'बैंड बाजा बरात', 'छू लेंगे आसमान', 'द वारियर', 'पवित्र रिश्ता', आदि फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम कर चुके पुरू छिब्बर अब सोनी पर प्रसारित हो रहे टीवी सीरियल रिपोर्टर में रॉनी की भूमिका निभाने जा रहे हैं। कभी फिल्म, कभी टीवी सीरियल में जाते, वापस आते पुरू छिब्बर का इरादा टीवी छोड़ कर बॉलीवुड अपनाने का नहीं है। पेश हैं उनसे चलते चलाते हुई बात-
आप एक्टर कैसे बने ?
मैं बनना तो चाहता था क्रिकेटर ! फिल्म 'द वारियर' में मैंने इरफ़ान खान के बेटे का किरदार किया था। इस फिल्म के लिए मैं बाफ्टा अवार्ड्स में गया। फिर मुझे अपनी ओर लोगों का ध्यान देना, अभिनय करना, फ़िल्में कैसे बनती हैं जानना अच्छा लगने लगा। तब मेरी मॉम (फिल्म अभिनेत्री विभा छिब्बर) ने मुझे बताया कि तुम एक्टर बनना चाहते हो।
आपको फिल्मों से अच्छी पहचान मिली। तो आप क्यों नहीं फ़िल्में ही करना चाहते ?
मैं फ़िल्में करना चाहूँगा, लेकिन टीवी भी बॉलीवुड जितना बड़ा है। दरअसल, लोग फिल्मों से ज़्यादा टीवी देखते हैं। मैं टीवी के साथ फ़िल्में भी करना चहूंगा। लेकिन, फिल्मों के लिए टीवी नहीं छोड़ सकता।
अब आप 'रिपोर्टर्स' रहे हैं। इसमे ऎसी क्या खासियत है ?
'रिपोर्टर्स' तमाम टीवी सीरियलों से अलग है। मैं खुश हूँ कि मैं 'रिपोर्टर्स' जैसी ताज़ा और देखने के लिए मज़बूर करने वाली कहानी वाले सीरियल से जुड़ा हूँ। 'रिपोर्टर्स' की कहानी अलग है। मुझे ऐसे रोल करना अच्छा भी लगता है। वैसे केवल मैं ही नहीं पूरी रिपोर्टर्स टीम ही बहुत खुश है।
सीरियल के डायरेक्टर गोल्डी बहल हैं। उनके साथ काम करना कैसा लगा ?
गोल्डी बहल ने 'बस इतना सा ख्वाब है' और 'द्रोणा' जैसी फ़िल्में डायरेक्ट की है। वह इस शो के डायरेक्टर हैं। यह सोने पर सुहागा जैसा है।
राजीव खण्डेलवाल शानदार अभिनेता हैं। आप क्या कहते हैं ?
'ही इज़ एन अमेजिंग एक्टर। उन्हें हर शॉट में अपना बेस्ट परफॉरमेंस देने की आदत है।
आपकी माँ विभा छिब्बर भी तो राजीव खण्डेलवाल के साथ काम कर चुकी हैं?
जी हाँ, उन्होंने 'पीटर गया काम से में' राजीव खण्डेलवाल के साथ काम किया है। वह उन्हें फैंटास्टिक एक्टर बताया करती थी। आज जबकि में उनके साथ काम कर रहा हूँ, मैं अपनी माँ से सहमत हूँ।
'रिपोर्टर्स' की टीम के साथ अपने अनुभव के बारे में बताइये ?
हम एक दूसरे से जुड़ना जानते हैं। हम जल्द ही एक दूसरे के फ्रेंड्स बन गए। इस टीम के साथ काम करना बेस्ट टीम के साथ काम करना है। मैं शो का हिस्सा बनाने का मज़ा लूट रहा हूँ।
आप एक्टर कैसे बने ?
मैं बनना तो चाहता था क्रिकेटर ! फिल्म 'द वारियर' में मैंने इरफ़ान खान के बेटे का किरदार किया था। इस फिल्म के लिए मैं बाफ्टा अवार्ड्स में गया। फिर मुझे अपनी ओर लोगों का ध्यान देना, अभिनय करना, फ़िल्में कैसे बनती हैं जानना अच्छा लगने लगा। तब मेरी मॉम (फिल्म अभिनेत्री विभा छिब्बर) ने मुझे बताया कि तुम एक्टर बनना चाहते हो।
आपको फिल्मों से अच्छी पहचान मिली। तो आप क्यों नहीं फ़िल्में ही करना चाहते ?
मैं फ़िल्में करना चाहूँगा, लेकिन टीवी भी बॉलीवुड जितना बड़ा है। दरअसल, लोग फिल्मों से ज़्यादा टीवी देखते हैं। मैं टीवी के साथ फ़िल्में भी करना चहूंगा। लेकिन, फिल्मों के लिए टीवी नहीं छोड़ सकता।
अब आप 'रिपोर्टर्स' रहे हैं। इसमे ऎसी क्या खासियत है ?
'रिपोर्टर्स' तमाम टीवी सीरियलों से अलग है। मैं खुश हूँ कि मैं 'रिपोर्टर्स' जैसी ताज़ा और देखने के लिए मज़बूर करने वाली कहानी वाले सीरियल से जुड़ा हूँ। 'रिपोर्टर्स' की कहानी अलग है। मुझे ऐसे रोल करना अच्छा भी लगता है। वैसे केवल मैं ही नहीं पूरी रिपोर्टर्स टीम ही बहुत खुश है।
सीरियल के डायरेक्टर गोल्डी बहल हैं। उनके साथ काम करना कैसा लगा ?
गोल्डी बहल ने 'बस इतना सा ख्वाब है' और 'द्रोणा' जैसी फ़िल्में डायरेक्ट की है। वह इस शो के डायरेक्टर हैं। यह सोने पर सुहागा जैसा है।
राजीव खण्डेलवाल शानदार अभिनेता हैं। आप क्या कहते हैं ?
'ही इज़ एन अमेजिंग एक्टर। उन्हें हर शॉट में अपना बेस्ट परफॉरमेंस देने की आदत है।
आपकी माँ विभा छिब्बर भी तो राजीव खण्डेलवाल के साथ काम कर चुकी हैं?
जी हाँ, उन्होंने 'पीटर गया काम से में' राजीव खण्डेलवाल के साथ काम किया है। वह उन्हें फैंटास्टिक एक्टर बताया करती थी। आज जबकि में उनके साथ काम कर रहा हूँ, मैं अपनी माँ से सहमत हूँ।
'रिपोर्टर्स' की टीम के साथ अपने अनुभव के बारे में बताइये ?
हम एक दूसरे से जुड़ना जानते हैं। हम जल्द ही एक दूसरे के फ्रेंड्स बन गए। इस टीम के साथ काम करना बेस्ट टीम के साथ काम करना है। मैं शो का हिस्सा बनाने का मज़ा लूट रहा हूँ।
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