यद्यपि, आंध्र प्रदेश में विधान सभा चुनाव २०२४ में होने हैं. पर लगता है अखाडा सज चुका है. कल, आंध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री जगन मोहन रेड्डी ने विधान सभा में एक बिल पारित करवाया, जिसके बाद आँध्रप्रदेश की डॉक्टर एनटीआर यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज का नाम बदल कर वायएसआर यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज हो गया. वायएसआर, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री के पिता थे. इसीलिए यह नाम परिवर्तन व्यक्तिगत मामला अधिक लगता है.
इसलिए जगन मोहन रेड्इी के इस कदम पर पर कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई. तेलुगु देशम के चंद्रबाबू नायडू ने इस कदम का विरोध करना ही था, पत्रकारों, दूसरे राजनीतिक दलों और आम आदमी ने भी इस परिवर्तन का विरोध किया.
बताते चलें कि इस यूनिवर्सिटी की स्थापना आंध्र प्रदेश
के तत्कालीन मुख्यमंत्री नंदिमुरी तारक रामाराव ने की थी. इसीलिए इस यूनिवर्सिटी
का नाम उनके नाम पर रखा गया.
पर इस प्रकरण में, एनटीआर के बेटे और फिल्म आरआरआर के कोमारम भीम अभिनेता जूनियर एनटीआर की प्रतिक्रिया विशेष है. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर तेलुगु में लिखा वक्तव्य जारी किया.
इस में एनटीआर जूनियर ने लिखा, "एनटीआर और वायएसआर, दोनों ही लोकप्रिय नेता थे. जिन्हें
बहुत लोकप्रियता मिली. एक का नाम हटा कर दूसरे का नाम लगाना, सम्मान नहीं लाता. जिस प्रकार से इससे
वायएसआर का कद नहीं बढ़ता, उसी प्रकार से
एनटीआर के कद को घटाया नहीं जा सकता. एनटीआर का नाम यूनिवर्सिटी से हटा देने से
एनटीआर को मिली लोकप्रियता समाप्त नहीं होती, वह तेलुगु जनता के दिलों से मिटाए नहीं जा सकते."
जूनियर एनटीआर का यह वक्तव्य काफी साधा हुआ, पर निशाना साध कर जारी किया गया है. इस वक्तव्य का महत्त्व उस समय काफी हो जाता है, जब लोगों के दिमाग में पिछले दिनों जूनियर एनटीआर का भारत के गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का चित्र घूम जाता है.
क्या इस नाम परिवर्तन का प्रभाव अगले साल होने वाले तेलंगाना विधान सभा चुनाव में दिखाई देगा ? क्योंकि, तेलंगाना के मुख्य मंत्री को देर सबेर इस मामलें में मुहं खोलना ही होगा. क्योंकि, नंदिमुरी तारक रामाराव उस अविभाजित आँध्रप्रदेश के लोकप्रिय मुख्य मंत्री थे, जिसमे तेलंगाना भी शामिल था.