इस साल के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के विजेताओं पर नज़र डालें तो इस साल के पुरस्कारों में युवा शक्ति का जलवा नज़र आता है। मुख्य पुरस्कारों के ज्यादातर विजेता, ४० साल
से कम आयु के हैं। मराठी फिल्म चुम्बक के लिए सह अभिनेता का पुरस्कार पाने वाले
स्वानंद किरकिरे ४६ साल के हैं।मराठी फिल्म नाल के लिए डेब्यू डायरेक्टर का पुरस्कार पाने वाले सुधाकर रेड्डी ४३ साल के हैं।मगर, तेलुगु फिल्म महानटी में अभिनेत्री सावित्री की
भूमिका करने वाली अभिनेत्री कीर्ति सुरेश तो सिर्फ २६ साल की हैं। अंधाधुन में
अंधे पियानो वादक आकाश की भूमिका के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने वाले आयुष्मान
खुराना ३४ साल के हैं। उनके साथ इस पुरस्कार को फिल्म उरी द सर्जिकल स्ट्राइक के लिए
साझा करने वाले अभिनेता विक्की कौशल तो उनसे तीन साल छोटे यानि ३१ साल के हैं। इस
फिल्म के निर्देशक आदित्य धर को श्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला है। वह भी
चालीस साल से कम यानि ३६ साल के हैं। २०१८ में शाहरुख़ खान की फिल्म जीरो के खिलाफ रिलीज़
कन्नड़ फिल्म केजीएफ़ चैप्टर १ के डब हिंदी संस्करण को भारी सफलता मिली थी। इसकी वजह फिल्म
के स्टंट थे। केजीएफ़ चैप्टर १ के तमाम स्टंट युवा कोरियोग्राफर अनबू और अरिवु (अन्बारिव)
की जोड़ी ने कोरियोग्राफ किये है। यह दोनों ४० साल से कम उम्र के हैं। बांगला और
हिंदी फिल्म गीतों के पार्श्व गायक अरिजीत सिंह को फिल्म पद्मावत में बिंते दिल
गीत के लिए श्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है। अरिजीत
सिंह ३२ साल के हैं।
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