Monday, 24 September 2018

Presenting Aamir Khan as the intriguing ‘Firangi’ in Thugs of Hindostan

Yash Raj Films Thugs of Hindostan is taking the anticipation for the trailer sky high with its innovative marketing strategy to introduce the primary characters of the film through motion posters. Today, YRF unveiled the highly awaited first look of Aamir Khan from Thugs of Hindostan. Aamir’s look is extremely intriguing as he plays a character uniquely named ‘Firangi’ and he sports brown hair a look that Aamir has never been seen in. He travels on a donkey and going by his entire look, he seems to be an extremely wily character.

Thugs of Hindostan is the biggest visual spectacle on the big screen that boasts of larger than life, never seen before cinematic experience for audiences this Diwali. Having pulled off an incredible casting coup by bringing together two of the biggest legends of Indian cinema Amitabh Bachchan (who plays the role of the fierce warrior Khudabaksh) and Aamir Khan on screen for the first time, this film is most awaited by audiences. It also stars Katrina Kaif as the gorgeous performer Suraiyya and Fatima Sana Shaikh as the daredevil Zafira.

The film is set to treat audiences across age groups with a visual scale like never before. With biggest jaw-dropping action sequences seen on screen to date and an epic war on the seas, the film is set to light up this Diwali.


YRF’s mega action entertainer, Thugs of Hindostan, is set to release on November 8, a national holiday.


 पोस्टर ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान में आमिर खान बने हैं फिरंगी -   देखने के लिए क्लिक करें 

पोस्टर ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान में आमिर खान बने हैं फिरंगी

Sunday, 23 September 2018

शान ने गाया गुजराती फिल्म तेरी माते वन्स मोर का गीत



तमिल फिल्म एक्टर विजय को इआरा अवार्ड - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

तमिल फिल्म एक्टर विजय को इआरा अवार्ड

तमिल फिल्म अभिनेता विजय को पिछले दिनों घोषित इआरा (इंटरनेशनल अचीवमेंट रेकग्निशंस अवार्ड) अवार्डस में, श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया है।

तमिलनाडु स्टेट फिल्म अवार्ड्स में बेस्ट एक्टर और दिनकरन बेस्ट एक्टर अवार्ड के विजेता विजय अब तक कोई डेढ़ दर्जन से ज़्यादा फिल्म अवार्ड्स जीत चुके हैं।

उन्हें, फिल्म मेर्सल के लिए इआरा अवार्डस में श्रेष्ठ अभिनेता चुना गया है।

२२ जून १९७४ को, फिल्मकार एस ए चंद्रशेखर के घर जन्मे विजय जोसफ  ने अपने पिता की फिल्म वेत्री से फिल्म डेब्यू किया था ।

मेर्सल, उनकी पिछले साल रिलीज़ बड़ी हिट फिल्म थी। इस फिल्म में वह एक विद्रोही किस्म के अभिनेता बन कर आये थे। यह फिल्म सरकारों में भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी की आवाज़ उठाने वाली थी।

मेर्सल में विजय ने तिहरी भूमिकाये की थी। वह गांव के पहलवान पिता, एक डॉक्टर और एक जादूगर बेटों की भूमिका में थे। इसी फिल्म के लिए विजय को यह पुरस्कार मिला है। 

उनकी, दिवाली पर रिलीज़ होने जा रही फिल्म सरकार एक पॉलिटिकल एक्शन फिल्म है।

सरकार का निर्देशन ए आर मुरुगादॉस ने किया है। विजय और मुरुगादॉस की जोड़ी थुपक्की और कट्ठी के बाद तीसरी बार बन रही है। पहली दोनों ही फ़िल्में सुपरहिट फिल्मो में शामिल हैं।

इस फिल्म में कीर्ति सुरेश, वरलक्ष्मी शरतकुमार और योगी बाबू की सह भूमिकाये हैं।  उम्मीद है कि सरकार भी विजय की सफल फिल्मों में शामिल होगी।  



डिंपल और रवीना टंडन को राष्ट्रीय पुरस्कार जिताने वाली कल्पना लाजमी -  क्लिक करें 

डिंपल और रवीना टंडन को राष्ट्रीय पुरस्कार जिताने वाली कल्पना लाजमी

कल्पना लाजमी नहीं रही। यह खबर कुछ पल अशांत कर गई।

कभी, कल्पना लाजमी कीभारतीय महिलाओं की घरेलु दशा का वास्तविक चित्रण करने वाली फिल्मों की निर्देशक के तौर पर तूती बोला करती थी

