भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 13 July 2016
ब्लड फादर मेल गिब्सन
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 9 July 2016
सुपर स्टार अभिनेत्रियों के अनजाने से ऑन स्क्रीन पति !
पिछले दिनों यह खबर थी कि
संजयलीला भंसाली की ऐतिहासिक चरित्र पद्मावती पर फिल्म में दीपिका पादुकोण मेवाड़ की रानी पद्मावती की भूमिका निबाहेंगी। इस फिल्म में दीपिका के ऑन स्क्रीन पति रावल रतन
सिंह का किरदार मसान अभिनेता विक्की कौशल के करने की हवा है। दीपिका पादुकोण जैसी
सुपर स्टार अभिनेत्री और उनका ऑन स्क्रीन पति एक अनजाना-सा चेहरा ! लेकिन, दीपिका
को कोई समस्या नहीं। वह टाइटल भूमिका में होंगी तथा उन पर मर मिटे सुलतान अलाउद्दीन
खिलज़ी का किरदार उनके रियल लाइफ बॉय फ्रेंड रणवीर सिंह करेंगे। दीपिका को और चाहिए
क्या ?
दीपिका ही क्या, अगर फिल्म
नायिका प्रधान है या फिर उनके सामने कोई दूसरा बड़ा अभिनेता ख़ास भूमिका में है तो
किसी सुपर स्टार अभिनेत्री को क्या फर्क पड़ता है कि ऑन स्क्रीन उसका पति कौन है ?
ऐसे तमाम उदाहरण हैं, जिनमे बड़ी अभिनेत्रियों के ऑन स्क्रीन पतियों के चेहरे हिंदी
फिल्म दर्शकों के कम जाने पहचाने थे। आइये जानते हैं ऎसी कुछ सुपर स्टार
अभिनेत्रियों और उनके कम जाने पहचाने ऑन स्क्रीन पतियों के बारे में-
ऐश्वर्या राय बच्चन- हालिया
रिलीज़ फिल्म सरबजीत में ऐश्वर्या राय बच्चन ने सरबजीत की बहन दलजीत कौर का किरदार किया था। इस फिल्म में उनके पति बलदेव की भूमिका नवोदित अभिनेता अंकुर भाटिया ने की थी। इस
से पहले संजयलीला भंसाली की ‘फिल्म गुजारिश में सोफ़िया डीसूजा के पति नेविले
डिसूजा का किरदार मकरंद देशपांडे ने किया था। मकरंद मराठी फिल्मों और स्टेज के बड़े
नाम हैं, लेकिन हिंदी फिल्मों में उन्हें छोटी भूमिकाओं में सपोर्टिंग रोल में ही
देखा गया। जग मूंधड़ा की फिल्म प्रोवोक्ड में किरण अहलुवालिया यानि ऐश्वर्य रे के
पति दीपक का का किरदार हॉलीवुड अभिनेता नवीन एंड्रूस ने किया था।
विद्या बालन- फिल्म हमारी
अधूरी कहानी विद्या बालन और इमरान हाशमी की रोमांस कहानी थी। लेकिन, इस फिल्म में
विद्या के पति का निगेटिव कोण भी था। फिल्म में विद्या बालन के पति का किरदार 'शाहिद' अभिनेता राजकुमार राव कर रहे थे। अभिषेक चौबे की फिल्म इश्किया एक दुष्ट
महिला कृष्णा के मामू-भांजे को अपने प्रेम जाल में फंसा कर अपने पति की हत्या करवाने की रोमांचक अपराध कथा थी। इस फिल्म के मामू-भांजा तो नसीरुद्दीन शाह और अरशद वारसी बने थे, लेकिन,
फिल्म की कृष्णा विद्या बालन के पति विद्याधर वर्मा का किरदार आदिल हुसैन ने किया
था। आदिल हुसैन लीक से हट कर बनी फिल्मों या हॉलीवुड की फिल्म लाइफ ऑफ़ पाई के कारण
पहचाने जाते हैं।
तब्बू- इश्किया के आदिल
हुसैन हॉलीवुड फिल्म लाइफ ऑफ़ पाई में तब्बू के पति का किरदार कर रहे थे। महेश
मांजरेकर की नायिका प्रधान फिल्म अस्तित्व में तब्बू केंद्रीय भूमिका में थी। इस
फिल्म में उनके पति का किरदार मराठी फिल्मों के प्रतिष्ठित अभिनेता सचिन खेर्डेकर
ने किया था। २०१४ में रिलीज़ विशाल भरद्वाज की फिल्म हैदर में तब्बू ने शाहिद कपूर
की माँ का किरदार किया था। इस फिल्म में तब्बू के डॉक्टर पति हिलाल मीर का किरदार टीवी सीरियल अभिनेता अभिनेता नरेन्द्र झा का रहे थे।
श्रीदेवी- श्रीदेवी ने चार साल पहले हिंदी फिल्मों में वापसी की थी। फिल्म थी निर्देशक गौरी शिंदे की नायिका
प्रधान इंग्लिश विंग्लिश। इस फिल्म में श्रीदेवी ने इंग्लिश न जानने
वाली बीवी का किरदार किया था। उनके ऑन स्क्रीन शौहर आदिल हुसैन बने थे। खबर है
कि बोनी कपूर की फिल्म मॉम में पाकिस्तानी एक्टर अदनान सिद्दीकी उनके पति बने हैं।
सुपर स्टार अभिनेत्रियों के
पति!
कुछ अभिनेताओं की पहचान ही
बॉलीवुड की बड़ी अभिनेत्रियों के साथ फिल्म में उनके पति की भूमिका से बनी। आदिल
हुसैन के अलावा कुछ दूसरे अभिनेताओं ने फिल्मों में सुपर स्टार अभिनेत्रियों के पति का किरदार
किया। प्रदीप सरकार की फिल्म मर्दानी में रानी मुख़र्जी ने पुलिस अधिकारी शिवानी
शिवाजी रॉय का किरदार क्या था। फिल्म में उनके डॉक्टर पति बिक्रम रॉय का किरदार जिशु
सेनगुप्ता कर रहे थे। जिशु बांगला फिल्मों के जाने माने चेहरे हैं। मैरी कोम में
प्रियंका चोपड़ा के पति की भूमिका दर्शन कुमार कर रहे थे। यह फिल्म दर्शन की
डेब्यू फिल्म थी। पति पत्नी और अवैध संबंधों पर फिल्म मर्डर अपने पूर्व प्रेमी से
शादी के बाद भी सम्बन्ध बनाने वाली औरत का किरदार मल्लिका शेरावत ने किया था। इमरान हाश्मी उनके पूर्व प्रेमी बने थे। फिल्म में अश्मित पटेल ने मल्लिका के पति
का किरदार किया था। खबर है कि सरबजीत में ऐश्वर्या राय बच्चन के पति का किरदार करने वाले अंकुर भाटिया ने फिल्म हसीना में श्रद्धा कपूर के पति की भूमिका के लिए हाँ कर दी है।
बॉलीवुड इन अपनी पहचान बनाने के ख्याल से अभिनेताओं का बॉलीवुड की स्थापित अभिनेत्रियों के पति का किरदार करना माफिक बैठता है। ऎसी भूमिकाएं करके वह टाइप्ड ही नहीं होते। दर्शक उन्हें पहचानने लगते हैं। आज मैरी कॉम में प्रियंका चोपड़ा के पति बन कर दर्शन कुमार कई फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिका कर रहे हैं। पाकिस्तान के अदनान सिद्दीकी के लिए श्रीदेवी का शौहर बनना भारतीय दर्शकों में अपना परिचय कराने के ख्याल से बढ़िया है। ऐसे में जब विक्की कौशल पद्मावती के पति बन कर दर्शकों के सामने होंगे तो दर्शकों में अपनी अच्छी पहचान बना लेंगे।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
स्पाइडर मैन होमकमिंग में अंगौरी राइस
इन दिनों मार्वेल और सोनी की फिल्म स्पाइडर-मैन: होमकमिंग की शूटिंग एटलांटा में चल रही है ।
इस फिल्म के लिए हाल ही में अब्राहम अता, गर्सल्ले गर्सल्ले बौवैस, टिफ़नी एस्पेंसेन और टाईन डली को साइन किया गया है । अब यह सुनने में आया है कि नाइस गाइस की अंगौरी राइस को भी साइन कर लिया गया है । अन्य तमाम कलाकारों की तरह अंगौरी राइस के रोल के बारे में जानकारी नहीं दी गई है । इस फिल्म में टॉम हॉलैंड पीटर पार्कर/स्पाइडर मैन तथा उनकी आंटी मे मारिसा तोमेई की भूमिका कर रही हैं । इस फिल्म के प्लाट का खुलासा नहीं हुआ है । लेकिन, जारी किये गए फोटोग्राफ इस फिल्म को पीटर पार्कर के स्कूली दिनों पर फिल्म ज़ाहिर करते हैं । पीटर पार्कर की प्रेमिका ग्वेन स्टेसी का किरदार कौन अभिनेत्री करेगी तथा मैरी जेन वाटसन कौन होगी, साफ़ नहीं है । अंगौरी को साइन करने से यह समझा जा रहा है कि वह ग्वेन स्टेसी के किरदार के लिए ली गई होंगी । अंगौरी का २०१३ में फिल्म फाइनल आवर्स से हॉलीवुड डेब्यू हुआ था ।
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स्टीवन सोडेनबर्ग निर्देशित करेंगे पनामा लीक पर फिल्म
पिछले दिनों, पनामा
लीक ने भारत में तहलका मचा दिया था । इस लीक के कारण बहुत सी भारतीय हस्तियाँ
संदेह के घेरे में आ गई । इससे पूरी दुनिया में ही तहलका मच गया था । खबर है कि लॉरेंस
ग्रे की फिल्म निर्माण कंपनी ग्रे मेटर प्रोडक्शनस ने इस कांड पर पुलित्ज़र प्राइस
विजेता पत्रकार जेक बर्नस्टीन की आगामी पुस्तक सीक्रेसी वर्ल्ड पर फिल्म बनाने के
अधिकार खरीद लिए हैं । जेक ने ही अप्रैल में पनामा लीक पर स्टोरी की थी । वही लॉरेंस ग्रे तथा अन्य दूसरे निर्माताओं के
साथ इस फिल्म का निर्माण करने जा रहे हैं । फिल्म का निर्देशन ऑस्कर विजेता और ट्रैफिक, एरिन ब्रोक्कोविच और ओसियन्स एलेवेन
जैसी फिल्मों के निर्देशक स्टीवन सोडेनबर्ग करेंगे । बताया जा रहा है कि बर्नस्टीन की आने वाली पुस्तक
में पनामा लीक पर बहुत से दूसरे चौंकाने वाले खुलासे किये गए है । ज़ाहिर है कि यह
फिल्म पूरी दुनिया में हलचल मचा देगी । ग्रे मेटर की आगामी फिल्म हॉरर लाइट्स आउट
२२ जुलाई को रिलीज़ हो रही है । यह कंपनी आगामी पतझड़ में सिल्वेस्टर स्टेलोन के साथ
