Monday 27 May 2019

Rohit Shetty की फिल्मों के विलेन


निर्देशक रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) के साथ, अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की पहली कॉप एक्शन फिल्म सूर्यवंशी (Suryavanshi) के विलेन की भूमिका के लिए पहले गुलाल एक्टर अभिमन्यु सिंह (Abhimanyu Singh) का नाम अखबारों की खबर बना। अब निकितन धीर (Nikitan Dheer) का नाम भी सामने आया है।  सूर्यवंशी मे निकितन धीर का नाम, अभिमन्यु सिंह की जगह है या वह फिल्म में दूसरे विलेन के अवतार हैं ? यह भी हो सकता है कि सूर्यवंशी में एक नहीं दो विलेन हों - निकितन धीर और अभिमन्यु सिंह।



दरअसल, रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) की एक्शन फिल्मों में विलेन का रोल ख़ास होता है।  नायक चाहे अजय देवगन (Ajay Devgan) हों या शाहरुख़ खान (Shahrukh Khan), विलेन उभर कर आता है।  दर्शकों को इन दोनों का स्क्रीन नाम जितना याद नहीं होता, उससे कहानी ज़्यादा विलेन का नाम जुबां पर रहता है।  इसीलिए तो सूर्यवंशी का विलेन बनने पर निकितन धीर (Nikitan Dheer) अपनी ख़ुशी भी प्रकट करते हैं।



रोहित शेट्टी की रणवीर सिंह (Ranveer Singh) के साथ पिछली कॉप फिल्म सिम्बा (Simmba) को ही लीजिये।  दर्शकों की जुबान पर सोनू सूद (Sonu Sood) के विलेन दूर्वा यशवंत रानाडे  नाम आज भी चढ़ा हुआ है। तभी सोनू सूद, मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी (Manikarnia : The Queen of Jhansi) को बीच रास्ते छोड़ कर सिम्बा के दूर्वा बन गए।



इस फिल्म से पहले, दीवाली २०१७ में अजय देवगन (Ajay Devgan) और परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) के गोलमाल कॉमेडी फिल्म गोलमाल अगेन (Golmaal Again) रिलीज़ हुई थी। इस हॉरर कॉमेडी फिल्म में दो विलेन वासु रेड्डी और निखिल थे । मगर, प्रकाश राज (Prakash Raj) के अभिनय का जलवा देखिये कि चॉकलेटी हीरो नील नितिन मुकेश (Neel Nitin Mukesh) का निखिल दब सा गया। रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) की ही फिल्म सिंघम (Singham) में प्रकाश राज (Prakash Raj) का जयकांत शिर्के आज भी यादगार है। यह दोनों ही फ़िल्में, अजय देवगन की बड़ी हिट फिल्मों में से हैं।



सिंघम में, जहाँ प्रकाश राज (Prakash Raj) का जयकांत शिर्के था, वहीँ इसके सीक्वल सिंघम रिटर्न्स (Singham Returns) में अमोल गुप्ते (Amol Gupte) ने बाबाजी को खल तेवर दिए थे।  अमोल गुप्ते को दर्शक निर्देशक के तौर पर जानते हैं। लेकिन, वह अच्छे एक्टर भी है। इसका प्रदर्शन वह सिंघम रिटर्न्स से पहले कमीने में कर चुके थे।


चेन्नई एक्सप्रेस (Chennai Express) के बाद, रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) ने दूसरी फिल्म दिलवाले (Dilwaale) भी शाहरुख़ खान (Shahrukh Khan) के साथ बनाई थी। यह एक्शन फिल्म, शाहरुख़ खान और काजोल (Kajol) की जोड़ी के  बावजूद असफल हुई।  क्योंकि इसके विलेन कमज़ोर थे। कबीर बेदी (Kabir Bedi) का अपना व्यक्तित्व है। मगर फिल्म में वह खालिस विलेन नहीं बने थे। उन्हें परदे पर मार देना वाले किंग की भूमिका बोमन ईरानी (Boman Irani) ने की थी। बोमन ओवर एक्टिंग कर कॉमेडी कर ले जाते हैं। लेकिन कमज़ोर आवाज़ के कारण वह कमज़ोर विलेन साबित होते थे । 

