Wednesday 4 September 2019

Ritesh Deshmukh बने खूंखार बौना


सत्यमेव जयते के बाद, लेखक निर्देशक मिलाप झावेरी की फिल्म मरजावां एक्शन से भरपूर प्रेम कहानी है। इस फिल्म में, एक विलेन के बाद, सिद्धार्थ मल्होत्रा और रितेश देशमुख फिर आमने सामने होंगे।  रितेश देशमुख एक बार फिर विलेन की भूमिका में होंगे।  लेकिन, उनकी यह खल भूमिका थोड़ी ख़ास है। फिल्म में रितेश देशमुख बौना दुष्ट चरित्र बने है, जो क्रूरतम है। हिंदी फिल्मों में बौने बनने वाले रितेश देशमुख पहले एक्टर नहीं। उनसे पहले भी परदे पर बौने किरदारों को उतारा जा चुका है।

दक्षिण से आया पहला बौना
रूपहले परदे पर एक बौने को सबसे पहले दक्षिण में उतारा गया। दक्षिण के सुपरस्टार कमल हासन ने १९९५ में रिलीज़ तमिल फिल्म अपूर्वा सागोधरारगल के डब संस्करण अप्पू राजा में दो भाइयों की अपनी दोहरी भूमिका में बौने भी बने थे। चौबीस साल पहले यह तकनीक का चमत्कार था। कमल हासन ने अपनी दोहरी भूमिकाओं में कमाल का अभिनय किया था।

कैमरा ट्रिक से बौने जॉनी लीवर
कमल हासन के बाद, हिंदी फिल्म दर्शकों ने दूसरे बौने को देखा फिल्म आशिक़ में। बॉबी देओल और करिश्मा कपूर अभिनीत फिल्म आशिक़ (२००१) में जॉनी लीवर एक कॉमेडी सीक्वेंस में बौने की भूमिका में थे। उनका यह बौना सिर्फ कुछ मिनटों के लिए शादी के मंडप में दिखाया गया था।

घुटनों के बल चले अनुपम
शिरीष कुंदर निर्देशित जानेमन (२००६) एक सितारा बहुल फिल्म थी। इस फिल्म में चरित्र अभिनेता अनुपम खेर ने बौने बोनी कपूर की भूमिका की थी। यह अनुपम खेर की हास्य भूमिका थी। इस भूमिका के लिए अनुपम खेर अपने घुटनों के बल चले थे और नाचे भी थे।

शाहरुख़ खान भी बौने  
पिछले साल, आनंद एल राय की फिल्म जीरो में शाहरुख़ खान ने एक बौने बऊआ सिंह की भूमिका की थी। खासियत यह थी कि इस बौने के अरमान काफी बड़े थे। इससे दो खूबसूरत महिलाएं प्यार भी करती थी। इस कॉमेडी ड्रामा फिल्म में, शाहरुख़ खान ने बऊआ सिंह को खूब नाटकीय और हास्य की चाशनी में डुबो कर खेला था। यहीं शाहरुख़ खान मात खा गए। वह बऊआ सिंह के बजाय शाहरुख़ खान बन कर रह गए।

पांच भूमिकाएं, भिन्न रंग
हिंदी दर्शकों द्वारा अब तक देखी गई पांच भूमिकाओं में बौने के भिन्न रंग देखने को मिलते हैं । जहाँ, अनुपम खेर और जॉनी लीवर का बौना हास्य पैदा कर रहा था, वहीँ कमल हासन का बौना गंभीर और हिंसक था । शाहरुख़ खान के बौने में हास्य और गंभीरता का मिश्रण था । मगर, मरजावां के रितेश देशमुख का बौना खूंखार हिंसक विलेन है, जो दर्शकों को अनोखा अनुभव देगा । 

ब्लैक टाइगर क्यों नहीं बने Hrithik Roshan?


