शो बिज़नेस में, बॉक्स ऑफिस पर ग्रॉस के अनुमान, फिल्म रिलीज़ होने से काफी पहले से लगाए जाने लगते हैं। इन अनुमानों का उद्देश्य दर्शकों को फिल्म की ओर खींचना ही होता है। वैसे बॉक्स ऑफिस के जानकारों के द्वारा लगाए जाने के कारण यह अनुमान ज़्यादातर सच साबित होते हैं। इस साल रिलीज़ होने वाली बड़े बजट की फिल्म स्टार वार्स ८ : द लास्ट जेडाई के बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन के बॉक्सऑफिसडॉटकॉम ने जो शुरूआती अनुमान लगाए हैं, वह द लास्ट जेडाई को २१५ मिलियन डॉलर की दूसरी सबसे बड़ी ओपनिंग के हैं। अगर ऐसा होता हैं तो यह दूसरी सबसे बड़ी ग्रॉस ओपनिंग होगी। अमेरिका और कनाडा में सबसे ओपनिंग लेने वाली फिल्म भी स्टार वार्स सीरीज की द फाॅर्स अवेकनिंग है। इस फिल्म २४७.९ मिलियन डॉलर की ओपनिंग ली थी। २०० मिलियन से ज़्यादा का ग्रॉस करने वाली दो अन्य फिल्में जुरैसिक वर्ल्ड (२०८,८ मिलियन डॉलर) और द अवेंजर्स (२०७.४ मिलियन डॉलर) हैं। हॉलीवुड की फ़िल्में अमेरिका और कनाडा के बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त बिज़नेस करती रही हैं। द फाॅर्स आवकेंस जब सिनेमाघरों से उतरी उसे समय तक वह ९३६.६ मिलियन डॉलर का चौंकाओ आंकड़ा छू चुकी थी। यह द फाॅर्स आवकेंस की ओपनिंग का ३.७७ गुना है। वेब साइट ने इस फिल्म को ७४२ मिलियन डॉलर ग्रॉस देते हुए डॉमेस्टिक बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज़्यादा ग्रॉस करने वाली पांच फिल्मों में शामिल करते हुए तीसरे नंबर पर रखा है। इस समय पहली दो फ़िल्में द फाॅर्स आवकेंस ९३६.६ मिलियन डॉलर और अवतार ७६०.५ मिलियन डॉलर के साथ पहले दो स्थान पर हैं। बॉक्सऑफिसडॉटकॉम के यह शुरूआती अनुमान अनुमानित थिएटर संख्या और स्क्रीन संख्या पर आधारित हैं। इनके घटने-बढ़ने से ग्रॉस के आंकड़े भी घट -बढ़ सकते हैं।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday, 21 October 2017
बॉक्स ऑफिस पर कितनी कमाई करेगी द लास्ट जेडाई !
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Hollywood Box Office,
बॉक्स ऑफिस पर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
जाह्नवी से सुलोचना तक विद्या बालन
हिंदी टेलीविज़न कार्यक्रम और दक्षिण की फिल्मों से हिंदी फिल्मों में आई विद्या बालन ने जाह्नवी से सुलोचना तक, अपने फिल्म करियर का एक चक्कर पूरा कर लिया है। प्रदीप सरकार की फिल्म परिणीता में शरतचंद्र की लोलिता, विद्या बालन ने राजकुमार हिरानी की फिल्म लगे रहो मुन्नाभाई (२००६) में एक रेडियो जॉकी जाह्नवी का किरदार कर दर्शकों को आकर्षित किया था। जाह्नवी के ११ साल बाद सुलोचना आ रही है। एड फिल्म मेकर से फिल्म निर्देशक बने सुरेश त्रिवेणी की फिल्म तुम्हारी सुलु में विद्या बालन ने एक गृहणी सुलोचना का किरदार किया है, जो परिस्थितियोंवश रेडियो जॉकी बन जाती है। विद्या बालन कहती हैं, "तुम्हारी सुलु में सुलोचना का किरदार करना एक असाधारण अनुभव था।"
असफल फ़िल्में
जाह्नवी से सुलोचना तक का विद्या बालन का सफर उतार-चढ़ाव से भरा और सम्मान दिलाने वाला रहा है। लगे रहो मुन्नाभाई के बाद विद्या बालन को मणि रत्नम की फिल्म गुरु में देखा गया। इसके बाद विद्या बालन की असफल फिल्मों का सिलसिला शुरू हो गया। उनकी, एक के बाद एक निखिल अडवाणी की सलाम-ए- इश्क़, विधु विनोद चोपड़ा की एकलव्य: द रॉयल गार्ड, राजकुमार संतोषी की हल्ला बोल और अज़ीज़ मिर्ज़ा की किस्मत कनेक्शन जैसी फ़िल्में असफल होती चली गई। दिलचस्प बात यह थी कि यह सभी बड़े बजट की सितारा बहुल फ़िल्में थी। सलमान खान, अनिल कपूर, जूही चावला, अक्षय खन्ना, जॉन अब्राहम, गोविंदा; अमिताभ बच्चन, संजय दत्त, सैफ अली खान, शर्मीला टैगोर, जैकी श्रॉफ, बोमन ईरानी; अजय देवगन, पंकज कपूर; शाहिद कपूर; जैसे सितारे इन फिल्मों का आकर्षण थे। इसके बावजूद इन फिल्मों के फ्लॉप होने से विद्या बालन के करियर को बहुत ज़्यादा नुकसान नहीं हुआ।