पहली फिल्म एक पल (१९८६), वैवाहिक जीवन में रिक्तता, विवाहेतर संबंधो और पति पत्नी के विश्वास का चित्रण करने वाली फिल्म के तौर पर पसंद किया गया । कल्पना लाजमी कठोर सन्देश देने वाली साबित होती थी ।

इसके ७ साल बाद, कल्पना लाजमी की दूसरी फिल्म रिलीज़ हुई । राजस्थान की पृष्ठभूमि पर, रुदाली शनिचरी (डिंपल कपाडिया) की कहानी थी, जिसे उसकी माँ ने, पिता के मरने के बाद, जन्मते ही छोड़ दिया था । वह जीवन भर दुर्भाग्य और कष्ट से जूझती रहती है । इस फिल्म को ऑस्कर अवार्ड्स में श्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म की श्रेणी में चुना गया था ।

रुदाली में शनिचरी की भूमिका में डिंपल को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और उनकी छोटी बहन सिंपल कपाड़िया को बेस्ट ड्रेस डिजाइनिंग का अवार्ड मिला था ।

रुदाली के चार साल बाद दरमियाँ रिलीज़ हुई।  यह फिल्म एक किन्नर की कहानी थी । इस फिल्म में किन्नर की भूमिका के लिए आरिफ ज़कारिया राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में श्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में नामित हुए थे ।

दमन भी एक माँ की कहानी थी, जो अपनी बच्ची की खातिर अपने पति की हत्या कर देती है । इस फिल्म के लिए अभिनेत्री रवीना टंडन को श्रेष्ठ फिल्म अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था ।

कल्पना लाजमी की, जहाँ पहली चार फ़िल्में कथ्य के लिहाज़ से श्रेष्ठ और प्रभावशाली थी, बाद की दो फ़िल्में उस स्टार पर नहीं पहुँच सकी थी ।

उनकी छठी और आखिरी फिल्म चिंगारी तो छोटे अभिनेता अनुज साहनी को बड़ी अभिनेत्री सुष्मिता सेन द्वारा चुम्बन देने से इनकार करने के कारण काफी चर्चित हुई थी ।

क्यों और चिंगारी को असफलता हाथ लगी थी ।

कल्पना लाजमी ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत डाक्यूमेंट्री निर्माण से की थी । उनका सीरियल लोहित किनारे काफी सफल रहा था ।

फिल्मकार गुरुदत्त और श्याम बेनेगल की भांजी कल्पना लाजमी ने श्याम बेनेगल की कई फिल्मों की कॉस्टयूम डिजाईन की थी ।

कल्पना लाजमी किडनी के कैंसर से पीड़ित थी ।  



शिफ्ट मे शूटिंग करने वाली अभिनेत्री है पूजा हेगड़े - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

शिफ्ट मे शूटिंग करने वाली अभिनेत्री है पूजा हेगड़े

पूजा हेगड़े, तेलुगु फिल्मों की व्यस्त अभिनेत्री हैं। इस समय उनके पास चार बड़ी फ़िल्में हैं।

एक फिल्म हिंदी में हैं, खालिस बॉलीवुड मसाला फिल्म। फिल्म का नाम है हाउसफुल ४। इस फिल्म में अक्षय कुमार, रितेश देशमुख और बॉबी देओल के साथ दो कृतियां कृति खरबंदा और कृति सैनन तथा एक पूजा हेगड़े हैं। यह, साजिद खान शैली में कॉमेडी फिल्म है। खासियत है पुनर्जन्म।

बाकी तीन फ़िल्में तेलुगु भाषा में हैं। इन तीनों फिल्मों में वह तेलुगु के बड़े सितारा अभिनेताओं के साथ अभिनय कर रही हैं।

लेकिनतेलुगु इंडस्ट्री के जानकार बताते हैं कि इतने बड़े अभिनेताओं की फिल्मों को भी वह शूटिंग के लिए रोजाना तीन शिफ्टों में घंटों में समय दे रही हैं।

मसलन, एनटीआर जूनियर की तेलुगु एक्शन फिल्म अरविंदा सामेथा वीरा राघवा को सुबह ६ से १२ बजे की शिफ्ट में शूट करती हैं। इस फिल्म के निर्देशक त्रिविक्रम श्रीनिवास हैं।

इसके बाद, वह महेश बाबू की ड्रामा फिल्म महर्षि की शूटिंग १ बजे से ७ बजे के बीच करती हैं। इस फिल्म के निर्देशक वामशी पैडीपल्ली हैं।

तीसरी अनाम तेलुगु फिल्म में पूजा हेगड़े के नायक प्रभाष हैं। रात ८ बजे से देर रात १ बजे तक वह, प्रभाष की इस अनाम फिल्म की शूटिंग करती हैं। इस रोमांस फिल्म के निर्देशक केके राधाकृष्ण कुमार हैं।

इससे एक ख़ास बात साबित होती हैं कि यह सभी फ़िल्में भिन्न जॉनर की है। वह एक्शन, ड्रामा और रोमांस फ़िल्में एक साथ कर रही हैं।  हिंदी की फिल्म हाउसफुल ४ तो के कॉमेडी हैं ही।

संभव है कि हाउसफुल ४ के बाद, वह बॉलीवुड फिल्मों में भी व्यस्त हो जाएँ।  


और भी गम हैं बॉलीवुड के आम आदमी के !- पढ़ने के लिए क्लिक करें 

और भी गम हैं बॉलीवुड के आम आदमी के !

