भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 30 April 2015
दिल धड़कने दो का मेहरा परिवार
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फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कितना 'सेंसर' कर पाएंगे बॉलीवुड को निहलानी ?
कोई १५ साल पहले निर्माता, निर्देशक और अभिनेता देव आनंद की एक फिल्म रिलीज़ हुई थी 'सेंसर' । इस फिल्म में दिखाया गया था कि मंत्री के निर्देश पर सेंसर बोर्ड फिल्म निर्माताओं के लिए कुछ कड़े निर्देश जारी करता है। जिसके फलस्वरूप देव आनंद की फिल्म लफड़े में फंस जाती है। बोर्ड इस फिल्म को यू सर्टिफिकेट नहीं देना चाहता। तब देव आनंद सेंसर बोर्ड और मंत्रालय की पोल खोलने में जुट जाते हैं। इस फिल्म में हिंदी फिल्मों के निर्माता और अभिनेता अनिल नागरथ ने सेंसर बोर्ड के चीफ का किरदार किया था।
देव आनंद की फिल्म 'सेंसर' की कहानी की रील जैसे घूम रही है। रियल सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन, जिसे हम सेंसर बोर्ड के नाम से भी जानते हैं, में बदलाव के साथ ही बॉलीवुड में जैसे तूफ़ान आ गया है। ठीक 'सेंसर' की कहानी की तरह रियल सेंसर बोर्ड के चीफ पहलाज निहलानी ने फिल्म निर्माताओं और बोर्ड के सदस्यों को धूल झाड़ कर वह सूची सौंप दी है, जो निहलानी से पहले की चीफ लीला सेमसन के राज में मेज की दराज में रख दी गई थी। इसके साथ ही पहलाज निहलानी देव आनंद की फिल्म 'सेंसर' के मंत्री और चीफ की तरह बॉलीवुड के रियल निर्माताओं के निशाने में आ गए हैं। अगर बॉलीवुड का कोई अनुराग कश्यप, विशाल भरद्वाज या करण जौहर सेंसर बोर्ड पर फिल्म बनाना चाहे तो वह अपने मुख्य विलेन का नाम पहलाज निहलानी ही रखना चाहेगा ।
जी हाँ ! पहलाज निहलानी निशाने पर हैं। बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं के भी और बोर्ड के सदस्यों के भी। बोर्ड के एक सदस्य और फिल्म निर्माता अशोक पंडित उन्हें 'अनार्किस्ट' कहते हैं। क्योंकि, अब सभी को, यहाँ तक कि सेंसर बोर्ड के सदस्यों को भी, पहले के निर्देश कुछ ज़्यादा स्पष्ट कर दिए गए हैं। 'कस वर्ल्डस' यानि बुरी-गन्दी भाषा, गाली गलौच, आदि फिल्मों में नहीं चलेगी। उन्होंने हिंदी के १५ और अंग्रेजी के १३ गंदे शब्दों की लिस्ट जारी की है, जिन्हे फिल्मों के संवादों में नहीं रखा जा सकता। अश्लीलता या कामुकता भी किस हद तक दिखाई जा सकेगी, वह काफी कुछ निहलानी और उनके सदस्यों पर निर्भर कर रहा है। आजकल के फिल्म निर्माता जैसी सस्ती भाषा वाली फ़िल्में बना रहे हैं, जिस प्रकार से फिल्मों मे कामुकता हावी है, नारी चरित्र को अपमानित किया जा रहा है, धर्म ख़ास को निशाना बनाया जा रहा है, उसे देखते हुए पहलाज निहलानी को बॉलीवुड के फिल्मकारों के निशाने पर आना ही है।
लेकिन, यहाँ बॉलीवुड भूल जाता है कि पहलाज निहलानी खुद फिल्म निर्माता हैं। उन्हें फिल्म बनाने और फिल्म वालों की संस्थाएं चलाने का अनुभव है। वह पिछले ३२ सालों से फिल्म उद्योग में हैं। वह २००९ तक लगातार लगातार २९ साल तक एसोसिएशन ऑफ़ मोशन पिक्चर्स एंड टीवी प्रोग्राम्स प्रोडूसर्स के प्रेजिडेंट रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कोई डेढ़ दर्जन फ़िल्में बनाई हैं। उन्हें माध्यम की समझ है। उद्योग की समस्या भी समझते हैं। उनकी बतौर निर्माता फ़िल्में एक्शन और कॉमेडी वाली मनोरंजक फ़िल्में हुआ करती थीं। उन्होंने हथकड़ी, आंधी तूफ़ान, इलज़ाम, आग ही आग, पाप की दुनिया मिटटी और सोना, शोला और शबनम, आग का गोला, आँखे, अंदाज़, आदि सुपर डुपर हिट फ़िल्में बनाई हैं। उन्होंने अपनी फिल्म हिट कराने के लिए कभी सस्ते प्रचार या नायिका के अंग प्रदर्शन का सहारा नहीं लिया। गोविंदा और चंकी पाण्डेय जैसे एक्टरों का करियर उन्ही की फिल्मों से परवान चढ़ा।