श्रेष्ठ अभिनय की विद्या
विद्या बालन के करियर की ख़ास बात यह रही कि जहाँ उनकी सितारा बहुल फ़िल्में असफल हुई, वहीँ जिस किसी फिल्म का कथानक उनके किरदार पर केंद्रित हुआ, उस फिल्म को सफलता मिलती चली गई। प्रियदर्शन की हॉरर कॉमेडी फिल्म भूल भुलैया विद्या बालन के किरदार अवनि पर केंद्रित थी। यह किरदार डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर का मरीज़ था। फिल्म को विद्या बालन के अभिनय और कॉमेडी ने हिट बना दिया। पा में विद्या बालन प्रोजेरिया बीमारी से ग्रस्त बेटे की माँ का किरदार किया था। इस भूमिका के लिए विद्या बालन को उनके फिल्म करियर का पहला फिल्मफेयर अवार्ड मिला। अभिषेक चौबे की फिल्म इश्क़िया में कृष्णा की भूमिका में विद्या बालन ने आपराधिक मनोवृत्ति वाली औरत का किरदार किया था, जो अपना बदला पूरा करने के लिए दो अपराधियों को सेक्सुअली आकर्षित करती है। इस भूमिका के लिये विद्या को फिल्मफेयर का क्रिटिक अवार्ड मिला। नो वन किल्ड जेसिका (२०११) में विद्या बालन ने जेसिका की बहन की भूमिका की थी। फिल्म के लिए विद्या बालन ने फिल्मफेयर का नॉमिनेशन पाया। इसी साल रिलीज़ द डर्टी पिक्चर्स में विद्या ने साउथ की एक्ट्रेस सिल्क स्मिता का किरदार किया था। इस भूमिका के लिए विद्या को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर अवार्ड सहित कई पुरस्कार मिले। सुजॉय घोष की फिल्म कहानी में बिद्या बागची की भूमिका के लिए विद्या बालन ने फिर फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। कहा जा सकता है कि २००९ से २०१२ तक का दौर अभिनेत्री विद्या बालन की श्रेष्ठता साबित करने वाला था।
फ्लॉप ही फ्लॉप
विद्या बालन श्रेष्ठ बहुमुखी प्रतिभा वाली अभिनेत्री हैं। लेकिन, उन पर आधा अधूरा प्रयोग खतरनाक होता है। इसका प्रमाण थी घनचक्कर, शादी के साइड इफेक्ट्स, बॉबी जासूस, हमारी अधूरी कहानी, तीन (Te3n) , कहानी २: दुर्गा रानी सिंह और बेगम जान जैसी फ़िल्में। इन फिल्मों के निर्देशकों साकेत चौधरी, समर शेख, मोहित सूरी, ऋभु दासगुप्ता, सुजॉय घोष और सृजित मुख़र्जी ने कहानी और पटकथा पर ध्यान देने के बजाय केवल विद्या बालन पर भरोसा किया। इन फिल्मों में कल्पनाशीलता का अभाव था। हालाँकि, यह सभी निर्देशक सक्षम और कल्पनाशील थे। इन फिल्मों ने विद्या बालन के प्रशंसक दर्शकों को बेहद निराश किया। हालाँकि, इन सभी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के साथ विद्या बालन ने भरपूर न्याय किया। शायद इसीलिए दर्शक विद्या बालन से निराश नहीं है। वह उम्मीद करता है कि विद्या बालन की जोरदार वापसी होगी।
शरारती सुलु
क्या तुम्हारी सुलु से विद्या बालन के करियर का पहिया फिर घूमेगा ? तुम्हारी सुलु में विद्या बालन की सुलोचना के दो रूप हैं। एक रूप घर को सम्हाल रही साड़ी लपेटे हुए घर का कामकाज निबटाने वाली सुलोचना का है। दूसरा रूप अकस्मात् रात को रेडियो जॉकी का काम करने वाली सुलु का है। भिन्न शेड इसी किरदार मे हैं। यह किरदार रेडियो पर रात को कार्यक्रम पेश करने वाली आरजे है। वह आकर्षक बातें सेक्सी आवाज़ के साथ करती है। इससे हजारों- लाखों श्रोता उसके दीवाने बन जाते हैं। गड़बड़ तब होती है, जब रेडियो वाली ज़िन्दगी घर जा पहुंचती है। प्रशंसक घर में फ़ोन करने लगते हैं। ज़ाहिर है कि फिल्म में विद्या बालन की सुलोचना उर्फ़ सुलु चपल और चंचल किरदार है। विद्या बालन के लिए इस किरदार में अपनी प्रतिभा दिखाने के भरपूर मौके हैं। दर्शक और प्रशंसक जानते हैं कि विद्या बालन यह कर सकती है। विद्या बालन के लिए यही चुनौती है, जो विद्या को अवार्डी अभिनेत्री साबित कर सकती है। क्या ऐसा होगा ?