निर्देशक सचिन पी करांदे की फिल्म जैक एंड दिल एक अलमस्त युवा की कहानी है, वह उतना ही कमाता है, जीतनी उसकी ज़रुरत है।  उसकी आदत है जासूसी उपन्यास पढ़ना ताकि वह खुद अपना एक उपन्यास लिख सके।  अब यह बात दूसरी है कि वह खुद जासूसी के चक्कर में फंस जाता है।  सचिन अग्रवाल की फिल्म गेम पैसा लड़की  की  नाज़ुक एक मासूम लड़की है, जिसके जीवन में संघर्ष ही संघर्ष है।  यह संघर्ष उसे एक अंडरवर्ल्ड डॉन की रखैल बना देते हैं।  कहानियों के सारांश से, यह फ़िल्में एक आम स्त्री और पुरुष की लगती हैं। जिनकी अपनी अपनी समस्या है।  लेकिन, यह समस्याएं व्यक्तिगत ज़्यादा है, आम समस्या नहीं।  आम आदमी की समस्या को उठाने वाली फिल्म है निर्देशक श्रीनारायण सिंह की बत्ती गुल मीटर चालू।  इस फिल्म में बिजली के गुल रहने और बढे बिल से परेशान आम आदमी की कहानी उठाई गई है।  इस कहानी को परदे पर शाहिद कपूर, यामी गौतम और  श्रद्धा कपूर ने किया है।  यह फ़िल्में अपने दर्शकों को कितना प्रभावित कर सकती है, इसका पता लेख छपने तक चल गया होगा।

टॉयलेट थी आम आदमी की समस्या ! 
आम आदमी की बिजली समस्या पर फिल्म बत्ती गुल मीटर चालू, ख़ास तौर पर छोटे शहरों के दर्शकों को प्रभावित कर सकती है।  परन्तु की कथ्य की प्रस्तुति इसे बड़े शहरों में भी दर्शक दिला देगी।  क्योंकि आम आदमी की समस्या को फिल्म में ईमानदारी के साथ मनोरंजक ढंग से उठाया गया हो तो, आम दर्शक ऐसी फिल्म स्वीकार करता है। श्रीनारायण सिंह की ही पिछली फिल्म टॉयलेट एक प्रेमकथा गाँव-कसबे में महिलाओं के लिए शौच की समस्या को उठाने के बावजूद यूनिवर्सल अपील वाली साबित हुई।

पिछले साल की फिल्मों में मध्यम वर्ग
इस लिहाज़ से, पिछले साल ही रिलीज़ कुछ फ़िल्में साबित करती थी कि आम आदमी की समस्या भी ख़ास हो सकती है कि सभी देखें। साकेत चौधरी निर्देशित हिंदी मीडियम के केंद्र में माध्यम वर्ग था। इरफ़ान खान का किरदार कारोबारी है।  लेकिन, वह अपनी बेटी को इंग्लिश मीडियम स्कूल में गरीबों के कोटे से दाखिला दिलवाने के लिए गरीब बन जाता है। यह फिल्म हिंदुस्तान के माध्यम वर्ग की इलीट वर्ग में शामिल होने की इच्छा और आपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूल में दाखिला दिलाने की जद्दोजहद का चित्रण करती थी।  वही, दीवाली वीकेंड पर रिलीज़ फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार मुस्लिम लड़की द्वारा गायिका बनने के लिए अपने कट्टरपंथी पिता से संघर्ष करने की कहानी थी। इस फिल्म को भी सभी ने देखा।  शशांक खेतान की फिल्म बद्री की दुल्हनिया छोटे शहरों की लड़कियों के बड़े  ख्वाब देखने की कहानी है।  इस फिल्म में आलिया भट्ट का चरित्र एयर होस्टेस बनने के लिए लंदन जाता है।  यह सभी फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई थी। 

