संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को विवाद में लाने वाला सिर्फ एक किरदार है। वह है अलाउद्दीन खिलजी का। अलाउद्दीन खिलजी के रानी पद्मिनी के साथ कथित रोमांटिक दृश्यों ने पूरे देश में तूफ़ान ला दिया है। इस देख कर अपनी रियल लाइफ गर्लफ्रेंड की ऑन स्क्रीन किरदार के दुश्मन खिलजी का किरदार करने वाले रणवीर सिंह भी सटपटाये होंगे। मगर इस विवाद के मद्देनज़र अजय देवगन सबसे ज़्यादा खुश होंगे। वह भगवान् के शुक्रगुज़ार होंगे कि उन्होंने पद्मावती में खिलजी के किरदार को मना कर दिया। सूत्र बताते हैं कि संजय लीला भंसाली चाहते थे कि उनकी सुपर हिट फिल्म हम दिल दे चुके हैं सनम के सलमान खान और ऐश्वर्या राय बच्चन के अपोजिट ऐश्वर्या के पति की भूमिका करने वाले अजय देवगन अलाउद्दीन खिलजी का किरदार करें। अजय देवगन इस रोल के लिए राजी भी थे। उनकी संजय लीला भंसाली के साथ मीटिंग्स भी हुई। लेकिन, इसके बावजूद अजय देवगन ने फिल्म को इंकार कर दिया। क्या अजय देवगन को इस विवाद का पूर्वाभास हो गया था या वह कोई ऐतिहासिक फिल्म नहीं करना चाहते थे ? दोनों ही बातें सच नहीं हैं। अजय देवगन ने पद्मावती को इसलिए मना कर दिया था कि वह सिर्फ एक फिल्म को अपना पूरा साल देना नहीं चाहते थे। इस प्रकार से, अजय देवगन के इंकार करने पर पद्मावती के खिलजी रणवीर सिंह बन गए। कुछ इन्हीं कारणों से अजय देवगन ने बाजीराव मस्तानी को भी मना कर दिया था। बाजीराव के किरदार के लिए भंसाली की पहली पसंद अजय देवगन ही थे। इस किरदार के लिए अजय देवगन फिट भी बैठते थे। लेकिन, संजय लीला भंसाली इस फिल्म के लिए अजय देवगन से एकमुश्त २० ० दिन चाहते थे। अजय देवगन को यह मंज़ूर नहीं था। इस प्रकार से अजय देवगन का बाजीराव रणवीर सिंह के पास चला गया। कुछ ऐसा ही पद्मावती के रावल रतन सिंह के किरदार के साथ भी हुआ। भंसाली ने रतन सिंह की भूमिका के लिए विक्की कौशल को लिया था। लेकिन, दीपिका पादुकोण ने किसी छोटे अभिनेता के साथ रोमांस करने से साफ मना कर दिया। विक्की की जगह शाहिद कपूर आ गए।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 26 November 2017
अलाउद्दीन खिलज़ी होते अजय देवगन !
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जाम बदल जाते हैं
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
ब्रिटिश राजकुमारी है फिरंगी की मोनिका गिल
मोनिका गिल |
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Monica Gill,
नए चेहरे
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
फिरंगी कपिल शर्मा के मंगा की सरगी है इशिता दत्ता
अजय देवगन की फिल्म दृश्यम के कोई ढाई साल बाद कपिल शर्मा की फिल्म फिरंगी रिलीज़ हो रही है। इस ढाई साल के अंतराल में काफी कुछ बदल चुका है। फिल्म दृश्यम में अजय देवगन की बेटी का किरदार करने वाली इशिता दत्ता अब इतनी बड़ी हो गई है कि रोमांस के काबिल समझी जाए। वह एक्टर कपिल शर्मा की दूसरी फिल्म फिरंगी में मंगा (कपिल शर्मा) का प्यार सरगी बन कर आ रही हैं। अजय देवगन की बेटी के रूप में इशिता दत्ता ने दर्शकों को प्रभावित किया था। खुद अजय देवगन ने भी इशिता के अभिनय की प्रशंसा की थी। अब इशिता को सीरियस रोल के बजाय कॉमेडी करनी है। कॉमेडी कोई आसान नहीं है। इसलिए, फिरंगी में परीक्षा होगी इशिता के टैलेंट की। इशिता दत्ता पूर्व बॉलीवुड एक्ट्रेस, मिस इंडिया तनुश्री दत्ता की छोटी बहन है। तनुश्री दत्ता का करियर ख़त्म हो चुका है। अब इशिता को साबित करना है कि वह जितनी ढाई साल पहले टैलेंटेड थी, उतनी ही आज भी हैं और बॉक्स ऑफिस पर सफल होने का माद्दा भी रखती हैं । इस प्रकार से वह अपनी बड़ी बहन की असफलता की टीस को भी कम कर सकेंगी।
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इस शुक्रवार,
हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
पद्मावती बनाम तेरा इंतज़ार और फिरंगी !
