Sunday 11 March 2018

क्या पुराने गीतों से बागी होते हैं रीमिक्स ?

जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ ३० मार्च को रिलीज़ होने जा रही फिल्म बागी २ में १९८८ की तेज़ाब-गर्ल माधुरी दीक्षित को रिक्रिएट करेंगी। वह अहमद खान निर्देशित इस फिल्म में फिल्म तेजाब के एक दो तीन गाने पर माधुरी दीक्षित की तरह के लिबास में नृत्य कर रही होंगी। तेज़ाब के एक दो तीन गीत की लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की धुन पर गाया था अलका याग्निक ने और कोरियोग्राफी अहमद खान की डांस गुरु सरोज खान ने की थी। रिक्रिएट गीत की कोरियोग्राफी १९८८ के गीत के बैकअप डांसर गणेश आचार्य करेंगे। जैक्विलिन, पिछले साल रिलीज़ जुड़वा २ में भी टन टना टन गीत के रिक्रिएट वर्शन पर डांस कर चुकी है। लेकिन, पुरानी फिल्मों के हिट डांस नंबरों को करने के मामले में जैक्विलिन को अपवाद नहीं माना जाना चाहिए। बॉलीवुड का कौन ऐसा एक्टर है, जो रिक्रिएट गीतों पर थिरकने से बच सका हो।  
काबिल और रईस का रिक्रिएशन 
साल २०१७ तो रिक्रिएट गीतों पर आइटम नंबर का साल रहा है। इस साल की शुरुआत में ही, २५ जनवरी को रिलीज़ शाहरुख़ खान की फिल्म रईस और हृथिक रोशन की काबिल का टकराव हुआ था। इन दोनों फिल्मों की खासियत थी, अस्सी के दशक की फिल्मों के हिट गीतों का रिक्रिएशन।  रईस में फ़िरोज़ खान की फिल्म क़ुरबानी के कल्यानजी आनंदजी की धुन पर कंचन और अमित कुमार के गाये लैला ओ लैला गीत को राम संपत ने रिक्रिएट किया था और पावनी पाण्डेय ने गाया था। इस गीत का फिल्मांकन सनी लियॉन और शाहरुख़ खान के चरित्रों पर किया गया था। वहीँ हृथिक रोशन की फिल्म काबिल में, अमिताभ बच्चन पर फिल्माए गए याराना फिल्म के गीत सारा जमाना हसीनों का दीवाना को रिमिक्स कर उर्वशी रौतेला पर क्लब डांस के बतौर फिल्माया गया था। अब यह बात दीगर है कि यह दोनों गीत अपनी फिल्मों की सफलता में कोई योगदान नहीं दे सके। अलबत्ता, यह ज़रूर साबित हो गया कि खान और रोशन को भी चाहिए रिमिक्स आइटम सांग। 
और नूर भी
पिछले साल अप्रैल में रिलीज़ सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म नूर में, राजेश खन्ना और नंदा पर फिल्माए गए फिल्म द ट्रेन के आरडी बर्मन के संगीबद्ध और मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाये गए गीत को तनिष्क बागची ने सोनू निगम की आवाज़ में रेट्रो मिक्स किया था। इस गीत को सोनाक्षी सिन्हा पर क्लब डांस के तौर पर फिल्माया गया था। 
ख़ास एरा के लिए 
ज़रूरी नहीं कि गीतों के रीमिक्स हिट धुनों को आज की पीढ़ी को आकर्षित करने के लिए किया जाता है। रिमिक्स गीतों को शामिल करने का एक उद्देश्य, फिल्म में किसी ख़ास युग को दिखाना भी होता है। चूंकि, पुराने पॉपुलर हिंदी गीत किसी ख़ास समय में लोकप्रिय हुए होते है और वह दर्शकों के दिमाग में भी चस्पा होते हैं, इसलिए, जब इन गीतों को किसी ख़ास कालखंड को दिखाने के लिए रिक्रिएट किया जाता है तो दर्शकों को वह युग समझाने की ज़रुरत नहीं पड़ती। क्रिकेटर मोहम्मद अज़हरुद्दीन पर फिल्म अजहर में, १९८९ में रिलीज़ फिल्म त्रिदेव के ओये ओये गीत को दो कारणों से रखा गया था। पहला तो यह की मोहम्मद अज़हरुद्दीन इसी दौर के क्रिकेटर थे। उनका प्यार उस समय की लोकप्रिय अभिनेत्री संगीता बिजलानी से चल रहा था। ओये ओये गीत के रिक्रिएट वर्शन में भी इस गीत को संगीता बिजलानी पर ही फिल्माया गया था। इसी प्रकार से मिलन लुथरिया की फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई उस समय के डॉन हाजी मस्तान और दाऊद इब्राहीम के चरित्रों पर आधारित थी। इस फिल्म में सत्तर के दशक के दौर को रिक्रिएट किया गया था। इसलिए, इस फिल्म में गीत भी उसी दौर के होना लाजिमी था। मगर इस फिल्म का पर्दा पर्दा गीत अनोखा रीमिक्स था। इस गीत में दो पुराने गीतों फिल्म अपना देश (१९७२) के दुनिया में लोगों को और   कारवां (१९७१) के पिया तू अब तो आजा शामिल किया गया था। अनुराग कश्यप की बुरी तरह से फ्लॉप फिल्म बॉम्बे वेलवेट की पृष्ठभूमि भी साठ के दशक के बॉम्बे की थी। इस फिल्म में भी उस समय की पोशाकें, फैशन और माहौल तैयार किया गया था। इस फिल्म में सीआईडी फिल्म का गीता दत्त का गाया जाता कहाँ है दीवाने गीत जज क्लब वर्शन के तौर पर रिक्रिएट कर फिल्माया गया था।  