कभी किसान और गरीब ही था आम आदमी
आम आदमी की कहानियों पर फिल्म आज की बात नहीं।  १९३० के दशक में, वी शांताराम ने बड़ी उम्र के विधुर से काम उम्र की लड़की की शादी पर दुनिया न माने, समाज की कोढ़ दहेज़ प्रथा पर दहेज़, हिन्दू-मुस्लिम भाई चारे पर पडोसी, वेश्या उद्धार पर आदमी जैसे नाना विषयों पर फ़िल्में बना डाली थी।  मेहबूब खान ने किसान समस्या पर औरत और मदर इंडिया का निर्माण किया था।  बिमल रॉय ने गाँव मज़दूर, किसान और गरीबी पर दो बीघा जमीन और छुआछूत की समस्या पर सुजाता बना दी थी।  छुआछूत की समस्या पर बॉम्बे टॉकीज की फ्रैंज ऑस्टेन निर्देशित फिल्म अछूत कन्या भी थी। हृषिकेश मुख़र्जी और बासु चटर्जी ने तो आम आदमी पर कई व्यंग्यात्मक कॉमेडी फिल्मों का निर्माण किया। 

बहुमुखी प्रतिभा के एक्टर बने आम आदमी !
उस समय के, फिल्मकार आम आदमी की कहानी को परदे पर प्रभावशाली ढंग से कहने में इसलिए सक्षम हो पाए कि उस समय कई ऐसे एक्टर भी थे, बहुमुखी प्रतिभा के धनी और समर्पित थे ।  इन एक्टरों का व्यक्तित्व किसी भी भूमिका में फब जाने वाला था। मज़हर खान, गजानन जागीरदार, शाहू मोदक और खुद वी शांताराम थे तो मेहबूब के लिए नरगिस और राजकुमार। तमाम राजसी भूमिकाये करने वाले पृथ्वीराज कपूर ने दहेज़ में एक पिता की भूमिका में प्रभावित किया था।  बिमल रॉय की फिल्मों को बलराज साहनी, सुनील दत्त, अशोक कुमार और दिलीप कुमार मिल गए थे।  उस समय राजकपूर भोले भाले आम भारतीय का प्रतिनिधित्व करते थे।  गुरु दत्त ने भी इस आम आदमी को बखूबी किया। धर्मेंद्र ने, आम आदमी को परदे पर उतारने में हृषिकेश मुख़र्जी का लंबा साथ दिया।  बाद में, हृषिकेश मुख़र्जी और बासु चटर्जी की फिल्मों के आम आदमी को अमोल पालेकर मिल गए।  आज,  बड़े परदे पर इस आम आदमी को, नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी, आयुष्मान खुराना, पंकज त्रिपाठी, राजकुमार राव,  इरफ़ान खान, आदि एक्टर बखूबी उतार रहे हैं। 

चालू है सिलसिला
यही कारण है कि आम आदमी पर फिल्मों का सिलसिला चालू है।  मुक्काबाज़, पैडमैन, हिचकी,  राज़ी, होम और हम, ख़ज़ूर पे अटके, भावेश जोशी सुपरहीरो, सूरमा, फन्ने खान, मुल्क, बृजमोहन अमर रहे, सत्यमेव जयते, आदि फ़िल्में आम आदमी, उसकी ख्वाहिशों, भावनाओं और उसके संघर्ष को दर्शा चुकी हैं। कुछ दूसरी फ़िल्में इसी आम आदमी पर अभी आनी हैं।  इन फिल्मों में आम आदमी, उसका परिवार, उसकी इच्छाएं, उसका संघर्ष, उसकी भावनाये हैं। दिलचस्प तथ्य यह है कि इन्हे सक्षम निर्देशक बना रहे हैं। 

सुई धागा और पटाखा
आगामी शुक्रवार को तमाम ट्रेड पंडितों की निगाहें बॉक्स ऑफिस पर होंगी।  इस दिन मध्यम वर्ग पर दो फ़िल्में  रिलीज़ हो रही हैं। सुई धागा मेड इन इंडिया, मध्यमवर्गीय  परिवार की कहानी है, जिसका बेटा मौजी कुछ करता धरता नहीं है। पत्नी के आने के बाद, उसके जीवन में बदलाव आता है   मौजी कपडे सिल सकता है और ममता बढ़िया कढ़ाई-बुनाई कर सकती है।  दोनों, मिल कर काम करते हैं और अपनी तक़दीर बदल डालते हैं। इस फिल्म का निर्देशन उन्ही शरत कटारिया ने किया है, जिन्होंने २०१५ में, दम लगा के हईशा जैसी फिल्म बनाई थी । विशाल भारद्वाज निर्देशित दूसरी फिल्म पटाखा किसी समस्या को तो नहीं उठाती, लेकिन गाँव के एक परिवार की दो बहनों के बीच की अदावत को हास्य शैली में पेश करती है। गाँव के परिवार की दो बहने, शादी से पहले और बाद भी लड़ती रहती हैं। एक समय उन्हें एहसास होता है कि वह एक दूसरी के बिना नहीं रह सकती।  इन दोनों फिल्मों  में मुख्य भूमिकाये वरुण धवन, अनुष्का शर्मा, सान्या मल्होत्रा और राधिका मदान कर रही हैं। 

