निर्देशक डेविड याट्स की १८ नवम्बर को रिलीज़ होने जा रही फिल्म फैंटास्टिक बीस्ट्स एंड वेयर टू फाइंड देम से मशहूर हैरी पॉटर सीरीज की लेखिका जे के रोलिंग का बतौर स्क्रीन राइटर डेब्यू हो रहा है। रोलिंग की यह पटकथा उन्ही की इसी टाइटल वाली किताब पर आधारित है। यह हैरी पॉटर सीरीज की पहली प्रीकुएल फिल्म है। रोलिंग हैरी पॉटर का प्रीकुएल पांच किस्तों में लिख रही हैं। फैंटास्टिक बीस्ट्स इसकी पहली क़िस्त है। १९२६ के न्यूयॉर्क में जादुई दुनिया खतरे में हैं। कोई रहस्यमयी वस्तु गलियों में अपने विनाश और जादुई संसार को चेतावनी के चिन्ह छोडती जा रही है। इस फिल्म में एड़ी रेडमायन ने अंतर्मुखी जादूगर न्यूट स्कामेंडर, केथेरिन वॉर्स्टन ने चुड़ैल टीना गोल्डस्टीन, डान फॉलर ने जैकब कोवाल्स्की, एलिसन सुडोल ने खूबसूरत जादूगरनी क्वीनी और कॉलिन फर्रेल ने मैजिकल सिक्योरिटी के डायरेक्टर परसिवल ग्रेव्स का किरदार किया है। यह फिल्म दुनिया के तमाम देशों में त्रिआयामी प्रभाव आईमैक्स ४ के लेज़र में भी रिलीज़ की जाएगी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday, 22 October 2016
हैरी पॉटर सीरीज की अगली पांच फिल्मों में पहली
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Eddie Redmayne,
Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मार्वेल और नेटफ्लिक्स का गठजोड़
आजकल मार्वेल और नेटफ्लिक्स की अच्छी छन रही है। यह दोनों मिल कर टीवी सीरीज का निर्माण और प्रसारण कर रहे हैं। छोटे परदे पर डेअरडेविल से इन दोनों की दोस्ती सामने आई। इसके जेसिका जोंस जैसी सफल सीरीज बनाई गई। सीरीज ल्यूक केज को सफलता और सराहना दोनों ही मिली। अब यह दोनों आयरन फिस्ट सीरीज का प्रसारण करने जा रहे हैं। इस मार्शल आर्ट्स हीरो के बाद दर्शकों को द डिफेंडर्स की टीम नज़र आयेगी, जो अनाम खलनायक से मुक़ाबला करेंगे। इस बुरे किरदार को सिगौरनी वीवर करेंगी। यह भी खबर है कि द डिफेंडर्स में डेअरडेविल, जेसिका जोंस, ल्यूक केज और आयरन फिस्ट के करैक्टर एक साथ होंगे। नेटफिल्क्स पर आयरन फिस्ट १७ मार्च २०१७ को दिखाई जायेगी। इसके बाद साल के आखिर में द डिफेंडर्स का प्रसारण होगा।
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मदरलैंड होगा ब्लैक पैंथर फिल्म का नाम
मार्वेल कॉमिक्स के पहले अश्वेत सुपर हीरो ब्लैक पैंथर पर सोलो फिल्म के लिए इस करैक्टर के प्रशंसकों को २०१८ तक इंतज़ार करना होगा। क्योंकि, इस फिल्म की शूटिंग ही अगले साल जनवरी में शुरू हो पाएगी। लेकिन, मार्वेल कॉमिक्स के इस मशहूर ब्लैक हीरो पर पहली सोलो फिल्म का वर्किंग टाइटल तय कर दिया गया है। ब्लैक पैंथर पर फिल्म का टाइटल मदरलैंड होगा। इस टाइटल में ब्लैक पैंथर या ब्लैक सुपर हीरो के होने का पता नहीं चलता। लेकिन, इससे एक बात साफ़ होती है कि इस फिल्म की कहानी ब्लैक पैंथर की जन्मभूमि अफ्रीका में वकांडा पर केंद्रित होगी। मदरलैंड के हीरो यानि ब्लैक पैंथर अभिनेता चैडविक बोसमैन ही होंगे। चैडविक ने ब्लैक पैंथर का चोला इसी साल रिलीज़ कैप्टेन अमेरिका : सिविल वॉर में पहना था। मदरलैंड का निर्देशन रयान कूग्लर करेंगे। फिल्म की शुरुआत अपने पिता की मौत का शोक मनाते टी'चल्ला से होगी, जो बाद में वकांडा का सिंहासन सम्हालता है। सिंहासन पर बैठते ही उसे मालूम होता है कि वकांडा को अंदरूनी और बाहरी शक्तियों से खतरा है। यह शक्तियां ब्रह्माण्ड में सबसे सशक्त और विज्ञान में आगे देश से डाह करती है। इस ब्लैक पैंथर फिल्म की कहानी रयान कूग्लर ने ही लिखी है। फिल्म में केंद्रीय भूमिका में चैडविक बोसमैन के अलावा द वॉकिंग डेड की दानाई गुरीरा (ओकोये), फैंटास्टिक फोर के माइकल बी जॉर्डन (एरिक किलमांजर) और स्टार वार्स : द फाॅर्स अवकेंस की ल्युपिटा न्योंग'ओ (नाकिया) भी ख़ास भूमिका में होंगे। यह फिल्म ६ जुलाई २०१८ को रिलीज़ होगी।
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Hollywood
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Friday, 21 October 2016
भारत के लिए हॉकी का गोल्ड लाएंगे अक्षय कुमार !
अब अभिनेता अक्षय कुमार ने रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर के कैंप में सेंध मार दी है। आमिर खान, शाहरुख़ खान और हृथिक रोशन के साथ फ़िल्में बना चुकी रितेश-फरहान जोड़ी अब अक्षय कुमार को लेकर १९४८ की पृष्ठभूमि पर फिल्म बनाने जा रही है। यह फिल्म आज़ादी के बाद भारत द्वारा १४ वें लन्दन ओलंपिक्स में भारत के हॉकी में पहला गोल्ड मैडल जीतने की कहानी पर है। इस फिल्म का निर्देशन एक्सेल एंटरटेनमेंट के लिए हनीमून ट्रेवल प्राइवेट लिमिटेड और तलाश जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुकी रीमा कागती करेंगी। गोल्ड १५ अगस्त २०१८ को रिलीज़ होगी यानि पहला गोल्ड जीतने के ७० साल बाद।
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गर्मागर्म
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मैं दिलीप साहब को फूफ़ोनाना कहती हूँ - साएशा सहगल
साएशा सहगल दिलीप कुमार की भांजी हैं। वह एक्टर सुमीत सहगल और शाहीन बानू की बेटी हैं। ज़ाहिर है कि अभिनय उनके खून में बहता है। वह भी अपने नाना, नानी, माँ और पिता की तरह बॉलीवुड फिल्मों में काम करना चाहती हैं। हालाँकि, उनके अभिनय करियर की शुरुआत तेलुगु फिल्म अखिल (२०१५) से हुई। अपनी पहली फिल्म, पहले निर्देशक, अनुभव और नाना नानी पर साएशा सहगल से हुई बातचीत के अंश-
अजय देवगन के साथ
काम शुरू करना आसान था या मुश्किल ?
मुश्किल तो नहीं था, क्योंकि मैंने इसके लिए ऑडिशन दिए थे। अगर आप फ़िल्मी खानदान से होते हैं तो
आपका फिल्ममेकर्सके साथ मीटिंग करना आसान हो जाता है। वैसे फिल्म तभी मिलती है, जब
आपका काम सही हो।
शिवाय में आपका किरदार क्या है ?