Raghav Lawrence की Laxmmi Bomb में वापसी


कोई एक हफ्ता पहले, साउथ के अभिनेता और निर्देशक राघव लॉरेंस (Raghav Lawrence) ने यकायक यह ऐलान कर पूरे देश के फिल्म प्रेमियों को चौंका दिया था कि वह अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की वापसी वाली Horror Comedy फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब (Laxmmi Bomb) को छोड़ रहे हैं।  राघव ने इसके लिए निर्माताओं द्वारा उनके प्रति अनादर दिखाने और creative difference को कारण बताया गया था।

पाठकों में यह जानने की उत्सुकता होगी कि ऐसा क्या हुआ कि Raghav Lawrence को अक्षय कुमार जैसे बॉलीवुड सितारे की फिल्म छोड़नी पड़ी ! दरअसल, जिस समय राघव ने फिल्म छोड़ने का ऐलान किया, उसके एक दिन पहले, Akshay Kumar की फिल्म Laxmmi Bomb का पोस्टर जारी किया गया था। इस पोस्टर में अक्षय कुमार आँखों में सूरमा लगाते हुए, कहीं देखते नज़र आ रहे थे।


राघव लॉरेंस (Raghav Lawrence) की नाराज़गी यह थी कि इस पोस्टर को बिना उनसे सलाह किये तैयार किया गया था तथा पोस्टर लौन्चिंग पर उन्हें बुलाया तक नहीं गया । राघव, लक्ष्मी Bomb का पहला पोस्टर उस तरह से नहीं रिलीज़ करना चाहते थे । इसे ही राघव ने अनादर और क्रिएटिव डिफरेंस मानते हुए, फिल्म छोड़ दी ।

हिंदी हॉरर कॉमेडी फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब (Laxmmi Bomb) का लॉरेंस के लिए काफी महत्त्व है । वह काफी समय से इस फिल्म को खुद ही निर्देशित करने की अपनी इच्छा प्रकट करते रहते थे ।

दरअसल, अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब (Laxmmi Bomb), तमिल फिल्म कंचना (Kanchana) की हिंदी रीमेक फिल्म है ।


९ मार्च २००७ को एक तमिल हॉरर कॉमेडी फिल्म मुनि (Muni) रिलीज़ हुई थी । सिर्फ ९ करोड़ के बजट में बनी इस हॉरर फिल्म ने १५ करोड़ का कारोबार किया था । यह फिल्म संगीतकार, लेखक, अभिनेता और निर्देशक राघव लॉरेंस (Raghav Lawrence) द्वारा निर्देशित फिल्म थी, जिसमे उन्होंने खुद अभिनय भी किया था ।

इस सफलता के बाद, राघव ने इसका सीक्वल मुनि २ : कंचना (Muni 2: Kanchana) का निर्माण किया। यह फिल्म भी बड़ी हिट साबित हुई। इन दोनों ही सफल फिल्मों में, मुख्य चरित्र गणेश की भूमिका खुद राघव ने की थी ।


इसके बाद, २०१५ में मुनि ३ : कंचना २ : गंगा (Muni 3: Kanchana 2: Ganga) प्रदर्शित हुई । यह तीनों फ़िल्में बेहद सफल रही । इन फिल्मों में, लक्ष्मी राय (Laxmi Raai), नित्या मेनन (Nithya Menen) और तपसी पन्नू (Taapsee Pannu) ने भी अभिनय किया था । मुनि सीरीज की चौथी फिल्म कंचना ३ (Kanchana 3) अप्रैल में रिलीज़ हुई है ।

अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब (Laxmmi Bomb), २०११ में रिलीज़ फिल्म मुनि २ : कंचना पर आधारित है । कंचना में ट्रांसजेंडर किरदार शरत कुमार (Sharath Kumar) कर रहे थे । लेकिन, फिल्म के केंद्र में लॉरेंस राघव (Raghav Lawrence) का किरदार ही था, जिसकी मदद से भूत अपना बदला लेती है ।


