Tuesday, 26 December 2017

क्रिअर्ज की फिल्म 'आनंदवा' में जैकी भगनानी

क्रिअर्ज एंटरटेनमेंट ने अभिनेता जैकी भगनानी को अपनी नई फिल्म 'आनंदवा' के लिए साइन किया है। यह एक हास्य व्यंग्य से भरपूर फिल्म है। आनंदवा एक ऐसे आदमी की कहानी है, जो अपनी जिन्दगी में आए एक बडे बदलाव का निराशा के बजाए हंसते हंसते सामना करने की कोशिश करता है। निर्माता प्रेरणा अरोड़ा कहते हैं,"जैकी हमारी पहली पसंद थे, क्योंकि हमने महसूस किया कि वे आनंदवा की भूमिका के साथ न्याय कर पाएंगे। सही कॉमिक टाइमिंग के लिए संवेदनशीलता की बहुत जरूरत होती है और जैकी इस काम में माहिर है। पहले दिन से मेरा उन पर भरोसा रहा है। जैकी काफी मेहनती भी है। हम इस प्रोजेक्ट को ले कर बहुत उत्साहित हैं। यह फिल्म 2018 की शुरूआत में फ्लोर पर जाएगी।" जैकी भगनानी के बिल्डर से सिनेमा बिल्डर बने पिता वासु भगनानी ने कभी दर्जनों मनोरंजन से भरपूर कॉमेडी फिल्मों के निर्माता के बतौर अपना डंका बजवाया है।  उन्होंने अमिताभ बच्चन, गोविंदा, अनिल कपूर, सलमान खान और सैफ अली खान के साथ फ़िल्में बनाने के अलावा अभिषेक बच्चन, तुषार कपूर, आदि के साथ भी हिट फ़िल्में बनाई हैं।  उनकी बतौर निर्माता फिल्मों में काम कर कोई भी अभिनेता चमक उठता था।  उन्होंने अपने बेटे जैकी भगनानी को हीरो बनाने के लिए फिल्म फालतू बनाई।  फालतू के निर्देशक आज के रेमो डिसूज़ा। थे। इस फिल्म से डेब्यू करने वाले रेमो आज सलमान खान को रेस ३ में डायरेक्ट कर रहे हैं।  लेकिन, जैकी भगनानी को दक्षिण की डरावनी थ्रिलर फिल्म मोहिनी में तृषा के सपोर्टिंग किरदार कर रहे हैं। पटकथा लेखक और निर्देशक अबिर सेनगुप्ता ने यह फिल्म कल्ट क्लासिक आनंद को श्रद्धांजलि के रूप में लिखी है।  अबिर कहते हैं, "लेकिन ये किसी भी रूप में इस फिल्म का रीमेक नहीं है। यह एक आम आदमी आनंदवा की कहानी है, जो जीवन बदल देने वाली एक स्थिति का सामना करते हुए, अपनी जीवन को संभालना सीखता है।" क्या आनंदवा से जैकी भगनानी के करियर में आनंद की वापसी होगी ? इस फिल्म की तकरीबन पूरी शूटिंग अगले साल फरवरी से मुंबई में की जाएगी। 

सेक्सी नहीं थ्रिलर है हेट स्टोरी ४

टेलीविज़न के चॉकलेटी चेहरा एक्टर करण वाही को दर्शक मेरे घर आई एक नन्ही परी, दिल मिल गए, बात हमारी पक्की, आदि टीवी सीरियलों के अलावा दर्जनों डांस और एडवेंचर रियलिटी शो से अच्छी तरह से पहचानते हैं। करण का  बॉलीवुड फिल्म डेब्यू आदित्य रॉय  कपूर और परिणीति चोपड़ा की मुख्य भूमिका वाली फिल्म दावत-ए-इश्क़ (२०१४) से हुआ था। फिल्म बुरी तरह पिटी।  अब करण वाही की दूसरी फिल्म हेट स्टोरी ४ आ रही है। इस फिल्म में वह एक बड़े उद्यमी के प्रतिभाशाली और भावप्रवण बेटे की भूमिका कर रहे हैं।  मशहूर हेट स्टोरी सीरीज की इस चौथी फिल्म को इरोटिका फिल्म बताया जा रहा है।  लेकिन, करण वाही कहते हैं कि यह मूल रूप में सेक्सी नहीं, थ्रिलर फिल्म है।  हालाँकि, करण वाही यह तो कह रहे हैं कि हेट स्टोरी ४ अपनी मूल फिल्मों की तरह इरोटिका फिल्म नहीं है।  लेकिन, टेलीविज़न के अभिनेताओं की त्रासदी है कि वह बॉलीवुड फिल्मों की नायिका के साथ उत्तेजक शयन कक्ष दृश्य करते ही नज़र आते हैं।  क्या दूसरे टेलीविज़न सितारों की तरह करण वाही भी विशाल पंड्या की इस फिल्म में उर्वशी रौतेला के साथ सिर्फ हॉट रोमांस करते नज़र आएंगे ? टेलीविज़न सीरियलों के अभिनेताओं की त्रासदी रही है कि वह हिंदी फिल्मों के नायक तो बन पाते हैं, लेकिन इन फिल्मों में वह अपनी नायिका से हॉट रोमांस ही कर पाते हैं। उनका अस्तित्व नायिका के इशारों का मोहताज़ होता है। टीवी एक्टर गुरमीत चौधरी, जय भानुशाली, करण वाही, अभिनव शुक्ल और करण सिंह ग्रोवर  उदाहरण हैं। कसौटी  ज़िन्दगी की, दिल मिल गए, क़ुबूल है, आदि मशहूर सीरियलों के अभिनेता करण सिंह ग्रोवर ने भ्रम और आई एम् २४ जैसी फ़िल्में की।  लेकिन, इन फिल्मो में उनकी भूमिका बहुत छोटी और नायक/ नायकों की सहयोगी की थी।  उन्हें नायक की भूमिका मिली बिपाशा बासु के साथ हॉरर फिल्म अलोन में।  इस फिल्म में वह बिपाशा बासु के साथ कामुक दृश्य करते नज़र आये।  दूसरी फिल्म हेट स्टोरी ३ में भी उनकी नायिकाओं ज़रीन खान और डेज़ी शाह के साथ वही कहानी थी।  इमेजिन टीवी के शो रामायण के राम गुरमीत चौधरी ने खामोशियाँ और वजह तुम हो में सपना पब्बी और सना खान के साथ उत्तेजक सेक्स दृश्य करके, अपनी राम वाली इज़्ज़त मिटटी में मिला दी।  जय भानुशाली फिल्म हेट स्टोरी २ में सुरवीन चावला और एक पहेली लीला में सेक्सी अवतार में नज़र आये।  टीवी स्टार अभिनव शुक्ल फिल्म अक्सर २ की नायिका ज़रीन खान का बिस्तर गर्म कर रहे थे।  इसमें उनका साथ सरस्वतीचंद्र सीरियल के गौतम रोडे दे रहे थे। कुछ समय पहले ऋत्विक धनजानी के पांच इरोटिक कहानियों वाली फिल्म एक्सएक्सएक्स में नज़र आने को तैयार थे।  लेकिन, अब इस फिल्म में कोई ख़ास प्रोग्रेस हुई नहीं लगती है। वैसे जल्द ही एक दूसरे टीवी एक्टर करण वाही फिल्म हेट स्टोरी ४ में दो नायिकाओं पंजाबी एक्ट्रेस ईहाना ढिल्लों और उर्वशी रौतेला के साथ गर्मागर्म दृश्य देते नज़र आएंगे।  

