शांता आप्टे १९१६ में जन्मी थी। वह २४ फरवरी १९६४ को दिल के दौरे का शिकार हो गई। मतलब वह कुल ४८ साल जीवित रही। शांता आप्टे का फिल्म करियर १९३२ में, भालजी पेंढारकर की मराठी फिल्म श्याम सूंदर में राधा की भूमिका से शुरू हुआ था। उनकी पहली हिंदी फिल्म अमृत मंथन (१९३४) थी। उन्होंने १९५८ तक कोई ढाई दर्जन हिंदी मराठी फ़िल्में की। उनकी यादगार फिल्मों में अमृत मंथन, अमर ज्योति, दुनिया न माने, आदि फ़िल्में थी। उनकी यादगार अभिनय वाली फिल्म दुनिया न माने थी, जो एक बूढ़े से साथ कम उम्र की लड़की की शादी पर थी। शांता आप्टे भी बांग्ला फिल्मों की कानन बाला की तरह मराठी फिल्मों की गायिका अभिनेत्री थी। उन्होंने अपनी स्वाभाविक भावभंगिमाओं और नेत्र संचालन से फिल्मों में अभिनय की परिभाषा में भारी बदलाव किया। कुख्यात पर ईमानदार पत्रकार बाबूराव पटेल ने, उन पर इंडिया हैज नो स्टार टाइटल से एक लेख फिल्म इंडिया में छापा थी। शांता आप्टे का फिल्म करियर वी शांताराम की फिल्म कंपनी प्रभात स्टूडियोज से शुरू भी हुआ और फला फूला भी। लेकिन यही शांता इस कंपनी के खिलाफ प्रभात स्टूडियोज के गेट पर भूख हड़ताल पर भी बैठी। तत्कालीन फिल्म इंडिया के संपादक बाबूराव पटेल से पूरी फिल्म इंडस्ट्री घबड़ाया करती थी। वह निर्मम आलोचक थे। बाबूराव के ऐसे ही एक लेख से नाराज़ हो कर शांता आप्टे उनकी पिटाई करने के लिए उनके चैम्बर में जा घुसी। फिल्म दुनिया न माने, प्रभात फिल्म कंपनी के बाहर की फ़िल्में न करने के कॉन्ट्रैक्ट खिलाफ भूख हड़ताल करने और पत्रकार बाबूराव पटेल की पिटान ने शांता आप्टे को स्त्री अधिकारों की समर्थक और बोल्ड अभिनेत्री बना दिया था। शांता आप्टे ने कभी विवाह नहीं किया। लेकिन शांता आप्टे की मौत के दस साल बाद मराठी फिल्मों और रंगमंच की अभिनेत्री नयना आप्टे ने खुद को शांता आप्टे की गुप्त विवाह की देन बताया था । नयना आप्टे ने हृषिकेश मुखेर्जी की दो फिल्मों मिली और चुपके चुपके में छोटी भूमिकाएं की थी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 24 February 2017
संपादक की पिटाई करने वाली शांता आप्टे
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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