Wednesday 3 April 2019

ALTBalaji honoured with two major wins at the DigiXX 2019


Adding to its numerous wins, ALTBalaji adds yet another esteemed win to its achievements, establishing the platform as the most loved streaming service by audiences. 


In the third edition of the prestigious DigiXX 2019, ALTBalaji soared high by winning big amongst industry peers. With two major awards, ALTBalaji walked away with Gold for OTT Platform of the Year and the Bronze in Social Media - OTT Platform for Women In Green campaign from The Test Case at the award ceremony organised in New Delhi.

The DIGIXX Awards are designed to recognize and celebrate excellence in Digital Marketing and Advertising. The awards seek to set the industry-wide benchmark in digital engagement. 


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एक गीत पर उठा विवाद !


निर्देशक ओमंग कुमार (Omung Kumar) की बायोपिक फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) में राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ के कार्यकर्ता नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और मुरली मनोहर जोशी (Murali Manohar Joshi) के किरदारों को कश्मीर के लाल चौक में तिरंगा फहराने जाते हुए दिखाया गया है।  इस तिरंगा यात्रा के दौरान पार्श्व में  सुनो गौर से दुनिया वालों गीत बज रहा है।  क्या आप इस  गीत के बारे में जानते हैं ?


१९९७ की फिल्म दस
जी हाँ, यह गीत २२ साल पहले मुकुल एस आनंद (Mukul S Anand) की फिल्म दस (Dus) के लिए  तैयार किया  गया था।  १९९७ में बनाई जा रही फिल्म दस में यह गीत सलमान खान (Salman Khan), संजय दत्त (Sanjay Dutt), शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) और रवीना टंडन (Ravina Tandon) पर फिल्माया गया था।  अपने समय में यह गीत काफी पॉपुलर हआ था। इस गीत के विडियो में, सलमान खान (Salman Khan) और संजय दत्त (Sanjay Dutt), हाथों में तिरंगा थामे भीड़ के बीच से दौड़ रहे हैं । लेकिन यह फिल्म ८० प्रतिशत पूरी होने के बाद भी बंद हो गई। क्योंकि, फिल्म के डायरेक्टर मुकुल एस आनंद का दिल का दौरा पड़ने से यकायक निधन हो गया। फिल्म हमेशा के लिए डब्बा बंद हो गई।


गीत पर समीर को ऐतराज़
पिछले दिनों, सोशल मीडिया पर फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी में, विवेक ओबेरॉय (Vivek Oberoi) पर फिल्माया गया यह गीत रिलीज़ हुआ था।  इस गीत में नरेंद्र मोदी बने विवेक ओबेरॉय तिरंगा यात्रा पर निकले हैं। इस गीत के वीडियो के अंत में क्रेडिट में इस गीत के गीतकार समीर (Sameer) का नाम लिखा नज़र आता है। इस पर गीतकार समीर ने ट्विटर के जरिये आश्चर्य व्यक्त किया कि जब उन्होंने फिल्म का कोई गीत नहीं लिखा है तो गीतकार के तौर पर उनका नाम क्यों !


ट्विटर क्यों ? टेलीफोन क्यों नहीं !
इस सवाल का जवाब वह टेलीफोन से फिल्म के निर्माता और म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज (T-Series) से भी ले सकते थे। लेकिन, समीर ने जावेद अख्तर (Zaved Akhtar) की तरह इसे ट्विटर पर उठाना ही ठीक समझा। शायद वह पब्लिसिटी पाना चाहते थे। लेकिन, वह म्यूजिक कंपनी और फिल्म निर्माता की सदाशयता पर उंगली उठा बैठे, जिसने उन्हें सम्मान देते हुए क्रेडिट दिया।  अन्यथा इस गीत का कॉपीराइट टी-सीरीज के पास है। वह इसका जैसा चाहे वैसा उपयोग कर सकता है।


दस से पहले तिरंगा यात्रा !

यहाँ एक ख़ास बात और।  मुकुल आनंद की १९९७ में बनाई जा रही फिल्म दस का कथानक आतंकवाद और देशभक्ति था।  इसीलिए दुनिया को खुद को हिंदुस्तानी बताने वाला गीत तैयार किया गया।  मगर, याद रखने वाली बात यह है कि दस के इस गीत की रचना से पांच साल पहले ही, नरेंद्र मोदी और मुरली मनोहर जोशी जैसे आरएसएस के स्वयंसेवकों की आतंकवादियों को चुनौती देते हुए लालचौक पर तिरंगा फहराने की यात्रा संपन्न हो चुकी थी।


