अभिनेता सैफ अली खान इधर काफी नाराज़ चल रहे हैं। एक हिन्दू संगठन ने
अपनी पत्रिका के कवर पर करीना कपूर की मॉर्फ़ फोटो लगा कर उस पर लव जेहाद
का कैप्शन लगा दिया था । ध्यान रहे कि करीना कपूर ने सैफ अली खान से शादी
की है। वह समझ नहीं पा रहे हैं कि उनकी शादी लव जेहाद कैसे हो गयी ! करीना
कपूर ने शादी करने के लिए अपना धर्म नहीं बदला है। तब इसे लव जेहाद कैसे
कहा जा सकता है। लेकिन, हिन्दू संगठन हिन्दू लड़की से मुस्लमान लडके के
रोमांस और शादी को ही लव जेहाद मानते हैं। इधर हिंदी फिल्मों में हिन्दू
लड़की के मुस्लमान लडके के साथ रोमांस पर फिल्मों का सिलसिला भी चल निकला
है। राजकुमार हिरानी की पीके के विवाद के केंद्र में यह मसला भी था।
इसलिए हिन्दू संगठनों ने सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान को लेकर हल्ला
मचाना शुरू कर दिया है। हिन्दू संगठन का ऐतराज़ इस बात पर है ही कि फिल्म
के शीर्षक में हिन्दुओं के आराध्य के नाम के साथ भाईजान लगाया गया है,
बल्कि इसके लव जेहाद पर भी ऐतराज़ है । फिल्म की पंडित लड़की करीना कपूर
मुस्लमान सलमान खान के साथ प्रेम करती है। इन संगठनों को ऐसा लगता है कि
हिंदी फ़िल्में लव जेहाद को बढ़ावा देती हैं। सैफ अली खान और करीना कपूर की
जोड़ी की फिल्म कुर्बान, शाहरुख़ खान और काजोल की फिल्म माय नाम इज़ खान इसी
लव जेहाद का नमूना हैं।
क्या हिंदी फ़िल्में या बॉलीवुड लव जेहाद का समर्थन करता है ! अगर बॉलीवुड की शादियों को देखा जाये तो लव जेहाद साफ़ नज़र आता है। आज के दो बड़े खान अभिनेताओं आमिर खान और शाहरुख़ खान ने हिन्दू लड़कियों से शादी की। सलमान खान के दोनों भाइयों की शादियां हिन्दू लड़कियों से हुई है। तीनों खानों की माँ सुशीला चरक हिन्दू हैं। फ़िरोज़ खान और फारूक शेख ने भी हिन्दू लड़कियों से शादियां की। इमरान खान की शादी हिन्दू लड़की अवंतिका से हुई है। सैफ अली खान भी हिन्दू शर्मीला टैगोर की संतान हैं। अभिनेत्री संगीता बिजलानी क्रिकेटर अज़हरुद्दीन की बीवी है। पूजा बेदी फरहान इब्राहिम की तलाक़शुदा है। कहने का मतलब यह कि बॉलीवुड निजी जवान में जितना लव जेहादी है, उतना ही फिल्मों में है।
लेकिन, यह तमाम उदाहरण लव जेहाद का एकतरफा रूप है। इसमे कोई शक नहीं कि बॉलीवुड में एक धर्म से दूसरे धर्म में विवाह के ढेरों उदाहरण हैं। बॉलीवुड में हिन्दू पुरुष का मुस्लिम स्त्री से विवाह के उदाहरण भी कम नहीं। सुनील दत्त और नर्गिस का विवाह इस का पहला उदाहरण था। बॉलीवुड के भट्ट परिवार के महेश भट्ट भी मुस्लिम महिला शिरीन और नानाभाई भट्ट के रोमांस का नतीजा है। खुद महेश भट्ट ने अशरफ बन कर सोनी राजदान से शादी की। आलिया भट्ट इन्हीं दोनों की संतान है। तब्बू की बहन और फिल्म अभिनेत्री फराह नाज़ पहलवान दारा सिंह की बहु बनी। सलमान खान की एक बहन अलविरा खान