ऑस्कर पाने से चूक जाती हैं नायिका प्रधान फ़िल्में

२०१७ में पूरी दुनिया और रूपहले परदे पर महिला शक्तिकरण का मसाला छाया रहा। इस साल, हॉलीवुड में कई ऎसी फ़िल्में प्रदर्शित हुई, जो कि मुख्य रूप से महिला या महिलाओं पर केंद्रित कथानक वाली फ़िल्में थी। इन फिल्मों में महिलाओं की पुरुषों से बराबरी का चित्रण नहीं हुआ था, बल्कि यह सिर्फ और सिर्फ महिलाओं की बाते करती थी । इन फिल्मों में लेडी बर्ड, वंडर वुमन, मौलीज गेम, गर्ल्स ट्रिप, द शेप ऑफ़ वाटर, द फ्लोरिडा प्रोजेक्ट, मदर !, फर्स्ट दे किल्ड माय फादर, वंडर व्हील, द बेगुइलेद और आई तोंया प्रमुख थी । यह तमाम फ़िल्में ऑस्कर की बेस्ट पिक्चर की श्रेणी में भी शामिल हैं । क्या इनमे से कोई फिल्म बेस्ट पिक्चर का ऑस्कर जीतेगी ? ऑस्कर का इतिहास देखें तो पता चलता है कि ऑस्कर पुरस्कारों में बेस्ट पिक्चर  की श्रेणी में महिला प्रधान फिल्मों को नॉमिनेशन तो मिला । मगर यह फ़िल्में बेस्ट पिक्चर बन पाने में असफल रही । आम तौर पर, हर साल एक या दो नारी प्रधान फ़िल्में ऑस्कर में नामित होती रहती हैं । इस सदी की नामित फिल्मों में देखा जाये तो अर्रिवल, हिडन फिगर्स, ब्रुकलिन रूम, जीरो डार्क थर्टी, द हेल्प, ब्लैक स्वान, विंटर्स बोन, द ब्लाइंड साइड, प्रेशियस, द क्वीन, जूनो, द ऑवर्स, मुलान रूज़, और एरिन ब्रोक्कोविच जैसी नारी प्रधान फिल्मों के नाम नज़र आते हैं । लेकिन, कौन सी महिला प्रधान फिल्म ने कब ऑस्कर की बेस्ट पिक्चर की श्रेणी का पुरस्कार जीता ? ऎसी नारी प्रधान फिल्म थी शेक्सपियर इन लव, जिसने १९ साल पहले ऑस्कर में बेस्ट पिक्चर का पुरस्कार जीता । इस फिल्म से पहले ऑस्कर का पुरस्कार जीतने वाली फिल्म थी आउट ऑफ़ अफ्रीका, जिसने ३२ साल पहले ऑस्कर जीता । इसके दो साल पहले फिल्म टर्म्स ऑफ़ एन्देअर्मेन्त ने बेस्ट पिक्चर का ऑस्कर जीता था । २००४ में बेस्ट पिक्चर का ऑस्कर पाने वाली फिल्म मिलियन डॉलर बेबी और १९८९ की फिल्म ड्राइविंग मिस डेज़ी का उदाहरण देने वालों को याद रखना होगा कि इन फिल्मों में नारी को पुरुष के बराबर बताया गया था । चलिए, इस साल ऑस्कर में बेस्ट पिक्चर की श्रेणी में पुरस्कार जीत सकने वाली संभावित फिल्मों पर नज़र डालें तो २०१७ में रिलीज़ फ़िल्मों में, जिनका शुरुआत में उल्लेख किया गया है, कितनी फ़िल्में ऑस्कर की आखिरी दौड़ में शामिल हो पाती हैं ? ज्यादा फ़िल्में तो २३ जनवरी को नॉमिनेशन के लिए फिल्मों के नाम से ही गायब हो जायेंगी । ऐसे में, इनमे से किसी फिल्म के ऑस्कर की बेस्ट पिक्चर की ऑस्कर प्रतिमा ले जाने का सवाल ही कहाँ उठता है ! 

Monday, 25 December 2017

उत्कर्ष के जीनियस पोस्टर के साथ अनिल शर्मा ने कहा - मेरी क्रिसमस

अनिल शर्मा ने, क्रिसमस की शुभकामनाये देने के लिए अपनी नई फिल्म जीनियस का पोस्टर ट्वीट किया।  इस पोस्टर में अंग्रेजी के GENIUS शब्द पर उत्कर्ष बैठे हुए नज़र आ रहे हैं।  उत्कर्ष अनिल शर्मा के बेटे हैं।  उत्कर्ष ने अनिल शर्मा की २००१ में रिलीज़ आल टाइम  ब्लॉकबस्टर फिल्म ग़दर एक प्रेम कथा में सनी देओल और  अमीषा पटेल के  रील लाइफ बेटे का रोल किया था।  अब उत्कर्ष जवान हो चुके हैं।  इसलिए, तमाम फिल्म अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं की तरह अनिल शर्मा भी अपने बेटे को नायक बनाना चाहते हैं।  जीनियस इसी सोच का परिणाम है।  अनिल शर्मा खुद, जीनियस के ज़रिये पांच साल बाद अपनी  वापसी करेंगे।  सलमान खान के साथ फिल्म वीर (२०१०) की  असफलता के बाद अनिल शर्मा का सितारा अस्त होता चला गया था।  उनकी वीर के तीन साल बाद रिलीज़ फिल्म सिंह साहब द ग्रेट, सनी  देओल के फिल्म  का नायक होने के बावज़ूद बॉक्स ऑफिस पर ख़ास गुल नहीं खिला पाई थी।  अनिल शर्मा की वापसी और उत्कर्ष की डेब्यू फिल्म जीनियस एक रोमांस फिल्म हैं।  इस फिल्म में इशिता चौहान उनकी नायिका हैं। इशिता की भी यह पहली फिल्म है।  फिल्म से आयेशा जुल्का की वापसी हो रही  है।  मिथुन चक्रवर्ती और  नवाज़ुद्दीन सिद्दिकी की चरित्र भूमिकाएं काफी प्रभावशाली होंगी।  २०१८ में, कई फिल्म सितारों के बच्चों का फिल्म डेब्यू होने जा रहा है।  इस साल डेब्यू करने वालों में  अनिल शर्मा के पसंदीदा एक्टर सनी देओल के बेटे करण का भी फिल्म डेब्यू हो  रहा है।  ख़ास बात यह है कि उत्कर्ष की तरह करण की डेब्यू फिल्म भी रोमांस है।  बेशक इस फिल्म में एक्शन का ज़ोरदार तड़का  भी है।  क्या ऐसा संभव है कि २००१ की ब्लॉकबस्टर फिल्म के निर्देशक और फिल्म के नायक, दोनों के ही बेटों का फिल्म  डेब्यू सफल होगा ?  फिलहाल तो इंतज़ार कीजिये २०१८ का।  

परदे पर गायेंगी काजोल और ऐश्वर्य राय भी, पर कहानी अलग अलग

काजोल, शाहरुख़ खान के साथ फिल्म  दिलवाले (२०१५) के बाद, अब अपनी पति अजय देवगन  के साथ प्रदीप सरकार के निर्देशन में फिल्म इला (फिलहाल टाइटल)  कर रही हैं।  वह अजय देवगन के साथ पूरे सात साल बाद कोई फिल्म कर रही है।  यह दोनों पिछली बार फिल्म टूनपुर का सुपरहीरो में दिखाई दिए थे।  ऐश्वर्या राय बच्चन ने गुज़ारिश (२०१०)  के बाद २०१५ में फिल्म जज़्बा से वापसी की थी।  फिल्म में उनका किरदार एक महिला वकील का था, जो अपनी बेटी को  बचाने के लिए अपराधियों के चंगुल में फंस जाती है।  २०१६ में ऐश्वर्या राय बच्चन की दो  फ़िल्में रियल लाइफ स्टोरी सरबजीत और ऐ दिल है मुश्किल में रिलीज़ हुई थी ।  पिछले साल (२०१७ में) उनकी कोई फिल्म रिलीज़ नहीं हुई।  अब वह, अतुल मांजरेकर की फिल्म फन्ने खान में, अनिल कपूर  के साथ फिल्म हमारा दिल आपके पास है के १७ साल बाद फिल्म कर रही हैं।  काजोल की फिल्म इला और ऐश्वर्या की फिल्म फन्ने खान की खासियत यह है कि यह दोनों अभिनेत्रियां अपनी फिल्मों में गायिका की भूमिका कर रही हैं।  फन्ने खान में ऐश्वर्या राय की गायिका,  एक स्थापित पॉप गायिका है, जिसका एक बड़ी पॉप सिंगर बनने की इच्छा रखने वाले टीनएज लड़की के पिता द्वारा अपहरण कर लिया जाता है।  इस फिल्म में संगीत के साथ साथ रहस्य और रोमांच भी है।  जबकि, काजोल की फिल्म इला की नायिका एक ऐसी महिला है, जो गायिका बनना  चाहती है।  लेकिन, शादी हो जाने के  कारण उसे अपनी इच्छा को दबा लेना पड़ता है।  शादी टूट जाती है।  वह अपने बेटे को अपने दम पर पालती पोसती है।  जब लड़का बड़ा  हो जाता है तो वह बेटे की मदद से अपने हुनर को मांजती है।  एक दिन उसे उसके गायन को मान्यता  मिलती है।  इन गायिका-नायिका फिल्मों की खासियत है कि इन दोनों  फिल्मों की कहानियां मौलिक नहीं हैं ।  जहाँ ऐश्वर्या राय  बच्चन की फिल्म फन्ने खान ऑस्कर के लिए नामित बेल्जियन फिल्म एवरीबॉडी इज फेमस (२०००) की ऑफिसियल रीमेक फिल्म है।  वहीँ काजोल की फिल्म एक गुजराती नाटक बेटा, कागड़ो का फिल्म रूपांतरण है। दोनों फ़िल्में गायिका-नायिका वाले कथानक वाली फिल्म हैं।   लेकिन, इनमे मूलभूत अंतर यह है कि जहाँ इला की नायिका को संघर्ष करते हुए सफलता मिलती है, वहीँ फन्ने खान की नायिका को  अपनी शोहरत का मूल्य अपहृत हो कर चुकाना पड़ता है। अलबत्ता, दोनों ही फ़िल्में महिलाओं के सशक्तिकरण को  छूती हैं।  ऐश्वर्या राय बच्चन की फिल्म ईद २०१८ को रिलीज़ हो रही है।  जबकि काजोल की फिल्म के लिए कास्ट का चुनाव तक नहीं हुआ है।  यह फिल्म २०१८ के आखिर या २०१९ के शुरू में रिलीज़ हो सकती है।  

