Monday 20 April 2015

रिलीज़ हुआ 'कागज़ के फूल्स' का संगीत

ग्लोब फ़िल्मी एंटरटेनमेंट बैनर की फिल्म 'कागज़ के फूल्स' का ऑडियो कल रिलीज़ हुआ।  फैसल कापड़ी की इस फिल्म में विनय पाठक और मुग्धा गोडसे मुख्य भूमिका में हैं।  फिल्म के निर्देशक अनिल कुमार चौधरी ने फिल्म के बारे में  मीडिया के लोगों को बताया।  पीवीआर द्वारा २४ अप्रैल को रिलीज़ होने जा रही 'कागज़ के फूल्स' के संगीत रिलीज़ पर विनय पाठक और मुग्धा गोडसे के अलावा कई फिल्म हस्तियां मौजूद थी।

Sunday 19 April 2015

अब तीसरी 'बच्चनों' की 'सरकार' !

खबर चौंकाने वाली है।  रामगोपाल वर्मा की बॉलीवुड में वापसी किसी रियल लाइफ करैक्टर को रील लाइफ में उतार कर नहीं होगी।  बल्कि, वह अपनी एक हिट फ्रैंचाइज़ी फिल्म 'सरकार' की तीसरी कड़ी बनाने जा रहे हैं।  बॉलीवुड सूत्रों की खबर यह है कि  रामगोपाल वर्मा ने 'सरकार ३' की स्क्रिप्टिंग तो नहीं पूरी की है, लेकिन बेसिक आईडिया तय कर लिया है।  इस फिल्म का नाम 'सरकार रिटर्न्स' होगा।  फिल्म के लीड एक्टर्स भी तय कर लिए गए हैं।  'सरकार' और 'सरकार राज' की तरह 'सरकार रिटर्न्स' में भी बाप-बेटा बच्चन यानि अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन होंगे।  इन दोनों से रामगोपाल वर्मा ने काफी कुछ फाइनल भी कर लिया है।  फिल्म की कहानी का अभी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन यह तो तय है कि कहानी वही बाल ठाकरे वाली नहीं होगी।  क्योंकि, रील लाइफ में अमिताभ बच्चन के रियल ठाकरे का किरदार 'सरकार राज' में मारा जा चुका था।  वर्मा उसे आईसीयू में ले जाकर ज़िंदा करने से तो रहे। कहानी गैंगस्टर हो सकती है या पोलिटिकल भी। वैसे पाठकों के मन में यह सवाल पैदा हो रहा होगा कि 'सरकार रिटर्न्स' में तीसरी बच्चन ऐश्वर्या राय बच्चन होंगी या नहीं ! ऐश्वर्या राय ने 'सरकार राज' में अभिषेक के अपोजिट ख़ास भूमिका की थी।  फिलहाल, तीसरे बच्चन के होने की कोई खबर नहीं है।



Saturday 18 April 2015

'फ्यूरियस ७' के फ़ास्ट वन बिलियन !

एक्सीडेंट में मौत के बाद रिलीज़ हॉलीवुड अभिनेता पॉल वॉकर के साथ विन डीजल, ड्वेन जॉनसन, मिशेल रोड्रिगुएज़, जोर्डाना ब्रूस्टर, टायर्स गिब्सन,  जैसन स्टेथम और लुडक्रिस  की फिल्म 'फ्यूरियस ७' ने वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर   कलेक्शन के पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।  इस फिल्म ने सबसे तेज़ वन बिलियन डॉलर का  कलेक्शन करने का नया रिकॉर्ड बना दिया है।  'फ्यूरियस ७' ने केवल १७ दिनों में एक बिलियन डॉलर की कमाई कर ली।  अब तक सबसे तेज़ वन बिलियन डॉलर कमाने का कीर्तिमान 'द अवेंजर्स', 'अवतार' और हैरी पॉटर एंड द  डेथली हालौज पार्ट २ के नाम था।  इन फिल्मों ने १९ दिनों में सबसे तेज़ एक बिलियन डॉलर का कलेक्शन किया था। यूनिवर्सल स्टूडियोज की यह पहली फिल्म  हैं, जिसने फर्स्ट रन में ही एक बिलियन का आंकड़ा छूआ।  इससे पहले यूनिवर्सल की १९९३ में रिलीज़ फिल्म जुरैसिक पार्क ने १ बिलियन डॉलर का कलेक्शन फिल्म के ३डी संस्करण के २०१३ में री-रिलीज़ होने पर किया था । अब फ़ास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की फ़िल्में वर्ल्डवाइड ३ बिलियन से ज़्यादा की कमाई कर चुकी है। अब तक सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली हॉलीवुड फिल्मों में 'फ्यूरियस ७' का ओपनिंग कलेक्शन हैरी पॉटर एंड द डेथली हालोज पार्ट २ के बाद दूसरे  नंबर का है।  इस फिल्म का घरेलु बाजार में १४७.२ मिलियन डॉलर तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में २५० मिलियन की ओपनिंग कलेक्शन यूनिवर्सल के इतिहास का सबसे ज़्यादा  ओपनिंग कलेक्शन है।





अल्पना कांडपाल

'बाजीराव- मस्तानी' में होगा प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण का जुगलबंदी डांस