प्रशंसा और पुरस्कार
मुंबई में जन्मी विद्या बालन, शबाना आज़मी और माधुरी दीक्षित को देख कर एक्टर बनी। १९९५ में एकता कपूर के सिटकॉम हम पांच की राधिका रूप उनकी पहचान बनी। दक्षिण और बांगला फिल्मों में सफलता पाने के बाद विद्या बालन ने २००५ में फिल्म परिणीता से हिंदी फिल्मों में काम करना शुरू किया। अब तक वह एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सहित ५३ भिन्न पुरस्कार पा चुकी हैं। उन्होंने चार इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकडेमी अवार्ड्स, पांच-पांच फिल्मफेयर, स्क्रीन, प्रोडूसर्स गिल्ड और ज़ी सिने अवार्ड्स जीते हैं। उन्हें २०११ में फिल्म द डर्टी पिक्चर्स के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है। परिणीता से फिल्मफेयर से बेस्ट डेब्यू अवार्ड पाने वाली विद्या बालन ने पा, द डर्टी पिक्चर्स और कहानी के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं। फिल्मफेयर ने उन्हें इश्क़िया फिल्म के लिए एस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड से भी नवाज़ा है। उन्हें २०१४ में पद्मश्री मिली।
असफल फ़िल्में
जाह्नवी से सुलोचना तक का विद्या बालन का सफर उतार-चढ़ाव से भरा और सम्मान दिलाने वाला रहा है। लगे रहो मुन्नाभाई के बाद विद्या बालन को मणि रत्नम की फिल्म गुरु में देखा गया। इसके बाद विद्या बालन की असफल फिल्मों का सिलसिला शुरू हो गया। उनकी, एक के बाद एक निखिल अडवाणी की सलाम-ए- इश्क़, विधु विनोद चोपड़ा की एकलव्य: द रॉयल गार्ड, राजकुमार संतोषी की हल्ला बोल और अज़ीज़ मिर्ज़ा की किस्मत कनेक्शन जैसी फ़िल्में असफल होती चली गई। दिलचस्प बात यह थी कि यह सभी बड़े बजट की सितारा बहुल फ़िल्में थी। सलमान खान, अनिल कपूर, जूही चावला, अक्षय खन्ना, जॉन अब्राहम, गोविंदा; अमिताभ बच्चन, संजय दत्त, सैफ अली खान, शर्मीला टैगोर, जैकी श्रॉफ, बोमन ईरानी; अजय देवगन, पंकज कपूर; शाहिद कपूर; जैसे सितारे इन फिल्मों का आकर्षण थे। इसके बावजूद इन फिल्मों के फ्लॉप होने से विद्या बालन के करियर को बहुत ज़्यादा नुकसान नहीं हुआ।
श्रेष्ठ अभिनय की विद्या
विद्या बालन के करियर की ख़ास बात यह रही कि जहाँ उनकी सितारा बहुल फ़िल्में असफल हुई, वहीँ जिस किसी फिल्म का कथानक उनके किरदार पर केंद्रित हुआ, उस फिल्म को सफलता मिलती चली गई। प्रियदर्शन की हॉरर कॉमेडी फिल्म भूल भुलैया विद्या बालन के किरदार अवनि पर केंद्रित थी। यह किरदार डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर का मरीज़ था। फिल्म को विद्या बालन के अभिनय और कॉमेडी ने हिट बना दिया। पा में विद्या बालन प्रोजेरिया बीमारी से ग्रस्त बेटे की माँ का किरदार किया था। इस भूमिका के लिए विद्या बालन को उनके फिल्म करियर का पहला फिल्मफेयर अवार्ड मिला। अभिषेक चौबे की फिल्म इश्क़िया में कृष्णा की भूमिका में विद्या बालन ने आपराधिक मनोवृत्ति वाली औरत का किरदार किया था, जो अपना बदला पूरा करने के लिए दो अपराधियों को सेक्सुअली आकर्षित करती है। इस भूमिका के लिये विद्या को फिल्मफेयर का क्रिटिक अवार्ड मिला। नो वन किल्ड जेसिका (२०११) में विद्या बालन ने जेसिका की बहन की भूमिका की थी। फिल्म के लिए विद्या बालन ने फिल्मफेयर का नॉमिनेशन पाया। इसी साल रिलीज़ द डर्टी पिक्चर्स में विद्या ने साउथ की एक्ट्रेस सिल्क स्मिता का किरदार किया था। इस भूमिका के लिए विद्या को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर अवार्ड सहित कई पुरस्कार मिले। सुजॉय घोष की फिल्म कहानी में बिद्या बागची की भूमिका के लिए विद्या बालन ने फिर फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। कहा जा सकता है कि २००९ से २०१२ तक का दौर अभिनेत्री विद्या बालन की श्रेष्ठता साबित करने वाला था।
फ्लॉप ही फ्लॉप
विद्या बालन श्रेष्ठ बहुमुखी प्रतिभा वाली अभिनेत्री हैं। लेकिन, उन पर आधा अधूरा प्रयोग खतरनाक होता है। इसका प्रमाण थी घनचक्कर, शादी के साइड इफेक्ट्स, बॉबी जासूस, हमारी अधूरी कहानी, तीन (Te3n) , कहानी २: दुर्गा रानी सिंह और बेगम जान जैसी फ़िल्में। इन फिल्मों के निर्देशकों साकेत चौधरी, समर शेख, मोहित सूरी, ऋभु दासगुप्ता, सुजॉय घोष और सृजित मुख़र्जी ने कहानी और पटकथा पर ध्यान देने के बजाय केवल विद्या बालन पर भरोसा किया। इन फिल्मों में कल्पनाशीलता का अभाव था। हालाँकि, यह सभी निर्देशक सक्षम और कल्पनाशील थे। इन फिल्मों ने विद्या बालन के प्रशंसक दर्शकों को बेहद निराश किया। हालाँकि, इन सभी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के साथ विद्या बालन ने भरपूर न्याय किया। शायद इसीलिए दर्शक विद्या बालन से निराश नहीं है। वह उम्मीद करता है कि विद्या बालन की जोरदार वापसी होगी।
शरारती सुलु
क्या तुम्हारी सुलु से विद्या बालन के करियर का पहिया फिर घूमेगा ? तुम्हारी सुलु में विद्या बालन की सुलोचना के दो रूप हैं। एक रूप घर को सम्हाल रही साड़ी लपेटे हुए घर का कामकाज निबटाने वाली सुलोचना का है। दूसरा रूप अकस्मात् रात को रेडियो जॉकी का काम करने वाली सुलु का है। भिन्न शेड इसी किरदार मे हैं। यह किरदार रेडियो पर रात को कार्यक्रम पेश करने वाली आरजे है। वह आकर्षक बातें सेक्सी आवाज़ के साथ करती है। इससे हजारों- लाखों श्रोता उसके दीवाने बन जाते हैं। गड़बड़ तब होती है, जब रेडियो वाली ज़िन्दगी घर जा पहुंचती है। प्रशंसक घर में फ़ोन करने लगते हैं। ज़ाहिर है कि फिल्म में विद्या बालन की सुलोचना उर्फ़ सुलु चपल और चंचल किरदार है। विद्या बालन के लिए इस किरदार में अपनी प्रतिभा दिखाने के भरपूर मौके हैं। दर्शक और प्रशंसक जानते हैं कि विद्या बालन यह कर सकती है। विद्या बालन के लिए यही चुनौती है, जो विद्या को अवार्डी अभिनेत्री साबित कर सकती है। क्या ऐसा होगा ?
