टीवी सीरीज मैड मेन में डॉन ड्रेपर का किरदार करने वाले अभिनेता जॉन हैम अपने किरदारों को अपने लुक और हावभाव से प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने अपने अभिनय से द टाउन के एडम फ्रॉले, सकर पंच के हाई रोलर, ब्राइडमेड्स के टेड और कीपिंग अप विथ द जोनेसेज़ के टिम जोंस जैसे किरदारों को विशिष्ट तरीके से किया। उन्हें सीरीज मैड मेन के लिए गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स, सॅटॅलाइट अवार्ड, और स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड में श्रेष्ठ अभिनेता के ११ अवार्ड मिल चुके हैं। अब वह फिल्म बेबी ड्राइवर में बैंक डकैतों में से एक बडी के किरदार को जीवंत बना रहे हैं। फिल्म में वह बेबी ड्राइवर एंसेल एलगॉर्ट के साथ डकैती के बाद भाग निकलते हैं। बडी को जॉन हैम ने बिलकुल अलग लुक और अंदाज़ दिया है। जब उनसे उनके लुक के बारे में जानकारी की गई तो उन्होंने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा, "मैं नहीं जानता कि इसे क्या कहते हैं। उन्होंने मेरे साइड के बाल साफ़ कर दिए । फिर चंदिया पर जैसे झाड़ू मार दी। जॉन का मानना है कि हेयर कट के फायदे यह होते हैं कि यह हमें अपने करैक्टर की याद दिलाता रहता है। साथ ही आपने पहले जिस किरदार को किया है, दर्शकों के दिमाग से उसकी सफाई भी कर देता है। बेबी ड्राइवर को एडगर राइट ने लिखा और निर्देशित किया है। यह फिल्म ३० जुलाई को रिलीज़ होगी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday, 10 June 2017
काफी अलग है जॉन हैम का लुक
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 9 June 2017
'मुन्ना माइकल' में अमीषा पटेल का सरप्राइज कैमिया
जय हेमंत श्रॉफ उर्फ़
टाइगर श्रॉफ के फिल्म करियर की चौथी फिल्म मुन्ना माइकल २१ जुलाई को रिलीज़ होने जा
रही है। जैसे जैसे रिलीज़ की तारीख नज़दीक आ
रही है, फिल्म के सरप्राइज पैकेज खुलते चले जा रहे
हैं। फिल्म की डेब्यूटांट नायिका निधि
अग्रवाल अपनी मैंगलोरियन ब्यूटी ऐश्वर्या राय बच्चन की तरह बॉलीवुड में सफलता पाना
चाहती हैं। फिल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी
भी हैं। वह एक गैंगस्टर किरदार कर रहे
हैं। लेकिन, यह गैंगस्टर मुन्ना माइकल यानि टाइगर श्रॉफ के करैक्टर की तरह डांसर
बनना चाहता है। इसलिए वह टाइगर से डांस
सिखाने को कहता है। फिल्म में बॉलीवुड के
तीन पॉपुलर चेहरे चित्रांगदा सिंह, अमीषा पटेल और फराह
खान भी छोटी भूमिकाओं में हैं। चित्रांगदा
सिंह और फराह खान डांस रियलिटी शो की जज हैं, जिसमे निधि अग्रवाल का किरदार हिस्सा लेने आता है। लेकिन, चकित करेंगी अमीषा
पटेल। सूत्र बताते हैं कि फिल्म में अमीषा
पटेल का कैमिया किरदार है। लेकिन, उनका किरदार दर्शकों को चौंका देगा। सत्रह साल पहले बॉलीवुड फिल्म डेब्यू करने वाली
अमीषा पटेल पिछले चार सालों से नदारद हैं।
२०१३ में उनकी दो फ़िल्में शॉर्टकट रोमियो और रेस २ रिलीज़ हुई थी। इसके बाद उनकी दो फिल्मों देसी मैजिक (दोहरी
भूमिका) और भैयाजी सुपरहिट केवल ऐलान तक ही सीमित रही। भैयाजी सुपरहिट में तो उनके नायक सनी देओल हैं,
जिनके साथ अमीषा पटेल ने ग़दर एक प्रेमकथा से
डेब्यू किया था। ऐसे में अमीषा पटेल की
मुन्ना माइकल की चौंका देनी वाली भूमिका दर्शकों की लिए उत्सुकता पैदा करने वाली
खबर है। लेकिन, क्या इस चौंकाऊ भूमिका से उनका फिल्म करियर कुछ दिशा लगा ?
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Thursday, 8 June 2017
कैलाश सत्यार्थी के किरदार में बोमन ईरानी
अभिनेता बोमन ईरानी जल्द ही फिल्म झलकी
में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश
सत्यार्थी के किरदार में नज़र आएंगे। राष्ट्रीय पुरष्कार विजेता डायरेक्टर ब्रह्मानंद सिंह इस फिल्म को डायरेक्ट करेंगे। यह फिल्म एक
छोटी लड़की की कहानी है जो बाल मज़दूरी करते करते अपने भाई की तलाश को तलाश कर रही
है। इस बारे
में बोमन ईरानी का कहना है, "मैंने अपने पोरशन को कुछ ही दिनों में संरक्षित कर लिया था। सत्यार्थी
जी एक ऐसे इंसान हैं. जिनपर हर भारतीय को गर्व है। मिर्ज़ापुर में जब हम शूट कर रहे थे तो वहां का तापमान
लगभग ४७ डिग्री था। बहुत ही बेहतरीन अनुभव रहा है इस फिल्म के
दौरान। मैं वहां के लोगो से मिला और उनकी समस्याओ समझने का मौका मिला।" बोमन अपनी यादो को साँझा करते हुए बताया कि वे सिर्फ सत्यार्थी के
किरदार को चित्रित नहीं करना चाहते थे बल्कि उनका बच्चो के प्रति लगाव और बच्चो
के हक़ के लिए बिना किसी डर आवाज़ उठाना और बच्चो के साथ खुद बच्चे बन जाना जैसी खासियतों पर भी ध्यान देना चाहता था।
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खबर है
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Wednesday, 7 June 2017
'स्ट्रीट कार रेसर बन 'ड्राइव' करेंगी जैक्वेलिन फर्नांडीज़