अब तय हो गया है कि  बाजीराव मस्तानी में प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण का जुगलबंदी डांस होगा। यह डांस, संजयलीला भंसाली की परंपरा में ठेठ 'देवदास' का 'डोला रे डोला' डांस जैसा होगा, जिसे फिल्म की पारो और चंद्रमुखी यानि  ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित पर फिल्माया गया था।  सूत्र बताते हैं कि 'बाजीराव मस्तानी' का डांस भी कुछ वैसा ही होगा।  हालाँकि, दो दिन पहले यह खबर थी कि दीपिका और प्रियंका के बीच शायद ऐसा कोई डांस मुक़ाबला नहीं होगा।  कोई पांच दिन पहले प्रियंका चोपड़ा पर एक सोलो सांग की शूटिंग शुरू हुई थी।  इस गीत की कोरियोग्राफी पोनी वर्मा ने की है।  यह दूसरा मौका है, जब प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण और संजयलीला भंसाली का तिगड्डा साथ है।  इन लोगों ने फिल्म 'गोलियों की रासलीला : राम-लीला' में पहली बार साथ काम किया था। संजयलीला भंसाली की फिल्म राम-लीला की लीला दीपिका पादुकोण थी।  प्रियंका चोपड़ा एक आइटम 'राम चाहे लीला लीला चाहे राम' में नज़र आई थी। काफी उत्तेजक डांस नंबर था यह।  फिल्म के लिए खाद पानी का काम करने वाला। इस बार तो दीपिका पादुकोण बाजीराव की मस्तानी बनी हैं। मस्तानी एक नर्तकी है।  जिस पर बाजीराव का दिल आ जाता है। जबकि प्रियंका चोपड़ा ने बाजीराव की पत्नी काशीबाई की भूमिका की है।  इसका मतलब यह है कि बाजीराव मस्तानी के डुएट डांस का मकसद पत्नी के हक़ को जताना और प्यार का महत्व बताना ही होगा। संजयलीला भंसाली की फिल्मों में नृत्य गीत ख़ास होते हैं।  'राम-लीला' में संजय ने इसे पुख्ता किया था। इमोशन उभरने और ड्रामा क्रिएट करने में यह डांस ख़ास होते हों। जब इन गीतों को दो बड़ी अभिनेत्रियां कर रही होती है तो इन गीतों के कारण बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का दर्शक बढ़ जाता है। इसीलिए अब भंसाली एक बार फिर दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा के सेंसेशनल डांस नंबर के साथ आ रहे हैं। इस गीत को संजयलीला भंसाली ने ही संगीतबद्ध किया है।  कोरियोग्राफी किसकी होगी, जल्द ही पता चल जायेगा। निश्चित रूप से दर्शकों का दिल अभी से 'डोला रे डोला' हो रहा होगा ! 'बाजीराव- मस्तानी' की शूटिंग अगस्त या सितम्बर तक ख़त्म हो जाएगी।  इसके बाद फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन का काम शुरू होगा, ताकि फिल्म को दिसंबर में रिलीज़ किया जा सके।