यह एक वेस्टर्न और
यंग टाइप का किरदार है। एक वर्किंग लड़की है। भारतीय है लेकिन बुल्गारिया में रहती
है। यह किरदार अजयदेवगन के साथ साथ चलता है।
अजय देवगन एक
डायरेक्टर के रूप में कैसे हैं ?
उन्हें ये पता है कि डायरेक्टर के रूप में उन्हें क्या चाहिए। टेक्निकल तरीके से भी वे बेहतरीन हैं। हम ६ कैमरा के साथ
शूटिंग कर रहे थे। आपको पता है जब उनका शॉट नहीं होता था, तब भी वह एक कैमरे को
खुद ऑपरेट किया करते थे। वह एक एक्टर हैं तो उन्हें पता है की आखिरकार उन्हें एक
शॉट में क्या चाहिए। यह बहुत बड़ी फिल्म है। मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है।
आपने फिल्म में एक्शन भी किये हैं ?
नहीं, सबसे ज्यादा एक्शन तो अजय सर के हैं। शायद, कहीं कहीं ही मैं उस अवतार में दिखूंगी।
ऐ दिल है मुश्किल भी शिवाय के सामने रिलीज होने वाली है।
देखिये मुझे ज्यादा नहीं पता। दोनों फिल्में अलग हैं। दर्शक दोनों को देखने जाएंगे। मुझे उनका ट्रेलर अच्छा लगा। मैं बस चाहती हूँ कि लोग मेरी फिल्म देखें तो मुझे पसंद करें।
आप एक्टर ही बनना
चाहती थी ?
जी हाँ, बचपन से एक्टर बनने की चाह थी। उसी की तरफ फोकस था। जब मैं नौ साल की थी, तभी मेरी डांस ट्रेनिंग शुरू हो गयी
थी।
क्या आपकी अजय देवगन
के साथ तीन फिल्मों की डील है ?
नहीं, उन्होंने ऐसी कोई भी बंदिश नहीं रखी है, लेकिन अगर वह कहेंगे तो मैं उनके साथ दस फिल्मों
में भी काम कर सकती हूँ। वो मेरेपरिवार जैसे हैं।
आपको अपनी माँ शाहीन की कौन सी फिल्में पसंद हैं ?
हाँ, मुझे 'आई मिलन की रात' काफी पसंद है। उसमें काफी बेहतरीन गाने हैं।
आपकी मम्मी 'शाहीन' काफी चुन चुन कर फिल्में किया करती थी ?
हाँ, उनकी शादी काफी जल्दी हो गयी थी। लेकिन उन्हें इस
बात का कभी भी दुःख नहीं हुआ।
तो क्या आप जल्दी
शादी नहीं करेंगी ?
नहीं, बिल्कुल नहीं, मुझे करियर में बड़ा करना है। पूरा फोकस अभी वहीँ हैं। फिर बाद में शादी का
सोचेंगे।
आप किसी को डेट नहीं
कर रही ?
नहीं, बिल्कुल नहीं, इतना समय किसके पास है ? मैं अभी काफी यंग हूँ।
अपने फादर सुमित
सहगल की फिल्में आपने देखी हैं ?
हाँ, मुझे न्याय अन्याय काफी पसंद है। इंसानियत के
दुश्मन, सौदा जैसी फिल्में भी हैं। हम काफी क्लोज हैं। मेरे पेरेंट्स कहते हैं कि हार्डवर्क करो बाकी किस्मत पर
छोड़ दो।
खबरें थी कि सलमान
खान आपको लांच करने वाले थे ?
नहीं, वह मुझे लांच नहीं करने वाले थे। सलमान सर
बेहतरीन इंसान हैं। मुझे कभी जरूरत पड़ती
है तो मैं उनकी सलाह लेती हूँ। कभी मौका मिला तो उनके साथ एक फिल्म ज़रूर करना चाहूंगी।
इन दिनों कौन सी
फिल्म कर रही हैं ?
मैं साउथ की एक तमिल
फिल्म कुमारी कंदम कर रही हूँ।
आप दिलीप कुमार और
सायरा बानो को कैसे पुकारती हैं और आपने उनसे क्या सीख ली ?
मैं उन्हें (दिलीप कुमार को) फूफोनाना कहती हूँ । दिलीप साब मुझसे हमेशा कहते थे कि वह जब भी सेट पर जाते थे,
उसके पहले स्क्रिप्ट में हर ख़ास बात
को मार्क कर लेते थे। तभी सेट पर जाते थे। उनकी उर्दू काफी अच्छी हैं। मैंने उनसे मैंने कई उर्दू शब्द सीखे हैं।
आपके पसन्दीदा
एक्टर्स कौन हैं ?
मेराल स्ट्रीम मुझे पसंद है। मुझे बचपन से मुझे
ह्रितिक रोशन पसंद है। सलमान सर भी मुझे
पसंद हैं।
अजय देवगन आपके अगले
प्रोजेक्ट्स पर भी ध्यान देंगे ?
काश मैं अजय सर से उनके आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में पूछ पाती !
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Sayesha Saigal,
साक्षात्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मुझे ख़ुशी है कि यह फिल्म भारत में बनायी गयी - अजय देवगन
चार साल बाद अजय देवगन की फिल्म शिवाय दिवाली पर रिलीज़ होने जा रही है। इस फिल्म का टकराव करण जौहर की फिल्म ऐ दिल है मुश्किल से होगा। लेकिन, उन्हें अपनी फिल्म पर भरोसा है। शिवाय, एक्शन, पाकिस्तानी एक्टर्स, आदि पर उनसे हुई बातचीत -
फिल्म का नाम शिवाय क्यों है ?
मेरे किरदार का नाम शिवाय है। लेकिन,. यह धार्मिक फिल्म नहीं है। शिव ऐसे भगवान् हैं, जो आज के लोगों से कनेक्ट हो पाते हैं। उन्हें भोला भंडारी भी कहते हैं। साथ ही वह समय आने पर विनाश भी करते हैं। यह व्यक्तित्व आज कल के इंसान में भी मिलता है।
आप एक्शन और कॉमेडी
को बैलेंस कैसे करते हैं ?
इस फिल्म में ड्रामा
ज्यादा है। कॉमेडी बिलकुल नहीं है। यह
इमोशनल ड्रामा फिल्म है।
आपने दृश्यम
की थी, जो पारिवारिक बाप-बेटी रिश्तों वाली फिल्म थी।
दृश्यम मैंने
स्क्रिप्ट के हिसाब से की थी। यह एक अलग कहानी है। आज के जमाने में बाप बेटी के रिश्ते को देखते हुए
यह फिल्म बनायी है।
सुना है शिवाय एक कॉमिक्स के
रूप में भी आ रहा है !
शिवाय का ट्रेलर देखकर एक
कॉमिक्स कंपनी ने आईडिया दिया। उनका कांसेप्ट मुझे पसंद आया और मैंने हाँ कह दिया। हालांकि फिल्म की कहानी, कॉमिक्स से अलग है।
फिल्म का एक्शन कैसा
है ?
एक्शन काफी अलग है,
जो इमोशन के साथ जुड़ा हुआ है। मैंने काफी रीयल ट्रीट करने की कोशिश की है। मेरा
मकसद हॉलीवुड स्टाइल का एक्शन सबके सामने लाना है। मुझे अपनी टीम पर भरोसा था। हमारा काम मुश्किल था लेकिन बढ़िया
हुआ है।
फिल्म को इंटरनेशनल मार्किट में भी रिलीज़ किया जा रहा हैं ?
इंटरनेशनल मार्किट में जर्मनी बुल्गारिया और साथ ही चीन से भी इसे रिलीज़ करने का मैसेज आया
है। मुझे बहुत ख़ुशी है कि यह फिल्म इण्डिया में बनायी गयी है।
क्या यह किसी फिल्म
से प्रेरित है ?
