Sunday, 8 September 2019

कुछ बॉलीवुड की ८ सितम्बर २०१९



बॉक्स ऑफिस पर प्रभास की जय हो करती साहो !
बाहुबली द कांक्लुजन के बाद, एक्टर प्रभास की पहली हिंदी फिल्म साहो ने मुंबई के खुद को सरकार मानने वाले फिल्म समीक्षकों के फतवे को नकार दिया है। मुंबई के लगभग सभी पत्रकारों ने, बाहुबली को डिजास्टर और वशआउट फिल्म बता कर नकार दिया था। लेकिन, हिंदी भाषा सहित देश के दूसरे हिस्से के दर्शकों ने उन्हें धता बता दी। समीक्षकों द्वारा बताई गई तमाम कमियों के बावजूद प्रभास और फिल्म के श्रेष्ठ तकनीक का जादू चल गया। प्रभास की इस एक्शन फिल्म ने पहले दिन बाहुबली के बाद दूसरे नंबर की ओपनिंग ली। यह ओपनिंग हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु और दूसरी दक्षिण की दूसरी कुछ भाषाओं की थी। बॉक्स ऑफिस पर दौड़ते हुए प्रभास ने बॉलीवुड के सुपरस्टार आमिर खान और अक्षय कुमार के साथ तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत को भी पछाड़ दिया। साहो ने पहले दिन सभी भाषाओं में लगभग ८८ करोड़ का कारोबार किया। यह आंकड़े, शंकर निर्देशित रजनीकांत और अक्षय कुमार की विज्ञान फंतासी फिल्म २.० के ६० करोड़ से २८ करोड़ ज्यादा थे। बुरी दशा हुई आमिर खान और अमिताभ बच्चन की फिल्म ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान की, जो हॉलिडे वीकेंड में रिलीज़ हो कर ५२.२५ करोड़ का कारोबार कर पाने में कामयाब हुई थी, साहो से लगभग ३६ करोड़ पीछे रह गई। सभी भाषाओं में पहले दिन कारोबार करने के ख्याल से प्रभास की ही फिल्म बाहुबली द कांक्लुजन है, जिसने पहले दिन १२१ करोड़ का कीर्तिमान कलेक्शन कर रखा है। टॉप ५ की सूची में प्रभास की फिल्म बाहुबली द बिगिनिंग ५० करोड़ की ओपनिंग के साथ पांचवे स्थान पर है।

फिर सुपरस्टारडम की दौड़ में हृथिक रोशन
हृथिक रोशन, कम फ़िल्में करने के लिए जाने जाते हैं। इसके बावजूद लगातार फ्लॉप या औसत फिल्मों से जूझते रहे हैं । पहली फिल्म कहो न प्यार है की सफलता के बाद फ़िज़ा, मिशन कश्मीर और यादें जैसी फ्लॉप फ़िल्में मिली। सितारा बहुल फिल्म कभी ख़ुशी कभी गम हिट हुई तो उसके बाद लगातार चार फ़िल्में आप मुझे अच्छे लगने लगे, न तुम जानों न हम, मुझसे दोस्ती करोगे और मैं प्रेम की दीवानी हूँ फ्लॉप हो गई। कुछ समय तक कोई मिल गया, कृष, धूम २ और जोधा अकबर के हिट होने से स्थिरता आती लगी कि काइट्स और गुज़ारिश फ्लॉप हो गई।  हिट ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा, अग्निपथ, कृष ३ और बैंग बैंग के बाद, कैमिया भूमिका में हृथिक रोशन की दो फ़िल्में हिंदी में हे ब्रो तथा मराठी फिल्म हृदयांतर में नज़र आये।  उनकी पूरी लम्बाई की दो फ़िल्में मोहन जोदड़ो और काबिल रिलीज़ हुई। मोहन जोदड़ो बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी।  काबिल की सफलता  औसत ही थी। लेकिन, इस साल प्रदर्शित बायोपिक फिल्म सुपर ३० ने हृथिक रोशन के करियर को नई उड़ान दे दी है। हृथिक रोशन कहते हैं कि उन्होंने अपनी असफलता से सीखा है।  इन असफलताओं ने उन्हें फ़िल्में चुनने में सावधानी दी है। इसी का नतीजा सुपर ३० है, जो उन्होंने किसी मैसेज के बजाय अच्छी पटकथा होने के कारण चुनी। अब उनकी घनघोर एक्शन फिल्म वॉर २ अक्टूबर को प्रदर्शित हो रही है। यह फिल्म हृथिक रोशन को मुख्य धारा की फिल्मों में स्थापित कर देगी। वह अपने पिता निर्देशित फिल्म कृष ४ की शूटिंग भी शुरू करने वाले हैं। सुपर ३ की सफलता के बाद उनके पास चार स्क्रिप्ट पढ़ने के लिए है। उन्होंने, राजकुमार गुप्ता की स्पाई फिल्म ब्लैक टाइगर छोड़ दी है। इसके बावजूद, आने वाले सालों में हृथिक रोशन छाये रहेंगे।