अल्पना कांडपाल

अब 'गब्बर' लौटा है करप्शन की लड़ाई लड़ने

लीजिये साहब ! गब्बर फिर लौट आया है।  यह गब्बर १९७५ की 'शोले' का  डाकू गब्बर नहीं, जिसके नाम से पचास पचास कोस दूर के बच्चे डराए जाते थे।  यह गब्बर करप्शन से लड़ने वाला आम आदमी है।  वह जब आता है रिश्वतखोर घूस लेना बंद कर देते हैं।  ज़ाहिर है कि जब गब्बर १ मई को देश के सिनेमाघरों में आएगा भारत से करप्शन का नाम ओ निशान मिट जायेगा।  क्या होगा ! यह तो पता नहीं।  लेकिन, निर्देशक कृष और  निर्माता संजयलीला भंसाली की अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म 'गब्बर इज़ बैक' के प्रचार से तो ऐसा ही लगता है कि हिंदुस्तान से भ्रष्टाचार का खात्मा होने वाला है।  क्या निर्देशक कृष की फिल्म भ्रष्टाचार को नंगा कर देगी ? क्या अक्षय कुमार ऐसा करैक्टर दे सकेंगे जो दर्शकों को उनके साथ भ्रष्टाचार से सचमुच लड़ने का विश्वास दिल सके ? क्या दर्शक 'गब्बर इज़ बैक' के गब्बर की करप्शन के विरुद्ध लड़ाई से दर्शक इतना एकजुट हो सकेंगे कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हो ?
बॉलीवुड में करप्शन से लड़ने वाला आम आदमी किरदार साउथ फिल्मों की देन लगता है। हालाँकि, गोविन्द निहलानी ने अपनी फिल्म 'आक्रोश' में एक पुलिस अधिकारी द्वारा भ्रष्ट नेता की हत्या करने का क्रन्तिकारी कथानक दर्शाया था।  हीरो की इस एकल लड़ाई में यह घटनाक्रम बॉलीवुड के लिहाज़ से क्रन्तिकारी था, क्योंकि उससे पहले तक नेताओं पर उंगली उठाना टैबू था। इस फिल्म के बाद कई फ़िल्में ऐसे ही कथानकों पर बनी। निर्देशक शंकर ने २००१ में अनिल कपूर को करप्शन से लड़ने वाला नायक बना कर फिल्म 'नायक : द रियल हीरो' फिल्म बना इसे आम आदमी की लड़ाई बताने की कोशिश की थी।  इसके बाद काफी फ़िल्में नायक के करप्शन से लड़ाई पर रिलीज़ हुई।  यहाँ तक कि  पिछले साल सलमान खान भी 'जय हो' का नारा लगाते हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध आम आदमी की लड़ाई में कूद पड़े थे।  कैसे थे यह किरदार ! किस हद तक और किस प्रकार भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ रहे थे बॉलीवुड के आम आदमी ? कितना और क्यों जुड़ सका इन फिल्मों से दर्शक? आइये जानने की कोशिश करते हैं कुछ फिल्मों के ज़रिये -
क्रांतिवीर (१९९४)- मेहुल कुमार की फिल्म 'क्रांतिवीर' का एक बेरोजगार युवा अन्याय के विरुद्ध लड़ने के लिए कानून अपने हाथ में ले लेता है।  मेहुल कुमार ने अपनी फिल्म के ज़रिये आम आदमी से भ्रष्टाचार के विरुद्ध एकजुट होने की ज़रुरत बताई थी।  लेकिन, नाना पाटेकर, डिंपल कपाड़िया, अतुल अग्निहोत्री, ममता कुलकर्णी और डैनी डैंग्जोप्पा की 'क्रांतिवीर' मुख्य किरदारों के लाउड अभिनय का शिकार हो गई।  
शूल (१९९९)- रामगोपाल वर्मा और नितिन मनमोहन की निर्माता जोड़ी की इ निवास निर्देशित फिल्म 'शूल' का पुलिस अधिकारी नायक बिहार के मोतिहारी जिले में बाहुबली नेता के भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपनी लड़ाई को विधान सभा तक ले जाता है।  इस फिल्म में मनोज बाजपेई का किरदार विधान सभा में भ्रष्ट नेता की हत्या कर देता है।  'शूल' की सफलता इसकी भ्रष्टाचार की लड़ाई से ज़्यादा शिल्पा शेट्टी के आइटम के कारण ज़्यादा  थी।
नायक : द रियल हीरो (२००१)- इस फिल्म का आम आदमी अनिल कपूर एक पत्रकार था।  जो अमरीश पूरी का इंटरव्यू लेने के दौरान एक  दिन का चीफ मिनिस्टर बनने और भ्रष्टाचार ख़त्म करने की चुनौती स्वीकार करता है।  शंकर की ही १९९९ में रिलीज़ तमिल फिल्म 'मुधलवन' की रीमेक फिल्म 'नायक' में जब अनिल कपूर एक टाइपराइटर साथ लेकर भ्रष्ट लोगों को ससपेंड करते चलते हैं तो सिनेमाघर तालियों से गूँज उठता था।  भ्रष्टाचार से परेशान दर्शकों को यह दृश्य भले लग रहे थे।  लेकिन, इन थोड़े दृश्यों के बाद शंकर लीक पर आ गए।  फिल्म में अनिल कपूर और रानी मुख़र्जी का रोमांस ख़ास हो गया।  फिल्म के क्लाइमेक्स में बारिश में कीचड से सने अनिल कपूर का अमरीश पूरी और उनके गुंडों की धुलाई करना फिल्म को साधारण मसाला फिल्म बना रहे थे ।  यही कारण था कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत से कम बिज़नेस ही कर सकी।
गंगाजल (२००३)- प्रकाश झा की फिल्म 'गंगाजल' में पुलिस, पुलिस में भ्रष्टाचार, बाहुबली नेता, कैदियों की आँख में तेज़ाब डाल कर अँधा बनाने का मशहूर कांड था।  कुल मिला कर अजय देवगन, ग्रेसी सिंह और मुकेश तिवारी की यह फिल्म दर्शकों द्वारा पसंद की गई।  लेकिन, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का सन्देश देने में नाकामयाब हुई।  
युवा (२००४)- मणि रत्नम की फिल्म 'युवा' सामान्य भ्रष्टाचार के बजाय राजनीति  में भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए युवाओं के जुड़ने की कहानी थी।  इस फिल्म में अजय देवगन, करीना कपूर, रानी मुख़र्जी, अभिषेक बच्चन, विवेक ओबेरॉय, एषा देओल और सोनू सूद जैसे सितारों की भीड़ थी।  काफी फ़्लैश बैक दृश्यों और उप कथाओं के कारण 'युवा' काफी उलझी फिल्म बन गई थी।
रंग दे बसंती (२००६)- निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा की युवा दोस्तों की अपने एक दोस्त के मिग दुर्घटना में मारे जाने के बाद नाराज़ हो कर व्यवस्था से जुड़े नेताओं, ऑफिसर्स और अन्य लोगों को जान से मार देने की कहानी थी।  इस फिल्म को इमोशन के लिए भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की हिंसा से जोड़ दिया गया था।  लेकिन, यह फिल्म भ्रष्टाचार से ज़्यादा आमिर खान, माधवन, सोहा अली खान, कुणाल कपूर, शरमन जोशी, आदि की भारी भरकम स्टारकास्ट और मधुर संगीत के कारण दर्शकों को खींच पाने में सफल हुई।  
सिंह साहब द ग्रेट (२०१३)- अनिल शर्मा निर्देशित और सनी देओल के सरदार किरदार वाली यह फिल्म भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा तो खोलती थी, लेकिन, ठेठ सनी देओल और अनिल शर्मा स्टाइल में।  कलेक्टर बने सनी देओल घटनाक्रम से विवश हो कर खुद कानून हाथ में ले बैठते  हैं।  एक्शन से सनी इस फिल्म से दर्शक करप्शन से लड़ाई के बजाय सनी देओल की लड़ाई के कारण ही इतना जुड़े की फिल्म अपनी लागत निकाल सकी।
सत्याग्रह (२०१३)- निर्देशक प्रकाश झा ने अपनी फिल्म 'सत्याग्रह' में गांधीवादी तरीके से अनशन और धरना प्रदर्शन के ज़रिये भ्रष्टाचार से लड़ने की कहानी पेश की थी।  अमिताभ बच्चन एक गांधीवादी बने थे।  इस किरदार को अन्ना हज़ारे से प्रेरित भी जताया गया।  लेकिन, यह फिल्म भी क्लाइमेक्स में पूरी तरह से बिखर गई।  वैसे ही अमिताभ बच्चन के अलावा अजय देवगन, करीना कपूर, अर्जुन रामपाल, मनोज बाजपेई और अमृता राव जैसी भारी भरकम स्टार कास्ट को जोड़ने के लिए बनाई गई उप कथाओं ने फिल्म का प्रभाव ख़त्म कर दिया था।
जय हो (२०१४)- निर्देशक सोहैल खान की दिलीप शुक्ल की कहानी पर फिल्म 'जय हो' आम आदमी को करप्शन के खिलाफ संदेशा देने में नाकाम हुई थी।  फिल्म में ढेरों सितारों की भीड़ और अनावश्यक भावुक प्रसंगो के कारण सलमान खान के बावजूद दर्शकों को इतना आकर्षित नहीं कर पाई थी कि  हिट फिल्म का दर्ज़ा पाती।  
फग्ली (२०१४)- कबीर सदानंद की फिल्म 'फग्ली' युवा केंद्रित थी।  इसमे एक युवा व्यवस्था को एक्सपोज़ करने के लिए दिल्ली के इंडिया गेट पर आत्मदाह कर लेता है। जिमी शेरगिल के साथ नए चेहरों मोहित मारवाह, किआरा अडवाणी, विजेंदर सिंह और आरफ़ी लाम्बा की यह फिल्म प्रभाव छोड़ने में नाकामयाब होती थी।
देखा जाए तो बॉलीवुड की शुरूआती फिल्मों में व्यवस्था से जुड़ा नायक ही व्यवस्था के विरुद्ध अपनी लड़ाई लड़ता है।  यह अमिताभ बच्चन के एंग्रीयंग मैन का विस्तार ही था।  इसीलिए, पुलिस व्यवस्था से जुड़े नायक वाली शूल, गंगाजल, सिंह साहब द ग्रेट', आदि फ़िल्में रिलीज़ हुई।  आम आदमी और युवाओं से जुड़ने का प्रयास जय हो, सत्याग्रह, रंग दे बसंती, युवा, आदि फिल्मों में किया गया।  लेकिन, यह आम आदमी संघर्ष कथा नहीं बन सकी।  बॉलीवुड स्टार एक्टर्स की इमेज भी किरदारों पर भारी पड़ी। अब देखने वाली बात होगी कि  अक्षय कुमार 'गब्बर इज़ बैक' से कैसे और कितना आम आदमी को जोड़ पाते हैं !