एक अनाम फिल्म भी शुरू करने जा रही है । इसके अलावा मिशन इम्पॉसिबल ६ और विंटरस
नाइट जैसी फिल्मों का निर्माण भी इस कंपनी द्वारा किया जाएगा ।
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Hollywood
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Thursday, 7 July 2016
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर फिल्म का पोस्टर
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हैप्पी भाग जाएगी का नया पोस्टर हुआ जारी
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नशीली दवाओं के चंगुल में ‘उड़ता’ बॉलीवुड
अभिषेक चौबे की
फिल्म उड़ता पंजाब आजकल के पंजाब प्रान्त में युवाओं के बीच नशीली दवाओं की समस्या
पर फिल्म है। इस फिल्म में करीना कपूर और
शाहिद कपूर लम्बे समय बाद किसी फिल्म में
आ ज़रूर रहे हैं, लेकिन उनके साथ साथ
कोई सीन नहीं होंगे। लेकिन, फिल्म में दर्शकों की उत्सुकता इस लिए नहीं होगी। वह देखना चाहेंगे कि अभिषेक चौबे के द्वारा चार
साल तक की गई कथित मेहनत ने स्क्रिप्ट में क्या आकार लिया है। क्या यह फिल्म पंजाबी युवाओं के नशीली दवाओं के
जाल में फंसने की घटनाओं को वास्तविक तथ्यों के आधार पर उभार पाए होंगे ? या फिर
यह फिल्म भी कश्यप एंड भरद्वाज एंड कंपनी की तमाम फिल्मों की तरह बॉक्स ऑफिस पर
दर्शक बटोरने के लिए विवादित विषय पर एक और फिल्म होगी ? आम तौर पर, बॉलीवुड ने तो
नशीली दवाओं को युवाओं के शौक और मज़े के तौर पर ही दिखाया है।
ड्रग्स पर 'गुमराह' करती फिल्म
निर्माता यश जौहर और
निर्देशक महेश भट्ट ने १९९३ में नशीली दवाओं की तस्करी के विषय पर एक फिल्म गुमराह
बनाई थी। इस फिल्म में श्रीदेवी ने एक
सिंगर रोशनी का किरदार किया था, जिसे राहुल प्रमोट करता है और विदेशों में शो
करवाता है। ऐसे ही एक शो के लिए जाते समय
रोशनी हांगकांग एयरपोर्ट पर नशीली दवाओं की तस्करी के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया
जाता है। उसे फांसी की सज़ा हो जाती है। ऐसे में जगन्नाथ उसकी मदद करता है। संजय दत्त ने जगन्नाथ और राहुल रॉय ने प्रमोटर
राहुल का किरदार किया था। इस फिल्म को रॉबिन भट्ट और सुजीत सेन ने लिखा था। लेकिन, वह पकड़ नहीं बन पाई थी। फिल्म में न तथ्य थे, न विषय की गहराई से समझ थी। यह सतही फिल्म श्रीदेवी और संजय दत्त की फ्लॉप
फिल्मों में शुमार की जाती है।
नेपाल से गोवा तक
ड्रग्स
१८ साल बाद निर्देशक
रोहन सिप्पी को गोवा में नशीली दवाओं का धंधा नज़र आया। उस दौर में गोवा इसी खासियत के कारण कुख्यात हो
रहा था। फिल्म में नशीली दवाओं के तस्करों
की तरकीबों, पुलिस की कोशिशों और
नशे के दुष्परिणाम का चित्रण काफी अच्छी तरह से हुआ था। इस फिल्म में दीपिका पादुकोण पर हरे राम हरे कृष्णा का दम मारो दम गीत का
रीमिक्स वर्शन फिल्माया गया था । इसके
बावजूद फिल्म फ्लॉप हुई। जिस हरे राम हरे
कृष्णा के गीत पर रोहन सिप्पी ने गोवा पर अपनी फिल्म का नाम रख था, देव आनंद और ज़ीनत अमान की यह फिल्म नेपाल में हिप्पियों और नशे
के जाल पर केंद्रित थी। इस संगीतमय फिल्म
ने हिंदुस्तानी दर्शकों को काफी प्रभावित किया था
फिल्म सुपर हिट साबित हुई। लेकिन,
इसके बाद कोई ऎसी सफल फिल्म नहीं बनाई जा
सकी।
ड्रग्स से लग जाते
हैं 'पंख'
सुदीप्तो
चट्टोपाध्याय निर्देशित फिल्म पंख को नशीली दवाओं पर केंद्रित फिल्म कहना ठीक नहीं
होगा। इस फिल्म में एक बच्चे के
मनोविज्ञान का भी चित्रण किया गया था।
जेरी एक बर्बाद परिवार से है। वह फिल्मों में लड़कियों का किरदार करता है। माँ
के साथ ख़राब सम्बन्ध उसे नशे में धकेल देते हैं।
नशीली दवाओं की डोज़ लेकर वह बिपाशा बासु की फंतासी करता है। यह फिल्म बाल
मनोविज्ञान की दृष्टि से प्रशंसनीय थी। नशा तो एक पहलू था ही।
नशीली दवाओं के आदती
किरदार
बॉलीवुड की काफी
फिल्मों के किरदार नशा लेने वाले दिखाये गए हैं।
मधुर भंडारकर की फैशन इंडस्ट्री पर फिल्म फैशन की कहानी मेघना माथुर यानि
प्रियंका चोपड़ा पर केंद्रित थी। फिल्म का
शोनाली का किरदार पतन को जा रही मॉडल का था, जो हताशा में नशीली दवाओं में डूब जाता है। इस भूमिका के लिए कंगना रनौत को सपोर्टिंग
एक्ट्रेस का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।
अनुराग कश्यप की आधुनिक देवदास पर फिल्म देव डी में देवदास का किरदार पारो
की शादी हो जाने के बाद ड्रग्स लेने लगता है।
अनुराग कश्यप के चेले बिजॉय नांबियर की फिल्म शैतान के नशीली दवाओं और शराब
में डूबे पांच दोस्त नशे में चूर हो कर अपनी कार से एक स्कूटर सवार को ठोंक डालते हैं। इसके बाद शुरू होता है उनका पश्चाताप और एक के
बाद ज़िंदगियों का ख़त्म होना। कंगना रनौत
की फिल्म रिवाल्वर रानी में एक्टर बनने मुंबई आया वीर दास का किरदार हमेशा कोकीन
सुडकता रहता है। हँसी तो फसी में परिणीति
चोपड़ा का किरदार डिप्रेशन से उबरने के लिए ड्रग्स लेता है। रागिनी एमएमएस में एक जोड़ा नशे वाली सिगरेट
पीता है। इसके बाद वह लोग सेक्स करने शावर के नीचे जाते हैं। तभी लड़का प्रेत बन जाता है। लड़की नशीली सिगरेट को इसका कारण बताती है। गैंग्स ऑफ़ वास्सेपुर में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी
हर समय चरस पीते रहते हैं। विशाल भरद्वाज की फिल्म ७ खून माफ़ में सुसन्ना
(प्रियंका चोपड़ा) के दूसरे पति बने जॉन अब्राहम ड्रग्स लेते थे । उसकी ज़्यादतियों
से तंग आकर सुसन्ना ड्रग की ओवर डोज़ देकर
मार देती है।
ड्रग्स ने बनाया
ज़ोंबी
कृष्णा डी के और राज
निदिमोरु की निर्देशक जोड़ी की फिल्म गो गोवा गॉन में कुणाल खेमू और वीर दास के करैक्टर गोवा की एक रेव पार्टी में
जाते हैं। नशे में डूबने के बाद जब वह सुबह उठते हैं तो पाते हैं कि नशे ने वहा
मौजूद तमाम लोगों को ज़ोंबी बना दिया है।
इसके बाद शुरू होती है कॉमिक भागदौड़ और जोम्बियों की मारकाट। सैफ अली खान ज़ोंबी के वायरस के शिकार ज़ोंबी
हंटर बने थे।
ड्रग्स पर हॉलीवुड
नशीली दवाओं के अंतर्राष्ट्रीय रैकेट को हॉलीवुड की कई फिल्मों
में दिखाया गया है। इनमे डायरेक्टर रिडले स्कॉट की डंजेल वाशिंगटन और रशेल क्रोव
की फिल्म अमेरिकन गैंगस्टर, डायरेक्टर ब्रायन डी पाल्मा की अल पचीनो अभिनीत स्कारफेस, निर्देशक डैनी बॉयल की ट्रेनस्पॉटिंग, फर्नांडो मेिरेलस की फिल्म सिटी ऑफ़ गॉड, स्टीवन सोडरबर्ग निर्देशित ट्रैफिक, कोएन ब्रदर्स निर्देशित ऑस्कर अवार्ड विजेता
फिल्म नो कंट्री फॉर ओल्ड मेन, डैरेन अरोनोफस्की निर्देशित रिक्विम फॉर अ ड्रीम, निर्देशक टेरी विलियम की फियर एंड लोथिंग इन लॉस
वेगासक्वेंटिन टारनटिनो की फिल्म पल्प फिक्शन, टेड डेमे की ब्लो, रिचर्ड लिंकलेटर के डैजड एंड कन्फ्यूज्ड और
डायरेक्टर जोशुआ मर्स्टन की मारिया फुल ऑफ़ ग्रेस के नाम उल्लेखनीय हैं।
ममता कुलकर्णी
नाना पाटेकर की हिट
फिल्म तिरंगा से अपने करियर की शुरुआत करने वाली ममता कुलकर्णी ने अपनी सेक्स अपील
के बलबूते शाहरुख़ खान, सलमान खान, आमिर खान और सैफ अली खान के साथ फिल्में की। वह
जब तब अपने नखरों और हरकतों के कारण चर्चित होती रही। एक दिन ममता कुलकर्णी यकायक गायब हो गई।हाल ही
में महाराष्ट्र में ठाणे पुलिस के ममता कुलकर्णी के पति विकी गोस्वामी के खिलाफ
रेड कार्नर नोटिस जारी करने की खबर आई है।
ममता और उनके पति नशीली दवाओं की
तस्करी में लिप्त बताये जाते हैं।
निर्माता अनुराग
कश्यप की फिल्म उड़ता पंजाब सेंसर से विवाद में उलझी हुई है । पंजाब के चुनाव नज़दीक
है । इसलिए, अनुराग कश्यप की फिल्म के पंखों के साथ तमाम राजनीतिक दल भी राजनीतिक
उड़ान भर लेना चाहते हैं । ज़ाहिर है कि उड़ता पंजाब को जितनी पब्लिसिटी इसके पूर्व
रोमांस जोड़े करीना-शाहिद जोड़े के कारण नहीं मिल रही है, उससे कई गुना ज्यादा राजनीतिक
दलों के बोल बचनो से मिल रही है । हो सकता है कि इस पब्लिसिटी से फिल्म हिट हो जाए
। लेकिन, क्या यह नशीले पदार्थों की समस्या पर बॉलीवुड की एक ईमानदार फिल्म बन
पायेगी ?