नक़ली फोटो लगा कर फिर ट्रोल हुए ऋषि कपूर

आज ऋषि  कपूर ने एक जालसाज़ी से बनाई गई फोटो को उड़ा कर अपने ट्विटर अकाउंट में पोस्ट कर, उस पर यह कमेंट लिख दिया- That’s the Spirit! Divided by Faith-United by a Bottle! Merry Christmas. यह फोटो सोशल साइट्स पर काफी पहले ही जालसाज़ी  से बनाई गई साबित हो चुकी है।  मगर, ऋषि कपूर द्वारा उसे फिर पोस्ट किये जाने पर उन्हें ट्रोल होना ही था।  इसके साथ ही उनकी खिंचाई शुरू हो गई। ऋषि  खंडेलवाल नाम के एक ट्विटर हैंडल  करने वाले ने ओरिजिनल फोटो पोस्ट कर लिखा- Rishi: Pls don’t spread the negativity and fake pics. 👆is the original Pic. एक  ने ट्विटरेट्टी ने लिखा-  काफी लोगों ने सही  पिक्चर लगा कर इन्हे लिखा है।  इन्हे यह पिक्चर हटा देनी चाहिए थी।  लेकिन, इन्होने हटाई नहीं। एक और ट्विटरेट्टी ने लिखा- यह जालसाज़ तस्वीर तस्लीमा नसरीन ने भी लगाईं थी। निगेटिविटी फैलाने वाली तस्लीमा नसरीन और ऋषि कपूर में क्या फर्क है ! अमरेश आनंद झा ने लिखा- ऋषि इतना मत पिया करो की फेक पिक शेयर करो। ट्विटरेट्टी फ़य्याज़ फ़ारूक़ी ने लिखा- Great reply to@peekay73 some people just wanted to share there own thought with lots of negative things. हुसैन हैदर की ट्वीट थी- Good work Pawan sb..these celebrities take everything granted. You did right thing by showing him mirror..but @chintskap won't apologise for his blunder ...Will he??? अनिल आचार्य को यह बिलकुल निगेटिव ट्वीट नहीं लगी- What's negative about two people enjoying a drink? I think this was a "positive photoshop. एक दूसरी टिपण्णी थी- Too good guys, the way everyone responded for wrong tweet it was amazing... Thats india my friend.. cheers.. thats wat makes US.. united and together.. " ट्विटरेट्टी सफदर शैख़ को जाली फोटो ज़्यादा मज़ेदार लगी- Real pic is truly  dearer to the sight but the fake one is funnier. Koi dharam Bhrisht nahi hota! In either way they do promote love. Merry Christmas to all. जुगल सचदेवा ने लिखा- If rishi sir feels wine serve better purpose than anything else . Let it b. Insteading of correction him ,lets correct ourselves &  set aside  everything & say loudly MARRY CHRISTMAS 2 everybody . Lets we cheer for others. God bless every 1. 

द ड्रामा कंपनी सुपरनाइट्स २०१८ में नए साल का जश्न









किसानों की ख़ुदकुशी पर आनंद कुमार की 'तिल्ली'

आनंद कुमार और अशोक कुकरेजा द्वारा निर्मित एवं सागर एस शर्मा द्वारा निर्देशित रघुवीर यादव, अतुल श्रीवास्तव, रिजवान शेख और नीरज पांडे की मुख्य भूमिकाओं से सजी फिल्म 'तिल्ली' दर्शकों को झकझोरने वाली फिल्म है। इस फिल्म के माध्यम से किसानों की आत्महत्या के मामलों को बेहद संवेदनशील ढंग से उठाया जा रहा है। कुदरत के कोप के शिकार बुंदेलखंड में पिछले एक साल से किसानों की मौत का सिलसिला जारी है। क्षेत्र के सौ से अधिक किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें आत्महत्या करने वालों की तादात ज्यादा है। बुंदेलखंड की यही करुण हकीकत तिल्लीकी कहानी है। कहानी तिल्ली नाम के एक 10 वर्षीय शरारती लड़के के जीवन के चारों ओर घूमती है, जो अपने माता-पिता के साथ एक गांव में रहता है। तिल्ली स्कूल में बहुत लोकप्रिय है। वह हमेशा अपने शिक्षकों को परेशान करने के लिए तत्पर रहता है, लेकिन इसके बावजूद सभी उससे प्यार करते हैं। भारत में हर साल कर्ज के बोझ और किसानों के असफल होने के कारण कई किसान आत्महत्या कर लेते हैं। तिल्ली के पिता को भी सूखा की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और इस समस्या से निपटने के लिए भारी ऋण के तहत उसने अपनी खेती में कुछ नई तकनीकों को शामिल करने का फैसला किया है, लेकिन इसमें उनकी पत्नी की मंजूरी नहीं है। तिल्ली की मां हमेशा तिल्ली के पिता को खेती छोड़ने और मजदूरी का कार्य शुरू करने के लिए प्रेरित करती है, ताकि उनकी एक निश्चित आय हो सके । तिल्ली गांव के डाकिया से भी जुड़ा हुआ है, लेकिन उस पोस्टमैन को अपनी नौकरी पसंद नहीं है, क्योंकि उसे ग्रामीणों के घर के लिए बैंक की नोटिस देना पड़ता है। गांव वालों में से एक भोला, डाकिया को अपने बेटे की मौत के लिए जवाबदेह बनाता है, क्योंकि बैंक नोटिस पढ़ने के बाद उसके बेटे ने आत्महत्या कर ली थी। भोला अपने बेटे की मौत के बाद मानसिक रूप से अस्थिर हो गया है। वह हमेशा इस डाकिया के रास्ते को रोकता है और यह सुनिश्चित करता है कि वह गांव में और अधिक नोटिस नहीं दे पाए। भोला ग्रामीणों के घरों से सभी रस्सियों और कीटनाशकों को चुरा लेता है, ताकि कोई भी अपने आप को मारने का प्रयास न कर सके। तिल्ली भोला से भी जुड़ा हुआ है और अक्सर चौपाल में उनके साथ बैठता है। कभी-कभी वे एक साथ पोस्टमैन को परेशान करने के लिए टीम-अप करते हैं। कहानी के इस बिंदु पर तिल्ली इसलिए बेहद परेशान है, क्योंकि उसे आशंका ​​है कि उसके पिता भी आत्महत्या कर सकते हैं। ऐसे में वह भोला की मदद से अपने पिता को बचाने की कोशिश करता है। पिता को खुदकुशी से बचाने के लिए वह घर में रखी सारी रस्सियां गायब कर देता है। यहां तक कि वह अपने झूले को भी जला देता है। तो क्या तिल्ली अपने पिता को बचा सकता है फिल्म के निर्माता आनंद कुमार फिल्म से हुई लाभ का 50% हिस्सा उन किसानों के बच्चों को समर्पित करेंगे, जिन्होंने आत्महत्या के माध्यम से अपने पिता को खो दिया है।