नहीं, बिल्कुल नहीं। लेकिन, कहानी काफी अलग है।
फिल्म में विदेशी कलाकार भी हैं ?
जी, स्क्रिप्ट की डिमांड थी, इसलिए
हमने उन्हें लिया है। अन्यथा
हमारे देश में एक्टर्स की कमी नहीं है। इसे बनाने में लगभग डेढ़ साल का समय लगा, लेकिन मुझे बेहतरीन एक्टर्स मिले।
शूटिंग के दौरान
आपकी तबियत भी खराब हुयी थी ?
हाँ एक शॉट के दौरान
मेरी गर्दन टूटने वाली थी। लेकिन बाल बाल बचा। अभी भी मेरी तबियत खराब है, लेकिन काम करना करना
बहुत ज़रूरी है। फिल्म जल्द रिलीज करनी है।
आजकल हर कोई क्रिटिक हो गया है। मुझे लगता है कि लोगों को पढ़ाई-लिखाई करके इस क्षेत्र में आना चाहिए।
आपको लगता है कि यह दीवाली ख़ास होने वाली है ?
मुझे ज्यादा तो नहीं
पता लेकिन जितना ऊपरवाले ने साथ दिया है, आशा है आज भी उतना ही साथ देगा।
पाकिस्तानी एक्टर्स
के मुद्दे पर आप क्या कहना चाहेंगे ?
मुझे पाकिस्तानी
एक्टर्स पसंद हैं। मैंने उनके साथ काम
किया है, उन्होंने हमारे साथ
किया है। लेकिन कभी कभी ऐसे हालात हो जाते हैं जहां पर बात देश की होती है। हमें जवानों के परिवार के बारे में सोचना चाहिए। जवान आपके लिए जिंदगी दे देता है। मुझे लगता है की उस वक्त के लिए हमें अपने देश के लिए खड़ा रहना चाहिए। देश सबसे
ऊपर है। अक्षय कुमार ने भी कहा कि हम लोगों को अपने लोगों का सपोर्ट करना चाहिए। कल्चरल एक्सचेंज नहीं हो सकते।
अपनी सफलता को कैसे
देखते हैं ?
अभी रास्ता बहुत
लंबा है। काम करने की भूख बनी
रहनी चाहिए।
ऐ दिल है मुश्किल भी
साथ ही रिलीज हो रही है। क्या थिएटर बराबर मिले हैं ?
जी, मुझे लगता है की
थिएटर बराबर मिले हैं। ऑडिएंस को फिल्म देखने दीजिये और उन्हें ही निर्णय लेने
दीजिये।
आप किसी कैंप का
हिस्सा नहीं हैं ?
देखिये कैम्प जैसी
कोई चीज नहीं होती। मेरा तो बस एक ही मानना
है कि मैं आपके काम में दखल नहीं दे रहा हूँ, तो आप भी मेरे काम में दखलंदाजी मत कीजिये। लेकिन, अगर
कोई मेरे काम में दखल देगा तो मैं रिएक्ट करूंगा ही।
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Ajay Devgan,
साक्षात्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Thursday, 20 October 2016
नहीं रहे विनोद दीवान
वरिष्ठ फिल्म निर्माता विनोद दीवान नहीं रहे। मुम्बई में १५ अक्टूबर को ६६ साल की उम्र में उनका देहांत हो गया। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। वह बासु भट्टाचार्य के प्रियतमा में सह निर्देशक थे। वह यादों की कसम के लेखक निर्देशक भी थे। उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती और ज़ीनत अमान के साथ फिल्म यादों की कसम, मिथुन चक्रवर्ती, मन्दाकिनी, मीनाक्षी शेषाद्रि और जूही चावल के साथ शानदार मिथुन चक्रवर्ती और संगीत बिजलानी के साथ निर्भय जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था।
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श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 19 October 2016
सोनाक्षी सिन्हा क्यों नहीं कर रही मुबारकां !
निर्देशक अनीस बज़्मी, अनिल कपूर और उनके भतीजे अर्जुन कपूर के साथ फिल्म मुबारकां की नायिका के लिए सोनाक्षी सिन्हा को लेना चाहते थे। लेकिन, खबर है कि सोनाक्षी सिन्हा ने अनीस बज़्मी को इनकार कर दिया है। अनीस बज़्मी कहते हैं, "हाँ मैंने सोनाक्षी सिन्हा से कांटेक्ट किया था। लेकिन, उन्होंने मना कर दिया। कारण क्या है, मैं नही जानता।" लेकिन, बॉलीवुड गलियारों की खबर है कि सोनाक्षी सिन्हा ने अर्जुन कपूर के कारण मुबारकां को मुबारक नहीं कहा। क्यों सोनाक्षी सिन्हा ने अर्जुन के साथ फिल्म मना कर दी। हालाँकि, इस फिल्म में अनिल कपूर और अमृता सिंह की जोड़ी बनाई जा रही है। इस जोड़ी ने अस्सी के दशक में ठिकाना, चमेली की शादी और साहेब जैसी फ़िल्में की थी। तो क्या सोनाक्षी सिन्हा ने इस जोड़ी से घबरा का मुबारकां नहीं की ! क्या सोनाक्षी सिन्हा को फिल्म में अर्जुन कपूर की दोहरी भूमिका से डर लग रहा था ? अब इस फिल्म में इलेना डिक्रूज़ और अथिया शेट्टी आ गई हैं। परंतु, सोनाक्षी सिन्हा के लिए दोहरी भूमिका इतने मायने नहीं रखती। सोनाक्षी सिन्हा पहले भी अक्षय कुमार की दोहरी भूमिका वाली फिल्म राउडी राठौर कर चुकी हैं। अंदर खाने खबर यह है कि सोनाक्षी सिन्हा को अर्जुन कपूर की फिल्मों की असफलता से डर लगता है। अर्जुन कपूर की औरंगज़ेब, गुंडे, फाइंडिंग फेनी, आदि फ़िल्में बुरी तरह से फ्लॉप हुई हैं। खुद सोनाक्षी सिन्हा ने भी अर्जुन कपूर के साथ फिल्म तेवर की असफलता का स्वाद चखा है। सोनाक्षी सिन्हा की पिछली तीन फ़िल्में एक्शन जैक्सन, तेवर और अकीरा फ्लॉप हो चुकी हैं। ज़ाहिर है कि अब वह किसी ऐलानिया फ्लॉप एक्टर के साथ फिल्म मंज़ूर करना नहीं चाहेगी।
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
चीन में तिब्बत का ज़िक्र नहीं होगा डॉक्टर स्ट्रेंज में !