हंसल मेहता के 'तुर्रम खान' राजकुमार राव
अमूमन छोटे बजट की फिल्मों का शहर छोटा होता है।  हंसल मेहता  निर्देशित फिल्म तुर्रम खान भी छोटे शहर की सामाजिक हास्य फिल्म है।  इस फिल्म में हंसल मेहता के प्रिय एक्टर राजकुमार राव, दूसरी बार नुसरत भरुचा के साथ हैं।  क्या इस तिकड़ी को बॉक्स ऑफिस की तुर्रम खान तिकड़ी कहा जा सकता है ? राजकुमार राव, जब एकता कपूर की फिल्म एलएसडी : लव सेक्स और धोखा के लिए ऑर्डिशन के लिए जाया करते थे, उस समय नुसरत भरुचा भी फिल्मों के लिए हाथपांव मार रही थी।  वही दोनों की पहली मुलाक़ात हुई, जो लव सेक्स और धोखा के लिए चुने जाने के बाद दोस्ती में बदल गई। लेकिन, २ करोड़  के साधारण से बजट से  बनी फिल्म लव सेक्स और धोखा के बॉक्स ऑफिस पर ९ करोड़ जुटाने के बावजूद नौ सालों तक राजकुमार राव और नुसरत भरुचा ने कोई दूसरी फिल्म नहीं की। हंसल मेहता  ने, राजकुमार राव के साथ पहली फिल्म शाहिद बनाई थी। आतंकवाद के आरोप में फंसे मुसलमान युवाओं की वकालत करने वाले वकील शाहिद की वास्तविक कहानी पर बनी इस फिल्म को विवादित होने के कारण चर्चा मिली।  इस फिल्म के बाद, राजकुमार राव हंसल मेहता के प्रिय एक्टर बन गए।  उनकी बाद की तमाम फिल्मों सिटीलाइट्स, अलीगढ और ओमेर्ता के नायक राजकुमार राव भी थे। यह फ़िल्में विवादित विषयों पर होने के कारण चर्चा में आई। राजकुमार राव के साथ, हंसल मेहता की पांचवी फिल्म तुर्रम खान का विषय विवादित होगा, नहीं लगता।  यह एक कॉमेडी फिल्म बताई जा रही है।  हंसल मेहता पहली बार खालिस कॉमेडी जॉनर में हाथ आजमाएंगे।  राजकुमार राव में कॉमेडी का जज़्बा है। लेकिन, यही बात नुसरत भरुचा के लिए नहीं कही जा सकती।  इसलिए, हंसल मेहता, राजकुमार राव और नुसरत भरुचा के तुर्रम खान को परदे पर देखना दिलचस्प होगा।

ऐतिहासिक और पीरियड फिल्मों में अजय देवगन
अजय देवगन और अक्षय कुमार का सितारा बुलंदी पर है।  फ्लॉप बादशाओ (२०१७) के बाद अजय देवगन लगातार हिट फ़िल्में दे रहे हैं।  उनकी इस असफलता के बाद प्रदर्शित चार फ़िल्में गोलमाल अगेन, रेड, टोटल धमाल और दे दे प्यार दे बड़ी हिट फ़िल्में साबित हो चुकी हैं।  गोलमाल अगेन ने २०० करोड़ का कारोबार किया।  बाकी की तीन फ़िल्में भी १०० करोड़ क्लब में शामिल हुई।  अजय देवगन की अगले साल तीन फ़िल्में तानाजी : द अनसंग वारियर, भुज : द प्राइड ऑफ़ इंडिया और मैदान प्रदर्शित होंगी। दिलचस्प तथ्य यह है कि इनमे से कोई भी फिल्म कॉमेडी नहीं है।  तानाजी : द अनसंग वारियर ऐतिहासिक युद्ध फिल्म है।  इस फिल्म में अजय देवगन मराठा योद्धा तानाजी मलुशरे की भूमिका कर रहे हैं।  भुज : द प्राइड ऑफ़ इंडिया, १९७१ के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान स्थानीय लोगों की मदद से क्षतिग्रस्त हवाई पट्टी की मरम्मत करवाने वाले स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्णिक की भूमिका कर रहे हैं।  मैदान फुटबॉल पर आधारित पीरियड फिल्म है।  इस फिल्म में वह फुटबॉल कोच सय्यद अब्दुल रहीम की भूमिका कर रहे हैं।  अगले ही साल, अजय देवगन  दक्षिण की दो बड़ी फिल्मों में भी नज़र आएंगे। इन फिल्मों में अजय देवगन अहम् भूमिका कर रहे हैं।  एस एस राजामौली की स्वतंत्रता संग्राम पर फिल्म आर आर आर में वह रामचरण और जूनियर नेत्र के साथ है।  तमिल सुपरस्टार अजित कुमार की वर्किंग टाइटल थाला ६० में अजय देवगन की खल भूमिका है।  उनके कमल हासन की तमिल फिम इंडियन २ में भी काम करने का अपुष्ट समाचार है। इन फिल्मों के अलावा मार्च में अजय देवगन फिल्म सूर्यवंशी में अपनी  सिंघम  कैमियो भूमिका में नज़र आएंगे ।
    