प्रशंसा और पुरस्कार
मुंबई में जन्मी विद्या बालन, शबाना आज़मी और माधुरी दीक्षित को देख कर एक्टर बनी। १९९५ में एकता कपूर के सिटकॉम हम पांच की राधिका रूप उनकी पहचान बनी। दक्षिण और बांगला फिल्मों में सफलता पाने के बाद विद्या बालन ने २००५ में फिल्म परिणीता से हिंदी फिल्मों में काम करना शुरू किया। अब तक वह एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सहित ५३ भिन्न पुरस्कार पा चुकी हैं। उन्होंने चार इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकडेमी अवार्ड्स, पांच-पांच फिल्मफेयर, स्क्रीन, प्रोडूसर्स गिल्ड और ज़ी सिने अवार्ड्स जीते हैं। उन्हें २०११ में फिल्म द डर्टी पिक्चर्स के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है। परिणीता से फिल्मफेयर से बेस्ट डेब्यू अवार्ड पाने वाली विद्या बालन ने पा, द डर्टी पिक्चर्स और कहानी के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं। फिल्मफेयर ने उन्हें इश्क़िया फिल्म के लिए एस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड से भी नवाज़ा है। उन्हें २०१४ में पद्मश्री मिली।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 20 October 2017
पाकिस्तानी और हिंदुस्तानी फिल्मों में डेब्यू करने वाली नाज़ नौरोजी
नाज़ नौरोजी, शायद इकलौती ऐसी अभिनेत्री हैं, जिनका करियर दोनों देशों में लगभग एक साथ होने जा रहा है। तेहरान में ९ जुलाई १९९२ को जन्मी और जर्मनी में पली-बढ़ी नाज़ का परिवार उसके जन्मने के तुरंत बाद जर्मनी चला गया था। जर्मनी में नाज़ नौरोजी ने जर्मन, इंग्लिश, फ्रेंच और अब हिंदी में महारत हासिल की। नाज़ को फुटबॉल पसंद है। असाधारण डांसर भी हैं। मिस नौरोजी के बारे न कहा जाता है कि वह जब १५ साल की थी, तभी से बतौर मॉडल दुनिया की यात्रा पर हैं। वह लाकोस्ते, डिओर, आदि कई अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड्स के लिए रैंप पर चल चुकी हैं। दो साल पहले कबीर खान के निर्देशन में शाहरुख़ खान के साथ मॉडलिंग कर चुकी है। थंब्स अप, मिंत्रा, कैनन, सैमसंग, बीइंग ह्यूमन, फिएमा ड़ि विल्स, सोच और रेमंड जैसे भारतीय ब्रांड्स का वह चेहरा हैं। वह भारत में एक पंजाबी फिल्म सरताज सिंह पन्नू निर्देशित खिदो खुंडी में अभिनय कर रही है। यह फिल्म हॉकी पर है। यह फिल्म अगले साल २ मार्च को रिलीज़ होगी। अगले साल २ फरवरी को मान जाओ न रिलीज़ होगी। इस प्रकार से इन दोनों फिल्मों से नाज़ नौरोजी का दोनों देशों में फिल्म डेब्यू हो रहा है।
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हस्तियां
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दीवाली पर हॉरर कॉमेडी का गोलमाल ही चलता है अगेन एंड अगेन
लखनऊ में गोलमाल दर्शक |
गोपाल, लकी, माधव और लक्ष्मण १ और लक्ष्मण २ की चौथी हास्य कथा गोलमाल अगेन में हॉरर यानि भूत का एंगल है। एना (तब्बू) भूत देख सकती है। भूत खुद उसके पास आते हैं। एना उन भूतों को इन्साफ या मुक्ति दिलवाती है। फिल्म की कहानी एना के मुंह से ही कहलाई गई है। गोलमाल सीरीज की फिल्मों की इस सेंसेलेस कॉमेडी में हॉरर और भूत का पांचवा छठा कोण कहानी को रुचिकर बना देता है। हालाँकि, सिचुएशन घिसी पिटी हैं। पहले की फिल्मों की तरह यहाँ भी आमने सामने दो बंगले हैं। खूबसूरत लड़की है। इस फिल्म में तो तमाम सितारों की एंट्री ही बाइक मोटर बाइक और कार पर ही होती है। फिल्म के पाँचों मुख्य चरित्र अनाथ हैं। बचपन में ही अनाथालय से भाग निकलते हैं। पर अपने बचपन के आश्रय स्थल को भूल नहीं पाते। इसलिए दादागिरी कर जो कुछ कमाते हैं, उसका एक हिस्सा अनाथालय को भेज देते हैं। अनाथालय के मुखिया के मरने की खबर सुन कर पांचो वापस आते हैं। यहीं भूत का एंगल सामने आता है।
फिल्म में सितारों की भरमार है। अजय देवगन, अरशद वारसी, कुणाल खेमू, तुषार कपूर और श्रेय यस तलपडे जैसे नियमित अभिनेताओं के साथ परिणीती चोपड़ा, तब्बू और नील नितिन मुकेश की नई एंट्री है। यह तमाम अभिनेता रोहित शेट्टी की ठेठ शैली में कॉमेडी भरा अभिनय करते हैं। पहले तीन बार देखी जा चुकी कॉमेडी को मसाला देते हैं नाना पाटेकर, प्रकाश राज, जोनी लीवर, मुकेश तिवारी, संजय मिश्र, आदि। इन डेढ़ दर्जन एक्टर्स में प्रभावित कर पाती है तब्बू। परिणीती चोपड़ा अपनी भूमिका में फबी हैं। नील नितिन मुकेश को बॉलीवुड की फिल्मों में ऐसी अधूरी भूमिकाएं करने से अच्छा दक्षिण की फिल्मों की शरण लेना है। इन सब पर भारी पड़ते हैं खुद की संक्षिप्त भूमिका में नाना पाटेकर। फिल्म में तब्बू और परिणीति चोपड़ा के किरदारों के कारण कुछ भिगोने वाले दृश्य देखने को मिलते हैं।