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
फिल्म के प्रचार में हवाई जहाज पर काबली
भारतीय फिल्म उद्योग ख़ास तौर पर बॉलीवुड अपनी
फिल्मों के प्रमोशन के लिए क्या नहीं करता । कभी फिल्म के नायक नायिका के बीच
रोमांस की खबरों को हवा दी जाती थी । अब दर्शक समझदार हो गया है । जानता है कि यह
रोमांस फ़िल्मी है । इसलिए, फिल्म वाले अपनी फिल्मों को प्रचार दिलाने के लिए
घिसे पिटे रोमांस के किस्सों के साथ साथ दूसरी जुगत भी भिड़ा रहे हैं । टेलीविज़न से
प्रसारित रियलिटी शोज में जा कर फिल्म का प्रचार करवाया जा रहा है । प्रचार के कुछ
दूसरे हथकंडे भी आजमाए जा रहे हैं । इस प्रचार में फिल्म के नायक अभिनेता का दिमाग
भी लग रहा है । फिल्म के कलाकार भी सक्रीय हो गए हैं ।
आमिर खान लाजवाब
अपनी फिल्मों के प्रचार में रूचि लेने वालों में
अभिनेता आमिर खान लाजवाब हैं । उन्होंने अपनी २४ दिसम्बर २०१८ को रिलीज़ फिल्म
गजिनी के प्रचार में न केवल अपनी मसल्स का प्रदर्शन किया, बल्कि
अपनी गजिनी बालों को देश के युवाओं में क्रेज भी बना दिया । आमिर खान ने प्रचार का
अनोखा तरीका अपनाते हुए रब ने बना दी जोड़ी की रिलीज़ वाले तमाम मल्टीप्लेक्स के
स्टाफ को गजिनी हेयर स्टाइल रखने के लिए भी मना लिया । गजिनी के रिलीज़ से पहले और
काफी बाद तक फिल्म में आमिर खान का घुटा हुआ गजिनी लिखा हेयर स्टाइल लोकप्रिय हो
गया । फिल्म बॉलीवुड की पहली १०० करोड़ कमाने वाली फिल्म बन गई । इसी प्रकार से
आमिर खान फिल्म ३ इडियट्स के लिए सचिन तेंदुलकर से समझौता कर उन्हें फिल्म के
प्रचार में शामिल किया । इस फिल्म में आमिर का करैक्टर कॉलेज से यकायक गायब हो
जाता है । इसी तर्ज पर आमिर खान ३ इडियट्स की रिलीज़ से पहले गायब हो गए । उन्होंने
शहरों का ऐलान करते हुए अपने प्रशंसकों से उन्हें बदले भेष में पहचानने की चुनौती
दी । पीके की के प्रमोशन में जो पहला पोस्टर जारी किया गया, उसमे
आमिर नंगी मुद्रा में अपने प्राइवेट पार्ट पर पुराना ट्रांजिस्टर लगाए नज़र आ रहे
थे । इस पोस्टर को अश्लील माना गया । लेकिन, आमिर खान ने बिना
विचलित हुए कहा कि दर्शक फिल्म देखने के बाद इस पोस्टर को अश्लील नहीं मानेंगे ।
यह तरीका भी कारगर रहा ।
शाहरुख़ खान कहाँ पीछे - डॉन का स्पेशल विडियो
प्रचार के लिहाज़ से शाहरुख़ खान कभी ज्यादा
उत्साहित हो जाते हैं । उन्होंने माय नाम इज खान की रिलीज़ से पहले खुद को नेयॉर्क
एअरपोर्ट पर रोके जाने का यह कह कर जोर शोर से प्रचार किया कि अमेरिका में मुझे
आतंकी समझ कर मेरी तलाशी ली जा रही है, क्योंकि कि माय नेम इज खान । खुद को
मुसलमान साबित कर फिल्म को प्रचार दिलाने के उत्साह में शाहरुख़ खान कुछ इतना आगे
बढ़ गए कि उन्होंने देश में मेरा दम घुटता है, जैसा जूमला उछाल
दिया । अब यह बात दीगर है कि यह उन पर भारी पडा । उनकी रिलीज़ फिल्म दिलवाले बॉक्स
ऑफिस पर बड़ी फ्लॉप फिल्म साबित हुई । उनके इस कुप्रचार का खामियाजा उनकी फिल्म फैन
को भी भुगतना पडा । लेकिन, डॉन २ के प्रचार के लिए उन्होंने विडियो वाला
तरीका अपनाया । उन्होंने फिल्म में खुद के और दूसरे चरित्रों के ‘डॉन को
पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है’ जैसे ताली बजाऊ संवादों को विडियो में
रिलीज़ किया । इस तरीके से उनकी फिल्म को काफी फायदा हुआ ।
सरेआम लटका दिया
तिग्मांशु धुलिया अलग तरह की दिलचस्प फ़िल्में
बनाने के लिए मशहूर हैं । उन्होंने अपनी फिल्म पान सिंह तोमर के प्रचार में भी
दिलचस्प तरीका अपनाया । पान सिंह तोमर एक धावक के डाकू बनाने की कहानी थी । इस
फिल्म के प्रचार में मुंबई के एक काफी आउटलेट के बाहर पान सिंह बने इरफ़ान खान के
कटआउट के हाथों में एक बन्दूक और खिलौना लटका दिखाया गया था । एक अखबार की खबर थी कि
इस थैले में साढ़े तीन लाख रुपये भी रखे गए था, जो डाकू पान सिंह की
लूट का माल था । रामगोपाल वर्मा ने भी अपनी एक फिल्म फूक के प्रमोशन में एक लाश के
पुतले को पेड़ और खभों से लटका दिया । इसे देख कर पास पड़ोस के काफी लोग डर भी गए। इस
प्रमोशन की कड़ी निंदा के बाद हटा लेना पडा ।
जब रील लाइफ को उतारा रियल में
बॉलीवुड को अपनी फिल्म के प्रमोशन में रील लाइफ
को रियल लाइफ में उतारने से भी परहेज नहीं । अनुराग कश्यप ने फिल्म उड़ान के
प्रमोशन में फिल्म में कार तोड़े जाने के एक सीन को रियल में दोहराते हुए भीड़ के
सामने एक कार पर हथौड़ा चला दिया । खट्टा मीठा में अक्षय कुमार के इंजिनियर के
किरदार में थे । इस फिल्म के प्रमोशन में अक्षय कुमार मुम्बई की सडकों की दशा
जांचने के लिए सड़क पर उतर पड़े थे । फिल्म पा के प्रमोशन के लिए अमिताभ बच्चन ने
फिल्म में अपने आरव के किरदार की आवाज़ में रेडियो इंटरव्यू दिया था । रामगोपाल
वर्मा की फिल्म रण में अमिताभ बच्चन ने एक न्यूज़ एंकर का रोल किया था । इस रोल को
रियल लाइफ में उतारने के लिए अमिताभ एक न्यूज़ चैनल पर न्यूज़ पढ़ते दिखाई दिए थे ।
फिल्म राजनीती में रणबीर कपूर ने राजीव गाँधी के रियल किरदार को किया था । फिल्म
के प्रमोशन में वह राजीव गाँधी के गेटअप में मुंबई की लोकल ट्रेन में सफ़र कर रहे
थे । चांस पे डांस के प्रमोशन के लिए शाहिद कपूर और जेनेलिया डिसूजा पूरी एक रात
खुले में कार की छत पर सोते हुए और बड़ा पाव खाते हुए गुजारी । फिल्म में शाहिद
कपूर ने एक स्ट्रगलिंग एक्टर का किरदार किया था, जो मकान न मिलाने के
कारण अपनी कार में रहने को विवश है । दूल्हा मिल गया के प्रमोशन में फरदीन खान ने
दूल्हा बन कर रील लाइफ की तरह अपनी नायिका इशिता शर्मा के साथ रियल में सात फेरे
लिए । पेइंग गेस्ट में जावेद जाफ़री और श्रेयस तलपडे औरतों का वेश धर कर एक घर में
पेइंग गेस्ट के रूप में रहते हैं । इन दोनों ने फिल्म का प्रमोशन भी इसी भेष में
किया । तेरे बिन लादेन में ओसामा बिन लादेन का किरदार करने वाले अभिनेता
प्रद्युम्न सिंह ने फ़िल्म का प्रमोशन ओसामा का गेटअप पहन कर किया । इस प्रकार से
रॉकऑन का प्रमोशन करने के लिए फरहान अख्तर ने रियल में लाइव परफॉरमेंस दिया ।
कुछ दूसरे अनूठे प्रचार
फिल्मकार अपनी फिल्म के प्रचार में कोई कसर नहीं
छोड़ना चाहते । यही कारण है कि हर नई रिलीज़ फिल्म के साथ प्रचार का एक नया तरीका
सामने आता है । डर्टी पिक्चरस के निर्माताओं ने फिल्म के एंटरटेनमेंट एंटरटेनमेंट
एंटरटेनमेंट संवाद को फिल्म के प्रमोशन में खूब इस्तेमाल किया । विद्या बालन
प्रचार में जहां जहां गई उनके शरीर पर फिल्म में पहनी लाल बॉर्डर वाली साड़ी सजी
हुई थी । इस साड़ी में उनके शरीर के उभार ख़ास नज़र आ रहे थे । नतीजे के तौर पर फिल्म
को बढ़िया ओपनिंग मिली । फिल्म बॉबी जासूस के प्रचार में विद्या बालन ने भिखारी के
भेष में हृथिक रोशन तक से भीख मांग ली । कहानी के दौरान किसी स्टेशन के बाहर अपने
पति की खोज में आई प्रग्नेंट विद्या नज़र आ रही थी । आशिकी २ की रिलीज़ से पहले
फिल्म के जैकेट ओढ़े आशिकी जोड़े की मूरत सिनेमाघरों में बैठाई गई थी । ख़ास तौर पर
उन सिनेमाघरों में जहाँ एक हफ्ता पहले एक थी डायन रिलीज़ हो रही थी । ज़िन्दगी न
मिलेगी दोबारा रोड ट्रिप मूवी थी । इस फिल्म के प्रमोशन में फिल्म के हृथिक रोशन,
फरहान अख्तर, अभय देओल, कटरीना कैफ और कल्कि
कोएच्लिन जैसे सितार मुंबई से दिल्ली तक की रोड ट्रिप पर निकल पड़े थे । इस रोड
ट्रिप के दौरान ज्यादा समय फिल्म के सितारे ही कार चला रहे थे । बेशक मीडिया उनके
साथ था । इसी प्रकार से रागिनी एम एम एस २ के प्रमोशन के लिए अभिनेत्री सनी लियॉन
ने मुंबई में ऑटो रिक्शा की सवारी की । वह जिस ऑटो में बैठती थी उसके पीछे ‘रागिनी
का नया एमएमएस देखा क्या’ और ‘दो में ज्यादा मज़ा है’ जैसे
स्लोगन लिखे हुए थे । बाजीराव मस्तानी के प्रमोशन के लिए संजयलीला भंसाली ने
बाजीराव पर वेब सीरीज जारी की थी ।
एयर एशिया इंडिया के जहाज पर काबली
अपनी फिल्मों के अनोखे प्रचार के लिहाज़ से इंडियन
सुपर स्टार रजनीकांत की फिल्म काबली का प्रमोशन लाजावाब लगता है । पिछले दिनों,
सोशल साइट्स पर एक जहाज की फोटो रिलीज़ हुई जिसमे रजनीकांत का चेहरा और
उनकी फिल्म काबली का चित्र बना हुआ था । यह जहाज, एयरलाइन एयर एशिया
इंडिया का था । इस फिल्म से जुड़ कर एयर एशिया खुद को ‘प्राउड फील’ कर रहा
था ।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 6 July 2016
बॉक्स ऑफिस पर 'सुल्तान' ! अरे छोडिये भाई !!!