हिन्दू मुस्लिम रोमांस पर शिकारा
कश्मीर के आतंकवाद पर मिशन कश्मीर बनाने वाले फिल्म निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा, अब एक बार फिर कश्मीर पर फिल्म लेकर आ रहे हैं। लेकिन, यह एक रोमांटिक फिल्म होगी, जिसमे कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा का भी चित्रण होगा। राहुल पंडिता की कहानी पर इस फिल्म का नाम शिकारा यानि हाउसबोट रखा गया है। इस फिल्म में, १९९० के दशक में, कश्मीरी पंडितों के कश्मीर घाटी से भगाए जाने से शुरू हो कर कश्मीरियों के निर्वासन का चित्रण भी होगा। इस फिल्म में कश्मीर की कई प्रतिभाओं को लिया गया है। हालाँकि, फिल्म के नायक रेडियो जॉकी नासर, भोपाल से हैं। मगर, उनकी नायिका सादिया, जम्मू के भद्रवाह की है। इनके अलावा कश्मीर के ज़मीर अशाई, शाहिद गुलफाम और इमरान की फिल्म में अहम् भूमिका है। फिल्म शिकारा के हिन्दू मुस्लिम रोमांस का अंदाजा इसलिए लगाया जा सकता है कि फिल्म की नायिका के एक हिन्दू कश्मीरी लड़की होने का पता चलता है। लेकिन नायक की भूमिका बिलकुल गुप्त रखी गई है। संभव है कि निर्माताओं को विरोध का भय हो। इस फिल्म की ज़्यादातर शूटिंग इस साल मार्च से जम्मू और कश्मीर में की गई है। ख़ास तौर पर शिवपुरा, पटनीटॉप, वेयरहाउस के इलाकों के साथ कश्मीरी पंडितों की सबसे बड़ी शरणार्थी बस्ती नगरोटा में की गई है। जम्मू-कश्मीर के शिड्यूल के बाद, शिकारा की शेष शूटिंग मुंबई में सेट्स पर की जाएगी। फिल्म के निर्माता दावा करते हैं कि फिल्म को बारीक रिसर्च कर लिखा गया है। ख्याल रखा गया है कि इस फिल्म से कश्मीरी पंडितों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचे। विधु विनोद चोपड़ा की बतौर निर्देशक वापसी कराने वाली फिल्म शिकार ८ नवंबर को रिलीज़ होगी।

संजय दत्त की दो फिल्मों की एक कहानी !
हिंदी फिल्मों में सत्तारोहण का दौर चल निकला लगता है।  संजय दत्त की दो फ़िल्में प्रस्थानम और केजीएफ़ चैप्टर २ इस लिहाज़ से ख़ास है। प्रस्थानम, इसी टाइटल के साथ २०१० में प्रदर्शित तेलुगु फिल्म प्रस्थानम की हिंदी रीमेक है।  प्रस्थानम की कहानी गाँव की राजनीति पर केंद्रित पॉलिटिकल एक्शन फिल्म है।  देव कट्टा द्वारा निर्देशित फिल्म की कहानी की शुरुआत में मृत्यु शैया पर लेटा एक स्थानीय नेता, अपनी दो बच्चों की माँ विधवा लड़की से शादी की शर्त पर, अपनी राजनीतिक विरासत एक युवा विरोधी को सौंप देता है। राजनीतिक विरासत पाने वाले भूमिका संजय दत्त कर रहे हैं। अब संजय दत्त असमंजस में है कि वह अपनी राजनीतिक विरासत किसे सौंपे। उसका सौतेला बेटा राजनीतिक समझ वाला है, जबकि सगा बेटा गुस्सैल और अविवेकी। यहीं से शुरू होता है दो भाइयों के साथ साथ परिवार के अंदर का सत्ता युद्ध। प्रस्थानम में, संजय दत्त की भूमिका केंद्रीय है। लेकिन, दूसरी फिल्म कन्नड़ और हिंदी में बनाई जा रही केजीएफ चैप्टर २ में, संजय दत्त खल भूमिका में हैं। अधीरा की उनकी भूमिका इस लिहाज़ से ख़ास है कि अधीरा, अपने बड़े भाई की अंतिम इच्छा  को पूरी करने के लिए सोने की खदानों पर राज करने की अपनी इच्छा अपने भतीजे के लिए छोड़ देता है। लेकिन, क्या इससे सत्ता संघर्ष ख़त्म हो जाएगा ? फिल्म का दिलचस्प हिस्सा यही है। यहाँ बताते चलें कि ३० अगस्त को रिलीज़ हुई फिल्म साहो भी काल्पनिक वाजी सिटी पर अंडरवर्ल्ड के वर्चस्व के लिए खुनी संघर्ष पर फिल्म है। यहाँ एक ख़ास बात यह कि साहो में सत्ता के लिए संघर्ष करने वाले चरित्रों के एक्टर जैकी श्रॉफ और चंकी पांडेय, फिल्म प्रस्थानम में भी संघर्ष में अपनी अपनी भूमिका कर रहे हैं। प्रस्थानम २० सितम्बर को तथा केजीएफ चैप्टर २, दिसंबर में रिलीज़ हो रही है।

पुरस्कार, सम्मान और फ़िल्में  
कमल हासन ने किया वैजयंतीमाला को सम्मानित -पिछले शनिवार, फिल्म अभिनेता कमल हासन ने, ११वे जेऍफ़डब्ल्यू मैगज़ीन अवार्ड्स में गुजरे जमाने की अभिनेत्री और नृत्यांगना वैजयंतीमाला बाली को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। इस मौके पर कमल हासन ने बताया कि वह विश्वरूपम २ के लिए वैजयंतीमाला को लेना चाहते थे। लेकिन, तब तक वह अभिनय छोड़ चुकी थी।
संगीतम चैरिटेबल ट्रस्ट करेगा २० संगीतकारों का सम्मान- संगीतम चैरिटेबल ट्रस्ट पिछले छः सालों से संगीत क्षेत्र से जुडे ज़रूरतमंद कलाकारों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। इस साल भी यह ट्रस्ट सातवें  रेहमतें म्यूजिक कार्यक्रम का २५ सितम्बर को आयोजन कर, उससे होने वाली आय से २० ज़रूरतमंद कलाकारों की मदद करेगा । इस चर्रिटी के लिए शान, पापोन और अंकित तिवारी परफॉर्म करेंगे।
मन्दाकिनी बोरा की छप्पन छुरी राखी सावंत- छप्पन छुरी, गायिका मन्दाकिनी बोरा का आइटम टाइप का गीत होने के बावजूद संदेश देने वाला है । इस गीत का वीडियो राखी सावंत पर फिल्माया गया है । गीत में राखी का साथ मन्दाकिनी ने दिया है । इस म्यूजिक विडियो में मन्दाकिनी और राखी सावंत सेक्सी है, लेकिन अश्लील नहीं । बकौल मन्दाकिनी, इस गीत से ईव टीजिंग रोकने का माहौल बनेगा ।
अंशुमान झा की ब्लैक कॉमेडी- एलएसडी यानि लव सेक्स और धोखा के एक्टर अंशुमान झा, पहली बार लॉर्ड कर्जन की हवेली' निर्देशित करने जा रहे हैं । लॉर्ड कर्जन' की हवेली ब्लैक कॉमेडी थ्रिलर फिल्म है । यह विषय अंशुमन का पसंदीदा है । मुख्य भूमिका में अंशुमन झा की दो फ़िल्में मिडनाइट दिल्ली और  हम हैं अकेले, तुम भी अकेले इस साल के अंत में और अगले साल की शुरु में रिलीज़ होने वाली हैं।
हर्षवर्धन राणे की अपने एक्टिंग गुरु के साथ फिल्म - सनम तेरी कसम से एक्टिंग डेब्यू करने वाले हर्षवर्धन राणे ने सौरभ सचदेवा के बैरी जॉन्स एक्टिंग स्कूल में प्रशिक्षण लिया था । अब हर्षवर्धन बिजॉय नाम्बियार की फिल्म तैश में अपने गुरु सौरभ सचदेवा के साथ स्क्रीन शेयर कर रहे हैं ।