अभिषेक बच्चन, जॉन अब्राहम और प्रियंका चोपड़ा के साथ दोस्ताना जैसी फिल्म निर्देशित करने के बाद तरुण मनसुखानी खामोश बैठ गए थे। जबकि, खबरे उड़ती और बैठती रही कि वह दोस्ताना २ का निर्माण करने जा रहे हैं। इस प्रकार से दोस्ताना को रिलीज़ हुए नौ साल हो गए। अब जा कर तरुण मनसुखानी की ख़ामोशी टूटी हैं। वह दोस्ताना का सीक्वल तो नहीं बना रहे। अलबत्ता, वह स्ट्रीट कार रेसिंग पर फिल्म ड्राइव ज़रूर बना रहे हैं। इस फिल्म का पहला शिड्यूल अप्रैल में ख़त्म हो चूका है। हॉलीवुड में स्ट्रीट कार रेसर पर फ़ास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज पूरी दुनिया में लोकप्रिय हुई है। कुछ दूसरी कार रेसिंग पर फ़िल्में भी सफल हुई हैं। लेकिन, बॉलीवुड में तारा रम पम पम और रेस के अलावा अन्य कोई प्रयास नहीं हुए । इसीलिए तरुण मनसुखानी की स्ट्रीट कार रेस पर फिल्म ड्राइव पर तमाम निगाहें हैं। इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत एक कार रेसर की भूमिका में हैं। खबर है कि जैक्वलिन फर्नांडीज़ का किरदार भी एक कार रेसर का है। इस फिल्म में जैक्वेलिन ने ढेरों खतरनाक स्टंट किये हैं। वह तेज़ रफ़्तार से कार भगाती भी नज़र आएँगी। जैक्वलिन के लिए यह किरदार रियल लाइफ जैसा है। क्योंकि, बहरीन में रहने के दौरान वह स्ट्रीट रेसर हुआ करती थी। इस दौरान उनके कई अच्छे दोस्त बने। बहरीन की वह इकलौती महिला कार रेसर हुआ करती थी। वह कितनी अच्छी कार रेसर थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने दो बार पुरुष ड्राइवरों को कार रेसिंग में मात दी थी। इस लिहाज़ से जैक्वलिन ड्राइव में रियल लाइफ किरदार कर रही होंगी। जैक्वलिन आज की सबसे ज़्यादा व्यस्त अभिनेत्रियों में शुमार हैं। वह सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ एक्शन कॉमेडी फिल्म अ जेंटलमैन और वरुण धवन के साथ जुड़वा कर रही हैं। इन फिल्मों में जैक्वलिन के नायक उनके हमउम्र और सफल अभिनेता हैं। यह तीनों फ़िल्में इस साल रिलीज़ हो सकती हैं।
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शूटिंग/लोकेशन
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बड़े सितारों का पुनर्जन्म से 'राब्ता'
दिनेश विजन की बतौर निर्देशक पहली फिल्म राब्ता पुनर्जन्म पर है। वर्तमान युग के शिव और सायरा के अटूट प्रेम के बीच में सायरा का पूर्व जन्म का प्रेमी ज़ाकिर आ जाता है । इस भूमिका को जिम सरब कर रहे हैं। फिल्म के पुनर्जन्म में कॉस्ट्यूम ड्रामा है। तलवारबाज़ी है। सायरा का किरदार कृति सेनन ने किया है। सुशांत सिंह राजपूत शिव बने हैं। पिछले दिनों इस फिल्म के जारी फर्स्ट लुक में अभिनेता राजकुमार राव एक चार सौ साल के बूढ़े के किरदार में नज़र आ रहे थे। फिल्म में दीपिका पादुकोण का राब्ता आइटम भी है।
बड़ी स्टार कास्ट का पुनर्जन्म
राब्ता की बात की जाए तो फिल्म की स्टार कास्ट बहुत बड़ी नज़र नहीं आती। सिर्फ दीपिका पादुकोण की बड़ी अभिनेत्री है, लेकिन वह भी आइटम सांग तक सीमित हैं। जबकि वास्तविकता तो यह है कि पुनर्जन्म पर बनी फ़िल्में बड़े सितारों को बेहद रास आता है। अशोक कुमार और मधुबाला फिल्म महल में, दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला फिल्म मधुमति में, सुनील दत्त, नूतन, प्राण और जमुना फिल्म मिलन में, राजकुमार, वहीदा रहमान और मनोज कुमार फिल्म नील कमल में, राजेश खन्ना और हेमा मालिनी फिल्म महबूबा में, ऋषि कपूर, टीना मुनीम, प्राण, सिमी ग्रेवाल और राज किरण फिल्म क़र्ज़ में, शाहरुख़ खान, सलमान खान, काजोल और राखी फिल्म करण अर्जुन में तथा दीपिका पादुकोण के साथ शाहरुख़ खान फिल्म ओम शांति ओम में पुनर्जन्म ले चुके हैं।
बड़ी स्टार कास्ट का पुनर्जन्म
राब्ता की बात की जाए तो फिल्म की स्टार कास्ट बहुत बड़ी नज़र नहीं आती। सिर्फ दीपिका पादुकोण की बड़ी अभिनेत्री है, लेकिन वह भी आइटम सांग तक सीमित हैं। जबकि वास्तविकता तो यह है कि पुनर्जन्म पर बनी फ़िल्में बड़े सितारों को बेहद रास आता है। अशोक कुमार और मधुबाला फिल्म महल में, दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला फिल्म मधुमति में, सुनील दत्त, नूतन, प्राण और जमुना फिल्म मिलन में, राजकुमार, वहीदा रहमान और मनोज कुमार फिल्म नील कमल में, राजेश खन्ना और हेमा मालिनी फिल्म महबूबा में, ऋषि कपूर, टीना मुनीम, प्राण, सिमी ग्रेवाल और राज किरण फिल्म क़र्ज़ में, शाहरुख़ खान, सलमान खान, काजोल और राखी फिल्म करण अर्जुन में तथा दीपिका पादुकोण के साथ शाहरुख़ खान फिल्म ओम शांति ओम में पुनर्जन्म ले चुके हैं।
बॉलीवुड की पहली पुनर्जन्म
फिल्म महल
दिलीप कुमार और मधुबाला
अभिनीत और १९४९ में रिलीज़ फिल्म महल बॉलीवुड की पहली पुनर्जन्म फिल्म थी। यह पुनर्जन्म पर आधारित पहली
थ्रिलर फिल्म थी। इस फिल्म का निर्माण बॉम्बे टॉकीज ने किया था। इस फिल्म से
कमाल अमरोही का बतौर निर्देशक डेब्यू हो रहा था। इससे पहले वह जेलर, पुकार, फूल
और शाहजहाँ जैसी फिल्मों को लिख कर मशहूर हो चुके थे। फिल्म ने लता मंगेशकर को
टॉप की गायिका बना दिया था। उस समय बॉम्बे टॉकीज आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुकी थी, लेकिन, महल की सफलता भी बॉम्बे टॉकीज को बंद होने से नहीं बचा सकी। बॉम्बे
टॉकीज फिल्म की रिलीज़ के पांच साल बाद १९५४ में बंद हो गया ।
पुनर्जन्म फिल्मों का गीत
संगीत हिट
पुनर्जन्म फिल्मों की सफलता
के पीछे उसके हिट संगीत का हाथ नज़र आता है। इस ट्रेंड को कमाल अमरोही की फिल्म
महल ने स्थापित किया था। महल की सफलता में इसके संगीतकार खेमचंद प्रकाश द्वारा तैयार धुनों
और लता मंगेशकर की सुरीली आवाज़ का हाथ साफ़ नज़र आता है। इस फिल्म में उस समय की
बड़ी गायिकाओं राजकुमारी और जोहराबाई अम्बालेवाली ने एक तीर चला दिल पे लगा, छुन छुन
घुंघरवा बाजे रे, घबरा के हम और मैं वह हंसी हूँ जैसे गीत गाए थे। लेकिन, तहलका
मचाया लता मंगेशकर के गाये आएगा आने वाला और मुश्किल है बहुत मुश्किल गीतों ने। इस फिल्म के बाद लता मंगेशकर ने बॉलीवुड फिल्म संगीत की तमाम ऊंचाइयां तय का डाली। महल
