फरवरी ८, २०१३ को रिलीज़ रेमो डि'सूज़ा की डांस पर फिल्म 'ए बी सी डी -एनी बॉडी कैन डांस' की सीक्वल फिल्म 'ए बी सी डी २' अगले महीने १९ तारिख को रिलीज़ होने जा रही है। रेमो की पहली फिल्म एक डांसर के खुद को साबित करने की कहानी थी। वह खुद को स्ट्रीट डांसर्स के ज़रिये साबित कर दिखाता है। रेमो की सीक्वल फिल्म एक डांस ग्रुप के संघर्ष की सच्ची कहानी है। इस फिल्म में आजकल युवाओं के दिलों की धड़कन वरुण धवन और श्रद्धा कपूर मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म में प्रभुदेवा पहली फिल्म के विष्णु सर की भूमिका में ही हैं। लेकिन, इस बार रेमो का पूरा फोकस युवा स्टार कास्ट पर है। इस फिल्म के पोस्टर से भी यह साबित होता है। इस पोस्टर में पानी पर हाथ मार कर छींटे उड़ाते वरुण धवन चैलेंज देते और स्वीकार करते से लग रहे हैं। उनके पीछे श्रद्धा कपूर सहित पांच डांसर भी हैं। इस पोस्टर में अंग्रेजी के कैपिटल लेटर्स में लिखा - डांस इज़ अ वे ऑफ़ लाइफ- पूरी कहानी कह जाता है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 19 May 2015
यह है ज़िंदगी की 'ए बी सी डी २'
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
यह है ऐश्वर्या राय बच्चन का 'जज़्बा'
फिल्म निर्देशक संजय गुप्ता की ९ अक्टूबर को रिलीज़ होने जा रही फिल्म 'जज़्बा' का फर्स्ट लुक पोस्टर आज कांस फिल्म फेस्टिवल में जारी हो गया। इस फिल्म से ऐश्वर्या राय बच्चन रुपहले परदे पर वापसी कर रही हैं। इस फिल्म में इरफ़ान खान, शबाना आज़मी, अनुपम खेर, चन्दन रॉय सान्याल, प्रिया बनर्जी और अतुल कुलकर्णी भी ख़ास भूमिका में हैं। लेकिन, इस पोस्ट से साफ़ है कि जज़्बा का सारा जज़्बा वकील बनी ऐश्वर्या रॉय ही हैं। पोस्टर में हाथों पर टिकी हुई ऐश्वर्या ज़मीन पर गिरी हुई हैं। उनके हाथ धूल से सने हुए हैं। पृष्ठभूमि पर ऊंची ऊंची इमारतें धूल के बवंडर से घिरी नज़र आ रही हैं। ऐसा लगता है कि ऐश्वर्या किसी के पीछे भागते हुए, लड़खड़ा के ज़मीन पर गिर पड़ी हैं। शायद वह भागते हुए जाते व्यक्ति को आक्रोश से भरी देख रही हैं। लगता है वह चीखना चाहती हैं या चीख चुकी है। लेकिन, पोस्टर से एक बात समझ में नहीं आई मिसेज बच्चन के बाल इतने संवारे हुए से क्यों हैं ? एक एक लट सही जगह पर रखी हुई!
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Monday, 18 May 2015
सेंस ८ में टीना देसाई के पिता अनुपम खेर
साइ-फाइ और एक्शन के चहितों के लिए 5 जून से एक नया शो 'सेंस ८' शुरू होने जा रहा है। वैकॉस्की द्वारा निर्मित यह नेटफ्लिक्स सीरिज़ है। इस शो की एक नायिका टीना देसाईं है, जो तीन चार हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुकी है। ख़ास बात यह है कि इस शो में अनुपम खेर टीना देसाईं के पिता की भूमिका में नज़र आएंगे। 'सेंस ८' की कहानी विश्व के अलग अलग देशों में रहनेवाले आठ लोगों की है, जो एक दर्दनाक घटना के एक दूसरे को मानसिक तथा भावनात्मक स्तर पर जुड़ा पाते हैं। ख़ास बात यह है कि इन आठों को मिल कर ऐसा कुछ करना है ताकि वह उन लोगों के खतरे से निपट सकें, जो इन आठों को खुद के लिए खतरा महसूस कर रहे हैं। इस इंटेंस ड्रामा सीरीज का एक्शन भी लाजवाब है। यह सीरीज लोगों की पहचान, लैंगिकता, विश्वास तथा मान्यताओं के विस्तृत स्वरूप पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करती है, जिसे हमनें मन के अतल गहराइयों में कहीं दफन कर दिया है। इसमें दिखाया गया है कि हम अजनबियों के साथ कैसे रहते हैं, अपने प्रियजनों के साथ कैसे रहते हैं और जब अकेले रहते हैं तो कैसे रहते हैं। सिर्फ यही नहीं इसमें यह भी दिखाया गया है कि तब हमारी प्रतिक्रिया क्या होती है जब हमारी प्राइवेसी पर हमला होता है। इस शो के बारे में टीना ने कहा, ‘’सेंस 8 के ट्रेलर को देखकर पूरे विश्व की सांसे थम गयी हैं। सभी इसे देखने के लिए बेताब हैं। इसमें दो राय नहीं कि इसका प्लॉट काबिले तारीफ है। इस ट्रेलर को देखकर मुझे जिस तरह की प्रतिक्रिया मिली है, उससे मैं बेहद खुश हूं।’ गौरतलब है कि टीना देसाईं वर्ष 2011 में रिलीज़ डेब्यू फिल्म ‘यह फासले’ में भी अनुपम खेर की बेटी की भूमिका की थी । नेटफ्लिक्स की यह सीरीज ५ जून से देखी जा सकेगी।
राजेंद्र कांडपाल
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
वेस्टमिंस्टर पर फिल्माया गया 'स्पेक्ट्र' का क्लाइमेक्स
सेंट्रल लंदन का वेस्टमिंस्टर ब्रिज, संडे की शाम, आम तौर पर काफी शांत होता है। लेकिन, पिछला संडे गहमागहमी वाला था। क्योंकि, जेम्स बांड लंदन में था। 'जेम्स बांड सीरीज' की २४वी फिल्म 'स्पेक्ट्र' की शूटिंग वेस्टमिंस्टर ब्रिज के नीचे पानी में ठीक उसी बहाव पर हो रही थी, जहाँ १९९९ में पियर्स ब्रॉसनन अपनी बांड फिल्म 'द वर्ल्ड इज़ नोट एनफ' की शूटिंग कर रहे थे। एक पॉवर बोट पर ली सेडॉक्स और डेनियल क्रैग के स्टन्टमैन के साथ डायरेक्टर सैम मेंडिस 'स्पेक्ट्र' के एक्शन सींस फ़िल्म रहे थे। मेक्सिको में हुई शूटिंग की तरह यहाँ भी जेम्स बांड के एक्शन डेनियल क्रैग के स्टन्टमैन पर फिल्माए जा रहे थे। इस स्टन्टमैन ने क्रैग के चेहरे से मिलता जुलता लैटेक्स मास्क पहन रखा था। सैम मेंडिस सीजीआई का इस्तेमाल कर स्टन्टमैन के चेहरे की जगह क्रैग का चेहरा लगाना पसंद नहीं करते। 'स्पेक्ट्र' की शूटिंग के दौरान वॉक्सहॉल ब्रिज सहित वेस्टमिंस्टर के कई इलाके बंद कर दिए गए थे। इस सीन में पावर बोट से भाग रहे बांड और मैडेलीन का पीछा हेलीकॉप्टर से किया जा रहा है। दर्शकों को 'स्पेक्ट्र' के इस क्लाइमेक्स सीन में हाउस ऑफ़ पार्लियामेंट, द बिग बेन टावर और एमई ६ बिल्डिंग दिखाई पड़ेगी। इस चेज सीन की शूटिंग अगले तीन वीकेंड में भी जारी रहेगी।