भारतीय सितारों के साथ क्रॉसओवर फ़िल्में


तुषार कपूर की फिल्म गायब, सलमान खान की फिल्म रेडी और श्रीदेवी की वापसी फिल्म मॉम के लेखक कोना वेंकट ने एक कहानी लिखने के बाद तय किया कि वह इसे क्रॉसओवर फिल्म बनाएंगे।निर्माता कोना वेंकट की लिखी इस फिल्म का टाइटल साइलेंस रखा गया है। दक्षिण की भाषाओँ में साइलेंस को निशब्दम टाइटल दिया गया है।  इस फिल्म से अनुष्का शेट्टी और आर माधवन पहली बार जोड़ीदार हैं। हॉरर थ्रिलर साइलेंस का निर्देशन हेमंत मधुकर करेंगे। क्रॉसओवर फिल्म साइलेंस में हॉलीवुड के एक्टर माइकल मेडसन की भूमिका केंद्रीय  है। यह  क्रॉसओवर फिल्म पांच भाषाओँ तमिल, तेलुगु, मलयालम, इंग्लिश और हिंदी में बनाई जा रही है। वहीँ काजल अगरवाल भी इंटरनेशनल होने जा रही हैं। उन्होंने जेफरी गी चिन के द्वारा निर्देशित की जाने वाली फिल्म साइन कर ली है। जेफरी ने पुरस्कार प्राप्त लघु फिल्म लिटिल टोक्यो रिपोर्टर का निर्देशन किया है। काजल अग्रवाल की पहली वास्तविक घटनाक्रम पर एक जोड़े की है, जिनकी ज़िंदगी में एक घटना के बाद, भारी बदलाव हो जाता है। फिल्म के तेलुगु संस्करण में काजल के नायक विष्णु मांचू हैं। निर्माताओं को हिंदी और इंग्लिश वर्शन के लिए अभिनेता की तलाश है।

बॉलीवुड की शुरुआत काइट्स 
दक्षिण की तरह, हिंदी फिल्म उद्योग बॉलीवुड ने भी क्रॉसओवर फ़िल्में बनाने के प्रयास किये हैं। २०१० में, निर्माता राकेश रोशन ने अपनी फिल्म काइट्स के निर्देशन की कमान अनुराग बासु को सौंपी थी। अनुराग बासु, उस समय तक मर्डर, गैंगस्टर और लाइफ इन अ मेट्रो जैसी फिल्मों से मशहूर हो चुके थे। काइट्स अपनी प्रेमिका की तलाश में और पुलिस से भाग रहे युवक जय रे की कहानी थी, जो मेक्सिको के रेगिस्तान में भटक रहा है। इस फिल्म की नायिका मैक्सिको सुंदरी बारबरा मोरी, बॉलीवुड अभिनेता हृथिक रोशन का प्यार थी।  कंगना रनौत इसमें ट्रायंगल बनाने की कोशिश में थी। फिल्म की तमाम शूटिंग मेक्सिको में हुई थी।  हिंदी और इंग्लिश में बनाई  गई काइट्स के इंग्लिश संस्करण को ब्रेट रैटनर ने एडिट किया था। लेकिन, विदेशी दर्शकों के लिए काइट्स द रीमिक्स बुरी तरह से असफल हुई थी।