फिल्म का संगीत काम चलाऊ है। दर्शक हलके हो सकते हैं। धूम्रपान का मज़ा ले सकते हैं। गोवा, ऊटी और हैदराबाद की लोकेशन खूबसूरत हैं। रोहित शेट्टी और अजय देवगन की जोड़ी मनोरंजक फ़िल्में बनाने में माहिर है। रोहित शेट्टी को अजय देवगन के साथ कॉमेडी बनाने में ख़ास मेहनत नहीं करनी पड़ती। फिल्म के तमाम एक्शन सुनील रोड्रिगज़ बढ़िया कर ले जाते हैं।
नोट- फिलहाल अजय देवगन की गोलमाल अगेन की आंधी में उड़ गया लगता है सीक्रेट सुपरस्टार।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
सितारों ने ऐसे जगमगाई दिवाली
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Thursday, 19 October 2017
साठ के सनी देओल पल पल दिल के पास
हिंदी फिल्मों में हीरो बन कर आ रहे स्टार्स के बच्चों की दिक्कत यह होती है कि उन्हें अपने पिता की छाया में जगह बनानी होती है। इसके लिए उन्हें अपने स्टार फादर की इमेज से हटकर अपनी इमेज बनानी होती है। राजकपूर के तीन बेटों ऋषि कपूर, रणधीर कपूर और राजीव कपूर को भी इन्हे दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। ऋषि कपूर ने रोमांटिक लवर बॉय इमेज बनाई। रणधीर कपूर रिबेल रोमाटिंक नायक बने। राजीव कपूर फंस गए। ऋषि कपूर लम्बी रेस का घोड़ा साबित हुए। रणधीर कपूर ने कुछ सालों तक अपनी गाडी खींची। राजीव कपूर राम तेरी गंगा मैली के बावजूद मैले साबित हुए। कुछ ऐसा ही हादसा धर्मेंद्र बेटों सनी देओल और बॉबी देओल के साथ भी हुआ । आज सनी देओल साठ के हो गए। इसलिए आज इस ६० साल के एग्री यंग मैन का ज़िक्र ही। ५ अगस्त १९८३ को, जब सनी देओल की बतौर नायक पहली फिल्म रिलीज़ हुई तो दर्शक यह जानते हुए भी कि वह हिंदी फिल्मों के ही-मैन धर्मेंद्र का बेटा है, उसके चेहरे की मासूमियत पर मुग्ध हो गए। बेताब हिट हुई। बेताब की सनी देओल-अमृता सिंह जोड़ी भी हिट हो गई। सनी देओल की दिक्कत यह थी कि ताक़तवर बाज़ू होते हुए भी वह पिता की तरह ही-मैन नहीं बन सकते थे। ओरिजिनल ही-मैन की मौजूदगी में डुप्लीकेट को कौन पूछता! सनी के सामने पिता के वटवृक्ष की छाया में मुरझाने के खतरा मंडरा रहा था। ऐसे समय में पहले राहुल रवैल और बाद में राजकुमार संतोषी मदद को आगे आये। राहुल रवैल ने फिल्म अर्जुन में सनी देओल को ऐसा किरदार दिया, जो सीधा सादा पढ़ाकू छात्र था। लेकिन, अपने दोस्त की ह्त्या के बाद वह हथियार उठा लेता था। सनी देओल का व्यक्तित्व, फिल्म की अर्जुन की इमेज में फिट बैठा। अर्जुन हिट हो गई। सनी देओल की एंग्री यंगमैन इमेज को एक्शन का जामा पहनाया राजकुमार संतोषी ने। फिल्म थी घायल। मासूम अजय मेहरा के जीवन में उस समय तूफ़ान आ जाता है, जब उसके भाई की हत्या हो जाती है। भाभी की आत्महत्या के बाद अजय के सब्र का पैमाना भर जाता है। वह विलेन से खुद निबटने के लिए मैदान पर उतर आता है। राजकुमार संतोषी ने फिल्म में सनी देओल की शर्ट फड़वा कर उनके मर्दाना जिस्म का गज़ब का प्रदर्शन करवा दिया था। इस फिल्म ने सनी देओल को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलवा दिया। दामिनी में सनी देओल की छोटी भूमिका थी। लेकिन, इस फिल्म में सनी देओल के मुक्के ने फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर ऊपर से ऊपर उठाया ही, सनी को दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी दिलवा दिया। इसके साथ ही सनी देओल मासूम चेहरा मगर ढाई किलो के हाथ वाले एंग्री यंगमैन बन गए। तब से आजतक सनी देओल का ढाई किलो का हाथ जब उठता है, तब आदमी उठता नहीं, उठ जाता है और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ऊपर ही ऊपर उठ जाती है। आज साठ साल के हो गए सनी देओल के बेटे करण भी हीरो बनने के लिए कमर कस रहे हैं। खुद सनी देओल उन्हें तैयार कर रहे हैं। फिल्म पल पल दिल के पास है। इसके नायक करण देओल हैं और निर्देशक सनी देओल। फिल्म का टाइटल पल पल दिल के पास, पिता-दादा धर्मेंद्र की फिल्म ब्लैक मेल के एक गीत से लिया गया है। हो सकता है कल जब फिल्म रिलीज़ होगी तो एक नया देओल दर्शकों के दिल के पास होगा। लेकिन, इतना तय है कि सनी देओल का मासूम एंग्री यंगमैन पल पल दर्शकों के दिल के पास है। सनी देओल को शुभकामनायें।