साफ़ है कि तमिल मुनि सीरीज (Muni Series) के निर्देशक और अभिनेता का मुनि के तमाम किरदार को लेकर एक खाका स्पष्ट तैयार है । वह मुनि सीरीज की फिल्मों में जो कमियां रह गई थी, उन्हें हिंदी में पूरा कर सकते थे । वह अक्षय कुमार (Akshay Kumar) के किरदार को भी अपनी परिकल्पना के अनुसार ढाल सकते थे । चूंकि, फिल्म का पोस्टर जारी करते समय भी उनसे पूछने की ज़रुरत नहीं समझी गई, इसलिए राघव लॉरेंस नाराज़गी स्वभाविक थी ।

लॉरेंस के फिल्म छोड़ने के साथ ही, राघव और उनकी मुनि सीरीज की फिल्मों के प्रशंसकों  में तीखी प्रतिक्रिया हुई । जहाँ काफी लोगों ने, अब लक्ष्मी बॉम्ब (Laxmmi Bomb) निर्देशित न करने की सलाह दी, वही ऐसे लोगों की संख्या कहीं बहुत ज्यादा थी, जो चाहते थे कि राघव हिंदी में भी अपनी प्रतिभा दिखाएँ ।


शायद, लक्ष्मी बॉम्ब (Laxmmi Bomb) के निर्माताओं फॉक्स स्टार स्टूडियोज (Fox Star Studios), अ केप ऑफ़ गुड फिल्म्स प्रोडक्शनस (A Cape of Good Films Productions), शबीना एंटरटेनमेंट (Shabina Entertainment) और तुषार एंटरटेनमेंट हाउस (Tusshar Entertainmetn House) को अपनी गलती का एहसास हुआ होगा । वह चेन्नई जा कर राघव लॉरेंस से मिले और उन्हें मना लेने में कामयाब हुए । राघव लॉरेंस ने लक्ष्मी बॉम्ब (Laxmmi Bomb) फिर निर्देशित करने की अपनी रजामंदी ट्विटर पर tweet कर दी। 

अब, लक्ष्मी बॉम्ब (Laxmmi Bomb) का निर्देशन राघव लॉरेंस ही करेंगे । कंचना के हिंदी संस्करण को फरहद समजी (Farhad Samji) ने लिखा है । वही अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की फिल्म हाउसफुल ४ (Houseful 4) के निर्देशक भी भी हैं ।

लक्ष्मी बॉम्ब (Laxmmi Bomb) में अक्षय कुमार (Akshay Kumar) के साथ किअरा अडवाणी (Kiara Advani), तुषार कपूर (Tusshar Kapoor), आदि को भी शामिल किया गया है । यह फिल्म ५ जून २०२० को रिलीज़ होगी । 

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Sunday 26 May 2019

Amyra Dastur की ज़रूरतमंदों को मदद


कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और राजकुमार राव (Rajkumar Rao) की फिल्म मेंटल है क्या (Mental Hai Kya) में राव के रोमांस की भूमिका कर रही अभिनेत्री अमयारा दस्तूर (Amyra Dastur) सामाजिक पुनर्जागरण और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कार्यरत हैं। वह मूक प्रजातियों के बचाव और पोषण करने वाली वर्ल्ड ऑफ एनिमल्स नामक एक गैर-लाभकारी संगठन के साथ भी जुडी है ।

वह खाने-पीने की वस्तुओं को फेंक देने की आदतों का मुद्दा भी उठा रही है। रोज ही बड़े पैमाने पर भोजन बर्बाद किया जा रहा है । जबकि कुछ लोग पौष्टिक भोजन तक को तरस रहे हैं ।

अमयारा ने इस समस्या से निबटने के लिए मशहूर खाद्य ब्रांड से जुड़ का गरीबों की खाद्य सामग्री की ज़रूरतों को पूरा करने का फैसला किया है । वह खाद्य सामग्री फेंक देने वाली बड़ी संस्थाओं और ज़रुरतमंदों के लिए काम कर रही संस्थाओं की मदद ले रही है।


अब से, फ़ूड ब्रांड्स अपनी खाद्य सामग्री को कचरे में फेंक देने के बजाय वंचित आबादी को, इन्हें पहुंचाने के लिए सम्बंधित संस्थाओं को दे दिया करेंगी । इस प्रकार से बर्बाद होने वाली सामग्री ज़रूरतमंदों को मिल जायेगी और काफी हद तक कुपोषण की समस्या पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा ।