अभिनेता और फिल्म निर्माता अतुल अग्निहोत्री से विवाहित हैं। अभिनेत्री वहीदा रहमान ने हिन्दू कंवलजीत से शादी की। कंवलजीत फिल्म सन ऑफ़ इंडिया के हीरो थे। नफीसा अली ने कर्नल आरएस सोढ़ी से विवाह किया। अभिनेत्री मुमताज़ ने मयूर माधवानी से शादी की तो उनकी मल्लिका दारा सिंह के भाई रंधावा की बीवी बनीं। किशोर कुमार मधुबाला, ह्रितिक रोशन सुज़ैन खान, ज़रीना वहाब आदित्य पंचोली, सुनील शेट्टी माना कादरी, पंकज कपूर नीलिमा अज़ीम, राज बब्बर नादिरा बब्बर, आदि के विवाह हिन्दू लडके और मुस्लिम लड़की के विवाह के उदाहरण है। इनसे हिन्दू संगठनों वाला लव जेहाद साबित नहीं होता।
बॉलीवुड की उपरोक्त हस्तियों की शादियों के उदहारण की तरह फ़िल्में भी उदाहरण है। हिन्दू संगठनों का विरोध है कि हिंदी फ़िल्में (माय नाम इज़ खान, कुर्बान, पीके और बजरंगी भाईजान) लव जेहाद को बढ़ावा देती हैं, क्योंकि इनमे मुसलमान लड़का हिन्दू लड़की से शादी करता है। वास्तविकता तो यह है कि अब तक की हिन्दी फिल्मों में विपरीत धर्म का लव जेहाद नज़र आता है। हिन्दू लड़की से शादी करने वाले फ़िरोज़ खान की फिल्म 'धर्मात्मा' का रोमांस तो सरहद पार कर गया था। इस फिल्म में हिन्दू लडके और अफगानी लड़की का रोमांस दिखाया गया था।ऐसी ही एक नहीं कई फ़िल्में हैं, जिनमे दूसरे धर्म की लड़कियों से हिन्दू लडके का रोमांस दिखाया गया। पेश हैं ऐसी कुछ फ़िल्में -
बॉबी (१९७३)- मेरा नाम जोकर बना कर दिवालिया हो चुके फिल्मकार राजकपूर को बुलंदियों पर पहुंचाने वाली फिल्म बॉबी से राजकपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर को बिलकुल नयी लड़की डिंपल कपाड़िया का हीरो बना कर पेश किया। इस फिल्म में भी बॉलीवुड का परंपरागत अमीर गरीब का फार्मूला था। लेकिन, खास था एक हिन्दू लडके राज का क्रिस्चियन लड़की बॉबी ब्रैगेंज़ा से रोमांस। इस फिल्म के गीत 'बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो, पर प्यार भरा दिल न तोड़ो' से धर्म की दीवारों को चुनौती दी थी। उस समय भी इस गीत को लेकर काफी तूफ़ान मचा था।
जूली (१९७५)- दक्षिण की अभिनेत्री लक्ष्मी और बॉलीवुड अभिनेता विक्रम की केएस सेतुमाधवन निर्देशित फिल्म 'जूली' विवाह पूर्व संबंधों और अवैध बच्चे की बोल्ड कहानी थी। इस फिल्म में भी हिन्दू लड़का क्रिस्चियन लड़की से सम्बन्ध बनाता है। दोनों की शादी इस लिए नहीं हो सकती कि दोनों के धर्म और विश्वास भिन्न थे। फिल्म का साफ़ सन्देश था कि प्रेम के रास्ते में किसी धर्म को दीवार नहीं बनाया जा सकता। यह लक्ष्मी की पहली हिंदी फिल्म थी। इस फिल्म में श्रीदेवी ने लक्ष्मी की छोटी बहन की बाल भूमिका की थी।