इसका मतलब तो यही हुआ कि मार्वेल के बॉसेज़ ने सही फैसला लिया था। मार्वेल कॉमिक्स की डॉक्टर स्ट्रेंज सीरीज में डॉक्टर स्ट्रेंज की मदद करने वाला 'द अन्सिएंट वन' का किरदार एक रहस्यमय तिब्बती पुरुष का था, जो डॉक्टर स्ट्रेंज की मदद करता है। कॉमिक्स के अलावा १९७८ की टीवी फिल्म और २००७ की एनीमेशन फिल्म में यह किरदार तिब्बती ही था। लेकिन, जब इस करैक्टर को लेकर फिल्म डॉक्टर स्ट्रेंज बनाने का फैसला किया गया तब अन्सिएंट वन के रोल में ब्रितानी अभिनेत्री टिल्डा स्वीनटन को लिया गया तथा यह करैक्टर तिब्बती न होकर सेलिक रहस्यमयी महिला का बना दिया गया। इसका फायदा मार्वेल यूनिवर्स को चीन का बाजार पा कर हुआ। चीन को तिब्बत के ज़िक्र से एलर्जी है। वह विदेशी फिल्मों की स्क्रिप्ट की ख़ास पड़ताल करने के बाद ही फिल्म की शूटिंग होने या देश में रिलीज़ होने की अनुमति देते हैं। लेकिन, अब इस परिवर्तन के बाद डॉक्टर स्ट्रेंज चीन में ४ नवम्बर को रिलीज़ हो रही है। इस फिल्म के साथ हैरी पॉटर स्पिनऑफ फैंटास्टिक बीस्ट्स एंड वेयर टू फाइंड देम, आंग ली की फिल्म बिली लीन'स लॉन्ग हॉफटाइम वॉक और चीनी डायरेक्टर फेंग सियाओगैंग की आई एम नॉट मैडम बावरी भी रिलीज़ हो रही हैं।
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Tinda Swinton
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Tuesday, 18 October 2016
यह दुर्गा रानी सिंह की कहानी २ है !
आज सोशल साइट्स पर एक पोस्टर जारी किया गया है। पुलिस को इस पोस्टर वाली महिला दुर्गा रानी सिंह की हत्या और अपहरण के मामलों में तलाश है। जानकारी देने के लिए फेसबुक पर कहानी २ पर संपर्क करने के लिए कहा गया है। लेकिन यह तलाश रियल लाइफ नहीं रील लाइफ हैं। क्योंकि यह दुर्गा रानी सिंह का फोटो विद्या बालन का है। २०१२ की हिट थ्रिलर ‘कहानी’ के बाद २ दिसंबर २०१६ को रिलीज होने जा रहीं सीक्वल फिल्म का नाम ‘कहानी-२: दुर्गा रानी सिंह’ है । यह पोस्टर इसी फिल्म का है। इस सस्पेन्स थ्रिलर फिल्म के लिए निर्देशक सुजॉय घोष और विद्या बालन फिर एक बार एक साथ आयें हैं। विद्या बालन और अर्जुन रामपाल अभिनीत यह फिल्म पहले २५ नवंबर को रिलीज होनेवाली थी। लेकिन पेन इंडिया के निर्माता जयंतीलाल गाडा ने बॉक्स ऑफिस टकराव को टालने के लिए फिल्म की रिलीज डेट आगे करने का फैसला लिया।
हालांकि, सभी निर्माता प्रतिस्पर्धी से होनवाले टकराव से बचने के लिए इस तरह की रणनीती अपनाते हैं। लेकिन निर्माता जयंतीलाल गाडा ने महेश भट्ट के साथ रहीं कई सालों की दोस्ती के मद्देनजर यह फैसला लिया हैं। आलिया भट्ट अभिनीत फिल्म ‘डिअर जिंदगी’ भी २५ नवम्बर को रिलीज़ होने जा रही है । महेश भट्ट और जयंतीलाल गाडा की इस बारे में बातचित हुई। दोनों ने मिलकर फैसला लिया की दोनों फिल्में एक ही वक्त रिलीज नहीं होंगी। इसिलए कहानी-२ के निर्माता ने फिल्म की रिलीज एक हफ्ते आगे कर ली। यह सस्पेन्स फिल्म अब २ दिसंबर को रिलीज होंगीं।इस सम्बन्ध में महेश भट्ट ने कहा, "मैं कई वर्षों से जयंतीलाल गाडा को जानता हुँ। हम एक दूसरे के लिए एक परिवार की तरह हैं। कहानी-२ और डिअर जिंदगीं, दोनों ही अपने आप में अनोखी फिल्में हैं। हमने सोचा कि इन फिल्मों को सोलो रिलीज मिलनी चाहियें। ताकि, दोनों फिल्मों को फायदा मिलें।" इस बारे में संपर्क करने पर जयंतीलाल गाडा ने कहा, "भट्ट साहब हमारे सुप्रसिध्द टीवी शो उडान और नामकरण से जुड़े हैं । लेकिन इन दो शो से भी ज्यादा अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि महेश भट और आलिया हमारे लिए परिवार की तरह हैं। परिवारों के भीतर कभी भी प्रतियोगिता या टकराव नही हो सकता। इसलिए मैंने कहानी-२ दुर्गा रानी सिंह की रिलीज २ दिसंबर को करने का फैसला लिया है।“
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Vidya Balan,
खबर है
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४२ साल पहले बॉक्स ऑफिस पर लगा था सितारों का मेला
क्या आप जानते हैं कि आज से ४२ साल पहले
बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड सितारों का मेला जुटा था ? बॉलीवुड के लिए १९७४ की ईद-उल-फ़ित्र
गज़ब की ईदी देने वाली साबित हुई थी । ठीक
४२ साल पहले १८ अक्टूबर १९७४ को चार बड़ी हिंदी फ़िल्में रिलीज़ हुई थी । ख़ास बात यह
थी कि यह सभी बड़े सितारों वाली फ़िल्में थी।
इनकी बड़ी स्टार कास्ट के कारण १८ अक्टूबर को देश के सिनेमाघरों में जैसे
सितारों का जमावड़ा लग गया था। स्टार कास्ट
के लिहाज़ से, निर्देशक मनोज कुमार की खुद और ज़ीनत अमान, अमिताभ
बच्चन, शशि कपूर, मौशमी
चटर्जी, प्रेमनाथ, कामिनी
कौशल, धीरज कुमार, मदन
पुरी और अरुणा ईरानी अभिनीत महंगाई ड्रामा फिल्म रोटी कपड़ा और मकान सबसे बड़ी स्टार
कास्ट वाली फिल्म थी । रोटी कपड़ा और मकान के अलावा एक दूसरी रोटी फिल्म, निर्देशक
मनमोहन देसाई की राजेश खन्ना और मुमताज़ की हिट जोड़ी वाली फिल्म रोटी इसके सामने थी
। इस रोमांस फिल्म के सामने थी, मोहन सैगल
निर्देशित नवीन निश्चल और रेखा की जोड़ी वाली थ्रिलर फिल्म मैं वह नहीं और निर्देशक
नरेंद्र बेदी की अमिताभ बच्चन, मौशमी चटर्जी और मदन
पुरी के अभिनय से सजी मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म बेनाम। एक ही शुक्रवार चार बड़ी
फ़िल्में ! सोचना भी अविश्वसनीय सा लगता है । आज का समय होता तो बॉलीवुड थर्रा रहा
होता । एक ही दिन, चार बड़ी फिल्में ! क्या गुल खिलेगा बॉक्स ऑफिस पर इस टकराव से ।
ख़ास बात यह थी कि इन फिल्मों में कुछ स्टार कास्ट भी समान थी। रोटी कपड़ा और मकान
की मौशमी चटर्जी और अमिताभ बच्चन बेनाम के नायक नायिका थे। जॉनर सामान था । फिल्म रोटी कपड़ा और मकान में
लता मंगेशकर और मुकेश के साथ नरेंद्र चंचल की आवाज़ को सूट करने वाली शैली में
कवाली थी तो बेनाम में भी मैं बेनाम हो गया जैसा गीत था। उस दौर में मनोज कुमार
बॉलीवुड के भारत कुमार बने हुए थे । रोटी कपड़ा और मकान का विषय ज्वलंत था, स्टार
कास्ट हिट थी । उस दौर में अमिताभ बच्चन जंजीर से एंग्रीयंग मैन बन चुके थे ।
शशिकपूर भी खूब चल रहे थे । नवीन निश्चल और रेखा का भी जलवा था । राजेश खन्ना सुपर
स्टार की पोजीशन में विराजे हुए थे । ऐसे में यह सोचा जाना स्वाभाविक था कि
बॉलीवुड को बड़ा नुकसान होगा। लेकिन गज़ब
बीती ईद भी । चारों ही फिल्मे बॉक्स ऑफिस पर सफल हुई। अलबत्ता बड़े सितारों से सजी मनोज कुमार की
फिल्म रोटी कपड़ा और मकान ने बाज़ी मारी। यह फ़िल्म सबसे ज़्यादा हिट फिल्म साबित हुई।
उसके पीछे थी राजेश खन्ना की फिल्म रोटी और पीछा कर रहे थे अमिताभ बच्चन फिल्म
बेनाम से ।
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यादें
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 11 October 2016
शुरू हुई हसीना की शूटिंग
आज अपूर्व लाखिया की फिल्म हसीना का महूरत संपन्न होने के बाद फिल्म की शूटिंग भी शुरू हो गई। इस फिल्म की केंद्रीय भूमिका में श्रद्धा कपूर हैं। हसीना, कहानी है कुख्यात आतंकी और १९९२ के बॉम्बे बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहीम की बहन पर केन्द्रित फिल्म है। हसीना के शौहर इस्माइल पारकर की हत्या के बाद ही दाऊद इब्राहीम और अरुण गवली गैंग के बीच खूनी गैंगवॉर छिड़ गई थी। १९९२ बम ब्लास्ट के बाद दाऊद इब्राहीम के पाकिस्तान भाग जाने के बाद हसीना पारकर ने ही दाऊद के साम्राज्य का संचालन किया था। उसे मुंबई में गॉड मदर कहा जाता था। इसी शख्सियत पर है हसीना। पहले इस भूमिका के लिए सोनाक्षी सिन्हा को लिया जाना था। लेकिन, बाद में सोनाक्षी ने फिल्म करने से इनकार कर दिया। अब देखने वाली बात होगी कि तन्वंगी हसीना श्रद्धा कपूर एक गैंगस्टर महिला का सख्त किरदार किस प्रकार अंजाम दे पाती हैं?
