ऐसा लगता है
कि २०१९ के लोकसभा आम चुनाव का संग्राम फिल्मों और डिजिटल सीरीज के ज़रिये लड़ा
जाएगा। क्योंकि,
इन सभी
फिल्मों के केंद्र में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी होंगे या उनके नारे फिल्म में
सन्देश दे रहे होंगे। ख़ास बात यह है कि इन फिल्मों या सीरीज के ज़रिये कांग्रेस को
घेरने की भी तैयारी है। कांग्रेस का अभी से शोरशराबा इसका आगाज़ भी करता है। इस
सेलुलॉइड युद्ध से दक्षिण का सिनेमा भी अछूता नहीं रह गया है।
प्रधान मंत्री के तौर पर फिल्म में मोदी
पाकिस्तान से
आये आतंकवादियों के द्वारा भारतीय सेना के आधार कैंप पर हमले के बाद भारतीय
सैनिकों द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक को केंद्र में रख कर निर्माता रोनी
स्क्रेव्वाला ने फिल्म उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक का निर्माण किया था। राज़ी और संजू
जैसी फिल्मों में अलिया भट्ट और रणबीर कपूर के सह नायक विक्की कौशल इस फिल्म के
नायक थे। फिल्म में भारतीय सैनिकों की साहसपूर्ण जांबाजी ने हिंदी फिल्म दर्शकों
में जोश भर दिया। यह फिल्म आल टाइम टॉप बॉक्स ऑफिस ग्रॉसर फिल्मों में शुमार हो
गई। विक्की कौशल महानायक बन गए। इस फिल्म के साथ ही दो दूसरी फ़िल्में बटालियन ६०९
और ७२ ऑवर्स मार्टीर नेवर डाई भी रिलीज़ हुई थी। बाद की दोनों फ़िल्में, बिना किसी प्रचार के इक्का दुक्का शो में
ही रिलीज़ की गई थी। इसलिए इन फिल्मों को सफल होना ही नहीं था। मगर, उरी द सर्जिकल स्ट्राइक से प्रधान मंत्री
नरेन्द्र मोदी का व्यक्तित्व उभर कर आया था। इसीलिए खास झुकाव रखने वाले पत्रकारों
द्वारा इस फिल्म को प्रचार फिल्म की संज्ञा भी दी गई। फिल्म में रजित कपूर प्रधान
मंत्री नरेन्द्र मोदी की भूमिका मे थे।
कांग्रेस पर प्रहार करने के लिए शास्त्री
ऐसा लगता है
कि लोकसभा चुनाव का पहला चरण पूरा होते होते फिल्म युद्ध चरम पर होगा। क्योंकि, १२ अप्रैल को लेखक-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द ताशकंद
फाइल्स रिलीज़ होने जा रही है। इस फिल्म में, ताशकंद में भारत के दूसरे प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की
सोवियत रूस में ताशकंद में रहस्यमई मौत की पड़ताल की जाएगी। इस फिल्म में कौन चरित्र क्या भूमिका करेगा, इसकी बहुत जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन, फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, नसीरुद्दीन शाह, मंदिर बेदी,
श्वेता बासु
प्रसाद, राजेश शर्मा, पंकज त्रिपाठी, विजय पाठक, अचिन्त्य कौर,
आदि एक्टर
राजनीतिक-गैर राजनीतिक किरदार करते नज़र आएंगे। यह फिल्म भी रिलीज़ से पहले विवादित
हो सकती है। क्योंकि, कांग्रेस पर आरोप लगाया जाता रहा है कि
कोंग्रेसियों ने षडयंत्र के तहत शास्त्री जी को मरवा दिया ताकि वह भारत वापसी के
बाद कथित रूप से ताशकंद समझौते को पलट न दे।
वैसे भी फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री प्रधान मंत्री के प्रबल
समर्थकों में से हैं।
मणिकर्णिका
के संवादों पर ऐतराज़
सामान्य तौर
पर, झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई पर बहुत कम
फ़िल्में बनी हैं। लेकिन,
जो फ़िल्में
बानी भी, वह फ्लॉप हुई। लेकिन, इस साल २५ जनवरी को रिलीज़, बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की केंद्रीय भूमिका वाली फिल्म
मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी को सफलता मिली। बावजूद इसके कि प्रेस के एक ख़ास सोच
वाले वर्ग ने इस फिल्म का काफी नकारात्मक प्रचार किया। शायद ऐसा फिल्म की नायिका कंगना रनौत का प्रधान
मंत्री मोदी का समर्थक होने का परिणाम था। इस फिल्म के तमाम संवाद राष्ट्रवाद से
प्रेरित थे। यह संवाद ख़ास सोच रखने वालों को नागवार गुजरी। खास तौर पर, फिल्म में कंगना रनौत के मणिकर्णिका के
द्वारा बोले गए संवाद,
'जब बेटी उठ
खडी होती है,
तभी विजय बड़ी
होती है (प्रधान मंत्री का बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सन्देश) और 'झाँसी आप भी चाहते हैं और मैं भी. फर्क सिर्फ इतना है आपको राज करना
है मुझे अपनों की सेवा'
प्रधान
मंत्री के विचारों की वकालत करते लगे।
फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी
निर्माता
सुरेश ओबेरॉय और संदीप सिंह की फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी, जैसा कि टाइटल से साफ़ है, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के
जीवन पर फिल्म है। इस फिल्म में नरेंद्र
मोदी के चाय बेचने वाले से प्रधान मंत्री तक के सफर का चित्रण किया गया है। फिल्म में नरेंद्र मोदी की भूमिका विवेक ओबेरॉय
ने की है। इस फिल्म के निर्देशक ओमंग
कुमार हैं। यह ओमंग कुमार की तीसरी बायोपिक
फिल्म है। वह इससे पहले महिला बॉक्सर मैरी
कोम पर फिल्म मैरी कोम और पाकिस्तान की जेल में मारे गए भारतीय कैदी सरबजीत सिंह
पर फिल्म सरबजीत का निर्देशन किया था। वह
मैरी कोम के लिए राष्ट्रिय फिल्म पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। लेकिन, कांग्रेसी इस फिल्म के खिलाफ खड़े हो गए हैं। चुनाव आयोग, भारतीय सेंसर बोर्ड, आदि से गुहार लगायी जा रही है कि यह फिल्म
राजनीतिक फायदा उठाने के लिए बनाई गई है तथा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने
वाली फिल्म है। फिल्म के निर्माता पीएम नरेंद्र मोदी को १२ अप्रैल को रिलीज़ कर रहे
थे। लेकिन, अब यह फिल्म ५ अप्रैल को रिलीज़ हो रही है। इससे फिल्म को लेकर विवाद बढ़ने का खतरा पैदा हो
गया है। कुछ समय पहले यह खबर थी कि एक अनिवासी भारतीय मितेश पटेल, प्रधान
मंत्री के जीवन पर ४० करोड़ की लागत से एक फिल्म के निर्माण की खबर थी । इस फिल्म में, नरेंद्र मोदी की भूमिका बीजेपी सांसद और
अभिनेता परेश रावल करने वाले थे। मगर, अब इस फिल्म
के बारे में आगे कोई सूचना नहीं है।
आम आदमी मोदी का सफर
एरोस
इंटरनेशनल के डिजिटल प्लेटफार्म एरोस नाउ के लिए एक डिजिटल सीरीज का निर्माण किया
जा रहा हिअ। मोदी: द जर्नी ऑफ़ अ कॉमन मन
टाइटल के साथ बनाई जा रही इस सीरीज को उमेश शुक्ल और आशिष वाघ बना रहे हैं। उमेश शुक्ल ने अक्षय कुमार और परेश रावल के साथ
फिल्म ओएमजी ओह माय गॉड का निर्माण किया था। इस सीरीज में प्रधान मंत्री नरेंद्र
मोदी के घटनाओं से भरे और प्रेरणादायक जीवन का चित्रण किया जा रहा है। इस सीरीज की शुरुआत १२ साल के नरेंद्र से
होगी। इस सीरीज में प्रधान मंत्री के जीवन
के भिन्न पड़ावों को तीन भिन्न अभिनेता फैसल खान, आशीष शर्मा कर महेश ठाकुर कर रहे हैं। दस हिस्सों में दिखाई जाने वाली इस सीरीज का हर
हिस्सा ३५-४० मिनट का होगा।
चलो जीते हैं
पिछले दिनो, देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के
जन्मदिन पर, कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज में, २७ हजार आदिवासी बच्चों के लिए लघु फिल्म