कभी डबिंग आर्टिस्ट भी बन जाती थी रेखा

रेखा के बिंदासपन का जवाब नहीं।  वह बेहतरीन एक्ट्रेस थी।  अपने समय की नंबर वन एक्टर भी बनी।  लेकिन, उन्होंने कभी भी किसी से जलन रखने की कोशिश नहीं की।  शायद उनके जैसी सहयोगी एक्ट्रेस शायद ही कोई हो। बॉलीवुड में टॉप की एक्ट्रेस की रेस में रेखा के साथ श्रीदेवी भी लगी हुई थी। श्रीदेवी, जयाप्रदा के साथ, रेखा को टॉप से उतार देने की कोशिश कर रही थी। उस समय गज़ब की प्रतिस्पर्द्धा थी।  लेकिन, कहा जाए तो यह स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा थी। ख़ास तौर रेखा के लिहाज़ से। यहाँ तक कि वह अपने समय की जूनियर एक्ट्रेस के लिए डबिंग आर्टिस्ट का काम करने से भी नहीं चूकती थी। पता नहीं यह अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म करने का तकाज़ा था या कुछ और, रेखा ने श्रीदेवी के लिए फिल्म सूर्यवंशम में सौंदर्या के लिए डबिंग आर्टिस्ट का काम किया था। अमिताभ बच्चन और रेखा की एक साथ आखिरी फिल्म सिलसिला थी, जो १९८१ में  रिलीज़ हुई थी।  इसके बाद दोनो ने साथ कोई फिल्म नहीं की।  के० भाग्यराज निर्देशित एक्शन ड्रामा फिल्म आखिरी रास्ता में अमिताभ बच्चन की दोहरी भूमिका थी।  फिल्म में अमिताभ बच्चन के विजय किरदार की नायिका श्रीदेवी थी । श्रीदेवी के इस किरदार के रेखा ने संवाद डब किये थे।  इससे पहले रेखा, १९८१ में ही रिलीज़ अमिताभ बच्चन की फिल्म याराना में नीतू सिंह के किरदार के संवाद डब कर चुकी थी।  उन्होंने अमिताभ बच्चन की १८ साल बाद रिलीज़ फिल्म सूर्यवंशम में तो एक तरह का कीर्तिमान बना दिया था। फिल्म में अमिताभ बच्चन की दोहरी भूमिका थी। इस फिल्म में दो नायिकाएं सौंदर्या और जयसुधा थी। फिल्म में पिता अमिताभ बच्चन की पत्नी की भूमिका जयसुधा ने की थी और सौंदर्या बेटे अमिताभ बच्चन की नायिका थी। यह दोनों अभिनेत्रियां अच्छी हिंदी नहीं जानती थी। इसलिए, इनके संवाद किसी डबिंग आर्टिस्ट से डब कराये जाने थे।  रेखा ने इन दोनों के काम अकेले पूरे कर दिए।  इस  प्रकार से रेखा ने दोनों को ही अपनी आवाज़ दे कर एक अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया है। इसका मतलब यह नहीं कि रेखा ने अमिताभ बच्चन की दीवानगी में डबिंग आर्टिस्ट का काम किया।  रेखा एक बेहद इमोशनल और समझदार महिला भी थी। वह अपनी साथी अभिनेत्रियों की प्रतिभा की इज़्ज़त करती थी। स्मिता पाटिल की आवाम और वारिस आखिर अभिनीत फिल्में थी।  वारिस की शूटिंग ख़त्म करने के तुरंत बाद स्मिता पाटिल की मृत्यु हो गई।  वह वारिस की डबिंग शुरू ही नहीं कर सकी।  आवाम भी अधूरी रह गई।  रेखा ने स्मिता पाटिल के अधूरे काम  को पूरा करने का निर्णय लिया।  वारिस  की डबिंग करने से पहले उन्होंने समझदारी से काम लिया।  उन्होंने पहले पूरी फिल्म देखी।  फिल्म में स्मिता पाटिल ने अपना बदला लेने वाली निरीह औरत का किरदार  किया था।  रेखा ने फिल्म देखने के बाद अपनी आवाज़ में चरित्र के  परिवर्तन के अनुरूप अपनी आवाज़ में बदलाव किया।  फिर स्मिता पाटिल के करैक्टर को अपनी आवाज़ इस प्रकार दी कि दर्शक समझ ही नहीं सके कि यह आवाज़ स्मिता पाटिल की नहीं है।  

कोलकत्ता में अरिजीत सिंह





क्या आलिया भट्ट को करनी चाहिए सड़क की सीक्वल फिल्म ?

डिअर ज़िन्दगी में शाहरुख़ खान के साथ 
सांवरिया के दौरान, फिल्मकार संजय  लीला भंसाली ने अपनी बाल-विवाह विषय पर एक फिल्म के लिए आलिया भट्ट का ऑडिशन लिया था।  उस समय आलिया टीनएजर थी।  उनमे अपेक्षित परिपक्वता नहीं थी।  वैसे संजय को अपनी फिल्म के  लिए परिपक्व एक्ट्रेस की ज़रुरत थी भी नहीं।  फिल्म बन न सकी।  भंसाली सांवरिया के प्रमोशन और फिर गुज़ारिश में व्यस्त हो गए।  लेकिन, उस समय संजय लीला भंसाली ने आलिया भट्ट के लिए भविष्यवाणी  की थी कि वह बहुत प्रतिभाशाली एक्टर है।  दूर तक जाएगी।  आज सांवरिया के डायरेक्टर की भविष्यवाणी सच साबित हो रही है।  आलिया भट्ट ने अपनी फिल्मों हाईवे, उडता पंजाब और डिअर ज़िन्दगी से इसे सच साबित कर दिखाया है।  आलिया भट्ट ने अपनी डेब्यू फिल्म स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर से ही अपनी परिपक्वता का एहसास करवा दिया था।  वह फिल्म  सानिया  सिंघानिया की अपनी भूमिका में बेहद स्वाभाविक लगी।  वैसे संघर्ष (१९९९) में उनकी छोटी प्रीटी ज़िंटा रीत ओबेरॉय चिंगारी साबित होती थी।  आलिया अब तक एक दर्जन फ़िल्में कर चुकी हैं।  हालाँकि, उनकी ज़्यादातर फ़िल्में रोमांटिक किस्म की हैं।  अपनी उम्र के लिहाज़ से वह उपयुक्त भी हैं।  अभी उन्हें अपनी भूमिकाओं को काफी बदलने की ज़रुरत भी नहीं है।  मेघना गुलजार की फिल्म राज़ी और आनंद एल राज की अनाम फिल्म उनकी प्रतिभा को उभारेगी ही।  अब खबर है कि सड़क (१९९१) का सीक्वल बनाया जा रहा है।  १९९१  की फिल्म का निर्देशन आलिया के पिता महेश भट्ट ने किया था और उनकी बहन पूजा भट्ट फिल्म की नायिका थी।  संजय दत्त पूजा के नायक थे।  २०१८ में बनाई जाने वाली सड़क की सीक्वल फिल्म के निर्देशक महेश भट्ट नहीं होंगे।  इस फिल्म का निर्देशन पूजा भट्ट करेंगी।  वह संजय दत्त के साथ, सड़क के परिपक्व पूजा और  रवि के किरदार करेंगी।  पूजा का इरादा फिल्म के युवा चेहरे के तौर पर आलिया भट्ट को लेने का है।  आलिया भट्ट इस फिल्म के लिए तैयार भी है।  लेकिन, उनके हाथों में इतनी फ़िल्में हैं कि वह सड़क २ के लिए वक़्त ही नहीं निकाल सकती।  लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि क्या आलिया भट्ट को इस मौके पर वेश्या जैसे किरदार वाली फिल्म करनी चाहिए ?  सड़क  को महेश भट्ट ने बनाया था।  पूजा भट्ट  ऐसे सेंसिटिव सब्जेक्ट उस ईमानदारी से नहीं कर सकती।  वेश्या का किरदार अब साठ के दशक का पुराना हो चुका है।  पूजा भट्ट, नयेपन के लिए इसे कॉल गर्ल बना  सकती हैं। कॉल गर्ल बनने की दशा में,  किरदार में कहीं न कहीं, सेक्स  और उत्तेजना की गंध आ जाएगी।  आलिया भट्ट के लिए इतनी जल्दी सेक्स ऑब्जेक्ट नायिका बनना ठीक नहीं होगा।   इसलिए, आलिया भट्ट को फिलहाल राज़ी के बाद गली बॉयज, आनंद एल राज की अनाम फिल्म वरुण धवन के साथ अभिषेक वर्मन की फिल्म में व्यस्त हो जाना चाहिए।  ब्रह्मास्त्र करते समय तो उनके पास तीन साल तक कोई वक़्त नहीं होगा।  इसके बाद वह चाहें तो सड़क २ कर  सकती हैं।  

पुराने क्लासिकल गानों का 'आने वाला पल'