कैसी होनी चाहिए  क्रॉसओवर फिल्म
हालाँकि, फिल्म के निर्माता राकेश रोशन इसे सही मायनों में क्रॉसओवर फिल्म मानते हैं। लेकिन, यह वास्तव में क्रॉसओवर फिल्मों की परिभाषा पर खरी नहीं उतरती थी। एस एस राजामौली के लिए बाहुबली और सलमान खान के लिए बजरंगी भाईजान जैसी अपीलिंग फ़िल्में लिखने वाले केवी राजेंद्र प्रसाद कहते हैं, "क्रॉसओवर फिल्मों  में संवेगों और दृश्यों का श्रेष्ठ संतुलन होना चाहिए। ऐसी फिल्म सही कथानक के साथ समुचित संवेगों का मिश्रण होनी चाहिए। इस फिल्मों का परदे पर दृश्य प्रभाव ऐसा होना चाहिए ताकि विदेशी दर्शक तक सिनेमाघरों तक पहुंचे।" काइट्स  मापदंडों पर खरी नहीं उतरती थी। इस फिल्म की कहानी बेहद साधारण और बॉलीवुड के दर्शकों के लिहाज़ से भी घिसीपिटी थी और पटकथा उतनी ही लचर। कुछ ऐसी दुर्दशा, विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ब्रोकन हॉर्सेज की भी हुई।  यह फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर (२००८) की सफलता के बाद, दुनिया के  दर्शकों को लुभाने के ख्याल से बनाई गई थी। मगर इस फिल्म का हाल भी काइट्स वाला हुआ। यह फिल्म, मेक्सिको और अमेरिका की सरहद पर फलफूल रहे माफिया दलों और उनके टकराव की कहानी थी। फिल्म में कोई भी हिंदुस्तानी चेहरा नहीं था। इन सब कारणों से ब्रोकन हॉर्सेज असफल हो गई। इस लिहाज़ से, करण जौहर के निर्देशन में बनी शाहरुख़ खान की फिल्म माय नेम इज़ खान को क्रॉसओवर फिल्म कहा जा सकता है, जिसमे ११ सितम्बर को अमेरिका पर आतंकी हमले के बाद मुसलमानों को आतंकी समझे जाने का मामला उठाया गया था. फिल्म मे कमज़ोर दिमाग वाले रिज़वान खान (शाहरुख़ खान) के माध्यम से बताने की कोशिश की गई थी कि हर खान आतंकवादी नहीं होता। इस फिल्म को विदेशो में अच्छी सफलता मिली थी।

आठ दशक लम्बा सफ़र  
कोई ८२ साल पहले, किसी भारतीय एक्टर वाली क्रॉसओवर फिल्मों का सिलसिला ८ फरवरी १९३७ को रिलीज़ ब्रिटिश फिल्म एलीफैंट बॉय से हुआ था। इस फिल्म के पहले भारतीय क्रॉसओवर एक्टर साबू दस्तगीर महावत के बेटे की भूमिका में थे। मैसूर मे जन्मे साबू एक महावत के बेटे थे। उन्हें इस फिल्म से काफी लोकप्रियता मिली। लेकिन, २५ दिसम्बर १९४० को रिलीज़ हॉलीवुड फिल्म द थीफ ऑफ़ बग़दाद को ही सही मायनों में क्रॉसओवर फिल्म माना जाता है।

क्रॉसओवर फिल्मों के कलाकार
भारतीय फिल्म कलाकारों के हॉलीवुड की क्रॉसओवर फ़िल्में करने के आठ दशक लम्बे सफर में साबू दस्तगीर ने जो पहला कदम रखा था, उस पर आज तक कई अभिनेता चल चुके हैं। ऐसे कुछ कलाकारों के बारे में जानना दिलचस्प होगा।

साबू - महावत का बेटा
मैसूर के साबू दस्तगीर ने अपने २७ साल लम्बे फिल्म करियर में लगभग २३ फ़िल्में की। वह हॉलीवुड फिल्मों के जाने-पहचाने भारतीय चेहरे थे। उनकी ज़्यादातर फ़िल्में जंगल पर आधारित थी।  उन्होंने फिल्म द जंगल बुक में मोगली की भूमिका की थी। यह विडम्बना ही है कि किसी भी भारतीय फिल्म निर्माता ने साबू दस्तगीर की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा का फायदा उठाने के लिए कोई भी फिल्म नहीं बनाई।
 
बॉलीवुड के जीनियस आइएस जौहर
साबू के बाद, क्रॉसओवर भारतीय एक्टर के रूप में बॉलीवुड के जीनियस एक्टर माने जाने वाले आइएस जौहर का नाम लिया जाता है। उन्होंने बॉलीवुड में अपनी सफलता के दौर में हैरी ब्लैक एंड द टाइगर और फ्लेम ओवर इंडिया जैसी क्रॉसओवर फ़िल्में स्टीवर्ट ग्रेंजर, लॉरेन बकल और हर्बर्ट लोम के साथ की। लॉरेंस ऑफ़ अरबिया और माया उनकी दूसरी मशहूर क्रॉसओवर फ़िल्में थी।

सिमी : पहली क्रॉसओवर फिल्म एक्ट्रेस
सिमी को, भारत की पहली क्रॉसओवर फिल्म एक्ट्रेस कहा जाना चाहिए। उन्होंने अभिनेता फिरोज खान के साथ जॉन गुइलर्मिन की फिल्म टार्ज़न गोज टू इंडिया (१९६२) में अभिनय किया था। इस फिल्म में फिरोज खान एक राजकुमार की भूमिका में थे और जैक महोनी टार्ज़न बने थे। फिल्म में मुराद, जगदीश राज, आदि कई दूसरे भारतीय एक्टर भी थे।


क्रॉसओवर फिल्मों के शशि कपूर
स्वर्गीय अभिनेता शशि कपूर, मुख्य धारा की फिल्मों के इकलौते सुपरस्टार थे, जिन्होंने सबसे ज्यादा हॉलीवुड फिल्मों के काम किया है। उन्हें उनकी क्रॉसओवर फिल्मों के कारण दुनिया में पहचाना जाता था। कपूर की क्रॉसओवर फिल्मों की शुरुआत फिल्म निर्माता इस्माइल मर्चेंट, निर्देशक जेम्स आइवरी और लेखिका रुथ प्रवर झाबवाला के कारण संभव हुई। शशि कपूर, जिस दौरान बॉलीवुड की मुख्य धारा की फिल्मों में धूम मचा रहे थे, उसी दौरान १९६३ में उन्हें इस्माइल मर्चेंट और जेम्स आइवरी की फिल्म द हाउसहोल्डर में अभिनय का मौका मिला। इस पहली फिल्म ने, शशि कपूर को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दे दी। इसके बाद तो वह शेक्सपियर वाला, अ मैटर ऑफ़ इनोसेंस, बॉम्बे टॉकी, सिद्धार्थ और हीट एंड डस्ट जैसी फिल्मों से क्रॉसओवर फिल्मों के स्टार बन गए। 