सुल्तान कौन हैं ?
५२ साल का सलमान खान- पहली रील से लेकर आखिरी रील तक- हर फ्रेम में।
फिल्म में ३८ साल का पहलवान। लेकिन, अखाड़े पर और रिंग में दिग्गज पहलवानों को धुल चटाता मोटा- थुलथुल बूढ़े खच्चर जैसा फिफ्टी प्लस का सलमान खान।
हर सीन में, हर इमोशन में पिटे हुए मोहरे जैसा चेहरा।
आप किसी भी सीन में नहीं सोच सकते कि आगे क्या होगा ! क्योंकि, हर सीन चुगली करता लगता है कि अब आगे यह होने वाला है। कोई कल्पनाशीलता नहीं। कोई तार्किकता नहीं। सलमान खान के पीछे दौड़ता कैमरा और हांफती स्क्रिप्ट।
अनुष्का शर्मा तो जैसे विराट कोहली के डर से सलमान खान के साथ ठीक से रोमांटिक सीन नहीं कर पा रही थी। पहलवान लगने का सवाल नहीं उठता, टफ हरियाणवी कुड़ी तक नहीं लगी। बस अपना रोल ठीक कर ले गई। सलमान खान को खुद को दोहराना था, दोहरा दिया। अब वह थक गए हैं। दो चार साल में एक फिल्म किया करें तो ठीक रहेगा। नहीं तो दर्शक धोबी पछाड़ दे मरेंगे।
अली अब्बास ज़फर ने लिखने से लेकर सीन गुनने तक का जिम्मा सम्हाला था। इसी ने सब गुड गोबर कर डाला। वह सलमान खान की इमेज के नीचे दबे बुरी तरह से हांफ रहे थे। बाहर निकलने की असफल कोशिश कर रहे थे। वह ऐसे एक बेवक़ूफ़ और निकम्मे हरियाणवी सुल्तान को ओलिंपिक और विश्व कुश्ती चैंपियन बना रहे थे, जैसे जानते हों कि सलमान खान कुछ भी कर सकता है। सुपर स्टार जो है। सब कुछ बेहद नकली। विशाल-शेखर का संगीत काफी भारी भरकम है। उन्होंने तमाम गीतों की सिचुएशन ऎसी चुनी है, जो फिल्म की कहानी को रोकते हैं। रामेश्वर एस भगत सलमान भक्ति में अपनी कैंची चलाना भूल गए। नतीजतन फिल्म १७० मिनट लम्बी और उबाऊ बन गई। सुल्तान के स्टंट देशी विदेशी को-ओर्डिनटर्स द्वारा तैयार किये गए हैं, लेकिन, इनमे रोमांच नदारद है।
फिल्म हरियाणा के सुल्तान की है, जो केवल छह महीने में न केवल कुश्ती सीख लेता है, बल्कि मिटटी वाले अखाड़े से सीधे गद्दे वाले रिंग पर खुद को सुल्तान साबित कर लेता है। जबकि, हर कोई जानता है कि शुरूआती दौर में भारतीय पहलवान ओलंपिक्स या विश्व की अन्य प्रतिस्पर्द्धाओं में इस लिए सफल नहीं हो सके कि वह गद्दों पर कुश्ती लड़ने के आदी नहीं थे। सलमान खान के सुल्तान का मार्शल आर्ट्स वाली रिंग पर कुश्ती में महारत कैसे हासिल कर ली, वह भी छह हफ़्तों में गले के नीचे नहीं उतरता। फिल्म में ऎसी बहुत सी खामियां हैं। इनसे फिल्म के साधारण लव स्टोरी भी नहीं रह जाती।
५२ साल का सलमान खान- पहली रील से लेकर आखिरी रील तक- हर फ्रेम में।
फिल्म में ३८ साल का पहलवान। लेकिन, अखाड़े पर और रिंग में दिग्गज पहलवानों को धुल चटाता मोटा- थुलथुल बूढ़े खच्चर जैसा फिफ्टी प्लस का सलमान खान।
हर सीन में, हर इमोशन में पिटे हुए मोहरे जैसा चेहरा।
आप किसी भी सीन में नहीं सोच सकते कि आगे क्या होगा ! क्योंकि, हर सीन चुगली करता लगता है कि अब आगे यह होने वाला है। कोई कल्पनाशीलता नहीं। कोई तार्किकता नहीं। सलमान खान के पीछे दौड़ता कैमरा और हांफती स्क्रिप्ट।
अनुष्का शर्मा तो जैसे विराट कोहली के डर से सलमान खान के साथ ठीक से रोमांटिक सीन नहीं कर पा रही थी। पहलवान लगने का सवाल नहीं उठता, टफ हरियाणवी कुड़ी तक नहीं लगी। बस अपना रोल ठीक कर ले गई। सलमान खान को खुद को दोहराना था, दोहरा दिया। अब वह थक गए हैं। दो चार साल में एक फिल्म किया करें तो ठीक रहेगा। नहीं तो दर्शक धोबी पछाड़ दे मरेंगे।
अली अब्बास ज़फर ने लिखने से लेकर सीन गुनने तक का जिम्मा सम्हाला था। इसी ने सब गुड गोबर कर डाला। वह सलमान खान की इमेज के नीचे दबे बुरी तरह से हांफ रहे थे। बाहर निकलने की असफल कोशिश कर रहे थे। वह ऐसे एक बेवक़ूफ़ और निकम्मे हरियाणवी सुल्तान को ओलिंपिक और विश्व कुश्ती चैंपियन बना रहे थे, जैसे जानते हों कि सलमान खान कुछ भी कर सकता है। सुपर स्टार जो है। सब कुछ बेहद नकली। विशाल-शेखर का संगीत काफी भारी भरकम है। उन्होंने तमाम गीतों की सिचुएशन ऎसी चुनी है, जो फिल्म की कहानी को रोकते हैं। रामेश्वर एस भगत सलमान भक्ति में अपनी कैंची चलाना भूल गए। नतीजतन फिल्म १७० मिनट लम्बी और उबाऊ बन गई। सुल्तान के स्टंट देशी विदेशी को-ओर्डिनटर्स द्वारा तैयार किये गए हैं, लेकिन, इनमे रोमांच नदारद है।
फिल्म हरियाणा के सुल्तान की है, जो केवल छह महीने में न केवल कुश्ती सीख लेता है, बल्कि मिटटी वाले अखाड़े से सीधे गद्दे वाले रिंग पर खुद को सुल्तान साबित कर लेता है। जबकि, हर कोई जानता है कि शुरूआती दौर में भारतीय पहलवान ओलंपिक्स या विश्व की अन्य प्रतिस्पर्द्धाओं में इस लिए सफल नहीं हो सके कि वह गद्दों पर कुश्ती लड़ने के आदी नहीं थे। सलमान खान के सुल्तान का मार्शल आर्ट्स वाली रिंग पर कुश्ती में महारत कैसे हासिल कर ली, वह भी छह हफ़्तों में गले के नीचे नहीं उतरता। फिल्म में ऎसी बहुत सी खामियां हैं। इनसे फिल्म के साधारण लव स्टोरी भी नहीं रह जाती।
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Salman Khan,
फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 5 July 2016
'अकीरा' के ट्रेलर में देखें सोनाक्षी सिन्हा का दबंग अवतार
फिल्म में सोनाखी दबंग
अवतार में सिस्टम और भ्रष्टाचारी पुलिस वालों से दो-दो हाथ करती दिखेंगी. फिल्म 'अकीरा' में सोनाक्षी अकीरा नाम की
ऐसी लड़की का किरदार अदा कर रही हैं जो जोधपुर से मुंबई पढ़ाई के लिए आती हैं
लेकिन फिर अचानक कॉलेज के किसी सुसाइड केस में उसे फंसाने की कोशिश की जाती है.