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दीपोत्सव मनाती गायिका तुलसी कुमार
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'गोलमाल' की आंधी में उड़ने जा रहा है आमिर का 'सुपरस्टार' 'अगेन' !
आमिर खान की एक्सटेंडेड कैमिया वाली फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार आज रिलीज़ हो गई। दीवाली के दिन फिल्म को रिलीज़ करने का आमिर खान का फैसला शायद इस कारण से रहा होगा कि वह अजय देवगन की फिल्म से एक दिन पहले अपनी फिल्म रिलीज़ कर, अकेले ही दर्शक लूट लेंगे और माउथ पब्लिसिटी के ज़रिये बॉक्स ऑफिस की जंग भी जीत लेंगे। इसी सोच के तहत आज ज़ायरा वसीम की टाइटल किरदार वाली फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार रिलीज़ हो गई। फर्स्ट हाफ तक काफी टाइट और इमोशनल चलने वाली फिल्म हाफ टाइम के बाद बिखर सी जाती है। या यों कहिये कि कथानक को अनुकूल मोड़ देने के लिए तोड़ मरोड़ दी जाती है। इस फिल्म को देखने के बाद किसी भी छोटे बड़े शहर के गायक-गायिका को लगेगा कि वह आसानी से बॉलीवुड में चांस पा सकता/सकती है। वड़ोदरा की इन्सिया मलिक (ज़ायरा वसीम) संगीत के प्रति रुझान रखती। फिल्म देखते समय ऐसा लगता है कि वह सिंगर, म्यूजिक कंपोजर और गीतकार तीनों ही है। जबकि, वास्तव में वह गायिका दिखाई गई है। उसका पिता फ़ारूक़ मलिक (राज अर्जुन) उसके संगीत के खिलाफ है। इसलिए वह अपनी माँ नजमा (मेहर विज) के सुझाव पर बुर्का पहन कर अपना विडियो तैयार करती है और यूट्यूब पर अपलोड कर देती है। इस विडियो को लोग पसंद करते हैं। उसे करोड़ों हिट मिल जाते हैं। इनमे से एक मुंबई के चुके हुए बददिमाग संगीतकार शक्ति कुमार का भी है। ज़ायरा का दोस्त चिंतन (तीर्थ शर्मा) उसे शक्ति कुमार से संपर्क करने का सुझाव देता है। यह सब इंटरवल तक चलता है। नए निर्देशक अद्वैत चिंतन की पकड़ साफ़ नज़र आती है। लेकिन, इंटरवल के बाद अद्वैत कथानक और निर्देशन में बिखर जाते हैं। सब कुछ जाना पहचाना होता है। यानि इन्सिया को मुंबई का सेलेब्रिटी सिंगर बनना ही है। अद्वैत उसे बना भी देते हैं। कोई संघर्ष नहीं। गायन की कोई गंभीरता और गहराई नहीं। अलबत्ता, सीक्रेट सुपरस्टार को अभिनय के लिहाज़ से देखा जा सकता है। ज़ायरा वासिम अपने इन्सिया के किरदार को सजीव कर देती हैं। उनमे अभिनय प्रतिभा है। वह सुंदर भी हैं। पर उनका वजन काफी लगता है। अगर वजन कम करेंगी तो शायद अपनी युवा दंगल गर्ल फातिमा सना शैख़ की तरह मेनस्ट्रीम सिनेमा में जगह बना सकती हैं। इन्सिया की माँ नजमा के किरदार में मेहर विज भी प्रभावित करती हैं। इन्सिया के पिता फ़ारूक़ की भूमिका में राज अर्जुन का अभिनय भी बढ़िया है। इन तीन मुख्य किरदारों के बीच चमकता है गुजराती चिंतन का किरदार। चिंतन को तीर्थ शर्मा सहज ढंग से करते हैं। आमिर खान बेहद अच्छे अभिनेता हैं। उनका शक्ति कुमार की भूमिका करना, शायद अपनी फिल्म और अपने मुलाजिम अद्वैत को सफल बनाने की मज़बूरी थी। वह कपिल शर्मा की तरह दर्शकों को हंसा भी ले जाते हैं।
ऐसे में, जबकि कल गोलमाल अगेन रिलीज़ होने जा रही है, अजय देवगन का एक्शन अपनी कॉमेडियन मंडली के साथ सीक्रेट सुपरस्टार को बॉक्स ऑफिस पर उड़ा सकता है । इस फिल्म का भविष्य माउथ पब्लिसिटी और समीक्षकों की राय पर ही निर्भर है।
ऐसे में, जबकि कल गोलमाल अगेन रिलीज़ होने जा रही है, अजय देवगन का एक्शन अपनी कॉमेडियन मंडली के साथ सीक्रेट सुपरस्टार को बॉक्स ऑफिस पर उड़ा सकता है । इस फिल्म का भविष्य माउथ पब्लिसिटी और समीक्षकों की राय पर ही निर्भर है।
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Secret Superstar,
फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
शिमला की अलीशा कलर्स की आरोही