अल्पना कांडपाल

'बाजीराव-मस्तानी' से पिछड़े 'दिलवाले'

आज की तारीख में इस बार के क्रिसमस वीकेंड पर 'बाजीराव- मस्तानी' और 'दिलवाले' का टकराव होगा।  'दिलवाले' रोमांस के शहंशाह शाहरुख़ खान के साथ एक्शन- कॉमेडी फिल्मों के उस्ताद रोहित शेट्टी की फिल्म है।  इस फिल्म से लम्बे समय बाद बॉक्स ऑफिस पर शाहरुख़ खान और काजोल की हिट जोड़ी की वापसी हो रही हैं।  'बाजीराव-मस्तानी' रोमांस फिल्मों के चिेतेरे संजयलीला भंसाली की ऑन रील- ऑफ रील गर्मागर्म रोमांस बरसाने वाली दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की जोड़ी की ऐतिहासिक रोमांस फिल्म है।  हिंदी फिल्मों के दर्शक क्रिसमस वीकेंड में इन दोनों ही फिल्मों को देखना चाहेंगे।  काजोल-शाहरुख़ खान जोड़ी ने बाज़ीगर, करण -अर्जुन, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे,  कुछ कुछ होता है, कभी ख़ुशी कभी गम और माय नेम इज़ खान जैसी हिट फ़िल्में दी हैं।  चेन्नई एक्सप्रेस के बाद शाहरुख़ खान दूसरी बार रोहित शेट्टी के साथ हैं।  ज़ाहिर है कि दर्शक दो सफल जोड़ियों को एक साथ देखना चाहेगा।  लेकिन, 'बाजीराव मस्तानी' का भी दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार है।  'गोलियों की रासलीला :राम-लीला" के बाद संजयलीला भंसाली, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा की चौकड़ी साथ आ रही है।  'राम-लीला' ने सौ करोड़ का कलेक्शन किया था।  रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की जोड़ी गर्मागर्म रोमांटिक साबित हुई थी।  इस लिहाज़ से दर्शक सस्पेंस में होंगे- किसे देखे किसे नहीं! दोनों देखें तो पहले किसे देखे! यहाँ बताते चले कि  कभी शाहरुख़ खान संजयलीला भंसाली के चहीते स्टार थे।  दोनों ने 'देवदास' जैसी हिट फिल्म दी है।  लेकिन, २००७ में शाहरुख़ खान ने रणबीर कपूर और सोनम कपूर की जोड़ी की डेब्यू फिल्म 'सांवरिया' के सामने फरहा खान निर्देशित दीपिका पादुकोण और खुद की जोड़ी वाली फिल्म 'ओम शांति ओम' को  ला खड़ा कर 'सांवरिया' को भारी नुक्सान पहुंचाया था।  खान ने इस बार भी कुछ ऐसा ही किया है।  'दिलवाले' से पहले २५ दिसंबर को दीपिका पादुकोण की रणबीर कपूर के साथ फिल्म तमाशा के सामने दीपिका पादुकोण की फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' का टकराव होना था।  कुछ कारणों से तमाशा की रिलीज़ शिफ्ट कर दी गई।  ऐसे में 'बाजीराव मस्तानी' सोलो रिलीज़ फिल्म रह गई थी।  लेकिन, शाहरुख़ खान द्वारा 'दिलवाले' की तारीख २५ दिसंबर तय कर देने से, इसे शाहरुख़ खान द्वारा एक बार फिर भंसाली को चुनौती देना माना जा रहा है।  ऐसा समझ जा रहा था कि  शायद भंसाली 'दिलवाले' को सामने देख कर 'बाजीराव-मस्तानी' को किसी दूसरी तारीख के लिए शिफ्ट कर देंगे।  लेकिन,  भंसाली ने खान की चुनौती स्वीेकार करने का मन बना लिया है।  इसलिए, 'दिलवाले' और 'बाजीराव मस्तानी' एक ही दिन रिलीज़ हो रही है।  ऐसे में दर्शक किस फिल्म को देखना चाहेंगे ? शाहरुख़ खान की फिल्म या भंसाली की फिल्म।  एक वेबसाइट द्वारा कराये गए सर्वे के परिणाम दिलचस्प है।  आज की तारीख में २५ दिसंबर को ५२.५ प्रतिशत दर्शक 'बाजीराव मस्तानी' को देखने जायेंगे।  शाहरुख़ खान की फिल्म 'दिलवाले' को ४७.५ प्रतिशत दर्शक मिले हैं। ज़ाहिर है कि शाहरुख़ खान और काजोल की पुरानी मैच्योर जोड़ी के बजाय दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की युवा जोड़ी को ज़्यादा दर्शक मिले।  यूथ फैक्टर यहाँ काम कर गया है। अब सब कुछ डिपेंड करेगा पब्लिसिटी पर।  क्या शाहरुख़ खान, काजोल और रोहित शेट्टी की तिकड़ी आक्रामक प्रचार के ज़रिये युवा दर्शकों पर अपनी बढ़त बना पाएगी? लेकिन, ऐसा तो 'बाजीराव मस्तानी' के रोमांस से लबरेज़ दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह ज़्यादा प्रभावी ढंग से कर सकते हैं। अब देखने की बात होगी कि बाजीराव मस्तानी और दिलवाले के सिनेमाघरों में से किसके सिनेमाघर ज़्यादा हाउसफुल बोर्ड टांग पाते हैं !



