दूसरे विश्व युद्ध के आखिरी दिनों की पृष्ठभूमि पर अमेरिकी फिल्म है फ्यूरी. इस फिल्म में एक युद्धक टैंक फ्यूरी पर सवार पांच सैनिक जर्मनी में एक खतरनाक मिशन पर जाते हैं. इस फिल्म में ब्रैड पिट ने अमेरिकी सेना के फर्स्ट सार्जेंट डॉन कोलियर, जिसे 'वॉरडैडी' के नाम से भी जाना जाता है, की भूमिका की है. अन्य भूमिकाओं में शिया लाबेऊफ, लोगन लेर्मन, माइकल पेना, जॉन बेर्न्थल, आदि नाम उल्लेखनीय हैं। फिल्म का निर्देशन डेविड आयेर ने किया है. कोलंबिया पिक्चरस द्वारा रिलीज़ इस फिल्म के निर्माण में ८० मिलियन डॉलर खर्च हुए हैं. फ्यूरी १७ अक्टूबर को रिलीज़ हो रही है. पेश है इस फिल्म का ट्रेलर.
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 4 September 2014
दूसरे विश्व युद्ध के आखिरी दिनों की "फ्यूरी"
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 2 September 2014
कनाडा में प्रमोट किया कटरीना की बहन इज़बेले को सलमान खान ने
सलमान खान अपने आप में अकेले हैं। वह बॉलीवुड के सबसे सफल अभिनेताओं में से हैं। नए टैलेंट को प्रमोट करना या गाइडेंस देने का उनका शौक है। सोनाक्षी सिन्हा हों या टाइगर श्रॉफ, सलमान खान से सभी सलाह पाते हैं और सफलता पाने के बावजूद लेते भी रहते हैं। कटरीना कैफ के साथ दोस्ती के दौरान सलमान खान ने कटरीना से वादा किया था कि कटरीना की छोटी बहन इसाबेल को एक्ट्रेस बनाएंगे। इंडो-कैनेडियन सहयोग से बनी फिल्म डॉक्टर कैबी इज़बेले की पहली फिल्म है। कनाडा में नौकरी के लिए गए एक भारतीय डॉक्टर के कैब ड्राइवर बनने की इस कहानी में विनय विरमानी की केंद्रीय भूमिका है।
सलमान खान ने इस फिल्म को पूरा ही नहीं करवाया, बल्कि उसके प्रमोशन में भी पूरे जी जान से जुड़े हुए हैं। पिछले दिनों वह डॉक्टर कैबी के प्रमोशन के लिए कनाडा गए थे। टोरंटो के सिल्वरसिटी मल्टीप्लेक्स में सलमान खान डॉक्टर कैबी की विनय विरमानी, कुणाल नय्यर और इज़बेले कैफ की स्टार कास्ट के साथ मंच पर मौजूद थे। उन्हें देख कर मौजूद दर्शक सीटियां और तालियां बजाने लगे। सलमान खान ने इज़बेले का परिचय दर्शकों से कराते हुए कहा, "वह छोटी बच्ची, जिसे मैं जानता हूँ, अब बड़ी हो गयी है और आपके सामने है।" उन्होंने अभिनेता विनय विरमानी को भी उत्साहित किया, "मैं तुम्हे बॉलीवुड ले जाने आया हूँ". फिर सलमान खान ने विनय से गीत गाने और डांस करने के लिए कहा। परन्तु मौजूद लोग विनय के डांस से संतुष्ट नहीं थे। वह चाहते थे कि सलमान खान अपनी नई फिल्म किक के गीत गाये। लोगों में जोश देख कर सलमान खान ने किक के एक नहीं तीन तीन गीत एक के बाद एक सुनाये।
सलमान खान ने इस फिल्म को पूरा ही नहीं करवाया, बल्कि उसके प्रमोशन में भी पूरे जी जान से जुड़े हुए हैं। पिछले दिनों वह डॉक्टर कैबी के प्रमोशन के लिए कनाडा गए थे। टोरंटो के सिल्वरसिटी मल्टीप्लेक्स में सलमान खान डॉक्टर कैबी की विनय विरमानी, कुणाल नय्यर और इज़बेले कैफ की स्टार कास्ट के साथ मंच पर मौजूद थे। उन्हें देख कर मौजूद दर्शक सीटियां और तालियां बजाने लगे। सलमान खान ने इज़बेले का परिचय दर्शकों से कराते हुए कहा, "वह छोटी बच्ची, जिसे मैं जानता हूँ, अब बड़ी हो गयी है और आपके सामने है।" उन्होंने अभिनेता विनय विरमानी को भी उत्साहित किया, "मैं तुम्हे बॉलीवुड ले जाने आया हूँ". फिर सलमान खान ने विनय से गीत गाने और डांस करने के लिए कहा। परन्तु मौजूद लोग विनय के डांस से संतुष्ट नहीं थे। वह चाहते थे कि सलमान खान अपनी नई फिल्म किक के गीत गाये। लोगों में जोश देख कर सलमान खान ने किक के एक नहीं तीन तीन गीत एक के बाद एक सुनाये।
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
गैब्रिएला की बिकनी से बलविंदर सिंह फेमस हो गया
१९ सितम्बर को रिलीज़ को तैयार फिल्म बलविंदर सिंह फेमस हो गया की कई ख़ास बाते हैं. एक वचन यानि सिंगल पर्सन शीर्षक वाली यह फिल्म द्वीवचन यानि प्लूरल फॉर्म में है. फिल्म में एक नहीं दो दो बलविंदर सिंह हैं। मीका सिंह और शान फिल्म के बलविंदर सिंह है। यह दोनों एक ही लड़की को पटाना चाहते हैं। यह लड़की बनी हैं गैब्रिएला बेर्टेंट। गैब्रिएला ब्राज़ील की मॉडल एक्ट्रेस हैं। यों कहिये कि वह ब्राज़ील की बॉलीवुड में नायिका बनीं मॉडल हैं। उन्होंने तीन साउथ मूवीज में स्पेशल अपीयरेंस में आइटम नंबर किये हैं। बलविंदर सिंह फेमस हो गया में वह मीका और शान की इकलौती नायिका हैं। इसे बताने की ज़रुरत नहीं कि मीका और शान बॉलीवुड के मशहूर गायक हैं। मीका तो जो गीत गाते हैं, वह सुपर डुपर हिट हो जाता है। रुपहले परदे पर जो एक्टर उनके गीतों पर होंठ हिलाता और थिरकता है, दर्शकों की नज़रों में उसका कद कुछ ज़्यादा बढ़ जाता है। ऐसे दो बड़े गायक एक्टर बन रहे हों तो उनके प्रशंसकों की उम्मीदें कुछ ज़्यादा बढ़ जाती हैं। क्योंकि, दर्शक तो इन्ही की आवाज़ में इन्ही को थिरकते हुए देखना चाहता है। लेकिन, बलविंदर सिंह फेमस हो गया का पोस्टर कुछ दूसरी कहानी बयान करता लगता है। इस पोस्टर में गैब्रिएला पिंक और लाल टू पीस में सेक्सम सेक्सा हो रही हैं। बेचारे दोनों गायक लाल स्कूटर में सवार हो गैब्रिएला का ध्यान खींचने के लिए हाथ हिला रहे हैं। पोस्टर में गैब्रिएला का कद मीका और शान से बड़ा नज़र आता है। जैसा फिल्म का पोस्टर है, वैसा ही फिल्म का ट्रेलर भी है। पूरी फिल्म में टू पीस बिकनी में सजी धजी गोरी सुंदरियों के बीच गैब्रिएला बॉलीवुड के दर्शकों को आकर्षित करने के लिए कमर कसे हुए है। यहाँ सवाल यह है कि इस फिल्म के नायक मीका सिंह ही फिल्म के निर्माता भी हैं। उन्होंने म्यूजिकल रोमांस फिल्म बनायी है तो फिल्म में मीका का गीत संगीत, गायिकी और अदायगी होनी चाहिए. लेकिन, फिल्म तो मीका सिंह के ऊपर गैब्रिएला की सेक्स अपील भारी पड़ती नज़र आती है। ऐसा लगता है कि मीका सिंह ने पंजाबी म्यूजिक एल्बम वीडियो की तरह बलविंदर सिंह फेमस हो गया भी बनवा डाली है। निर्देशक सुनील अग्निहोत्री ने तो उनका निर्देश ही माना है। बहरहाल , फिल्म पहली नज़र में १९ सितम्बर को रिलीज़ होने जा रही परिणीति चोपड़ा और आदित्य रॉय कपूर की फिल्म दावत- ए- इश्क़ तथा सोनम कपूर और फवाद खान की फिल्म खूबसूरत पर भारी पड़ने जा रही है।
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फिल्म पुराण
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Monday, 1 September 2014
क्या इस साल होगा मुंबई फिल्म फेस्टिवल!
