेरित है । अब देखने की बात होगी कि करण जौहर एक संपादक के अवतार में अपनी कुटिल चालों के ज़रिये रोज़ी और जॉनी का जीना कितना दूभर कर पाते हैं और दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच ला पाते हैं। 'बॉम्बे वेलवेट' १५ मई को रिलीज़ हो रही है।
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Sunday, 8 February 2015
'ओये' अक्षत-अभिषेक की.…कंपनी !
अक्षत राज सलूजा 'ज़ी सिनेस्टार की खोज' की खोज हैं। पर इस सिनेस्टार की खोज को बतौर नायक कोई फिल्म नहीं मिली। इक्का दुक्का फिल्मों में छोटी मोटी भूमिकाएं की। अभिषेक अवस्थी भी टीवी की ही देन हैं। वह स्टार प्लस के डांस कम्पीटीशन शो 'नच बलिए' के तीसरे सीजन के फर्स्ट रनर्सअप थे। अभिषेक ने कुछ रियलिटी शो और टीवी सीरियल किये हैं। अक्षत और अभिषेक को मिलाया स्टार प्लस डांस रियलिटी शो 'ज़रा नचके दिखा' ने। यह दोनों इसके प्रतिभागी थे। ज़ाहिर है कि दोनों का डांस मुक़ाबला हुआ ही था। लेकिन, अब यह दोनों आपस में मित्र होने के साथ बिज़नेस पार्टनर भी हैं। इन दोनों ने एक इवेंट्स मैनेजर जीतू गुप्ता के साथ मिल कर अपनी कंपनी ओये मीडिया प्राइवेट लिमिटेड बनाई है। यह कंपनी टीवी शो बनाएगी, फ़िल्में भी बनाएगी और अपने जैसे एक्टर्स का काम भी देखेगी। पिछले दिनों इस कंपनी का लोगो लांच किया गया। इसे लांच करने संगीतकार सलीम मर्चेंट आये। इस मौके पर कई टीवी सितारों की मौजूदगी बता रही थी कि ओये कंपनी को ओये कहने वाले सितारों की कमी नहीं है।
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 7 February 2015
बनेगा 'बेबी' का सीक्वल
इस साल की पहली बड़ी हिट फिल्म 'बेबी' की सफलता से फिल्म के नायक अक्षय कुमार खासे उत्साहित हैं। 'बेबी' न केवल दर्शकों के लिए बढ़िया थ्रिलर फिल्म साबित हो रही है, बल्कि देश भक्ति की फिल्म का तमगा पा रही है और अक्षय को बढ़िया एक्टर बता रही है। इसीलिए, बेबी के सीक्वल को बनाने के निर्णय ले लिया गया। है। 'बेबी २' अक्षय कुमार को मुख्य भूमिका में लेकर नीरज पाण्डेय ही निर्देशित करेंगे। फिल्म की शूटिंग अगले साल की शुरू में शुरू हो जाएगी। इस समय तक नीरज पाण्डेय इंडियन क्रिकेट टीम के कैप्टेन महेंद्र सिंह धोनी पर सुशांत सिंह राजपूत के साथ फिल्म 'धोनी' को भी पूरा कर लेंगे। बताते हैं कि नीरज पाण्डेय बेबी को फ्रैंचाइज़ी की तरह विकसित करना चाहते हैं। इस समय सफल फिल्मों के शीर्षकों को फ्रैंचाइज़ी बना कर फ़िल्में बनाने का सिलसिला चल निकला है। इस मामले में भट्ट कैंप झंडाबरदार है। नीरज ने जब बेबी की फ्रैंचाइज़ी का आईडिया अक्षय कुमार को बताया तो अक्षय ने इसे तुरंत मंज़ूर कर लिया। जहाँ तक बेबी को फ्रैंचाइज़ी बनाने का प्रश्न है, नीरज पाण्डेय जब बेबी लिख रहे थे, तभी उन्होंने इस बारे में सोचा था। खुद अक्षय कुमार भी बेबी के एक्शन और थ्रिल से खासे प्रभावित हुए हैं। एक्शन के लिहाज़ से 'बेबी' अक्षय कुमार के एक्शन को नए आयाम देने वाली फिल्म है। वह बेबी २ के द्वारा अपने एक्शन को अगले मुकाम पर ले जाना चाहते हैं। खुद फिल्म के निर्माता भूषण कुमार का इरादा बेबी के सीक्वल को ज़्यादा जानदार और शानदार बनाने का है। तो तैयार हो जाइये गणतंत्र दिवस २०१७ को रिलीज़ होने जा रही अक्षय कुमार के धमाकेदार एक्शन वाली भव्य फिल्म 'बॉबी २' देखने के लिए।
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
सनी लियॉन की एक पहेली- साडी में लीला
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