ने मधुर संगीत को पुनर्जन्म फिल्मों का आवश्यक तत्व बना डाला। मधुमती में सलिल
चौधरी द्वारा संगीतबद्ध आजा रे परदेसी, चढ़ गयो पापी बिछुआ, सुहाना सफ़र और मौसम
हसीं, दिल तड़प तड़प के कह रहा, घडी घडी मेरा दिल धड़के, जंगल में मोर नाचा किसी ने न
देखा और टूटे हुए ख़्वाबों ने जैसे मधुर गीत फिल्म रिलीज़ होने से काफी पहले ही
दर्शकों की जुबान पर थे। मिलन के लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के संगीत से सजे सावन का
महीना पवन करे सोर, हम तुम युग युग से ये गीत मिलन के गाते रहेंगे, बोल गोरी बोल
तेरा कौन पिया, मैं तो दीवाना दीवाना, राम करे ऐसा हो जाये, आदि गीतों ने महीनों
तक संगीत जगत में तहलका मचाये रखा। महबूबा फिल्म का संगीत भी हिट हुआ था। इस फिल्म के
तमाम गीत राहुल देव बर्मन की धुनों पर आनंद बख्शी ने लिखे थे। इस फिल्म के मेरे
नैना सावन भादो, महबूबा, गोरी तेरी पैजनियाँ, पर्वत के पीछे, जमुना किनारे आजा,
आदि गीत बेहद लोकप्रिय हुए। सुभाष घई निर्देशित फिल्म क़र्ज़ का संगीत लक्ष्मीकांत
प्यारेलाल ने दिया था। इस फिल्म के ओम शांति ओम, पैसा ये पैसा, एक हसीना थी,
दर्दे दिल दर्दे जिगर और मैं सोलह बरस की जैसे गीतों ने तहलका मचा दिया। पुनर्जन्म पर निर्देशक राकेश रोशन की फिल्म करण अर्जुन का संगीत उनके भाई राजेश
रोशन ने दिया था। इस फिल्म के जाती हूँ मैं, यह बंधन तो, भांगड़ा पा ले, एक मुंडा
मेरी उम्र का, जय माँ काली, आदि गीत भी काफी सफल हुए। दीपिका पादुकोण की शाहरुख़
खान के साथ डेब्यू फिल्म ओम शांति ओम में विशाल-शेखर जोड़ी की धुनों से सजे दर्दे डिस्को,
अजब सी, दीवानगी दीवानगी, मैं अगर कहूं, जग सूना सूना लागे, आदि गीत दर्शकों के
बीच बेहद पसंद किये गए। साफ़ तौर पर १९४९ से लेकर २००७ के बीच रिलीज़ तमाम पुनर्जन्म
फिल्मों में संगीत के महत्व का अंदाजा इन फिल्मों के संगीत से लगाया जा सकता है।
थ्रिलर फिल्म में रहस्यपूर्ण गीत का ट्रेंड
महल केवल एक पुनर्जन्म फिल्म नहीं थी। यह थ्रिलर फिल्म भी थी। इस फिल्म का आएगा आने वाला गीत महल के गलियारों से गुजर रहे साये के इर्दगिर्द रहस्य का साया कुछ ज़्यादा गहरा देता था। दर्शकों में इस गीत को सुनते हुए आगे की कहानी के प्रति उत्सुकता बढती चली जाती थी। रहस्य रोमांच से भरपूर फिल्मों के लिए यह ट्रेंड सा बन गया। महल के आएगा आने वाला गीत
ने रहस्य फिल्मों में नायिका के इर्दगिर्द रहस्य बुनने के लिए एक गीत का बार बार
इस्तेमाल करने का फार्मूला ईजाद कर दिया। इस ट्रेंड को बाद की कई फिल्मो में आजमाया
गया। महल के एडिटर बिमल रॉय ने अपनी फिल्म मधुमती में इसी ट्रेंड पर आजा रे
परदेसी गीत रखा था। फिल्म महबूबा का मेरे नैना सावन भादो गीत फिल्म के रहस्य को
गहराने वाला था। थ्रिलर फिल्मों के उस्ताद राज खोसला ने अपनी फिल्म वह कौन थी में
नैना बरसे रिम झिम रिम झिम गीत के ज़रिये साधना के करैक्टर को रहस्यपूर्ण बना दिया
था। निर्देशक बीरेन नाग की हॉरर थ्रिलर फिल्म बीस साल बाद में कहीं दीप जले कहीं
दिल गीत के शुरू होते ही दर्शकों को यह एहसास हो जाता था कि अब आत्मा आने वाली है। यह गीत फिल्म में कई बार बजते हुए रहस्य गहराता था। इसी प्रकार से दूसरी रहस्य
रोमांच वाली थ्रिलर फिल्मों में किसी न किसी गीत के जरिये रोमांच पैदा करने की
कोशिश की गई थी।
असफल भी हुई हैं पुनर्जन्म पर फ़िल्में
आम तौर पर पुनर्जन्म का कथानक दर्शकों को रास आता है। महल से लेकर राब्ता से पहले तक पुनर्जन्म के कथानक वाली फ़िल्में, अमूमन हिट होती रही हैं। इसका मतलब यह नहीं कि पुनर्जन्म सेफ फार्मूला है। पुनर्जन्म पर आधारित फिल्मों को दर्शकों ने सिरे से नकारा भी है। यह ज़्यादातर फ़िल्में बड़े सितारों वाली फ़िल्में भी थी। इनमे सैफअली खान और काजोल की फिल्म हमेशा, सलमान खान और शीबा की फिल्म सूर्यवंशी, राजेश खन्ना हेमा मालिनी और राजकुमार की फिल्म कुदरत, करिश्मा कपूर की थ्रीडी फिल्म डेंजरस इश्क़, निर्देशक कुणाल कोहली की शाहिद कपूर और प्रियंका चोपड़ा की फिल्म तेरी मेरी कहानी, आदि पुनर्जन्म पर फ़िल्में बड़ी स्टार कास्ट के बावजूद बुरी तरह से असफल हुई थी। इसके अलावा, भारीभरकम बजट से बनी पुनर्जन्म फिल्म प्रेम (संजय कपूर और तब्बू) और लव स्टोरी २०५० (हरमन बवेजा और प्रियंका चोपड़ा) भी बुरी तरह से असफल हुई। कुछ दूसरी असफल पुनर्जन्म फिल्मों में मिस्टर या मिस, एक पहेली लीला, आदि ख़ास उल्लेखनीय फ़िल्में हैं।
पुनर्जन्म फिल्मों के लिहाज़ से दिनेश विजन की फिल्म राब्ता कहाँ फिट बैठती है? यह फिल्म हिट होगी या सुपरहिट या फ्लॉप ! फिल्म का बजट बड़ा है, पर स्टार कास्ट ख़ास बड़ी नहीं। फिल्म में कॉस्ट्यूम ड्रामा भी है। यह फिल्म तेलुगु फिल्म मगधीरा का रीमेक है। मगधीरा बड़ी हिट फिल्मो में शुमार है। परन्तु राब्ता का संगीत हिट नहीं हो रहा है। सिर्फ टाइटल सांग ही ठीकठाक है। यह गीत भी दीपिका पादुकोण के सेक्सी हावभाव के कारण देखा जा रहा है। ऐसे पूछा जा सकता है कि क्या राब्ता भी हिट होगी ? इंतज़ार कीजिये ९ जून का।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
दुनिया पर छाई इजराइल की वंडर वुमन
हॉलीवुड की पहली महिला सुपर हीरो वाली फिल्म वंडर वुमन पूरी दुनिया में ज़बरदस्त तहलका मचा रही है। इस फिल्म का
पहले दिन का बिज़नस, गुरुवार की रात के प्रीव्यू से हुई कमाई को मिला कर ३८.८५