मुंबई अकादमी ऑफ़ मूविंग इमेज यानि मामी के द्वारा इस साल फिल्म फेस्टिवल आयोजित न करने की घोषणा के साथ ही इसके समर्थन में बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री एकजुट हो गयी है. इस साल इस फेस्टिवल का आयोजन न होना, आर्थिक तंगी एक कारण था. इंडस्ट्री के लिहाज़ से यह एक प्रतिष्ठित मेला था, जिसमे लगभग पूरी फिल्म इंडस्ट्री जुटती है. इसलिए जैसे ही आर्थिक तंगी के कारण मुंबई फिल्म फेस्टिवल आयोजित न किये जाने की घोषणा हुई, इंडस्ट्री के लोग गोलबंद होने लगे. आनंद महिंद्रा और रोहित खट्टर की सिनेस्तान फिल्म कंपनी सबसे आगे थी. इन्होने मेले के लिए ६० लाख देने की घोषणा की. फिल्म निर्माता और निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा, राजकुमार हिरानी, मनीष मुंद्रा, विवेक कजरिा, नीलेश नवलखा, हंसल मेहता और फिल्म समीक्षक अनुपमा चोपड़ा के साथ आ जाने के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि इस मेले का १६ वां संस्करण अब आयोजित होगा. पता चला है कि मेले के लिए आवश्यक ५ करोड़ के बजट का १.५ करोड़ इकठ्ठा कर लिया गया है.
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आज जी
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युवाओं में लोकप्रिय कटरीना कैफ
कटरीना कैफ युवाओं में ज़बरदस्त लोकप्रिय हैं. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा एक सर्वे से लगाया जा सकता है, जिसे एक राष्ट्रीय दैनिक ने पिछले दिनों किया था। इस सर्वे में कटरीना कैफ सेक्सिएस्ट वुमन अलाइव २०१४ चुनी गयीं। यानि उन्हें सबसे ज़्यादा सेक्सी महिला माना गया। उन्हें इस सर्वे में ३७ प्रतिशत वोट मिले तथा उन्होंने हॉलीवुड की एंजेलिना जॉली और बेयोन्स को पीछे छोड़ दिया। कुछ ही समय पहले मिस कैफ भारत की सबसे खूबसूरत चेहरा और सेक्सिएस्ट वुमन इन द वर्ल्ड भी मानी गई थीं। यह सर्वे ट्रस्ट रिसर्च एडवाइजरी ने देश के १५ मुख्य शहरों में किया था।
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हस्तियां
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नहीं रहे मिथुन चक्रवर्ती के 'बापू'
आज के मशहूर फिल्म निर्माता बोनी कपूर और अभिनेता अनिल कपूर के पिता सुरिंदर कपूर की महाभारत के पांडव चरित्रों पर एक सामजिक फिल्म आयी थी हम पांच। ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले आधुनिक समाज के महाभारत को प्रदर्शित करने वाली हम पांच में संजीव कुमार ने आधुनिक कृष्ण की भूमिका की थी. शबाना आज़मी, दीप्ति नवल, राज बब्बर, गुलशन ग्रोवर, अमरीश पूरी, अरुणा ईरानी, गीता सिद्धार्थ, रूपेश कुमार और कन्हैया लाल जैसी मिलीजुली स्टारकास्ट वाली हम पांच में आधुनिक भीम भीमा की भूमिका में मिथुन चक्रवर्ती ने दर्शकों का ख़ास ध्यान खींचा था। मृगया के लिए नेशनल फिल्म अवार्ड जीत चुके मिथुन इस फिल्म के बाद दर्शकों की निगाहों में चढ़ गए। हम पांच के निर्देशक तेलुगु फिल्मों के सत्तीराजु लक्ष्मी नारायण उर्फ़ बापू। इस फिल्म के बाद बापू ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ प्यारी बहना और प्रेम प्रतिज्ञा जैसी हिट फ़िल्में भी बनायीं। अनिल कपूर को बतौर नायक पहली ही फिल्म से स्टार बना देने वाले बापू ही थे। फिल्म थी वह ७ दिन। बापू की फिल्मों की खासियत होती थी माध्यम वर्गीय परिवार, उनके बीच के इमोशन और त्याग। यही कारण था कि अस्सी-नब्बे के दशक में बापू की निर्देशित फिल्मों को अच्छी सफलता मिली।
बापू प्रतिष्ठित पेंटर और रेखा चित्रकार थे। उन्हें इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड और अकादमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स तिरुपति द्वारा राष्ट्रपति अवार्ड से नवाज़ा गया। उन्होंने तेलुगु और हिंदी भाषा में कुल ५४ फ़िल्में बनाई। वह दो बार अपनी तेलुगु फिल्मों के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीत चुके थे. उन्हें पांच नंदी पुरस्कार और दो फिल्मफेयर अवार्ड्स भी मिले। ३१ अगस्त २०१४ को अस्सी साल के बापू का निधन दिल का दौरा पड़ने से हो गया।
बापू प्रतिष्ठित पेंटर और रेखा चित्रकार थे। उन्हें इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड और अकादमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स तिरुपति द्वारा राष्ट्रपति अवार्ड से नवाज़ा गया। उन्होंने तेलुगु और हिंदी भाषा में कुल ५४ फ़िल्में बनाई। वह दो बार अपनी तेलुगु फिल्मों के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीत चुके थे. उन्हें पांच नंदी पुरस्कार और दो फिल्मफेयर अवार्ड्स भी मिले। ३१ अगस्त २०१४ को अस्सी साल के बापू का निधन दिल का दौरा पड़ने से हो गया।
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श्रद्धांजलि
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Sunday, 31 August 2014
क्या स्ट्रांग साबित होगी प्रियंका और खूबसूरत साबित होगी सोनम
सितम्बर का महीना नायिकाओं का महीना होने जा रहा है. यो तो कई नायिका प्रधान फ़िल्में सितम्बर में रिलीज़ होंगी, लेकिन ख़ास होंगी दो फ़िल्में- प्रियंका चोपड़ा की मैरी कॉम और सोनम कपूर की खूबसूरत। यह दोनों फ़िल्में महिला चरित्रों के लिहाज़ से स्ट्रांग फ़िल्में कही सकती हैं. मशहूर महिला बॉक्सर मैरी कॉम के जीवन पर फिल्म एक स्ट्रांग महिला के तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद न केवल बॉक्सर बनती है, बल्कि, शादी और माँ बनने के बावजूद कड़ी मेहनत कर ओलंपिक्स में बॉक्सिंग का कांस्य पदक जीता था. मैरी कॉम का यह चरित्र स्ट्रांग होने के साथ साथ प्रेरणाप्रद भी है. अभिनेत्री प्रियंका चोपङा ने इसमे काफी मेहनत की है।
सोनम कपूर की फिल्म खूबसूरत मैरी कॉम की रिलीज़ के अगले हफ्ते ही रिलीज़ होगी. यह पूरी फिल्म सोनम कपूर के चरित्र डॉक्टर मिली चक्रवर्ती पर केंद्रित है. इस फिल्म को १९९९ में रिलीज़ रेखा की ऋषिकेश मुख़र्जी निर्देशित फिल्म खूबसूरत का रीमेक बताया जा रहा है। लेकिन, सोनम का करैक्टर रेखा के करैक्टर मंजू से भिन्न है। क्योंकि, १९९९ की खूबसूरत की रेखा वर्किंग वुमन नहीं थी। जबकि, २०१४ की खूबसूरत में सोनम कपूर डॉक्टर बनी हैं. अब देखने की बात होगी कि इन दो स्ट्रांग करैक्टर वाली फ़िल्में करके प्रियंका चोपड़ा और सोनम कपूर खुद को कितना साबित कर पाती हैं. ख़ास तौर पर सोनम कपूर के लिए खूबसूरत इम्तिहान होगी कि सोनम कपूर अभिनय के मामले भी उतनी ही खूबसूरत हैं।
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फिल्म पुराण
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शाहरुख़ खान और फरहान अख्तर होंगे राहुल ढोलकिया के रईस !