देखा जाए तो पहलाज निहलानी के सेंसर बोर्ड चीफ बनाने के बाद माहौल सकारात्मक रूप से बदला है। उन्होंने अनुष्का शर्मा की फिल्म 'एनएच १०' में चरित्रों द्वारा इस्तेमाल की गई गालियों को हटाने के निर्देश दिए। यहाँ तक की हॉलीवुड फिल्म 'फ्यूरियस ७' जैसी बड़ी फिल्मों के भी गंदे शब्द म्यूट कर दिए गए। कामुकता से भरपुर हॉलीवुड फिल्म '५० शेड्स ग्रे' को जितने कट्स बताये गए हैं, उन्हें काटने के बाद फिल्म की वितरण संस्था को फिल्म को भारत में रिलीज़ बेकार लगता है । अनुराग कश्यप की सेक्स कॉमेडी फिल्म 'हंटर' का ट्रेलर लीला सेमसन के बोर्ड द्वारा पारित किया गया था । इस ट्रेलर से फिल्म गन्दी भाषा वाली, कामुक और महिलाओं को बेइज्जत करने वाली लगती थी । पहलाज निहलानी के बोर्ड ने अनुराग कश्यप से फिल्म को क्लीन कर लाने को कहा । अनुराग कश्यप को लगभग पूरी फिल्म फिर डब करानी पड़ी। नतीजे के तौर पर सिनेमाहाल में प्रदर्शित 'हंटर' कामुक बिलकुल नहीं थी, लेकिन विषय के लिहाज़ से प्रभावशाली थी। ऐसा भी नहीं कि पहलाज निहलानी की अध्यक्षता में सेंसर बोर्ड फिल्म निर्माताओं को परेशान कर रहा है। हॉलीवुड की फिल्म 'फ्यूरियस ७' को जहाँ वयस्कों का प्रमाण पत्र मिला था, वही हॉलीवुड फिल्म 'अवेंजर्स एज ऑफ़ उल्ट्रॉन' को दो हफ्ता पहले ही बिना किसी ख़ास कट के सार्वजनिक प्रदर्शन का प्रमाण पत्र दे दिया गया। सीरियल किसर के टाइटल से मशहूर इमरान हाशमी की विज्ञानं फंतासी फिल्म 'मिस्टर एक्स' को निर्माता महेश भट्ट और मुकेश भट्ट की मंशा के अनुरूप यू/ए सर्टिफिकेट फिल्म गया। सेंसर सर्टिफिकेशन का सिस्टम छह महीना पहले ऑन लाइन कर दिया गया था। पहलाज निहलानी ने इस बैकलॉग को तीन महीने में ख़त्म करने का फैसला किया है। उन्होंने बोर्ड में दलालों के दखल को बिलकुल ख़त्म कर दिया है।
पहलाज फिल्म निर्माताओं की समस्या के प्रति हमेशा सजग रहे हैं। लीला सेमसन के भ्रष्ट सेंसर बोर्ड की कटु आलोचना करने वाले और फिल्म पारित कराने का रेट कार्ड बताने वाले पहलाज निहलानी अब सेंसर बोर्ड की सर्वोच्च कुर्सी पर हैं। हालाँकि, कहा जा सकता है कि उन्हें यह कुर्सी बीजेपी संसद शत्रुघ्न सिन्हा का साला होने के करने मिली। लेकिन, अगर उन्होंने सेंसर बोर्ड को भ्रष्टाचार से पर सजग संस्था साबित कर दिया तो उन पर 'चीफ साला' का दाग नहीं लग पायेगा।
राजेंद्र प्रसाद कांडपाल
देव आनंद की फिल्म 'सेंसर' की कहानी की रील जैसे घूम रही है। रियल सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन, जिसे हम सेंसर बोर्ड के नाम से भी जानते हैं, में बदलाव के साथ ही बॉलीवुड में जैसे तूफ़ान आ गया है। ठीक 'सेंसर' की कहानी की तरह रियल सेंसर बोर्ड के चीफ पहलाज निहलानी ने फिल्म निर्माताओं और बोर्ड के सदस्यों को धूल झाड़ कर वह सूची सौंप दी है, जो निहलानी से पहले की चीफ लीला सेमसन के राज में मेज की दराज में रख दी गई थी। इसके साथ ही पहलाज निहलानी देव आनंद की फिल्म 'सेंसर' के मंत्री और चीफ की तरह बॉलीवुड के रियल निर्माताओं के निशाने में आ गए हैं। अगर बॉलीवुड का कोई अनुराग कश्यप, विशाल भरद्वाज या करण जौहर सेंसर बोर्ड पर फिल्म बनाना चाहे तो वह अपने मुख्य विलेन का नाम पहलाज निहलानी ही रखना चाहेगा ।
जी हाँ ! पहलाज निहलानी निशाने पर हैं। बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं के भी और बोर्ड के सदस्यों के भी। बोर्ड के एक सदस्य और फिल्म निर्माता अशोक पंडित उन्हें 'अनार्किस्ट' कहते हैं। क्योंकि, अब सभी को, यहाँ तक कि सेंसर बोर्ड के सदस्यों को भी, पहले के निर्देश कुछ ज़्यादा स्पष्ट कर दिए गए हैं। 'कस वर्ल्डस' यानि बुरी-गन्दी भाषा, गाली गलौच, आदि फिल्मों में नहीं चलेगी। उन्होंने हिंदी के १५ और अंग्रेजी के १३ गंदे शब्दों की लिस्ट जारी की है, जिन्हे फिल्मों के संवादों में नहीं रखा जा सकता। अश्लीलता या कामुकता भी किस हद तक दिखाई जा सकेगी, वह काफी कुछ निहलानी और उनके सदस्यों पर निर्भर कर रहा है। आजकल के फिल्म निर्माता जैसी सस्ती भाषा वाली फ़िल्में बना रहे हैं, जिस प्रकार से फिल्मों मे कामुकता हावी है, नारी चरित्र को अपमानित किया जा रहा है, धर्म ख़ास को निशाना बनाया जा रहा है, उसे देखते हुए पहलाज निहलानी को बॉलीवुड के फिल्मकारों के निशाने पर आना ही है।