अल्पना कांडपाल
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Hollywood
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Sunday, 17 May 2015
आशा नेगी के फैन ने बनवाया नाम का टैटू
आशा नेगी सातवे आसमान पर है। उनके फैन सात समंदर पार ब्रिटेन में जो हैं ! २०१० में देहरादून से अपना एक्टिंग करियर बनाने मुंबई पहुंची आशा नेगी को सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे की मुख्य भूमिका वाले सीरियल 'पवित्र रिश्ता' की पूर्वी किर्लोस्कर के किरदार से काफी लोकप्रियता और पहचान मिली। लेकिन, उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि उनके इस किरदार की शोहरत ब्रिटेन तक पहुँच गई होगी और उनका फैन उनके नाम का टैटू बनवा चूका होगा। बहरहाल, अपने प्रशंसक के इस पागलपन से खुश आशा नेगी कहती हैं, "ये पागलपन है। लेकिन, जब लोग आप पर प्यार की इतनी बौछार करते हैं तब बहुत ही अच्छा महसूस होता है। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। अपने इस फैन से कुछ कहने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। " २०१४ में ऋत्विक धनजानी के साथ 'नाच बलिए ६' की विजेता आशा नेगी को दर्शक हुसैन कुजरवाला के साथ इंडियन आइडल जूनियर की होस्ट के रूप में देखेंगे। यह शो ३० मई से शुरू हो रहा है।
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Saturday, 16 May 2015
शहरोज़ सादात की शार्ट फिल्म 'द मैजिक ऑफ़ गिविंग'
शहरोज़ सादात की शार्ट फिल्म 'द मैजिक ऑफ़ गिविंग' बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की सेवा करने का सन्देश देती हैं। रियल २ रील प्रोडक्शंस की इस १८ मिनट ३६ सेकंड की फिल्म में वक़ार शेख और स्वेता गुलाटी की मुख्य भूमिका है।
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शार्ट फिल्म
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अनुपम खेर मानते हैं अर्जुमन मुग़ल को प्रॉमिसिंग
पिछले दिनों अनुपम खेर का एक नाटक मेरा वह मतलब नहीं था मुंबई में खेला गया था। इस नाटक को देखने के लिए अभिनेत्री अर्जुमन मुग़ल भी गई थी। अर्जुमन को दर्शक एजाज खान के साथ फिल्म 'यार रब' से याद करते हैं। इस फिल्म में आतंकवाद से लड़ने वाली नायिका की भूमिका करने के लिए अर्जुमन को शौर्य अवार्ड और हमलोग अवार्ड भी मिल चूका है। अर्जुमन ने अनुपम खेर के स्कूल एक्टर प्रिपेयर्स से अभिनय की ट्रेनिंग ली थी। नाटक देखने पहुंची अर्जुमन को देख कर अनुपम बेहद खुश हुए। उन्होंने अर्जुमन की प्रशंसा करते हुए उन्हें 'प्रॉमिसिंग एक्ट्रेस' बताया। अनुपम खेर जैसे गुरु एक्टर की प्रशंसा अर्जुमन के लिए मायने रखती है। अर्जुमन मुग़ल की एक फिल्म प्रदीप गोइंसिकर की फिल्म 'तेरा क्या होगा लम्बोदर' आने वाली हैं। इस फिल्म में अर्जुमन एक सुपर स्टार का किरदार कर रही हैं।
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हस्तियां
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जब मिथुन चक्रवर्ती ने की इवेलिन शर्मा की मदद
फिल्म इश्क़ेदारियां में इवलिन शर्मा के नायक महाक्षय चक्रवर्ती उर्फ़ मिमोह हैं। मिमोह अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के बेटे हैं। जर्मनी से इम्पोर्ट इवलिन शर्मा को ठीक से हिंदी बोलना नहीं आता । जबकि, मिथुन चक्रवर्ती जैसे लव गुरु के बेटे महाक्षय को बकौल इवलिन शर्मा 'लव करना नहीं आता' । कहती हैं इवलिन शर्मा, "महाक्षय ज़रा शर्मीले हैं। इसलिए रोमांस करने के सींस में मैंने उनकी थोड़ी मदद भी की।" इश्क़ेदारियां, इवलिन शर्मा की इस साल रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म है। पिछले महीने ही इवलिन शर्मा को न्यू कमर नवदीप छाबरा के साथ रोमांस लड़ाते देखा गया था। इस फिल्म में इवलिन ने बेहद ख़राब अभिनय और डायलाग डिलीवरी की थी। इसीलिए, खराब हिंदी बोलती इवलिन शर्मा को देख कर मिथुन चक्रवर्ती को मदद के लिए आगे आना पड़ा। कहती हैं इवलिन शर्मा, "मैं मिथुन चक्रवर्ती की आभारी हूँ कि उन्होंने हिंदी ठीक करने में मेरी मदद की। उन्होंने मुझे छुरी कांटे के बजाय हाथ से खाना भी सिखाया।" यह तो माना जा सकता है कि मछली झोल खाने वाले मिथुन दादा ने इवलिन को हाथ से खाना खाना सिखाया। लेकिन, हिंदी बोलना सिखाया, यह गले नहीं उतरता। मिथुनदा तो आज भी छोटी इ और बड़ी ई का उच्चारण ठीक से नहीं कर पाते।
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
'टुमारोलैंड' पर जॉर्ज क्लूनी
दो ऑस्कर पुरस्कार विजेता निर्देशक ब्रॉड बर्ड की रहस्य-रोमांच से भरी फिल्म 'टुमारोलैंड' किसी ख़ास केटेगरी को चुनौती देने वाली फिल्म है। इस फिल्म में अकादमी अवार्ड विजेता अभिनेता जॉर्ज क्लूनी एक थके हुए, बदमिजाज और एकाकी विज्ञानी की भूमिका कर रहे हैं, जो कभी जीनियस बॉय माना जाता था । इस फिल्म में दर्शकों को भविष्य की दुनिया के दर्शन होंगे। फिल्म में अच्छाई भी बुराई के साथ होगी। इस फिल्म के बारे में क्लूनी कुछ इस तरह बात करते हैं -
आपने २०१३ में 'ग्रेविटी' जैसी अंतरिक्ष फिल्म की थी। 'टुमारोलैंड' में ख़ास क्या है ? क्या यह भी एक अंतरिक्ष फिल्म है ?