शिमला की अलीशा पंवर आजकल कलर्स के शो इश्क़ में मरजावा में आरोही कश्यप का किरदार कर रही हैं। आरोही २०१२ की शिमला क्वीन हैं। वह अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो में बाल कलाकार थी। ज़ीटीवी के शो जमाई राजा पार्ट २ में एक आमिर लड़की अनन्या का किरदार कर चुकी, अलीशा बीकॉम हैं। ५ फुट ४ इंच लम्बी और सिर्फ ५४ किलो वजन रखने वाली अलीशा ने बेगूसराय और थपकी प्यार की जैसे शो भी किये हैं।
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Television
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
शाहिद की बत्ती गुल पर श्रीनारायण का मीटर चालू !
क्रिअर्ज एंटरटेनमेंट और टी-सीरीज की फिल्म का निर्देशन श्रीनारायण सिंह करेंगे। श्रीनारायण सिंह की बतौर निर्देशक पहली फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा थी। इस फिल्म में अक्षय कुमार और भूमि पेढनेकर की मुख्य भूमिका थी। फिल्म ने १०० करोड़ क्लब में प्रवेश पाया था। श्रीनारायण सिंह की दूसरी फिल्म में अक्षय कुमार नहीं, बल्कि शाहिद कपूर हीरो होंगे। आज दीपावली के मौके पर इस फिल्म का टाइटल मोशन पोस्टर के ज़रिये जारी किया गया। फिल्म का टाइटल बत्ती गुल मीटर चालू रखा गया है। पिछले दिनों अफवाह फैली थी कि इस फिल्म का नाम रोशनी है। क्योंकि, शाहिद कपूर ने एक बातचीत के दौरान रोशनी शब्द का इस्तेमाल किया था। अब जबकि टाइटल जारी हो गया है, इस टाइटल का सम्बन्ध रोशनी से ही लगता है। श्रीनारायण सिंह की पिछली फिल्म टॉयलेट के प्रेम कथा टाइटल के अनुरूप गाँव-देहात में संडास यानि टॉयलेट के समस्या पर थी। इसलिए, उम्मीद की जा सकती है कि बत्ती गुल मीटर चालू गाँव-देश में बिजली की समस्या पर हो सकती है। फिल्म के मोशन पोस्टर से भी इसकी झलक मिलती है। श्रीनारायण सिंह की फ़िल्में मनोरंजन के साथ साथ सन्देश देने वाली भी होती हैं। इसलिए, फिल्म में बत्ती की समस्या को एक रोमांटिक कथा के साथ रोपा गया होगा। शाहिद कपूर, रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की जोड़ी के साथ ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म पद्मावती में महारावल रतन सिंह के किरदार में नज़र आएंगे। पद्मावती १ दिसंबर को रिलीज़ होगी।
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गर्जनै का मोशन पोस्टर रिलीज़
तृषा कृष्णन की तमिल फिल्म गर्जनी का मोशन पोस्टर आज रिलीज़ हुआ। यह फिल्म २०१५ में रिलीज़ हिंदी फिल्म अभिनेत्री अनुष्का शर्मा अभिनीत फिल्म एनएच १० का तमिल रीमेक है। फिल्म में तृषा कृष्णन ने अनुष्का शर्मा वाली भूमिका की है। फिल्म का निर्देशन सुन्दर बालू ने किया है। अन्य भूमिकाओं में वामसी कृष्णा और अमित भार्गव के नाम उल्लेखनीय हैं।
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साउथ सिनेमा
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Wednesday, 18 October 2017
सयेशा ने कहा-
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हस्तियां
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तमिल दर्शकों के बीच ज़बरदस्त लोकप्रिय है हंसिका मोटवानी
हिट फिल्म आपका सुरूर के बावजूद हंसिका मोटवानी बॉलीवुड में हिट नहीं हो सकी। मनी है तो हनी है उनकी आखिरी हिंदी फिल्म साबित हुई। दक्षिण की फिल्म इंडस्ट्री, ख़ास तौर पर, तमिल फिल्मों में उन्हें सफलता मिली। तमिल फिल्मों में उनके कर्व्स दर्शकों को आकर्षित कर पाने में सफल हुए। २६ साल की हंसिका के पास फिल्मों की भरमार है। इस साल, अब तक उनकी तीन फ़िल्में रिलीज़ हो चुकी हैं। मोहनलाल के साथ एक क्राइम थ्रिलर फिल्म विलेन २७ अक्टूबर को रिलीज़ होगी। इस फिल्म का हिंदी संस्करण ज़बरदस्त प्राइस में खरीदा गया है। इस फिल्म में हंसिका की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। सिंधी परिवार की हंसिका मोटवानी को तमिल प्रशंसकों के बीच ज़बरदस्त लोकप्रियता प्राप्त है। वह जब कहीं निकल जाती हैं, उनके प्रशंसकों को भीड़ लग जाती है।
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साउथ सिनेमा
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सीक्रेट सुपरस्टार की स्क्रीनिंग पर मिले आमिर खान से रणबीर कपूर
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फोटो फीचर