लेकिन, यहाँ बॉलीवुड भूल जाता है कि पहलाज निहलानी खुद फिल्म निर्माता हैं। उन्हें फिल्म बनाने और फिल्म वालों की संस्थाएं चलाने का अनुभव है। वह पिछले ३२ सालों से फिल्म उद्योग में हैं। वह २००९ तक लगातार लगातार २९ साल तक एसोसिएशन ऑफ़ मोशन पिक्चर्स एंड टीवी प्रोग्राम्स प्रोडूसर्स के प्रेजिडेंट रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कोई डेढ़ दर्जन फ़िल्में बनाई हैं। उन्हें माध्यम की समझ है। उद्योग की समस्या भी समझते हैं। उनकी बतौर निर्माता फ़िल्में एक्शन और कॉमेडी वाली मनोरंजक फ़िल्में हुआ करती थीं। उन्होंने हथकड़ी, आंधी तूफ़ान, इलज़ाम, आग ही आग, पाप की दुनिया मिटटी और सोना, शोला और शबनम, आग का गोला, आँखे, अंदाज़, आदि सुपर डुपर हिट फ़िल्में बनाई हैं। उन्होंने अपनी फिल्म हिट कराने के लिए कभी सस्ते प्रचार या नायिका के अंग प्रदर्शन का सहारा नहीं लिया। गोविंदा और चंकी पाण्डेय जैसे एक्टरों का करियर उन्ही की फिल्मों से परवान चढ़ा।
देखा जाए तो पहलाज निहलानी के सेंसर बोर्ड चीफ बनाने के बाद माहौल सकारात्मक रूप से बदला है। उन्होंने अनुष्का शर्मा की फिल्म 'एनएच १०' में चरित्रों द्वारा इस्तेमाल की गई गालियों को हटाने के निर्देश दिए। यहाँ तक की हॉलीवुड फिल्म 'फ्यूरियस ७' जैसी बड़ी फिल्मों के भी गंदे शब्द म्यूट कर दिए गए। कामुकता से भरपुर हॉलीवुड फिल्म '५० शेड्स ग्रे' को जितने कट्स बताये गए हैं, उन्हें काटने के बाद फिल्म की वितरण संस्था को फिल्म को भारत में रिलीज़ बेकार लगता है । अनुराग कश्यप की सेक्स कॉमेडी फिल्म 'हंटर' का ट्रेलर लीला सेमसन के बोर्ड द्वारा पारित किया गया था । इस ट्रेलर से फिल्म गन्दी भाषा वाली, कामुक और महिलाओं को बेइज्जत करने वाली लगती थी । पहलाज निहलानी के बोर्ड ने अनुराग कश्यप से फिल्म को क्लीन कर लाने को कहा । अनुराग कश्यप को लगभग पूरी फिल्म फिर डब करानी पड़ी। नतीजे के तौर पर सिनेमाहाल में प्रदर्शित 'हंटर' कामुक बिलकुल नहीं थी, लेकिन विषय के लिहाज़ से प्रभावशाली थी। ऐसा भी नहीं कि पहलाज निहलानी की अध्यक्षता में सेंसर बोर्ड फिल्म निर्माताओं को परेशान कर रहा है। हॉलीवुड की फिल्म 'फ्यूरियस ७' को जहाँ वयस्कों का प्रमाण पत्र मिला था, वही हॉलीवुड फिल्म 'अवेंजर्स एज ऑफ़ उल्ट्रॉन' को दो हफ्ता पहले ही बिना किसी ख़ास कट के सार्वजनिक प्रदर्शन का प्रमाण पत्र दे दिया गया। सीरियल किसर के टाइटल से मशहूर इमरान हाशमी की विज्ञानं फंतासी फिल्म 'मिस्टर एक्स' को निर्माता महेश भट्ट और मुकेश भट्ट की मंशा के अनुरूप यू/ए सर्टिफिकेट फिल्म गया। सेंसर सर्टिफिकेशन का सिस्टम छह महीना पहले ऑन लाइन कर दिया गया था। पहलाज निहलानी ने इस बैकलॉग को तीन महीने में ख़त्म करने का फैसला किया है। उन्होंने बोर्ड में दलालों के दखल को बिलकुल ख़त्म कर दिया है।
पहलाज फिल्म निर्माताओं की समस्या के प्रति हमेशा सजग रहे हैं। लीला सेमसन के भ्रष्ट सेंसर बोर्ड की कटु आलोचना करने वाले और फिल्म पारित कराने का रेट कार्ड बताने वाले पहलाज निहलानी अब सेंसर बोर्ड की सर्वोच्च कुर्सी पर हैं। हालाँकि, कहा जा सकता है कि उन्हें यह कुर्सी बीजेपी संसद शत्रुघ्न सिन्हा का साला होने के करने मिली। लेकिन, अगर उन्होंने सेंसर बोर्ड को भ्रष्टाचार से पर सजग संस्था साबित कर दिया तो उन पर 'चीफ साला' का दाग नहीं लग पायेगा।
राजेंद्र प्रसाद कांडपाल
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
टीवी सीरियल के लिए एकता जैन का फोटोशूट (फोटोज)
एक्ट्रेस मॉडल एकता जैन ने नए धारावाहिक के लिए फोटो शूट कराया है । एकता जैन ने कई एड फ़िल्में, रैंप शोज़, टीवी एंकरिंग, सीरियल्स और फिल्मो में काम करने के बाद अब वापस दूरदर्शन के लिए एक धारावाहिक करने जा रहीं हैं । अभी इस सीरियल का टाइटल फाइनल नहीं हुआ है। लेकिन, वह इस धारावाहिक में अलग अलग किरदार में नज़र आएँगी । इसी के अनुरूप उन्होंने फोटोशूट भी करवाया है। इस सीरियल को भारती बना रही हैं । जानेमाने फोटोग्राफर विशाल सक्सेना ने एकता के इस फोटो शूट को किया है।
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यह मदमस्त बरखा है !