नवोदय टाइम्स ०४ अप्रैल २०१९ - क्लिक करें 

नवोदय टाइम्स ०४ अप्रैल २०१९

बॉलीवुड के फुटबॉल कोच


कुश्ती पर दबंग और सुल्तान, बॉक्सिंग पर ब्रदर्स, मैरी कोम, साला खडूस और मुक्काबाज़, क्रिकेट पर एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी और अज़हर तथा हॉकी पर सूरमा, गोल्ड और चक दे इंडिया के बाद बॉलीवुड में फुटबॉल खेलने का समय आ गया है। ख़ास बात यह है कि अपनी इन फिल्मों में बॉलीवुड फुटबॉल खेलना सीख और सिखा रहा है। जी हाँ, बॉलीवुड की कम से कम तीन फ़िल्में फुटबॉल कोच पर बन रही हैं। 




झुण्ड के फुटबॉल कोच अमिताभ बच्चन
सबसे पहले, अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को लेकर फुटबॉल कोच विजय बरसे के जीवन पर फिल्म झुण्ड का ऐलान हुआ था। नागपुर के एक स्कूल के टीचर विजय बरसे ने झुग्गियों में रहने वाले बच्चों के फुटबॉल के प्रति जूनून को देखते हुए, उन्हें फुटबॉल सिखाने का फैसला किया था। उन्होंने ही नागपुर के स्लम फुटबॉल क्लब की स्थापना की थी। झुण्ड का निर्देशन नागराज मंजुले (Nagraj Manjule) कर रहे हैं। मंजुले ने हिट मराठी फिल्म सैराट का निर्देशन किया था। सैराट को हिंदी में धड़क शीर्षक के साथ बनाया गया था। 



भारतीय टीम के फुटबॉल कोच अजय देवगन
इस साल की शुरू में, १९५६ के ओलंपिक्स में, भारत की फुटबॉल टीम को सेमी फाइनल तक पहुंचाने वाले भारतीय कोच सैयद अब्दुल रहीम पर फिल्म बनाने की घोषणा हुई थी। रूपहले परदे पर इस कोच की भूमिका को अजय देवगन (Ajay Devgan) कर रहे हैं। अजय देवगन इस भूमिका के लिए फुटबॉल की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इस फिल्म का निर्देशन बधाई हो के डायरेक्टर अमित शर्मा (Amit Sharma) कर रहे हैं।  



अब फुटबॉल कोच बने शरद केलकर
गोलियों की रासलीला राम-लीला, भूमि और मोहन जोदड़ो जैसी फिल्मों में तीखे तेवर दिखाने वाले शरद केलकर (Sharad Kelkar) ने भी फुटबॉल कोच के जूतों में पैर डाल दिए हैं। वह शुभम सिन्हा (Shubham Sinha) की पहली निर्देशित अभी तक अनाम फिल्म में फुटबॉल कोच की भूमिका करेंगे। अभी यह जानकारी नहीं है कि शरद की फिल्म बायोपिक होगी या काल्पनिक फुटबॉल फिल्म होगी। अलबत्ता यह फिल्म इस कोच के संघर्ष के दिनों की कहानी होगी। फिल्म में इस भूमिका में, शरद को अपनी कॉलेज के दिनों में की गई फुटबॉल प्रैक्टिस मददगार साबित होगी। 



पहले भी बनी हैं फुटबॉल पर फ़िल्में
बॉलीवुड ने, पहले भी फुटबॉल पर भी कुछ अच्छी फ़िल्में बनाई हैं। प्रकाश झा (Prakash Jhas) की डेब्यू फिल्म हिप हिप हुर्रे फुटबॉल पर फिल्म थी। राज किरण (Raj Kiran) ने फुटबॉल टीचर की भूमिका की थी। जॉन अब्राहम (John Abraham) की फिल्म धन धनाधन गोल भी फुटबॉल पर फिल्म थी। गुरिंदर चड्डा (Gurinder Chadda) की फिल्म बेंड इट लिखे बेकहम भी अच्छी फुटबॉल फिल्मों में शुमार है।   


भारत के गौरव : सुपर सिक्स ऑफ़ भुज !- क्लिक करें 

भारत के गौरव : सुपर सिक्स ऑफ़ भुज !


हाल ही में घोषित की गई फिल्म भुज : द प्राइड ऑफ़ इंडिया के छः मुख्य चरित्र काफी दिलचस्प हैं। निर्देशक अभिषेक दुधइया (Abhishek Dudhaiya )की इस फिल्म में अजय देवगन (Ajay Devgan) के अलावा संजय दत्त (Sanjay Dutt), सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha), परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra), राणा डग्गुबाती (Rana Daggubati) और एमी विर्क (Ammy Virk) की भूमिकाएं बड़ी ख़ास हैं। इन्हे 'सुपर सिक्स ऑफ़ भुज : द प्राइड ऑफ़ इंडिया कहा गया है। यह छह चरित्र पाकिस्तान से युद्ध जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते नज़र आएंगे।