मिलियन डॉलर अनुमानित किया जा रहा है । यह बिज़नस पहली गार्डियन्स ऑफ़ द गैलेक्सी के
बराबर है । इस फिल्म ने भी थर्सडे प्रीव्यू में ११.२ मिलियन का बिज़नस करते हुए
३७.८ मिलियन डॉलर का बिज़नस किया था । गार्डियन्स ऑफ़ गैलेक्सी की ओपनिंग ९४.३
मिलियन की हुई थी । इसे देखते हुए वंडर वुमन को ९५ से १०० मिलियन डॉलर की ओपनिंग
मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है । दिलचस्प तथ्य यह है कि इस पहली महिला सुपर मैन
फिल्म को देखने के लिए महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले ४ प्रतिशत ज्यादा है । वंडर वुमन ने ओवरसीज मार्किट में ४७.१ मिलियन की ओपनिंग लेकर कुल ८५.९५ मिलियन
का बिज़नस कर लिया है। यहाँ एक दिलचस्प बात यह है कि वंडर वुमन को इजराइल के दर्शकों से ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा है, जबकि लेबनान में यह फिल्म बैन कर दी गई है। वंडर वुमन को इजराइल का समर्थन और लेबनान का विरोध इस लिए मिल रहा है कि फिल्म में अमेज़न की राजकुमारी डायना उर्फ़ वंडर वुमन का किरदार करने वाली अभिनेत्री गाल गैडोट इसरायली हैं। वह ३० अप्रैल १९८५ को इजराइल में रॉश हाइन में जन्मी हैं। उन्होंने २००४ में मिस इजराइल का खिताब जीता है। वह मार्शल आर्ट्स जानती हैं और मॉडल भी रह चुकी हैं। इस कमन्द इस्तेमाल करने वाली नायिका को पूरे इजराइल में ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा है। इजराइल के पूरे सोशल मीडिया में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम पर ऑनलाइन गाल गैडोट का समर्थन किया जा रहा है। वंडर वुमन की पोस्ट से यह माध्यम पटे पड़े हैं। उन्हें इजराइल का एम्बेसडर बताया जा रहा है। इजराइल का एक अखबार लिखता है, "कोई ऐसा इसरायली नहीं हैं, जो गाल गैडोट का समर्थन नहीं कर रहा। इजराइल के तमाम मुख्य उत्पादों पर गाल गैडोट छाई हुई हैं।" गाल गैडोट की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से भी लगाया जा सकता है कि इजराइल से एक दूसरी अभिनेत्री जेरूसलम में जन्मी नताली पोर्टमैन भी उनसे पिछड़ गई हैं। इस समर्थन से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर यह समर्थन बॉक्स ऑफिस पर नज़र आया तो यह फिल्म चार दिन के वीकेंड में १.८ मिलियन डॉलर का बिज़नेस कर ले जाएगी। यह बॉक्स ऑफिस पर किसी फिल्म का बहुत बड़ा बिज़नेस होगा। वार्नर ब्रदर्स का भी इस साल का बड़ा बिज़नेस होगा। यहाँ बताते चलें कि २०११ में हैरी पॉटर एंड द डथली होलोज पार्ट २ ने १.२ मिलियन डॉलर की ओपनिंग ली थी। २०१६ में गाल गैडोट के वंडर वुमन का इसरायली दर्शकों से परिचय कराने वाली फिल्म बैटमैन वर्सेज सुपरमैन: डौन ऑफ़ जस्टिस ने १.१ मिलियन डॉलर का फर्स्ट वीकेंड किया था। इसी कारण से वंडर वुमन लेबनान में बैन का शिकार हो गई। हालाँकि, लेबनान काफी उदार देश माना जाता है। इसके बावजूद लेबनान का सेंसर किसी शत्रु देश की फिल्म की रिलीज़ की मंज़ूरी नहीं देता है। चूंकि, गाल गैडॉट इसरायली हैं, इसलिए वंडर वुमन दुश्मन देश की फिल्म बन जाती है। इसीलिए, फिल्म के टिकट बेच चुके बेरूत के सिनेमाघरों ने बुधवार को सरकारी आदेश मिलने के बाद वंडर वुमन के पोस्टर उतार दिए। बहरहाल, इजराइल की कुछ चुनिंदा ऊंची ऊँची इमारतों पर गाल गैडोट के चहरे वाले वंडर वुमन के पोस्टर लगे हुए हैं और उन्हें शीर्षक दिया गया है- गाल गैडोट ! 'हमें तुम पर गर्व है'। 'हमारी वंडर वुमन' ।
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Hollywood
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Tuesday, 6 June 2017
मुन्ना माइकल की डॉली निधि अगरवाल
टाइगर श्रॉफ की डांस पर आधारित एक्शन फिल्म मुन्ना माइकल में तेज़ रफ़्तार डांस करते मुन्ना यानि टाइगर श्रॉफ के साथ थिरकती डांसर पर निगाहे टिक जाती हैं। वह जितना आकर्षक डांस कराती हैं, उतना ही आकर्षण उसके चहरे में भी है। मुन्ना माइकल की साथी लड़की डॉली है। इस किरदार को परदे पर निधि अग्रवाल कर रही हैं। निधि अग्रवाल बेंगलूरियन हैं। बिज़नेस मैनेजमेंट की डिग्री वाली निधि को बैले, कत्थक और बेली डांसिंग में महारत हासिल है। उनकी यह डांसिंग प्रतिभा उनके डांस में नज़र आती है। पिछले साल मुन्ना माइकल के निर्देशक शब्बीर खान ने मिस डीवा २०१४ निधि अग्रवाल को ३०० प्रतिभाओं को स्क्रीन टेस्ट लेकर छांटा था।
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Nidhi Agerwal,
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
धनुष दूसरी बार वीआईपी
तमिल फिल्म वेलाईला पट्टाधारी २ यानि बेकार स्नातक या अनएम्प्लॉयड ग्रेजुएट २ के नायक तमिल फिल्मों के सुपर स्टार धनुष हैं। वेलाईला पट्टाधारी यानि वीआईपी (२०१४) की सीक्वल फिल्म वेलाईला पट्टाधारी २ का निर्माण खुद धनुष कर रहे हैं। उनको निर्देशित कर रही हैं, उनकी पत्नी सौंदर्य रजनीकांत। फिल्म के संवाद और कहानी खुद धनुष ने लिखी है। रांझणा और षमिताभ से हिंदी दर्शकों के पसंदीदा एक्टर बन गए धनुष की यह फिल्म तमिल और तेलुगु भाषा में बनाई जा रही है। फिल्म में अमला पॉल, काजोल, सरन्या पोंवन्नन, आदि भी ख़ास भूमिका में हैं। आज इस फिल्म के दो पोस्टर तमिल और तेलुग में जारी किये गए। यह फिल्म २८ जुलाई को रिलीज़ हो रही है।
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साउथ सिनेमा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
रजनीकांत की 'काला' की महत्वपूर्ण साक्षी !