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वेडिंग टाइम्स तपसी पन्नू
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कवर
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गर्जनै का मोशन पोस्टर रिलीज़
तृषा कृष्णन की तमिल फिल्म गर्जनी का मोशन पोस्टर आज रिलीज़ हुआ। यह फिल्म २०१५ में रिलीज़ हिंदी फिल्म अभिनेत्री अनुष्का शर्मा अभिनीत और निर्मित फिल्म एनएच १० का तमिल रीमेक है। फिल्म में तृषा कृष्णन ने अनुष्का शर्मा वाली भूमिका की है। फिल्म का निर्देशन सुन्दर बालू ने किया है। अन्य भूमिकाओं में वामसी कृष्णा और अमित भार्गव के नाम उल्लेखनीय हैं।
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Poster
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टाइगर जिंदा है
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Poster
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एमिली ब्लंट के सैंडल में जैक्विलिन फर्नांडिस
करण जौहर ने २०१५ में हॉलीवुड की हिट फिल्म वारियर का हिंदी रीमेक फिल्म ब्रदर्स बनाई थी। इसके बाद कुछ दूसरे निर्माताओं ने भी हॉलीवुड फिल्मों के आधिकारिक रीमेक बनाने का सिलसिला शुरू कर दिया। इसी साल रिलीज़ सैफ अली खान की फिल्म शेफ भी हॉलीवुड की इसी टाइटल से फिल्म का हिंदी रीमेक है। अब, २०१६ में रिलीज़ रहस्य रोमांच से भरपूर ड्रामा फिल्म द गर्ल ऑन द ट्रेन का हिंदी रीमेक बनाये जाने की तैयारी है। रेचल तलाक़ के बाद अकेले ही ट्रेन से यात्रा कर रही है। वह ट्रेन में एक युवा जोड़े स्कॉट और मेगन को देखती है। उन्हें देख कर उसे लगता है कि वह आदर्श जोड़ा है। मेगन गायब हो जाती है। रेचल को भी मेगन के गायब होने की जांच में फंसना पड़ता है। द गर्ल ऑन द ट्रेन का निर्देशन अमिताभ बच्चन, विद्या बालन और नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी के साथ तीन (Te3n) का निर्माण करने वाले ऋभु दासगुप्ता करेंगे। इस अनाम फिल्म में रेचल का हिंदुस्तानी किरदार निभाने के लिए श्रीलंका सुंदरी जैक्विलिन फर्नांडिस को लिया गया है। हॉलीवुड फिल्म में रेचल की भूमिका एमिली ब्लंट ने की थी। इस प्रकार से जैक्विलिन फर्नांडिस को स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड्स और बाफ्टा अवार्ड्स के लिए नामित हुई अभिनेत्री एमिली ब्लंट के जोड़ की अभिनय प्रतिभा प्रदर्शित करनी होगी।
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Tuesday, 17 October 2017
सलमान खान के साथ रानी मुख़र्जी
क्रिसमस वीकेंड पर, जब टाइगर ज़िंदा है रिलीज़ होगी, उस समय दर्शक सलमान खान के साथ रानी मुख़र्जी को भी देख सकेंगे । लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि टाइगर ज़िंदा है में रानी मुख़र्जी की कोई भूमिका है। टाइगर ज़िंदा है में सलमान खान की नायिका कैटरीना कैफ ही हैं। इस फिल्म में रानी मुख़र्जी का कैमिया भी नहीं है। तब सलमान खान के साथ क्रिसमस वीकेंड पर रानी मुख़र्जी कैसे ? दरअसल, सलमान खान की फिल्म टाइगर ज़िंदा है के साथ फिल्म हिचकी का ट्रेलर रिलीज़ किया जा रहा है। टाइगर ज़िंदा है और हिचकी, दोनों ही फ़िल्में एक ही प्रोडक्शन हाउस यानि यशराज फिल्म्स की हैं। इसलिए, एक फिल्म के साथ दूसरी फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ किया जाना सामान्य बात है। एक औरत के अपनी कमज़ोरी को ताक़त बनाने की कहानी वाली फिल्म हिचकी की नायिका रानी मुख़र्जी हैं। इस फिल्म का निर्देशन सिद्धार्थ मल्होत्रा कर रहे हैं। सिद्धार्थ मल्होत्रा ने सात साल पहले, रानी मुख़र्जी की कजिन काजोल के साथ फिल्म वी आर फॅमिली का निर्देशन किया था। टाइगर ज़िंदा है क्रिसमस वीकेंड पर रिलीज़ होने के कारण भारी संख्या में दर्शक बटोरेगी। ऐसे में अगर रानी मुख़र्जी की फिल्म हिचकी का ट्रेलर सलमान खान की फिल्म के साथ रिलीज़ होता है तो उसे उतनी ही संख्या में दर्शक मिल जायेंगे। माँ बनने के बाद रानी मुख़र्जी की वापसी फिल्म हिचकी २८ फरवरी को रिलीज़ हो रही है।
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प्रभाष का लेटेस्ट फोटो शूट
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