सिलसिला इसके बाद भी
आमजन  पर फिल्मों का चलता ही रहेगा।  प्रदीप सरकार की फिल्म हेलीकाप्टर इला की अकेली माँ इला (काजोल) पढ़ना चाहती हैं।  जब बेटे की जिम्मेदारी थोड़ा कम होती है तो वह आगे पढ़ने के लिए अपना नाम उसी स्कूल में लिखा लेती हैं, जहाँ उसका बेटा पढ़ता है । वहीँ  नवोदित निर्देशक अमित रविन्दरनाथ शर्मा की फिल्म बधाई हो, एक मध्यमवर्गीय परिवार की उस स्थिति को दर्शाती है, जब जवान बेटे के रहते पत्नी गर्भवती हो जाती है।  मोहल्ले के लोग और दोस्त, बेटे (आयुष्मान खुराना) को बधाई हो कहते है। आनंद एल राय की फिल्म जीरो एक बौने के हीरो बनने की कहानी है।  अगले साल रिलीज़ होने जा रही फिल्मों में, विकास बहल की फिल्म सुपर ३० में हृथिक रोशन एक गणित के अध्यापक आनंद कुमार की भूमिका कर रहे हैं, जो आईआईटी के लिए उन गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ाता है, जो मोटी फीस नहीं चुका सकते।  गली बॉयज, दो दोस्तों की कहानी है, जो  सडकों पर गाते नाचते हैं, इसके बावजूद लंदन के डांस स्कूल में अपना दाखिला करा पाने में कामयाब होते है। यह सभी फ़िल्में आम आदमी के अपना लक्ष्य पाने के लिए किये गए संघर्ष की प्रेरणादायक कहानियाँ हैं ।

बॉलीवुड न्यूज़ २३ सितम्बर - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

बॉलीवुड न्यूज़ २३ सितम्बर

माँ की प्रेगनेंसी पर जवान बेटे को 'बधाई हो' !
आयुष्मान खुराना की फिल्मों की कहानियां बिलकुल अलग किस्म की, ज़्यादातर परिवार के देखने योग्य और कभी बोल्ड विषय वाली होती हैं। पिछले दिनों रिलीज़ उनकी फिल्म बधाई हो के ट्रेलर से इसकी पुष्टि होती है। इस फिल्म में आयुष्मान खुराना के रील लाइफ माँ प्रग्नेंट हो जाती है। पूरा घर और खुद आयुष्मान खुराना शर्मिंदा है कि माँ-पिता ने इस उम्र में यह क्या कर दिया। बाहर भी इन लोगों का मज़ाक बनता है। इस फिल्म को शांतनु श्रीवास्तव, अक्षत घिल्डयाल और ज्योति कपूर ने लिखा है। इन तीनों ने,ऐसे सामाजिक शर्मिंदगी वाले विषय को बड़े रोचक ढंग से लिखा है। इससे यह फिल्म बोझिल नहीं हो पाती। दर्शकों को आयुष्मान और उसके बेचारे माता पिता पर मज़ा आएगा। फिल्म के निर्देशक अमित रविंद्रनाथ शर्मा हैं । फिल्म में आयुष्मान खुराना, सान्या दंगल मल्होत्रा, गजराज राव और नीना गुप्ता की दिलचस्प भूमिका है।

महज अफवाह है नंबर वन सीरीज में सारा
निर्देशक डेविड धवन, अपनी नंबर १ सीरीज को फिर जीवित करने जा रहे हैं। लेकिन, यह पहली नंबर वन फिल्मों की सीक्वल या प्रीक्वेल नहीं होगी। इस सीरीज की सभी कहानियां नई होंगी। पिछले दिनों नंबर वन सीरीज की पहली फिल्म में सारा अली खान के नायिका की भूमिका करने की खबर थी । पता चला है कि धवन परिवार के एक बाप दो बेटा यानि डेविड धवन, वरुण धवन और रोहित धवन एक नए प्रोडक्शन हाउस के तहत इन फिल्मों का निर्माण करेंगे। यह तो तय है कि इस सीरीज की सभी फिल्मों में वरुण धवन ही होंगे। लेकिन, दूसरे किसी कलाकार का चुनाव नहीं हुआ है।  यहाँ तक कि सीरीज में सारा के आने बाद भी निरी अफवाह है। दरअसल, डेविड धवन के नेतृत्व में बनाया जा रहा यह प्रोडक्शन हाउस अभी निर्माण के दौर में है।  इस हाउस के अंतर्गत बनाई जाने वाली फिल्मों की स्क्रिप्ट पर अभी शुरूआती काम ही चल रहा है।  जैसे ही स्क्रिप्ट का काम पूरा होगा, दूसरे ऐलान किये जाएंगे। एक अख़बार को इंटरव्यू में वरुण धवन ने कहा, "अभी हमने स्क्रिप्ट शुरू ही की है। कास्टिंग की बात तो थोड़े समय बाद आएगी।  जब हम स्क्रिप्ट पूरी कर लेंगे, तब इसका ऐलान करेंगे। तब तक के लिए सब अफवाह ही है।" 