'टुमारोलैंड' हमारे कल की फिल्म है। मुझे इस फिल्म का ऑप्टिमिज्म (आशावाद) पसंद है।
फिल्म में आपका किरदार सीनिकल है। क्या यह सीनिकल फिल्म है ?
मैं कोई बहुत सीनिकल आदमी नहीं हूँ। लेकिन, मुझे सीनिकल फ़िल्में करना पसंद है। लेकिन, यह फिल्म वैसी नहीं है, जैसी की सोची जा रही है। यह बिलकुल अलग प्रकार की फिल्म है। मैंने सोचा कि इस फिल्म को करने में मज़ा आएगा।
आपने बहुत सी एक्शन फ़िल्में की हैं। इस फिल्म में कितना एक्शन है ?
मैंने थर्टीज में बहुत सी एक्शन फ़िल्में की है। मैं किसी को घूंसे मार मार कर गिरा देता था और अपने रास्ते चल देता था। लेकिन अब वह समय नहीं रहा। अब तो मैं घूंसे खा कर ज़मीन पर गिर सकता हूँ।
आपने २०१३ में 'ग्रेविटी' जैसी अंतरिक्ष फिल्म की थी। 'टुमारोलैंड' में ख़ास क्या है ? क्या यह भी एक अंतरिक्ष फिल्म है ?
'टुमारोलैंड' हमारे कल की फिल्म है। मुझे इस फिल्म का ऑप्टिमिज्म (आशावाद) पसंद है।
फिल्म में आपका किरदार सीनिकल है। क्या यह सीनिकल फिल्म है ?
मैं कोई बहुत सीनिकल आदमी नहीं हूँ। लेकिन, मुझे सीनिकल फ़िल्में करना पसंद है। लेकिन, यह फिल्म वैसी नहीं है, जैसी की सोची जा रही है। यह बिलकुल अलग प्रकार की फिल्म है। मैंने सोचा कि इस फिल्म को करने में मज़ा आएगा।
आपने बहुत सी एक्शन फ़िल्में की हैं। इस फिल्म में कितना एक्शन है ?
मैंने थर्टीज में बहुत सी एक्शन फ़िल्में की है। मैं किसी को घूंसे मार मार कर गिरा देता था और अपने रास्ते चल देता था। लेकिन अब वह समय नहीं रहा। अब तो मैं घूंसे खा कर ज़मीन पर गिर सकता हूँ।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
वॉर ऑफ़ द प्लेनेट ऑफ़ द एप्स
२०१४ की हिट 'डॉन ऑफ़ द प्लेनेट ऑफ़ द एप्स' की सीक्वल फिल्म का नामकरण कर दिया गया है। मैट रीव्स द्वारा ही निर्देशित इस फिल्म का नाम 'वॉर ऑफ़ द प्लेनेट ऑफ़ द एप्स' रखा गया है। पिछले साल ११ जुलाई को रिलीज़ 'डॉन ऑफ़ द प्लेनेट ऑफ़ द एप्स' ने ७०८.८ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया था। २०१४ की एप्स फिल्म के निर्माण में १७० करोड़ की लागत आई थी। वॉर ऑफ़ द प्लेनेट ऑफ़ द एप्स १४ जुलाई २०१७ को रिलीज़ होगी। इस फिल्म का निर्देशन मैट रीव्स ही कर रहे हैं। 'वॉर ऑफ़ द प्लेनेट ऑफ़ द एप्स' टाइटल २०१४ की फिल्म में एप्स करैक्टर सीज़र के आखिरी संवाद "वॉर हैज.… ऑलरेडी बेगन। एप्स स्टार्टेड वॉर। एंड ह्यूमन…ह्यूमन विल नोट फॉरगिव" से लिया गया है। ज़ाहिर है कि पहली दो फिल्मों से कही ज़्यादा भव्य और खर्चीली फिल्म होगी 'वॉर ऑफ़ द प्लेनेट ऑफ़ द एप्स' । ह्यूमन और एप्स के बीच का युद्ध क्या रंग लाता है! क्या सीज़र के वानर यानि एप्स डोमिनेट करेंगे या फिर एक बार फिर पृथ्वी पर मानव का दबदबा स्थापित हो जायेगा ? क्या होगा.... बोलते वानरों को एक बार फिर देखना ज़रूर यादगार होगा। इसका ख्याल 'वॉर ऑफ़ द प्लेनेट ऑफ़ द एप्स' की कथा -पटकथा लिखते समय मार्क बॉम्बक के साथ खुद मैट रीव्स भी रखेंगे।
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क्या 'बजरंगी भाईजान' को प्रमोट करना चाहेंगे सलमान खान ?
सलमान खान और करीना कपूर के साथ अन्य आर्टिस्ट द्वारा कबीर खान की फ़िल्म 'बजरंगी भाईजान' का कश्मीर शिड्यूल ख़त्म करने के साथ ही 'बजरंगी भाईजान' १६ जुलाई को ईद वीकेंड पर रिलीज़ होने के लिए पोस्ट प्रोडक्शन के लिए चली जाएगी। अगले महीने से 'बजरंगी भाईजान' की पब्लिसिटी भी शुरू हो जाएगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि सलमान खान 'बजरंगी भाईजान' की पब्लिसिटी के लिए कितना नज़र आ पाते हैं। यह सवाल इस लिए तो खड़ा हो ही रहा है कि सलमान खान का जोधपुर अदालत वाला केस अभी टला नहीं है। जून में इसकी सुनवाई होने वाली है। इस केस में सज़ा हुई तो....! यह बड़ा सवाल तो है ही कि क्या फिर राजस्थान हाई कोर्ट से भी उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट वाला फैसला मिल पायेगा। लेकिन, एक बात और है। सब कुछ सलमान खान के अनुरूप रहा तो भी सलमान खान के 'बजरंगी भाईजान' की पब्लिसिटी में लोचा है। क्या सलमान खान खुद 'बजरंगी भाईजान' का प्रमोशन करना चाहेंगे ? सलमान खान को मुंबई सेशन कोर्ट द्वारा सज़ा और उसके तुरंत बाद बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा ज़मानत दिए जाने का मामला विवादित और चर्चित है। इस मामले और जोधपुर मामले को लेकर सवाल जवाब हो सकते हैं। इस सवालों के कारण और सलमान खान के पब्लिसिटी में सक्रिय मौजूदगी के कारण फोकस फिल्म से हट कर पूरी तरह से सलमान खान बन जायेंगे। इसके अलावा सवालों के कारण अगर सलमान खान अपना टेम्पर लूज़ कर गए, जैसा कि उनके साथ अमूमन होता आया है, तो फिल्म को बैड पब्लिसिटी मिलेगी। यह फिल्म के लिए घातक होगा। फिल्म के साथ सलमान खान का नाम शिद्दत से जुड़ा हुआ है। अगर वह फिल्म का प्रचार नहीं भी कर रहे होंगे तो भी फिल्म सलमान खान की मानी जाएगी। प्रचार के दौरान सलमान खान की सज़ा पर पूछे गए सवाल सलमान की गैर मौजूदगी में टाल दिए जायेंगे। इससे फिल्म बैड पब्लिसिटी से बच जाएगी। जहाँ तक फिल्म की ओपनिंग का सवाल है, सलमान खान फिल्म की पब्लिसिटी करे या नहीं भाई की फिल्म 'बजरंगी भाईजान' ज़बरदस्त ओपनिंग तो लेने ही जा रही है।
