संगीता घोष पेशेवर अभिनेत्री हैं. वह अपने काम के प्रति कितना समर्पित हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कहता है दिल.....जी ले ज़रा के एक सीन के लिए वह ठण्ड के बावज़ूद पूरी तरह से भीगी हुई खडी रहीं। वास्तविक शादी में दुल्हन को उबटन लगाने के बाद नहाना पड़ता है. कहता है दिल.…जी ले ज़रा की साक्षी को उबटन लगाने के बाद नहाना है. अपने काम के प्रति समर्पित संगीता ने तय किया कि वह रील लाइफ में भी रियल सीन करेंगी। इसलिए उन्होंने शरीर में हल्दी का उबटन लगवा भी और उसके बाद नहाने की रस्म भी पूरी की। इतना ही नहीं टेक रे टेक के बावज़ूद सीन ओके हो जाने तक वह भीगी हुई खडी रहीं। उन्होंने कांपते रहने के बावजूद कोई परेशानी व्यक्त नहीं की। अभिनेत्री हो तो संगीता घोष जैसी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 6 February 2014
जब पानी में भीगती रही संगीता घोष
संगीता घोष पेशेवर अभिनेत्री हैं. वह अपने काम के प्रति कितना समर्पित हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कहता है दिल.....जी ले ज़रा के एक सीन के लिए वह ठण्ड के बावज़ूद पूरी तरह से भीगी हुई खडी रहीं। वास्तविक शादी में दुल्हन को उबटन लगाने के बाद नहाना पड़ता है. कहता है दिल.…जी ले ज़रा की साक्षी को उबटन लगाने के बाद नहाना है. अपने काम के प्रति समर्पित संगीता ने तय किया कि वह रील लाइफ में भी रियल सीन करेंगी। इसलिए उन्होंने शरीर में हल्दी का उबटन लगवा भी और उसके बाद नहाने की रस्म भी पूरी की। इतना ही नहीं टेक रे टेक के बावज़ूद सीन ओके हो जाने तक वह भीगी हुई खडी रहीं। उन्होंने कांपते रहने के बावजूद कोई परेशानी व्यक्त नहीं की। अभिनेत्री हो तो संगीता घोष जैसी।
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Television
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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