बहुत पुराना है रीमिक्स का चलन
पुराने गीतों को रिमिक्स कर नयी स्टार कास्ट के साथ फिल्माने का चलन भी काफी पुराना है। अशोक कुमार की एक फिल्म जीवन नैया १९३६ में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म का एक गीत कोई हमदम न रहा काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत को खुद अशोक कुमार ने ही गया था। १९६० में अशोक कुमार के छोटे भाई किशोर कुमार ने फिल्म झुमरू के लिए इसे रिक्रिएट किया था। किशोर कुमार ने सरस्वती देवी के मूल गीत को ज्यादा माधुर्य दिया था। इसी प्रकार से, मीना कुमारी की फिल्म पाकीज़ा के लता मंगेशकर के गाये इन्ही लोगों ने ले लीन्हा दुपट्टा मेरा गीत को, सबसे पहले फिल्म हिम्मत (१९४१) में शमसाद बेगम और फिर फिल्म आबरू (१९४३) में याकूब गा चुके थे। लेकिन, इन दोनों ही गीतों के रिक्रिएशन ही दर्शकों को याद रह गए। हिम्मत और आबरू के संगीतकार पंडित गोबिंदराम थे, जबकि इस गीत को पाकीज़ा के लिए रिक्रिएट किया था गुलाम मोहम्मद ने। इस गीत के पाकीज़ा संस्करण पर फिल्म नया अंदाज़ (१९९०) में रेखा ने लिपसिंक किया था। 
पुराने गीत, नए होंठ 
फिल्म तनु वेड्स मनु में कजरा मोहब्बत वाला गीत को मूल रूप में ही रखा गया था। इस गीत पर कंगना रानौत थिरक रही थी। अलीगढ फिल्म में मनोज बाजपेई ने एक समलैंगिक प्रोफेसर की भूमिका की थी। यह प्रोफेसर पुराने हिंदी फिल्म गीतों का शौक़ीन था। इसे दिखाने के लिए उस प्रोफेसर को फिल्म अनपढ़ के आपकी नज़रों ने समझा गीत को रेडियो पर सुनते दिखाया गया था। इस गीत का रीमिक्स हॉलीवुड फिल्म मिस्ट्रेस ऑफ़ स्पिसस में ऐश्वर्या राय पर फिल्माया गया था। ऐन इवनिंग इन पेरिस के टाइटल गीत को मोहम्मद रफ़ी ने गाया था। करण जोहर की फिल्म ऐ दिल है मुश्किल में यह मूल गीत रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा पर फिल्माया गया था। फिल्म पाकीज़ा के इन्ही लोगों ने ले लीन्हा गीत पर फिल्म नया अंदाज़ (१९९०) में रेखा ने लिपसिंक किया था।
पुराना गीत आवाज़ नई
आजकल पुराने फ़िल्मी गीतों को नए गायक-गायिकाएं अपनी आवाज़ दे रहे हैं। करण जोहर की फिल्म बॉम्बे टॉकीज में एक भिखारिन पुराने हिंदी फिल्म गीत गा कर भीख मांगती है। करण जोहर ने इस हेतु दो फिल्मों दिल अपना और प्रीत पराई के अजीब दास्ताँ है ये और वह कौन थी के लग जा गले गीतों को राशि हरमालकर की आवाज में रिक्रिएट करवा था। इसी प्रकार से, क्वीन (२०१२) में कंगना रानौत पर फिल्म अनहोनी (१९७३) के गीत हंगामा हो गया को अमित त्रिवेदी ने अरिजीत सिंह की आवाज़ के साथ रिमिक्स तैयार किया गया था। फिल्म तीसरी कसम के लोक गीत चलत मुसाफिर मोह लियो रे की धुन को दो फिल्मों के लिए रिमिक्स किया गया।  संदीप शिरोडकर ने दबंग २ में इस गीत को थाने में बैठे ड्यूटी गीत से रीमिक्स किया था। इसी गीत को फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनिया में तनिष्क बागची ने टाइटल सांग के साथ रिमिक्स किया था। इसी फिल्म में फिल्म थानेदार का तम्मा तम्मा गीत भी रिमिक्स कर शामिल किया गया था। 
रिमिक्स के वीडियो में बड़े सितारे 
रीमिक्स गीतों का क्रेज कितना है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब बॉलीवुड के बड़े सितारे भी रिमिक्स के गैर फ़िल्मी वीडियो में भी आ जाते हैं। अब तो हिंदी फिल्मों के बड़े सितारे पुरानी हिंदी फिल्मों के गीतों के रीमिक्स वर्शन के विडियो में अभिनय करने से भी नहीं हिचकते। १९९० में रिलीज़ राहुल रॉय और अनु अग्रवाल की महेश भट्ट निर्देशित सुपरहिट म्यूजिकल फिल्म आशिकी का धीरे धीरे से मेरी ज़िन्दगी में आ जाना इसका बढ़िया उदाहरण है। इस गीत के रीमिक्स के विडियो में हृथिक रोशन और सोनम कपूर अभिनय करने से नहीं हिचकिचाते। 

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