सिंह मल्टीमीडिया क्रिएशन के बैनर तले बनी हिंदी फिल्म 'मदमस्त बरखा' २२ मई को रिलीज़ होगी । इस फिल्म के निर्देशक जसपाल सिंह हैं । फिल्म में लीना कपूर और टीवी एंकर एकांश भारद्धाज मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म की कहानी लिखी है संदीप राले ने और संगीत दिया है राज वर्मा ने। इस सस्पेंस थ्रिलर फिल्म की शूटिंग मुंबई ,पालघर और मनोर में हुई है । फिल्म की कहानी लीना कपूर और एकांश के इर्द गिर्द घूमती है । बरखा की शादी आर्मी अफसर रणबीर से होती है और शादी के बाद उसे बॉर्डर पे जाना पड़ता है । इस अकेलेपन के दौरान उसकी मुलाकात रणबीर के दोस्त आकाश से होती है। वह दोनों एक दूसरे के करीब आ जाते हैं। फिल्म में ट्विस्ट तब आता है जब रणबीर बॉर्डर से वापस आता है तो उसे पता चलता है कि उसकी पत्नी का चक्कर उसके दोस्त आकाश से चल रहा है । सस्पेंस उस समय ज़्यादा गहराता जाता है, जब बरखा की लाश स्विमिंग पूल में मिलती है। आकाश इस खून का इलज़ाम रणबीर पर लगाता है। बरखा का खून किसने किया है ? जानने के लिए 'मदमस्त बरखा' में जाना होगा।
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'स्पेक्ट्र' की शूटिंग पर लौटे डेनियल क्रैग
जेम्स बांड सीरीज की २४वी फिल्म 'स्पेक्ट्र' की लोकेशन शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है। अब फिल्म के स्टूडियो शूट ही किये जा रहे हैं। फिल्म में जेम्स बांड का किरदार करने वाले अभिनेता डेनियल क्रैग लम्बे अवकाश के बाद पाइनवुड स्टूडियोज में फिल्म की शूटिंग के लिए वापस लौट आये हैं। डेनियल क्रैग अपने घुटनों के ऑपरेशन के लिए ५ अप्रैल को न्यूयॉर्क चले गए थे। इसके बाद से फिल्म के तमाम दृश्य बांड करैक्टर के बिना शूट किये जा रहे थे। पाइनवुड स्टूडियोज में फिल्म की शूटिंग जारी रहेगी। जून में फिल्म की फर्स्ट यूनिट फिल्म के कुछ ख़ास हिस्सों की शूटिंग करने मोरक्को जाएगी। मोरक्को में 'स्पेक्ट्र' की शूटिंग दिसंबर में भी हुई थी। जब डेनियल क्रैग ने उत्तर-पूर्व मोरक्को में यज्दा में ट्रैन में सफर करते जेम्स बांड को शूट किया गया था। यह ट्रेन रेगिस्तानी इलाके से गुजरती है। जून में मोरक्को में 'स्पेक्ट्र' की १० दिनों की शूटिंग टंगेर और कुछ रेगिस्तानी इलाकों में की जाएगी ।
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Wednesday, 29 April 2015
भारत में रिलीज़ होगी जैक्विलिन की श्रीलंकाई फिल्म
एक्ट्रेस जैक्विलिन फर्नांडीज़ को बॉलीवुड में मिली 'किक' का असर श्रीलंका तक हुआ है। इस श्रीलंकाई सुंदरी को श्रीलंका की फिल्म इंडस्ट्री ने घास तक नहीं डाली थी। जैक्विलिन को २००९ में बॉलीवुड में ब्रेक मिला सुजॉय घोष की फंतासी फिल्म 'अलादीन' से। फिल्म फ्लॉप हुई। जैक्विलिन की अगली फिल्म 'जाने कहाँ से आई है' भी फ्लॉप हुई। साजिद खान की फिल्म 'हाउसफुल' में आइटम 'आपका क्या होगा' करके जैक्विलिन को 'हाउसफुल २' की नायिका बनाने का मौका मिला। लेकिन, उससे पहले महेश भट्ट के बैनर की फिल्म 'मर्डर २' ने उन्हें बॉलीवुड में अपने पैर ज़माने के लिए ज़मीन दे दी। इस बीच, हालाँकि, जैक्विलिन के खाते में 'हाउसफुल २' और 'रेस २' जैसी फ़िल्में दर्ज़ हो चुकी थी। लेकिन, श्रीलंका तक उनके ग्लैमर की धमक पहुंचाने का काम किया साजिद नाडियाडवाला की सलमान खान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'किक' ने। जैक्विलिन की डेब्यू श्रीलंकाई फिल्म का टाइटल 'अकॉर्डिंग टू मैथ्यू' है। डायरेक्टर चंद्रन रत्नम की यह फिल्म एक पादरी की रोमांस कथा है, जो अपनी बीवी और उसके प्रेमी का क़त्ल कर देता है। यह एक सत्यकथा पर फिल्म है। 'अकॉर्डिंग टू मैथ्यू' इंग्लिश भाषा में बनी फिल्म है। पर यह फिल्म भारत में रिलीज़ नहीं होगी। जैक्विलिन की अगली श्रीलंकाई फिल्म इंग्लिश और हिंदी में बनाई जाएगी। इस फिल्म को भारत में भी रिलीज़ किया जायेगा।
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क्या फिर घायल होंगी मीनाक्षी शेषाद्रि ?