राजस्थानी पिता और तमिलभाषी माँ की संतान साक्षी अग्रवाल का जन्म अल्मोड़ा उत्तराखंड में हुआ था। जन्म के तुरंत बाद माँ-पता के साथ वह चेन्नई आ गई। यहाँ उन्होंने अन्ना यूनिवर्सिटी से बीआईटी किया। एक टॉप मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट से एमबीए किया। बंगलुरु की कुछ कंपनियों में काम किया। इसी दौरान एक फैशन डिज़ाइनर ने उन्हें देखा। वह मॉडलिंग करने लगी। ली स्ट्रासबर्ग थिएटर एंड फिल्म इंस्टिट्यूट से एक्टिंग का क्रैश कोर्स किया। वह यह कोर्स करने वाली दक्षिण की एकमात्र अभिनेत्री हैं। हॉलीवुड की उमा थर्मन और स्कारलेट जोहानसन और बॉलीवुड से रणबीर कपूर और इमरान खान ने ही इस इंस्टिट्यूट से कोर्स किया है। साक्षी ने तमिल भाषा की हॉरर सस्पेंस थ्रिलर फिल्म युगन से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की। वह अब तक पांच तमिल और एक कन्नड़ फिल्म में अभिनय कर चुकी हैं। पिछले दिनों वह चर्चा में आई रजनीकांत की फिल्म काला करिकालन में अभिनय के कारण। इस फिल्म में साक्षी का किरदार छोटा मगर अहम् है। साक्षी कहती हैं, "अपने करियर की शुरुआत में ही रजनी फिल्म पा कर मैं खुद को खुशनसीब महसूस करती हूँ।"
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साउथ सिनेमा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
सुन्दर सुशील और रिस्की 'अ जेंटलमैन'
देखिये पिछले साल रिलीज़ ट्रेलर-
लेकिन, अब कहा जा रहा है कि फिल्म सीक्वल नहीं, बल्कि
प्रीक्वेल फिल्म है। यानि बैंग बैंग से पहले की कहानी। फिल्म कहानी है गौरव की, जो एक मिशन पर
है। वह एक आकर्षक लड़की काव्या से प्यार
करने लगता और शादी करना चाहता है। काव्या
को चाहिए एक सुन्दर और सुशील भलेमानुष की, जिसके साथ थोड़ा खतरा भी हो और जोश भी। इसीलिए, अ जेंटलमैन की
टैग लाइन 'सुन्दर सुशील रिस्की' है।
इस एक्शन कॉमेडी फिल्म की कहा नी में मोड़ तब आता है, जब गौरव को एक
मिशन पर मुंबई आना पड़ता है। इस फिल्म में सुनील शेट्टी एक रिटायर कर्नल की
भूमिका में है,
जो एक मिशन के तहत रंगरूटों की भर्ती चला रहा है । सिद्धार्थ उन्ही
रंगरूटों में से एक है। फिल्म को राज निदिमोरू और कृष्णा डीके ने लिखा और
निर्देशित किया है।इस फिल्म की तमाम शूटिंग मलेशिया में हुई है। फिल्म में कई देशी
विदेशी कलाकार हैं। एक्शन ज़बरदस्त तरीके
से खतरनाक है। देखने की बात होगी कि द
जेंटलमैन २७ अगस्त को बॉक्स ऑफिस को कितना बैंग बैंग कर पाती है।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 5 June 2017
हॉट बॉडी वाली साक्षी
यह साक्षी चोपड़ा हैं। यह १९ साल की हैं। लेकिन, इनका क्वांटिको और बेवॉच गर्ल प्रियंका चोपड़ा और मेरी प्यारी बिंदु की एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा से कोई रिलेशन नहीं है, सिवाय सरनेम मिलने के। दरअसल, वह फिल्मकार मीनाक्षी सागर की बिटिया हैं और रामायण के रामानंद सागर की नातिन। उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज लंदन से वोकल में डिग्री ली है। वह एक पब में कबीर बेदी और प्रोतिमा बेदी की बिटिया पूजा बेदी की भी बेटी आलिया फर्नीचरवाला के साथ झगड़े के कारण मशहूर हुई। उनका मानना है कि उनकी बॉडी दिखाने लायक है। इसलिए वह दिखाती हैं । वह इंस्टाग्राम पर एक के बाद एक हॉट और सिज़लिंग बिकिनी फोटो पोस्ट करती रहती हैं। इंस्टाग्राम पर उनकी बॉडी देखने वालों की संख्या पौने तीन लाख से ज़्यादा निकल चुकी है। वह दूसरों को भी सलाह देती हैं कि अगर आपके पास कुछ दिखाने लायक है तो ज़रूर दिखाओ। चाहे वह मर्द हो या औरत। उनकी इंस्टाग्राम पर हॉट फोटोज देख कर छोरे भँवरे की तरह मंडराने लगे हैं। वैसे उनका कहना है कि इंडिया एक हॉट कंट्री है। मुझे गरमी लगती है, इसलिए मैं टॉपलेस भी हो जाती हूँ और बिकिनी में भी नज़र आती हूँ।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Sunday, 4 June 2017
रहस्यपूर्ण है ‘एक हसीना थी एक दिवाना था’ का रोमांटिक संगीत
सुनील दर्शन की फिल्म ‘एक हसीना थी एक दिवाना था’ रोमांटिक फिल्म है । लेकिन, उनके सामने चुनौती थी इस रोमांटिक रहस्य शैली की फिल्म के संगीत को थीम के अनुरूप रोमांस और रहस्य से भरपूर बनाये रखने की । इसीलिए सुनील दर्शन को फिल्म के तमाम गीतों को अंतिम रूप देने के लिए लगभग पांच महीने लगें । उन्हें इस मामले में मदद की संगीतकार नदीम (नदीम-श्रवण फेम) ने, जिन्होंने सुनील को एक से बढकर एक गाने कम्पोज करके दिये । सुनील दर्शन बतातें हैं, "जब मैंने एक हसीना थी एक दीवाना था बनाने का फैसला किया तो मैंने फिल्म शुरू करने से पहले ही फिल्म के गीत- संगीत और गाने लॉक करने का फैसला किया। नदिम को स्क्रिप्ट भेजने के बाद, मैं दुबई में नदीम से मिलने गया। जब मैं वहाँ पहूँचा तब तक नदीम ने पहले से ही हर सिच्युएशन पर अलग अलग धुनें तैयार कर रखी थी। उन्होंने सभी गीत मुझे सुनायें । उनमे से जो मुझे पसंद आये, वह मैंने सिलेक्ट कर लिए ।" नदीम (श्रवण के साथ) और सुनील दर्शन का रिश्ता एक रिश्ता: दि बॉन्ड ऑफ लव, हाँ मैने भी प्यार किया, अंदाज, बरसात, दोस्ती, मेरे जीवन साथी के समय से बना हुआ है । एक हसीना थी एक दिवाना था इन दोनों की एक साथ सातवी फिल्म हैं। बेटे शिव दर्शन के करियर को फिर से जमाने के लिए बनाई जा रही यह फिल्म इसी साल रिलीज़ होगी ।
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गीत संगीत
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
सावधान ! सचमुच में बहन होगी तेरी !!
पिछले दिनों, निर्माता अंटोनी डिसूज़ा की फिल्म बहन होगी तेरी का प्रमोशन बड़े दिलचस्प तरीके से किया गया । इस फिल्म के पोस्टरों से पटी एक वैन देश के आठ शहरों में घूमी । चंडीगढ़, रांची, नॉएडा, बनारस, इंदौर, पटना, जयपुर और कानपूर के कई इलाकों से गुजारी यह वैन जिस इलाके में रुकती, उसमे से एक लड़की आरती की थाली के साथ उतरती । वह वहां खड़े जोड़ों के सामने पहुंचती । उनमें लडके से कहती कि वह उसका भाई बन जाए । आम तौर पर कोई लड़का अपनी पत्नी या प्रेमिका के सामने ऐसे प्रस्ताव को यकायक ठुकरा नहीं सकता है । तब वह लड़की उनकी आरती उतारती और यह कहते हुए राखी बाँध देती कि अब तुम मेरे भाई हुए । प्रचार का यह तरीका निर्देशक अजय के पन्नालाल की फिल्म की थीम के अनुरूप था । इस फिल्म की कहानी एक ऐसे मौहल्ले के लडके की है, जिसे मोहल्ले की हर लड़की का भाई बता दिया जाता था । वह चाहते हुए भी अपनी पसंद की लड़की से शादी नहीं कर सकता था । फिल्म के ऐसे ज़बरदस्ती के भाई की भूमिका राजकुमार राव ने की है । उनकी प्रेमिका का किरदार श्रुति हासन ने किया है । गौतम गुलाटी, गुलशन ग्रोवर और रणजीत की ख़ास भूमिका वाली यह फिल्म ९ जून को रिलीज़ होने जा रही है ।।
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ये ल्लों !!!
