अक्षय कुमार (अक्षयकी फिल्म केसरी की सफलता के बाद, तमाम
निगाहें पानीपत पर थी। इस साल ऐतिहासिक
फिल्मों को मिल रही सफलता की दूसरी फिल्म थी केसरी। इससे पहले, पहले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर फिल्म मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ़ झाँसी को दर्शकों द्वारा पसंद किया गया था।
इसीलिए, जोधा अकबर अकबर जैसी सफल फिल्म बनाने वाले
निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत की दर्शकों को प्रतीक्षा है । पानीपत को
६ दिसंबर को रिलीज़ होने जा रही है ।
इस फिल्म में, अर्जुन कपूर, संजय दत्त, कृति सेनन, पद्मिनी कोल्हापुरे और मोहनीश बहल
महत्वपूर्ण ऐतिहासिक चरित्र कर रहे हैं।
अर्जुन कपूर ने मराठा सेनापति सदाशिवराव भाऊ की भूमिका कर रहे हैं। मराठा और अफगान सेना के बीच युद्ध में सदाशिवराव
भाऊ ने ही मराठा सेना का नेतृत्व किया था।
फिल्म में,
संजय दत्त ने अफगान बादशाह अहमद शाह अब्दाली की भूमिका की है। मराठा सेना और अफगान सेना के बीच ही, १४ जनवरी
१७६१ को पानीपत में तीसरा युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में सदाशिवराव वीरगति को प्राप्त हुए थे।
इस फिल्म की दूसरी भूमिकाओं में कृति सेनन ने सदाशिवराव भाऊ की पत्नी
पारवती बाई, पद्मिनी
कोल्हापुरे ने सदाशिवराव की भाभी गोपिका बाई और
मोहनीश बहल ने पेशवा बालाजी बाजी राव की भूमिका की है।
केसरी की तरह,
पानीपत के तीसरे युद्ध का वर्णन इतिहास की किताबों से गायब नहीं है। लेकिन,इस युद्ध का वर्णन एक युद्ध की तरह है, जिसमे एक
सेना दूसरी सेना से हार जाती है।
मगर, आशुतोष की फिल्म इतिहास के उन पन्नों को
सामने लाएगी,
जिन्हे इतिहासकारों ने सामने आने नहीं दिया। इस फिल्म में, किस प्रकार से मराठा सेना की मदद हिन्दू
राजा नहीं करते तथा किस प्रकार से मुसलमान होने के नाते हिंदुस्तान के मुस्लिम
शासक अब्दाली की मदद को आगे आते हैं। हिन्दू राजाओं की उदासीनता के कारण भूख और प्यास जूझ रही मराठा सेना को बुरी हार का
सामना करना पड़ा था।अब यह बात दीगर है कि
मुस्लिम शासक भी अपनी गद्दी अब्दाली के हाथों गंवा बैठे।
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