अमयारा, मेंटल है क्या के अलावा प्रस्थानम के हिंदी रीमेक और राकुमार राव के साथ ही फिल्म मेड इन चाइना में भी अभिनय कर रही हैं ।


Mithun Chakraborty का भूतियापा- क्लिक करें 

Mithun Chakraborty का भूतियापा


अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और सनी लियॉन (Sunny Leone) के बाद, १९७० के दशक के डिस्को किंग मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) भी हॉरर कॉमेडी फिल्म करने जा रहे हैं। अभी इस फिल्म की कहानी और मिथुनदा की भूमिका के बारे में पता नहीं चला है। लेकिन, उन्होंने इस फिल्म की स्क्रिप्ट सुनते ही, फिल्म को हाँ कर दी है। 

मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) पिछले कुछ समय से बीमारी से जूझ रहे हैं। इसी वजह से, वह २०१५ के बाद दो साल तक परदे से दूर रहे। २०१७ में, रामगोपाल वर्मा (Ramgopal Verma) ने, मिथुन चक्रवर्ती को एक साइकेट्रिस्ट की भूमिका मे लेकर, खालिस हॉरर फिल्म गेहर बनाने का ऐलान किया था। लेकिन, यह फिल्म ऐलान के बाद परवान नहीं चढ़ सकी थी। 

इसके बाद मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) टीवी पर रियलिटी शो और इक्कादुक्का फिल्मों में छोटी भूमिका में नज़र आये। उनकी फिल्म The Tashkent Files सफलता के झंडे गाड़ रही है। 

मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) की हॉरर कॉमेडी फिल्म भूतियापा का निर्देशन मनोज शर्मा (Manoj Sharma) करेंगे।  मनोज ने स्पर्श द टच, स्वाहा - लाइफ बियॉन्ड सुपरस्टीशन, बिन फेरे फ्री में तेरे, यह है लॉलीपॉप और प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी बी ग्रेड फ़िल्में बनाई हैं।


मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) के साथ मनोज की फिल्म भूतियापा का ८० प्रतिशत भूतियापा लखनऊ में होगा। बाकी की भूतियापा मुंबई में की जाएगी। खबर यह भी गर्म है कि मिथुन चक्रवर्ती इस फिल्म के प्रमोशनल विडियो के लिए डांस भी करेंगे।


Dino Morea और Karishma Kapoor फिर साथ - क्लिक करें 

Dino Morea और Karishma Kapoor फिर साथ


एकता कपूर (Ekta Kapoor) की डिजिटल सीरीज Digital Series)  मेंटलहुड (Mentalhood) से डिनो मोरया (Dino Morea) और करिश्मा कपूर (Karishma Kapoor) का डिजिटल माध्यम में डेब्यू हो रहा है।

मेंटलहुड, पूरी लम्बाई की भूमिका में इन दोनों की वापसी कराने वाली सीरीज है। इस सीरीज से डिनो मोरया (Dino Morea) और करिश्मा कपूर (Karishma Kapoor) १६ साल बाद फिर साथ भी आ रहे है।

डिनो मोरया (Dino Morea) का हिंदी फिल्म डेब्यू १९९९ में रिलीज़ फिल्म प्यार में कभी कभी (Pyaar Mein Kabhi Kabhie) से हुआ था। बिपाशा बासु (Bipasha Basu) के साथ फिल्म राज़ (Raaz) ने डिनो मोरया को हिंदी फिल्मों में स्थापित कर दिया। लेकिन, वह ए ग्रेड हिंदी फिल्मों में अपना कोई स्थान नहीं बना सके। २०१० में रिलीज़ फिल्म प्यार इम्पॉसिबल उनकी बतौर नायक आखिरी फिल्म थी।

करिश्मा कपूर (Karishma Kapoor) का फिल्म डेब्यूडिनो मोरया (Dino Morea) के फिल्म डेब्यू से आठ साल पहले, फिल्म प्रेम कैदी (Prem Qaidi) से हुआ था। करिश्मा कपूर की गोविंदा (Govinda) के साथ केमिस्ट्री खूब जमी। करिश्मा कपूर ने, बॉलीवुड के ज़्यादातर बड़े एक्टरों के साथ फ़िल्में की।