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नेहा कक्कड़ का टल्ली गीत
वीरे दी वेडिंग और वीरे की वेडिंग में फर्क करने की ज़रुरत है । गायिका नेहा कक्कड़ जिस फिल्म के लिए टल्ली हुई हैं, वह करीना कपूर और सोनम की फिल्म वीरे दी वेडिंग नहीं, बल्कि जिमी शेरगिल और युविका चौधरी की वीरे की वेडिंग है । नेहा कक्कड़ का टल्ली टल्ली गीत राजेश बक्शी की हिंदी फिल्म वीरे की वेडिंग के लिए नेहा का गाया गीत पिछले दिनों मीत ब्रदर्स स्टूडियो में रिकॉर्ड किया गया । इस गीत को लिखा है जानेमाने कुमार ने और संगीत दिया है मीत ब्रदर्स ने। फिल्म के निर्देशक आशु त्रिखा हैं। फिल्म का स्क्रीनप्ले और डायलाग दिलीप शुक्ला ने लिखे हैं । फिल्म का पहला शिड्यूल जिमी शेरगिल और युविका चौधरी के साथ पूरा हो चूका है।
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गीत संगीत
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मॉम के विलेन अक्षय खन्ना
दर्शकों ने अक्षय खन्ना को २०१२ में रिलीज़ गली गली में चोर है में पॉजिटिव भूमिका में आखिरी बार देखा था । इसके बाद वह पिछले साल जॉन अब्राहम और वरुण धवन की फिल्म डिशूम में खलनायक वागा के किरदार में थे । यह हिंदी फिल्मों के नायक अक्षय खन्ना की बतौर खलनायक वापसी थी । अक्षय खन्ना इससे पहले भी हमराज़, दीवानगी और रेस जैसी फिल्मों में अपनी खलनायिकी के तेवर दिखा चुके थे । अब वह एक बार फिर फिल्म मॉम में खलनायिकी के तेवर दिखाने जा रहे हैं । बोनी कपूर कहते है " फिल्म मॉम से अक्षय की असली वापसी हो रही है। मॉम में वह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है । मेरा दावा है कि यह अक्षय के कैरियर का बेहतरीन प्रदर्शन कहा जायेगा । फिल्म मॉम में अपनी भूमिका पर अक्षय खन्ना कहते है "यह मेरे कैरियर में मील का पत्थर है । फिल्म में मैं और केवल मैं श्रीदेवी और नवाज जैसे बेहतरीन कलाकारों के अपोजिट खडा हूँ । यह एक तगड़ी स्क्रिप्ट है । ऐसी कास्ट और क्रू के साथ शूट करके मैं खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूँ ।"
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हस्तियां
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भारत-रूसी मित्रता की फिल्म बेस्ट फ्रेंड्स लॉन्च
फिल्म निर्माता महमूद अली की फिल्म बेस्ट फ्रेंड्स भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दोस्ती से प्रभावित होकर बनाई जा रही फिल्म है । इस फिल्म का निर्माण इंडो रशियन, चेचन फिल्म्स रशिया और पेन एन कैमेरा इंटरनेशनल के द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है । अंधेरी के रहेजा क्लासिक में २६ जून को आयोजित एक शानदार समारोह में फिल्म बेस्ट फ्रेंड्स शुरुआत हुई । निर्देशक बेस्लान तेरेकेबाव ने फिल्म के बारे में बताया, "बेस्ट फ्रेंड्स एक बच्चों की फिल्म है । यह तीन दोस्तों की कहानी है जो अपनी कामनाएं पूरी करने के लिए पहाड़ों की यात्रा करते हैं । यह तीन दोस्तों की चेचन, मॉस्को से मुंबई, दिल्ली और कश्मीर तक की यात्रा है। यह दोस्ती, खुशी, भावनाओं और संस्कृति का एक पूरा सफर है।“ इस फिल्म की शूटिंग १० जून से मुंबई, दिल्ली और कश्मीर में होगी।
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खबर है
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सोनम बाजवा ने सेंकी रोटियाँ
पंजाबी सुपर स्टार दिलजीत दोसांझ की पहली पंजाबी सुपरहीरो फिल्म सुपर सिंह में दिलजीत दोसांझ के साथ अभिनेत्री सोनम बाजवा जोड़ी बना रही है । राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता निर्देशक अनुराग सिंह की इस फिल्म का हवा विच गीत हाल ही में लॉन्च हुआ है । इस गीत का जादू संगीत प्रेमियों के सर चढ़कर बोल रहा है। इस सॉन्ग के वीडियो में सोनम बाजवा रोटियां सेंकती दिखाई देती है । लेकिन, यह सिर्फ एक प्रमोशनल सीन नहीं है, बल्कि सोनम ने वास्तव में सेट पर अपने क्रू मेंबर्स के लिए रोटियां बनायीं हैं । उन्हें इतनी रोटियां बनानी पड़ी कि उनके हाथ दर्द लगे । सोनम बाजवा अपने क्रू मेम्बर्स के लिए रोटियां बनाकर ज्यादा ख़ुश थी । सुपर सिंह १६ जून को वर्ल्डवाइड रिलीज हो रही है ।
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पंजाबी फिल्म
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जाह्नवी ने ढूंढा ‘मॉम’ के लिए रील लाइफ 'हस्बैंड
आगामी फिल्म मॉम में श्रीदेवी, अक्षय
खन्ना और नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे पावर हाउस परफॉर्मर नज़र आयेंगे । बॉलीवुड की इन बड़ी
हस्तियों के साथ फिल्म में अदनान सिद्दीकी भी नजर आएंगे ।
अदनान सिद्दीकी ने २००७ में रिलीज़ फिल्म ए माइटी हार्ट में एंजेलीना जोली और डैन फटरमैन के साथ दोस्त
अलीअनी के किरदार में थे।
जाह्नवी ने अदनान की इस फिल्म ए माइटी हार्ट देखी थी । वह अदनान के काम से बेहद
प्रभावित हुई थी। उन्होंने अभिनेता को लुक टेस्ट के लिए मनाया और निर्माता बोनी
कपूर ने तुरंत टीम से सम्पर्क किया और डील कर ली। अदनान सिद्दीकी फिल्म में
अभिनेत्री श्रीदेवी के पति की भूमिका में नजर आएंगे । फिल्म का संगीत ए.आर. रहमान ने दिया है तो फिल्म का निर्देशन
रवी उदयवार कर रहे है।
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हस्तियां
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Saturday, 3 June 2017
नहीं रही बांड गर्ल मौली पीटर्स
बांड फिल्मो के दूसरे जेम्स बांड रॉजर मूर का
देहांत एक हफ्ता पहले २३ मई को हुआ था। इसके ठीक एक हफ्ते बांड थंडरबॉल (१९६५) के
जेम्स बांड सीन कांनेरी की बांड गर्ल मौली पीटर्स का ७५ साल की आयु में देहांत हो
गया। बांड गर्ल के लिए २३ साल की मौली की खोज थंडरबॉल के डायरेक्टर टेरेंस यंग ने की थी। उन्हें
फिल्म के श्रबलैंड हेल्थ क्लब में काम करने वाली फिजियोथेरापिस्ट पैट्रीशिया फियरिंग का किरदार सौंपा गया था। वह पहली ऐसी बांड गर्ल बनी, जिसने परदे पर अपने पूरे कपडे उतार कर सीन किया था। इसके बावजूद मौली का करियर कुल मिला कर तीन फ़िल्में और तीन टीवी सीरीज तक ही सीमित रहा। स्लैपस्टिक
कॉमेडी डोंट रेज द ब्रिज, लोअर द रिवर (१९६८) फिल्म में उनके अभिनय की सराहना हुई। इस फिल्म
के बाद उन्होंने दूसरी कोई फिल्म नहीं की। इस दौरान मौली ने आर्मचेयर थिएटर और
बेकर्स हाफ डज़न जैसे टीवी शो किये। ब्रिटिश अभिनेत्री मौली पीटरस ने अपने करियर
की शुरुआत प्लेबॉय और परेड जैसी पुरुष पत्रिकाओं की मॉडल के बतौर की थी।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्या ड्रेस सेंस नहीं है बॉलीवुड में ?