सूनी तारपोरवाला बनाएंगी बैले बॉयज !
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त पारिवारिक ड्रामा फिल्म लिटिल जीजू के एक दशक बाद, सूनी तारपोरवाला की वापसी हो रही है। फिल्म निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर की फिल्म बैले बॉयज का निर्देशन सूनी ही कर रही हैं।  यह फिल्म रियल करैक्टर पर है। मुंबई के दो बैले डांसर अमीरुद्दीन शाह और मनीष चौहान, अपने एक इसरायली-अमेरिकन उस्ताद येहूदा माओर और अपने परिवार वालों के समर्थन से, सभी बाधाओं को पार करते हुए लंदन के रॉयल बैले स्कूल और ओरेगॉन बैले थिएटर में अपने लिए जगह बना पाने में कामयाब होते हैं। यहाँ  ख़ास बात यह है कि सूनी तारापोरवाला इसी विषय पर एक डॉक्यूमेंटर यह बैले बना चुकी हैं। बैले बॉयज की शूटिंग अगले साल जनवरी से शुरू होगी। फिलहाल तो सूनी अपनी इस फिल्म की पटकथा पर काम कर रही हैं। सूनी ने, मीरा की फिल्म सलाम बॉम्बे और मिसिसिपी मसाला की स्क्रिप्ट भी लिखी थी। इस फिल्म के संवाद मयूर पुरी ने लिखे हैं।  संगीत सचिन-जिगर का है। इस फिल्म के तमाम बैले, येहूदा और सिंडी जॉर्डेन के साथ श्यामक डावर ने कोरियोग्राफ किये हैं। इस फिल्म में डांस की फ्री स्टाइल, देसी हिपहॉप और बैले जैसी शैलियाँ देखने को मिलेंगी ।  

पंगा में ऋचा चड्डा और पंकज त्रिपाठी
निल बटे सन्नाटा और बरेली की बर्फी के बाद, अश्विनी अय्यर तिवारी ने पंगा की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने, कबड्डी पर इस फिल्म में मुख्य भूमिका के लिए कंगना रनौत को लिया। कंगना रनौत एक कबड्डी खिलाड़ी की भूमिका कर रही हैं। कंगना के बाद , पंगा में पंजाबी एक्टर जस्सी गिल आ गए ।  जस्सी का बॉलीवुड फिल्म डेब्यू, हालिया रिलीज़ सोनाक्षी सिन्हा और डायना पेंटी की फिल्म हैप्पी फिर भाग जाएगी से हुआ था। जस्सी के बाद नीना गुप्ता एक करैक्टर रोल के लिए आ गई।  इसी दौरान, रोहिणी के कंगना से पंगा लेने की खबरें आ गई कि रोहिणी ने कंगना के साथ कोई हस्तक्षेप नहीं के क्लॉज़ में हस्ताक्षर करवाए हैं।  फिल्म के लिहाज़ से, निर्देशक और एक्टर के बीच ऐसे दुराव की खबर फिल्म के सेहत के लिए अच्छी नहीं कही जा सकती थी।  इसलिए, जल्द ही अश्विनी अय्यर तिवारी ने इसका खंडन कर दिया।  अब उन्होंने अपनी पंगा टीम में ऋचा चड्डा और पंकज त्रिपाठी को  भी शामिल कर लिया है।  पंकज त्रिपाठी ने अश्विनी की पिछली दोनों फिल्में निल बटे सन्नाटा और बरेली की बर्फी की थी । अभी फिल्म की शूटिंग शुरू नहीं हुई है। लेकिन, कहा जा रहा है कि पंगा, कंगना रनौत की मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी के बाद रिलीज़ होगी। 