सनी देओल की १९९० की सुपर हिट फिल्म 'घायल' के सीक्वल की २५ साल बाद शुरुआत हो चुकी है। फिल्म को राजकुमार संतोषी नहीं खुद सनी देओल डायरेक्ट कर रहे हैं। यानि इस फिल्म में वह एक्टर डायरेक्टर और प्रोडूसर की भूमिका में हैं। फिल्म में सोहा अली खान को पहले ही ले लिया गया है। लेकिन, अब खबर है कि घायल की नायिका मीनाक्षी शेषाद्रि 'घायल वन्स अगेन' से हिंदी फिल्मों में वापसी कर सकती हैं। मीनाक्षी इस समय टेक्सास में एक बैंकर हरीश मैसूर और बच्चों के साथ सुखी विवाहित जीवन गुजार रही हैं। उन्हें २५ साल बाद सनी देओल के साथ फिल्म से कमबैक करने की क्या ज़रुरत आन पड़ी! मीनाक्षी शेषाद्रि एक सफल और सुलझी फिल्म अभिनेत्री थी। वह जानती हैं कि अब उन्हें बॉलीवुड में केवल माँ की भूमिकाएं ही मिल सकती हैं। सनी देओल और घायल वन्स अगेन जैसी एक्शन फिल्मों में अच्छी भूमिका के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। तभी तो जब फिल्म के निर्माताओं से पूछा जाये तो वह भी यही कहते हैं कि 'अभी कुछ पक्का नहीं है। हमारी मीनाक्षी से फ़ोन पर ही बात हुई है। उन्होंने कुछ पक्का नहीं कहा है '
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मुसीबत में सलमान खान
सलमान खान मुसीबत में लगते हैं। हिट एंड रन
केस उन पर भारी पड़ने जा रहा है। ६ मई को कोर्ट इस मामले में फैसला सुना
सकता है। आखिरी वक़्त में ड्राइवर की गवाही डलवा कर सलमान खान कुछ ज़्यादा
मुसीबत में फंस गए हैं। उन पर झूठी गवाही दिलवा कर कोर्ट को गुमराह करने
का मामला भी बन सकता है। जोधपुर में भी मुसीबत उन पर छाई हुई है। आर्म्स
एक्ट पर कोर्ट को निर्णय लेना है कि सलमान खान ने अवैध हथियार रखे या
नहीं। यही कारण है कि दूर खूबसूरत कश्मीर की वादी में भी सलमान खान सुकून
से नहीं। उनके जबड़ों में दर्द है। यह पुरानी बीमारी है, जिसका वह विदेश
में इलाज़ भी करवा चुके हैं। इस दर्द के कारण वह 'बजरंगी भाईजान' की शूटिंग
भी ठीक से नहीं कर पा रहे। सलमान खान को शायद अंदेशा हो गया है कि कोर्ट
से उन्हें सज़ा होने जा रही है। इसीलिए उन्होंने अपने फ्यूचर प्रोजेक्ट्स
होल्ड पर रख दिए हैं। सलमान ६ मई तक इंतज़ार करना चाहेंगे। लेकिन, जिस
प्रकार से उन्हें मानसिक परेशानी के कारण दर्द का दौरा पड़ रहा है, उससे
उनके ईद और दीवाली में रिलीज़ होने वाली फ़िल्में भी मुसीबत में पड़ सकती हैं।
क्या सलमान खान इस मुसीबत से निजात पा सकेंगे ? फिलहाल तो ६ मई तक इंतज़ार
करना ही होगा।
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मिशेल रॉड्रिगुएज़ होस्ट करेंगे याहू ऑटोस सीरीज
दर्शकों को फिल्म 'फ्यूरियस ७' में डोमिनिक टोरेंटो की बीवी लेटिसिया उर्फ़ लेटी की याद होगी। यह भूमिका मिशेल रॉड्रिगुएज़ ने की थी। यह फिल्म मिशेल की फ़ास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की चौथी फिल्म थी। इन फिल्मों में मिशेल ने प्रोफेशनल कार रेसर का रोल किया था। इन फिल्मों के कारण मिशेल रोड्रिगुएज़ की इमेज एक प्रोफेशनल कार रेसर जैसी ही बन गयी लगती है। तभी तो उन्हें याहू ऑटोस पर रिलीज़ होने वाली सीरीज 'राइडिंग शॉटगन विथ मिशेल रोड्रिगुएज़ का होस्ट बनाया गया है। इस बात का ऐलान पिछले दिनों न्यूयॉर्क सिटी में किया गया। इस सीरीज में बड़ी कारों पर छलांग मार कर बैठती मिशेल कार की स्पीड और परफॉरमेंस का अंदाज़ा लगाएंगी और दर्शकों को बताएंगी। वह शो की एग्जीक्यूटिव प्रोडूसर भी होंगी।
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माइका मोनरो की इंडिपेंडेंस डे २
इलेवेंथ ऑवर और फ्लाइंग मोंकीस जैसी टीवी सीरीज और बैड ब्लड, ऐट एनी प्राइस, द ब्लिंग रिंग, लेबर डे, द गेस्ट, इट फॉलोज और इकोज ऑफ़ वॉर जैसी फिल्मों की अभिनेत्री माइका मोनरो को १९९६ की हिट फिल्म इंडिपेंडेंस डे की सीक्वल फिल्म के लिए साइन कर लिया गया है। इस फिल्म में १९९६ की फिल्म के जेफ़ गोल्ड्ब्लूम, बिल पूलमैन, विविका ए फॉक्स, ब्रेंट स्पैनर और जुड हर्ष जैसे अनुभवी सितारे शामिल किये गए हैं। लिएम हेम्सवर्थ, शेर्लोट गैंसबॉर्ग, जेसी ऊषर, ट्रैविस टोपे और जोए किंग जैसे सितारों को भी पहली बार शामिल किया गया है। जहाँ तक मोनरो का सवाल है, वह 'द गेस्ट' में एक बड़ा जटिल मनोवैज्ञानिक किरदार कर चुकी हैं। इट फॉलोज में वह एक पिशाच की हवस का शिकार लड़की का किरदार कर चुकी हैं। ऐसे में इतने ज़्यादा सितारों और अनुभवी स्टार कास्ट के साथ उनके करने के लिए क्या है ? अभी मोनरो का रोल साफ़ नहीं है। लेकिन, कहा जा रहा है कि वह फिल्म के अमेरिकी राष्ट्रपति थॉमस जे व्हिटमोर की बेटी पैट्रिशिया व्हिटमोर का किरदार कर सकती हैं। इस किरदार को १९९६ की फिल्म में मए व्हिटमैन ने किया था। इंडिपेंडेंस डे २ या इंडिपेंडेंस डे फॉरएवर की कहानी एलियन अटैक की ही है। पूरी दुनिया तकनीकी रूप से मज़बूत हो कर इन एलियंस का सामना करेगी। कार्टर ब्लांचार्ड, जेम्स ए वुड्स और निकोलस राइट की तिकड़ी ने इंडिपेंडेंस डे फॉरएवर को दो भागों में तैयार किया है। इन दोनों भागों का निर्देशन रोलां एमरिच ही करेंगे। इंडिपेंडेंस डे फॉरएवर पार्ट १ को १५०-१६० मिलियन डॉलर के बजट से बनाया जा रहा है। इतने बड़े बजट की फिल्मों का हिस्सा बनाना माइका मोनरो के लिए बहुत अहम है। इंडिपेंडेंस डे फॉरएवर का पहला हिस्सा २४ जून २०१६ को रिलीज़ होगा
अल्पना कांडपाल
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
वेलकम बैक ! लेकिन कब होगा !!