अल्पना कांडपाल

टीवी सीरीज बनेगी हॉलीवुड फिल्म

चैनल एफएक्स पर १५ मई से बीबीसी की मशहूर विज्ञानं फंतासी सीरीज 'डॉक्टर हु' शुरू होने जा रही है। बीबीसी ने यह सीरीज १९६३ में टेलीकास्ट की थी।  यह सीरीज समय और काल से परे एक डॉक्टर की एडवेंचर कहानी है।   उसे टाइम लार्ड कहा जाता है।  वह समय के साथ चलने और चेहरे बदल लेने वाला ह्यूमनऑइड है।  वह अपने स्पेस शिप टार्डिस से यूनिवर्स में खोज करता फिरता है।  इस सीरीज को ज़बरदस्त सफलता मिली।  यह सीरीज १९६३ से १९८९ तक लगातार चलती रही।  १९९६ में इसे टीवी फिल्म के रूप में परिवर्तित कर दिखाया गया। इस सीरीज में समय समय पर १३ एक्टर डॉक्टर हु का किरदार कर चुके हैं। इस कहानी को इस प्रकार लिखा गया है कि डॉक्टर हु का पुनर्जन्म होता रहता है। इस समय यह सीरीज २०१४ से डॉक्टर हु एक्स्ट्रा टाइटल के साथ दिखाई जा रही है। डॉक्टर हु के प्रशंसकों के लिए खुशखबरी यह है कि  इस ब्रितानी टीवी सीरीज को हॉलीवुड फिल्म के तौर पर बनाया जायेगा।  सीरीज के प्रशंसक यह अंदाज़ा लगा सकते हैं कि डॉक्टर हु का किरदार कौन एक्टर करेगा! इस करैक्टर के लिए किन किन अभिनेताओं के बीच प्रतिस्पर्द्धा होगी।  इस अनुमान के बीच हिंदुस्तान एक दर्शक एफएक्स इंडिया चैनल पर डॉक्टर हु का मज़ा सोमवार से शुक्रवार रात नौ बजे ले सकते हैं।


प्रियंका चोपड़ा ने कहा - होल्ड में है 'मैडमजी'

काफी समय से यह चर्चा थी कि  मधुर भंडारकर और प्रियंका चोपड़ा मिल कर एक फिल्म 'मैडमजी' बनाने जा रहे हैं।  'मैडमजी' एक फैशन मॉडल के राजनीति में उतरने की हार्ड हिटिंग कहानी है। फिल्म की कहानी से  प्रभावित हो कर ही प्रियंका चोपड़ा ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी बनाने का ऐलान किया था।  फिल्म की शूटिंग  जनवरी से  शुरू होनी थी । लेकिन, बाजीराव- मस्तानी की शूटिंग में बिजी हो जाने के कारण 'मैडमजी की शूटिंग टल गई। इसके बाद फिल्म के बंद कर दिए जाने की भी चर्चा हुई।  लेकिन, अब खबर है कि फिलहाल 'मैडमजी' होल्ड में है। इसकी पुष्टि करते हुए ग्राज़िए फैशन वीक में प्रियंका चोपड़ा ने कहा, "मधुरजी दूसरे प्रोजेक्ट में बिजी हूँ।  मैं भी कुछ अन्य फिल्मों में व्यस्त हूँ।  इसलिए, फिलहाल मैडमजी को होल्ड में रखा गया है।" जहाँ तक प्रियंका चोपड़ा की प्रोडक्शन कंपनी का सवाल है, क्या यह बंद कर दी गई है ? कहती हैं प्रियंका चोपड़ा, "मैं राइटर पर ध्यान देना चाहती हूँ। मुझसे रोज ही कई लोग मिलते हों, जिन्हे मौका नहीं मिल पाया है। मैं ऐसे टैलेंट को मौका दूंगी।  मैं अपने बैनर से कंटेंट बेस्ड, छोटे बजट की नए चेहरों के साथ फ़िल्में बनाऊँगी।"



Friday 17 April 2015

सनी देओल के साथ ओम पूरी भी 'घायल वन्स अगेन'

आजकल, १९९० की सुपर हिट फिल्म 'घायल' की सीक्वल फिल्म 'घायल वन्स अगेन' की शूटिंग जोर शोर से चल रही है।  'घायल' में सनी देओल ने एक बॉक्सर अजय की भूमिका की थी।  ओम पूरी एसीपी जोए डिसूज़ा की भूमिका में थे।  एसीपी एक ईमानदार और भला पुलिस अफसर है।  वह सनी की लड़ाई में उसका साथ देता है।  'घायल वन्स अगेन' में भी ओम पुरी की भूमिका काफी ख़ास है।  इस फिल्म में ओम पूरी का किरदार पुलिस की सेवा से रिटायर हो गया है।  वह सनी से सहानुभूति रखता है, इसलिए वह उस के सनी के साथ अच्छे सम्बन्ध बने हुए हैं।  फिल्म से जुड़े सूत्र बताते हैं कि  ओम पूरी और सनी देओल के बीच कई बेहद गंभीर सीन हैं। सनी देओल के बैनर सनी साउंड्स प्राइवेट लिमिटेड के अंतर्गत बनाई जा रही फिल्म 'घायल वन्स अगेन' का निर्देशन खुद सनी देओल ही कर रहे हैं। दिलचस्प तथ्य यह है कि  ओम पूरी ने सनी के कारण यह फिल्म बिना स्क्रिप्ट पढ़े ही साइन कर ली थी।  