हृथिक रोशन, निर्देशक राजकुमार गुप्ता की स्पाई फिल्म ब्लैक टाइगर में रियल लाइफ एजेंट रविन्द्र कौशिक की भूमिका करने वाले थे। उस समय तक, हृथिक रोशन की फिल्म सुपर ३० रिलीज़ नहीं हुई थी। सुपर ३० रिलीज़ हुई। हृथिक रोशन के लिए बॉलीवुड का माहौल बदल गया। हृथिक के सामने स्क्रिप्ट की बौछार होने लगी। इसी बीच खबर आई कि हृथिक रोशन, ब्लैक टाइगर नहीं बनेंगे।

ब्लैक टाइगर को इंकार क्यों
हृथिक रोशन ने ब्लैक टाइगर को क्यों इनकार किया ? क्या इसलिए कि अब उन्हें ऑफर की भरमार हो गई थी ? हृथिक के पास, इस समय चार फिल्मों की स्क्रिप्ट हैं। हृथिक रोशन बहुत चुन चुन कर फ़िल्में करते हैं। वह फिल्मों की संख्या के बजाय गुणवत्ता पर ध्यान देते हैं। उनकी फिजा, मिशन कश्मीर, लक्ष्य और गुज़ारिश जैसी फ़िल्में इसका प्रमाण है। इन फिल्मों में हृथिक रोशन की भूमिका बहुत सशक्त थी। राजकुमार गुप्ता की फिल्म ब्लैक टाइगर भी एक ऎसी ही फिल्म थी।

स्पाई फिल्मों की भरमार !
क्या स्पाई फिल्मो की भरमार ने हृथिक को ब्लैक टाइगर को इंकार किया ? इसी साल दो स्पाई फ़िल्में जॉन अब्राहम की रॉ : रोमियो अकबर वालटर और राजकुमार गुप्ता की ही लिखी इंडियाज मोस्ट वांटेड के अलावा ब्लेंक रिलीज़ हुई है। रविन्द्र कौशिक थिएटर एक्टर थे, जिन्हें रॉ ने प्रशिक्षित कर पाकिस्तान में अपने एजेंट के तौर पर प्लांट किया था। रविन्द्र ने वहा महत्वपूर्ण सूचनाये भारत को मुहैया करवाई। लेकिन स्पाई फिल्मों की भरमार ने हृथिक को विचलित नहीं किया था। 

इमेज का तकाज़ा !
हृथिक रोशन का, सुपर ३० के बाद, ब्लैक टाइगर नहीं बनना इमेज का तकाजा था। सुपर ३० अलग तरह की रियल लाइफ फिल्म थी। हृथिक ने सुपर ३० यह सोच कर नहीं की थी कि यह सुपर हिट साबित होगी। हृथिक रोशन मुख्या धारा की फिल्मों के कमर्शियल एक्टर हैं। उनकी एक्शन फिल्म वॉर प्रदर्शित होने वाली है। उनके प्रशंसक उन्हें ग्लैमर से भरपूर खालिस मसाला फिल्मों में ही पसंद करते हैं।

ब्लैक टाइगर का दुखांत
समय समय पर लीक से हटकर फिल्म करना एक एक्टर के लिहाज़ से बढ़िया है। लेकिन एक स्टार को लगातार ऎसी फिल्मों से परहेज करना चाहिये। ब्लैक टाइगर किसी भी मायने में कमर्शियल फिल्म नहीं थी। इस फिल्म में रविन्द्र कौशिक, साहसिक कारनामे करने के बावजूद पाकिस्तान की जेल में यातनाएं पाता है और पाकिस्तान की जेल में बुरी मौत मारा जाता है। हृथिक रोशन के प्रशंसक उन्हें ऐसी किसी भूमिका में देखना नहीं चाहेंगे। इसलिए, हृथिक ने ब्लैक टाइगर न बनने का फैसला किया।



Ishaan Khattar- Ananya Pandey की खाली पीली जोड़ी !


सुल्तान, टाइगर जिंदा है और भारत जैसी सुपर हिट फिल्मों के निर्देशक अली अब्बास ज़फर की बतौर निर्माता पहली फिल्म का नाम खाली पीली है। अली ने अपनी पहली फिल्म के लिए एक्शन के बजाय रोमांस और थ्रिल को वरीयता दी है। खाली पीली, एक रात से शुरू होती है, जब ईशान खट्टर और अनन्या पाण्डेय के किरदार मिलते हैं। इसके बाद, शुरू होती है उतार चढ़ाव से भरपूर इन दोनों की रोमांस यात्रा।

पहली सोलो हीरोइन फिल्म
अनन्या पाण्डेय का फिल्म डेब्यू टाइगर श्रॉफ और तारा सुतारिया के साथ फिल्म स्टूडेंट ऑफ़ द इयर २ से हुआ था। वह फिल्म पति पत्नी और वह २ में कार्तिक आर्यन और भूमि पेडनेकर के पति-पत्नी के साथ वह का त्रिकोण बना रही है। खाली पीली उनकी पहली सोलो हीरोइन फिल्म होगी।