रियल हसीना पारकर |
फिल्म हसीना में हसीना का किरदार करेगी श्रद्धा कपूर |
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शूटिंग/लोकेशन
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
तमिल, तेलुगु और कन्नड़ फिल्मों की निकेशा पटेल
यह है एक्ट्रेस निकेशा पटेल। यूनाइटेड किंगडम में बॉर्न गुजरती फॅमिली से है। २००६ में मिस वेल्स के फाइनल में पहुंची। पीटर वुलरिज स्कूल से एक्टिंग का डिप्लोमा लेने के बाद निकेशा ने बीबीसी के कैसुअलटी, ट्रेसी बीकर और डॉक्टर हु जैसी टीवी सीरीज में हिस्सा लिया। इसके बाद वह मुम्बई आ गई हिंदी फिल्मों में करियर बनाने के लिए। देव आनंद ने उन्हें अपनी फिल्म ब्यूटी क्वीन के लिए साइन भी किया। लेकिन फिल्म डिब्बा बंद हो गई। तेलुगु फिल्म पुली की वह लीड एक्ट्रेस थी। फिल्म फ्लॉप हुई। वह अब तक १२ तमिल, तेलुगु और कन्नड़ फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। उनकी यह फोटोज उनकी तेलुगु फिल्म कोटुकोक्कडु की म्यूजिक रिलीज़ की है। निकेशा पटेल की एक द्विभाषी तमिल-तेलुगु फिल्म का हाल ही में ऐलान हुआ है। इस फिल्म के डायरेक्टर मित्रन जवाहर हैं।
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साउथ सिनेमा
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Monday, 10 October 2016
पद्मावती के रावल बनेंगे शाहिद कपूर
संजयलीला भंसाली की २०१७ में रिलीज़ होने वाली फिल्म पद्मावती की कास्ट का अंतिम रूप से ऐलान कर दिया गया है। इस फिल्म में रानी पद्मावती का किरदार अभिनेत्री दीपिका पादुकोण करेंगी। पद्मावती को पाने के लिए युद्ध के लिए तैयार अलाउद्दीन सिद्दीकी का किरदार गोलियों की रासलीला -रामलीला और बाजीराव मस्तानी में उनके कोस्टार रणवीर सिंह करेंगे। पहले खबर थी कि रानी पद्मावती के पति राजा रावल रतन सिंह का किरदार विक्की कौशल करेंगे। लेकिन, दीपिका पादुकोण द्वारा एक छोटे अभिनेता को अपना पति चुने जाने से इनकार कर दिया। इस पर संजयलीला भंसाली ने तमाम खोजबीन के बाद शाहिद कपूर को रतन सिंह के किरदार के लिए चुना है। हालाँकि, इससे पहले पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान का नाम इस रोल के लिए उछला। शाहिद कपूर ने भी राजा रावल रतन सिंह के किरदार को हाँ तभी कि जब फिर स्क्रिप्ट लिख कर उनके किरदार को स्ट्रांग बनाया गया और उनकी फीस बढ़ाई गई। अब मुख्य कास्ट फाइनल हो जाने के बाद पद्मावती की शूटिंग जल्द शुरू हो जाएगी। इस फिल्म को भंसाली प्रोड्क्शन्स के साथ वायाकॉम १८ मूवीज द्वारा बनाया जा रहा है। भंसाली प्रोड्क्शन्स ने पद्मावती को रिलीज़ करने की फाइनल तारिख १५ दिसम्बर २०१७ भी तय कर दी है।
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आज जी
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Wednesday, 28 September 2016
आरई ६ और आरई ७ के बीच वेंडेटा
रेसिडेंट ईविल : वेंडेटा, रेसिडेंट ईविल सीरीज की फिल्मों की एक कड़ी नहीं है। जापान में बायोहैजर्ड वेंडेटा टाइटल से रिलीज़ की जाने वाली इस फिल्म को इसके बावजूद यह मूल फ्रैंचाइज़ी की आरई ६ और आरई ७ के बीच की कड़ी बताया जा रहां है। यह फिल्म सीजी फिल्म की तीसरी कड़ी है। इससे पहले दो सीजी फ़िल्में रेसिडेंट ईविल :डिजनरेशन (२००८) और रेसिडेंट ईविल : डैमनेशन (२०१२) बनाई जा चुकी हैं। रेसिडेंट ईविल : वेंडेटा एक सीजी ३डी हॉरर फिल्म है। इस फिल्म की कहानी उसी यूनिवर्स की है, जिसमे वीडियो गेम सेट किया गया था। इस फिल्म में क्रिस रेडफील्ड और रेबेका चैम्बर्स के चरित्र नज़र आएंगे। इनके अलावा, कहानी में क्लेयर रेडफील्ड और लीओन स्कोट कैनेडी के करैक्टर भी शामिल होंगे। रेजिडेंट ईविल : वेंडेटा की कहानी के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन, यह फिल्म रेजिडेंट ईविल के मशहूर स्पेंसर मेन्शन पर ही दिखाई जाएगी। इस फिल्म का निर्माण जापान के शिमिज़ू और कैपकॉर्न स्टूडियो द्वारा किया जा रहा है। फिल्म के निर्देशक तकनोरी त्सुजीमोटो हैं। रेसिडेंट ईविल: वेंडेटा के अगले साल वसंत में रिलीज़ किये जाने की योजना है।
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Hollywood