डिनो मोरया (Dino Morea) और करिश्मा कपूर (Karishma Kapoor) सिर्फ एक फिल्म बाज़ अ बर्ड इन डेंजर (Baaz A Bird In Danger) में साथ आये। अब इन दोनों की जोड़ी इस डिजिटल सीरीज में बन रही है।

लेकिन, इस सीरीज में दूसरी अभिनेत्रियाँ भी हैं। इस डिजिटल सीरीज की कहानी कामकाजी और आत्म निर्भर महिलाओं के एक समूह की है। इस समूह में करिश्मा के अलावा संध्या मृदुल (Sandhya Mridul) और श्रुति सेठ (Shruti Seth) भी है। यह दोनों अभिनेत्रियाँ हिंदी फिल्मों में बुरी तरह से असफल रही है।

इस लिहाज़ से मेंटलहुड (Mentalhood) के दर्शकों को डिनो मोरया-करिश्मा कपूर (Dino Morea-Karishma Kapoor) जोडी को ही देखने का ही इंतज़ार रहेगा ।  


Akshay Kumar की लक्ष्मी बॉम्ब के बहाने Transgender- क्लिक करें 

Akshay Kumar की लक्ष्मी बॉम्ब के बहाने Transgender


अक्षय कुमार की१२ साल बाद फिर हॉरर कॉमेडी फिल्म के बारे में काफी कुछ साफ़ होता जा रहा है।  तमिल फिल्म मुनि २ उर्फ़ कंचना की इस रीमेक फिल्म का टाइटल लक्ष्मी बॉम्ब होगा।  पहले इस फिल्म के टाइटल के लाक्ष्मी बॉम्ब होने का भ्रम पैदा हो रहा था। यह भी पता चला है कि फिल्म में अक्षय कुमार एक ट्रांसजेंडर लक्ष्मी की भूमिका करेंगे।  लेकिनयह लक्ष्मी ट्रांसजेंडर पर आया एक भूत होगी।  यह लक्ष्मी बॉम्ब एक रहस्यमय ह्त्या की गुत्थी सुलझाने में मदद करेगी । क्योंकि, यह भूत एक औरत का है।  

ट्रांसजेंडर को मिला था अवार्ड 
अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब तमिल फिल्म मुनि २ : कंचना का हिंदी रीमेक है। मूल तमिल फिल्म मुनि २ : कंचना में एक ट्रांसजेंडर कार्तिक, जिसे उसके परिवार ने त्याग दिया है, ह्त्या का रहस्य खोलने में राघव की मदद करता है। क्योंकि, उस ट्रांसजेंडर पर कंचना की आत्मा आती है, जो अपने बलात्कारी विधायक से बदला लेने के लिए राघव को माध्यम बनाना चाहती है। ट्रांसजेंडर कार्तिक की भूमिका को दक्षिण के अभिनेता शरद कुमार ने किया था।  अभिनेता और राजनेता शरद कुमार को मुनि २: कंचना की ट्रांसजेंडर भूमिका के लिए दक्षिण का सबसे पॉपुलर विजय अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता का पुरस्कार मिला था।  क्या, शरद कुमार की भूमिका को हिंदी संस्करण में करके अक्षय कुमार भी किसी पॉपुलर अवार्ड को जीत सकेंगे ?

बॉलीवुड के ट्रांसजेंडर 
अक्षय कुमार के स्क्रीन पर ट्रांसजेंडर किरदार करने के साथ हीबॉलीवुड के ट्रांसजेंडर सुर्ख़ियों में आ गए हैं। बॉलीवुड की फिल्मों में ट्रांसजेंडर किरदारों का इस्तेमाल अपने तौर पर किया है। बॉलीवुड में इस ट्रांसजेंडर के कई शेड मिलते हैं। इन चरित्रों को कई छोटे बड़े अभिनेताओं ने परदे पर किया है। बड़े अभिनेताओं में आमिर खान से लेकर अमिताभ बच्चन तक शामिल है। बेशक इनकी भूमिका छोटी रही। कुछ हिंदी फिल्मों के केंद्रीय चरित्र ट्रांसजेंडर ही थे। इन भूमिकाओं से, इन्हे करने वाले एक्टरों को काफी प्रशंसा और  पुरस्कार मिले। 

