एक आदमी को गायब होने की ताक़त मिल जाती है। उसके सामने दो विकल्प हैं - या तो वह इस ताकत का अच्छे कामों के लिए उयपोग करे या फिर बिलकुल बुरा बन जाये। गायब हो जाने वाला शख्स यानि मिस्टर एक्स अच्छे काम करने के लिए इस ताकत का इस्तेमाल करता है। लेकिन, इसके लिए उसे अपनी खूबसूरत पत्नी से अलग होना होगा। यह कहानी है डायरेक्टर विक्रम भट्ट की साईं-फ़ाई, थ्रिलर फिल्म 'मिस्टर एक्स' की। इस फिल्म में मिस्टर एक्स का किरदार इमरान हाशमी कर रहे हैं। उनकी खूबसूरत पत्नी अमायरा दस्तूर बनी हैं। निर्माता कंपनी विशेष फिल्म्स ने 'मिस्टर एक्स' के एसएफएक्स पर काफी मेहनत की है। बकौल इमरान हाशमी इसे 'अवेंजर्स की टक्कर का' बनाया गया है। दर्शकों को कुछ बेहतरीन दृश्य देखने को मिल सकते हैं। इस फिल्म में इमरान हाशमी की परंपरा में इमरान हाशमी और अमायरा दस्तूर की बीच गायब चुम्बन हैं। लेकिन, कहते हैं इमरान हाश्मी' "मिस्टर एक्स मेरी पहली पारिवारिक फिल्म है।"
'मिस्टर एक्स' पारिवारिक है या विज्ञानं फैंटसी या फिर कुछ और, लेकिन इतना तय है कि इस फिल्म का नायक गायब हो सकता है। वह गायब हो कर अपनी प्रेमिका से रोमांस कर सकता है, अपने प्यार के दुश्मनों से दो दो हाथ कर सकता है, बुरे आदमियों या बुराइयों को ख़त्म करने का बीड़ा उठा सकता है, वह देश भक्त भी हो सकता है। ऐसे ही कुछ गायब नायकों के कारनामों पर एक नज़र डालना मज़ेदार अनुभव हो सकता है -
मिस्टर एक्स - महेश भट्ट के पिता और इमरान हाश्मी के नाना नानाभाई भट्ट ने १९५७ में हॉलीवुड फिल्म 'ए इनविजिबल मैन ' से प्रेरित हो कर 'मिस्टर एक्स' का निर्माण किया था। इस फिल्म में अशोक कुमार मिस्टर एक्स बने थे। उनकी नायिका नलिनी जयवंत थी। इस फिल्म में दर्शकों ने हवा में उठती हुई औरत, पिस्तौल और फर्नीचर देखा। इस फिल्म में पहली बार एक गायब आदमी सिगार पी रहा था। इस फिल्म की ट्रिक फोटोग्राफी ख़ास थी। बताते हैं कि बाद में इस फिल्म को १९६५ में 'आधी रात के बाद' टाइटल के साथ दोबारा रिलीज़ किया गया।
मिस्टर एक्स इन बॉम्बे - निर्देशक शांतिलाल सोनी की साईं-फ़ाई एडवेंचर कॉमेडी फिल्म 'मिस्टर एक्स इन बॉम्बे' १९६४ में रिलीज़ हुई थी। इस १२६ मिनट लम्बी श्वेत-श्याम फिल्म में किशोर कुमार और कुमकुम की मुख्य भूमिका थी। शोभा यानि कुमकुम एक अमीर लड़की है। उसका प्रोफेसर पिता एक एक्सपेरिमेंट के दौरान अपने एक कर्मचारी को कुछ पीने को देता है। उसे पीते ही कर्मचारी मर जाता है। अब उसका दोस्त मनोहर इस लाश के सहारे प्रोफेसर के ब्लैकमेल करने लगता है। वह चाहता है कि प्रोफेसर अपनी बेटी शोभा की शादी उससे कर दे। शोभा कवि सुदर्शन से प्यार करती है। सुदर्शन उससे शादी करना चाहता है तो वह मना कर देती है। इस पर सुदर्शन एक नोट छोड़ जाता है कि वह आत्महत्या कर रहा है। इसके बाद शोभा को हर रात सुदर्शन तो दिखाई नहीं देता, लेकिन उस की आवाज़ सुनाई देती है। लेकिन, यह फिल्म आत्मा का मामला नहीं थी। फिल्म के लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जोड़ी के गीत 'खूबसूरत हसीना, मेरे मेहबूब क़यामत होगी, आदि जैसी गीत ज़बरदस्त हिट हुए थे। यह पहली हिंदी फिल्म थी, जिसका नायक अदृश्य हो जाता है।