सागर (१९८४)- रमेश सिप्पी निर्देशित फिल्म सागर से डिंपल कपाड़िया ने शादी के बाद अपनी वापसी की थी। यह उनकी ११ साल बाद रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म थी। एक बार फिर डिंपल-ऋषि की मशहूर बॉबी जोड़ी सागर में भी बन रही थी। इस फिल्म में भी क्रिस्चियन मोना का हिन्दू रवि से रोमांस था। कमल हासन का राजा करैक्टर इसे प्रेम त्रिकोण बना रहा था। इस फिल्म में डिंपल और ऋषि के बीच का चुम्बन काफी मशहूर हुआ था।
बॉम्बे (१९९५)- मणि रत्नम की इस फिल्म को क्लासिक फिल्म का दर्ज़ा प्राप्त है। यह फिल्म १९९२ के दंगों की पृष्ठभूमि पर हिन्दू लडके से मुसलमान लड़की के प्रेम विवाह की कहानी थी। इन दोनों का प्रेम १९९२ के दंगों में भी नहीं हारता था। इस फिल्म का हिन्दू और मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने एक सा विरोध किया था। फिल्म में सोनाली बेंद्रे पर फिल्माया गया 'हम्मा हम्मा' गीत काफी सेंसुअस माना गया था।
दहक (१९९९)- अक्षय खन्ना और सोनाली बेंद्रे की इस फिल्म की कहानी बड़ी दिलचस्प थी। जब्बार बक्शी को यह स्वीकार नहीं कि उसकी बहन किसी से मोहब्बत करे। इसलिए वह अपनी बहन के शौहर को मार देता है। बहन भी आत्महत्या कर लेती है। जब्बार को १२ साल की कैद हो जाती है। जब वह छूट कर बाहर आता है तो पाता है कि उसकी भांजी भी उसकी बहन की हमशक्ल है। वह उस समय स्तब्ध रह जाता है, जब उसे मालूम होता है कि उसकी भांजी एक हिन्दू से प्रेम करती है। इस फिल्म में सोनाली बेंद्रे ने माँ और बेटी का दोहरा किरदार किया था। डैनी डैंग्जोप्पा उनके भाई और मामा की भूमिका में थे।
ग़दर एक प्रेमकथा (२००१)- भारत विभाजन की पृष्ठभूमि पर पनपी अनिल शर्मा की एक प्रेम कथा में सनी देओल ने सरदार तारा सिंह और अमीषा पटेल ने मुसलमान लड़की सकीना का किरदार किया था। इस फिल्म में पाकिस्तान पर ज़बरदस्त हमला किया गया था। इसलिए इस फिल्म ने साथ ही रिलीज़ आमिर खान की फिल्म 'लगान' से ज़्यादा बिज़नेस किया। इस फिल्म का भी मुस्लिम संगठनों ने धर्म के नाम पर विरोध किया था।
वीर-ज़ारा (२००४)- यश चोपड़ा निर्देशित वीर-ज़ारा सरहद पार के रोमांस पर फिल्म थी। शाहरुख़ खान का किरदार स्क्वाड्रन लीडर वीर प्रताप सिंह पाकिस्तान से आयी ज़ारा हयात खान को पहाड़ से गिरने से बचाता है। दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। ठीक ग़दर की तरह वीर अपनी ज़ारा को पाने पाकिस्तान जाता हैं, जहाँ उसे बंदी बना लिया जाता है। फिल्म में रानी मुख़र्जी का किरदार वीर को जेल से छुड़ाता है। जब वीर वापस हिंदुस्तान आता है तो वह अपने घर में ज़ारा को इंतज़ार करता पाता है। सरहद पार रोमांस का यह फार्मूला दर्शकों को रास आया था।
