७ सितम्बर
२०१८ को, बॉलीवुड की युद्ध फिल्मों के इतिहास में
नया इतिहास कायम हो जाएगा। क्योंकि, इस दिन, हिंदुस्तान की पहली वॉर ट्राइलॉजी की
आखिरी फिल्म रिलीज़ हो रही है। निर्देशक
जेपी दत्ता की वॉर फिल्म पल्टन,जेपी दत्ता की वॉर ट्राइलॉजी की तीसरी और आखिरी फिल्म है।
जेपी दत्ता की वॉर ट्राइलॉजी की शुरुआत १९९७ में रिलीज़ फिल्म बॉर्डर से हुई
थी। इस ट्राइलॉजी की दूसरी फिल्म एलओसी
कारगिल २००३ में रिलीज़ हुई थी। अब १६ साल बाद, इस ट्राइलॉजी की तीसरी फिल्म पल्टन रिलीज़ होने जा रही है। इसके साथ ही, जेपी दत्ता ६८ साल की उम्र में -५१ डिग्री सेल्सियस पर फिल्म बनाने का
कीर्तिमान भी स्थापित कर ले जाते हैं।
वॉर ट्राइलॉजी की शुरुआत
जे पी दत्ता
की वॉर ट्राइलॉजी की शुरुआत, १९९७ में रिलीज़ फिल्म बॉर्डर
से हुई थी। यह फिल्म, १९७१ के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान
लोंगेवाल पंजाब में हुए मशहूर युद्ध और उसमे सैन्य अधिकारी मेजर कुलदीप सिंह
चांदपुरी की बहादुरी की कहानी थी। इस
भूमिका को सनी देओल ने किया था। फिल्म के
दूसरे किरदार,
जैकी श्रॉफ
(विंग कमांडर आनंद आहूजा),
सुदेश बेरी
(नायब सूबेदार मथुरा दास),
सुनील शेट्टी
(असिस्टेंट कमांडेंट भैरों सिंह बीएसएफ), अक्षय खन्ना (सेकंड लेफिटनेंट धर्मवीर सिंह भान), कुलभूषण खरबंदा (हवलदारभागीराम) और पुनीत इस्सर (सूबेदार रतन सिंह) ने की
थी। इनके अलावा, दूसरी सह भूमिकाएं तब्बू, पूजा भट्ट, राखी,
शरबानी
मुख़र्जी, अरविन्द त्रिवेदी, हेमंत चौधरी, सपना बेदी, आदि ने की थी। यह फिल्म १९९७
की सबसे ज़्यादा कारोबार करने वाली बॉलीवुड फिल्म बनी थी। इस फिल्म को तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार-
राष्ट्रीय एकता का नरगिस दत्त अवार्ड, श्रेष्ठ गीतकार (जावेद अख्तर) और श्रेष्ठ गायक (हरिहरन) मिले थे। इस फिल्म की शूटिंग रियल लोकेशन पर की गई
थी। इस फिल्म की दिल्ली में रिलीज़ के दिन, उपहार सिनेमाघर में पहले शो के दौरान आग
लग गई थी। इस आग में ५९ लोग जलने से मारे
गए थे और १०० बुरी तरह से ज़ख़्मी हुए थे। निर्माता, निर्देशक और लेखक जेपी दत्ता की फिल्म बॉर्डर पूरे देश में १३ जून
१९९७ को रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म ने उस समय
६१ करोड़ की कमाई की थी,
जो आज के
हिसाब से १४९ करोड़ बनती है।
कारगिल युद्ध पर फिल्म
जेपी दत्ता
को वॉर ट्राइलॉजी की दूसरी फिल्म बनाने में ६ साल लग गए। उस समय तक, पाकिस्तान द्वारा कारगिल पर हमला कर दिया गया था। इस फिल्म का विषय नियंत्रण रेखा पर, तोलोलिंग युद्ध और ऑपरेशन विजय था। इस फिल्म में भी रियल सैन्य किरदार लिए गए
थे। इस फिल्म में लगभग पांच दर्जन
एक्टर विभिन्न सैनिक किरदार कर रहे
थे। एलओसी - कारगिल में भिन्न सैनिक
किरदार, संजय दत्त (लेफ्टिनेंट कर्नल योगेश कुमार
जोशी), अजय देवगन (लेफ्टिनेटंट मनोज पांडेय), सुनील शेट्टी (राइफल मैन संजय कुमार) सैफ
अली खान (कैप्टेन अनुज नैयर), अभिषेक बच्चन (कैप्टेन विक्रम बत्रा), अक्षय खन्ना (लेफिटनेंट बलवंत सिंह), नागार्जुन (मेजर पद्मपाणि आचार्य), राज बब्बर (कर्नल खुशाल ठाकुर), किरण कुमार (कर्नल उमेश सिंह बावा), आशीष विद्यार्थी (कर्नल मगोड़ बसप्पा रविंद्रनाथ), सुदेश बेरी (कर्नल ललित राय), आदि ने की थी। इस फिल्म की
लम्बाई २४६ मिनट थी। इस फिल्म को साधारण
सफलता ही मिली। फिल्म ने ४५ करोड़ का
कारोबार किया।
१९६७ में भी हुआ था चीन-भारत युद्ध
वॉर ट्राइलॉजी
की तीसरी फिल्म में,
जेपी दत्ता, अपनी पहली फिल्म के काल खंड से चार साल और