लेकिन अकीरा सिस्टम और जो उसके खिलाफ आवाज उठाते हैं उनका ना सिर्फ विरोध करती है
बल्कि उनकी जमकर धुलाई भी करती है. अकीरा के एक्शन हीरो वाले
अवतार में सोनाक्षी परफेक्ट नजर आ रही हैं. इस ट्रेलर में सोनाक्षी के अलावा एक और भी सरपाइज एलिमेंट है जो आपका
ध्यान आकर्षित करता है, वो है अनुराग कश्यप. अनुराग
कश्यप फिल्म में एक भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर के किरदार में जच रहे हैं. अनुराग को इस
अवतार में देखना वाकई मजेदार है. अनुराग कश्यप के अलावा फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती,
अतुल कुलकर्णी और अमित साध भी अहम किरदार अदा कर रहे हैं.
यह फिल्म इस साल 2 सितंबर को रिलीज होने जा
रही है.
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Sonakshi Sinha,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 2 July 2016
हमेशा सलमान खान की नहीं रही है ईद
कहा जाता है कि ईद में दर्शक सलमान खान को बढ़िया ईदी देते है । लेकिन, सलमान खान की फिल्मों को ईद रास आने का सिलसिला २००९ से चला आ रहा है । उससे पहले सलमान खान की फिल्मों को ईद के बावजूद असफलता हासिल हुई। वैसे बॉलीवुड की तमाम बड़ी फ़िल्में ईद वीकेंड पर रिलीज़ होती रही है । तमाम बड़े सितारों मसलन अमिताभ बच्चन, आमिर खान, आदि की फ़िल्में ईद वीकेंड
पर रिलीज़ होती रही है । ईद और दीवाली का मिला जुला हफ्ता तो सोने पर सुहागा साबित
होता । आइये पिछले तीन दशकों (१९९१-२०१५) के दौरान रिलीज़ हिंदी फिल्मों पर नज़र
डालते हैं-
२०वी शताब्दी का
आखिरी दशक- शताब्दी के आखिर में नए सुपर स्टारों के आने का सिलसिला शुरू हो चला
था । अजय देवगन, आमिर खान, अक्षय खन्ना, ऐश्वर्या राय, आदि सितारे झिलमिलाने लगे
थे । अस्सी के दशक के कुछ सितारे सूरज बनने का प्रयास कर रहे थे । इन सभी की
फ़िल्में ईद या ईद-दिवाली कंबाइंड वीकेंड में रिलीज़ हुई । लेकिन, अनुभव खट्टा मीठा
रहा । अलबत्ता, ज्यादातर को ईदी मिली, दिवाली की मिठाई खाना नसीब हुआ । ख़ास तौर पर
अनिल कपूर को ।
धूल में मिल गये सुपर सितारे - ईद १९९१ में दो फ़िल्में अजूबा और अफसाना प्यार का रिलीज़
हुई थी । सुपर स्टार अमिताभ बच्चन फंतासी फिल्म अजूबा से बॉक्स
ऑफिस पर अपना सुपर स्टारडम नहीं दिखा सके । यह फिल्म बॉक्स ऑफिस
पर फ्लॉप होने का अजूबा दिखा गई । आमिर खान को उम्मीद थी कि वह सुपर स्टार बन
जायेंगे । तीन साल पहले ही उनकी बतौर नायक पहली रोमांस फिल्म क़यामत से क़यामत तक
सुपर हिट साबित हुई थी । लेकिन, अफसाना प्यार का का रोमांस दर्शकों को रास नहीं
आया ।
अनिल कपूर साबित हुए
बॉक्स ऑफिस के बेटा- १९९२ का साल अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित की जोड़ी के लिए सुपर
ईद ले कर आया । इंद्रकुमार निर्देशित फिल्म बेटा ने बढ़िया स्क्रिप्ट, कल्पनाशील
निर्देशन, अनिल-माधुरी जोड़ी की केमिस्ट्री, माधुरी दीक्षित की सेक्स अपील और बढ़िया
संगीत के बलबूते बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर बिज़नस किया ।
जब फ्लॉप हुए बिग
स्टार्स- १९९३ को बॉलीवुड के बड़े सितारों की असफल ईद के लिए याद किया जायेगा । विनोद
खन्ना, धर्मेन्द्र, सनी देओल, संजय दत्त, मीनाक्षी शेषाद्री, रवीना टंडन, राखी
गुलजार, आदि की जेपी दत्ता निर्देशित फिल्म क्षत्रिय बुरी तरह से फ्लॉप हुई । यह
बॉलीवुड के बड़े सितारों की ज़बरदस्त असफलता थी ।
दोस्तों की असफलता-
ईद १९९५ में अक्षय कुमार की फिल्म पांडव और रोहित शेट्टी की फिल्म सुरक्षा रिलीज़
हुई थी । रोहित शेट्टी और अक्षय कुमार ने १९९४ में मोहरा जैसी हिट फिल्म से अपनी
जोड़ी को विश्वसनीय बनाया था । सुरक्षा में सुनील शेट्टी के साथ सैफ अली खान भी थे ।
लेकिन, दोनों ही एक्शन स्टार्स की फ़िल्में बुरी तरह से असफल रही ।
सलमान खान की सफलता
का जुड़वाँ- सलमान खान की दोहरी भूमिका वाली डेविड धवन निर्देशित फिल्म जुड़वाँ ईद
१९९७ में रिलीज़ हुई थी । फिल्म में करिश्मा कपूर और रम्भा सलमान खान की दो
नायिकाएं थी । यह कॉमेडी फिल्म ज़बरदस्त हिट हुई ।
विनाशक १९९८- ईद
१९९८ सुनील शेट्टी के लिए विनाशक साबित हुई । रवीना टंडन के साथ रवि दीवान निर्देशित
एक्शन फिल्म विनाशक बॉक्स ऑफिस पर पानी तक नहीं मांग सकी । इसी फिल्म के साथ रिलीज़
जैकी श्रॉफ, आदित्य पंचोली और मधु की फिल्म हफ्ता वसूली भी बॉक्स ऑफिस पर अपनी
लागत तक नहीं वसूल कर सकी ।
९९ के फेर में काजोल
और ऐश्वर्या- यह दशक एक्सटेंडेड वीकेंड का नहीं था । अन्यथा, काजोल और अनिल कपूर
की फिल्म हम आपके दिल में रहते हैं और अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय की फिल्म आ अब
लौट चलें २२ जनवरी के बजाय १९ जनवरी को रिलीज़ होती और आज की तरह एक्सटेंडेड वीकेंड
का फायदा उठाती । अलबत्ता, दोनों ही फ़िल्में अच्छा बिज़नस कर पाने में कामयाब हुई ।
हम आपके दिल में रहते हैं सुपर हिट और आ अब लौट चलें ने औसत से कम का बिज़नेस किया ।
फ्लॉप हुआ २१वी
शताब्दी का मेला- शताब्दी की शुरुआत को पुराने सितारों के ज़मींदोज़ होने और नए
सितारों के उदय की शताब्दी कहा जाता है । ख़ास तौर पर इस शताब्दी का पहला साल ।
इसके बाद तो पूरी शताब्दी में उतार चढ़ाव आये । पुराने चावल स्वादिष्ट साबित हुए ।
फ्लॉप मेला, ध्वस्त
बुलंदी- फर्स्ट फ्राइडे जिंक्स की शुरुआत २००० से ही हुई । ७ जनवरी को आमिर खान की
धर्मेश दर्शन निर्देशित फिल्म मेला और टी रामाराव की अनिल कपूर अभिनीत फिल्म
बुलंदी रिलीज़ हुई । इन बड़े सितारों और दर्शकों की नब्ज़ भांपने वाले निर्देशकों की
फिल्मों से बॉलीवुड को बड़ी उम्मीदें थी । लेकिन, यह दोनों फ़िल्में ईद वीकेंड के
बावजूद बुरी तरह से असफल हुई । साल के पहले शुक्रवार की मनहूसियत का आगाज़ हो गया ।
गम नहीं ख़ुशी ही
ख़ुशी- बतौर निर्देशक करण जौहर की दूसरी फिल्म कभी ख़ुशी कभी गम (२००१) ने बॉलीवुड
को ख़ुशी ही ख़ुशी दी । पिछले साल बड़े सितारों की बड़ी फिल्मों की असफलता के बाद यह फिल्म महत्वपूर्ण थी । अमिताभ बच्चन, शाहरुख़ खान, हृथिक रोशन, करीना
कपूर, काजोल और जया बच्चन जैसे सितारों से सजी यह म्यूजिकल फॅमिली फिल्म
ब्लॉकबस्टर साबित हुई ।
क़र्ज़ का दर्द- एक्शन
हमेशा हिट नहीं होता, यह बताया हैरी बवेजा की फिल्म क़र्ज़ द बर्डन ऑफ़ ट्रुथ ने ।
सनी देओल, सुनील शेट्टी और शिल्पा शेट्टी की यह एक्शन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी
तरह से असफल हुई ।
निखिल अडवाणी का कल
हो...- करण जौहर ने कल हो न हो में अपने चेले निखिल अडवाणी को शाहरुख़ खान, प्रीटी
जिंटा और सैफ अली खान को निर्देशित करने की ज़िम्मेदारी सौंपी थी । ईद के दर्शकों
को निखिल को निराश नहीं किया । इसे हिट फिल्मों में शुमार किया जाता है ।
फला ईद और दिवाली का
मिलन- २००४ में दीवाली और ईद का मिलन हुआ था । इस साल बॉक्स ऑफिस पर यश चोपड़ा की
शाहरुख़ खान, रानी मुख़र्जी और प्रीटी जिंटा अभिनीत फिल्म वीर ज़ारा और उसके अपोजिट
निर्देशक अब्बास मुस्तान की अक्षय कुमार, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर निर्देशित
फिल्म ऐतराज़ रिलीज़ हुई थी । ईद और दीवाली के सम्मिलित दर्शकों का प्यार वीर जारा
को मिला । वीर जारा जहाँ सुपरहिट फिल्मों में शुमार हुई, ऐतराज़ ने एवरेज बिज़नस किया
।
सलमान खान के लिए
फ्लॉप ईद- आज के दिन कोई कल्पना तक नहीं कर सकता कि ईद में रिलीज़ सलमान खान की कोई
फिल्म फ्लॉप हो सकती है । लेकिन, २००५ में भी ऐसा हुआ । इस साल प्रियदर्शन निर्देशित
दो फ़िल्में अक्षय कुमार और जॉन अब्राहम की कॉमेडी फिल्म गरम मसला और सलमान खान और
करीना कपूर की गंभीर फिल्म क्योंकि... रिलीज़ हुई थी । सलमान खान की सीरियस फिल्म
पर अक्षय कुमार की कॉमेडी भारी पड़ी । गरम मसाला हिट और क्योंकि... फ्लॉप साबित हुई
।
एक हिट एक फ्लॉप
(२००६ से २००९ तक)- ईद और दीवाली का मिलना हर किसी को फलता नहीं । सलमान खान पर
भारी पड़े थे शाहरुख़ खान । फरहान अख्तर ने शाहरुख़ खान और प्रियंका चोपड़ा के साथ
१९७८ की अमिताभ बच्चन की हिट फिल्म डॉन का रीमेक पेश किया था । इस फिल्म के सामने शिरीष
कुंदर की सलमान खान, अक्षय कुमार और प्रीटी जिंटा की फिल्म जानेमन रिलीज़ हुई थी । जहाँ
डॉन हिट हुई, वहीँ जानेमन औंधे मुंह लुढ़क गई । सलमान खान शाहरुख़ खान से मात खा गए ।
अगले साल यानि २००७ में अक्षय कुमार की फिल्म भूल भुलैया सुपरहिट हुई तो अभिषेक
बच्चन, रानी मुख़र्जी, कोंकना सेन शर्मा और जाया बच्चन की फिल्म लागा चुनरी में दाग
सुपर फ्लॉप हुई । २००८ में तो इमरान खान की किडनैप और अभिषेक बच्चन की द्रोण को
असफलता का मुंह देखना पडा । २००९ में सलमान खान ईद के लकी सितारे के रूप में
स्थापित हो गए । उनकी प्रभुदेवा निर्देशित एक्शन फिल्म वांटेड सुपरहिट साबित हुई ।
जबकि, फिल्म के सामने रानी मुख़र्जी और शाहिद कपूर की क्रिकेट पर फिल्म दिल बोले हडीप्पा
फ्लॉप हो गई ।
केवल सलमान खान की
ईद- वांटेड के बाद सलमान खान ईद वीकेंड पर छा गए । तब से २०१३ के साल को छोड़ कर,
हर साल अब तक यानि ईद २०१६ तक सलमान खान की फ़िल्में ही ईद की ईदी अकेले ही लूटती
रही । सलमान खान की दबंग, बॉडीगार्ड, एक था टाइगर, किक और बजरंगी भाईजान रिलीज़ हुई । यह सभी फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट साबित हुई
। २०१३ में सलमान खान की कोई फिल्म रिलीज़ नहीं हुई थी । ईद २०१३ को शाहरुख़
खान की रिलीज़ फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस सुपरहिट साबित हुई ।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कब तक सलमान खान को बचाते रहेंगे अब्बा हुजूर !