चलो जीते हैं का प्रदर्शन किया गया। फिल्मकार आनंद एल राज ने इस फिल्म का निर्माण
प्रधान मंत्री के बचपन में घटी प्रेरणादायक घटनाओं से प्रेरित हो कर बनाया
है। इस शार्ट फिल्म का निर्देशन मंगेश
हदावले ने किया है।
साबरमती एक्सप्रेस पर हमला
इसी ३ मार्च
को, वड़ोदरा के वेस्टर्न रेलवे के अंतर्गत
विश्वामित्र रेलवे स्टेशन पर एक डिजिटल सीरीज की शूटिंग शुरू हुई है। इस सीरीज में गोधरा काण्ड का चित्रण हुआ
है। इसे दिखाने के लिए इसे फिल्माने के
लिए इस स्टेशन पर एक पुरानी बेकार बोगी पर कार सेवकों को जला मारने का दृश्य
फिल्मांकित किया गया। बताते हैं कि इस घटना
के बाद नरेंद्र मोदी की शासन कुशलता का चित्रण हुआ है। साबरमती एक्सप्रेस कांड की आउटडोर शूटिंग के
अलावा काफी दूसरी इंडोर शूटिंग मुंबई में सेट्स खड़ा कर की गई है। यह सीरीज भी
चुनाव के ठीक पहले डिजिटल मीडिया पर स्ट्रीम होने लगेगी।
राहुल गाँधी पर फिल्म भी
ऐसा नहीं कि
सिर्फ नरेंद्र मोदी और उनके संदेशों पर ही फिल्मों का निर्माण हो रहा है। राहुल गाँधी पर भी एक फिल्म माय नाम इज रागा
निर्माण के दौर में है। यह फिल्म भी
अप्रैल में रिलीज़ हो सकती है। इस फिल्म का
निर्देशन रुपेश पॉल कर रहे रहे हैं। फिल्म
में राहुल गाँधी की भूमिका अश्विनी कुमार, नरेंद्र मोदी की भूमिका हिमांत कपाड़िया कर रहे हैं। फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर में मनमोहन
सिंह की भूमिका करने वाले अनुपम खेर के छोटे भाई राजू खेर इस फिल्म में मनमोहन
सिंह की भूमिका कर रहे हैं। खास बात यह है कि माय नाम इज रागा का निर्देशन करने वाले रुपेश पॉल ने काम सूत्र
थ्रीडी जैसी कामुक फिल्म का निर्माण किया है।
उनकी एक फिल्म का शीर्षक द टेम्पटेशन बिट्वीन माय लेग है।
कुछ दूसरी राजनीतिक फ़िल्में
मोदी बायोपिक
फिल्मो से पहले दूसरे राजनेताओं पर फिल्मों का निर्माण और प्रदर्शन हो चूका
है। इनमे पिछले साल रिलीज़ द एक्सीडेंटल
प्राइम मिनिस्टर तथा इसी साल २५ जनवरी को रिलीज़ ठाकरे के नाम उल्लेखनीय है। द
एक्सिंडेंट प्राइम मिनिस्टर की कहानी यूपीए के दस साल के शासन काल में डॉक्टर
मनमोहन सिंह के प्रधान मंत्री की पड़ताल करती है।
इस फिल्म में अनुपम खेर ने मनमोहन
सिंह की भूमिका की है। शिव सेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे पर फिल्म २५ जनवरी को
रिलीज़ हुई थी। फिल्म में बाल ठाकरे की भूमिका एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने की थी।
दक्षिण में भी दो हिस्सों में बँटी एक फिल्म रिलीज़ हो चुकी है। तेलुगु फिल्म
अभिनेता से आंध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री पद तक पहुँचने वाले नान्दीमुरि तारक
रामाराव पर दो हिस्सों में बनी बायोपिक फिल्म एनटीआर के दोनों हिस्से कथानायकूड़ु
और महानायकूड़ु रिलीज़ हो चुके हैं। लेकिन, कृष द्वारा निर्देशित एनटीआर के दोनों
हिस्से बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से मार खा चुके हैं। जब तक यह लेख छपेगा एनटीआर पर
एक तीसरी फिल्म,
रामगोपाल
वर्मा निर्देशित फिल्म लक्ष्मीज एनटीआर रिलीज़ (२९ मार्च को) हो चुकी होगी। आंध्र
प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री एस राजशेखर की राजनीतिक पदयात्रा पर फिल्म यात्रा
भी रिलीज़ हो चुकी है। इस फिल्म में अभिनेता मम्मूट्टि ने टाइटल रोल किया है।
मोदी जर्नी ऑफ़ अ कॉमन मैन - क्लिक करें
No comments:
Post a Comment