अजब प्रेम की गज़ब कहानी (२००९)- राजकुमार संतोषी की इस फिल्म में भी हिन्दू लडके प्रेम का क्रिस्चियन लड़की जेनी के साथ रोमांस कॉमेडी शैली में फिल्माया गया था। परदे पर इन किरदारों को रणबीर कपूर और कटरीना कैफ ने किया था। इस फिल्म में भी दो भिन्न धर्मों के रहन सहन, खान पान और संस्कृति की भिन्नता और टकराव को हास्य पैदा करने के लिहाज़ से उभारा गया था। एक सीन में लड़का जेनी को पटाने के लिए खुद के नॉन वेज होने का दावा करता है, लेकिन पाता है कि जेनी वेज है। इसी प्रकार से एक सीन में प्रेम जीसस से जेनी को पाने में मदद करने के लिए कहता है, क्योंकि हिन्दू देवता इससे खुश नहीं होंगे।
एक था टाइगर (२०१२)- जिन कबीर खान पर 'बजरंगी भाईजान' में लव जेहाद दिखाने का आरोप लग रहा है, उसी कबीर खान की फिल्म एक था टाइगर में भारतीय अंडरकवर एजेंट अविनाश (सलमान खान) पाकिस्तान की एजेंट ज़ोया (कटरीना कैफ) से प्यार करने लगता है। दोनों अपनी अपनी सरकारों को धोखा दे कर भाग निकलते हैं। यह फिल्म सरहद पार के रोमांस एक भिन्न उदाहरण है।
इशकज़ादे (२०१२)- यशराज फिल्म्स की बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर की लॉन्चिंग फिल्म 'इशकज़ादे' भी लखनऊ की पृष्ठभूमि पर हिन्दू लडके और मुस्लिम लड़की के रोमांस और राजनीतिक दांव पेच की दुखांत कहानी थी। इस फिल्म ने परिणीति चोपड़ा और अर्जुन कपूर को हिट कर दिया।
रांझणा (२०१३)- आनंद एल राज की फिल्म 'रांझणा' से दक्षिण के अभिनेता धनुष का डेब्यू हुआ था। फिल्म में वाराणसी के एक पंडित का बेटा कुंदन शंकर एक मुस्लिम लड़की ज़ोया हैदर से प्रेम करने लगता है। फिल्म में धनुष और सोनम कपूर ने इन किरदारों को किया था। यह फिल्म हिट हुई थी। धनुष बॉलीवुड में जम गए। रांझणा में एक मुस्लिम अभिनेता मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब ने चोटीधारी पंडित मुरारी का किरदार बड़ी स्वाभाविकता से क्या था।
ज़ाहिर है कि १९७३ की फिल्म बॉबी में ईसाई बॉबी ब्रैगेंज़ा से रोमांस करने वाला हिन्दू प्रेम चालीस साल बाद भी अजब प्रेम की गज़ब कहानी, कॉकटेल और एक मैं और एक तू में भी ईसाई लड़की से कभी गौतम तो कभी राहुल बन कर प्यार करता है। बॉम्बे में पनपी हिन्दू लडके और मुसलमान लड़की की इश्क़बाजी लखनऊ आकर भी इशकजादे कहलाती है। ऐसे में किस फिल्म को लव जेहाद कहा जाये, किसे नहीं, कह पाना ज़रा मुश्किल है।
क्या हिंदी फ़िल्में या बॉलीवुड लव जेहाद का समर्थन करता है ! अगर बॉलीवुड की शादियों को देखा जाये तो लव जेहाद साफ़ नज़र आता है। आज के दो बड़े खान अभिनेताओं आमिर खान और शाहरुख़ खान ने हिन्दू लड़कियों से शादी की। सलमान खान के दोनों भाइयों की शादियां हिन्दू लड़कियों से हुई है। तीनों खानों की माँ सुशीला चरक हिन्दू हैं। फ़िरोज़ खान और फारूक शेख ने भी हिन्दू लड़कियों से शादियां की। इमरान खान की शादी हिन्दू लड़की अवंतिका से हुई है। सैफ अली खान भी हिन्दू शर्मीला टैगोर की संतान हैं। अभिनेत्री संगीता बिजलानी क्रिकेटर अज़हरुद्दीन की बीवी है। पूजा बेदी फरहान इब्राहिम की तलाक़शुदा है। कहने का मतलब यह कि बॉलीवुड निजी जवान में जितना लव जेहादी है, उतना ही फिल्मों में है।