सुल्तान के प्रमोशन के
लिए मीडिया के द्वारा का सलमान खान का इंटरव्यू लिया जा रहा था । जब एक पत्रकार ने शूटिंग के दौरान उनके अनुभवों
के बारे में पूछा तो सलमान खान ने कुछ ऐसा कहा कि उन्हें शूटिंग के दौरान १२० किलो
वजन के पहलवान को सर के ऊपर से उठा कर पटकना होता था । ऐसा उन्हें कैमरा के पांच पांच एंगल के लिए
दोहराना पड़ता था । ऐसे में जब वह कैमरे
बाहर हो रहे होते थे तो वह बलात्कार की शिकार महिला की तरह चल नहीं पा रहे होते थे
। बलात्कार की शिकार महिला का उदाहरण
सलमान खान की मानसिकता के अनुसार तो ठीक हो सकता था । लेकिन, बलात्कार की महिला कैसे चलती है, यह हर
पत्रकार या दर्शकों का अनुभव नहीं हो सकता था । यह एक गलत और अवमाननापूर्ण उदाहरण था । सलमान खान की चारों तरफ से आलोचना होने लगी । राष्ट्रीय
महिला आयोग ने भी उन्हें नोटिस दे दिया । इसके बाद सलमान खान कपिल शर्मा के शो में
शामिल नहीं हुए । क्योंकि, कपिल के शो ऐसे सवाल उनसे पूछे जाते तब !
सलमान खान कपिल
शर्मा के शो में न जाकर नागवार गुजरने वाले सवालों से तो बच गए । लेकिन, आलोचनाओं के शिकंजे में तो वह कस ही चुके
थे । राष्ट्रीय महिला आयोग उनसे माफ़ी माँगने के लिए कह रहा है । सलमान खान हैं कि ढीठ बच्चे की तरह आइफा में
शामिल होने के लिए निकल गए हैं । ऐसे में उनके अब्बा हुजूर सलीम खान को आगे आना
पडा । उन्होंने न केवल सलमान खान की तरफ
से सफाई दी, बल्कि, बलात्कार की शिकार महिला का उदाहरण देने के लिए माफ़ी भी मांगी ।
लेकिन, सलमान खान की बदजुबानी के लिए
अब्बा हुजूर कब तक और कितनी बार माफ़ी माँगते रहेंगे ? ऐसे कई मामले हैं, जिन पर
सलीम खान को अपने बेटे के गलत कामों पर सफाई देनी पड़ी, माफ़ी मांगनी पड़ी ।
ओलिंपिक ब्रांड
एम्बेसडर सलमान खान
पिछले दिनों भारतीय
ओलिंपिक संघ ने सलमान खान को ओलिंपिक खेलो में भारत का ब्रांड एम्बेसडर चुना था ।
खेल में एक फिल्म स्टार का दखल मशहूर धावक मिल्खा सिंह को रास नहीं आया । उन्होंने
दूसरे ओलिंपियन के साथ सलमान खान की नियुक्ति का विरोध करते हुए, भारत सरकार से
उन्हें हटाने की मांग कर डाली । ऐसे समय में अब्बा सलीम खान आगे आये । उन्होंने
सलमान को ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने का समर्थन करते हुए ट्वीट किया कि बेशक सलमान
खान ने किसी खेल स्पर्धा में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन, वह स्तरीय तैराक,
साइकिलिस्ट और भारत्तोलक है । सलीम खान ने मिल्खा को चुप कराने के लिए यहाँ तक कह
डाला कि मिल्खा आज प्रशंसकों की निगाहों में हैं तो इसलिए कि इस फिल्म उद्योग ने
उन पर फिल्म भाग मिल्खा भाग बनाई थी । हालाँकि, सलीम खान का यह उदाहरण भी सवालों
के घेरे में आया । लेकिन, सलमान खान विवाद से बच निकले ।
सलमान खान को
सीरियसली मत लो !
कभी सलमान खान के
पिता सलीम खान ने सलमान खान के लिए कहा था कि उनके बचकाने कमेंट्स को सीरियसली
नहीं लिया जाए । यह वाकया तब का है, जब बॉम्बे बम ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को
फांसी की सज़ा कन्फर्म हो गई थी । याकूब को फांसी नहीं दिए जाने की कई संगठनों और
व्यक्तियों ने मांग की थी । इसी समय भावनाओं के ज्वार में बहते हुए सलमान खान ने
ट्वीट कर डाला, “१९९३ बम ब्लास्ट के अभियुक्त याकूब मेमन को फांसी मत दो, बल्कि
उसके भाई टाइगर मेमन को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए ।“ सलमान खान यहीं नहीं रुके ।
उन्होंने यह भी ट्वीट किया कि वह अपनी बात पर कायम हैं, हालाँकि, उनके अब्बा हुजूर
चाहते हैं कि मैं कमेंट वापस ले लूं । सलमान खान ने अपना वह ट्वीट हटा भी लिया ।
इस मामले में सलीम खान अपने बेटे के बचाव में मैदान पर उतरे । उन्होंने सलमान खान
की ट्वीट की कड़ी आलोचना की । उन्होंने कहा, “सलमान खान ने जो कुछ भी लिखा, वह
बकवास और निरर्थक था । सलमान खान को तथ्य नहीं मालूम । इसलिए, लोगों को उसके ट्वीट को गंभीरता से नहीं
लेना चाहिए ।
२००२ का हिट एंड रन
केस
हालाँकि, सलमान खान
को बॉम्बे हाई कोर्ट से रिहाई मिल गई । लेकिन, एक समय २००२ का हिट एंड रन केस
सलमान खान के लिए शिकंजे की तरह बन गया था । उन पर फूटपाथ पर सोये लोगों पर गाडी
चढाने का आरोप तो लगा ही था, यह भी आरोप था कि वह घायल लोगों की मदद करने के बजाय
भाग खड़े हुए । ऐसे समय में सलीम खान ने अपने बेटे का बचाव किया । उन्होंने कहा कि
उनका बेटा सेलेब्रिटी है, इसलिए उसे अलग तरह से ट्रीट किया जा रहा है । आम तौर पर
ऐसे मामलों में जो धाराए लगाईं जाती हैं, उनसे कहीं कड़ी धाराएं मेरे बेटे पर
सेलेब्रिटी होने के कारण लगाईं गई । ऐसी धाराए भोपाल गैस ट्रेजेडी के मामले में भी
नहीं लगाईं गई ।
सलमान खान के पतंग
उड़ाने पर
आज नरेन्द्र मोदी
प्रधान मंत्री हैं । लेकिन, सलमान खान उस समय भी गुजरात सरकार के तत्कालीन मुख्य
मंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ पतंग उड़ा रहे थे । मोदी को कथित रूप से गुजरात में मुसलमानों का
कत्लेआम किये जाने का दोषी बताया जा रहा था । उस समय सलमान खान का खुल कर नरेन्द्र
मोदी के साथ खडा होना, उनकी कौम के अलावा तमाम विरोधी दलों को भी नागवार गुजर रहा
था । उस समय सलीम खान ने अपने बेटे के बचाव में आगे आ कर एक अखबार को इंटरव्यू में
कहा, ”मेरे बेटे की फिल्म (जय हो) को प्रभावित करने के लिए यह नफ़रत भरा प्रचार
किया जा रहा है । मैं ऐसे संगठनो से
कहूँगा कि नफ़रत से विश्व में किसी हिंसा का हल नहीं निकलता । इसलिए, मेरी प्रार्थना है कि दुश्मनी की भाषा
बोलना बंद कीजिये ।“ उस समय सलीम खान ने वर्तमान प्रधान मंत्री का बचाव भी किया ।
सलीम खान ने कहा, “माफ़ी मांगी नहीं जाती, दी जाती है । २००२ के दंगों को सही नहीं
ठहराया जा सकता । लेकिन, कब तक अतीत से चिपका रहा जायेगा ।“
काले हिरन का शिकार
सलमान खान, १९९८
में, हम साथ साथ हैं की शूटिंग के दौरान सैफ अली खान, नीलम और सोनाली बेंद्रे के
साथ विलुप्त प्रजाति वाले संरक्षित काले हिरन का शिकार करने के लिए अभियुक्त बनाये
गए थे । पूरे देश में सलमान खान की आलोचना हो रही थी । अख़बारों में सलमान खान को
इसका दोषी बताया जा रहा था । उस समय सलीम खान बेटे के बचाव में आगे आये थे ।
उन्होंने एक मैगज़ीन को इंटरव्यू में कहा, “क्या फर्क पड़ेगा जब छुपे तथ्य सामने
आयें । मेरे बेटे का नुकसान तो हो ही चूका है । सलमान खान को यह अनुमान तक नहीं था
कि चीजे कुछ इस तरह पेश की जायेंगी । लोग कहेंगे कि हम खुद को बचाने के लिए बेताब
हैं । मैं कहूँगा कि अगर सलमान खान दोषी है, तो उसे दंड दो । लेकिन, तथ्य छुपाये
जा रहे है । तथ्य क्या है, यह उस रात मौजूद लोग ही जानते हैं ।“
इस बार सलमान खान
बुरे फंसे लगते हैं । कभी सलमान खान बडबोलेपन के लिए शाहरुख़ खान का बचाव करते हुए
कहते थे कि वह तो बोल कर निकल जाते हैं, सफाई मुझे देनी पड़ती है । आज सलमान खान
फंसे हैं तो आमिर खान और शाहरुख़ खान बचाव में खुल कर सामने नहीं आये हैं । बॉलीवुड
में जिसने भी बचाव किया है, यही कह कर कि सलमान खान का इरादा गलत नहीं था । लेकिन,
सलमान खान जिस तरह से राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा माफ़ी का नोटिस दिए जाने के
बावजूद आइफा अवार्ड के लिए निकल गए, उससे ऐसा लगता है कि उन्होंने बलात्कार पीड़ित
महिला उदाहरण दे कर सुलतान को सुर्खियाँ दिलाने सफल कोशिश की है । क्योंकि, वह जब भी
माफ़ी मांगे, सुल्तान को बिना कुछ खर्च किये ज़बरदस्त प्रचार तो मिल ही चुका है ।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
ड्वेन जॉनसन बनेंगे वुल्फमैन !