इरफ़ान खान की बड़ी सफलता
आज की पीढ़ी के अभिनेताओं में, इरफ़ान खान जितने बॉलीवुड में सफल हैं, उतने ही हॉलीवुड की फिल्मों में भी सफल है। उनकी अंतर्राष्ट्रीय उड़ान २००१ में फिल्म द वारियर से हुई थी। वह अब तक नेमसेक, द दार्जीलिंग लिमिटेड, स्लमडॉग मिलियनेयर, न्यू यॉर्क, आई लव यू, द अमेजिंग स्पाइडर-मैन, लाइफ ऑफ़ पाई, जुरैसिक वर्ल्ड और इन्फर्नो चर्चित और बड़ी फ़िल्में कर चुके हैं।
क्रॉसओवर फिल्मों से रोशन सेठ, सईद मिर्ज़ा तथा अन्य  
टीवी फिल्म और सीरीज करने के बाद, रोशन सेठ के करियर की पहली फिल्म क्रॉसओवर जगरनॉट थी। रोशन सेठ को इस फिल्म में अन्थोनी हॉपकिंस, ओमर शरीफ, रिचर्ड हैरिस जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ अभिनय करने का मौका मिला था। वह रिचर्ड एटेनबरो की फिल्म गाँधी के नेहरू के तौर पर मशहूर हुए। क्रॉसओवर फिल्म द गुरु के सईद जाफ़री को फिल्म द मैन हु वुड बी किंग में जेम्स बांड किरदार करने वाले सीन कोंनेरी, माइकल केन, क्रिस्टोफर प्लमर जैसे सितारों के साथ अभिनय का मौक़ा मिला। लेकिन, उन्हें भारत में पहचान सत्यजीत रे की फिल्म शतरंज के खिलाडी के मिर्ज़ा  की भूमिका में। शबाना अजमी की आजकल चर्चित हो रही क्रॉसओवर फिल्म शीर कोरमा समलैंगिक समुदाय पर केन्द्रित है। ओमपुरी, नसीरुद्दीन शाह, अनुपम खेर, आदि ने अपनी क्रॉसओवर फिल्मों के ज़रिये काफी नाम कमाया है।

ज़रूरत हैं क्रॉसओवर फ़िल्में 
इसमे कोई शक नहीं कि बॉलीवुड फिल्मों का बाज़ार काफी बड़ा है। पडोसी श्रीलंका, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अलावा इंडोनेशिया सहित एशिया के काफी देशों में बॉलीवुड की फिल्मों का बड़ा बाज़ार है। पश्चिम देशों और ऑस्ट्रेलियाई और अमेरिका महाद्वीप के देशों में भी हिंदी फिल्मों को देखा जाता है। यहाँ के भारतीयों ने मिली-जुली संस्कृति अपना रखी है। इनकी विचारधारा पर इन देशों का काफी प्रभाव है। इन देशों के मूल निवासी भी भारतीयों से प्रभावित होते रहते हैं। वह भी हिंदी फ़िल्में देखते रहते हैं। इसलिए, ऎसी फ़िल्में बनाये जाने की ज़रुरत हो, जिनमे कहानी उन देशों में रहने वाले भारतीयों और गैर भारतीयों को भी प्रभावित कर सके। दिल वाले दुल्हनिया ले जायेगे और परदेस जैसी फिल्मों का विषय सार्वभौमिक था। यही कारण है कि इन फिल्मों के ज़रिये शाहरुख़ खान, विदेशों में अपने बड़ी संख्या में प्रशंसक बना पाने में सफल रहे। जब, बॉलीवुड के फिल्म निर्माता भी इसी सोच के साथ फिल्मों की कहानियाँ चुनेंगे तो विदेशी बाज़ार हथियाने में कामयाबी मिलेगी ही। हॉलीवुड ने तो इस दिशा में बड़ी तेज़ी से सोचना शुरू कर रखा है। 

Saturday, 7 September 2019

द स्काई इज़ पिंक की नई तस्वीरें



Friday, 6 September 2019

नवोदय टाइम्स ०६ सितम्बर २०१९





जोरदार वापसी के लिए तैयार Priyanka Chopra


प्रियंका चोपड़ा के प्रशंसकों के लिए बढ़िया खबर है। एक न्यूज़ चैनल की माने तो खबर धमाकेदार है।  धमाकेदार खबर यह है कि प्रियंका चोपड़ा कोई तीन से ज़्यादा फिल्मे साइन कर अपनी धमाकेदार वापसी का ऐलान कर सकती है। सलमान खान की फिल्म भारत को यकायक छोड़ देने, अमेरिकी गायक निक जोनास से शादी के बाद प्रियंका चोपड़ा भारतीय दर्शकों से काफी दूर हो गयी थी। लेकिन, एक से ज़्यादा फिल्मों से वापसी की खबर ने उन्हें फिर सुर्ख़ियों में ला दिया । अब यह बात दीगर है कि खुद चैनल ने इस खबर को अपुष्ट बता कर, अपनी खबर की हवा निकाल दी थी।