प्रियंका चोपड़ा फिर ट्रोल हो रही हैं। वह आजकल बर्लिन में अपनी हॉलीवुड फिल्म 'बेवॉच' का प्रमोशन कर रही हैं। इसी दौरान भारत के प्रधान मंत्री भी जर्मनी के राजकीय दौरे पर थे। प्रियंका ने भारतीय प्रधान मंत्री से मिलने का समय माँगा, जो उन्हें मिल भी गया। बेहद खुश प्रियंका चोपड़ा ने अपनी प्रधान मंत्री के साथ फोटो इंस्टाग्राम में साझा की। इसके साथ ही प्रियंका चोपड़ा अपनी ड्रेस सेंस के लिए सोशल साइट्स पर ट्रोल होने लगी। उन्हें असंस्कारी कहा गया। कुछ ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें प्रधान मंत्री से मिलते जाते समय ऐसी पोशाक नहीं पहननी चाहिए थी। उनके टाँगे क्रॉस कर बैठने के ढंग पर भी कमैंट्स हुए।
लगता है प्रियंका चोपड़ा पर हॉलीवुड का नशा पूरी तरह से छाया हुआ है । पिछले दिनों वह अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म बेवाच के प्रमोशन में टू पीस बिकिनी पहने समुद्र में अटखेलियाँ करती दिखाई दे रही थी । एक इंटरव्यू के दौरान बेवाच में उनके कोस्टार ड्वेन जॉनसन बार बार आकर उनका चुम्बन ले जा रहे थे और प्रियंका थी कि बेतहाशा खिलखिला रही थी । यह एक हॉलीवुड फिल्म का प्रमोशन था, जिसमे वह एक विलासी खल नायिका का किरदार कर रही थी । बिकिनी और चुम्बन इस इमेज को सपोर्ट करते थे । लेकिन, क्या इसी किरदार के साथ प्रियंका चोपड़ा बाहर की उस दुनिया में भी फिर सकती है, जो फिल्म से जुडी नहीं है ?
प्रियंका चोपड़ा को फ़िल्मी पार्टी, प्रमोशनल टूर और राष्ट्रीय हस्तियों से जुड़े मामलों में फर्क महसूस करना चाहिए था। वह किसी फ़िल्मी पार्टी और टूर में कुछ भी झलकाता-दिखलाता पहन सकती हैं। ग्लैमर का मामला जो है। लेकिन, हर मौके को फ़िल्मी पार्टी की तरह नहीं माना जा सकता। वह प्रधान मंत्री से मिलने गई थी। बेशक, बर्लिन शहर खुलापन लिए शहर है। वह यहाँ अपनी फिल्म का प्रमोशन कर रही थी। उन्होंने प्रमोशन के दौरान हुई प्रेस कांफ्रेंस में मार्क जैकब की सफ़ेद ड्रेस पहन रखी थी, जिसमे उनकी सुडौल टाँगे नज़र आ रही थी। तमाम अखबारों के लेंस प्रियंका चोपड़ा को शूट कर रहे थे। वहां उनकी यह ड्रेस उनकी इमेज के अनुरूप थी। प्रचार के लिहाज़ से अव्वल। लेकिन प्रधान मंत्री की यह राजकीय यात्रा थी। प्रियंका चोपड़ा किसी व्यक्ति नरेंद्र मोदी से नहीं बल्कि, प्रधान मंत्री से मिल रही थी। उनसे मिलते समय भी औपचारिक ड्रेस के बजाय टाँगे दिखाने वाली ऊंची पोशाक पहनने का सेंस समझ से बाहर था। उस पर वह टाँगे क्रॉस कर बैठी नज़र आ रही थी। हालाँकि, फोटो में वह मुग्ध भाव से प्रधान मंत्री को देख रही हैं। इसलिए, उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। हालाँकि उनके समर्थन करने वाले उनके जर्मनी जैसे खुले शहर में होने की दुहाई दे रहे थे।
प्रियंका चोपड़ा प्रधान मंत्री से मिलते समय पहनी अपनी पोशाक के कारण असंस्कारी या कुसंस्कारी नहीं साबित होती थी। लेकिन, वह गलत ड्रेस चुनने की गलती कर रही थी। चोपड़ा एक फिल्म एक्ट्रेस हैं। मौके के अनुरूप ड्रेस पहनने के लिए वह डिज़ाइनरो से सलाह लेती हैं। उन्हें इसी के अनुरूप ड्रेस बना कर दी भी जाती हैं। प्रधान मंत्री से मिलने का समय उन्होंने पहले से लिया होगा। वह उसके अनुरूप पोशाक रख कर अपनी परिपक्वता का परिचय दे सकती थी। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।
सवाल यह है कि ड्रेस सेंस की दरकार प्रियंका चोपड़ा से ही क्यों की जाए। उनकी बॉलीवुड की साथी कंगना रनौत तो उनसे कहीं आगे हैं। कभी कंगना रनौत इंडस्ट्री के लोगों पर उनकी अंग्रेजी और ड्रेस सेंस पर हंसने का रोना रोती थी। वह जताती थी कि चूंकि वह छोटे शहर की हैं, इसलिए उनके साथ भेदभाव किया जाता है। हालाँकि आज अपनी मेहनत से उन्होंने अपनी कमियों को दूर कर लिया है और बॉलीवुड में अपनी जगह बना ली है। लेकिन, वह अपनी समझ खो चुकी लगती है। कंगना रनौत को तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। पहली बार वह श्रेष्ठ अभिनेत्री घोषित प्रियंका चोपड़ा के साथ फिल्म फैशन (२००८) के लिए श्रेष्ठ सह अभिनेत्री का पुरस्कार ले रही थी। उन्हें यह पुरस्कार दे रही थी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल। उस समय कंगना और प्रियंका दोनों ने ही डेकोरम को ध्यान में रखते हुए ही पोशाके पहन रख थी। कंगना रनौत दूसरी बार श्रेष्ठ अभिनेत्री चुनी गई। फिल्म थी क्वीन। उन्हें यह पुरस्कार राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने दिया। परन्तु कंगना रनौत बोल्ड हो रही थी। वह अमेरिका से ड्रेस डिज़ाइनर विभु महापात्र की ड्रेस में थोड़ा खुली नज़र आ रही थी। उन्होंने अपनी इस बोल्ड ड्रेस का कुछ इस तरह बचाव किया, "मैं पहले भी अवार्ड्स में गई थी। लेकिन दुर्भाग्यवश मैं अनारकली सूट पहन कर गई थी। मैं उस समय की फोटोग्राफ देखी। मैं पुरस्कार लेते समय बहनजी टाइप लग रही थी। मैंने सोचा मैं स्टार हूँ। मुझे फिल्म स्टार की तरह लगना चाहिए।" वह तीसरी बात तनु वेड्स मनु २ के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से पुरस्कृत हुई। इस बार वह कुछ ज़्यादा बोल्ड थी। उनकी पोशाक चुस्त और अंगप्रदर्शक थी। सभी निगाहें उनकी ड्रेस पर जमी थी।
प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत के ड्रेस सेंस को लेकर पूरे बॉलीवुड की आलोचना नहीं की जा सकती। बाकी सितारे मौके की नज़ाकत को समझते हैं। इस साल के पुरस्कारों में बॉलीवुड की फैशन आइकॉन सोनम कपूर को फिल्म नीरजा के लिए स्पेशल जूरी अवार्ड मिला था। उन्होंने साड़ी पहन रखी थी। इससे पहले भी तब्बू, माधुरी दीक्षित, कोंकणा सेनशर्मा और विद्या बालन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। इन सभी अभिनेत्रियों ने अवसर के अनुकूल ड्रेस पहनी थी। इसी तरह से कुछ समय पहले अभिनेता अक्षय कुमार और आमिर खान प्रधान मंत्री से मिले थे। इन अभिनेताओं ने शालीन और मौके के उपयुक्त पोशाक पहन रखी थी। इसलिए प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत को अपवाद माना जा सकता है।
प्रियंका चोपड़ा अब प्रचार का खेल खेलने लगी हैं। उन्होंने प्रधान मंत्री से मिलते समय टाँगे दिखाती हुई पोशाक तो पहनी ही, वह अपनी टाँगे क्रॉस कर भी बैठी थी। यह पूरी तरह से अमर्यादित था। उन्हें समझना चाहिए था कि वह कॉफी विथ करण के करण जौहर के सामने नहीं बैठी थी। प्रियंका चोपड़ा ने इसे समझने के बजाय प्रचार पाने के लिहाज़ से ट्विटर पेज और इंस्टाग्राम में अपनी और अपनी माँ मधु चोपड़ा की टाँगे दिखाती फोटो लगा कर कमेंट लिखा- लेग्स फॉर द डेज।
अल्पना कांडपाल
लगता है प्रियंका चोपड़ा पर हॉलीवुड का नशा पूरी तरह से छाया हुआ है । पिछले दिनों वह अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म बेवाच के प्रमोशन में टू पीस बिकिनी पहने समुद्र में अटखेलियाँ करती दिखाई दे रही थी । एक इंटरव्यू के दौरान बेवाच में उनके कोस्टार ड्वेन जॉनसन बार बार आकर उनका चुम्बन ले जा रहे थे और प्रियंका थी कि बेतहाशा खिलखिला रही थी । यह एक हॉलीवुड फिल्म का प्रमोशन था, जिसमे वह एक विलासी खल नायिका का किरदार कर रही थी । बिकिनी और चुम्बन इस इमेज को सपोर्ट करते थे । लेकिन, क्या इसी किरदार के साथ प्रियंका चोपड़ा बाहर की उस दुनिया में भी फिर सकती है, जो फिल्म से जुडी नहीं है ?