क्रूर और अत्याचारी ट्रांसजेंडर 
जहाँ, फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब में अक्षय कुमार का ट्रांसजेंडर मददगार हैं।  वहीँआम तौर पर हिंदी फिल्मों का ट्रांसजेंडर बड़ा डरावना और विलैन प्रकार का होता है। इत्तेफ़ाक़ की बात है कि अक्षय कुमार की १९९९ में रिलीज़ फिल्म संघर्ष मेंलज्जा शंकर का किरदार एक ट्रांसजेंडर थाजो बड़ी बेरहमी से क़त्ल करता था। काली भक्त लज्जा शंकर ने फिल्म के हीरो अक्षय कुमार के छक्के छुड़ा दिए थे।इस भूमिका को आशुतोष राणा ने किया था। उन्हें इस भूमिका के लिए फिल्मफेयर और ज़ी सिने अवार्ड्स में बेस्ट विलैन का पुरस्कार मिला था। महेश भट्ट की फिल्म सड़क की कोठे की मालकिन महारानी भी ट्रांसजेंडर थी और काफी क्रूर भी। वह नायिका पूजा भट्ट से धंधा करवाती थी। इसमें आड़े आने वाले संजय दत्त के किरदार से वह खुनी खेल खेलने में भी पीछे नहीं रहती थी। इस भूमिका को सदाशिव अमरापुरकर ने किया था। उन्हें भी, बेस्ट विलैन का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।

उपहास का केंद्र ट्रांसजेंडर 
अगर हिंदी फिल्मों का ट्रांसजेंडर किरदार विलेन टाइप का नहीं है तो वह उपहास -परिहास का केंद्र होता है। ख़ास कर कॉमेडी फिल्मों में ट्रांसजेंडर का उपहास बनाया जाता है। क्या कूल हैं हमपार्टनरस्टाइल और मस्ती में हास्य की  परिस्थितियां पैदा करने के लिएट्रांसजेंडर को एक पात्र बनाया गया था।  फिल्म मस्ती में तो एक नायक एक औरत से सेक्स कर रहा है। वह औरत सेक्स के बाद बाथरूम जाती है तो वह एक्टर उसके पीछे जाता है। वहां वह पाता है कि वह वास्तविक औरत नहीं ट्रांसजेंडर है। वह उलटी करते हुए भाग निकलता है। 

भेष बदला, बन गए ट्रांसजेंडर 
खासकर पुरानी हिंदी फिल्मों में हीरो अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए भेष बदल कर उसके घर जाया करता था  वह साड़ी और ब्लाउज़ में महिला कम ट्रांसजेंडर ज़्यादा बन जाता है। उसकी चालढाल भी इसकी पुष्टि करती थी। ऐसे अभिनेताओं में बाज़ी में आमिर खानरफू चक्कर मे ऋषि कपूरलावारिस में अमिताभ बच्चनडुप्लीकेट में शाहरुख़ खान और आंटी नंबर १ मे गोविंदा, भेष बदलने के बाद ट्रांसजेंडर लग रहे थे। साजिद खान की फिल्म हमशकल्स के दो नायक सैफ अली खान और रितेश देशमुख ट्रांसजेंडर बने थे। यह सभी भूमिकाओं खराब टेस्ट में बनाई गई, घटिया किस्म की थी। 