बैनर एक्सेल एंटरटेनमेंट ने अपनी अगली फिल्म रईस की घोषणा कर दी है। इस फिल्म की मुख्य भूमिका में शाहरुख़ खान और फरहान अख्तर होंगे। परन्तु, इस फिल्म का निर्देशन फरहान अख्तर नहीं राहुल ढोलकिया करेंगे. परजानिया और लम्हा जैसी काम बजट की फिल्मों के मशहूर निर्देशक राहुल की फिल्म पहली बड़े बजट और स्टारकास्ट वाली फिल्म है. रईस के नायक शाहरुख़ खान फिलवक्त अपनी फराह खान निर्देशित कॉमेडी फिल्म हैप्पी न्यू ईयर के प्रमोशन में व्यस्त हैं। इसके बाद खान यशराज बैनर की फिल्म फैन की शूटिंग पूरी करेंगे। फैन के बाद ही रईस शुरू होगी। बहरहाल, राहुल ढोलकिया ने रईस की स्क्रिप्ट पूरी कर ली है। लोकेशन को तय किया जाना है। राहुल ढोलकिया का इरादा फिल्म को एक लम्बे शिड्यूल में एक साल के अंदर पूरा करने का है। तब तक फिल्म के शेष कास्ट एंड क्रू फाइनल कर लिए जायेंगे।
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फिल्म पुराण
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Saturday, 30 August 2014
इमेज का मारा 'राजा नटवरलाल' बेचारा
किसी अभिनेता की इमेज किसी फिल्म को कैसे कचरा कर सकती है, इसका उदाहरण निर्देशक कुणाल देशमुख की थ्रिलर सोशल फिल्म 'राजा नटवरलाल' है. राजा नटवरलाल इमरान हाशमी की फिल्म है. इस फिल्म में वह अपने मित्र दीपक तिजोरी के साथ मिलकर छोटी मोटी ठगी किया करते हैं. वह होटल में डांस करने वाली जिया से मोहब्बत करते हैं. फिल्म में जिया की भूमिका पाकिस्तानी अभिनेत्री हुमैमा मलिक ने की है। एक बड़ा हाथ मारने की फिराक में दोनों इंटरनेशनल डॉन वर्धा यादव के ८० लाख पर हाथ साफ़ कर देते हैं. वर्धा यानि केके मेनन राजा के दोस्त को मार डालता है. अब वह राजा के पीछे लगा है. राजा भाग कर धर्मशाला आ जाता है एक पूर्व ठग योगी से मदद माँगने के लिए। दोनों मिल कर क्रिकेट के प्रेमी वर्धा यादव को किस प्रकार बर्बाद कर डालते हैं, यही फिल्म का थ्रिल है.
सब कुछ बेहद कमज़ोर है. परवेज़ शेख ने बेहद कमज़ोर कहानी पर लचर पटकथा लिखी है. फिल्म में सब कुछ वैसा ही चलता रहता है, जैसा निर्देशक कुणाल परवेज़ चाहते हैं. इस प्रयास में खलनायक वर्धा यादव का चरित्र के जोकर जैसा बन जाता है। जो डॉन राजा के दोस्त को ढूंढ कर मार डालता है, वह राजा की एक फोटो तक नहीं देख पाता। केप टाउन जाकर कहानी बिलकुल भटक जाती है। बचकाने ढंग से इमरान हाशमी, परेश रावल और उनके साथी तथा हुमैमा अपना काम अंजाम देते हैं. इस कहानी का पूरा मक़सद मशहूर ठग नटवरलाल की स्क्रीन कॉपी योगी की मौजूदगी के बावजूद राजा को राजा नटवरलाल साबित करना था। पूरे बचकाने ढंग से इसे साबित करने में कुणाल, संजय और शेख कामयाब भी होते हैं. संजय मासूम के संवाद अब असरकारी नहीं रहे. वह चालू टाइप का लिख मारते हैं. हालाँकि,इस कहानी में कुछ अच्छे संवाद लिखे जाने की गुंजाइश थी।
इमरान हाशमी की इमेज सीरियल किसर की है। वह अपनी हीरोइन को पहली सिटींग में ही बिस्तर तक लेजाकर गर्मागर्म रोमांस करने के लिए विख्यात या कुख्यात हैं। इस इमेज के अनुरूप फिल्म में उनके तीन किस भी हैं. पाकिस्तानी 'बोल' अभिनेत्री हुमैमा खान लपक कर इमरान का पहला किस लेती है। हुमैमा के इस बोल्ड एक्ट पर सिनेमाहॉल में बैठे दर्शकों की उम्मीदें जवान होने लगती हैं। लगता है अब काफी बोल्ड होगा। पर कुछ होता नहीं. हुमैमा के साथ बिस्तर पर पहुँच कर भी इमरान हाशमी कुछ गर्मागर्म नहीं कर पाते। दर्शक इमरान और हुमैमा की माँ बहन का ऐलान करना शुरू कर देते हैं। इमरान हाशमी की इमेज उनके किरदार पर भारी पड़ती है।पाकिस्तानी मॉडल, टीवी और फिल्म एक्ट्रेस हुमैमा 'बोल' मलिक ने बोल्ड लगने की भरसक कोशिश की है। साड़ी को अंग प्रदर्शक तरीके से बाँधा है. राज चक्रवर्ती का घूरता हुआ कैमरा बार बार हुमैमा की नाभि से शुरू हो कर उनके शरीर के पूरे भूगोल से दर्शकों का परिचय कराता है. पर दर्शक मांगे मोर। हुमैमा चेहरे से बदसूरत नहीं तो खूबसूरत बिलकुल नहीं लगती। वह इमरान का चुम्बन लेने में पहल करती हैं, स्मूचिंग करती हैं, पानी में भीग कर अपने शरीर के विटामिन का प्रदर्शन करती हैं, इमरान की हमबिस्तर तक होती हैं, इसके बावजूद फिल्म को गर्म नहीं कर पाती। फिल्म में इमरान और हुमैमा के बेड सीन से दर्शकों की उम्मीदें परवान चढ़ कर खत्म हो जाती हैं. न जाने क्यों फिल्म के इस बिस्तर सीन को पहले ही कम कर दिया गया. शायद पाकिस्तान में हुमैमा के प्रति भावनाओं का ख्याल रखते हुए इस सीन को काटा गया। अभिनय के मामले में हुमैमा सामान्य ही लगीं। शायद फिल्म में उनके किरदार में कोई दम ही नहीं था, इसलिए। केके मेनन वर्धा यादव के किरदार में मौका खोते लगते हैं. पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में सुमीत निझावन और शूटर के रोल में मोहम्मद ज़ीशान अयूब दर्शकों का ध्यान आकृष्ट करते हैं।
राजा नटवरलाल की सबसे बड़ी कमज़ोरी, कहानी और पटकथा के अलावा, संगीत है. इस प्रकार की फिल्मों, ख़ास तौर पर इमरान हाशमी की फिल्मों में मधुर संगीत खासियत हुआ करता है। राजा नटवरलाल में यह नदारद है। युवान शंकर राजा एक भी मधुर धुन नहीं दर्ज़ कर पाये। संदीप शिरोढकर का बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म को सपोर्ट करता है। रेमो डि सूजा ने हुमैमा को मामूली स्टेप्स ही दिए हैं. वैसे उनसे काफी कल्पनाशीलता की उम्मीद की जाती है.