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एरोगेंट है डॉक्टर स्ट्रेंज -बेनेडिक्ट कम्बरबैच
मार्वेल के सबसे ज़्यादा पसंदीदा कॉमिक्स करैक्टरो में डॉक्टर स्ट्रेंज एक है। इस करैक्टर पर एक टेलीविज़न फिल्म १९७८ में प्रसारित हो चुकी है। इस करैक्टर को केंद्र में रख कर एक एनिमेटेड फिल्म डॉक्टर स्ट्रेंज: द सॉर्सेरेर सुप्रीम २००७ में रिलीज़ हुई थी। अब यह करैक्टर पूरी लम्बाई की लाइव-एक्शन फिल्म में नज़र आने वाला है। डॉक्टर स्ट्रेंज टाइटल के साथ रिलीज़ होने जा रही है इस फिल्म में डॉक्टर स्ट्रेंज की भूमिका द हॉबिट सीरीज की फिल्मों में स्मॉग की भूमिका करने वाले एक्टर बेनेडिक्ट कम्बरबैच कर रहे हैं। डॉक्टर स्ट्रेंज एक न्यूरोसर्जन है। वह एक कार दुर्घटना में घायल हो जाने के बाद उसका बतौर सर्जन करियर ख़त्म हो जाता है। अपने हाथों के उपचार के दौरान डॉक्टर महसूस करता है कि अब उसके हाथों में अनोखी जादुई शक्ति आ गई है। अब वह इस ताकत के ज़रिये दुनिया के लिए खतरा बन रही दुष्ट ताकतों से टकरा सकता है। बेनेडिक्ट फिल्म की स्क्रिप्ट सुन कर अवाक रह गया था। बेनेडिक्ट कम्बरबैच बताते हैं, "एक एक्टर अच्छी स्क्रिप्ट का लालची होता है। सोने पर सुहागा डायरेक्टर स्कोट डेरिकसॉन डेर्रिकसन और निर्माता केविन फीज थे। स्क्रिप्ट की ख़ास बात थी साठ और सत्तर के दशक के करैक्टर को समकालीन सन्दर्भों के उपयुक्त बनाना।" डॉक्टर स्ट्रेंज सफल सर्जन है, इसलिए काफी कुछ अक्खड़ भी है। "लेकिन", कहते हैं कम्बरबैच, "यह अक्खड़ है, लेकिन हास्यपूर्ण भी है।" डॉक्टर स्ट्रेंज में चिवेटेल चूइटेल एजिओफॉर ने कार्ल मोर्डो, रेचल मैकएडम्स ने क्रिस्टीन पामर, मैड्स मिकेल्सन ने कैसिलियस और टिल्डा स्विन्टन ने अन्सिएंट वन का किरदार किया है। यह फिल्म ४ नवम्बर को रिलीज़ होगी।"
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जुरैसिक पार्क के जेफ़ और सैम थॉर रैग्नारोक में
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होती रहेगी २०२० के बाद भी 'स्टार वार्स'
लुकास फिल्म्स के लिए आगामी कुछ साल स्टार वार्स फिल्मों की व्यस्तता के रहेंगे। दिसम्बर में रोग वन अ स्टार वार्स स्टोरी रिलीज़ होनी है। इस सीरीज के एपिसोड ८ और एपिसोड ९ की रिलीज़ की तारीखें २०१७ और २०१९ के कैलेंडर में तय कर दी गई है। स्टार वार्स एपिसोड ८ अगले साल १५ सितम्बर को तथा २०१९ में २४ मई को स्टार वार्स एपिसोड ९ रिलीज़ होगी। इन दोनों के बीच इस स्टूडियो की स्टार वार्स के एक करैक्टर हान सोलो पर फिल्म रिलीज़ होगी। चालू दशक में स्टार वार्स स्टोरी की ट्राइलॉजी का खत्म हो जायेगा। लेकिन, स्टार वार्स फ्रैंचाइज़ी पर दूसरी फिल्मों का निर्माण नए दशक में भी जारी रहेगा। इस बात का खुलासा डिज्नी के सीईओ ने इन्वेस्टर्स कांफ्रेंस में किया। स्टूडियो ने २०२० तक की स्टार वार्स फिल्मों और उसके बाद की फिल्मों को रिव्यु करने के बाद यह तय पाया गया कि स्टार वार्स की तीसरी श्रंखला जारी रखी जाए। स्टार वार्स ट्राइलॉजी में यह तीसरी श्रंखला आकाश गंगा के इनाम के लिए मिशन पर जाने वाले गिरोह बोबा फेट का स्पिन ऑफ होगी। डिज्नी के सीईओ बॉब ईगर रोग वन की सफलता को लेकर मुतमईन हैं। लेकिन, यह फिल्म द फाॅर्स अवकेंस के मुकाबले कितनी सफल होगी, इसके बारे में कुछ कहना नहीं चाहते। वैसे, जहाँ तक पिछले दस सालों में स्टार वार्स फिल्मों को लेकर जो माहौल बना था, उसके लिहाज़ से द फाॅर्स अवकेंस लुकास फिल्म्स का बड़ा इम्तिहान थी। क्योंकि, स्टार वार्स फ़िल्में इसके दर्शकों में अजीब सा उत्साह पैदा कर देती हैं। बहरहाल, रोग वन इस फिल्म के डायरेक्टर गैरेथ एडवार्ड्स का बड़ा इम्तिहान होगा। हालाँकि, २००५ में एन्ड डे फिल्म से डायरेक्शन में उतरने वाले गैरेथ के खाते में मॉन्स्टर्स और गॉडजिला जैसी हिट फ़िल्में दर्ज हैं। लेकिन, उन्हें अपनी फिल्मों के बजाय द फाॅर्स अवकेंस की सफलता से मुकाबला करना हैं, जिसे जे जे अब्राम्स ने निर्देशित किया था।
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Saturday, 24 September 2016
क्या लुभा पायेगा नौ सौ साल पहले का रोमांस ?