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साई-फाई फिल्म 'कोलोसल'
अभिनेत्री ऐनी हैथवे एक बार फिर साईं फाई फिल्म कर रही हैं। उन्होंने पिछले साल ही साईंफाई फिल्म 'इंटरस्टेलर' में ब्रांड की भूमिका की थी। अब वह नाचो विगलॉन्डो के निर्देशन में 'कोलोसल' में ऐनी ग्लोरिया का किरदार कर रही हैं, जो खुद को बड़ी छिपकली से जुड़ा महसूस करती हैं। ग्लोरिया एक तलाक़शुदा महिला है। न्यूयॉर्क में नौकरी छूट जाने के बाद ग्लोरिया वापस अपने शहर आ जाती है। उसी समय उसे खबर मिलाती है कि एक दैत्याकार छिपकली ने टोक्यो पर हमला कर दिया है। यह खबर सुन कर ग्लोरिया महसूस करती है कि वह किसी न किसी प्रकार से उस छिपकली से जुड़ी हुई है। कोलोसल में ऐनी हैथवे के आ जाने के बाद से निर्देशक नाचो बेहद खुश हैं। वह कहते हैं, "ऐनी के साथ इतनी जुझारू टीम पाना मेरी कल्पना से भी बाहर की बात है।" दिलचस्प तथ्य यह है कि 'कोलोसल' की निर्माता कंपनी वोल्टेज पिक्चर्स फिल्म को कांन्स फिल्म फेस्टिवल में बेचने में बिजी है। इसलिए 'कोलोसल' की रिलीज़ की तारीख अभी तय नहीं हो पाई है।
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मैक्सिम कवर से फ्यूरियस ७ तक रोंडा रोसी
अमेरिका की मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट और जुडोका रोंडा रॉसी को पहली बार मैक्सिम मैगज़ीन के कवर पर छप कर शोहरत मिली। अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप में महिला वर्ग में बेंटमवेट चैंपियन रोंडा रॉसी को पहली बार सीलवेस्टर स्टेलोन की फिल्म 'द एक्सपेंडब्ल्स ३' में एक नाईट क्लब की बाउंसर लूना की भूमिका में शक्ति प्रदर्शन करते देखा गया। रोंडा की यह भूमिका उनके पेशे के अनुरूप थी। इस साल इंडियन बॉक्स ऑफिस पर १०० करोड़ कमाने वाली पहली हॉलीवुड फिल्म 'फ्यूरियस ७' में वह एक बार फिर अपने शारीरिक बल का प्रदर्शन कर रही थी। इस फिल्म में वह अबु धाबी के अरबपति की बॉडीगार्ड बनी थी। इस प्रकार के रोल रोंडा के व्यक्तित्व के अनुरूप हैं। वह इस साल एक बार फिर फिल्म 'एनटुरेज़' में खुद की भूमिका में होंगी। ब्राड थॉर के उपन्यास पर आधारित फिल्म 'एथेना प्रोजेक्ट' के लिए भी उन्हें साइन किया गया है। इस फिल्म में रोंडा काउंटर टेररिज्म टीम की सदस्य बनी हैं।
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Friday, 15 May 2015
बैंकाक में होगा इंडियन प्रिंसेस का ग्रांड फिनाले
इंडियन प्रिंसेस २०१५ अपने छठें संस्करण में और भी भव्य स्तर पर होने जा रहा है। भारत के साथ दुनिया के कई देशो से प्रतिभागी इंडियन प्रिंसेस २०१५ के आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित हैं। इंडियन प्रिंसेस ने पूरी दुनिया में एक अलग सौंदर्य प्रतियोगिता के तौर पर पहचान बनायीं हैं। इंडियन प्रिंसेस २०१५ की शुरुवात हो गयी है और प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले २४ मई को बैंकॉक में आयोजित किया जाएगा। इंडियन प्रिंसेस का आयोजन श्री सुनील राणे ( अथर्वा ग्रुप ) द्वारा किया जाता है। ग्रैंड फिनाले से पहले आयोजक , फैशन डिजाइनर्स और प्रतिभागीयो ने मुंबई में आयोजित प्रेस वार्ता में मिडिया से बात की। इस अवसर पर श्री सुनील राणे ( अथर्वा ग्रुप ) , वर्षा राणे ( वाइस प्रेसिडेन्स इंडियन प्रिंसेस ) अर्चना कोचर ( फैशन डिजायनर , मुंबई ), रामोंन लाम्बा ( सीईओ इंडियन प्रिंसेस ) आरती मेहता और मनोज मेहरा ( फैशन डिज़ाइनर दिल्ली ), शिखा बिरला ( चेयरमैन एयर शगुन ), चांदनी शर्मा ( विनर इंडियन प्रिंसेस २०१४ ), नदीन माखनलाल ( विनर इंडियन प्रिंसेस इंटरनेशनल २०१४ ) उपस्थित थे अथर्वा समूह द्वारा आयोजित इंडियन प्रिंसेस का आयोजन का मुख्य उद्देश्य देश पर अपना सर्वस्व बलिदान करनेवाले सैनिको के सम्मान के साथ ही देश के दूर दराज क्षेत्रो में कन्या शिक्षा को बढ़ाना है। अथर्वा समूह महाराष्ट्र के कई गाँव में कन्याओ के शिक्षा के विभिन्न शैक्षणिक कार्यकर्मो का आयोजन नियमित करता रहता है।
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्या सलमान खान दूसरे संजय दत्त साबित होंगे !