इमरान हाशमी और हुमैमा खान के प्रशंसक चाहें तो फिल्म देख सकते हैं। पर इस समीक्षा को दोष न दें
सब कुछ बेहद कमज़ोर है. परवेज़ शेख ने बेहद कमज़ोर कहानी पर लचर पटकथा लिखी है. फिल्म में सब कुछ वैसा ही चलता रहता है, जैसा निर्देशक कुणाल परवेज़ चाहते हैं. इस प्रयास में खलनायक वर्धा यादव का चरित्र के जोकर जैसा बन जाता है। जो डॉन राजा के दोस्त को ढूंढ कर मार डालता है, वह राजा की एक फोटो तक नहीं देख पाता। केप टाउन जाकर कहानी बिलकुल भटक जाती है। बचकाने ढंग से इमरान हाशमी, परेश रावल और उनके साथी तथा हुमैमा अपना काम अंजाम देते हैं. इस कहानी का पूरा मक़सद मशहूर ठग नटवरलाल की स्क्रीन कॉपी योगी की मौजूदगी के बावजूद राजा को राजा नटवरलाल साबित करना था। पूरे बचकाने ढंग से इसे साबित करने में कुणाल, संजय और शेख कामयाब भी होते हैं. संजय मासूम के संवाद अब असरकारी नहीं रहे. वह चालू टाइप का लिख मारते हैं. हालाँकि,इस कहानी में कुछ अच्छे संवाद लिखे जाने की गुंजाइश थी।
इमरान हाशमी की इमेज सीरियल किसर की है। वह अपनी हीरोइन को पहली सिटींग में ही बिस्तर तक लेजाकर गर्मागर्म रोमांस करने के लिए विख्यात या कुख्यात हैं। इस इमेज के अनुरूप फिल्म में उनके तीन किस भी हैं. पाकिस्तानी 'बोल' अभिनेत्री हुमैमा खान लपक कर इमरान का पहला किस लेती है। हुमैमा के इस बोल्ड एक्ट पर सिनेमाहॉल में बैठे दर्शकों की उम्मीदें जवान होने लगती हैं। लगता है अब काफी बोल्ड होगा। पर कुछ होता नहीं. हुमैमा के साथ बिस्तर पर पहुँच कर भी इमरान हाशमी कुछ गर्मागर्म नहीं कर पाते। दर्शक इमरान और हुमैमा की माँ बहन का ऐलान करना शुरू कर देते हैं। इमरान हाशमी की इमेज उनके किरदार पर भारी पड़ती है।पाकिस्तानी मॉडल, टीवी और फिल्म एक्ट्रेस हुमैमा 'बोल' मलिक ने बोल्ड लगने की भरसक कोशिश की है। साड़ी को अंग प्रदर्शक तरीके से बाँधा है. राज चक्रवर्ती का घूरता हुआ कैमरा बार बार हुमैमा की नाभि से शुरू हो कर उनके शरीर के पूरे भूगोल से दर्शकों का परिचय कराता है. पर दर्शक मांगे मोर। हुमैमा चेहरे से बदसूरत नहीं तो खूबसूरत बिलकुल नहीं लगती। वह इमरान का चुम्बन लेने में पहल करती हैं, स्मूचिंग करती हैं, पानी में भीग कर अपने शरीर के विटामिन का प्रदर्शन करती हैं, इमरान की हमबिस्तर तक होती हैं, इसके बावजूद फिल्म को गर्म नहीं कर पाती। फिल्म में इमरान और हुमैमा के बेड सीन से दर्शकों की उम्मीदें परवान चढ़ कर खत्म हो जाती हैं. न जाने क्यों फिल्म के इस बिस्तर सीन को पहले ही कम कर दिया गया. शायद पाकिस्तान में हुमैमा के प्रति भावनाओं का ख्याल रखते हुए इस सीन को काटा गया। अभिनय के मामले में हुमैमा सामान्य ही लगीं। शायद फिल्म में उनके किरदार में कोई दम ही नहीं था, इसलिए। केके मेनन वर्धा यादव के किरदार में मौका खोते लगते हैं. पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में सुमीत निझावन और शूटर के रोल में मोहम्मद ज़ीशान अयूब दर्शकों का ध्यान आकृष्ट करते हैं।
राजा नटवरलाल की सबसे बड़ी कमज़ोरी, कहानी और पटकथा के अलावा, संगीत है. इस प्रकार की फिल्मों, ख़ास तौर पर इमरान हाशमी की फिल्मों में मधुर संगीत खासियत हुआ करता है। राजा नटवरलाल में यह नदारद है। युवान शंकर राजा एक भी मधुर धुन नहीं दर्ज़ कर पाये। संदीप शिरोढकर का बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म को सपोर्ट करता है। रेमो डि सूजा ने हुमैमा को मामूली स्टेप्स ही दिए हैं. वैसे उनसे काफी कल्पनाशीलता की उम्मीद की जाती है.
इमरान हाशमी और हुमैमा खान के प्रशंसक चाहें तो फिल्म देख सकते हैं। पर इस समीक्षा को दोष न दें
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फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 27 August 2014
इमरान हाश्मी और हुमैमा खान ने रिक्शा वालों के साथ देखी राजा नटवरलाल.