लेकिन, यह तमाम उदाहरण लव जेहाद का एकतरफा रूप है। इसमे कोई शक नहीं कि बॉलीवुड में एक धर्म से दूसरे धर्म में विवाह के ढेरों उदाहरण हैं। बॉलीवुड में हिन्दू पुरुष का मुस्लिम स्त्री से विवाह के उदाहरण भी कम नहीं। सुनील दत्त और नर्गिस का विवाह इस का पहला उदाहरण था। बॉलीवुड के भट्ट परिवार के महेश भट्ट भी मुस्लिम महिला शिरीन और नानाभाई भट्ट के रोमांस का नतीजा है। खुद महेश भट्ट ने अशरफ बन कर सोनी राजदान से शादी की। आलिया भट्ट इन्हीं दोनों की संतान है। तब्बू की बहन और फिल्म अभिनेत्री फराह नाज़ पहलवान दारा सिंह की बहु बनी। सलमान खान की एक बहन अलविरा खान अभिनेता और फिल्म निर्माता अतुल अग्निहोत्री से विवाहित हैं। अभिनेत्री वहीदा रहमान ने हिन्दू कंवलजीत से शादी की। कंवलजीत फिल्म सन ऑफ़ इंडिया के हीरो थे। नफीसा अली ने कर्नल आरएस सोढ़ी से विवाह किया। अभिनेत्री मुमताज़ ने मयूर माधवानी से शादी की तो उनकी मल्लिका दारा सिंह के भाई रंधावा की बीवी बनीं। किशोर कुमार मधुबाला, ह्रितिक रोशन सुज़ैन खान, ज़रीना वहाब आदित्य पंचोली, सुनील शेट्टी माना कादरी, पंकज कपूर नीलिमा अज़ीम, राज बब्बर नादिरा बब्बर, आदि के विवाह हिन्दू लडके और मुस्लिम लड़की के विवाह के उदाहरण है। इनसे हिन्दू संगठनों वाला लव जेहाद साबित नहीं होता।
बॉलीवुड की उपरोक्त हस्तियों की शादियों के उदहारण की तरह फ़िल्में भी उदाहरण है। हिन्दू संगठनों का विरोध है कि हिंदी फ़िल्में (माय नाम इज़ खान, कुर्बान, पीके और बजरंगी भाईजान) लव जेहाद को बढ़ावा देती हैं, क्योंकि इनमे मुसलमान लड़का हिन्दू लड़की से शादी करता है। वास्तविकता तो यह है कि अब तक की हिन्दी फिल्मों में विपरीत धर्म का लव जेहाद नज़र आता है। हिन्दू लड़की से शादी करने वाले फ़िरोज़ खान की फिल्म 'धर्मात्मा' का रोमांस तो सरहद पार कर गया था। इस फिल्म में हिन्दू लडके और अफगानी लड़की का रोमांस दिखाया गया था।ऐसी ही एक नहीं कई फ़िल्में हैं, जिनमे दूसरे धर्म की लड़कियों से हिन्दू लडके का रोमांस दिखाया गया। पेश हैं ऐसी कुछ फ़िल्में -
बॉबी (१९७३)- मेरा नाम जोकर बना कर दिवालिया हो चुके फिल्मकार राजकपूर को बुलंदियों पर पहुंचाने वाली फिल्म बॉबी से राजकपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर को बिलकुल नयी लड़की डिंपल कपाड़िया का हीरो बना कर पेश किया। इस फिल्म में भी बॉलीवुड का परंपरागत अमीर गरीब का फार्मूला था। लेकिन, खास था एक हिन्दू लडके राज का क्रिस्चियन लड़की बॉबी ब्रैगेंज़ा से रोमांस। इस फिल्म के गीत 'बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो, पर प्यार भरा दिल न तोड़ो' से धर्म की दीवारों को चुनौती दी थी। उस समय भी इस गीत को लेकर काफी तूफ़ान मचा था।