राजेंद्र कांडपाल

स्मृति ईरानी ने छोड़ दी थी यह फिल्म

अभिषेक बच्चन और असिन की रोमांटिक फैमिली ड्रामा फिल्म 'आल इज़ वेल' की रिलीज़ की तारीख २१ अगस्त तय कर दी गई है।  पहले यह फिल्म, पिछले साल के अंत में रिलीज़ होनी थी।  लेकिन, स्मृति ईरानी के राजनीति में चले जाने और अपने सीन शूट  न कर पाने के कारण फिल्म की रिलीज़ २०१५ के लिए टाल दी गई। फिल्म में स्मृति ईरानी अभिषेक बच्चन की माँ का किरदार कर रही थीं।  बाद में, केंद्रीय मंत्रिमंडल में व्यस्तता को देखते हुए स्मृति ईरानी ने 'आल इज़ वेल' को बाय बाय कर दिया।  उनकी जगह सुप्रिया पाठक आ गई।  फिर फिल्म की रिलीज़ ३ जुलाई २०१५ रखी गई।  लेकिन, स्मृति ईरानी के हिस्सों की शूटिंग फिर किये जाने के कारण काम पिछड़ता चला गया।  अब फिल्म को अंतिम रूप से २१ अगस्त के लिए लॉक कर दिया गया है।  डायरेक्टर उमेश शुक्ल की फिल्म 'आल इज़ वेल' उनकी पिछली फिल्म 'ओएमजी: ओह माय गॉड' की तरह हार्ड हिटिंग फिल्म बताई जा रही है।  इस फिल्म से जुड़े लोगों का कहना है कि  फिल्म में बेटा-बाप बने अभिषेक बच्चन और ऋषि कपूर के बीच फिल्माया गया आइटम नंबर इतिहास कायम कर देगा। इस आइटम में ऋषि कपूर अपनी बॉबी, खेल खेल में, नसीब और हम किसी से कम नहीं जैसी फिल्मों के हिट गीतों पर तथा अभिषेक बच्चन अपनी पिता की कालिया, सिलसिला और याराना जैसी फिल्मों के चुनिंदा गीतों पर डांस करेंगे।पिछले दिनों, इस फिल्म के एक सीन में अभिनेत्री असिन दुल्हन की पोशाक में थी।  इसे उनकी शादी से जोड़ लिया गया था।  ख़ास बात यह है कि  गजिनी, रेडी, हाउसफुल २, बोल बच्चन और खिलाडी ७८६ जैसी हिट फिल्मों के बावजूद असिन का करियर डांवाडोल लगता है।  इस लिए हिंदी फिल्मों में असिन का करियर का काफी कुछ 'आल इज़ वेल' पर ही निर्भर करता है।

राजेंद्र कांडपाल

फिल्म निर्माण में उतरे मनोज बाजपेई भी

मनोज बाजपेई भी अब फिल्म निर्माता बन गए हैं।  उन्होंने मनोज बाजपेयी प्राइवेट लिमिटेड की  स्थापना की है।  यह एक थ्रिलर फिल्म है।  फिल्म की मुख्य भूमिका में खुद मनोज बाजपेयी हैं।  उनका साथ अभिनेत्री तब्बू दे रही हैं।  मनोज बाजपेयी और तब्बू ने एक साथ कुल तीन फ़िल्में 'घात', 'दिल पे मत ले यार' और 'सोनागाछी' की हैं।  निर्माता मनोज बाजपेयी की डेब्यू फिल्म का निर्देशन मुकुल अभ्यंकर कर रहे हैं।  मुकुल निर्देशित पहली फिल्म 'डॉक्टर, आई लव यू' हाल ही में रिलीज़ हुई है।  मनोज बाजपेयी की फिल्म उनकी दूसरी फिल्म है।  अपनी फिल्म के बारे में बताते हुए मनोज बाजपेयी कहते हैं, "एक्टिंग के बीस साल बाद मेरे लिए फिल्म निर्माण नेचुरल प्रोग्रेशन है।   चूंकि, यह थ्रिलर फिल्म है, इसलिए मैं इसके बारे ज़्यादा नहीं बता सकता।  कहानी जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।"



Thursday 16 April 2015

बॉलीवुड की सेक्सी 'किरण' उड़ीसा की 'काव्या' (फोटो फीचर)

काव्या किरण ओड़िया फिल्म इंडस्ट्री का जाना पहचाना चेहरा है। ओड़िया फिल्म 'कुमरी कन्या' से उन्हें फेम मिली।  वह इस फिल्म की लीड एक्ट्रेस थी।  उड़ीसा की काव्या फैशन जगत से हैं।  उन्हें कैमरे के सामने आना ख़ास पसंद है।  वह कुछ प्रिंट विज्ञापनों और टीवी चैनलों पर नज़र आ रही हैं।  निर्माता जयवीर पंघाल की फिल्म 'रंग ए इश्क़' काव्या की बॉलीवुड डेब्यू फिल्म है। फिल्म में काव्या के दो नायक मुजाहिद खान और दीपक कुमार हैं।  डायरेक्टर श्रीनिवास अंजनप्पा की इस फिल्म में काव्या ने एक गाँव की लड़की श्रुति का रोल किया है।  यह एक लव ट्रायंगल फिल्म है।  हालाँकि, २४ अप्रैल को रिलीज़ फिल्म 'रंग ए इश्क़' में काव्या किरण ने एक गाँव की लड़की का किरदार किया है।  लेकिन, कहानी की ज़रुरत पर वह कपडे कम करने के लिए तैयार हैं। काव्या किरण की यह गर्मागर्म तस्वीरें इसकी गवाह हैं।  











क्या नील और रागिनी एक हो पाएंगे !

डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट से रागिनी को पता चल जायेगा कि  सुहानी नील की बेटी नहीं है।  डीएनए रिपोर्ट पाने के बाद रागिनी नील को मिलने के लिए बुलाएगी। दोनों में पुरानी बातों को लेकर जम कर बहस होगी।  रागिनी नील से कहेगी कि  केवल एक गलतफहमी से दोनों के १५ साल खराब हो गए।  दोनों को अलग होना पड़ा।  इतना कह कर रागिनी फूट फुट कर रोने लगेगी।  यह देख कर नील को भी पछतावा होगा कि  उसने इन १५ सालों में रागिनी को खोया।  उसे दुःख होगा कि  उसके बच्चे माँ से वंचित हो गए।  नील पर विश्वास न करने के लिए रागिनी  खुद को दोष देगी। रागिनी का दुःख देख कर नील उसे अपनी बाहों में समेट लेगा। सोनी एंटरटेनमेंट के शो 'इतना करो न मुझे प्यार' में यह अब तक का सबसे बड़ा मोड़ है।  क्या नील और रागिनी अब साथ साथ रह पाएंगे? यह सवाल इसलिए कि नील ने निवेदिता के साथ शादी करने का वादा कर रखा है।  क्या नील अपना वाद तोड़ेगा ? या फिर दोनों को फिर एक बार अलग अलग ही रहना होगा ?