बॉम्बे हाई कोर्ट से ज़मानत पाने के बाद सलमान खान ने जो पहला काम किया वह कश्मीर वापस लौट कर इंतज़ार कर रही 'बजरंगी भाईजान' की नायिका करीना कपूर के साथ एक डुएट शूट किया । इस डुएट के पूरा होने के साथ ही सलमान खान की इस साल की ईद रिलीज़ फिल्म 'बजरंगी भाईजान' की शूटिंग पूरी हो गई । इसके बाद सलमान खान, सूरज बड़जात्या की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायों' की शूटिंग में जुट जायेंगे। इस फिल्म की भी केवल ३० प्रतिशत शूटिंग ही बाकी है। सलमान खान को 'प्रेम रतन धन पायो' के लिए नॉन-स्टॉप शूट करना होगा । सलमान खान ने अभी अपने फ्यूचर प्रोजेक्ट्स को डेट्स नहीं दी हैं। यह उनकी मज़बूरी है क्योंकि, १ जून को उन्हें जोधपुर जाना हैं, जहाँ उन पर ब्लैक बक के शिकार और अवैध हथियार रखने के मामले में सुनवाई होनी है। सलमान खान की आगे की फ़िल्में जोधपुर कोर्ट के निर्णय पर काफी निर्भर करेंगी। सलमान खान, आदित्य पंचोली और ज़रीना वहाब के बेटे सूरज पंचोली की डेब्यू फिल्म 'हीरो' के प्रोडूसर हैं। सलमान खान ने इस फिल्म का एक गीत अपनी आवाज़ में गाया है। यह फिल्म ३ जुलाई को रिलीज़ होनी है। इस फिल्म का प्रमोशन खुद सलमान खान करेंगे। इस लिहाज़ से, सलमान खान की ज़िन्दगी फिर पटरी पर आ गई लगती है। लेकिन, सलमान खान का ब्रांड खतरे में लगता है।
सलमान खान हिट एंड रन केस में बॉम्बे हाई कोर्ट से बेशक ज़मानत पा चुके हैं। लेकिन, वह अब सज़ायाफ्ता है। जेल का भय उन्हें आजीवन सताता रहेगा, जब तक वह छूट नहीं जाते। इसके अलावा सलमान खान १९९८ के काले हिरन के शिकार और अवैध हथियार रखने के मामले में भी फंसे हैं। दो मामलों में उन्हें सज़ा भी हो चुकी है। एक मामले में पांच साल की और दूसरे मामले में एक साल की। यह सज़ाएँ उन्हें भुगतनी होंगी, अगर ऊपरी अदालतों से उन्हें कोई रिलीफ नहीं मिली। यह सज़ाएं अलग मामले में और अलग अदालतों से मिली हैं। इसलिए जोधपुर कोर्ट से सज़ा को मुंबई कोर्ट की सज़ा से टैग नहीं किया जा सकता। ऐसे में पांच साल बाद सलमान खान को फिर जेल जाना पड़ सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि वह जब तक अपने गुनाहों की सज़ा भुगत कर जेल से बाहर निकलेंगे साठ के हो चुके होंगे। बॉलीवुड में साठा पाठा नहीं होता। उसे करैक्टर रोल ही मिलते हैं। तब तक यह खान भी दबंग कहाँ रहेगा !
सलमान खान को थर्टी प्लस में की गई अपनी दबंगई का सिला फोर्टी प्लस में भोगना पड़ रहा है। ऊपरी अदालतों से अपील के बाद वह फिफ्टी प्लस के हो चुके होंगे। ऐसे में इन सज़ाओं के साथ ही सलमान खान की ब्रांड वैल्यू ख़त्म हो जाएगी। हालाँकि, उनके एनजीओ 'बीइंग ह्यूमन' के प्रोडक्ट की बिक्री में ३० प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है। सलमान खान इस समय सुजुकी मोटरसाइकिल्स, थम्स अप, व्हील, पीएल गाडगिल जेवेलर्स, एस्ट्रल पाइप्स, रेविअल, डिग्सी स्कॉट, यात्रा डॉट कॉम, रेलक्सो हवाई चप्पल, रोटोमक पेन और एसएफएस सोनिक बैटरीज जैसे दर्ज़न भर ब्रांड कर रहे हैं। सलमान खान प्रत्येक इंडोर्समेंट के लिए १० करोड़ लेते हैं। आईपीएल में थम्स अप जैसे विज्ञापन सलमान खान की ब्रांड वैल्यू के औंधे मुंह गिरने के गवाह बनेंगे । इस समय सलमान खान की ब्रांड वैल्यू १००० करोड़ के आसपास की है। इस पर सीधा असर पड़ेगा। यह ब्रांड किसी दूसरे को अपना एम्बेसडर चुन सकते हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट से ज़मानत के बाद सलमान खान के लिए बजरंगी भाईजान पूरी करना आसान होगा। लेकिन, सूरज बड़जात्या की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' के साथ सब कुछ इतना आसान नहीं होगा। इस फिल्म का पिछला शिड्यूल जोधपुर में ही हुआ था। लेकिन, अभी सलमान खान का काफी काम बाकी है। इसलिए प्रेम रतन धन पायो के दिवाली में रिलीज़ होने की संभावना पर जोधपुर की अदालत का खतरा मंडरा रहा है । सलमान खान के पास की दो अन्य फ़िल्में 'नो एंट्री में एंट्री', 'शुद्धि' और 'सुलतान' का सलमान खान के साथ बनना मुश्किल लग रहा है। हालाँकि, यह माना जा रहा था कि यह फ़िल्में रिलीज़ होने के बाद १००-१५० करोड़ का बिज़नेस तो कर ही ले जाएंगी। ऐसे में हो सकता है कि विपरीत निर्णय की दशा में सलमान खान की जगह कोई दूसरा एक्टर ले लिया जाये या फिर यह प्रोजेक्ट ही बंद कर दिए जाएँ। फिल्म इंडस्ट्री के तीन खान आमिर खान और शाहरुख़ खान के बाद तीसरे सलमान खान ही हैं। इन तीन खानो की फ़िल्में इंडस्ट्री को हर साल ३० प्रतिशत कमाई करवाती हैं। इन तीनों खानों में बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज़्यादा विश्वसनीय सलमान खान ही हैं। उन्हें ३००-५०० करोड़ का खान माना जाता है। सलमान खान के जेल जाने का मतलब इंडस्ट्री को सीधे सीधे ५०० करोड़ का नुक्सान।
जिस हिट एंड रन केस में सलमान खान को पांच साल की सज़ा हुई है, वह २००२ का है। यानि उस समय, इस समय ४९ साल के सलमान खान ३५ साल के थे। काले हिरन का शिकार मामला पांच साल ज़्यादा पुराना है। यानि सलमान खान उस समय ३० के थे। सलमान खान को थर्टी प्लस में किये गए अपने गुनाहों का खामियाज़ा फिफ्टी प्लस में भोगना पड़ेगा। अपने दोनों ही मामलों को इतना लम्बा खिंचवाने के लिए खुद सलमान खान ज़िम्मेदार हैं। बार बार तारीखें लेने की चालबाज़ी और वकीलों की मामले को खीचने की व्यूह रचना सलमान खान को अब भारी पड़ने जा रही है। उन्होंने अपने मामलों को न केवल १३-१८ साल तक खींचा बल्कि, हिट एंड रन केस में आखिरी मौके पर अपने ड्राइवर को पेश कर यह साबित कर दिया कि वह कानून के साथ खेल करने में माहिर हैं। लेकिन, बुरे काम का बुरा नतीजा।
बहरहाल, अब सब कुछ ऊपर की अदालतों पर निर्भर करेगा। लेकिन, संभावित सज़ा का भय सलमान खान के साथ उनकी फिल्म के प्रोडूसर्स और ब्रांड की कंपनियों को सताता रहेगा। क्योंकि, सलमान खान सज़ा के बाद जब जेल से निकलेंगे तो ख़त्म हो चुके होंगे, ठीक संजय दत्त की तरह। उनकी ब्रांड वैल्यू तहस नहस हो चुकी होगी। सलमान का करियर इस समय टॉप पर है । उन्हें लेकर यशराज फिल्म्स, बोनी कपूर फिल्म्स, साजिद नाडियाडवाला, आदि बैनर बड़े बजट की फ़िल्में बना रहे थे। तमाम बड़े ब्रांड उनके पीछे खड़े थे। सलमान खान सज़ा के बाद जब जेल से निकलेंगे तो उम्र के पाताल पर होंगे। उम्र और जेल की चहारदीवारी उन्हें ख़त्म कर चुकी होगी। उस समय लोग सलमान खान को 'एक था टाइगर' कह कर ही पुकारेंगे। आगे आगे देखिये होता है क्या !