जूली (१९७५)- दक्षिण की अभिनेत्री लक्ष्मी और बॉलीवुड अभिनेता विक्रम की केएस सेतुमाधवन निर्देशित फिल्म 'जूली' विवाह पूर्व संबंधों और अवैध बच्चे की बोल्ड कहानी थी। इस फिल्म में भी हिन्दू लड़का क्रिस्चियन लड़की से सम्बन्ध बनाता है। दोनों की शादी इस लिए नहीं हो सकती कि दोनों के धर्म और विश्वास भिन्न थे। फिल्म का साफ़ सन्देश था कि प्रेम के रास्ते में किसी धर्म को दीवार नहीं बनाया जा सकता। यह लक्ष्मी की पहली हिंदी फिल्म थी। इस फिल्म में श्रीदेवी ने लक्ष्मी की छोटी बहन की बाल भूमिका की थी।
सागर (१९८४)- रमेश सिप्पी निर्देशित फिल्म सागर से डिंपल कपाड़िया ने शादी के बाद अपनी वापसी की थी। यह उनकी ११ साल बाद रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म थी। एक बार फिर डिंपल-ऋषि की मशहूर बॉबी जोड़ी सागर में भी बन रही थी। इस फिल्म में भी क्रिस्चियन मोना का हिन्दू रवि से रोमांस था। कमल हासन का राजा करैक्टर इसे प्रेम त्रिकोण बना रहा था। इस फिल्म में डिंपल और ऋषि के बीच का चुम्बन काफी मशहूर हुआ था।
बॉम्बे (१९९५)- मणि रत्नम की इस फिल्म को क्लासिक फिल्म का दर्ज़ा प्राप्त है। यह फिल्म १९९२ के दंगों की पृष्ठभूमि पर हिन्दू लडके से मुसलमान लड़की के प्रेम विवाह की कहानी थी। इन दोनों का प्रेम १९९२ के दंगों में भी नहीं हारता था। इस फिल्म का हिन्दू और मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने एक सा विरोध किया था। फिल्म में सोनाली बेंद्रे पर फिल्माया गया 'हम्मा हम्मा' गीत काफी सेंसुअस माना गया था।
दहक (१९९९)- अक्षय खन्ना और सोनाली बेंद्रे की इस फिल्म की कहानी बड़ी दिलचस्प थी। जब्बार बक्शी को यह स्वीकार नहीं कि उसकी बहन किसी से मोहब्बत करे। इसलिए वह अपनी बहन के शौहर को मार देता है। बहन भी आत्महत्या कर लेती है। जब्बार को १२ साल की कैद हो जाती है। जब वह छूट कर बाहर आता है तो पाता है कि उसकी भांजी भी उसकी बहन की हमशक्ल है। वह उस समय स्तब्ध रह जाता है, जब उसे मालूम होता है कि उसकी भांजी एक हिन्दू से प्रेम करती है। इस फिल्म में सोनाली बेंद्रे ने माँ और बेटी का दोहरा किरदार किया था। डैनी डैंग्जोप्पा उनके भाई और मामा की भूमिका में थे।
ग़दर एक प्रेमकथा (२००१)- भारत विभाजन की पृष्ठभूमि पर पनपी अनिल शर्मा की एक प्रेम कथा में सनी देओल ने सरदार तारा सिंह और अमीषा पटेल ने मुसलमान लड़की सकीना का किरदार किया था। इस फिल्म में पाकिस्तान पर ज़बरदस्त हमला किया गया था। इसलिए इस फिल्म ने साथ ही रिलीज़ आमिर खान की फिल्म 'लगान' से ज़्यादा बिज़नेस किया। इस फिल्म का भी मुस्लिम संगठनों ने धर्म के नाम पर विरोध किया था।