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फोटो फीचर
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Saturday, 23 August 2014
अब मणि रत्नम की अलिया
शशांक खेतान की फिल्म हम्प्टी शर्मा की दुल्हनियां में काव्य प्रताप सिंह की भूमिका से अभिनेत्री अलिया भट्ट ने दक्षिण के प्रतिष्ठित निर्देशक मणि रत्नम को भी प्रभावित कर लिया है। अपनी आगामी फिल्म के लिए मणि ने अलिया भट को साइन कर लिया है. अलिया भट्ट अपनी एक के बाद एक तीन फिल्मों स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर, हाईवे और २ स्टेट्स में अपनी प्रतिभा और स्टारडम का परिचय दिया था। हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया के बाद अलिया भट्ट को फिल्म सर्किल में गंभीरता से लिया जाने लगा है. वह इस समय विकास 'क्वीन' बहल की फिल्म शानदार में शाहिद कपूर के अपोजिट साइन की गयी हैं. इसके अलावा, वह अयान मुख़र्जी की अगली फिल्म में रणबीर कपूर के साथ मुख्य भूमिका में ली गयी हैं. वह अपने कजिन मोहित सूरी की अगली फिल्म में भी काम करेंगी. कहा जाता है कि मोहित की फिल्म में महेश भट्ट और सोनी राजदान की यह बेटी पहली बार गंभीर भूमिका करेगी. इसका साफ़ मतलब यह है कि अलिया भट्ट को अब सीरियसली लिया जाने लगा है।
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'मुंबई के डीसीपी' ने बचाया 'क्राइम ब्रांच की सीनियर इंस्पेक्टर' को !
मुंबई पुलिस के डीसीपी ने अपने सीनियर इंस्पेक्टर की लाज बचा ली. अगर, अजय देवगन की फिल्म सिंघम रिटर्न्स ने लखनऊ में एक सिनेमाघर न छोड़ा होता तो शायद मर्दानी को सिंगल स्क्रीन के दर्शक नहीं देख पाते. हुआ यह था कि १५ अगस्त को जब अजय देवगन और रोहित शेट्टी की हिट जोड़ी की फिल्म सिंघम रिटर्न्स की लखनऊ में रिलीज़ तय हुई तो इस फिल्म के लिए मल्टीप्लेक्स थिएटर के अलावा सभी मुख्य सिंगल स्क्रीन थिएटर- नावेल्टी लालबाग और अलीगंज, शुभम, आनंद सिनेप्लेक्स, साहू और उमराव को बुक कर लिया गया था. केवल प्रतिभा थिएटर में ही अक्षय कुमार की फिल्म एंटरटेनमेंट दिखायी जा रही थी. सिंघम रिटर्न्स की जैसी हाइप बनी थी, उसे देखते हुए सभी सिंगल स्क्रीन थिएटर २ हफ्ते के लिए बुक थे. ऐसे में रानी मुख़र्जी की फिल्म मर्दानी के लिए केवल प्रतिभा थिएटर ही उपलब्ध था. लेकिन, बात एमजी पर टिकी हुई थी. यशराज फिल्म्स ने बड़ा सा मुंह फाड़ा. प्रतिभा थिएटर का प्रबंधन पीछे हट गया. उसे रानी मुख़र्जी की बॉलीवुड फिल्म के बजाय हॉलीवुड के एक्शन स्टार्स सीलवेस्टर स्टैलोन, अर्नाल्ड श्वार्जनेगर, आदि जैसे दस सितारों की फिल्म द एक्सपेंडब्ल्स ३ को रिलीज़ करना ज़्यादा फायदेमंद लगा. यह मर्दानी का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या था कि सिंघम रिटर्न्स से टकराव टालने वाली फिल्म द एक्सपेंडब्ल्स ३ मर्दानी से आ भिड़ी थी. पुलिस वालों से भागे हुए भाड़े के हत्यारे, पुलिस वालों को ही चुनौती दे रहे थे. ऐसे में लग रहा था कि लखनऊ की फिल्मों के इतिहास में पहली बार यशराज बैनर की कोई बड़ी फिल्म सिंगल स्क्रीन थिएटर में रिलीज़ नहीं हो पाएगी. लेकिन, तभी चमत्कार सा हुआ. सिंघम रिटर्न्स का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन गिरना शुरू हुआ. इस फिल्म की संडे की कमाई फ्राइडे की कमाई से भी कम रही. सोमवार को जन्माष्टमी का अवकाश होने के बावजूद सिंघम रिटर्न्स का कलेक्शन काफी गिरा. मंगलवार को यह इतना गिरा कि शुभम के प्रबंधन को लगा कि यह फिल्म दूसरे सप्ताह में एक लाख का कलेक्शन कर ले गयी तो बहुत होगा. इस पर डिस्ट्रीब्यूटर से बात की गयी. उन्हें बताया गया कि सिंघम रिटर्न्स को दूसरे हफ्ते में प्रदर्शित करना घाटे का सौदा होगा. शायद यशराज फिल्म्स का दबाव भी कारगर साबित हुआ होगा. मुंबई पुलिस के डीसीपी सिंघम रिटर्न्स ने शुभम को छोड़ा. मुंबई क्राइम ब्रांच की सीनियर इंस्पेक्टर मर्दानी ने इस मौके को लपका. शुभम थिएटर में मर्दानी बुक हो गयी. कल्पना कीजिये कि सिंघम रिटर्न्स बहुत अच्छा बिज़नेस कर रही होती! तब तो मर्दानी को सिंगल स्क्रीन मिल ही नहीं पाती. क्योंकि, रिलीज़ के मामले में हॉलीवुड ने बॉलीवुड को पहले ही मात दे दी थी. दिलचस्प बात यह थी कि जिस द एक्सपेंडब्ल्स ३ की रिलीज़ सिंघम रिटर्न्स से टकराव टालने के लिए एक हफ्ता पीछे कर दी गयी थी, उसी की टक्कर से मर्दानी को बचाने के लिए सिंघम आगे आया था.
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इस शुक्रवार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 22 August 2014
भाड़े के हत्यारों का एक और मिशन
सिल्वेस्टर स्टैलोन, जेसन स्टेथम, हैरिसन फोर्ड, अर्नाल्ड श्वार्जनेगर, जेट ली, मेल गिब्सन, वेस्ली स्नाइप्स, डोल्फ लुंडग्रेन, रैंडी कूचर, टेरी क्रुज, केलसये ग्रम्मेर, ग्लेन पॉवेल, अन्तोनिओ बंदरस, विक्टर ओर्तीज़, रोंडा रॉसी और केलन लुट्ज़ . यह सब हॉलीवुड फिल्मों के बड़े नाम है. कुछ तो काफी वरिष्ठ अभिनेता हैं. इनमे से ज़्यादातर की एक्शन हीरो की इमेज है. निर्माता सीलवेस्टर स्टैलोन ने इन सभी को अपनी फिल्म द एक्सपेंडब्ल्स ३ के लिए इकठ्ठा किया है. ज़ाहिर है कि इतनी ज़्यादा एक्शन स्टार कास्ट के साथ साथ बनाने वाली फिल्म हैरतअंगेज एक्शन दृश्यों से भरपूर होगी ही. द एक्सपेंडब्ल्स ३ बिलकुल वैसी ही फिल्म हैं. पूरी फिल्म में रफ़्तार भरती गाड़ियां, उड़ाते हवाई जहाज और हेलीकाप्टर, मशीन गन्स, टैंक, आदि सब कुछ है. निर्देशक पैट्रिक हूजेस ने विशुद्ध एक्शन फिल्म बनाने में कोई कसार नहीं छोड़ी है. इसके लिए चुस्त दुरुस्त स्क्रीनप्ले ज़रूरी होता है. सीलवेस्टर स्टैलोन के साथ क्रेटों रोथेनबेर्गेर और कटरीन बेनेडिक्ट ने इस ज़रुरत को बखूबी पूरा किया है. सिल्वेस्टर स्टैलोन, हैरिसन फोर्ड, अर्नाल्ड श्वार्जनेगर और मेल गिब्सन के चेहरों से उम्र झांकती है. लेकिन, एक्शन फिल्मों को युवा चेहरों की ज़रुरत ख़ास नहीं होती. इसके बावजूद स्टैलोन ने अपनी फिल्म में केलन लुट्ज़, ग्लेन पॉवेल, विक्टर ओर्तीज़ और रोंडा रॉसी जैसे युवा चेहरों को अपनी भाड़े के हत्यारों की टीम का सदस्य बनाया है. शायद स्टैलोन का इरादा एक्सपेंडब्ल्स को आगे कुछ अन्य कड़ियों में खींचना है. इस फिल्म को इसकी स्टार कास्ट के कारण हिंदुस्तान में दर्शक मिलेंगे.