अक्षय कुमार, कैटरीना कैफ, अनिल कपूर और नाना पाटेकर की मुख्य भूमिका वाली अनीस बज़्मी निर्देशित फिल्म 'वेलकम' (२००७) की सीक्वल फिल्म का टाइटल 'वेलकम बैक' रखा गया है। लेकिन, इस फिल्म के दर्शक हैरान हैं कि बॉक्स ऑफिस पर 'वेलकम बैक' का वेलकम कब होगा। जॉन अब्राहम, अनिल कपूर, नाना पाटेकर, परेश रावल, शायनी आहूजा और श्रुति हासन की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'वेलकम बैक' पहले आमिर खान की फिल्म 'पीके' के अपोजिट पिछले साल १९ दिसंबर को रिलीज़ होने जा रही थी। फिर इसे जनवरी तक के लिए खिसक दिया। बाद में यह तारिख मई के लिए तय कर दी गई। ऐसा लग रहा था कि जॉन अब्राहम और अक्षय कुमार का टकराव हो कर रहेगा। पर, अब 'वेलकम बैक' की मई रिलीज़ पर ही ग्रहण लग गया लगता है। क्योंकि, अभी फिल्म की शूटिंग ही पूरी नहीं हो सकी है। अभी यह भी तय होना है कि 'वेलकम बैक' का वर्ल्डवाइड डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर कौन होगा। अनीस बज़्मी की फिल्म को कोई डिस्ट्रीब्यूटर न मिल पाने का कारण निर्माता फ़िरोज़ नाडियाडवाला का 'वेलकम बैक' के राइट्स के बदले में ७० करोड़ की मोटी रकम मांगना है। अगर फिल्म में अक्षय कुमार होते तो शायद फ़िरोज़ को इतनी रकम मिल भी जाती। लेकिन, फिलहाल वेलकम बैक में एक भी ऐसा सितारा नहीं है, जिसके विदेश में चमकाने के लिए ७० करोड़ दिए जाएँ। वहीँ डिस्ट्रीब्यूटर वर्ल्ड राइट के लिए जो रकम दे रहे हैं, उसे फ़िरोज़ मंज़ूर नहीं कर रहे। बहरहाल, नाडियाडवाला कैंप की खबर यह है कि फ़िरोज़ नाडियाडवाला जल्द ही वेलकम बैक की रिलीज़ की नई तारिख का ऐलान करने वाले हैं।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 28 April 2015
अभी बिपाशा बासु ही है निआ
फैशन डिज़ाइनर विक्रम फडणीस की बतौर निर्देशक पहली फिल्म 'निआ' गलत कारणों से ही चर्चा में रही है। कभी फिल्म के निर्माता को विक्रम की स्क्रिप्ट पसंद नहीं आती। वह इसमे बदलाव करने को कहते सुनाई देते हैं। विक्रम ने अपनी डेब्यू फिल्म के लिए राणा डग्गुबाती और बिपाशा बासु की 'दम मारो दम' जोड़ी को साइन किया था। 'दम मारो दम' के निर्माण के दौरान और फिल्म की रिलीज़ के बाद भी राणा-बिपाशा जोड़ी काफी चर्चित हुई थी। इसीलिए, तमाम फिल्म प्रशंसकों की निगाहें इसी फिल्म पर टिकी हुई थी। लेकिन, बाद में किन्हीं कारणों से डग्गुबाती फिल्म से निकल गए। यह फिल्म के लिए बड़ा झटका था। शायद, राणा डग्गुबाती के निकल जाने के बाद बिपाशा बासु का फिल्म से इंटरेस्ट ख़त्म हो गया था । क्योंकि, पिछले दिनों यह खबर थी कि बिपाशा बासु ने भी फिल्म को बाय बाय कर दिया है। हालाँकि, कहा यह गया कि बिपाशा के दूसरे प्रोजेक्ट रुक रहे थे। बिपाशा बासु के भी 'निआ ' से निकल जाने की खबर विक्रम फडणीस के लिए बड़ा झटका था। परन्तु, विक्रम ने इस खबर का ज़ोरदार ढंग से खंडन किया है। उन्होंने बिपाशा बासु की फिल्म छोड़ देने की खबरों को नकारते हुए कहा, "बिपाशा ने फिल्म नहीं छोड़ी है। वह मेरी फिल्म का हिस्सा है। 'निआ ' सही ट्रैक पर जा रही है। फिल्म की ख़ास डिज़ाइन है और लंदन के ख़ास सीजन की है। इसी के अनुरूप फिल्म का शिड्यूल भी रखा गया है। इसीलिए फिल्म की टाइमलाइन को मैंने शिफ्ट किया है।" सुना गया है कि 'निआ' की शूटिंग नवंबर से लंदन में शुरू होगी।
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फिल्म पुराण
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विलेन श्रेडर की भूमिका में ब्रायन टी
2009 की फिल्म 'द वॉल्वरिन' में भ्रष्ट मंत्री नोबुरो मोरी का किरदार करने वाले अभिनेता ब्रायन टी को २०१६ में रिलीज़ होने वाली पिछले साल रिलीज़ फिल्म 'टीनएज म्युटेंट निंजा टर्टलस की सीक्वल फिल्म 'टीनएज म्युटेंट निंजा टर्टलस २' में विलेन श्रेडर का किरदार करने के लिए साइन किया गया है। वह पैरामाउंट पिक्चर्स की इस सीक्वल फिल्म में अभिनेत्री मेगन फॉक्स (अप्रैल ओ'नील), विल अर्नेट (वेरन फेनविक), स्टेफेन अमल (कैसी जोंस) और टाइलर पर्य्य (बैक्सटर स्टॉकमैन) के साथ अपना किरदार कर रहे होंगे। इस फिल्म का निर्माण माइकल बे प्लैटिनम ड्यून्स के ब्रैड फुलर और एंड्रू फॉर्म के साथ करेंगे। जॉश अप्पेलबॉम और आंद्रे नेमेक की स्क्रिप्ट पर फिल्म को डेविड ग्रीन डायरेक्ट करेंगे। २०१४ की फिल्म ने ४८५ मिलियन डॉलर का बिज़नेस किया था। जबकि इस फिल्म के निर्माण में १२५ मिलियन डॉलर खर्च हुए थे। इस फिल्म में विलेन श्रेडर का किरदार अभिनेता तोहोरु मसामूने ने किया था। ब्रायन टी ने अभी एनबीसी ड्रामा पायलट 'लव इस अ ४ लेटर वर्ड' पूरी की है। यूनिवर्सल की विज्ञानं फंतासी फिल्म 'जुरैसिक वर्ल्ड' में वह जुरैसिक पार्क के ओनर तकाशी हमादा का किरदार कर रहे हैं। टीनएज म्युटेंट निंजा टर्टलस २ अगले साल ३ जून को रिलीज़ होगी।
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Hollywood
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Monday, 27 April 2015
'बॉम्बे वेल्वेट' का ट्रेलर लांच की एक झलक (फोटोज में)
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फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
' डेली सोप से अलग है 'रिपोर्टर"- पुरू छिब्बर
'बैंड बाजा बरात', 'छू लेंगे आसमान', 'द वारियर', 'पवित्र रिश्ता', आदि फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम कर चुके पुरू छिब्बर अब सोनी पर प्रसारित हो रहे टीवी सीरियल रिपोर्टर में रॉनी की भूमिका निभाने जा रहे हैं। कभी फिल्म, कभी टीवी सीरियल में जाते, वापस आते पुरू छिब्बर का इरादा टीवी छोड़ कर बॉलीवुड अपनाने का नहीं है। पेश हैं उनसे चलते चलाते हुई बात-
आप एक्टर कैसे बने ?