एलान- निर्देशक के रमनलाल की थ्रिलर फिल्म 'एलान' का नायक नरेश एक फ्रीलान्स जर्नलिस्ट है। एक अख़बार का एडिटर उसे एक वीराने द्वीप में इन्वेस्टीगेशन के लिए भेजता हैं। वहां उसे गार्डों द्वारा पकड़ कर जेल में डाल दिया जाता है। जेल की कोठरी में उसे के वैज्ञानिक मिलता है, जो उसे बताता है कि उसने एक एटॉमिक रिंग की ईज़ाद की है, जिसे मुंह में डाल कर कोई भी गायब हो सकता है। इतना बता कर वैज्ञानिक मर जाता है। नरेश रिंग ले कर गायब हो जाता है और अंडरवर्ल्ड के लोगों को ख़त्म करने लगता है। इस फिल्म में विनोद मेहरा, विनोद खन्ना, रेखा, मदनपुरी, राजेन्द्रनाथ, आदि की मुख्य भूमिका थी। यह एलान १९७१ में रिलीज़ हुई थी।
मिस्टर इंडिया- शेखर कपूर की फिल्म 'मिस्टर इंडिया' बॉलीवुड की सबसे सफल साईंफ़ाई फिल्म मानी जाती है। १९८४ में रिलीज़ इस फिल्म में अनिल कपूर, श्रीदेवी, अमरीश पूरी, अशोक कुमार, अन्नू कपूर और सतीश कौशिक की भूमिका वाली इस फिल्म में अनिल कपूर अनाथ बच्चों को पालते हैं। एक दिन उनके हाथ एक ब्रेसलेट लग जाता है, जिसे पहनते ही वह गायब हो जाते हैं। ठीक मिस्टर एक्स इन बॉम्बे के किशोर कुमार की तरह मिस्टर इंडिया के अनिल कपूर भी देश के दुश्मनों को ठिकाने लगाते हैं। इस फिल्म ने श्रीदेवी को मिस्टर इंडिया की मिस इंडिया बना दिया था।
मिस्टर एक्स उर्फ़ एक आदमी- ख्वाजा अहमद अब्बास की इस फिल्म में अमोल पालेकर और इम्तियाज़ खान ने इनविजिबल करैक्टर किया था। फिल्म में शबाना आज़मी, रोहिणी हट्टंगड़ी, परीक्षित साहनी और सईद जाफरी ने भी अभिनय किया था। यह फिल्म १९८८ में रिलीज़ हुई थी।
गायब- विष्णु को हर कोई लताड़ लगाता रहता है। प्रवाल रमन की तुषार कपूर और अंतरा माली अभिनीत फिल्म गायब में विष्णु यानि तुषार कपूर अपनी प्रेमिका के बॉयफ्रेंड से पिटने के बाद समुद्र के किनारे मिली एक मूर्ती से गुज़ारिश करता है कि वह उसे गायब कर दे। घर पहुँच कर तुषार को मालूम पड़ता है कि वह सचमुच गायब हो गया है। अपनी इस गायब होने की शक्ति से वह अपनी प्रेमिका को पाने में सफल तो हो जाता है, लेकिन एक डकैती डाल कर फंस भी जाता है।यह फिल्म २००४ में रिलीज़ हुई थी।
गायब ……लेकिन भूत नहीं- कुछ हिंदी फिल्मों में किरदार मर कर अपने बच्चे, पति या परिवार की मदद करता है। यह घोस्ट इफ़ेक्ट था। घोस्ट १९९० मे रिलीज़ एक हॉलीवुड फिल्म थी। इस फिल्म में पैट्रिक स्वेज़ की हत्या हो जाती है। अब उनकी आत्मा अपनी पत्नी डेमी मूर को बचाने के लिए अपने दुश्मनों से बदला लेती है। इस फिल्म पर निर्देशक बी सुभाष ने शीबा और राहुल रॉय को लेकर फिल्म 'प्यार का साया' का निर्माण किया। लेकिन, बी सुभाष फिल्म का भारतीयकरण नहीं कर सके। पूरी फिल्म घोस्ट की नक़ल थी। इसलिए यह फिल्म इंडिया बॉक्स ऑफिस पर असफल रही। वहीं दूसरी ओर निर्देशक अजय कश्यप ने 'घोस्ट' का भारतीयकरण कर इसे 'माँ' टाइटल से बनाया। फिल्म में जया प्रदा और जीतेन्द्र ने मुख्य भूमिका की थी। जयाप्रदा देसी पैट्रिक स्वेज़ बनी थी। फिल्म सफल हुई। 'चमत्कार' फिल्म में नसीरुद्दीन शाह का भूत करैक्टर शाहरुख़ खान की मदद करता है।
होलो मैन- मिस्टर एक्स की एक्ट्रेस अमायरा दस्तूर ने एक बातचीत में कहा था कि मिस्टर एक्स का होलो मैन से कोई लेना देना नहीं है। अमायरा के दावे के बावजूद यह जानना ठीक होगा कि 'होलो मैन' क्या थी! २००० की पॉल वेरहोएवेन निर्देशित केविन बेकन, एलिज़ाबेथ शुए और जोश ब्रोलिन अभिनीत साईं-फाई फिल्म होलो मेन में एक साइंटिस्ट एक ऐसा सीरम विकसित कर लेता है, जैसी किसी के इंजेक्ट कर दिया जाये तो वह गायब हो जाता है। वैज्ञानिक इस इंजेक्शन अपने सहायक को लगा देता है, जिसकी प्रेमिका को वह पाना चाहता है। मिस्टर एक्स वास्तव में होलो मैन का रीमेक है या नहीं, इसका पता तो १७ अप्रैल को ही चल सकेगा, जब मिस्टर एक्स रिलीज़ होगी।
राजेंद्र कांडपाल