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फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉक्स ऑफिस की 'मर्दानी' रानी मुख़र्जी
सक्षम अभिनेत्री कैसी भी भूमिका को बड़ी सहजता से निभा सकती है. मुंबई क्राइम ब्रांच की सीनियर इंस्पेक्टर शिवानी शिवाजी रॉय की भूमिका में रानी मुख़र्जी ने इसे साबित कर दिखाया है. रानी मुख़र्जी कई फिल्मों में इमोशनल भूमिकाओं को कई बार कर चुकी हैं. इस बार मर्दानी में उन्होंने एक ईमानदार पुलिस अधिकारी के रफ़ टफ किरदार को किया है. इस भूमिका में रानी मुख़र्जी बिना लाउड हुए रफ़ टफ लगती हैं. अपनी छोटी कद काठी के बावजूद वह शिवानी के किरदार को स्वाभाविक बना ले जाती हैं. फिल्म में कई इमोशनल सीक्वेंस हैं. रानी हर सीन में मर्दानी लगती हैं. फिल्म की कहानी दिल्ली और मुंबई में मानव तस्करी और देह व्यापार पर केंद्रित है. शिवानी क्राइम ब्रांच की इंस्पेक्टर होने के नाते इस व्यापार पर निगाह रख रही है. जब उसे पता चलता है कि एक गिरोह जवान लड़कियों को अगवा कर देह व्यापर में धकेल रहा है और नकली पासपोर्ट के जरिये विदेशों में बेच रहा है, तब वह इसका पर्दाफाश करने का निर्णय लेती है. उसे रोकने के लिए गिरोह उसके डॉक्टर पति पर हमला करता है. पर वह डिगती नहीं. अंततः वह इस गिरोह को उखाड़ फेंकती है. मर्दानी को गोपी पुथरन ने लिखा है. उन्होंने घटनाओ को सहज और स्वाभाविक बनाने की सफल कोशिश की है. ख़ास तौर पर फिल्म का क्लाइमेक्स. गोपी ने फिल्म को छोटे छोटे दृश्यों में बाँधा है. इससे फिल्म में गति आयी है तथा वह पूरी गति से बिना किसी बाधा के चलती रहती है. उन्होंने अनावशयक नृत्य गीत न डाल कर (हालाँकि, इसकी काफी गुंजाईश थी), फिल्म को लम्बा नहीं होने दे कर ११३ में मिनट में समेट दिया है. मर्दानी को आर्थर जुरव्स्की के कैमरा ने काफी सपोर्ट किया है. संपादक संजीब दत्ता ने अनावश्यक दृश्यों को छोटा कर दिया है. मर्दानी यशराज फिल्म्स की एडल्ट सर्टिफिकेट पाने वाली पहली फिल्म है. परन्तु, इसमे अश्लीलता नहीं है. पूरी फिल्म रानी मुख़र्जी के कन्धों पर रफ़्तार भरती है. उनके सामने, उनके पति डॉ रॉय की भूमिका में जिस्शु सेनगुप्ता और खलनायक कत्याल की भूमिका में अनंत शर्मा उभरने नहीं पाते. कार्तिक राजा का पार्श्व संगीत फिल्म की जान है. बताया जाता है कि अपने किरदार को स्वाभाविक बनाने के लिए रानी मुख़र्जी ने जिम में घंटों पसीना बहाया था. फिल्म में उनकी यह मेहनत रंग लाती नज़र आती है. निर्देशक प्रदीप सरकार ने मानव तस्करी जैसे विषय पर अपना पूरा नियंत्रण बनाये रखा है. हर चरित्र उनके नियंत्रण में रहता है. वह छोटे से छोटे चरित्र को शिवानी के चरित्र को पूरा सहयोग देने वाला बना देते हैं. इस फिल्म को अच्छी फिल्मों के शौकीनों द्वारा देखा जाना चाहिए.
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फिल्म समीक्षा
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Wednesday, 13 August 2014
रघुबीर यादव ने कहा "मैनु एक लडकी चाहिये "
बॉलीवूड
हमेशा से बदलते हुवे विभिन्न सामाजिक विषयो और मुद्दो पर अपनी फ़िल्म के
माध्यम से दिखाता रहा है अभिनेता रघुबीर यादव की नयी फिल्म मैनु एक लडकी चाहिये अपने कामेडी टायटल से जिज्ञासा बढाती है लेकिन फिल्म की कहानी समाज में बढ रहे एक झुठे रेप के चलन को दिखायेगी पिछले
दिनो फिल्म का संगीत लांच किया गया इस अवसर पर फिल्म के कलाकारो के साथ
ही नेता कृपाशंकर सिंह अभिनेता अमन वर्मा , अनुपम श्याम भी उपस्थित थे इस
शाम की सबसे खास बात अपनी गंभीर भुमिकाओ के लिये लोकप्रिय अभिनेता रघुबीर
यादव ने मंच पर ठुमके लगाये . दिल्ली के व्यवसायी मनोज बिंदल और संतोष बिंदल इस फिल्म के निर्माता है . फिल्म मे ममता शर्मा , रूप कुमार राठौड , मिका सिंह, जावेद अली और निखिल डी सुजा कें गाने है निर्देशक अभिषेक की फिल्म मेनू एक लड़की चाहिए के
निर्माता मनोज बिंदल और संतोष बिंदल है रघुबीर यादव के साथ फिल्म में ऋचा
सिन्हा , जाकिर हुसैन , यतिन कारेकर , राशी , पुरु छिब्बर प्रमुख भूमिका
निभा रहे है।
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हस्तियां
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Tuesday, 12 August 2014
हॉलीवुड अभिनेता रोबिन विलियम्स ने आत्महत्या की
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 9 August 2014
मैरी कॉम के आसमान से गिरकर खूबसूरत खजूर से लटकी परिणीति की दावत-ए -इश्क़ !