'बैंड ऑफ़ बॉयज' का हिस्सा रह चुके करण ओबेरॉय से श्रोताओं को हमेशा कुछ नया और ताज़ा देखने और सुनने को मिला है। लेकिन इस बार उन्होनें कुछ अलग करने की सोची। वह ७० और ८० के दशक के कुछ ओरिजिनल गानों को ना लेकर, कुछ कल्ट क्लासिक्स को नए रूप में पेश करने का प्रयोग कर रहे हैं।  करण अपनी एल्बम रेट्रोनिकाके लिए बॉलीवुड के कई मशहूर गाने फिर से सँवार रहे हैं। सारेगामा के सहयोग से उन्होंने 'चौदहवीं का चाँद' और 'रात कली' जैसे गानों पर काम किया। हाल ही में रिलीज़ हुए गाने 'आने वाला पल' ने हज़ारों के दिल जीत लिए पर कहीं न कहीं लोग 'छल्ला', 'गोरी' और 'मेरी नींद' के जादू को ढूंढते रह गए। खैर हम हर चीज़ का दोषी करण को तो ठहरा नहीं सकते क्योंकि आजकल हिट गानों को रीमिक्स करने का बॉलीवुड में दौर चला है। पर सवाल यह खड़ा होता है कि हम एक्सपेरिमेंट करने को तैयार क्यों नहीं हैंअपना दृष्टिकोण समझाते हुए, मुख्य गायक करण ओबेरॉय बोलें कि पुराने गानों को नया रूप देने की सबसे बड़ी वजह हैं श्रोताओं का उन क्लासिक्स के प्रति लगाव। ज्यादातर लोग दर्शकों को आकर्षित करने में पूरी तरह से लगे होते हैं। बगैर ज़्यादा पैसा, मेहनत और वक़्त लगाए, यही यकीनन इसका सबसे निश्चित उपाय है।” इन सबके बावजूद करण को यह बात कुछ अनुचित लगती है कि इतने बड़े बजट की फिल्में बहुत सारे साधन, मौके और समय के होते हुए भी ऎसे आसान तरीके अपनाएँ। मुझे यह समझ में नहीं आता कि जो इतनी बड़ी बजेट की फिल्में हैं, उनको ऐसी चालें क्यों चलनी पड़ती हैं? इनके पास मार्किट में नयी सुरों की रचना करने के लिए बहुत समय, पैसे और साधन उपलब्ध हैं। मेरे जैसे इंडी संगीतकारों के लिए यह करने की सिर्फ दो ही वजह हैं।” 
"या तो मुझे वह गाना बेहद पसंद होने के नाते मैं उसे अपने अनोखे तरीके से सजाकर पेश करना चाहता हूँ या मेरे पास उतने साधन या उतनी मार्केटिंग का नाता या उतनी ताक़त नहीं है जिससे मैं ओरिजिनल गाने को श्रोताओं तक पहुँचा सकूँ। आज की तारीख में सोशल मीडिया पर इंतेज़ाम करने की भी कीमत बहुत ज़्यादा बढ़ चुकी है। इनके चलते मैं नहीं चाहता कि अपने झूठे एहम की संतुष्टि के लिए फेक लाइक्स और व्यूज खरीदूँ।करण ने स्पष्ट करते हुए बोला। 
करण बोलें कि "यही वजह है जिसके लिए मैं ऎसे श्रोताओं को बटोरने की कोशिश में लगा रहता हूँ जो इन गानों के माध्यम से मुझे एक कलाकार के रूप में पसंद करें। फिर आगे चलकर जब मैंने ऎसे दर्शक इकठ्ठा कर लिए हों, तब मैं दोबारा उनके सामने मेरी ओरिजिनल रचनाओं को पेश करूंगा। 

चाहे जितने भी साल क्यों न बीत गए हों, हमारे कान हमेशा ही करण की मधुर धुनों को तरसते हैं।

फर्स्ट फ्राइडे जिंक्स उड़नछू करेगी उड़नछू !

फिल्म उड़नछू की कहानी दिलचस्प लगती है  । एक बाबा गुरु जी धार्मिक वेशभूषा और माहौल बना कर काले धन का कारोबार करता है । इसमे उसकी मदद बिल्लू और जूलिया करते हैं । बाबा के रैकेट का पर्दाफाश करने की कोशिश में विक्रम और शांति लगे  हुए हैं । यह पांचो चरित्र ब्लैक मनी के झमेले में कुछ इस तरह फंसते हैं कि हास्यास्पद और ड्रामेबाजी से भरा फिल्म का अंत होता है । कहानी सुनने के लिहाज़ से फिल्म पूरी मसालेदार है । फिल्म में सितारों की भरमार है । प्रेम चोपड़ा (गुरु जी), आशुतोष राणा (बिल्लू), ब्रूना अब्दुल्ला (जूलिया), रजनीश दुग्गल (विकम) और सयेशा सहगल (शांति सिंघानिया) मुख्य किरदारों में हैं तो पंकज झा, ब्रिजेन्द्र काला, अनिल जॉर्ज, लंकेश भरद्वाज, निलेश, आदि सह भूमिकाओं में हैं । गहरे रंग के चमकदार कपड़ों में रुद्राक्ष पकडे अवतार मुद्रा में वेटरन एक्टर प्रेम चोपड़ा लम्पटपने का कीर्तिमान स्थापित करते है । इसमे उनका साथ सेक्सी ब्रूना अब्दुल्ला दे रही हैं । इस फिल्म में सेक्सी आइटम नंबर भी है । अमांडा रोसारियो अपनी आकर्षक देह से इसे ज्यादा सेक्सी ढंग से पेश कर रही हैं । कहने का मतलब यह कि फिल्म में दर्शकों के रियल लाइफ बाबाओं के रील लाइफ संसार को बेहद सेक्सी ढंग से परोसा गया है । क्या फिल्म हिट होगी ? रजनीश दुग्गल और सयेशा सहगल के अलावा फिल्म के सभी मुख्य भूमिकाये बॉलीवुड के वरिष्ठ चरित्र अभिनेताओं ने की है । क्या इन बूढ़े चेहरों को नए साल की मस्ती में डूबा युवा देखना चाहेगा ? इसके साथ सबसे बड़ा सवाल यह जुडा हुआ है कि फिल्म निर्देशक विपिन पराशर की वैभव बाजपेई और विशाल वी पाटिल की लिखी कहानी पर ऐसी मनोरंजक फिल्म बना पाए हैं कि दर्शक भीषण सर्दी में भी सिनेमाघरों तक चला आये ? अगर ऐसा हुआ तो विपिन पराशर इंडस्ट्री की फर्स्ट फ्राइडे जिंक्स को तोड़ पाने में सक्षम होंगे । बॉलीवुड फर्स्ट फ्राइडे जिंक्स पहला शिकार हुआ था २००० में, जब ७ जनवरी को दो बड़ी फ़िल्में धर्मेश दर्शन निर्देशित और आमिर खान, ट्विंकल खन्ना और फैसल खान अभिनीत फिल्म मेला और टी रामाराव निर्देशित अनिल कपूर, रजनीकांत, रेखा और रवीना टंडन अभिनीत फिल्म बुलंदी रिलीज़ हुई थी । यह फ़िल्में बड़े सितारों वाली बड़े बजट की फ़िल्में थी । किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि यह दोनों फ़िल्में भारी कारोबार करना तो दूर बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से लुढ़केगी । लेकिन ऐसा हुआ । दोनों फिल्में बॉलीवुड की बड़ी फ्लॉप फिल्मों में शुमार हो गई । २०१२ में अभिषेक बच्चन, सोनम कपूर, बिपाशा बासु, नील नितिन मुकेश और बॉबी देओल की अब्बास मुस्तान जोड़ी की सस्पेंस थ्रिलर फिल्म प्लेयर्स ६ जनवरी को रिलीज़ हुई और बुरी तरह से पिटी । ८ जनवरी २०१० को सुष्मिता सेन, शाहरुख़ खान, फरदीन खान, तारा शर्मा, आदि की मुदस्सर अज़ीज़ निर्देशित फिल्म दूल्हा मिल गया तथा जुगल हंसराज निर्देशित प्रियंका चोपड़ा, उदय चोपड़ा, अनुपम खेर और डीनो मोरेया अभिनीत फिल्म प्यार इम्पॉसिबल रिलीज़ हुई और बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन ही लुढ़क गई ।  २०१४ में अरशद वारसी और सोहा अली खान की फिल्म मिस्टर जोए बी कार्वाल्हो और शोले का ३ डी संसकरण रिलीज़ हुआ और बुरी तरह से असफल हुआ ।  इसके बाद से बॉलीवुड बड़ी फिल्मों की रिलीज़ से परहेज करने लगा। कई बार तो ऐसा हुआ कि कम बजट वाली फ़िल्में भी रिलीज़ नहीं हुई । यानि साल का पहला शुक्रवार बिलकुल खाली गया । जैसे पिछले साल (२०१७ में) हुआ, जब कोई हिंदी फिल्म रिलीज़ नहीं हुई थी । बुलंदी और मेला का एक ही दिन रिलीज़ होना, दो बड़ी फिल्मों का टकराव भी था । लेकिन, बॉलीवुड जितना हैरान फर्स्ट फ्राइडे जिंक्स से था, उतना वह दो बड़ी फिल्मों के टकराव से नहीं हुआ । यही कारण है कि बॉलीवुड कभी पहले शुक्रवार अपनी फ़िल्में रिलीज़ नहीं करता । खास तौर पर बड़े सितारे अपनी फ़िल्में पहले शुक्रवार रिलीज़ करना सख्त नापसंद है ।