ईशान की भी तीसरी फिल्म
ईशान खट्टर का फिल्मी सफ़र, २००५ में फिल्म वाह ! लाइफ हो तो ऎसी से बड़े भाई शाहिद कपूर के साथ बाल भूमिका से हुआ था। उड़ता पंजाब में भी उनकी भूमिका संक्षिप्त थी। लेकिन वह सुर्ख़ियों में आये, ईरानी निर्देशक माजिद मजीदी की ड्रामा फिल्म बियॉन्ड द क्लाउड्स से। निर्देशक शशांक खेतान की रोमांस फिल्म धड़क से उन्होंने अपनी अभिनय क्षमता का सिक्का जमा दिया। इसके बावजूद, खाली पीली उनके करियर की तीसरी फिल्म है, जिसके वह नायक हैं।

रोमांस की कोमलता
अनन्या पाण्डेय और ईशान खट्टर, उम्र के लिहाज़ से बीसेक के हैं। ईशान २३ साल के हैं और अनन्या २० साल की। रोमांस के लिहाज़ से इस उम्र की जोड़ी सबसे बढ़िया है। इन दोनों के चेहरों पर कोमलता और मासूमियत है। अगर खाली पीली के अली अब्बास ज़फर और हिमांशु के साथ लेखक मक़बूल खान की लिखी फिल्म की इस खासियत का उपयोग निर्देशक मक़बूल ने अच्छी तरह से कर लिया तो समझ लीजिये कि ईशान और अनन्या की रोमांटिक जोड़ी कामयाब होने जा रही है।  

Sunday 1 September 2019

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में युवा शक्ति का जलवा



इस साल के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के विजेताओं पर नज़र डालें तो इस साल के पुरस्कारों में युवा शक्ति का जलवा नज़र आता है। मुख्य पुरस्कारों के ज्यादातर विजेता, ४० साल से कम आयु के हैं। मराठी फिल्म चुम्बक के लिए सह अभिनेता का पुरस्कार पाने वाले स्वानंद किरकिरे ४६ साल के हैं।मराठी फिल्म नाल के लिए डेब्यू डायरेक्टर का पुरस्कार पाने वाले सुधाकर रेड्डी ४३ साल के हैं।मगर, तेलुगु फिल्म महानटी में अभिनेत्री सावित्री की भूमिका करने वाली अभिनेत्री कीर्ति सुरेश तो सिर्फ २६ साल की हैं। अंधाधुन में अंधे पियानो वादक आकाश की भूमिका के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने वाले आयुष्मान खुराना ३४ साल के हैं। उनके साथ इस पुरस्कार को फिल्म उरी द सर्जिकल स्ट्राइक के लिए साझा करने वाले अभिनेता विक्की कौशल तो उनसे तीन साल छोटे यानि ३१ साल के हैं। इस फिल्म के निर्देशक आदित्य धर को श्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला है। वह भी चालीस साल से कम यानि ३६ साल के हैं। २०१८ में शाहरुख़ खान की फिल्म जीरो के खिलाफ रिलीज़ कन्नड़ फिल्म केजीएफ़ चैप्टर १ के डब हिंदी संस्करण को भारी सफलता मिली थी। इसकी वजह फिल्म के स्टंट थे। केजीएफ़ चैप्टर १ के तमाम स्टंट युवा कोरियोग्राफर अनबू और अरिवु (अन्बारिव) की जोड़ी ने कोरियोग्राफ किये है। यह दोनों ४० साल से कम उम्र के हैं। बांगला और हिंदी फिल्म गीतों के पार्श्व गायक अरिजीत सिंह को फिल्म पद्मावत में बिंते दिल गीत के लिए श्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है। अरिजीत सिंह ३२ साल के हैं। 

मरजावां में Ritesh Deshmukh का खतरनाक बौना अवतार !