पीछे चले गए हैं। बॉर्डर में, जहाँ १९७१ का भारत पाकिस्तान युद्ध था, वहीँ पल्टन में १९६७ का वह युद्ध है, जिसे बहुत सेलिब्रेट नहीं किया गया। ११ सितम्बर १९६७ को चीनी सेना ने, भारत-सिक्किम सीमा पर, नाथू ला पर आक्रमण कर दिया था। चार दिनों तक, दोनों देशों की सेनाओं के बीच घमासान युद्ध हुआ। १५ सितम्बर को चीन की लाल सेना ने युद्ध विराम
का प्रस्ताव रख दिया। लेकिन, एक महीने बाद ही, लाल सेना फिर भारत की सरहद का रुख
किया। इस बार निशाने पर चो ला था। इस बार भारतीय सेना ने कुछ इतना करारा जवाब
दिया कि चीनी सेना को भरी नुकसान उठाने के बाद कदम पीछे खींचने पड़े थे। इस युद्ध को जेपी दत्ता ने अपनी फिल्म पल्टन का
विषय बनाया है। एलओसी कारगिल की साधारण
सफलता से सबक लेते हुए,
जेपी दत्ता
ने इस फिल्म में किरदारों की भरमार नहीं की है।
पल्टन के कुछ ही मुख्य सैनिक किरदार लिए हैं। इन किरदारों को परदे पर जैकी श्रॉफ (मेजर जनरल
सगत सिंह), अर्जुन रामपाल (लेफ्टिनेंट कर्नल राय सिंह), सोनू सूद (मेजर बिशेन सिंह), गुरमीत चौधरी (कैप्टेन पृथ्वी सिंह डागर), हर्षवर्द्धन राणे (मेजर हरभजन सिंह), लव सिन्हा (सेकंड लेफ्टिनेंट अतर सिंह) की
रियल लाइफ भूमिका कर रहे हैं।
कौन हैं जेपी दत्ता
जेपी दत्ता
की पृष्ठभूमि फ़िल्मी है। वह प्यार की जीत, एक नज़र, प्रभात,
लगन, मालकिन, आदि फिल्मों के लेखक ओपी गुप्ता के बेटे हैं। ओपी दत्ता ने, जे पी दत्ता की शुरूआती फिल्म गुलामी से
लेकर उमराव जान तक फिल्मों को लिखा था। जेपी दत्ता के निर्देशक करियर की शुरुआत १९७६
में फिल्म सरहद से हुई थी। लेकिन, यह फिल्म कभी रिलीज़ नहीं हो सकी। गुलामी ने उन्हें ऐसा निर्देशक बना
दिया, सेंसटिव एक्शन फ़िल्में बना ले जाता
है। इसके बाद, जेपी दत्ता ने यतीम, बटवारा, हथियार,
क्षत्रिय, रिफ्यूजी, कारगिल और उमरावजान जैसी फिल्मों का निर्देशन किया। उनकी फिल्मों की खासियत उनका मल्टीस्टारर होना
था। उनकी ज़्यादातर फिल्मों में, धर्मेंद्र,
सनी देओल, विनोद खन्ना, जैकी श्रॉफ, सुनील शेट्टी,
संजय दत्त, कुलभूषण खरबंदा, अभिषेक बच्चन, आदि हुआ करते थे। इस लिहाज़ से, पल्टन उनकी बहुत बड़े सितारों वाली फिल्म नहीं
है। पल्टन, उनकी बॉर्डर, रिफ्यूजी, एलओसी कारगिल और उमराव जान के बाद पांचवी फिल्म है, जिसके वह निर्माता, निर्देशक और लेखक भी हैं।
नहीं बना बॉर्डर का सीक्वल
१६ जुलाई
२०१३ को, जे पी दत्ता की तरफ से एक विज्ञप्ति जारी
हुई थी, जिसमे ऐलान किया गया था कि बॉर्डर (१९९७)
का सीक्वल बनाया जायेगा। यह भी दावा किया
गया कि बॉर्डर २ ही नहीं बॉर्डर ३ और बॉर्डर ४ भी बनाई जाएंगी।
बॉर्डर २ में, बॉर्डर में एक सिख किरदार मेजर कुलदीप
सिंह चांदपुरी की भूमिका करने वाले एक्टर सनी देओल की वापसी तय थी। लेकिन, फिल्म में वह सैनिक की भूमिका तो करते, लेकिन यह सिख नहीं होता। इस
फिल्म की दूसरी स्टारकास्ट को फाइनल किया जाना बाकी था। लेकिन, शूटिंग अक्टूबर २०१३ से शुरू होगी, यह तय हो गया था। तभी, बॉर्डर के फिनांसर भरत शाह ने जे पी दत्ता
के खिलाफ कॉपीराइट का मामला दायर कर दिया।उनका दावा था कि बॉर्डर टाइटल पर हमारा
कॉपीराइट है। इस पर कोई भी व्यक्ति हमारी
अनुमति के बिना फिल्म नहीं बना सकता है।
इसके साथ ही बॉर्डर २ कभी नहीं बन सकी।
जेपी दत्ता
ने, जब सरहद का निर्देशन किया, उस समय वह सिर्फ २७ साल के थे। अब, जब उनके निर्देशक करियर की ११वी फिल्म
पल्टन रिलीज़ होने जा रही है, वह ६८ साल के हो गए हैं। लेकिन, भारतीय आन बान और शान बढ़ाने का उनका जज़्बा पहले जैसा ही है। उन्होंने
इस उम्र में,
१४ हजार से
१५ हजार फ़ीट की ऊंचाई पर,
-५१ डिग्री
सेल्सियस तापमान पर बिना रुके, थके और झके अपनी फिल्म पल्टन की शूटिगं पूरी की हैं। इसके लिए एक सलाम
तो उनके लिए बनता ही है।