२०१० में रिलीज़ राजनीतिक व्यंग्य फिल्म 'तेरे बिन लादेन' स्लीपर हिट फिल्म साबित हुई थी। वॉकवाटर मीडिया की ६ करोड़ के मामूली बजट से बनी इस फिल्म ने १५ करोड़ का बिज़नेस किया था । अभिषेक शर्मा निर्देशित यह फिल्म आज भी श्रेष्ठ व्यंग्य फिल्मों में शुमार की जाती है। अब एक बार फिर, वॉकवाटर मीडिया और अभिषेक शर्मा की जोड़ी अगले साल १९ फरवरी को इस फिल्म का सीक्वल 'तेरे बिन लादेन- डेड ऑर अलाइव' ले कर आ रही है। २०१० की फिल्म में रिपोर्टर की भूमिका करने वाले अली ज़फर इस बार ख़ास भूमिका में होंगे। मुख्य भूमिका में मनीष पॉल और सिकंदर आ गए हैं। अभिनेता प्रद्युम्न सिंह ने पिछली फिल्म में ओसामा बिन लादेन के हमशक्ल नूरा की हास्य भूमिका की थी। इस बार भी वह इसी अवतार में नज़र आएंगे।पिछले दिनों फिल्म 'तेरे बिन लादेन- डेड ऑर अलाइव' का फर्स्ट लुक रिलीज़ हुआ। इस मौके पर निर्देशक अभिषेक शर्मा ने अपनी फिल्म को ओरिजिनल सीक्वल फिल्मों में से सबसे ज़्यादा ओरिजिनल फिल्म बताया। वह कहते हैं, "यह पहली ऎसी सीक्वल फिल्म है, जिसकी कहानी पहली फिल्म की कहानी से जुडी हुई है, लेकिन ठीक उसी जगह से नहीं शुरू होती, जहाँ पहली फिल्म ख़त्म हुई थी। आप इस फिल्म को परंपरागत सीक्वल फिल्म नहीं कह सकते।" फिलहाल, 'तेरे बिन लादेन- डेड ऑर अलाइव' की टीम को फिल्म की रिलीज़ के बाद दर्शकों के रिस्पांस का इंतज़ार है। क्या पहली फिल्म की तरह सीक्वल फिल्म भी हिट होगी ? वैसे पहली फिल्म के कारण दूसरी फिल्म से उम्मीदें ज़्यादा बन जाती हैं। फिल्म का वितरण अनुराग कश्यप की कंपनी फैंटम फिल्म कर रही है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Showing posts with label अनुराग कश्यप. Show all posts
Showing posts with label अनुराग कश्यप. Show all posts
Saturday 12 December 2015
फिर 'तेरे बिन लादेन---'
Labels:
अनुराग कश्यप,
अभिषेक शर्मा,
तेरे बिन लादेन,
फैंटम फिल्म्स,
ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Posts (Atom)