अजय देवगन- स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्णिक
फिल्म में अजय देवगन (Ajay Devgan) स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्णिक (Vijay Karnik) की केंद्रीय भूमिका कर रहे हैं।  विजय कार्णिक ने, १९७१ में पाकिस्तानी बमबारी के दौरान भुज में नष्ट हो गई भारतीय वायु सेना की हवाई पट्टी को स्थानीय लोगों की मदद से मरम्मत करा कर, इस लायक बना दिया था कि भारतीय सेना पाकिस्तान के पैर उखाड़ पाने में सफल हुई थी। उल्लेखनीय है कि युद्ध के दौरान सैन्य क्षेत्र में सिविलियन का जाना मना होता है।



पदचिन्ह पहचानने वाले पागी संजय दत्त
संजय दत्त (Sanjay Dutt) की भूमिका, सेना की मदद करने वाले भुज के निवासी रणछोड़दास सयभाई रावरी पागी है। रणछोड़दास को पागी इसलिए कहा जाता था कि वह पैरों के निशान से यह बता सकता था कि पैर के निशान वाला वह व्यक्ति किस देश का है।  वह औरत है या मर्द।  उसकी ऊंचाई और वजन भी पैर की छाप देख कर बता सकता है। उसकी यह खासियत विजय कार्णिक के बड़ी काम आई थी।



सामाजिक कार्यकर्त्री सुंदरबेन सोनाक्षी सिन्हा
एक समाज कार्यकर्त्री सुंदरबेन जेठा माधारपरया की भूमिका में सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha) है। यह महिला खेती बाड़ी करती है। वह विजय कार्णिक के मदद के लिए भुज २९९ महिलाओं को प्रेरित करती है। क्योंकि, पाकिस्तानी बमबारी के दौरान लोग हवाई पट्टी में काम करने में घबरा रहे थे।



मद्रास रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल राणा डग्गुबती
बाहुबली सितारे और दक्षिण के सुपरस्टार राणा डग्गुबाती (Rana Daggubati) ने फिल्म मे मद्रास रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल की भूमिका कर रहे हैं। इस चरित्र की तैनाती भुज की सीमा पर स्थित विघाकोट चौकी में थी। उसने पाकिस्तानी सेना से भयंकर युद्ध कर इस तरह व्यस्त रखा कि हवाई पट्टी की मरम्मत में कोई रुकावट न हो।



भारतीय जासूस हिना परिणीती चोपड़ा
लोमड़ी की तरह चालक और खतरनाक महिला हीना रेहमान की भूमिका में परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) है।  इस युद्ध के दौरान हीना, भारत के लिए पाकिस्तान में जासूसी कर रही थी और उसने भारतीय सेना को अहम् भूमिकाये मुहैया करवाई थी।



साथी स्क्वाड्रन लीडर एमी विर्क
पंजाबी फिल्मों के सुपरस्टार एमी विर्क (Ammy Virk) भी अजय देवगन (Ajay Devgan) के साथ स्क्वाड्रन लीडर की भूमिका कर रहे हैं। एमी विर्क की भूमिका काफी प्रेरक बताई जा रही है।  

जतिन सरना (Jatin Sarna): सेक्रेड गेम्स के बंटी, '83 में यशपाल शर्मा


बहुप्रतीक्षित सेक्रेड गेम्स में अपने वन-लाइनर्स के साथ हड़कंप मचाने के बाद, जतिन सरना (Jatin Sarna) का किरदार बंटी एक घरेलू नाम बन गया था। अब यह अभिनेता एक और यादगार भूमिका निभाने के लिए तैयार है। जतिन अब बहुप्रतीक्षित फ़िल्म '83 में यशपाल शर्मा की भूमिका में नज़र आएंगे।

कबीर खान (Kabir Khan)  द्वारा निर्देशित, स्पोर्ट्स फिल्म में भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण जीत दर्शकों के सामने पेश की जाएगी। इसलिए फिल्म के निर्माता, हर अपडेट के साथ प्रशंसकों से नियमित रूप से फिल्म की टीम से जुड़ी अतिरिक्त घोषणा करते जा रहे है।

फ़िल्म में कलाकारों की टोली में शामिल होते हुए जतिन सरना (Jatin Sarna) ने कहा,"ईमानदारी से बोलू तो मैं न्यूयॉर्क और अन्य फिल्मों के बाद से ही उनका प्रशंसक रहा हूं, जो उन्होंने की है। अपनी फिल्मों के जरिये उन्होंने जिस तरह की संवेदनशीलता और मनोरंजन पेश किया है, वह देख कर उनके साथ काम करने की मेरी इच्छा हमेशा बढ़ती गयी है। एक साल पहले एक छोटा सा वाकय हुआ था। मैं अपने दोस्त के साथ एक ऑटो में जा रहा था और तब कबीर खान अपनी कार में बैठकर वही से गुजर रहे थे, तभी उन्होंने हमें देखा और मैंने भी, और मैंने हाय के इशारे के रूप में अपना हाथ लहराया और उन्होंने इस पर जवाब दिया तब मेरे दोस्त ने कहा कि क्या वह तुम्हें जानते है। मैंने कहा कि नहीं लेकिन हाँ एक दिन मैं शायद उनके साथ काम करूँगाऔर हम हँसने लगे.. और आज वह दिन आ गया है।