' टाइगर' सलमान खान की ट्यूबलाइट फ्यूज हो जाती है

सलमान खान, २७ दिसम्बर को ५२  साल के हो जायेंगे ।  जन्मदिन से पांच दिन पहले रिलीज़ उनकी एक्शन फ़िल्म टाइगर जिंदा है, तीसरे दिन ही १०० करोड़ का आंकड़ा पर कर चुकी है ।  सलमान खान, इस समय के, बॉक्स ऑफिस के सबसे सफल अभिनेता हैं ।  अब तक उनकी कोई १२ फ़िल्में १०० करोड़ या इससे ज़्यादा का कारोबार कर चुकी हैं ।  उनकी, पिछले सात सालों में रिलीज़ ११ ने १०० करोड़ से अधिक का कारोबार कर लिया है ।  टाइगर जिंदा है १२वी १०० करोडिया फिल्म बन चुकी है ।  यह सिलसिला २०१० में फिल्म दबंग से शुरू हुआ था ।  उनकी १०० करोड़ की फिल्मों में दबंग के अलावा रेडी, बॉडीगार्ड, दबंग २, एक था टाइगर, जय हो, किक, बजरंगी भाईजान, प्रेम रतन धन पायो और सुल्तान है । वह स्टार रैंकिंग में पहले नंबर पर बने हुए हैं ।  आमिर खान और शाहरुख़ खान उनसे पीछे हैं ।  लेकिन, बतौर अभिनेता, वह कमज़ोर अभिनेता हैं ।  जहाँ आमिर खान, शाहरुख़ खान, अजय देवगन, आदि का अभिनय का किला भी काफी मज़बूत है, सलमान खान इस मामले में बुरी तरह से मात खाते हैं । उनकी अभिनय की ट्यूबलाइट फ्यूज है। अपने भाई की खोज में चीन जाने वाले मंदबुद्धि लक्ष्मण की भूमिका में सलमान खान मात खा रहे थे ।  हालाँकि, शुरूआती हाइप में ट्यूबलाइट ने १०० करोड़ क्लब में घुस पाने में कामयाबी हासिल कर ली ।  लेकिंन, दर्शकों ने सलमान खान के इस रूप को पसंद नहीं किया ।  फिल्म आगे टेम्पो नहीं बनाए रख सकी ।  यही कारण था कि १०० करोड़ क्लब में शामिल होने वाली सलमान खान की यह ११वी फिल्म बड़े बजट के कारण फ्लॉप साबित हुई ।  सलमान खान अपनी इमेज के शिकार हैं ।  वह किसी भी फिल्म को अपने अभिनय के बूते पर ढो कर सफल नहीं बना पाते ।  उच्च कोटि का एक्शन,  खूबसूरत रोमांटिक जोड़ीदार और पटकथा की मज़बूती ही, उन्हें सफल बना पाती है ।  यह एक्टर सलमान खान के लिए अच्छा नहीं ।  तीस साल पहले बीवी हो तो ऎसी (१९८८) से शुरू हुए अपने ३० साल लम्बे फिल्म करियर में सलमान खान तीन फ़िल्में नहीं गिना सकते, जो उन्हें अभिनेता के रूप में सम्मान दिला सके ।  हालाँकि, वह एक मेहनती और समर्पित अभिनेता है ।  उनकी नई फिल्म रेस ३ का छः दिन का शूटिंग शिड्यूल २४ दिसम्बर से फिल्मसिटी मुंबई में शुरू हुआ है ।  इसमे उनके खतरनाक और साहसी एक्शन फिल्माए जा रहे हैं ।  सलमान खान अपना ५३वा जन्मदिन रेस ३ के सेट पर ही मनाएंगे ।  रेस ३ को ईद वीकेंड पर रिलीज़ होना है ।  सलमान खान को घडी की तरह काम करना है ।  इसलिए उनका जन्मदिन वर्किंग बर्थडे सेलिब्रेशन होगा ।  यह प्रशंसनीय है ।  काश! सलमान खान अभिनय के मामले में कमज़ोर न होते ! हैप्पी बर्थडे सलमान खान !!

रूपहले परदे पर डॉन, तीसरी बार रोमा कौन !

अमिताभ बच्चन की ४० साल पहले रिलीज़, चंद्रा बारोट निर्देशित हिट फिल्म डॉन को फरहान अख्तर ने २००६ में  रीमेक किया था।  २०११ में इस फिल्म का सीक्वल डॉन २ बनाया गया । यह फिल्म २३ दिसम्बर को रिलीज़ हुई थी । फिल्म के छह साल पूरे होने को सेलिब्रेट करते हुए एक्सेल एंटरटेनमेंट ने डॉन ३ बनाने का ऐलान किया ।  अभी इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम शुरू किया गया है ।  कौन हीरो होगा, कौन हीरोइन तथा दूसरी कास्ट क्या होगी, इसका ऐलान बाद में होगा ।  अमिताभ बच्चन की डॉन (१९७८) में डॉन मारा जाता है ।  पुलिस ऑफिसर एक सीधे-सादे देहाती विजय को प्लांट कर देता है ।  क्लाइमेक्स के बाद अमिताभ बच्चन की डॉन ख़त्म हो गई थी ।  इसका कोई सीक्वल नहीं बनाया गया ।   लेकिन,फरहान अख्तर ने अपनी कहानी को ट्विस्ट दिया । डॉन को जिंदा रखा ।  २०११ की डॉन २ में विजय नदारद था, डॉन जिंदा दिखाया गया, जिसे पकड़ने के लिए ११ मुल्कों की कोशिश कर रही है ।  इसे पकड़ना आसान नहीं, नामुमकिन है ।  यही कारण है कि डॉन तीसरी बार भी जिंदा है ।  जैसी की उम्मीद है, शायद डॉन ३ में भी शाहरुख़ खान होंगे ! परन्तु, रोमा के किरदार में प्रियंका चोपड़ा होंगी या नहीं ? क्या रोमा के करैक्टर को किसी दूसरे करैक्टर में बदल दिया जायेगा ?  बकौल रितेश सिधवानी, “अभी हम आईडिया पर काम कर रहे हैं । इसके बाद स्क्रिप्ट लिखी जाएगी ।  फिल्म की कहानी तीसरी डॉन के उपयुक्त भी होनी चाहिए ।  जैसे ही स्क्रिप्ट तैयार होगी, फिल्म पर तेज़ी सा काम शुरू हो जायेगा ।“ इससे साफ़ है कि डॉन के लिए अभी कलाकारों के नाम तय नहीं किये गए है । लेकिन, अफवाह है कि डॉन ३ में प्रियंका चोपड़ा नहीं होंगी ।  उनकी जगह दीपिका पादुकोण ले सकती हैं ।  दीपिका पादुकोण ने अपने १० साल के फिल्म करियर में शाहरुख़ खान के साथ तीन फिल्मों ओम शांति ओम, चेन्नई एक्सप्रेस और हैप्पी न्यू इयर में अभिनय किया था ।  अगर, डॉन ३ में दीपिका पादुकोण को लिया जाता है तो दीपिका-शाहरुख़ जोड़ी चौथी बार बनेगी ।  डॉन ३ को फरहान अख्तर लिख रहे हैं ।  स्क्रिप्ट पूरी होने के बाद यह तय किया जायेगा कि डॉन ३ को कौन निर्देशित करेगा ! अगर, फरहान अख्तर अपनी स्क्रिप्ट से उत्साहित हुए तो वह ही डॉन ३ को निर्देशित करेंगे ।  अन्यथा कोई दूसरा निर्देशक फिल्म को निर्देशित करेगा ।  डॉन ३ का औपचारिक ऐलान अगले साल किसी समय किए जायेगा ।  तभी मालूम होगा डॉन कौन, रोमा कौन और इनका निर्देशक कौन ?

Sunday, 24 December 2017

कौन साबित होगी दबंग ३ की दबंग - मौनी रॉय या सोनाक्षी सिन्हा !