रक्षा बंधन की पूर्व संध्या बॉलीवुड की दो बहनों के लिए बढ़िया खबर ले कर आयी. यह दो बहनें है प्रियंका चोपड़ा और उनकी कजिन परिणीति चोपड़ा। इन दोनों बहनों की दो फ़िल्में प्रियंका चोपड़ा की फिल्म मैरी कॉम और परिणीति चोपड़ा की फिल्म दावत-इ-इश्क़ की रिलीज़ की तरीक ५ सितम्बर तय थी. दो बहनों का यह मुक़ाबला दिलचस्प ज़रूर था, लेकिन एक बहन के लिहाज़ से नुकसानदेह भी था. प्रियंका चोपड़ा की फिल्म मैरी कॉम मशहूर महिला बॉक्सर मैरी कॉम के जीवन संघर्ष पर फिल्म है। जबकि, दावत-इ-इश्क़ लखनऊ के लडके और हैदराबाद की लड़की की रोमांस गाथा है। हालाँकि, इन दोनों फिल्मों का जेनर भिन्न था, इसके बावजूद दो एक्टर बहनों की फिल्म होने के कारण दोनों फ़िल्में आमने सामने थीं। यह फ़िल्में संजयलीला भंसाली और आदित्य चोपड़ा जैसे बड़े निर्माताओं की फ़िल्में थीं। इसलिए, इनका टकराव हाई प्रोफाइल हो गया था। अलबत्ता, बॉक्स ऑफिस की दौड़ में आगे दिखायी पड़ रही थी प्रियंका चोपड़ा की फिल्म मैरी कॉम। इसे देखते हुए आदित्य चोपड़ा और उनके बैनर यशराज फिल्म्स ने दावत-इ-इश्क़ की रिलीज़ की तारीख दो हफ्ता पीछे खिसकाते हुए १९ सितम्बर कर दोनों ही बहनों को राखी का उपहार दे दिया। ऐसा इस लिए भी संभव हुआ कि यशराज फिल्म्स के प्रियंका चोपड़ा से अच्छे सम्बन्ध है. अभी ही प्रियंका चोपड़ा ने इस बैनर की फिल्म गुंडे में रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर की नायिका बन कर बड़ा स्वरुप दे दिया था।
हालाँकि, दावत-इ-इश्क़ की तारीख पीछे खिसक गयी है। लेकिन, फिलहाल इससे भी बड़े टकराव की स्थिति पैदा हो रही है। आज की तारिख में १९ सितम्बर को ३ ए एम, बलविंदर सिंह फेमस हो गया, इक्कीस तोपों की सलामी, रोर, तमंचे और अग्ली रिलीज़ हो रही हैं. लेकिन, दावत-ए-इश्क़ के लिए बड़ी चुनौती है सोनम कपूर और पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की फिल्म खूबसूरत। निर्देशक शशांक घोष की खूसूरत के निर्माता वाल्ट डिस्नी स्टूडियो और अनिल कपूर हैं। अनिल कपूर और आदित्य चोपड़ा के सम्बन्ध काफी पुराने है। इस तरह से अब परिणीति चोपड़ा आसमान से गिर कर खजूर में लटक गयी प्रतीत होती हैं. उन्हें सोनम कपूर की फिल्म ख़ूबसूरत से मुक़ाबला करना ही है,फिलहाल क्राइम रोमांस फिल्म तमंचे की ऋचा चड्ढा, निर्देशक अनुराग कश्यप की सस्पेंस थ्रिलर फिल्म अग्ली तथा शान और मीका की मुख्य भूमिका वाली म्यूजिकल कॉमेडी फिल्म बलविंदर सिंह फेमस हो गया से भी मुक़ाबला करना है। यानि कि परिणीति चोपड़ा की दावत-ए -इश्क़ का मज़ा सोनम की खूबसूरत भी किरकिरा कर सकती है और अनुराग की अग्ली भी। आज मशहूर गायक मीका सिंह का बलविंदर सिंह भी इस दावत को फीका बना सकता है।
हालाँकि, दावत-इ-इश्क़ की तारीख पीछे खिसक गयी है। लेकिन, फिलहाल इससे भी बड़े टकराव की स्थिति पैदा हो रही है। आज की तारिख में १९ सितम्बर को ३ ए एम, बलविंदर सिंह फेमस हो गया, इक्कीस तोपों की सलामी, रोर, तमंचे और अग्ली रिलीज़ हो रही हैं. लेकिन, दावत-ए-इश्क़ के लिए बड़ी चुनौती है सोनम कपूर और पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की फिल्म खूबसूरत। निर्देशक शशांक घोष की खूसूरत के निर्माता वाल्ट डिस्नी स्टूडियो और अनिल कपूर हैं। अनिल कपूर और आदित्य चोपड़ा के सम्बन्ध काफी पुराने है। इस तरह से अब परिणीति चोपड़ा आसमान से गिर कर खजूर में लटक गयी प्रतीत होती हैं. उन्हें सोनम कपूर की फिल्म ख़ूबसूरत से मुक़ाबला करना ही है,फिलहाल क्राइम रोमांस फिल्म तमंचे की ऋचा चड्ढा, निर्देशक अनुराग कश्यप की सस्पेंस थ्रिलर फिल्म अग्ली तथा शान और मीका की मुख्य भूमिका वाली म्यूजिकल कॉमेडी फिल्म बलविंदर सिंह फेमस हो गया से भी मुक़ाबला करना है। यानि कि परिणीति चोपड़ा की दावत-ए -इश्क़ का मज़ा सोनम की खूबसूरत भी किरकिरा कर सकती है और अनुराग की अग्ली भी। आज मशहूर गायक मीका सिंह का बलविंदर सिंह भी इस दावत को फीका बना सकता है।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 8 August 2014
"समझावाँ गीत की मिठास" – तोशी - शारिब
आज कल एक
रोमांटिक गाना "समझावाँ " हर किसी की जुबान पर है. क्या आप
जानते हैं कि फिल्म "हम्प्टी शर्मा की दुल्हनियाँ" के इस गीत के मधुर
संगीत को किस संगीतकार ने तैयार किया है.जी हाँ इस गीत को संगीत बद्ध किया है आज के
युवा संगीतकार जोड़ी तोशी - शारिब ने,ये दोनों भाई जितना अच्छा संगीत तैयार
करते हैं उतनी ही दिल को छू लेने वाली आवाज़ है इनकी। दोनों ने ही ने संगीत के कुछ रियल्टी शो में भाग लिया। अमूल स्टार वॉयस ऑफ़ इंडिया में सर्वश्रेष्ठ चार में रहने वाले तोशी
ने उस्तादों के उस्ताद , जो जीता वही सुपर स्टार और म्यूजिक का महा मुकाबला में तो हिस्सा लिया ही साथ ही अपने भाई शारिब के साथ सा रे गा मा पा २००५ में भी हिस्सा लिया और फाइनल तक पंहुचे।
इसी तरह शारिब जो कि
तोशी के बड़े भाई हैं बेहतरीन गायक हैं। शारिब ने एन डी टी वी के रियल्टी शो 'जूनून - कुछ कर
दिखायेंगे ' और स्टार प्लस के शो 'म्यूजिक का मुकाबला' में भी हिस्सा लिया था. संगीत के जूनून की वजह से दोनों ही भाइयों ने
अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी और उन्हें मौका मिला सन २००८ - ९ में फिल्म "राज़ - द मिस्ट्री कन्टीन्यूस " में अपनी संगीत
प्रतिभा दिखाने का, तो उन्होंने श्रोताओं को गीत 'माही' की धुनों पर झूमने पर
मजबूर कर दिया ।
२००९ में ही आयी दो
फ़िल्में जश्न और जेल में दोनों ही फिल्मों में सभी गीतों में इन्होने संगीत दिया जबकि पहली
फिल्म में सिर्फ एक गीत में संगीत दिया था. २०१० में फिल्म 'फिर' २०११ में 'लंका' और फिर २०११ में घोस्ट में बेहतऱीन संगीत दिया। सन २०१३ में आयी अभिनेता धर्मेन्द्र, सनी देओल और बॉबी की तिकड़ी की फिल्म
" यमला पगला दीवाना -२ " इस फिल्म में भी इनका ही संगीत था। २०१३ का हिट
गीत "कभी जो बादल बरसे " (जैक पॉट ) और अब २०१४ का सबसे हिट गीत "समझावाँ" इस गीत की सफलता ने तो इन दोनों को उस मुकाम पर पंहुचा दिया है जिसे आगे बस कामयाबी ही
कामयाबी है. इसी फिल्म का गीत " सैटर डे - सैटर डे " भी आज हर पार्टी की जान बना हुआ है.