पिछले दिनोंनिर्देशक मिलाप जावेरी की फिल्म मरजावां का पोस्टर जारी हुआ। इस सस्पेंस से भरपूर पोस्टर मेंदाहिने हाथ में कट्टा थामेदौड़ लगाते रितेश देशमुख नज़र आते हैं। सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथएक विलेन (२०१४) के पांच साल बादरितेश देशमुख फिर नज़र आयेंगे। एक विलेन मेंसिद्धार्थ मल्होत्रा और रितेश देशमुख अच्छे दोस्त नहीं बने थे। रितेश की खल भूमिका थी। मरजावां भीरितेश की भूमिका के मामले में एक विलेन का सीक्वल लगती है। लेकिनमिलाप जावेरी का दावा है कि मरजावां का यह विलेन बहुत ज्यादा खतरनाकक्रूर और हत्यारा होगा। पोस्टर में रितेश के हाथ का कट्टा इस बात की गवाही भी देता है। पोस्टर में रितेश के ऊपर की तरफ दशानन रावण का चित्र अंकित है। इससे ऐसा लगता है कि यह चरित्र रावण की तरह होगा। रितेश देशमुख एक खुशनुमा चेहरे वाले युवा लगते हैं। उन्होंने अपने करियर की ज़्यादातर फिल्मों में रोमांटिक और हास्य भूमिकाये ही की हैं। एक विलेन पहली ऎसी फिल्म थीजिसमे वह उन्मादी हत्यारे की भूमिका में थे। उस समयरितेश को लेकर शंकाए भी व्यक्त की गई थी कि हाउसफुल २ग्रैंड मस्तीक्या सुपर कूल हैं हम और हमशकलस जैसी फिल्मों में हंसा हंसा कर लोटपोट करने वाले रितेश इस खूनी चरित्र को अच्छी तरह से कर पाएंगे ! लेकिनरितेश ने इसे कर के दिखाया। इस भूमिका के लिए उन्होंने स्टार गिल्ड अवार्ड जीता तथा फिल्मफेयर और स्क्रीन अवार्ड्स में नामांकित हुए। मराठी फिल्म येलो के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में स्पेशल जूरी अवार्ड जीतने वाले रितेश देशमुख से हर किरदार मुमकिन है। उनकी इस साल कॉमेडी फिल्म हाउसफुल ४ भी प्रदर्शित हो रही है।  

रियल में भी दबंग क्यों है Salman Khan ?


सलमान खान, दबंग सीरीज की तीसरी फिल्म दबंग ३ की शूटिंग पूरी कर चुके हैं। थोडा बहुत काम ही बाकी है। यह फिल्म २० दिसम्बर को रिलीज़ होगी। मगर, ऐसा लगता है कि इस फिल्म का टाइटल सलमान खान के दिमाग में चढ़ गया है। वह इंडस्ट्री में अपनी दबंगई दिखाने से बाज नहीं आ रहे। पिछले साल, रोहित सेट्टी ने, अक्षय कुमार के साथ फिल्म सूर्यवंशी का ऐलान किया था। इस फिल्म की रिलीज़ की तारीख़ ईद २०२० तय की गई थी। लेकिन, सलमान खान ने, यकायक संजय लीला भंसाली की रोमांस फिल्म इंशाल्लाह को मंज़ूर करते हुए, फिल्म को ईद २०२० में रिलीज़ का ऐलान कर दिया। यह सलमान खान की दबंगई ही थी। क्योंकि, जब अक्षय कुमार की फिल्म का ऐलान हुआ, सलमान खान की फिल्म का कागज़ में तक पता नहीं था। इतना ही नहीं, सलमान ने फिल्म के निर्माता और निर्देशक रोहित शेट्टी पर दबाव डालते हुए, सूर्यवंशी की रिलीज़ मार्च भी कर दी। अब इन्ही सलमान खान ने ऐलान किया है कि उनकी फिल्म इंशाल्लाह ईद २०२० में रिलीज़ नहीं होगी। कब रिलीज़ होगी, यह भी तय नहीं। लेकिन, दबंग सलमान खान ने यह ज़रूर तय कर दिया है कि ईद २०२० में उनकी कोई फिल्म ज़रूर रिलीज़ होगी। यह फिल्म कौन सी होगी, किसी को नहीं मालूम। उनकी फिल्मोग्राफी में दबंग ३ के अलावा इंशाल्लाह ही तय है। इसका मतलब यह हुआ कि उनकी दूसरी फिल्म का अधिकारिक ऐलान अब किया जाएगा। यह फिल्म किक २ भी हो सकती है और टाइगर सीरीज की तीसरी फिल्म भी या कोई दूसरी फिल्म। इससे एक बात साफ़ होती है कि सलमान खान को अब खुद से ज्यादा ईद वीकेंड पर भरोसा है। इसीलिए वह अपनी फिल्म को ईद में रिलीज़ करने के लिए जिद्द बाँध लेते हैं। हालाँकि, ईद वीकेंड पर भी, उनकी कमज़ोर फ़िल्में मुश्किल से लागत निकाल पाती हैं।