सलमान खान की दबंग सीरीज की दूसरी फिल्म दबंग २ पांच साल पहले रिलीज़ हुई थी। पहली दबंग का निर्देशन करने वाले अभिनव कश्यप से निर्देशन की कमान छीन कर अरबाज़ खान को सौंप दी गई थी। २०१२ में रिलीज़ दबंग २ के सीक्वल दबंग ३ के निर्माण की शुरुआत अब तक नही हो  सकी है। नवम्बर में दबंग ३ का निर्देशन अरबाज़ के बजाय प्रभुदेवा के करने का ऐलान किया गया था। शुरू में दबंग ३ में सोनाक्षी सिन्हा के होने या न होने पर संशय बरकरार था। लेकिन, बाद में सलमान खान के साथ सोनाक्षी सिन्हा के नायिका होने का ऐलान कर दिया गया। साथ ही यह भी ऐलान किया गया था कि यह सोनाक्षी सिन्हा की सोलो फिल्म नहीं होगी। अब दबंग ३ में सोनाक्षी सिन्हा के साथ मौनी रॉय को भी शामिल कर लिया गया है। सलमान खान मौनी रॉय को काफी ज्यादा प्रमोट कर रहे हैं। उन्होंने मौनी के साथ एक विज्ञापन फिल्म की। बिग बॉस के घर में प्रवेश कराया। मौनी को गोल्ड में अक्षय कुमार के साथ काम करने का मौक़ा मिला। आजकल मौनी रॉय एकता कपूर के नागिन सीरियल की नागिन नहीं रही। लेकिन, इसके बावजूद वह सुर्ख़ियों में बनी रहती हैं। कहा जा रहा है कि दबंग ३ में मौनी रॉय का किरदार बिलकुल अलग होगा। ज़ाहिर है कि इस खबर से सोनाक्षी सिन्हा का रक्तचाप बढ़ रहा होगा। सोनाक्षी सिन्हा की २०१७ में रिलीज़ दो फ़िल्में नूर और इत्तफाक असफल रही थी। उन्हें जो फ़िल्में मिल रही हैं, वह दो नायिकाओं वाली फ़िल्में हैं। मुदस्सर अज़ीज़ की फिल्म हैप्पी भाग जाएगी रिटर्न्स में सोनाक्षी सिन्हा को हैप्पी के किरदार में लिया ज़रूर गया है। लेकिन, वह ओरिजिनल हैप्पी नहीं है। यह दोहरी भूमिका वाली यानि दो हैप्पीयों वाली फिल्म है। हैप्पी भाग जायेगी की मूल हैप्पी यानि डायना पेंटी फिल्म में कायम है।  हैप्पी भाग जाएगी को बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिली थी। ऐसे में सफल पहली हैप्पी को दूसरी हैप्पी कितनी चुनौती दे पायेगी, यह देखने वाली बात होगी। इसी प्रकार से मौनी रॉय के आने के बाद सोनाक्षी सिन्हा के ओरिजिनल दबंग किरदार में क्या फर्क पड़ेगा और कितनी कटौती की जाएगी, इस पर काफी दारोमदार होगा। तभी साबित होगा कि बॉक्स ऑफिस की दबंग हैप्पी कौन है ! 

साउथ की योद्धा महारानी जैसी सनी लियॉन !

इस महीने की शुरुआत में ही यह  ऐलान किया गया था कि  बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री  सनी लियॉन का  साउथ फिल्म डेब्यू होने जा  रहा है।  इस पीरियड वॉर ड्रामा फिल्म में सनी लियॉन एक योद्धा का किरदार करने जा रही हैं। इस फिल्म का निर्देशन वीसी वाड़ीवुडैयान करेंगे। वाड़ीवुडैयान ने क्राइम ड्रामा फिल्म थम्बी वेटोथि सुंदरम और सुपर नेचुरल थ्रिलर फिल्म सौकरपेट्टई का निर्देशन किया था।  यह, बाहुबली की टक्कर में बनाई जा रही महँगी फिल्म है। इसके लिए बाहुबली सीरीज की फिल्मों किए तकनीशियन को काम पर लगाया गया है । इस खर्चीली फिल्म में सनी लियॉन का १५० दिनो का काम है।  उन्हें ढेरों एक्शन दृश्य करने होंगे।  मसलन, तलवारबाज़ी, घुड़सवार तथा दूसरे एक्शन। इसके लिए एक विशेष ट्रेनर को आंध्र से मुंबई भेजा जाता है । खबर यह है कि तमिल और  तेलुगु में बनाई जा रही इस फिल्म को हिंदी और मलयालम में भी रिलीज़ किए जायेगा । हिंदी फिल्मो में सनी लियॉन का करियर बिलकुल ठंडा पड़ गया है । हालाँकि, २०१७ में उन्होंने शाहरुख़ खान, संजय दत्त, अजय देवगन, आदि की फिल्मों में आइटम गीत कर अपनी उपयोगिता बताई थी । लेकिन, उनकी इस साल बतौर नायिका रिलीज़ इकलौती फिल्म तेरा इंतज़ार बुरी तरह से असफल हुई थी । हालाँकि, इस फिल्म में सनी लियॉन के अभिनय की प्रशंसा हुई थी । इस समय सनी लियॉन के पास कोई हिंदी फिल्म नहीं है । लेकिन, हिंदी फिल्मों में असफल हो रही सनी लियॉन को साउथ की फिल्मों ने अपना लिया लगता है । तभी तो उन्हें लेकर इतनी बड़े बजट की उन पर केन्द्रित फिल्म का निर्माण किया जा रहा है । हालाँकि, सनी लियॉन को बेंगुलुर में नए साल का कार्यक्रम करने की अनुमति कर्नाटक सरकार ने नहीं दी है । लेकिन, लगता है दक्षिण के निर्माता सरकार के निर्णय से इत्तफाक नहीं रखते । तमिल फिल्म में योद्धा महारानी का किरदार कर रही सनी लियॉन ने रियल लाइफ में भी खुद को योद्धा महारानी जैसा पेश किया है । उन्होंने अपने हिंदी और दक्षिण के आलोचकों को लताड़ लगाते हुए अपने इन्स्ताग्राम अकाउंट में जीनत अमान, मन्दाकिनी, आदि अभिनेत्रियों की उघडे बदन वाले चित्र लगा कर, उन्हें अपना आदर्श बता कर कम कपडे पहनने के कारण उनकी आलोचना करने वाले अपने आलोचकों को करार जवाब दिया है । जहाँ तक सनी लियॉन की साउथ की फिल्म का सवाल है, इसके तमिल और तेलुगु टाइटल का ऐलान २७ दिसम्बर को पूरे जोर शोर के साथ किया जायेगा । इसका ऐलान सनी के फोटो वाले विज्ञापन के ज़रिये किया गया है । 

क्या गुल खिलाएंगी शाहरुख़, सैफ और श्रीदेवी की बेटियां !

 सारा अली खान, सुहाना खान, जाह्नवी कपूर 
मुंबई की किसी, अभिजात्य वर्ग की जिम में चले जाइये। अपनी सेहत को लेकर सचेत कुछ बॉलीवुड के एक्टरों के अलावा फ़िल्मी सितारों के बच्चे भी नज़र आ जाते हैं। इनमे सैफ अली खान  और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान और श्रीदेवी-बोनी कपूर की बेटी जाह्नवी कपूर  नियमित आती और जाती नज़र आ जाती हैं। इन दोनों में अच्छी दोस्ती भी हैं।  हालाँकि, दोनों एक ही पेशे यानि अभिनय में हैं । जाह्नवी कपूर करण जौहर की फिल्म धड़क में ईशान खट्टर के साथ फिल्म डेब्यू कर रही हैं । जबकि, सारा अली खान अभिषेक कपूर की फिल्म केदारनाथ का पहला शिड्यूल सुशांत सिंह राजपूत के साथ पूरा कर चुकी है । इन दोनों की ही फ़िल्में २०१८ में जुलाई और दिसम्बर में रिलीज़ होंगी । यह दोनों हमपेशा हैं, इसलिए दोनों के बीच इर्षा या प्रतिस्पर्धा तो होती ही होगी । यह स्वाभाविक है । सारा अली खान की माँ अमृता सिंह और पिता सैफ अली खान फिल्म से जुडी हस्तियाँ हैं । सारा की दादी शर्मीला टैगोर भी फिल्म एक्टर हैं । जाह्नवी की माँ श्रीदेवी फिल्म एक्टर हैं और पिता बोनी कपूर फिल्म निर्माण से जुड़े हैं । यह कपूर परिवार भी पूरा का पूरा फ़िल्मी है ।  इसके सभी सदस्य फिल्म इंडस्ट्री के हैं । इसलिए, सारा अली खान और जाह्नवी कपूर के बीच प्रतिस्पर्धा और जलन होना स्वाभाविक है ।  श्रीदेवी इस बात को मानती हैं कि यह स्वाभाविक है। वह कहती हैं, “एक पेशे में होने के कारण यह स्वाभाविक है । लेकिन, मेरा मानना है कि आपस में ऎसी प्रतिस्पर्द्धा नहीं होनी चाहिए कि एक को देख कर दूसरा अपना चेहरा घुमा ले । ग्लैमर से लबालब यह दोनों अपने स्वस्थ के प्रति सचेत भी हैं । इसलिए, इनका जिम में आना नियमित होता रहता है । अब इस जिम सेशन में शाहरुख़ खान की बेटी सुहाना खान भी शामिल हो गई हैं । उनकों भी जिम में जाते और सेशन पूरा करने के बाद कार से वापस आते देखा जा सकता है ।  सुहाना भी फिल्म एक्ट्रेस बनना चाहती हैं । सुहाना के एक्टिंग में जाने के निर्णय से शाहरुख़ खान को भी कोई ऐतराज़ नहीं । उनका ऐतराज़ बस इतना है कि पहले सुहाना अपनी पढ़ाई पूरी कर ले । जिस प्रकार से सुहाना खान फोटोग्राफरों को सहयोग कर रही है, उससे ऐसा लगता है कि बॉलीवुड के पूर्व स्टार और सुपर स्टार बच्चों की श्रंखला में फिल्मों में आने के लिए तैयार बच्चों में सुहाना अली खान भी शामिल होने जा रही है । देखिये, क्या गुल खिलाते हैं यह आकाश में जगमगाने के लिए बेताब सितारों के बच्चे ! क्या सारा अली खान, सुहाना खान और जाह्नवी कपूर में कोई पेशेगत जलन या दुश्मनी हो सकती है ? फिलहाल तो यह सवाल काल्पनिक ज्यादा है । क्योंकि, सुहाना के पिता शाहरुख़ खान ने जाह्नवी की माँ श्रीदेवी के साथ फिल्म आर्मी कर चुके हैं । उन्होंने सारा की नई माँ करीना कपूर के साथ रा.वन और अशोका जैसी फिल्मों में रोमांस किया है । सैफ के साथ कल हो न कल हिट हुई थी । यह दोनों फिल्मफेयर अवार्ड को एक साथ बखूबी पेश कर चुके हैं । यानि इस तिकड़ी के माँ-पिता के साथ कड़वे सम्बन्ध तो बिलकुल नहीं रहे है । अब भविष्य बतायेगा कि यह सितारे दोस्ती की कैसी मिसाल पेश करते हैं !