क्या अरबाज़ खान, सनी लियॉन और कपिल शर्मा की स्टार पॉवर रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर के बराबर है ? क्या तेरा इंतज़ार और फिरंगी बॉक्स ऑफिस को उसी प्रकार से गुलजार कर सकते हैं, जैसा पद्मावती कर सकती है ? इन दोनों ही सवालों का जवाब नकारात्मक ही है। इसके बावजूद यह सवाल इसलिए कि जिस १ दिसंबर को संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती रिलीज़ हो रही थी, उसके पीछे का हफ्ता खाली था, पद्मावती के मैदान से हटते ही इस हफ्ते को भरने के लिए फिल्मों की भीड़ लग गई है। एक दिसंबर को
बृजमोहन अमर रहे और विराम के अलावा तेरा इंतज़ार और फिरंगी भी रिलीज़ हो रही है। इन पांच फिल्मों में केवल दो फ़िल्में ही बॉक्स ऑफिस पर कुछ हलचल मचा सकती हैं। तेरा इंतज़ार पुनर्जन्म पर थ्रिलर फिल्म है।इस फिल्म का निर्देशन राजीव वालिया कर रहे हैं। यह उनकी डेब्यू फिल्म है। इस फिल्म में अरबाज़ खान की नायिका सनी लियॉन हैं। फिरंगी स्टैंडप कॉमेडियन कपिल शर्मा की बतौर निर्देशक दूसरी फिल्म है। इस फिल्म में कपिल शर्मा की दो नायिकाएं इशिता दत्ता और मोनिका गिल हैं। इस फिल्म को एक दूसरे राजीव धींगरा कर रहे हैं। राजीव पंजाबी फिल्मों के निर्देशक हैं। उनकी भी यह पहली हिंदी फिल्म है। लेकिन, बजट के अलावा स्टार पॉवर, एक्टर्स और डायरेक्टर के लिहाज़ से भी यह दोनों फिल्में पद्मावती, इसके सितारों और डायरेक्टर संजय लीला भंसाली के सामने नहीं टिकती। अलबत्ता, पद्मावती की स्लॉट भर कर यह फ़िल्में कुछ ज़्यादा कारोबार की उम्मीद कर सकती हैं ?
बृजमोहन अमर रहे और विराम के अलावा तेरा इंतज़ार और फिरंगी भी रिलीज़ हो रही है। इन पांच फिल्मों में केवल दो फ़िल्में ही बॉक्स ऑफिस पर कुछ हलचल मचा सकती हैं। तेरा इंतज़ार पुनर्जन्म पर थ्रिलर फिल्म है।इस फिल्म का निर्देशन राजीव वालिया कर रहे हैं। यह उनकी डेब्यू फिल्म है। इस फिल्म में अरबाज़ खान की नायिका सनी लियॉन हैं। फिरंगी स्टैंडप कॉमेडियन कपिल शर्मा की बतौर निर्देशक दूसरी फिल्म है। इस फिल्म में कपिल शर्मा की दो नायिकाएं इशिता दत्ता और मोनिका गिल हैं। इस फिल्म को एक दूसरे राजीव धींगरा कर रहे हैं। राजीव पंजाबी फिल्मों के निर्देशक हैं। उनकी भी यह पहली हिंदी फिल्म है। लेकिन, बजट के अलावा स्टार पॉवर, एक्टर्स और डायरेक्टर के लिहाज़ से भी यह दोनों फिल्में पद्मावती, इसके सितारों और डायरेक्टर संजय लीला भंसाली के सामने नहीं टिकती। अलबत्ता, पद्मावती की स्लॉट भर कर यह फ़िल्में कुछ ज़्यादा कारोबार की उम्मीद कर सकती हैं ?