सच्चाई का नमक
लेकिन, इस खबर में सच्चाई का नमक तो है ही। प्रियंका चोपड़ा ने, अपने सोशल मीडिया अकाउंट से इस बात का ऐलान किया कि वह नेटफ्लिक्स के लिए एक प्रोजेक्ट की शुरुआत करने जा रही हैं।  अरविन्द अडिगा के उपन्यास द वाइट टाइगर के पटकथा रूपांतरण में प्रियंका चोपड़ा अभिनय करेंगी। यह उपन्यास एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जो चाय बेचते हुए शहर का सबसे अमीर व्यवसाई बन जाता है। इस प्रोजेक्ट में प्रियंका चोपड़ा के साथ अभिनेता राजकुमार राव नज़र आएंगे। प्रियंका चोपड़ा और राजकुमार राव का यह पहला प्रोजेक्ट है।

फिल्म की निर्माता भी
नेटफ्लिक्स के लिए, द वाइट प्रोजेक्ट पर फिल्म का निर्माण मुकुल देओड़ा के साथ प्रियंका चोपड़ा कर रही हैं।  इस फिल्म का निर्देशन ईरानी- अमेरिकी फिल्म निर्देशक और लेखक रामिन बहरानी कर रहे हैं। रामिन की पहचान, २०१८ में एचबीओ के लिए टेलीविज़न फिल्म फ़ारेनहाइट ४५१ से बनी थी।  फ़ारेनहाइट ४५१ की  कहानी भविष्य के अमेरिका के एक फायरमैन पर केंद्रित थी, जिसका काम  सरकार द्वारा रोक दी गई किताबों को आग के हवाले करना है। इस फिल्म को रामिन ने लिखा भी था।

११ अक्टूबर को स्काई इज पिंक

प्रियंका चोपड़ा की एक फिल्म द स्काई इज पिंक ११ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है।  शोनाली बोस निर्देशित इस फिल्म में वह फरहान अख्तर और ज़ायरा वसीम के साथ हैं।  उनके इंटरनेशनल प्रोजेक्ट में मिंडी कालिंग के साथ अभिनय करने की खबर पुख्ता है। प्रियंका चोपड़ा इस समय को एक दर्जन क्षेत्रीय फिल्मों का निर्माण भी कर रही हैं।




छः भाषाओं में रिलीज़ होगी Terminator Dark Fate


टर्मिनेटर सीरीज की छठी फिल्म डार्क फेट१ नवम्बर २०१९ को भारतीय दर्शकों के सामने होगी। निर्माता जेम्स कैमरून की टिम मिलर निर्देशित इस फिल्म में एक बार फिर अर्नाल्ड स्वार्ज़ेनेगर और लिंडा हैमिलटन की जोड़ी की वापसी हो रही है। लिंडा हैमिलटन और अर्नाल्ड स्वार्ज़ेनेगर की जोड़ी ने ही टर्मिनेटर सीरीज की शुरुआत की थी। लिंडा के सारा कोनोर के किरदार को टर्मिनेटर साल्वेशन में मार डाला गया था।

टर्मिनेटर सीरीज की पांच फ़िल्में
टर्मिनेटर सीरीज की पहली फिल्म टर्मिनेटर १९८४ में प्रदर्शित हुई थी। इस सीरीज की दूसरी फिल्म जजमेंट डे३ जुलाई १९९१ को प्रदर्शित हुई थी। इन दोनों ही फिल्मों का निर्देशन जेम्स कैमरून ने किया था। इस फिल्म के बादजेम्स कैमरून ने किसी टर्मिनेटर फिल्म का निर्देशन नहीं किया। टर्मिनेटर सीरीज की बाद की तीन फिल्मों का निर्देशन तीन अलग अलग निर्देशकों ने किया था। अब डार्क फेट के लिएडेडपूल (२०१६) के निर्देशक टिम मिलर को यह जिम्मा सौंपा गया है।

जजमेंट डे की सीक्वल डार्क फेट  
जजमेंट डे के बाद तीन टर्मिनेटर फ़िल्में राइज ऑफ़ द मशीन्सटर्मिनेटर साल्वेशन और जेनिसिस  रिलीज़ हुई है। लेकिनडार्क फेट की कहानीजजमेंट डे से जुड़ी है। डार्क फेट की शुरुआत साईबोर्ग ग्रेस (मैकेंज़ी डेविस) से होती है। लिंडा हैमिलटन का किरदार सारा कोनोर उसे अपनी कहानी सुनाती है कि कैसे उसने जजमेंट डे का भविष्य बदल करतीन सौ करोड़ जिंदगियों की जान बचाई थी। अब ग्रेस को भविष्य से वापस जाकर परिष्कृत टर्मिनेटर प्रोटोटाइप के लिए डेनियल ‘डैनी’ रामोस को बचाना है।

डार्क फेट की तिकड़ी
डार्क फेट में लिंडा हैमिलटन, अर्नाल्ड अर्नाल्ड स्वार्ज़ेनेगर और मैकेंज़ी डेविस की तिकड़ी के अलावा नतालिया रेयेस, गेब्रियल लूनाडिएगो बोनेटाआदि भी नज़र आयेंगे। टिम मिलर निर्देशित डार्क फेट को डेविड एस गोएर. जस्टिन रोड्स और बिली रे ने लिखा है। 

छः भाषाओं में डार्क फेट
टर्मिनेटर फ्रैंचाइज़ी की फिल्मों की भारतीय दर्शकों के बीच लोकप्रियता को देखते हुए, इस सीरीज की छठी फिल्म टर्मिनेटर डार्क फेट को भारत में छः भाषाओं इंग्लिश, हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़
और मलयालम में रिलीज़ किया जा रहा है। १ नवंबर को, नील नितिन मुकेश की हिंदी फिल्म बाईपास भी प्रदर्शित हो रही है । 