राकेश ओमप्रकाश
मेहरा की फिल्म मिर्जया प्राचीन पंजाब की दुखद चार प्रेम
कथाओं में मिर्ज़ा और साहिबां के प्रेम की कहानी भी एक है। बाकी तीन दुखद प्रेम
कहानियों में सोहनी-महिवाल, हीर-रांझा और सस्सी-पुन्नू हैं। मिर्ज़ा खान खरल जनजाति के नेता वांझल खान का
बेटा था। वह खेवा के मुखिया मदनी की बेटी थी। दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने इस प्रेम
कहानी को समकालीन बनाने के लिए पुनर्जन्म पर बनाया है। इस फिल्म से अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्द्धन कपूर का डेब्यू हो रहा है। यह नायिका सैयमी खेर की भी डेब्यू फिल्म है। क्या पाकिस्तान सिंध और बलूचिस्तान में आज भी लोकप्रिय यह
दुखांत प्रेम कथा हर्षवर्द्धन और सैयमी का सुखद करियर बना पाएगी ? इसका जवाब तो फिल्म के रिलीज़ होने के बाद ही पता
चलेगा। लेकिन, इस लेख का उद्देश्य मिर्जया के बहाने उन प्रेम कथाओं और उन
पर बनी फिल्मों के बारे में जानना है, जो कभी अविभाजित हिंदुस्तान में फैली संस्कृति का हिस्सा थी।
मिर्ज़ा और साहिबां
मिर्ज़ा और साहिबां
मिर्ज़ा और साहिबां
की मोहब्बत की दुखद दास्ताँ पर कई लोक गीतों की रचना की गई और फ़िल्में बनाई गई ।
इस लिहाज़ से नूरजहाँ का गाया ‘मिर्ज़ा’ लोक गीत उल्लेखनीय
है। इस गीत को नूरजहाँ ने पंजाबी भाषा में बनी पाकिस्तानी फिल्म मिर्ज़ा जट के लिए
गाया था। दिलचस्प तथ्य यह है कि मिर्ज़ा और साहिबान के रोमांस पर हिंदी में इक्का
दुक्का फ़िल्में ही बनी। यों कहा जा सकता
है कि दोनों ही देशों में पंजाबी भाषा में ही इस रोमांस को परदे पर उतारा गया। १९९२ में रिलीज़ रविंदर रवि की फिल्म
मिर्ज़ा जट और बलजीत सिंह देव की जिप्पी ग्रेवाल और मैंडी टखर की केंद्रीय भूमिका
वाली फिल्म मिर्ज़ा द अनटोल्ड स्टोरी ऎसी ही फ़िल्में है। बलजीत सिंह ने मिर्ज़ा और साहिबां की मोहब्बत को
आधुनिक सन्दर्भ में कॉमेडी और एक्शन से भरपूर एक अपराध कथा बना दिया। अब देखने वाली बात होगी कि राकेश ओमप्रकाश
मेहरा इस कथानक को किस अंदाज़ में पेश करते हैं।
सस्सी और पुन्नू
अविभाजित भारत में
लोकप्रिय कहानियों पर फिल्मों के मामले में सस्सी-पुन्नू का की कथा को भी बॉलीवुड
ने काफी नकारा है। भंबौर के राजा आदमख़ाँ
की बेटी सस्सी को नज़ूमी शाही खानदान के लिए श्राप बताते हैं। नतीजतन उसे लकड़ी की डलिया में रख कर चेनाब में
बहा दिया जाता है। सस्सी एक धोबी द्वारा पाली जाती है। इस पाकिस्तानी लोक कथा पर
हिंदुस्तान में ज़्यादा फ़िल्में पंजाबी भाषा में फ़िल्में बनाई गई। जगतराम पेशुमल अडवाणी ने
१९४६ में और १९६५ में शांति प्रकाश बख्शी ने सस्सी पुन्नू फिल्मों का निर्माण
किया। अडवाणी की फिल्म हिंदी पंजाबी में थी। एक अन्य फिल्म, पंजाबी भाषा में निर्देशक सतीश भाखरी ने किया था। इस फिल्म में सतीश कौल ने
पुन्नू और भावना भट्ट ने सस्सी की मुख्य भूमिका की थी। फिल्म में रवि का संगीत था।
पाकिस्तान में विभाजन के बाद इंडस्ट्री को जिलाने का काम किया इसी रोमांस कथा पर
फिल्म ने। १९४० में बनी फिल्म सस्सी इसी स्टार कास्ट के साथ १९५४ में फिर बनाई गई।
इसे जीए चिस्ती ने बनाया था। इसके बाद चिस्ती ने सबीहा और सुधीर को सस्सी और
पुन्नू बनाते हुए फिर सस्सी पुन्नू फिल्म
का निर्माण किया।
सोहनी और महिवाल
पंजाब के एक कुम्हार
की बेटी सोहनी और चरवाहे महिवाल के दुखद प्रेम प्रसंग को काफी बॉलीवुड फिल्मों में
अपनाया गया। १९२८ में दो फ़िल्में निर्देशक के पी भावे और आनंद प्रसाद कपूर ने
फिल्म सोहनी महिवाल ने बनाई। यह दोनों मूक फ़िल्में थी। १९३३ में हर्षदराय साकरलाल
मेहता की फिल्म सोहनी महिवाल में भीम और गौहर की केंद्रीय भूमिका थी। रोशन लाल
शोरे ने भी १९३९ में सोहनी महिवाल फिल्म का निर्माण किया। डायरेक्टर इश्वरलाल और
रविन्द्र जयकार की १९४६ में रिलीज़ फिल्म सोहनी महिवाल में बेगम पारा, राजा नवाथे की १९५८ में रिलीज़ फिल्म में भारत
भूषण और निम्मी ने तथा १९८४ में रिलीज़ उमेश मेहरा की फिल्म सोहनी महिवाल में सनी
देओल और पूना ढिल्लों ने महिवाल और सोहनी का किरदार किया था।
हीर और रांझा
बांसुरी बजाने में
माहिर पंजाबी जाट रांझा पड़ोस के गाँव की हीर पर मर मिटता है। इस दुखांत कथानक पर
भी फ़िल्में बनाई गई। दिलचस्प तथ्य यह था
कि यह ज़्यादातर फ़िल्में खूब सफल भी हुई। हीर और रांझा की प्रेम कथा पर मूक युग में ही
फिल्मों का निर्माण शुरू हो गया। सबसे
पहले १९२८ में फातमा बेगम ने जुबैदा को लेकर मूक फिल्म हीर राँझा का निर्माण
किया। इसके बाद १९२९ में आर एस चौधरी और
पेसी करानी की फिल्म हीर राँझा में दिनशा बिलमोरिया, रूबी मायेर्स, फारुखी और इस्माइल ने हीर रांझा की प्रेमकथा को पेश किया था। १९३१ में जगत राय
पेसुमल अडवाणी की फिल्म हीर रांझा में मास्टर फकीरा और शांति कुमारी के साथ हीर
रांझा का निर्माण किया। १९४८ में मुमताज़ शांति, गुलाम मोहमद को लेकर हीर रांझा बनी। ए आर करदार की पंजाबी
फिल्म हीर रांझा में रफ़ीक गजनवी और अनवरी बेगम ने रांझा और हीर के किरदार किये
थे। क्षितिज चौधरी और हरजीत सिंह की फिल्म
हीर राँझा: अ ट्रू लव स्टोरी में गायक
हरभजन मान ने रांझा और नीरू बजवा ने हीर का किरदार किया था। इससे पहले हरमेश
मल्होत्रा की फिल्म हीर राँझा (१९९२) में यह किरदार श्रीदेवी और अनिल कपूर ने किये
थे। प्रोडूसर डायरेक्टर पी ड़ी मेहरा की फिल्म इश्क खुदा है की कहानी भी हीर रांझा
पर ही थी। हीर रांझा की मोहब्बत की दास्ताँ को क्लासिक फिल्म का रूप दिया चेतन
आनंद ने। फिल्म थी हीर रांझा। फिल्म के रांझा राजकुमार थे तथा उनकी हीर प्रिय
राजवंश थी। पद्य शैली में इस फिल्म को
असफलता मिली।
अरब से आये लैला और मजनू