दक्षिण की फिल्मों की सेक्सी एक्ट्रेस निकेशा पटेल


सबसे ज़्यादा पैसा लेकर नाचेंगे उपेन पटेल और करिश्मा तन्ना

बिग बॉस सीजन ८ में रोमांटिक होने का फायदा उपेन पटेल और करिश्मा तन्ना को हो रहा है।  बिग बॉस के दौरान साउथ की फिल्मों के विलेन उपेन पटेल का हिंदी एंटरटेनमेंट की एक्ट्रेस करिश्मा तन्ना के साथ रोमांस बेहद उतार चढ़ाव से गुजरा था।  बिग बॉस के घर में दोस्ती से शुरू हुआ उनका साथ धीरे धीरे इतना गहरा गया कि  दोनों 'दो जिस्म मगर एक जान' बन गए थे। हालाँकि, करिश्मा और उपेन दोनों ही बिग बॉस ८ को नहीं जीत सके, लेकिन दर्शकों को इन दोनों की रोमांटिक केमिस्ट्री और उत्तेजक फिजिक्स काफी दिलचस्प लगी थी। वह इस जोड़ी को फिर फिर देखना चाहते थे। इस लोकप्रियता को देख कर ही 'नच बलिए ७' के निर्माताओं ने उपेन पटेल और करिश्मा तन्ना की जोड़ी को शो में आने के लिए आमंत्रित किया।   अब यह बात दीगर है कि बिग बॉस की इस हॉट जोड़ी को 'नच बलिए ७' में शामिल करने के लिए मेकर्स को मोटी रकम ढीली करनी पड़ी।  उपेन पटेल और करिश्मा तन्ना को 'नच बलिये ७' में शामिल करने के बारे में इस शो से जुड़े सूत्र कहते हैं, "इन दोनों की रोमांटिक केमिस्ट्री शो में वैल्यू ऐड करेगी।  हमें उम्मीद है कि इस जोड़ी के कारण हमारे शो को अच्छी  टीआरपी मिलेगी।"

राजेंद्र कांडपाल

'कट्टी बट्टी' पर चढ़ा 'अवेंजर्स' का खुमार

'फ्यूरियस ७' के बाद हॉलीवुड की जिस फिल्म का भारतीय दर्शकों को इंतज़ार था, वह फिल्म 'अवेंजर्स : एज ऑफ़ उल्ट्रॉन' दुनिया से एक हफ्ता पहले यानि २४ अप्रैल को रिलीज़ होने जा रही है। हॉलीवुड के आयरन मैन, कैप्टेन अमेरिका, थॉर, द हल्क और ब्लैक विडो जैसे सुपर पावर वाले किरदारों वाली अवेंजर्स सीरीज की दूसरी फिल्म 'अवेंजर्स :एज ऑफ़ उल्ट्रॉन' में सुपर हीरोज को दुनिया को बचाने के लिए उल्ट्रॉन से लड़ना है।  अवेंजर्स सीरीज की पहली फिल्म ने फ्यूरियस ५ से ज़्यादा बिज़नेस किया था।  ऐसे में, जबकि फ्यूरियस ६ बॉलीवुड को दहला रही है, बॉलीवुड साँस रोक कर 'अवेंजर्स :एज ऑफ़ उल्ट्रॉन' का इंतज़ार कर रहा है।  इस बेताबी से निखिल आडवाणी और उनकी फिल्म 'कट्टी बट्टी ' के कंगना रनौत और इमरान खान जैसे सितारे भी बच नहीं सके।  इन लोगों को 'अवेंजर्स २' के रिलीज़ होने की बेसब्री से प्रतीक्षा है।  इसीलिए निखिल अडवाणी ने अपनी फिल्म 'कट्टी बट्टी ' की पूरी टीम को २४ अप्रैल को छुट्टी दे दी है, ताकि वह लोग शुक्रवार को फिल्म के पहले दिन का पहला शो देख सकें। हॉलीवुड फिल्म के प्रति अपने लगाव को बताते हुए निखिल अडवाणी कहते हैं, "मैं 'अवेंजर्स एज ऑफ़ उल्ट्रॉन' को देखने के लिए बेहद बेताब हूँ। मैं फिल्म के हर प्रोमो को ध्यान से देख रहा हूँ। हालाँकि, अवेंजर्स की रिलीज़ के दौरान हम कट्टी बट्टी की शूटिंग में बिजी रहेंगे, लेकिन मैंने अपनी पूरी यूनिट को इस दिन की छुट्टी दे दी है।" ज़ाहिर है कि निखिल के इस निर्णय से सभी बेहद खुश हैं। 
राजेंद्र कांडपाल

वज़न बढ़ाने घटाने की ज़द्दोज़हद में ऋचा चड्ढा

करियर के लिहाज़ से ऋचा चड्ढा के लिए दो फ़िल्में ख़ास हैं। पहली है सुधीर मिश्रा की आधुनिक राजनीति के देवदास पर फिल्म 'और देवदास' ।  इस फिल्म में ऋचा चड्ढा राजनीति की पारो की भूमिका में हैं।  दूसरी फिल्म पूजा  भट्ट की 'कैबरे' । 'कैबरे' में ऋचा चड्ढा के कैबरे डांसर के किरदार में हैं।  इन दोनो ही फिल्मों में ऋचा को डांस करना है।   इसके लिए ऋचा ने अपनी फिटनेस पर भी ध्यान दिया और कुछ डांस शेड्यूल भी किये। ऋचा की यह कोशिश मोटापे से छरहरी होने की नहीं बल्कि अपने डांसर किरदार के लिए एक टोंड लुक पाने की थी। खुद को डांसर के लिए छरहरा और फिट बनाने के दौरान ऋचा ने रितेश सिधवानी की फिल्म 'थ्री स्टोरीस' की शूटिंग भी पूरी कर ली। इसमें दो राय नहीं कि ऋचा की इन फिल्मों में उनके किरदार की अपनी ज़रूरते हैं। जब पहले पहल ऋचा से वजन कम करने की डिमांड की गयी तो उन्होंने इंटेंसिव फिटनेस ट्रेनिंग शुरू कर दी। इसके कारण जब उन्होंने देखा कि शूटिंग में देरी हो रही है तो इस दौरान उन्होंने एक अन्य प्रोजेक्ट 'मैं और चार्ल्स' के लिए हामी भर दी जिसके लिए ऋचा को अपना कुछ वज़न बढाना था। फिलहाल अब जब ऋचा की फिल्म 'कैबरे' के फ्लोर पर जाने की तारीख तय हो चुकी तो उनसे जल्द से जल्द वज़न कम कर पर्फेक्ट बॉडी शेप के साथ टोंड लुक में आने को कहा गया है। ज़ाहिर सी बात है कि ऋचा के लिए यह थोडा मुश्किल था, क्योंकि प्रत्येक किरदार की ज़रूरत एक दूसरे से अलग है।फिलहाल, वजन घटाने और बढ़ाने की जद्दोजहद में ही है ऋचा चड्ढा। 