कुछ साल पहले, यूनिवर्सल पिक्चरस ने मॉन्स्टर यूनिवर्स की शुरुआत की थी । उस समय कई भिन्न क्लासिक प्रोजेक्ट शुरू होने की बात कही गई थी । इस कड़ी की पहली फिल्म ड्राकुला अनटोल्ड थी । इस फिल्म के क्रेडिट टाइटल्स के दौरान ल्यूक इवांस का ड्राकुला वर्तमान दिनों में उभरता दिखाया गया था । इस मॉन्स्टर यूनिवर्स की कड़ी में ममी रिबूट आने वाली है । खबर यह है कि मॉन्स्टर यूनिवर्स का अगला दैत्य प्रोजेक्ट द वुल्फ मैन होगा । स्टूडियो की इच्छा है कि इस प्रोजेक्ट में अभिनेता ड्वेन जॉनसन शामिल हों । हालाँकि, इस समय जॉनसन सोनी की फिल्म सन ऑफ़ शओलिन से जुड़े हुए हैं । लेकिन, जॉनसन के वुल्फ मैन बनाने की खबरें दब नहीं रही । इस लिए कयास लगाए जा रहे हैं कि द वुल्फ मैन आखिर कब शुरू होगी । क्योंकि, ड्वेन जॉनसन यूनिवर्सल की ही फिल्म फ़ास्ट एंड फ्युरिअस ८ में काफी व्यस्त हैं । बाद में वह जुमांजी रिबूट करेंगे । जहाँ तक वुल्फ मैन किरदार पर फिल्म का सवाल है नवम्बर २०१४ में आरोन गुज़िकोव्सकी को स्क्रिप्ट लिखने के लिए कहा गया था । इसके अलावा यूनिवर्सल द इनविजिबल मैन, वैन हेल्सिंग, फ्रैंकेंस्टीन, आदि पर फिल्मों का रिबूट बनाने का इरादा रखता है । द वुल्फ मैन पर पहली फिल्म १९४१ में रिलीज़ हुई । लोन चैने जूनियर वुल्फ मैन के किरदार में थे । इसके बाद वुल्फ मैन किरदार के साथ १९४३ में फ्रैंकेंस्टीन मीट्स द वुल्फ मैन, अगले साल हाउस ऑफ़ फ्रैंकेंस्टीन, १९४५ में हाउस ऑफ़ ड्राकुला और १९४८ में बड अबोट लोउ कोस्टेलो मीट फ्रैंकेंस्टीन रिलीज़ हुई । यूनिवर्सल ने २०१० में बेनिचियो डेल टोरो के साथ रिबूट फिल्म द वुल्फमैन बनाई थी ।
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Hollywood
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क्या वर्ल्डवाइड रिलीज़ हो पायेगा जापानी गॉडज़िला ?
जापानी फिल्म कंपनी
तोहो की गॉडजिला फिल्म गॉडजिला: रिसर्जेन्स, जापान में २४ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही है ।
अमेरिका सहित पूरे विश्व के देशों में यह फिल्म कब रिलीज़ होगी, तय नहीं हुआ है । हालाँकि, दुनिया के दर्शकों को, वार्नर ब्रदर्स की २०१४ में रिलीज़ फिल्म गॉडजिला
की जबरदस्त सफलता के बाद, इस दैत्याकार आकृति का सृजन करने वाली तोहो के गॉडजिला का बेसब्री
इंतज़ार है । लेकिन, फिलहाल, तोहो जापान में गॉडजिला को दैत्याकार प्रचार के
ज़रिये रिलीज़ करने जा रहा है । जापान में गॉडजिला के वास्तविक से नज़र आने वाले
पैरों के निशान होकाईडो आइलैंड में बनाए गए हैं, जो २२ मीटर लम्बे और २२ मीटर चौड़े हैं । यह
कलाकृति इशिकारी बीच सैंड पार्क २०१६ समारोह का हिस्सा है। यह इवेंट १० जुलाई तक
चलेगा । गॉडजिला पर फिल्म बनाने के लिए तोहो और वार्नर ब्रदर्स के बीच हुई डील आज
भी कायम है । लेकिन, तोहो इस करैक्टर पर
फिल्मों का जापानी दर्शकों के लिए सीक्वल भी बना सकती है और रिबूट भी कर सकती है ।
लेकिन, इन फिल्मों के दर्शक
जापान तक ही सीमित रहेंगे । शायद इसीलिए गॉडजिला रिसर्जेन्स का वर्ल्डवाइड रिलीज़
का कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है । फिलहाल तो दुनिया के लोग जापानी गॉडजिला के
कथानक, इसके जापानी कलाकारों
की भूमिकाओं और फिल्म के ज़बरदस्त थ्रिल का अंदाजा ही लगा रहे हैं ।
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बेफ़िक्रे की शूटिंग पूरी
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Tuesday, 28 June 2016
कॉमेडी के बिग फ्रेंडली जायंट थे बड स्पेंसर
अपने प्रशंसकों के
बीच बिग फ्रेंडली जायंट के उपनाम से मशहूर इतालवी एक्टर बड स्पेंसर का ८६ साल की
उम्र में निधन हो गया । कार्लो पेड़ेर्सोली का जन्म इटली के शहर नैप्लस में ३१
अक्टूबर १९२९ को हुआ था । वह पेशेवर तैराक थे । वह पहले इटालियन थे, जिसने १००
मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी में एक मिनट से भी कम का समय निकाला । उन्होंने १९५२ की
ग्रीष्मकालीन ओलंपिक्स में भी हिस्सा लिया । उन्होंने अपने फिल्म करियर की शुरुआत
इतालियन कॉमेडी फिल्मों से की थी । हन्निबल (१९५९) के सेट पर वह टेरेंस हिल से
मिले । इस फिल्म के बाद बड स्पेसर और टेरेंस हिल की जोड़ी की कॉमेडी एक्शन फिल्मों
ने दुनिया भर में धूम मचा दी । इस जोड़ी ने कोई २० फ़िल्में एक साथ की । इनमे एस
हाई, दे कॉल मी ट्रिनिटी, ट्रिनिटी इज स्टिल माय नेम, आल द वे, बॉयज, टू मिशनरीज, वाच
आउट, वी आर मैड, आई एम् फॉर द हिप्पोपोटामस, डबल ट्रबल, मिआमि सुपरकॉप्स, आदि
उल्लेखनीय हैं । इन फिल्मों के अलावा बड स्पेंसर की द फाइव मैन आर्मी, द फिफ्थ डे
ऑफ़ पीस, इट कैन बी डन अमीगो, फ्लैटफूट, दे कॉल हिम बुलडोज़र, द शेरिफ एंड द सॅटॅलाइट
किड, बनाना जो, बॉम्बर और सुपरफैंटाजिनियो जैसी फ़िल्में भी उल्लेखनीय हैं । बड
स्पेंसर ने अपनी कुछ फिल्मों की स्क्रिप्ट पूरी या आधी अधूरी लिखी भी थी । १९८६
में रिलीज़ सुपरफैंटाजिनियो फिल्म में उन्होंने जिन्न की भूमिका की थी । इस फिल्म
के बाद बड स्पेंसर टीवी सीरीज में व्यस्त हो गए । २००५ में उन्होंने इटली की
राजनीती में पैर जमाने की असफल कोशिश भी की । अपनी कॉमेडी एक्शन फिल्मों से
दर्शकों को हंसा हंसा कर लोटपोट करने वाले बड स्पेंसर को बिग फ्रेंडली जायंट का
उपनाम सबसे उपयुक्त था । उल्लेखनीय है कि स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म द बिग फ्रेंडली
जायंट १ जुलाई से पूरे विश्व में रिलीज़ हो रही है ।
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श्रद्धांजलि,
हॉलीवुड
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Sunday, 26 June 2016
द गर्ल विद आल द गिफ्ट्स
हॉलीवुड में ज़ोंबी
मूवीज एक सफल जोनर है । हर साल कोई न कोई ज़ोंबी फिल्म बड़े सितारों के साथ एक्शन,
सस्पेंस, कॉमेडी या हॉरर शैली में रिलीज़ होती रहती है । इस
साल रिलीज़ हो रही फिल्म द गर्ल विद आल द गिफ्ट्स ज़ोंबी मूवीज के ढेर में एक लिहाज़
से काफी अलग है । यह ज़ोंबी में प्रकृति द्वारा मानव में परिवर्तन और खोज का सन्देश
देती है । क्योंकि, हम उसके लिहाज़ से
उपयुक्त नहीं हैं । डायरेक्टर कॉम मकार्थी के लिए माइक कैरी ने अपने उपन्यास का
स्क्रीन रूपांतरण किया है । पिछले दिनों इस फिल्म का ट्रेलर ऑन लाइन हुआ । यकीन
मानिए यह ट्रेलर कमज़ोर दिलों के लिए बना ही नहीं है । यह कहानी एक नन्ही बालिका
ज़ोंबी की है, जो हंग्री-ह्यूमन
हाइब्रिड है । इस भूमिका को नया चेहरा सेंनिया नानुआ ने किया है । जेमा आर्टरटन,
ग्लेन क्लोज और पैडी कांसिदिने की भूमिकाएं
भी ख़ास है । यह फिल्म ९ सितम्बर को रिलीज़ होगी ।
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फिर क्वीन विक्टोरिया के किरदार में जुडी डेंच
हॉलीवुड फिल्म
अभिनेत्री जुडी डेंच एक बार फिर क्वीन विक्टोरिया के किरदार में नज़र आयेंगी । जुडी डेंच ने १९९७ में रिलीज़ मिसेज ब्राउन में पहली