मोहब्बत की प्राचीन दुखांत कथाओं में अरब देश से आकर हिंदुस्तान में बेहद लोकप्रिय क़ैस और लैला मोहब्बत की दास्तान पर बनी हिंदी फिल्मों का ज़िक्र लाजिमी है। लैला के साथ मोहब्बत में पड़ कर क़ैस शायरी करने लगा। उसके शायरी और लैला के प्रति जूनून को देख कर लोगों ने उसे मजनूँ यानि पागल का खिताब दे दिया। मजनूं ने जब लैला के पिता से उसका हाथ माँगा तो पिता ने साफ़ मना कर दिया और लैला की शादी एक रईस व्यापारी के साथ कर दी। अब यह बात दीगर है कि लैला को यह शादी रास नहीं आई और वह बीमार हो कर मर गई । लैला के गम में दीवाना मजनू भी पहाड़ों पर शायरी गढ़ता हुआ मर जाता है। बॉलीवुड ने लैला मजनू की दास्ताँ पर ढेरों फ़िल्में बनाई हैं। १९२२ में लैला मजनू पर पहली मूक फिल्म रिलीज़ हुई। कांजीभाई राठौड़ की १९३१ में बनाई गई लैला मजनू में ग़ज़नवी और जहाँआरा कज्जन ने मजनू और लैला की दास्ताँ पहली बार परदे पर सवाक पेश की। दो साल बाद बी एस राजहंस ने एम् सूकी और फातिमा जैस्मिन को लेकर लैला मजनू बनाई। १९४५ में नज़ीर ने खुद मजनू और स्वर्णलता को अपनी लैला बना कर लैला मजनू का निर्माण किया। यहाँ एक दिलचस्प तथ्य यह कि याहू अभिनेता शम्मी कपूर के करियर की शुरुआत की तीसरी फिल्म लैला मजनू थी। इस फिल्म में मजनू बने शम्मी कपूर की लैला नूतन थी। वहीँ उनके बड़े भाई राजकपूर के बेटे ऋषि कपूर की एक बड़ी हिट फिल्मों में एच एस रवैल की फिल्म लैला मजनू का नाम शामिल है। १९७९ में रिलीज़ इस फिल्म में लैला की भूमिका रंजीता ने की थी। लैला मजनू की कहानी पर दक्षिण में भी फ़िल्में बनाई गई। इनमे १९४९ में रिलीज़ पी एस रामकृष्ण राव की फिल्म उल्लेखनीय है। इस फिल्म में ए नागेश्वर राव ने क़ैस और भानुमति रामकृष्ण ने लैला की भूमिका की थी। पी. भास्करन की १९६२ में रिलीज़ मलयालम फिल्म लैला मजनू में प्रेम नज़ीर ने मजनू और एल विजयलक्ष्मी ने लैला का किरदार किया था।
अरब से आये लैला और मजनू
मोहब्बत की प्राचीन दुखांत कथाओं में अरब देश से आकर हिंदुस्तान में बेहद लोकप्रिय क़ैस और लैला मोहब्बत की दास्तान पर बनी हिंदी फिल्मों का ज़िक्र लाजिमी है। लैला के साथ मोहब्बत में पड़ कर क़ैस शायरी करने लगा। उसके शायरी और लैला के प्रति जूनून को देख कर लोगों ने उसे मजनूँ यानि पागल का खिताब दे दिया। मजनूं ने जब लैला के पिता से उसका हाथ माँगा तो पिता ने साफ़ मना कर दिया और लैला की शादी एक रईस व्यापारी के साथ कर दी। अब यह बात दीगर है कि लैला को यह शादी रास नहीं आई और वह बीमार हो कर मर गई । लैला के गम में दीवाना मजनू भी पहाड़ों पर शायरी गढ़ता हुआ मर जाता है। बॉलीवुड ने लैला मजनू की दास्ताँ पर ढेरों फ़िल्में बनाई हैं। १९२२ में लैला मजनू पर पहली मूक फिल्म रिलीज़ हुई। कांजीभाई राठौड़ की १९३१ में बनाई गई लैला मजनू में ग़ज़नवी और जहाँआरा कज्जन ने मजनू और लैला की दास्ताँ पहली बार परदे पर सवाक पेश की। दो साल बाद बी एस राजहंस ने एम् सूकी और फातिमा जैस्मिन को लेकर लैला मजनू बनाई। १९४५ में नज़ीर ने खुद मजनू और स्वर्णलता को अपनी लैला बना कर लैला मजनू का निर्माण किया। यहाँ एक दिलचस्प तथ्य यह कि याहू अभिनेता शम्मी कपूर के करियर की शुरुआत की तीसरी फिल्म लैला मजनू थी। इस फिल्म में मजनू बने शम्मी कपूर की लैला नूतन थी। वहीँ उनके बड़े भाई राजकपूर के बेटे ऋषि कपूर की एक बड़ी हिट फिल्मों में एच एस रवैल की फिल्म लैला मजनू का नाम शामिल है। १९७९ में रिलीज़ इस फिल्म में लैला की भूमिका रंजीता ने की थी। लैला मजनू की कहानी पर दक्षिण में भी फ़िल्में बनाई गई। इनमे १९४९ में रिलीज़ पी एस रामकृष्ण राव की फिल्म उल्लेखनीय है। इस फिल्म में ए नागेश्वर राव ने क़ैस और भानुमति रामकृष्ण ने लैला की भूमिका की थी। पी. भास्करन की १९६२ में रिलीज़ मलयालम फिल्म लैला मजनू में प्रेम नज़ीर ने मजनू और एल विजयलक्ष्मी ने लैला का किरदार किया था।
शीरीं और फरहाद
ईरान से आई, ससानियां के राजा फरहाद और आर्मेनिया की राजकुमारी शीरीं की मोहब्बत की दास्तान पर भी बॉलीवुड ने फ़िल्में बनाई । होमी मास्टर ने १९२२ में मूक फिल्म शीरीं फरहाद बनाई। जे जे मदन ने १९३१ में निसार, शरीफा, जहाँआरा कज्जन और मोहम्मद हुसैन को लेकर शीरीं फरहाद का निर्माण किया। १९४५ में जयंत, गुलाम मोहम्मद रागिनी और ज़हूर शाह के साथ, अस्पी ईरानी ने मधुबाला को शीरीं और प्रदीप कुमार को फरहाद बना कर, ईरानी लोक कथा को अमर कर दिया।
राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने मिर्ज़ा और साहिबां की मोहब्बत की दास्तान को समकालीन रंग दिया है। देखने वाली बात यह होगी कि वह इस फिल्म को रोमांटिक अंदाज़ के साथ पेश करते हैं या एक्शन फिल्म बना कर। फिल्म के ट्रेलर तो ऐसा आभास देते हैं कि यह एक्शन से भरी फिल्म है। समकालीन कथानक होने के कारण इसमे गोला-बारूद भी दगेगा। क्या १२वी सदी में लिखी गई यह कहानी इक्कीसवी सदी के दर्शकों को लुभाएगी ?
राजेंद्र कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बनेगा मैड मैक्स : फ्यूरी रोड का प्रेकुएल
जॉर्ज मिलर की १९७९ में शुरू मैड मैक्स फ्रैंचाइज़ी की तीसरी फिल्म मैड मैक्स : फ्यूरी रोड ने २०१६ के ऑस्कर पुरस्कारों में ६ अकादमी अवार्ड्स जीते थे। उस दौरान डायरेक्टर जॉर्ज मिलर ने कहा था कि उनके पास मैड मैक्स फ्रैंचाइज़ी के लिए दो फ़िल्में बनाने का मटेरियल है। हालाँकि, मैड मैक्स फ्यूरी रोड के प्रमोशन के दौरान उन्होंने एक छोटी फिल्म बनाने का इरादा बताया था। परंतु, एक अखबार ने अब सूत्रों के हवाले से यह बताया है कि मैड मैक्स सीरीज में अब प्रेकुएल फिल्म बनाई जाएगी। इस फिल्म का टाइटल मैड मैक्स : द वेस्टलैंड होगा। मिलर ही फिल्म के डायरेक्टर होंगे। इस फिल्म की शूटिंग इस साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया के ब्रोकन हिल फिल्म स्टूडियो में शुरू हो जाएगी। यहाँ बताते चले कि फ्यूरी रोड की शूटिंग भी इसी स्टुडिओं में होनी थी। लेकिन, ऑस्ट्रेलिया के १५ सालों के इतिहास में पहली बार वहां के रेगिस्तानी इलाकों में मूसलाधार बारिश हो गई। बहरहाल, फ्रैंचाइज़ी के प्रशंसकों में उत्सुकता इस बात को लेकर है कि द वेस्टलैंड की कहानी क्या होगी ? अखबार की बात माने तो फिल्म में चार्लीज़ थेरोन के बुरे करैक्टर फ्यूरिओसा पर केंद्रित कथा होगी। फिल्म के लिए टॉम हार्डी पहले से ही बुक हैं। मैड मैक्स को लगता है कि जीवित रहने के लिए अकेले घूमना ठीक होगा। लेकिन, वह फंस जाता है इम्परेटर फ़्यूरिओसा के डर से भाग रहे समूहों के बीच। इस फिल्म में इम्मोरटन जोए भी होगा, वारलॉर्ड मार्शल भी होने और दहला देने वाली निर्मम रोड वॉर भी।
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Charlies Theron,
Hollywood,
Tom Hardy
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