राजेंद्र प्रसाद कांडपाल
सलमान खान हिट एंड रन केस में बॉम्बे हाई कोर्ट से बेशक ज़मानत पा चुके हैं। लेकिन, वह अब सज़ायाफ्ता है। जेल का भय उन्हें आजीवन सताता रहेगा, जब तक वह छूट नहीं जाते। इसके अलावा सलमान खान १९९८ के काले हिरन के शिकार और अवैध हथियार रखने के मामले में भी फंसे हैं। दो मामलों में उन्हें सज़ा भी हो चुकी है। एक मामले में पांच साल की और दूसरे मामले में एक साल की। यह सज़ाएँ उन्हें भुगतनी होंगी, अगर ऊपरी अदालतों से उन्हें कोई रिलीफ नहीं मिली। यह सज़ाएं अलग मामले में और अलग अदालतों से मिली हैं। इसलिए जोधपुर कोर्ट से सज़ा को मुंबई कोर्ट की सज़ा से टैग नहीं किया जा सकता। ऐसे में पांच साल बाद सलमान खान को फिर जेल जाना पड़ सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि वह जब तक अपने गुनाहों की सज़ा भुगत कर जेल से बाहर निकलेंगे साठ के हो चुके होंगे। बॉलीवुड में साठा पाठा नहीं होता। उसे करैक्टर रोल ही मिलते हैं। तब तक यह खान भी दबंग कहाँ रहेगा !
सलमान खान को थर्टी प्लस में की गई अपनी दबंगई का सिला फोर्टी प्लस में भोगना पड़ रहा है। ऊपरी अदालतों से अपील के बाद वह फिफ्टी प्लस के हो चुके होंगे। ऐसे में इन सज़ाओं के साथ ही सलमान खान की ब्रांड वैल्यू ख़त्म हो जाएगी। हालाँकि, उनके एनजीओ 'बीइंग ह्यूमन' के प्रोडक्ट की बिक्री में ३० प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है। सलमान खान इस समय सुजुकी मोटरसाइकिल्स, थम्स अप, व्हील, पीएल गाडगिल जेवेलर्स, एस्ट्रल पाइप्स, रेविअल, डिग्सी स्कॉट, यात्रा डॉट कॉम, रेलक्सो हवाई चप्पल, रोटोमक पेन और एसएफएस सोनिक बैटरीज जैसे दर्ज़न भर ब्रांड कर रहे हैं। सलमान खान प्रत्येक इंडोर्समेंट के लिए १० करोड़ लेते हैं। आईपीएल में थम्स अप जैसे विज्ञापन सलमान खान की ब्रांड वैल्यू के औंधे मुंह गिरने के गवाह बनेंगे । इस समय सलमान खान की ब्रांड वैल्यू १००० करोड़ के आसपास की है। इस पर सीधा असर पड़ेगा। यह ब्रांड किसी दूसरे को अपना एम्बेसडर चुन सकते हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट से ज़मानत के बाद सलमान खान के लिए बजरंगी भाईजान पूरी करना आसान होगा। लेकिन, सूरज बड़जात्या की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' के साथ सब कुछ इतना आसान नहीं होगा। इस फिल्म का पिछला शिड्यूल जोधपुर में ही हुआ था। लेकिन, अभी सलमान खान का काफी काम बाकी है। इसलिए प्रेम रतन धन पायो के दिवाली में रिलीज़ होने की संभावना पर जोधपुर की अदालत का खतरा मंडरा रहा है । सलमान खान के पास की दो अन्य फ़िल्में 'नो एंट्री में एंट्री', 'शुद्धि' और 'सुलतान' का सलमान खान के साथ बनना मुश्किल लग रहा है। हालाँकि, यह माना जा रहा था कि यह फ़िल्में रिलीज़ होने के बाद १००-१५० करोड़ का बिज़नेस तो कर ही ले जाएंगी। ऐसे में हो सकता है कि विपरीत निर्णय की दशा में सलमान खान की जगह कोई दूसरा एक्टर ले लिया जाये या फिर यह प्रोजेक्ट ही बंद कर दिए जाएँ। फिल्म इंडस्ट्री के तीन खान आमिर खान और शाहरुख़ खान के बाद तीसरे सलमान खान ही हैं। इन तीन खानो की फ़िल्में इंडस्ट्री को हर साल ३० प्रतिशत कमाई करवाती हैं। इन तीनों खानों में बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज़्यादा विश्वसनीय सलमान खान ही हैं। उन्हें ३००-५०० करोड़ का खान माना जाता है। सलमान खान के जेल जाने का मतलब इंडस्ट्री को सीधे सीधे ५०० करोड़ का नुक्सान।
जिस हिट एंड रन केस में सलमान खान को पांच साल की सज़ा हुई है, वह २००२ का है। यानि उस समय, इस समय ४९ साल के सलमान खान ३५ साल के थे। काले हिरन का शिकार मामला पांच साल ज़्यादा पुराना है। यानि सलमान खान उस समय ३० के थे। सलमान खान को थर्टी प्लस में किये गए अपने गुनाहों का खामियाज़ा फिफ्टी प्लस में भोगना पड़ेगा। अपने दोनों ही मामलों को इतना लम्बा खिंचवाने के लिए खुद सलमान खान ज़िम्मेदार हैं। बार बार तारीखें लेने की चालबाज़ी और वकीलों की मामले को खीचने की व्यूह रचना सलमान खान को अब भारी पड़ने जा रही है। उन्होंने अपने मामलों को न केवल १३-१८ साल तक खींचा बल्कि, हिट एंड रन केस में आखिरी मौके पर अपने ड्राइवर को पेश कर यह साबित कर दिया कि वह कानून के साथ खेल करने में माहिर हैं। लेकिन, बुरे काम का बुरा नतीजा।
बहरहाल, अब सब कुछ ऊपर की अदालतों पर निर्भर करेगा। लेकिन, संभावित सज़ा का भय सलमान खान के साथ उनकी फिल्म के प्रोडूसर्स और ब्रांड की कंपनियों को सताता रहेगा। क्योंकि, सलमान खान सज़ा के बाद जब जेल से निकलेंगे तो ख़त्म हो चुके होंगे, ठीक संजय दत्त की तरह। उनकी ब्रांड वैल्यू तहस नहस हो चुकी होगी। सलमान का करियर इस समय टॉप पर है । उन्हें लेकर यशराज फिल्म्स, बोनी कपूर फिल्म्स, साजिद नाडियाडवाला, आदि बैनर बड़े बजट की फ़िल्में बना रहे थे। तमाम बड़े ब्रांड उनके पीछे खड़े थे। सलमान खान सज़ा के बाद जब जेल से निकलेंगे तो उम्र के पाताल पर होंगे। उम्र और जेल की चहारदीवारी उन्हें ख़त्म कर चुकी होगी। उस समय लोग सलमान खान को 'एक था टाइगर' कह कर ही पुकारेंगे। आगे आगे देखिये होता है क्या !