बतौर संगीतकार तो
तोशी शारिब सफल हो ही रहे हैं इसके साथ - साथ गायक के रूप में श्रोता इन्हें पसंद
करते हैं। तोशी के गाये हुए मुख्य गीत हैं --- जागे हैं बाद मुद्द्त के (
समर - २००७ ) नथनी उतारो ( हॉर्न ओके प्लीज ) माही ( राज़ - द मिस्ट्री
कन्टीन्यूस ) ऐश कर ले इश्क़ का है (जश्न ) वक्त की धूप ( किसान ) वादा रहा ( वादा
रहा ) सैयां वे (जेल ) सेहरी ( ओय ) कान्हा तुम्हारी (वीर ) अल्लाह रे मौला रे (
बोंधु एसो ) सतरंगी साथिया , माही वे , हम तो हो चले दीवाने (फिर ) ओम शांति (ओम शांति ) लम्बी जुदाई
(जन्नत ) तू ही तू (लंका ) जलवानुमा (घोस्ट ) थेडी वेरुवेन (तमिल फिल्म -- काढल २ कल्याणम
) कलमा (विल यू मेरी मी ) साडी दारू डा पानी ( यमला पगला दीवाना - २ ) चिकडंगा
(वार्निंग )
शारिब
के मुख्य गीत हैं --- जागे हैं बाद मुद्दत के (समर - २००७ ) माही रॉक विध मी ( राज़ - द मिस्ट्री कन्टीन्यूस ) सैयां वे ( जेल ) ओरु ठुली विषमई (
तमिल फिल्म -अमीरिन आधी भगवन ) .
फ़िल्मी गीतों के
अलावा इनका २०१३ में " फ्रेंच किस " नामक एलबम भी आया था। टाइम्स म्यूजिक द्वारा रिलीज़ हुआ इस एलबम ने
काफी सफलता भी हासिल की थी दोनों के मुताबिक़ यह गाना उन्होंने अपने अंतराष्ट्रीय
दर्शकों को ध्यान में रख कर बनाया था जिसमें वह सफ़ल रहे.
तोशी और शारिब के ऊपर
इनके पिता का पूरा प्रभाव है क्योंकि इनके पिता भी शास्त्रीय संगीत
के गायक थे. दोनों में ही गज़ब की संगीत की प्रतिभा है जहाँ तोशी की रूचि संगीत में
है वही दूसरी ओर उनके भाई शारिब का रुझान गीत - संगीत में तो है ही साथ में वो ऐडवेंचर स्पोर्ट्स के रियल्टी शो खतरों के खिलाड़ी में भी भाग लेने की इच्छा रखते हैं.
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गीत संगीत
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
हरफनमौला राहुल अब बड़े परदे पर
अभिनय व फिल्म जगत के हर फ़न में माहिर छोटे परदे के चर्चित अभिनेता राहुल सिंह ने अब बड़े परदे पर
कदम बढ़ा दिया है। जल्द ही उनकी पहली फिल्म सेटिंगबाज़ दर्शको के समक्ष
होगी। मूल रूप से बिहार के जमुई जिले के निवासी राहुल को अभिनय का शौक
बचपन से ही लग गया था। पर्व त्योहारो खासकर स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित
किये जाने वाले नाटक में उन्हें भारत माता का रोल दिया जाता था। अपने
स्कूली दिनों में ही राहुल ने झारखण्ड नाट्य संस्था से जुड़ कर सैकड़ो शो
बिहार और झारखण्ड में किया। यही नहीं जब वे दसवी में पढ़ते थे तभी ही एक
फिल्म का निर्माण किया। एक गाँव नाम की सराहना से उत्साहित राहुल ने मुंबई
की राह पकड़ी और एक नाट्य ग्रुप संघर्ष के साथ जुड़ कर हजारो नुक्कड़ नाटको
का मंचन किया . उस दौरान वे बतौर सहायक निर्देशक स्टार प्लस के कई
धारावाहिको में निर्देशन का हाथ आजमाया। दूरदर्शन के एक धारावाहिक
कल्पना से राहुल ने छोटे परदे पर अभिनय की शुरुवात की। इस धारावाहिक के
बाद राहुल ने पीछे मुद कर नहीं देखा और दूरदर्शन के कई धारावाहिको के साथ
साथ स्टार प्लस के धारावाहिक रुक जाना नहीं में भी राहुल ने महत्वपूर्ण
भूमिका निभायी। भोजपुरी के पहले मनोरंजन चैनल महुआ के रियलिटी शो लाफ्टर
एक्सप्रेस के प्रथम सीजन के राहुल विजेता भी बने और महुआ टीवी के कई
धारावाहिको में मुख्य किरदार के रूप में नज़र आये। वर्तमान में ज़ी पुरवैया
के रियलिटी शो गजब है में वो बतौर एंकर नज़र आ रहे हैं। छोटे परदे पर अपने
हुनर का जादू बिखेरने के साथ अब राहुल ने बड़े परदे पर भी कदम बढ़ा दिया है।
उनकी बतौर हीरो पहली फिल्म सितम्बर में रिलीज़ हो रही है। राहुल के अनुसार
, छोटे परदे पर उनका काम बदस्तूर जारी रहेगा लेकिन अच्छी फिल्मो का हिस्सा
वो बनना पसंद करेंगे। सेटिंगबाज़ में उनके साथ अपूर्वा बिट मुख्य भूमिका
में हैं।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
फिल्म तेवर के लेटस सेलेब्रेट गीत से सोनाक्षी का सिंगिंग डेब्यू
श्रद्धा कपूर और अलिया भट्ट के बाद अब सोनाक्षी सिन्हा भी अपना हाथ सिंगिंग में
आजमा रही है। सूत्रों की माने तो अर्जुन कपूर और सोनाक्षी अभिनीत फिल्म
तेवर के लिए सोनाक्षी ने एक सॉन्ग रिकॉर्ड किया है। सोनाक्षी
सिन्हा ने पंजाबी सिंगर इमरान खान के साथ यह गाना गाया है। इमरान ने बेवफा और
एम्प्लीफायर जैसे हिट गाने दिए है।लेटस सेलेब्रेट इस गाने में सोनाक्षी
सिंगिंग के साथ परफॉर्म भी करेंगी। उम्मीद की जा रही है कि लेटस सेलेब्रेट गीत इस साल का पार्टी एंथम सॉन्ग होगा। दरअसल,
एम्प्लीफायर फेम इंटरनेशनल रैपर इमरान खान चाहते थे कि लेटस सेलेब्रेट
लाइन सोनाक्षी ही गाये। काफी समझाने के बाद सोनाक्षी यह सॉन्ग गाने के लिए
मान गयी। इस प्रकार से इस गीत से सोनाक्षी सिंगिंग में डेब्यू हो गया। अर्जुन
कपूर और सोनाक्षी सिन्हा अभिनीत ,संजय कपूर निर्मित फिल्म तेवर इस साल ५
दिसम्बर २०१४ को सभी सिनेमा घरो में प्रदर्शित होगी इस फिल्म से एड फिल्म
मेकर अमित शर्मा बतौर निर्देशक डेब्यू कर रहे है।
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