तो यह है शाहरुख़ खान और रणबीर कपूर की बॉन्डिंग का राज़ !

इस साल के आखिरी वीकेंड पर, कल शनिवार २२ दिसंबर, रिलायंस फॅमिली डे का आयोजन किया गया था । इस मौके पर तमाम बड़ी हस्तियों को पार्टी में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। इस पार्टी में बॉलीवुड की तमाम हस्तियाँ भी मौजूद थी । लेकिन, तमाम मेहमानों और छायाकारों की निगाहें शाहरुख़ खान और रणबीर कपूर पर टिकी हुई थी । दूसरे दो खानों सलमान खान और आमिर खान से रणबीर कपूर के संबंधों की तुलना में रणबीर कपूर और शाहरुख़ खान के सम्बन्ध अपेक्षाकृत काफी गर्म और जोशीले हैं । जब दोनों मिलते हैं तो औपचारिक हाय हेलो ही नहीं होती । दोनों बतियाते भी हैं और एक साथ बैठ कर खाते पीते भी हैं । इसके ख़ास कारण भी हैं । हालाँकि, रणबीर कपूर थोडा ज्यादा वर्सटाइल एक्टर हैं । लेकिन, मूल रूप में दोनों रोमांटिक एक्टर हैं । इन दोनों ही एक्टरों को अपनी रोमांटिक फिल्मों के कारण काफी पसंद किया गया । रणबीर कपूर की अजब प्रेम की गज़ब कहानी, ये जवानी है दीवानी और ऐ दिल है मुश्किल खालिस रोमांस फ़िल्में थी । शाहरुख़ खान भी अपनी रोमंस फिल्मों के कारण ही सुपर हीरो हैं । इन दोनों ने ही कभी किसी फिल्म में एक दूसरे के अपोजिट किरदार नहीं किये, लेकिन लक बय चांस, भूतनाथ रिटर्न्स और ऐ दिल है मुश्किल जैसी फिल्मों में दोनों साथ ज़रूर आये । रणबीर कपूर ने एक इंटरव्यू में शाहरुख़ खान के रोमांटिक अभिनय की काफी प्रशंसा की थी । शाहरुख़ खान भी इस कपूर पुत्तर को काफी पसंद करते हैं और मिलने पर साथ ज़रूर बैठते है । इनके आपसी व्यवहार में गर्मजोशी साफ नज़र आती है । रणबीर कपूर ने शूजित सरकार की महान क्रांतिकारी उधम सिंह पर बायोपिक फिल्म को ठुकरा दिया था । रणबीर से पहले शाहरुख़ खान इस फिल्म न कह चुके थे। हालाँकि, रणबीर ने शूजित की फिल्म इसलिए ठुकराई, क्योंकि पिता ऋषि कपूर ने उन्हें चेतावनी दी थी कि वह फिलहाल अपनी संजय दत्त पर बायोपिक फिल्म पर ही ध्यान लगाएं तथा अब बायोपिक फ़िल्में मत करें । हाँ तो बात रिलायंस फैमली डे पार्टी की थी।  रणबीर कपूर और शाहरुख़ खान बॉन्डिंग रिलायंस की पार्टी में ख़ास तौर पर नज़र आ रही थी । इन दोनों ने एक दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया, बातचीत की और साथ खाना भी खाया । जहाँ तक फिल्मों का सवाल है, शाहरुख़ खान आजकल अपनी आनंद एल राज निर्देशित अनाम फिल्म में काफी व्यस्त हैं । यह फिल्म क्रिसमस २०१८ में रिलीज़ होगी । रणबीर कपूर ने अभी अभी संजय दत्त की बायोपिक फिल्म की शूटिंग ख़त्म की है । इस फिल्म के निर्देशक राजकुमार हिरानी हैं । दिलचस्प तथ्य यह है कि शाहरुख़ खान और रणबीर कपूर, दोनों की ही फिल्मों का टाइटल अभी तय नहीं हो सका है । इतना ही नहीं शाहरुख़ खान के पसंदीदा डायरेक्टर करण जौहर अब रणबीर कपूर को लेकर तीन फिल्मों की सीरीज यानि ट्राइलॉजी ब्रह्मास्त्र बना रहे हैं । जब इतनी समानताये हो तो दोनों एक्टरों के बीच गर्मजोशी वाले सम्बन्ध तो होने ही चाहिए ।

रक्षक साहनी का हॉलीवुड डेब्यू

निर्माता एकता कपूर के २००५ में प्रसारित सीरियल काव्यांजलि में काव्य का टाइटल रोल करने वाले अभिनेता रक्षक साहनी अब हॉलीवुड फिल्म करने जा रहे हैं। इस फिल्म का नाम ईस्टर्न क्राइम होगा। यह फिल्म आपस में अच्छे दोस्त दो पुलिसवालों (एक भारतीय और एक अमेरिकी) पर केन्द्रित है। इसमे से भारतीय पुलिस वाले का किरदार रक्षक साहनी कर रहे हैं। दूसरे दोस्त का किरदार हॉलीवुड का कोई बड़ा अभिनेता करेगा। इस फिल्म का निर्देशन छः बार ऑस्कर के लिए नामित हो चुके डायरेक्टर पीटर वीयर कर रहे हैं। पीटर, द ट्रूमैन शो, डेड पोएट सोसाइटी और मास्टर एंड कमांडर जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। इस फिल्म का निर्माण लोस एंजेल्स के न्यूएशिया स्टूडियोज द्वारा किया जा रहा है। ईस्टर्न क्राइम्स को मंसूर अहमद ने लिखा है। मंसूर ने हॉलीवुड की द ट्रेजर ऑफ़ अलीबाबा एंड ४० थीव्स फिल्म की पटकथा के विस्तार में भी योगदान किया है। इस फिल्म का निर्देशन बांड फिल्म कैसिनो रोयाले के डायरेक्टर मार्टिन कैम्पबेल कर रहे हैं। हिंदुस्तानी अभिनेताओं को बड़ी भूमिकाओं में लेकर फ़िल्में बनाने का सिलसिला स्लमडॉग मिलियनेयर, लाइफ ऑफ़ पाई और लायन जैसी फिल्मों  की सफलता के बाद तेज़ हुआ है। ईस्टर्न क्राइम्स इसी सिलसिले को आगे बढ़ाने वाली फिल्म है। फिल्म के बारे में बताते हुए एक्टर रक्षक साहनी कहते हैं, "बहुत कम ऐसा होता है, जब किसी बड़े स्टूडियो द्वारा हॉलीवुड के एक्शन हीरो के सामानांतर ही किसी भारतीय हीरो के लिए रोल लिखा जाता है।  इसलिए, जब मंसूर खान ने मुझे ईस्टर्न क्राइम्स की स्क्रिप्ट भेजी। और मैं ईस्टर्न क्राइम्स की स्क्रिप्ट पढ़ते हुए, खुद में उत्तेजना महसूस करने लगा।" किसी भारतीय एक्टर को हॉलीवुड एक्टर के पैरेलल हीरो वाली एक्शन फिल्म मिलना वास्तव में बड़ी बात है। यह  फिल्म अमेरिका में एशियाई बहुल बस्तियों में अपराध की समस्या पर केंद्रित फिल्म है।  रक्षक को उम्मीद है कि यह फिल्म उनके करियर के लिए मील का पत्थर फिल्म  साबित होगी।  ईस्टर्न क्राइम्स की शूटिंग अगले साल के मध्य से शुरू हो जाएगी।  फिल्म के २०१८ के आखिर में या २०१९ में किसी उपयुक्त समय पर रिलीज़ होने की उम्मीद है।