राजेंद्र प्रसाद कांडपाल
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मखमल में पैबंद की तरह 'बॉम्बे वेल्वेट'
अगर 'ऑथेन्टिसिटी' की बात करें तो फिल्म इज़ ग्रेट। सिक्सटीज का बॉम्बे परदे पर ला दिया अनुराग ने।
अगर फोटोग्राफी की बात करे तो सिनेमेटोग्राफर राजीव रवि ने कमाल कर दिया है।
अगर आर्ट डायरेक्शन, सेट डेकोरेशन, कॉस्ट्यूम, मेकअप, स्पेशल इफेक्ट्स और विसुअल इफेक्ट्स की बात करें तो सब कमाल ही कमाल।
अगर स्टोरी की बात करें तो फिल्म अमिताभ बच्चन की सत्तर के दशक की फिल्मों और गुरु दत्त की पुरानी फिल्म की याद दिलाती है।
अगर अभिनेता रणबीर कपूर की बात करें तो गैंगस्टर फ़िल्में करके अमिताभ बच्चन सुपर स्टार बन गए, रणबीर कपूर का दर्ज़ा भी कुछ गज़ ऊपर हो जायेगा।
अगर अनुष्का शर्मा की बात की जाए तो वह दूसरी हुमा कुरैशी साबित होती है। शाहरुख़ खान और आमिर खान के साथ रोल कर चुकी अनुष्का शर्मा के लिए यह 'गन्दी बात' है।
अगर करण जौहर की बात की जाये तो वह अच्छे विलेन साबित हो सकते हैं अगर उन्हें इसी प्रकार की के एन सिंह टाइप की फ़िल्में मिल जाए। क्योंकि लाउड विलेन में तो उनकी आवाज़ ही फट जाएगी।
अगर मनीष चौधरी की बात जाये तो उन्होंने जिमी मिस्त्री को क्या कंट्रोल्ड प्ले किया है।
अगर सत्यदीप मिश्रा की बात की जाये तो उनका चिमन कमाल करता है। लगे रहो चिमन भाई।
अगर अमित त्रिवेदी की बात की जाये तो पुराना म्यूजिक नया बनाये रहो भैया। अगर अनुराग भैया आगे फिल्म बना सके तो आपकी दूकान चलती रहेगी।
अगर कहानी की बात की जाए तो 'बॉम्बे वेलवेट' ज्ञानप्रकाश के उपन्यास 'मुंबई फैबल्स' पर आधारित है। ज्ञानप्रकाश १९५२ की पैदाइश हैं यानि आज़ादी के पांच साल बाद के पैदा हैं ज्ञानप्रकाश । जबकि उनका उपन्यास आज़ादी के दो साल बाद के बॉम्बे पर है और पुर्तगाल शासित गोवा की। उन्होंने आपने उपन्यास में जो लिखा वह सब पढ़ा हुआ और सुना हुआ ही है। क्योंकि, उन्होंने १९७३ में दिल्ली से डिग्री पाई है। इसीलिए उनकी कहानी में १९७५ में निर्देशित यश चोपड़ा की फिल्म 'दीवार' का अमिताभ बच्चन और परवीन बाबी का रोमांस नज़र आता है।
अगर बॉक्स ऑफिस की बात की जाये तो इतने पुरानेपन वाली फिल्म कौन ससुरा देखने जायेगा। फिर फिल्म में अनुष्का शर्मा के गर्मागर्म चुम्बन और सेक्स सींस गायब है। इसलिए अब तक अपनी फिल्मों में अपने चरित्रों की फाड़ते आ रहे अनुराग कश्यप की भी फटने जा रही है। अस्सी करोड़ तो गए पानी में।
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फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कान में लांच होगा जज़्बा का ट्रेलर
एस्सेल विज़न के आकाश चावला और डायरेक्टर संजय गुप्ता के साथ ऐश्वर्या राय बच्चन ६८ वें कान फिल्म महोत्सव में संयुक्त राष्ट्र पैनल डिस्कशन के दौरान अपनी इस साल की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'जज़्बा' का एक्सक्लूसिव ट्रेलर लांच करेंगी । मीडिया में महिलाओं की भूमिका पर एक डिस्कशन भी १६ मई को होने जा रहा है। एक्ट्रेस सलमा हायक, फिल्म ब्लू इज़ द वार्मेस्ट कलर की पाम डि'ओर सम्मान विजेता अभिनेत्री एडिला एक्सार्कोपोलोस और आगामी फिल्म कैरोल के निर्माता क्रिस्टीन वशोना और एलिज़ाबेथ कुशेल समेत कई एलिट पैनलिस्ट के साथ ऐश्वर्या राय बच्चन लिंग समानता और मीडिया में महिलाओं की भूमिका पर अपने विचार पेश करेंगी । आकाश चावला जज़्बा के बारे में बताते हैं, "ज़्यादातर फिल्मो में किसी पुरुष को ही हीरो दिखाया जाता है। लेकिन, इस फिल्म में तीनों ही कलाकार ऐश्वर्या, शबाना और इरफ़ान की भूमिका महत्वपूर्ण हैं। यही तीनों चरित्र कहानी को आगे बढ़ाते हैं। इन तीनों को ही कान महोत्सव जैसे प्रतिष्ठित कार्यक्रम में प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति रही है। ऐसे में एक ही छत के नीचे अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से मुखातिब होना शानदार मौका है।" जज़्बा का निर्माण एस्सेल विज़न, वाइट फेदर फिल्म्स और वाइकिंगस एंटरटेनमेंट मिल कर कर रहे हैं। यह फिल्म ९ अक्टूबर २०१५ को दुनिया भर में रिलीज़ होगी। इस फिल्म को कमलेश पाण्डेय और रोबिन भट्ट ने लिखा है. सिनेमेटोग्राफी समीर आर्य की है। एडिटिंग बंटी नेगी डिजाइनिंग रसूल पोकुट्टी ने किया है। मीडिया के अंतर्राष्ट्रीय सदस्यों के सामने जज़्बा का ६ मिनट का एक स्पेशल कट भी प्रदर्शित किया जायेगा।
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फिल्म फेस्टिवल
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday, 13 May 2015
कॉमिक बुक सीरीज पर एक और फिल्म
फ्रेंच फिल्म निर्देशक लुच बेसों भी उन हॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर्स की फेहरिस्त में आ गए हैं, जो अपने नए प्रोजेक्ट्स का ऐलान सोशल मीडिया के ज़रिये किया करते हैं। लुच ने ट्विटर में पोस्ट कर 'वेलेरियन एंड द सिटी ऑफ़ अ थाउजेंड प्लैनेट्स' बनाने का ऐलान किया। यह फिल्म राइटर पिअर क्रिस्टीन और आर्टिस्ट जीन-क्लॉड मेजिएर्स की कॉमिक बुक सीरीज वेलेरियन एंड लॉरेलिन पर आधारित है। 'वेलेरियन एंड द सिटी ऑफ़ अ थाउजेंड प्लैनेट्स' के राइटर-डायरेक्टर लुच बेसों ही हैं। फिल्म के हीरो 'द अमेजिंग स्पाइडर-मैन २' में ग्रीन गोब्लिन का किरदार करने वाले अभिनेता डेन डेहान एक एजेंट वेलेरियन बने हैं जो टाइम और स्पेस में यात्रा करता रहता है। फिल्म में साथी एजेंट लॉरेलिन की भूमिका इंग्लिश मॉडल और एक्ट्रेस सारा डेलेविंग्ने कर रही हैं। यह फिल्म २८ वी सदी की दुनिया को उसके पडोसी नक्षत्रों से खतरों की कहानी हैं। कॉमिक बुक वेलेरियन एंड लॉरेलिन पहली बार १९६७ में प्रकाशित हुई थी। इस कॉमिक का कांसेप्ट स्टार वार्स और 'द फिफ्थ एलिमेंट' से प्रभावित लगता था। फिल्म के सब टाइटल से साफ़ है कि बेसन की फिल्म फ्रेंच कॉमिक बुक के दूसरे वॉल्यूम 'द एम्पायर ऑफ़ अ थाउजेंड प्लैनेट्स' पर बनायी जा रही है। इस सीरीज के वॉल्यूम को जितनी सफलता मिली है, उसे देखते हुए कोई शक नहीं अगर 'वेलेरियन' फ्रैंचाइज़ी' बन जाए। यह फिल्म २०१७ में रिलीज़ होगी ।
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Hollywood
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क्या प्रियंका चोपड़ा 'क्वांटिको' की मुख्य नायिका है ?