अलिया भट्ट ने कलंक के लिए छोड़ी भंसाली की फिल्म
ताज़ातरीन खबर है कि संजय लीला भंसाली की अगली फिल्म में एक बार फिर दीपिका पादुकोण आ गई है।  वैसे शुरू में, संजय अपनी इस फिल्म को आलिया भट्ट के साथ बनाना  चाहते थे।  खुद, आलिया भट्ट ने भी इस फिल्म को करने की ख्वाहिश ज़ाहिर की थी।  यह फिल्म आलिया के स्टारडम के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती थी।  लेकिन, तभी निर्माता-निर्देशक और आलिया भट्ट के गुरु  कऱण जौहर ने कॉस्ट्यूम ड्रामा फिल्म कलंक का ऐलान कर दिया।  उन्होंने इस फिल्म में आलिया भट्ट को भी शामिल किया था।  हालाँकि, आलिया भट्ट, संजय  लीला भंसाली की फिल्म के लिए उत्सुक थी, लेकिन उनकी प्राथमिकता में करण जौहर थे ।  करण जौहर ने, न केवल  आलिया भट्ट का हिंदी फिल्मों से परिचय कराया था, बल्कि आलिया भट्ट के करियर को मज़बूती देने वाली ज़्यादातर फिल्मों  के निर्माता करण जौहर ही थे।  इसलिए, आलिया भट्ट ने, करण जौहर की फिल्म के लिए संजय लीला भंसाली को न बोल दी।  २००७ में भी, संजय लीला भंसाली बालिका बधु के कथानक पर फिल्म हमारी जान हो तुम बनाना चाह रहे थे।  परन्तु, बात बनने से पहले ही बात खुल गई।  यह प्रोजेक्ट बंद हो गया।  सावरिया के बाद दीपिका पादुकोण संजय लीला भंसाली की फिल्मों की स्थाई नायिका बन गई। इसीलिए आलिया भट्ट के जाने के बाद दीपिका पादुकोण आ गई है।

साजिद खान को जैक्विलिन फर्नांडेस का झटका
हाउसफुल सीरीज की  पहली और दूसरी फिल्मों का निर्देशन साजिद खान ने किया था।  इस फिल्म के पहले हिस्से यानि हाउसफुल में जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ का स्पेशल अपीयरेंस था। वह फिल्म के एक रीमिक्स गीत आपका क्या होगा में धन्नो बनी डांस कर रही थी। इसी दौरान, साजिद खान और जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ के बीच नज़दीकियां बढ़ी थी। नतीजतन, जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ हाउसफुल २ में नायिका की भूमिका में आ गई । हाउसफुल २ की शूटिंग के दौरान ही, इन दोनों के बीच पंगा हो गया। जैक्विलिन द्वारा समबन्ध तोड़े जाने का सबसे ज़्यादा सदमा साजिद खान को लगा।  इसी घाव का नतीजा था कि जब साजिद की हाउसफुल सीरीज में वापसी हुई, उस समय साजिद ने  फिल्म के निर्माता साजिद नाडियाडवाला के सामने पहली शर्त रखी की हाउसफुल ४ में जैक्विलिन नहीं होंगी, हालाँकि जैक्विलिन हाउसफुल सीरीज की पहली तीन फिल्मों और खुद साजिद नाडियाडवाला द्वारा निर्देशित पहली फिल्म की नायिका जैक्विलिन थी। जैक्विलिन को हाउसफुल ४ से बाहर करके भी साजिद खान का मन शायद भरा नहीं था। इसलिए साजिद ने जैक्विलिन को चिढ़ाने के लिए उन्हें अपनी फिल्म में आइटम सांग करने का न्योता भेज दिया।  जैक्विलिन, शायद इस बात को अच्छी तरह से जानती थी। इसलिए, जैक्विलिन ने साजिद के प्रस्ताव सीधे न कर दी।  खिसियाये साजिद अपना सा मुंह ले कर रहे गए ।
गौतम घोष की वापसी
पार, पतंग, गुड़िया और यात्रा जैसी राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हिंदी फिल्मों के निर्माता गौतम घोष की १३ साल बाद हिंदी फिल्मों में वापसी हो रही है । उन्होंने निर्माता अमित अग्रवाल की फिल्म वन डे इन द रेन्स की शूटिंग सिर्फ २० दिनों में पूरी भी कर ली है। यह फिल्म गौतम घोष की ही  लघु कथा पर आधारित है। इस फिल्म में बारिश का महत्व है।  इसलिए, नकली बारिश के बजाय, देश में हो रही बारिश के स्वभाविक स्वरुप को फिल्माना ठीक लगा। इसीलिए, आनन फानन में प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ। संयोग देखिये कि आदिल हुसैन, तिलोत्तमा शोम, नीरज कबि और ओंकारदास मानिकपुरी जैसे सितारों की तारीखे भी मिल गई। फिल्म को बारिश के दौरान ही २० दिनों में शूट भी कर लिया गया। कहते हैं गौतम घोष, "हम लोग इंडो-इटैलियन सहयोग से एक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म का निर्माण करने जा रहे थे। वह प्रोजेक्ट उस समय फाइनल नहीं हो पाया। मेरे पास अपनी लघु कथा पर स्क्रिप्ट लिखी हुई रखी थी।  मैं इसे मानसून के दौरान फिल्माना चाहता था। मैंने यह बात अमित को तीस दिनों के अंदर सारा प्रबंध कर दिया। हमारे शानदार एक्टरों और क्षमतावान तकनीशियन के कारण फिल्म २० दिनों  में ही पूरी हो गई।"