बार क्वीन विक्टोरिया का किरदार किया था । इस फिल्म के लिए वह ऑस्कर के लिए नामित
हुई तथा उन्होंने बाफ्टा अवार्ड और गोल्डन ग्लोब अवार्ड जीता । गोल्डन ऑय फिल्म से जेम्स बांड फिल्मों की बांड
की बॉस एम का किरदार करने वाली जुडी ने दो साल बाद यानि १९९८ में रिलीज़ जॉन मैडेन
की फिल्म शेक्सपियर इन लव में क्वीन एलिज़ाबेथ प्रथम की भूमिका के लिए सह अभिनेत्री
का ऑस्कर अवार्ड जीता । इस फिल्म के लिए उन्हें बाफ्टा अवार्ड भी मिला । अब वह
स्टीफेन फ्रेअर्स की फिल्म विक्टोरिया एंड अब्दुल में क्वीन विक्टोरिया का किरदार
कर रही हैं । इस फिल्म की कहानी ली हॉल ने लिखी है । फिल्म एक क्लर्क अब्दुल करीम
की कहानी है, जो १८८७ में क्वीन की स्वर्ण जयंती मनाने के जश्न की तैयारी के लिए
भारत का दौरा करता है । इसी दौरे में वह रानी के प्यार में बांध जाता है । रानी को
शाही परम्पराओं का निर्वाह भी करना है । वह अब्दुल के साथ अपनी दोस्ती में नई
ज़िन्दगी देखती है । इस फिल्म की शूटिंग इस साल शुरू हो जायेगी तथा फिल्म २०१७ में
रिलीज़ होगी । जुडी ने दो बार क्वीन का किरदार किया है तथा दोनों ही बार उन्हें
बाफ्टा और ऑस्कर अवार्ड्स मिले हैं । क्या क्वीन एंड अब्दुल के लिए भी वह कोई
पुरस्कार जीत सकेंगी ? जुडी इस साल ३० सितम्बर को रिलीज़ होने जा रही फिल्म मिस
पेरेग्रींस होम फॉर पिक्युलियर चिल्ड्रेन में मिस अवोसेट के किरदार मे दिखाई देंगी ।
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Thursday, 23 June 2016
दो बार बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड जीतने वाली सयानी गुप्ता
'लीचेस' में अपने अभिनय के लिए वाह-वाही लूटने वाली सयानी गुप्ता एक बार फिर अपने रंग में दिखायी पड़ रही हैं।इस बार इस ज़बरदस्त अदाकारा ने 'बैंगलौर इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल' में अपनी शॉर्ट फ़िल्म 'माला' के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड जीता है।फ़िल्म का प्रीमियर इस साल 'मामी मुम्बई फ़िल्म फेस्टिवल' में भी किया जाएगा।यह फ़िल्म 'कान्स 2016' के फेस्टिवल में भी पहुँच चुकी है और इसे निर्देशित किया है कौशिक रॉय ने।कौशिक रॉय पिछले तीन दशकों से विज्ञापन जगत का एक जाना पहचाना नाम हैं।जे.डब्लू.टी.से शुरुआत करने वाले कौशिक, डीडीबी मुद्रा में चीफ क्रिएटिव ऑफिसर भी रहे हैं और वर्तमान में रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड में प्रेसिडेंट ब्रांड और मार्केटिंग कम्युनिकेशन के पद पर हैं।उनकी पहली फीचर फ़िल्म इरफान खान और शोभना के साथ 'अपना आसामान' थी।महिला सशक्तिकरण से प्रेरित, शार्ट फ़िल्म 'माला' अचानक ही 'जिओ मामी' मुम्बई फ़िल्म फेस्टिवल के दौरान उनके ज़हन में आयी।यह फिल्म माला नाम की एक ऐसी लड़की की कहानी है जो फ़िल्ममेकर बनना चाहती है वहीँ दूसरी ओर उसका परिवार उसके इस सपने के विरुद्ध उसकी शादी जल्द से जल्द कर देना चाहता है।लेकिन अपने परिवार से झूठ बोलकर माला मुम्बई, फ़िल्म फेस्टिवस्ल को अटेंड करने आ जाती है।यह फ़िल्म अभी हाल ही में '5th बैंगलोर इंटरनेशल शार्ट फ़िल्म फेस्टिवल' में भी प्रदशित की गयी है और इस फ़िल्म की अभिनेत्री सयानी गुप्ता को बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है।
इस पर बात करते हुए सायानी ने कहा," मैँ बहुत खुश हूँ।पहले 'लीचेस' ने बहुत से फिल्म फेस्टिवल में अवार्ड्स जीते और अब 'माला' भी हर फेस्टिवल में बेहद पसंद की जा रही है।मैं मानती हूँ की शार्ट फिल्म्स विभिन्न चरित्रों को प्रदर्शित करने का एक बहुत सशक्त माध्यम है जबकि फीचर फ़िल्म में यह आज़ादी सीमित होती है।इन फिल्मों में एक्सपेरीमेंट के लिए बहुत जगह होती है।फ़िल्म 'माला' मामी फ़िल्म फेस्टिवल पर आधारित है, फ़िल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक फ़िल्म फेस्टिवल आपकी ज़िन्दगी को बदल सकता है।इस फ़िल्म में माला एक ऐसा पात्र है जो फिल्मों के लिए दीवानी है।यह वो लड़की है जिसका सपना है एक फिल्मकार बनने का और जब उसकी मुलाकात फ़िल्म फेस्टिवल में किरण राव, अनुपमा चोपड़ा और कल्कि जैसी हुनरमंद, मज़बूत और हिम्मती महिलाओं से होती है तो उसे लगता है कि उसका भी यह सपना उन सभी की तरह सच हो सकता है।माला फ़िल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित 'मलाला' फ़िल्म से भी बेहद प्रभावित होती है।मलाला जैसी साहासी लड़की की अदभुत कहानी उसे भी कुछ कर गुजरने का जज़्बा दे जाती है।कुछ ऐसी कहानी है इस फ़िल्म की।मैं महसूस करती हूँ कि सच्ची कहानियों को कहने वाली फिल्मो में काम करने का अपना एक अलग मायने होता है या आप यह कह सकते हैं कि हक़ की लड़ाई लड़ने वाली फिल्मों के प्रति मेरा एक अलग ही झुकाव है।आज इस तरह की फिल्मों की सोसाइटी को ज़रुरत भी है।एक एक्टर या फिल्मकार होने के नाते यह हमारा फ़र्ज़ होना चहिये कि हम ऐसी कहानियों को भी दिखाएँ जो एक बड़ा बदलाव ला सकती हैं।मैं खुद हर साल मामी फ़िल्म फेस्टिवल अटेंड करती हूँ और उनके लिये यह फ़िल्म करना मेरे लिये एक रोमांचित कर देने वाला अनुभव है।"
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Sayani Gupta,
हस्तियां
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Tuesday, 21 June 2016
सह नायिका की बहार निगार सुल्ताना !
हिंदी फिल्म दर्शक मुग़ल ए आज़म की बहार को नहीं भूल सकते, जो सलीम अनारकली की मोहब्बत की दुश्मन थी। लेकिन, बहार की भूमिका निगार सुल्ताना के लिए नहीं लिखी गई थी। फिल्म के निर्देशक के आसिफ ने इस रोल को अपनी पहली पत्नी सितारा देवी को ध्यान में रख कर लिखा था। लेकिन, निगार सुल्ताना से निकाह के बाद यह रोल निगार को चला गया। निगार सुल्ताना ने बहार की भूमिका को सजीव बना दिया। निगार सुल्ताना की पहली फिल्म रंगभूमि थी, जो १९४६ में रिलीज़ हुई थी। राजकपूर की फिल्म आग उनका पहला ब्रेक था। १९४९ में रिलीज़ फिल्म पतंगा में उन पर फिल्माया गया मेरे पिया गए रंगून, वहां से किया है टेलीफोन आज भी पॉपुलर गीतों में शुमार हैं। निगार सुल्ताना ने अपने करियर में कोई ४९ फिल्मों में अभिनय किया। उन्हें ज़्यादातर सह भूमिकाओं के लिए याद किया जाता है। उन्होंने अशोक कुमार और बीना रॉय के साथ फिल्म सरदार और दिलीप कुमार और मीना कुमारी के साथ फिल्म यहूदी जैसी उल्लेखनीय फ़िल्में की। उनकी अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में दिल की बस्ती, खेल, शीश महल, दामन, आनंद भवन, तनख्वाह, दुर्गेश नन्दिनीं और मिर्ज़ा ग़ालिब थी। पचास के दशक मे काफी सक्रिय निगार सुल्ताना ने राज की बात, दो कलियाँ, बंसी और बिरजू और राज की बात में चरित्र भूमिकाएं की। उनकी आखिरी फिल्म जुम्बिश अ मूवमेंट १९८६ में रिलीज़ हुई थी। २१ जून १९३२ को हैदराबाद में जन्मी निगार सुल्ताना की मौत ६७ साल की उम्र में मुंबई में हो गई।
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Nigar Sultana,
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