वीर-ज़ारा (२००४)- यश चोपड़ा निर्देशित वीर-ज़ारा सरहद पार के रोमांस पर फिल्म थी। शाहरुख़ खान का किरदार स्क्वाड्रन लीडर वीर प्रताप सिंह पाकिस्तान से आयी ज़ारा हयात खान को पहाड़ से गिरने से बचाता है। दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। ठीक ग़दर की तरह वीर अपनी ज़ारा को पाने पाकिस्तान जाता हैं, जहाँ उसे बंदी बना लिया जाता है। फिल्म में रानी मुख़र्जी का किरदार वीर को जेल से छुड़ाता है। जब वीर वापस हिंदुस्तान आता है तो वह अपने घर में ज़ारा को इंतज़ार करता पाता है। सरहद पार रोमांस का यह फार्मूला दर्शकों को रास आया था।
अजब प्रेम की गज़ब कहानी (२००९)- राजकुमार संतोषी की इस फिल्म में भी हिन्दू लडके प्रेम का क्रिस्चियन लड़की जेनी के साथ रोमांस कॉमेडी शैली में फिल्माया गया था। परदे पर इन किरदारों को रणबीर कपूर और कटरीना कैफ ने किया था। इस फिल्म में भी दो भिन्न धर्मों के रहन सहन, खान पान और संस्कृति की भिन्नता और टकराव को हास्य पैदा करने के लिहाज़ से उभारा गया था। एक सीन में लड़का जेनी को पटाने के लिए खुद के नॉन वेज होने का दावा करता है, लेकिन पाता है कि जेनी वेज है। इसी प्रकार से एक सीन में प्रेम जीसस से जेनी को पाने में मदद करने के लिए कहता है, क्योंकि हिन्दू देवता इससे खुश नहीं होंगे।
एक था टाइगर (२०१२)- जिन कबीर खान पर 'बजरंगी भाईजान' में लव जेहाद दिखाने का आरोप लग रहा है, उसी कबीर खान की फिल्म एक था टाइगर में भारतीय अंडरकवर एजेंट अविनाश (सलमान खान) पाकिस्तान की एजेंट ज़ोया (कटरीना कैफ) से प्यार करने लगता है। दोनों अपनी अपनी सरकारों को धोखा दे कर भाग निकलते हैं। यह फिल्म सरहद पार के रोमांस एक भिन्न उदाहरण है।
इशकज़ादे (२०१२)- यशराज फिल्म्स की बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर की लॉन्चिंग फिल्म 'इशकज़ादे' भी लखनऊ की पृष्ठभूमि पर हिन्दू लडके और मुस्लिम लड़की के रोमांस और राजनीतिक दांव पेच की दुखांत कहानी थी। इस फिल्म ने परिणीति चोपड़ा और अर्जुन कपूर को हिट कर दिया।
रांझणा (२०१३)- आनंद एल राज की फिल्म 'रांझणा' से दक्षिण के अभिनेता धनुष का डेब्यू हुआ था। फिल्म में वाराणसी के एक पंडित का बेटा कुंदन शंकर एक मुस्लिम लड़की ज़ोया हैदर से प्रेम करने लगता है। फिल्म में धनुष और सोनम कपूर ने इन किरदारों को किया था। यह फिल्म हिट हुई थी। धनुष बॉलीवुड में जम गए। रांझणा में एक मुस्लिम अभिनेता मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब ने चोटीधारी पंडित मुरारी का किरदार बड़ी स्वाभाविकता से क्या था।
ज़ाहिर है कि १९७३ की फिल्म बॉबी में ईसाई बॉबी ब्रैगेंज़ा से रोमांस करने वाला हिन्दू प्रेम चालीस साल बाद भी अजब प्रेम की गज़ब कहानी, कॉकटेल और एक मैं और एक तू में भी ईसाई लड़की से कभी गौतम तो कभी राहुल बन कर प्यार करता है। बॉम्बे में पनपी हिन्दू लडके और मुसलमान लड़की की इश्क़बाजी लखनऊ आकर भी इशकजादे कहलाती है। ऐसे में किस फिल्म को लव जेहाद कहा जाये, किसे नहीं, कह पाना ज़रा मुश्किल है।
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