सोमवार को रिलीज़ होगा 'बैटमैन वर्सेस सुपरमैन: डॉन ऑफ़ जस्टिस' का ट्रेलर

हॉलीवुड के दो नकाबपोश सुपर हीरो वाली फिल्म 'बैटमैन वर्सेस सुपरमैन : डॉन ऑफ़ जस्टिस का टीज़र आज रिलीज़ हुआ है।  इस फिल्म का ट्रेलर सोमवार २० अप्रैल को आईमैक्स सिनेमाघरों में रिलीज़ किया जायेगा।  जैक स्नाइडर ने इसकी पुष्टि करते हुए, फिल्म के प्रशंसक दर्शकों को फ्री पास लेने के लिए फिल्म की ऑफिसियल वेब साइट पर आमंत्रित किया है। 'बैटमैन वर्सेस सुपरमैन : डॉन ऑफ़ जस्टिस' में टाइटल रोल क्रमशः बेन अफ्लेक और हेनरी केविल करेंगे।  गेल गडोट वंडर वुमन, जैसन मोमोअ एक्वामैन, जैसे आइजनबर्ग लेक्स लुथोर और रे फिशर साईबोर्ग की भूमिका में होंगे।  'बैटमैन वर्सेस सुपरमैन : डॉन ऑफ़ जस्टिस' अगले साल २५ मार्च को वर्ल्डवाइड रिलीज़ होगी।

Wednesday 15 April 2015

जारी हुआ ज़ोया अख्तर की फिल्म 'दिल धड़कने दो' का ट्रेलर

 
ज़ोया अख्तर के करियर की तीसरी या कह लीजिये सवा तीसरी फिल्म फिल्म 'दिल धड़कने दो' का ट्रेलर आज लांच हुआ।  यह फिल्म एक नष्ट मेहरा परिवार की कहानी है।  या यो कह लीजिये कि इस परिवार के एक दूसरे से काफी लगाव रखने वाले भाई-बहन की कहानी है।  मेहरा परिवार के मुखिया का रोल अनिल कपूर कर रहे हैं।  उनकी पत्नी शेफाली शाह बनी हैं।  रणवीर सिंह और प्रियंका चोपड़ा भाई -बहन बने हैं।  अनुष्का शर्मा एक बार फिर रणवीर के साथ रोमांटिक एंगल बना रही हैं।  शायद फरहान अख्तर के साथ प्रियंका चोपड़ा का कोई एंगल बना है।  और भी ढेर से कलाकार हैं। फिल्म को खुद  ज़ोया  अख्तर ने रीमा कागती के साथ लिखा है। इस्तांबुल, पेरिस, रोम, तुनिशिया और इंडिया के अलावा एक क्रूज़ पर हुई है। संगीत एहसान नूरानी का है।  यह फिल्म ५ जून २०१५ को रिलीज़ होगी।  

विवेक ओबेरॉय को यह कौन सा फाल्के अवार्ड मिला है ?


फिल्म वालों के पीआर कभी कभी गज़ब ही कर डालते हैं।  तथ्यों का ज्ञान तो इन्हे पांचवी क्लास में पढने वाले बच्चे के बराबर नहीं होता।  अभी मेरे पास एक पीआर की रिलीज़ आई, जिसके अनुसार अभिनेता विवेक ओबेरॉय को दादा साहेब फालके अवार्ड दिया गया है।  इस रिलीज़ में अब तक फाल्के अवार्ड पाई फिल्मों से जुडी तमाम हस्तियों के नाम थे।  यहाँ तक कि शशि कपूर का नाम भी था।  मुझे समझ में नहीं आया कि इतने बे-टाइम और इतनी जल्दी विवेक को अवार्ड क्यों दिया गया ? क्योंकि, विवेक ओबेरॉय ने फिल्मों, फिल्म इंडस्ट्री या देश के लिए अपनी फिल्मो के जरिये ऐसा कुछ भी नहीं किया है कि उन्हें किसी 'श्री' से भी नवाज़ा जाये। फिर भी चूंकि, वह महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री के दोस्त हैं, इसलिए उन्हें यह पुरस्कार मिल गया (रिलीज़ से ऐसा ही लगता था) । इसके बावजूद, चूंकि, मेरे दिमाग में शंका थी तो मैंने रिलीज़ फॉरवर्ड कर फिर उन पीआर महोदय से इस फाल्के अवार्ड के बारे में पूछा तो उन्होंने बिना किसी सॉरी के दूसरी रिलीज़ भेज दी, जिससे यह स्पष्ट होता था कि  विवेक ओबेरॉय को दादा साहेब फाल्के फाउंडेशन अवार्ड्स दिया गया है। दिलचस्प तथ्य यह है कि इस खबर को रिलीज़ करने वाली पीआर फर्म बहुत बड़ी है।  इसके पास बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियों और फिल्मों का काम रहता है।  जब इस कंपनी में जानकारी का यह हाल है तो बाकी छोटे छोटे पीआर  को तो बख्शा ही जाना चाहिए। 
अब अगर मैं सचेत न होता तो मैंने लिख मारा होता कि  विवेक ओबेरॉय को दादा साहेब फाल्के अवार्ड दिया गया।  तो बंधुओं सचेत रहें।  पीआर की रिलीज़ को धार्मिक ग्रन्थ मान कर अखबार में न छाप मारे।  अन्यथा विवेक ओबेरॉय को दादा साहेब फाल्के अवार्ड तो दिलवा ही दोगे।