दिलचस्प फिल्मों की Tabu


तब्बू आजकल, मीरा नायर की, विक्रम सेठ के उपन्यास द सूटेबल बॉय पर बीबीसी के लिए सीरीज  की शूटिंग कर रही है। इस फिल्म में वह एक तवायफ सईदा बाई की भूमिका कर रही है। सईदा बाई से, एक अमीर कपूर खानदान का बेटा मान (ईशान खट्टर) मोहब्बत करने लगता है। फिल्म में तब्बू का सईदा बाई का किरदार बड़ा दिलचस्प है। तब्बू किसी फिल्म को मंजूरी ही तभी देती है, जब कोई स्क्रिप्ट उन्हें बाँध लेती है, किरदार उन्हें दिलचस्प लगता है। 

तेलुगु इंडस्ट्री में वापसी
तभी तो वह ११ साल बाद तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में वापसी कर रही है। यह तेलुगु फिल्म तेलुगु सुपर स्टार अल्लू अर्जुन की त्रिविक्रम श्रीनिवास निर्देशित १९वी फिल्म आला वैकुण्ठपुरमलो है। यह, एक्शन और रोमांस से भरपूर मनोरंजक मसाला फिल्म है। इस फिल्म में पूजा हेगड़े और निवेथा पेठुराज के साथ तब्बू को शामिल किया गया है।

धाकड़ कंगना रानौत के साथ तब्बू
सोहेल मकलाई की फिल्म धाकड़ में कंगना रानौत के साथ तब्बू भी है। कंगना की मुख्य भूमिका वाली एक्शन फिल्म में तब्बू की भूमिका अभी साफ़ नहीं है । लेकिनइतना ज़रूर बताया गया है कि यह भूमिका समान्तर होगी । तब्बू और कंगना रानौतअभिनय के मामले में बेजोड़ हैं । इन दोनों को अभिनय का पावर हाउस माना जाता है । अब देखने वाली बात होगी कि अपने दोनों हाथों से आटोमेटिक गन सम्हाले कंगना रानौत के साथ तब्बू किस प्रकार के एक्शन में साझीदार होती  हैं !

सैफ के साथ जवानी जानेमन 
इस साल तब्बू, दे दे प्यार दे में अजय देवगन के साथ तथा भारत में सलमान खान के साथ नज़र आ चुकी है। अब वह २९ नवम्बर को सैफ अली खान के साथ फिल्म जवानी जानेमन में बीस साल बाद नज़र आने वाली है। इन दोनों ने, तू चोर मैं सिपाही, बीवी नंबर १ और हम साथ साथ है में साथ काम किया था। जवानी जानेमन एक पिता पुत्री के संबंधों की दिलचस्प कहानी है। 

नेता से अभिनेता बने पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद की ‘किरकेट'


क्रिकेटर से राजनेता बने कीर्ति आज़ाद अब अभिनेता भी बन गए हैं। उनके अभिनय वाली और उनकी आत्मकथा फिल्म किरकेट अब पूरी हो गई है। पिछले दिनों, इस फिल्म के दो पोस्टर जारी किए गए । लाल गमछे बंधे क्रिकेट बैट वाले में पोस्टर में अंग्रेजी में किरकेट और हिंदी में बिहार के अपमान से सम्मान तक लिखा हुआ है । बैट के ब्लेड पर पॉलिटिक्स, दलित, बिहारी, करप्शन, आदि आदि शब्द हिंदी अंग्रेजी में लिखे नज़र आते हैं। दूसरे पोस्टर में स्वयं कीर्ति आज़ाद छाये हुए हैं।

चार साल पहले ‘किरकेट’ !
उस समय बीजेपी के निलंबित सांसद कीर्ति आज़ाद ने, २०१५ में, इस फिल्म का ऐलान किया था।  उस समय फिल्म को दो हिस्सों किरकेट १ और किरकेट २ में बनाये जाने की योजना थी। उस समय, कीर्ति आज़ाद ने फिल्म में खुद अभिनय करने के अलावा फिल्म के बिहार क्रिकेट, क्रिकेट में भ्रष्टाचार और दुर्दशा का मामला उठाने वाली फिल्म बताया था। दो हिस्सों में बनाई जाने वाली इन फिल्मों को फरवरी २०१७ में एक के बाद एक प्रदर्शित होना था। लेकिन, २०१५ के ऐलान के बाद, किरकेट की रफ़्तार धीमी पड़ गई।

पूरी हुई किरकेट !
अब, चार साल बाद, किरकेट के पोस्टर से फिल्म के पूरी होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस फिल्म का निर्देशन योगेन्द्र सिंह ने किया है। योगेन्द्र सिंह की पहचान सनी देओल अभिनीत एक्शन फिल्म घायल वन्स अगेन से बनी थी। इस फिल्म की पटकथा एकता कपूर के कई सीरियल लिखने वाले विशाल विजय कुमार ने लिखी है। विशाल और योगेन्द्र का साथ घायल वन्स अगेन में भी बना था।

क्या क्रिकेट के नाम पर राजनीति ?
२०१९ के लोकसभा चुनाव में बुरी तरह से पराजित हो जाने वाले कीर्ति आज़ाद ने क्या अपनी फिल्म में खालिस क्रिकेट को मुद्दा बनाया होगा ? क्या उनकी क्रिकेट के ज़रिये धुंआधार राजनीतिक पारी खेलने की योजना है ? क्या उनकी निगाहें बिहार के आगामी विधान सभा चुनाव पर टिकी हुई है ?तभी तो उन्होंने बिहार की अस्मिता का सवाल क्रिकेट बैट के ज़रिये उठाया है। निशाने पर अरुण जेटली को सकते हैं।