मैं बनना तो चाहता था क्रिकेटर ! फिल्म 'द वारियर' में मैंने इरफ़ान खान के बेटे का किरदार किया था। इस फिल्म के लिए मैं बाफ्टा अवार्ड्स में गया। फिर मुझे अपनी ओर लोगों का ध्यान देना, अभिनय करना, फ़िल्में कैसे बनती हैं जानना अच्छा लगने लगा। तब मेरी मॉम (फिल्म अभिनेत्री विभा छिब्बर) ने मुझे बताया कि तुम एक्टर बनना चाहते हो।
आपको फिल्मों से अच्छी पहचान मिली। तो आप क्यों नहीं फ़िल्में ही करना चाहते ?
मैं फ़िल्में करना चाहूँगा, लेकिन टीवी भी बॉलीवुड जितना बड़ा है। दरअसल, लोग फिल्मों से ज़्यादा टीवी देखते हैं। मैं टीवी के साथ फ़िल्में भी करना चहूंगा। लेकिन, फिल्मों के लिए टीवी नहीं छोड़ सकता।
अब आप 'रिपोर्टर्स' रहे हैं। इसमे ऎसी क्या खासियत है ?
'रिपोर्टर्स' तमाम टीवी सीरियलों से अलग है। मैं खुश हूँ कि मैं 'रिपोर्टर्स' जैसी ताज़ा और देखने के लिए मज़बूर करने वाली कहानी वाले सीरियल से जुड़ा हूँ। 'रिपोर्टर्स' की कहानी अलग है। मुझे ऐसे रोल करना अच्छा भी लगता है। वैसे केवल मैं ही नहीं पूरी रिपोर्टर्स टीम ही बहुत खुश है।
सीरियल के डायरेक्टर गोल्डी बहल हैं। उनके साथ काम करना कैसा लगा ?
गोल्डी बहल ने 'बस इतना सा ख्वाब है' और 'द्रोणा' जैसी फ़िल्में डायरेक्ट की है। वह इस शो के डायरेक्टर हैं। यह सोने पर सुहागा जैसा है।
राजीव खण्डेलवाल शानदार अभिनेता हैं। आप क्या कहते हैं ?
'ही इज़ एन अमेजिंग एक्टर। उन्हें हर शॉट में अपना बेस्ट परफॉरमेंस देने की आदत है।
आपकी माँ विभा छिब्बर भी तो राजीव खण्डेलवाल के साथ काम कर चुकी हैं?
जी हाँ, उन्होंने 'पीटर गया काम से में' राजीव खण्डेलवाल के साथ काम किया है। वह उन्हें फैंटास्टिक एक्टर बताया करती थी। आज जबकि में उनके साथ काम कर रहा हूँ, मैं अपनी माँ से सहमत हूँ।
'रिपोर्टर्स' की टीम के साथ अपने अनुभव के बारे में बताइये ?
हम एक दूसरे से जुड़ना जानते हैं। हम जल्द ही एक दूसरे के फ्रेंड्स बन गए। इस टीम के साथ काम करना बेस्ट टीम के साथ काम करना है। मैं शो का हिस्सा बनाने का मज़ा लूट रहा हूँ।
आप एक्टर कैसे बने ?
मैं बनना तो चाहता था क्रिकेटर ! फिल्म 'द वारियर' में मैंने इरफ़ान खान के बेटे का किरदार किया था। इस फिल्म के लिए मैं बाफ्टा अवार्ड्स में गया। फिर मुझे अपनी ओर लोगों का ध्यान देना, अभिनय करना, फ़िल्में कैसे बनती हैं जानना अच्छा लगने लगा। तब मेरी मॉम (फिल्म अभिनेत्री विभा छिब्बर) ने मुझे बताया कि तुम एक्टर बनना चाहते हो।
आपको फिल्मों से अच्छी पहचान मिली। तो आप क्यों नहीं फ़िल्में ही करना चाहते ?
मैं फ़िल्में करना चाहूँगा, लेकिन टीवी भी बॉलीवुड जितना बड़ा है। दरअसल, लोग फिल्मों से ज़्यादा टीवी देखते हैं। मैं टीवी के साथ फ़िल्में भी करना चहूंगा। लेकिन, फिल्मों के लिए टीवी नहीं छोड़ सकता।
अब आप 'रिपोर्टर्स' रहे हैं। इसमे ऎसी क्या खासियत है ?
