अभिनेता और निर्माता जॉन अब्राहम को फिल्म परमाणु
: स्टोरी ऑफ़ पोखरण, १९९८ में भारत द्वारा किये गए सफल परमाणु विस्फोट पर फिल्म है। जॉन
अब्राहम को इस रियल लाइफ घटना पर फिल्म
बनाने की प्रेरणा अटल बिहारी वाजपेयी से मिली थी। जिस समय भारत ने परमाणु विस्फोट
किया था, उस समय अटल बिहारी वाजपेयी ही
भारत के प्रधान मंत्री थे और ए पी जे अबुल कलम उनके वैज्ञानकि सलाहकार थे।
जॉन अब्राहम प्रभावित थे कि उस समय भारतीय प्रधान मंत्री पर परमाणु टेस्ट न करने के लिए पूरी दुनिया, ख़ास कर अमेरिका से
काफी दबाव पड़ रहा था। इसके बावजूद
उन्होंने भारत के इस परीक्षण को किये जाने की अनुमति दी। जॉन
अब्राहम की मुख्य भूमिका वाली अभिषेक शर्मा निर्देशित इस फिल्म में कई जगह
पर पूर्व प्रधान मंत्री का जिक्र हुआ है।फिल्म का समापन भी बाजपेयी जी के विस्फोट
के ऐलान की क्लिपिंग के साथ ही होता है।
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कारगिल युद्ध पर छह फ़िल्में
जब, भारत के प्रधान मंत्री पद पर अटल बिहारी वाजपेयी विराजमान थे, उस दौरान ही
पाकिस्तानी सेना ने कारगिल की पहाड़ियों पर कब्ज़ा कर लिया था। लेकिन, भारतीय सेना ने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तानी सेना को मार
भगाया था। १९९९ में हुए इस युद्ध पर छह उल्लेखनीय फिल्मों का निर्माण हुआ है। इनमे निर्देशक जेपी दत्ता की फिल्म एलओसी
कारगिल (२००३), निर्देशक फरहान अख्तर की फिल्म लक्ष्य (२००४), निर्देशक मणि शंकर
की फिल्म टैंगो चार्ली (२००५), निर्देशक अश्विनी चौधरी की फिल्म धुप (२००३), निर्देशक गौरव
पांडेय की फिल्म स्टंप्ड (२००३) और निर्देशक पंकज कपूर की फिल्म मौसम उल्लेखनीय
फ़िल्में थी। इन फिल्मों में भारतीय सेना के शौर्य को दर्शाया गया था। इन फिल्मों में बॉलीवुड के तमाम बड़े एक्टर
थे।
पसंदीदा फ़िल्में और एक्टर
बॉलीवुड को,
परमाणु परीक्षण जैसे वीरतापूर्ण घटना क्रम देने
अटल बिहारी वाजपेयी का फिल्मों से काफी लगाव रहा है। उनकी पसंदीदा फिल्मों में
राजकपूर और वहीदा रहमान की फिल्म तीसरी कसम,
दिलीप कुमार,
वैजयंतीमाला और सुचित्रा सेन अभिनीत फिल्म देवदास
और अशोक कुमार, नूतन और धर्मेंद्र की फिल्म बंदिनी के नाम उल्लेखनीय हैं। वाजपेयी जी
की पसंदीदा अंग्रेजी फिल्मों में ब्रिज ओवर रिवर क्वाय, बोर्न फ्री और गांधी
उनकी पसंदीदा हैं। वह फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी के बड़े प्रशंसक थे। उन्होंने, हेमा मालिनी की
दोहरी भूमिका वाली फिल्म सीता और गीता २५ बार देखि थी। इस विषय में खुद हेमा मालिनी ने बताया था।
पसंदीदा गीत और गायक
हिंदी फिल्म संगीत को भरपूर पसंद करने वाले अटल
बिहारी वाजपेयी का पसंदीदा गीत फिल्म कभी कभी का अमिताभ बच्चन और वहीदा रहमान पर
फिल्माया गया कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है था। इस गीत को मुकेश और लता मंगेशकर ने गाया था। इस गीत के गायक मुकेश और लता मंगेशकर के अलावा
मोहम्मद रफ़ी भी वाजपेयी जी के पसंदीदा गायक थे।
अटल जी को एक और गीत फिल्म बंदिनी का ओ मेरे माझी मेरे साजन है उस पार काफी
पसंद था। इस गीत को सचिन देव बर्मन ने
गाया और संगीतबद्ध किया था।
वाजपेयी जी की कविताओं पर फिल्म
बॉलीवुड भी अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं को
पसंद करता था। उनकी एक कविता क्या खोया क्या पाया जग में को जगजीत सिंह ने
संगीतबद्ध किया था और गाया था। यह गीत यश चोपड़ा की वाजपेयी जी की कविताओं पर एक
शॉर्ट फिल्म अंतर्नाद (१९९९) से था। इस गीत के वीडियो को सारेगामा के यू ट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है। इस गीत के विडियो में कभी बाजपेयी खुद और कभी
ग़मगीन शाहरुख़ खान नज़र आते हैं।
युगपुरुष अटल
पूर्व प्रधान मंत्री के पिछले जन्मदिन पर एक
निर्माता ने, उनके जीवन पर फिल्म युगपुरुष अटल बनाने का ऐलान किया था। युगपुरुष अटल
को इस साल २५ दिसम्बर को रिलीज़ किया जाना था।
लेकिन, इस फिल्म का अब तक कोई अता पता नहीं है। ऐसा लगता है कि फिल्म के निर्माता ने केवल
शोहरत पाने के लिए यह ऐलान किया था।
फिल्म में अटल
यू पी ए सरकार के प्रधान मंत्री डॉक्टर मनमोहन
सिंह के जीवन पर फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर में जहाँ, डॉक्टर मनमोहन सिंह
की भूमिका अनुपम खेर कर रहे हैं, वहीँ मनमोहन सिंह के मीडिया
सलाहकार संजय बारू की पुस्तक पर आधारित इस फिल्म में अटल बिहारी वाजपेयी को
भी देखा जाएगा। फिल्म में यह किरदार
अभिनेता राम अवतार भरद्वाज कर रहे हैं।
हिरानी का घटिया मज़ाक
एक ओर जहाँ,
कुछ बॉलीवुड फिल्म निर्माता अटल बिहारी वाजपेयी
के व्यक्तित्व और कृतित्व को गंभीरता से लेते हैं, वहीँ राजकुमार हिरानी जैसे फिल्मकार मज़ाक बनाने
से नहीं चूकते। फिल्म संजु के एक दृश्य में संजय दत्त का किरदार मदद के लिए दिल्ली
के एक राजनेता के पास जाता है। लेकिन, वह नेता आँखे खोले सोता नज़र आता है। इस दृश्य को देखने बाद सोशल
साइट्स पर वाजपेयी जैसे वरिष्ठ राजनेता का मज़ाक उड़ाने के लिए हिरानी पर गुस्सा
व्यक्त किया गया था।
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