'क्वांटिको' कहानी है एफबीआई के नए रिक्रूट की, जो क्वांटिको, वर्जिनिया में इस संस्था में अपनी जगह बनाने के लिए कठिन ट्रेनिंग ले रहे हैं। सीरीज में कई कट्स और इंटरकट्स हैं। एफबीआई रेक्रुइट्स के अतीत का चित्रण है कि रिक्रूट ट्रेनिंग में आने से पहले क्या था। वह कैसे ट्रेनिंग ले रहा है, इसका भी चित्रण है। निकट भविष्य की कुछ झलकियाँ भी हैं। क्वांटिको में ट्रेनिंग ले रहे एफबीआई के पांच अन्य रेक्रुइट्स के साथ प्रियंका चोपड़ा का अलेक्स वीवर का करैक्टर भी है। यह किरदार कोकेशियान और इंडियन महिला का है। जैसा कि कहानी से साफ़ है कि हर रिक्रूट का वर्तमान के साथ साथ अतीत और निकट भविष्य भी सीरियल मे है। यानि सभी करैक्टर ख़ास है। लेकिन, प्रियंका चोपड़ा का करैक्टर इन सब में ख़ास हैं, कहना मुश्किल है। इस शो का एक करैक्टर मिरांडा शॉ का है। मिरांडा क्वांटिको की डायरेक्टर है। वह एक टफ महिला है। उसने अपनी यह जगह कड़ी मेहनत और कठिन प्रतिस्पर्द्धा के बाद पाई है। मिरांडा शॉ के किरदार को अभिनेत्री औंजनुए एलिस कर रही हैं। वह मशहूर फिल्म और टीवी अभिनेत्री हैं। उन्हें सक्षम अभिनेत्री के रूप में जाना जाता है। ऐसे में प्रियंका चोपड़ा का करैक्टर ज़्यादा ख़ास होने का सवाल ही नहीं उठता है। हाँ, इस शो के कथानक में अहम मोड़ तब आता है, जब एक रिक्रूट ९/११ के हमलों के बाद अमेरिका पर घातक हमला करने के लिए तैयार आतंकवादी संगठन का स्लीपर एजेंट साबित होता है। क्या प्रियंका चोपड़ा का किरदार स्लीपर एजेंट का है? फिलहाल इसे पुख्ता नहीं कहा जा सकता।
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मैड मैक्स की चाहत ४० मिलियन डॉलर !
मैड मैक्स : फ्यूरी रोड के टॉम हार्डी की चाहत है बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का ४० मिलियन डॉलर का वीकेंड। १९७९ में रिलीज़ मेल गिब्सन की ऑस्ट्रेलियाई फिल्म 'मैड मैक्स' की चौथी कड़ी १५ मई को रिलीज़ होने जा रही है। इस फ़िल्म के मैक्स अभिनेता टॉम हार्डी बने हैं। मैड मैक्स फ्यूरी रोड १५० मिलियन डॉलर के बजट से बनी है। वार्नर ब्रदर्स को फिल्म को ब्रेक इवन में लाना है तो 'मैड मैक्स' को पहले वीकेंड में ४० मिलियन डॉलर कमाने होंगे। एक पॉपुलर फ्रैंचाइज़ी की फिल्म के लिए यह मुश्किल टारगेट नहीं होना चाहिए। लेकिन, टॉम हार्डी और उनके निर्देशक जॉर्ज मिलर को टारगेट कठिन नज़र आ रहा है। फिल्म के सामने यूनिवर्सल की कॉमेडी फिल्म 'पिच परफेक्ट २' खड़ी है। मैड मैक्स फ्यूरी रोड जहाँ ३५००+ प्रिंट्स में रिलीज़ हो रही है। वही एलिज़ाबेथ बैंक्स की फिल्म 'पिच परफेक्ट २' भी ३४००+ प्रिंट्स में रिलीज़ हो रही है। पूरी दुनिया के दर्शकों ने पिच परफेक्ट सीरीज की पहली दो फिल्मों को पसंद किया है। इस फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन का प्रमाण पत्र हासिल हुआ है। जबकि, मैड मैक्स फ्यूरी रोड को आर रेटिंग दी गई है। यानि इसके दर्शक बालिग़ ही होंगे। तीसरा बड़ा कारण यह है कि दो हफ्ते पहले रिलीज़ सुपर हीरोज फिल्म 'अवेंजर्स :एज ऑफ़ अल्ट्रान' अभी भी बहुत बढ़िया बिज़नेस कर रही है। इस लिहाज़ से, जब एक एक्शन फिल्म अच्छा कर रही हो तो दूसरी एक्शन फिल्म के लिए जोखिम होता ही है। इसलिए, टॉम हार्डी के साथ चार्लीज थेरॉन और निकोलस हॉल्ट की इस एक्शन फिल्म को अपने शानदार, जानदार और खतरनाक एक्शन दृश्यों पर भरोसा करना ही होगा। वीरवार की रात मैड मैक्स फ्यूरी रोड का प्रीमियर होगा। उम्मीद की जाती है कि रात के बाद फिल्म को अच्छे रिव्यु और दर्शकों को पसंद मिलेगी। तब वार्नर ब्रदर्स को ४० मिलियन डॉलर का टारगेट पाने में कठिनाई नहीं होगी। वार्नर ब्रदर्स का इरादा तीन और मैड मैक्स फ़िल्में बनाने का है। लेकिन, अगर दर्शकों ने ख़ास पसंद नहीं किया और फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन साधारण रहा तो मैड मैक्स की अगली किश्ते मुश्किल में आ जाएंगी।
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