सबसे अच्छी बात यह है कि वह अपने हर अभिनेता के साथ बहुत मधुर व्यवहार रखते है और उचित ध्यान देते है। उनके लिए, सभी एक समान हैं जो अंततः उन्हें अधिक योग्य बनाता है। और जब भी वह अभ्यास सत्र में हमसे मिलने आते हैं, तो यह सब साफ़ नज़र आता है। वह हमारे साथ कुछ समय ट्रेनिंग भी करते है और इस बात पर नजर रखते है कि हम कैसे कर रहे हैं। इसलिए, मुझे खुशी है कि मुझे उनके साथ काम करने का यह अवसर मिला, वह भी ऐसे विषय पर, जो बहुत बड़ा और हर भारतीय के करीब है। साथ ही क्रिकेट के प्रति मेरा प्यार और एक क्रिकेटर बनने का सपना भी इस फ़िल्म के जरिये पूरा होने जा रहा है।"

इसके अलावा अभिनेता ने आगे साझा किया अब यशपाल शर्मा का किरदार निभाना एक ऐसी चीज़ थी जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। । मुझे ऑडिशन के लिए मदन लाल का किरदार दिया गया था, लेकिन वह काम नहीं किया। हालांकि ऑडिशन शानदार रहा और उन्हें यह पसंद भी आया था। लेकिन हार्डी अब वह भूमिका निभा रहे है और यशपाल मैं निभा रहा हूँ जो अंततः इस तथ्य से अधिक दिलचस्प है कि ज्यादातर लोग उनकी कहानी और यात्रा से वाकिफ़ नहीं रखते हैं। दरअसल, भारत की 83 जीत की यात्रा वेस्ट इंडीज के खिलाफ यशपाल की शानदार पारी से शुरू होती है जिसने पहले मैच में बड़ी जीत की नींव रखी और सभी मैचों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए उन्होंने निरंतरता कायम रखी।"

फिल्म '83 अपनी घोषणा के समय से काफी सुर्खियों में छाई हुई है क्योंकि इस फ़िल्म के माध्यम से भारतीय क्रिकेट से जुड़े सबसे ऐतिहासिक क्षण को एक बार फिर बड़े पर्दे पर जीवित किया जाएगा।

1983 के विश्व कप की ऐतिहासिक जीत का पता लगाने के लिए, कबीर खान की आगामी निर्देशन में रणवीर सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव की भूमिका में नज़र आएंगे। फिल्म '83 रणवीर सिंह की हिंदी, तमिल और तेलुगु में बनने वाली पहली त्रिभाषी फिल्म होगी।

इससे पहले, निर्माताओं ने 83 में विश्व कप उठाने वाली पूरी पूर्व टीम के साथ फिल्म की घोषणा करने के लिए एक कार्यक्रम की मेजबानी की थी।

कबीर खान द्वारा निर्देशित, स्पोर्ट्स फिल्म में भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण जीत में से एक दर्शकों के सामने पेश की जाएगी। फिल्म को वास्तविक स्थानों पर फिल्माया जाएगा और अगले साल की शुरुआत में फ़िल्म की शूटिंग शुरू की जाएगी।

कप्तान कपिल देव के नेतृत्व में, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को विश्व कप की पहली जीत दिलाई थी, 1983 के विश्व कप ने क्रिकेट प्रेमियों के दिमाग में एक गहरी छाप छोड़ दी थी।


जबकि रणवीर सिंह मुख्य भूमिका निभाएंगे, वही मेन इन ब्लू टीम के रूप में फिल्म में एक शक्तिशाली कलाकारों की टुकड़ी देखने मिलेगी, जिसमें बलविंदर सिंह संधू के रूप में अम्मी विर्क, सैयद किरमानी के रूप में साहिल खट्टर, कृष्णमाचार्य श्रीकांत के रूप में जिवा और प्रबंधक पीआर मान सिंह के रूप में पंकज त्रिपाठी नज़र आएंगे और ताहिर भसीन, साकिब सलीम, हार्डी संधू, आर बद्री और आदिनाथ एम कोठारे ने भी इस टीम में अपनी जगह बना ली है।



अवेंजर्स एन्डगेम के डायरेक्टर जो रूसो ने मुंबई में  जारी किया अवेंजर्स एंथम - क्लिक करें