प्रियंका चोपड़ा को फ़िल्मी पार्टी, प्रमोशनल टूर और राष्ट्रीय हस्तियों से जुड़े मामलों में फर्क महसूस करना चाहिए था। वह किसी फ़िल्मी पार्टी और टूर में कुछ भी झलकाता-दिखलाता पहन सकती हैं। ग्लैमर का मामला जो है। लेकिन, हर मौके को फ़िल्मी पार्टी की तरह नहीं माना जा सकता। वह प्रधान मंत्री से मिलने गई थी। बेशक, बर्लिन शहर खुलापन लिए शहर है। वह यहाँ अपनी फिल्म का प्रमोशन कर रही थी। उन्होंने प्रमोशन के दौरान हुई प्रेस कांफ्रेंस में मार्क जैकब की सफ़ेद ड्रेस पहन रखी थी, जिसमे उनकी सुडौल टाँगे नज़र आ रही थी। तमाम अखबारों के लेंस प्रियंका चोपड़ा को शूट कर रहे थे। वहां उनकी यह ड्रेस उनकी इमेज के अनुरूप थी। प्रचार के लिहाज़ से अव्वल। लेकिन प्रधान मंत्री की यह राजकीय यात्रा थी। प्रियंका चोपड़ा किसी व्यक्ति नरेंद्र मोदी से नहीं बल्कि, प्रधान मंत्री से मिल रही थी। उनसे मिलते समय भी औपचारिक ड्रेस के बजाय टाँगे दिखाने वाली ऊंची पोशाक पहनने का सेंस समझ से बाहर था। उस पर वह टाँगे क्रॉस कर बैठी नज़र आ रही थी। हालाँकि, फोटो में वह मुग्ध भाव से प्रधान मंत्री को देख रही हैं। इसलिए, उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। हालाँकि उनके समर्थन करने वाले उनके जर्मनी जैसे खुले शहर में होने की दुहाई दे रहे थे।
प्रियंका चोपड़ा प्रधान मंत्री से मिलते समय पहनी अपनी पोशाक के कारण असंस्कारी या कुसंस्कारी नहीं साबित होती थी। लेकिन, वह गलत ड्रेस चुनने की गलती कर रही थी। चोपड़ा एक फिल्म एक्ट्रेस हैं। मौके के अनुरूप ड्रेस पहनने के लिए वह डिज़ाइनरो से सलाह लेती हैं। उन्हें इसी के अनुरूप ड्रेस बना कर दी भी जाती हैं। प्रधान मंत्री से मिलने का समय उन्होंने पहले से लिया होगा। वह उसके अनुरूप पोशाक रख कर अपनी परिपक्वता का परिचय दे सकती थी। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।
सवाल यह है कि ड्रेस सेंस की दरकार प्रियंका चोपड़ा से ही क्यों की जाए। उनकी बॉलीवुड की साथी कंगना रनौत तो उनसे कहीं आगे हैं। कभी कंगना रनौत इंडस्ट्री के लोगों पर उनकी अंग्रेजी और ड्रेस सेंस पर हंसने का रोना रोती थी। वह जताती थी कि चूंकि वह छोटे शहर की हैं, इसलिए उनके साथ भेदभाव किया जाता है। हालाँकि आज अपनी मेहनत से उन्होंने अपनी कमियों को दूर कर लिया है और बॉलीवुड में अपनी जगह बना ली है। लेकिन, वह अपनी समझ खो चुकी लगती है। कंगना रनौत को तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। पहली बार वह श्रेष्ठ अभिनेत्री घोषित प्रियंका चोपड़ा के साथ फिल्म फैशन (२००८) के लिए श्रेष्ठ सह अभिनेत्री का पुरस्कार ले रही थी। उन्हें यह पुरस्कार दे रही थी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल। उस समय कंगना और प्रियंका दोनों ने ही डेकोरम को ध्यान में रखते हुए ही पोशाके पहन रख थी। कंगना रनौत दूसरी बार श्रेष्ठ अभिनेत्री चुनी गई। फिल्म थी क्वीन। उन्हें यह पुरस्कार राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने दिया। परन्तु कंगना रनौत बोल्ड हो रही थी। वह अमेरिका से ड्रेस डिज़ाइनर विभु महापात्र की ड्रेस में थोड़ा खुली नज़र आ रही थी। उन्होंने अपनी इस बोल्ड ड्रेस का कुछ इस तरह बचाव किया, "मैं पहले भी अवार्ड्स में गई थी। लेकिन दुर्भाग्यवश मैं अनारकली सूट पहन कर गई थी। मैं उस समय की फोटोग्राफ देखी। मैं पुरस्कार लेते समय बहनजी टाइप लग रही थी। मैंने सोचा मैं स्टार हूँ। मुझे फिल्म स्टार की तरह लगना चाहिए।" वह तीसरी बात तनु वेड्स मनु २ के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से पुरस्कृत हुई। इस बार वह कुछ ज़्यादा बोल्ड थी। उनकी पोशाक चुस्त और अंगप्रदर्शक थी। सभी निगाहें उनकी ड्रेस पर जमी थी।
प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत के ड्रेस सेंस को लेकर पूरे बॉलीवुड की आलोचना नहीं की जा सकती। बाकी सितारे मौके की नज़ाकत को समझते हैं। इस साल के पुरस्कारों में बॉलीवुड की फैशन आइकॉन सोनम कपूर को फिल्म नीरजा के लिए स्पेशल जूरी अवार्ड मिला था। उन्होंने साड़ी पहन रखी थी। इससे पहले भी तब्बू, माधुरी दीक्षित, कोंकणा सेनशर्मा और विद्या बालन को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। इन सभी अभिनेत्रियों ने अवसर के अनुकूल ड्रेस पहनी थी। इसी तरह से कुछ समय पहले अभिनेता अक्षय कुमार और आमिर खान प्रधान मंत्री से मिले थे। इन अभिनेताओं ने शालीन और मौके के उपयुक्त पोशाक पहन रखी थी। इसलिए प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत को अपवाद माना जा सकता है।
प्रियंका चोपड़ा अब प्रचार का खेल खेलने लगी हैं। उन्होंने प्रधान मंत्री से मिलते समय टाँगे दिखाती हुई पोशाक तो पहनी ही, वह अपनी टाँगे क्रॉस कर भी बैठी थी। यह पूरी तरह से अमर्यादित था। उन्हें समझना चाहिए था कि वह कॉफी विथ करण के करण जौहर के सामने नहीं बैठी थी। प्रियंका चोपड़ा ने इसे समझने के बजाय प्रचार पाने के लिहाज़ से ट्विटर पेज और इंस्टाग्राम में अपनी और अपनी माँ मधु चोपड़ा की टाँगे दिखाती फोटो लगा कर कमेंट लिखा- लेग्स फॉर द डेज।
अल्पना कांडपाल
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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