मणिकर्णिका के लिए सरोज खान के डांस
द क्वीन ऑफ़ झाँसी का बजट ७० करोड़ बढ़ गया है, लेकिन मणिकर्णिका है कि डांस कर रही हैं। निर्देशक कृष की ऐतिहासिक फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी के दो नृत्य गीत शूट किये जाने की खबर हैं। यह दोनों गीत, कोरियोग्राफर सरोज खान द्वारा कोरियोग्राफ किये गए हैं। यह दो गीत कंगना रनौत और फिल्म में उनकी सहेली झलकारी बाई पर अलग अलग फिल्माए जाएंगे। कंगना रनौत पर फिल्माया जा रहा गीत, परदे पर लक्ष्मी बाई और उनके पति गंगाधर राव (जिशुआ सेनगुप्ता) पर फिल्माया जाएगा। यह गीत शास्त्रीय नृत्य शैली में होगा । इस गीत को कर्जत में नितिन देसाई के स्टुडिओ में सेट तैयार कर फिल्माया जाएगा। इस गीत को एक ही दिन में फिल्माने का इरादा किया गया है। दूसरा गीत अभिनेत्री अंकिता लोखंडे पर फिल्माया जायेगा। यह गीत पांच दिनों में शूट हो पायेगा। यह गीत, रानी लक्ष्मी बाई की युद्ध से वापसी के बाद, गाती और नृत्य करती झलकारी बाई पर देखा जा सकेगा। कंगना रनौत इस फिल्म के प्रति कितनी समर्पित है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कृष द्वारा बीच में ही फिल्म छोड़ कर चले जाने के बावजूद फिल्म को अगले साल गणतंत्र दिवस पर रिलीज़ की तारीख़ बनाये रखने के लिए खुद पैचवर्क पूरा करने की कमान सम्हाल रखी है ।

पाकिस्तान की सुपरहिट फिल्म में कंवलजीत सिंह

रमेश सिप्पी के सीरियल बुनियाद में विजयेंद्र घाटगे और किरण जुनेजा के अवैध पुत्र  सतबीर की भूमिका से पहचान बनाने वाले फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट के छात्र  कवलजीत सिंह को पहली फिल्म दास्ताँ ए लैला मजनू, बॉक्स ऑफिस पर तरह बुरी तरह से मार खाई। विजय आनंद की फिल्म रहे न रहे हैं तथा केतन  मेहता की दो फिल्मों शक और शर्त के असफल होने से कंवलजीत सिंह निराश हो गए। इसके बाद उन्होंने दूरदर्शन की ओर रुख किया । बुनियाद ने उन्हें स्टार बना दिया । कंवलजीत ने पंजाबी फ़िल्में भी की । पिछले दिनों, उन्हें राज़ी और फिर से जैसी फिल्मों में देखा गया। लेकिन, सरहद पार की पाकिस्तानी फिल्म जवानी फिर नहीं आनी २ में गुस्सा होने पर बन्दूक उठा लेने वाले नवाब साब की भूमिका ने उन्हें पाकिस्तानी आवाम में लोकप्रिय कर दिया है। हुमायूँ सईद, मावरा होकेन और कुबरा खान अभिनीत इस फिल्म में कंवलजीत सिंह नायिका के पिता की भूमिका में थे, जो पाकिस्तानियों से नफ़रत करता है, लेकिन आखिर में उसका ह्रदय परिवर्तन हो जाता है। इस फिल्म को पाकिस्तान में ज़बरदस्त सफलता मिली । देश में आतंकवादी गतिविधियों को नापसंद करने वाले एक्टर कंवलजीत सिंह चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान बेहद ज़रूरी है। इसीलिए वह इंडो-पाक सहयोग से बनी पंजाबी फिल्म विरसा कर चुके हैं। 


एक्टर इमरान खान की बतौर निर्देशक पहली फिल्म मिशन मार्स - क्लिक करें