महेश भट्ट की टिक्कू 
ट्रांसजेंडर किरदारों के लिहाज़ से महेश भट्ट की फ़िल्में ख़ास बन जाती हैं।  जहाँ महेश भट्ट की फिल्म सड़क की महारानी क्रूर थीवहीँ उनकी १९९७ की फिल्म तमन्ना का ट्रांसजेंडर टिक्कू एक बच्ची को पालता-पोसता है और उच्च शिक्षा दिलाता है। यह भूमिका परेश रावल ने की थी। तमन्ना को राष्ट्रीय पुरस्कारों में सामाजिक समस्या पर फिल्म का पुरस्कार मिला था। परेश रावल को पुरस्कार तो नहीं जीत सके, लेकिन उनकी तारीफ खूब हुई। इसी प्रकार से अमोल पालेकर की फिल्म दायरा एक नर्तक ट्रांसजेंडर और बलात्कार के बाद पुरुष वेश में रह रही लड़की के प्रेम की अनोखी कहानी थी। इस फिल्म में स्वर्गीय निर्मल पांडेय ने ट्रांसजेंडर भूमिका की थी। फिल्म ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और वेनिस फिल्म फेस्टिवल में ग्रां प्रिक्स अवार्ड जीता था।  सोनाली कुलकर्णी को भी इसी फेस्टिवल में बेस्ट एक्ट्रेस ठहराया गया। विश्वास पाटिल निर्देशित कंगना रनौत की फिल्म रज्जो में महेश मांजरेकर ने ट्रांसजेंडर बेगम की भूमिका की थी। योगेश भरद्वाज निर्देशित फिल्म शबनम मौसी में आशुतोष राणा ने एमएलए बनने वाली ट्रांसजेंडर शबनम मौसी का रियल किरदार किया था। कल्पना लाजमी फिल्म दरम्यां इन बिटवीन में आरिफ ज़करिया भी ट्रांसजेंडर की पॉजिटिव भूमिका में थे। इस फिल्म के लिए वह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की श्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में नामित हुए थे।

कुछ दूसरे ट्रांसजेंडर
लीक से हट कर भूमिकाये करना साहस का काम होता है । इसीलिए कोई एक्टर परदे पर ट्रांसजेंडर बनने को तैयार हो जाता है । राजकुमार राव ने किसी हिंदी फिल्म में ट्रांसजेंडर की भूमिका नहीं की है । लेकिन, वह एक बांगला फिल्म आमि साईरा बानू में ट्रांसजेंडर की भूमिका कर रहे थे । इस फिल्म के लिए उनके अभिनय की प्रशंसा हुई । डिजिटल सीरीज सेक्रेड गेम्स मे सैफ अली खान के किरदार इंस्पेक्टर सरताज सिंह और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के किरदार गणेश गायतोंडे को काफी पसंद किया गया था । इसी सीरीज में एक किरदार कुकू का भी था । इस किरदार को अभिनेत्री कुबरा सैत ने किया था । इस भूमिका से कुबरा साईट को काफी प्रशंसा तथा पहचान मिली । रामकमल मुख़र्जी की फिल्म सीज़न्स ग्रीटिंग्स इस लिहाज़ से ख़ास है कि लिलेट दुबे और सेलिना जेटली की इस फिल्म में ट्रांसजेंडर चपला की भूमिका भी है । इस भूमिका के लिए मुख़र्जी ने रियल ट्रांसजेंडर वुमन श्री घटक को लिया है । घटक ने २०१५ में खुद की सर्जरी करवा ली थी । हिंदी फिल्मों में, बॉबी डार्लिंग जाना पहचाना नाम है, जो पुरुष से महिला बनी थी । पिछले दिनों बॉबी डार्लिंग अपनी शादी टूटने के लिए सुर्ख़ियों में आई ।

बड़े अभिनेताओं नहीं बने ट्रांसजेंडर  
उपरोक्त उदाहरणों से यह साफ़ होता है कि किसी भी बड़े और स्थापित नायक अभिनेता ने ट्रांसजेंडर किरदार वाली पूरी फिल्म नहीं की है । अक्षय कुमार पहले ऐसे सुपरस्टार अभिनेता साबित होते हैंजो न केवल पूरी फिल्म में ट्रांसजेंडर बने हैंबल्कि उनका किरदार ट्रांसजेंडर को सकारात्मक दृष्टिकोण से दिखाने वाला भी है । क्या लक्ष्मी बॉम्ब के बादबॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री ट्रांसजेंडर किरदारों को सकारात्मक रूप से दिखाने की कोशिश करेगी ? क्या बड़े अभिनेता परदे पर ट्रांसजेंडर बनने की झिझक से छुटकारा पा सकेंगे

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