'रिपोर्टर्स' तमाम टीवी सीरियलों से अलग है। मैं खुश हूँ कि मैं 'रिपोर्टर्स' जैसी ताज़ा और देखने के लिए मज़बूर करने वाली कहानी वाले सीरियल से जुड़ा हूँ। 'रिपोर्टर्स' की कहानी अलग है। मुझे ऐसे रोल करना अच्छा भी लगता है। वैसे केवल मैं ही नहीं पूरी रिपोर्टर्स टीम ही बहुत खुश है।
सीरियल के डायरेक्टर गोल्डी बहल हैं। उनके साथ काम करना कैसा लगा ?
गोल्डी बहल ने 'बस इतना सा ख्वाब है' और 'द्रोणा' जैसी फ़िल्में डायरेक्ट की है। वह इस शो के डायरेक्टर हैं। यह सोने पर सुहागा जैसा है।
राजीव खण्डेलवाल शानदार अभिनेता हैं। आप क्या कहते हैं ?
'ही इज़ एन अमेजिंग एक्टर। उन्हें हर शॉट में अपना बेस्ट परफॉरमेंस देने की आदत है।
आपकी माँ विभा छिब्बर भी तो राजीव खण्डेलवाल के साथ काम कर चुकी हैं?
जी हाँ, उन्होंने 'पीटर गया काम से में' राजीव खण्डेलवाल के साथ काम किया है। वह उन्हें फैंटास्टिक एक्टर बताया करती थी। आज जबकि में उनके साथ काम कर रहा हूँ, मैं अपनी माँ से सहमत हूँ।
'रिपोर्टर्स' की टीम के साथ अपने अनुभव के बारे में बताइये ?
हम एक दूसरे से जुड़ना जानते हैं। हम जल्द ही एक दूसरे के फ्रेंड्स बन गए। इस टीम के साथ काम करना बेस्ट टीम के साथ काम करना है। मैं शो का हिस्सा बनाने का मज़ा लूट रहा हूँ।
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साक्षात्कार,
हस्तियां
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क्या चैनल्स के लिए सनी लियॉन है एडल्ट स्टार !
पिछले दिनों सनी लियॉन फिल्म कुछ कुछ लोचा है में अपने को-स्टार राम कपूर और नवदीप छाबड़ा के साथ मुंबई के इनोर्बिट मॉल में फिल्म का प्रमोशन करती नज़र आईं। आजकल, आम तौर पर, ज़्यादातर फिल्मों का प्रमोशन मनोरंजन चैनल्स के सीरियल या शो में होता है। लेकिन, दर्शक अपने टीवी सेट पर फिल्म 'कुछ कुछ लोचा है' का प्रमोशन करते सनी लियॉन, राम कपूर, एवलीन शर्मा और नवदीप छाबड़ा को नहीं देख सकेंगे। फिल्म से जुड़े सूत्र बताते हैं कि किसी भी एंटरटेनमेंट चैनल ने 'कुछ कुछ लोचा है' का प्रमोशन अपने किसी शो में करवाने से साफ़ इंकार कर दिया है। बताते हैं कि ऐसा सनी लियॉन की पोर्न इमेज को देखते हुए किया गया है। चैनल्स का मानना है कि उनके प्रोग्राम हर वर्ग के दर्शकों द्वारा देखे जाते हैं। एक एडल्ट स्टार की फिल्म का प्रमोशन कराना दर्शकों द्वारा पसंद नहीं किया जायेगा। क्या टीवी चैनल सनी लियॉन के पोर्न स्टार होने के कारण उनकी फिल्म 'कुछ कुछ लोचा है' का प्रमोशन नहीं करने दे रहे ? बॉलीवुड में तो खबर यही है कि 'कुछ कुछ लोचा है' के प्रमोशन में सनी लियॉन की पोर्न इमेज आड़े आ रही है। लेकिन, ध्यान देने की बात है कि सनी लियॉन की पिछली फिल्म 'रागिनी एमएमएस २' का प्रमोशन सोनी एंटरटेनमेंट चैनल पर किया गया था। इससे साफ़ है कि सनी लियॉन की इमेज उनकी फिल्म के प्रचार में आड़े नहीं आ रही। तब बड़ा सवाल यह है कि चैनल 'कुछ कुछ लोचा है' के प्रमोशन से किनारा क्यों कर रहे हैं ? इसका बड़ा कारण है 'कुछ कुछ लोचा है' का सेक्स कॉमेडी होना। इस प्रकार के सब्जेक्ट वाली फिल्मों के कंटेंट को मनोरंजक चैनलों के कार्यक्रमों में शामिल करना संभव नहीं होता। क्योंकि, फिल्म की सेक्स की ओवरडोज़ दर्शकों को नागवार गुजरेगी। इसीलिए सनी लियॉन को 'कुछ कुछ लोचा है' के प्रमोशन के लिए मॉल मॉल घूमना पड़ रहा है।
अल्पना कांडपाल
अल्पना कांडपाल
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Television,
ये ल्लों !!!
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अक्षय कुमार के साथ 'गब्बर इज़ बैक' का प्रमोशन किया श्रुति हासन ने
अक्षय कुमार की इस साल की दूसरी फिल्म 'गब्बर इज़ बैक' शुक्रवार को रिलीज़ होने जा रही है। इस फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में श्रुति हासन, अक्षय कुमार और फिल्म के डायरेक्टर कृष शहर शहर और चैनल चैनल घूम रहे हैं। तमिल फिल्म 'रमन्ना' का हिंदी रीमेक 'गब्बर इज़ बैक' के बारे में अक्षय कुमार ने बताया, "यह फिल्म रियल इन्सिडेंस पर फिल्म है। आप जो कुछ भी देखेंगे रियल है। मैंने अपने सारे स्टंट बिना किसी केबल या सीजी तकनीक का इस्तेमाल किये करे हैं।"
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इस शुक्रवार,
फोटो फीचर
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