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बॉक्स ऑफिस पर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
बॉलीवुड न्यूज़ २६ नवम्बर
इंदिरा गांधी से
शुरू वीपी सिंह पर ख़त्म होगी एनटीआर पर फिल्म
एक्टर से राजनेता
बने तेलुगु फिल्म अभिनेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री नन्द मुरि तारक
रामाराव के जीवन पर फिल्म की शूटिंग
जल्द शुरू होने वाली है। इस फिल्म का निर्देशन, इसी साल रिलीज़ पॉलिटिकल थ्रिलर फिल्म नेने राजू नेने मंत्री के
निर्देशक तेजा करेंगे। हिंदी फिल्म दर्शक
तेजा को जिस देश में गंगा रहता है,
संघर्ष, गुलाम, विश्वविधाता, द्रोही और रात जैसी फिल्मों के सिनेमेटोग्राफर के तौर पर जानते
हैं। एनटीआर पर इस फिल्म में एनटीआर की
भूमिका उनके पोते, जिन्हे जूनियर
एनटीआर नाम से जाना जाता है, कर रहे हैं।
ख़ास बात यह है कि एनटीआर पर इस अनाम फिल्म की शुरुआत हिंदी बेल्ट के
राजनीतिज्ञों से होगी और खात्मा भी। सूत्र
बताते हैं कि फिल्म के शुरूआती सीन में भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी,
पीवी नरसिम्हाराव के साथ तिरुपति जा रही हैं।
रास्ते में वह भगवान् राम और कृष्ण के लगे हुए
बड़े बड़े पोस्टर देखती हैं। इंदिरा
गांधी इन पोस्टरों को देख कर हाथ जोड़ कर प्रणाम करती हैं। इस पर नरसिम्हाराव
इंदिरा जी को बताते हैं कि भगवान राम और कृष्ण के पोस्टरों में चेहरा फिल्म एक्टर
नन्दमूरी तारक रामाराव का है। इस पर उत्सुक इंदिरा गांधी, नरसिम्हाराव से पूछती है कि यह रामाराव कौन है? इसके बाद एनटीआर का परिचय शुरू होता है। रामाराव के जीवन पर
फिल्म के निर्माताओं ने तय किया है कि इस
फिल्म में रामाराव की दूसरी पत्नी लक्ष्मीपारवती का जिक्र नहीं होगा। यहाँ बताते चलें कि रामगोपाल वर्मा भी
लक्ष्मीपार्वती की जुबानी एनटीआर पर फिल्म बनाने जा रहे हैं। तेजा की फिल्म वहीँ ख़त्म हो जाएगी, जहाँ वीपी सिंह देश के प्रधान मंत्री पद की शपथ
लेते हैं। इस फिल्म का निर्माण रामाराव के
बच्चों द्वारा ही किया जा रहा है।
अनुष्का शर्मा की फिल्म में नहीं है सारा
अली खान
अमृता सिंह व्याकुल
हैं। उनकी बेटी सारा अली खान को दूसरी
फिल्म मिल रही थी। यह फिल्म एक्ट्रेस
अनुष्का शर्मा की बतौर निर्माता फिल्म बुलबुल थी।
यह नायिका प्रधान फिल्म थी। सारा
अली खान को करियर की शुरुआत में ऐसी फिल्म मिलना बड़ी बात थी। लेकिन, सारा की पहली फिल्म केदारनाथ के निर्देशक अभिषेक
कपूर ने साफ़ मना कर दिया। उनकी फिल्म
दिसंबर २०१८ में रिलीज़ होनी है। फिल्म की
शूटिंग ही जून में ख़त्म होगी। इसके बाद
सीजीआई का काम होना है। अभिषेक चाहते हैं कि सारा केदारनाथ को पूरा
वक़्त दे। ध्यान भटकने से फिल्म पर असर
पड़ेगा। इसलिए, सारा को अनुष्का शर्मा की फिल्म छोड़नी पड़ी। इससे अमृता सिंह का अपसेट होना स्वाभाविक था।
सारा को दूसरी फिल्म उसके करियर को बूस्ट करने वाली हो सकती थी। पहली फिल्म पर निर्भर रहने का अर्थ होता है कि
फिल्म निर्माताओं की रूचि उस ख़ास अभिनेत्री में कम हो जाती है। फिर बंद मुट्ठी भी कुछ होती है। केदारनाथ पर सारा का भविष्य टिकाने का मतलब
खतरनाक भी हो सकता है। इसलिए, अमृता सिंह के प्रयास जारी हैं। यों भी अनुष्का वाली फिल्म अगले साल जुलाई में
ही सेट पर जाएगी। देखें क्या होता है!
क्या केदारनाथ की सारा बन पाएगी बुलबुल ?
क्या ! वेब सीरीज में हृथिक रोशन !
क्या हृथिक रोशन
किसी वेब सीरीज में नज़र आएंगे ? अगर अमेज़न प्राइम की
चली तो हृथिक रोशन को दर्शक डिजिटल माध्यम पर भी देख सकेंगे। अमेज़न प्राइम की टीम हृथिक रोशन के साथ सीरीज
की स्क्रिप्ट ले कर मिली। बातचीत
हुई। हृथिक को किसी माध्यम पर काम करने से
परहेज नहीं। हृथिक रोशन को वेब सीरीज
की स्क्रिप्ट पसंद आई। उन्होंने इसमें अपेक्षित सुधार करने के लिए
कहा। वैसे भी हृथिक रोशन अभी किसी दूसरे
प्रोजेक्ट को मंज़ूरी नहीं दे सकते। वह
आजकल सुपर ३० की शूटिंग कर रहे हैं। इसके बाद, उन्हें यशराज बैनर की सिद्धार्थ आनंद निर्देशित अनाम फिल्म में काम
करना है। इस एक्शन फिल्म में उनके साथ
टाइगर श्रॉफ भी हैं। इन्हे पूरी करने के बाद,
यानि अगले साल सितम्बर-अक्टूबर में ही वह किसी
प्रोजेक्ट को तारीख़ दे सकेंगे। हृथिक द्वारा इस सीरीज में दिलचस्पी दिखाने का
बड़ा कारण यह है कि यह सीरीज अमेज़न प्राइम की है।
यह सीरीज छह या आठ एपिसोड की ही होगी।
यानि लगभग एक फीचर फिल्म के बराबर।
अगर बात बन गई तो दर्शक अपने प्रिय अभिनेता को इस नए माध्यम में भी देख
सकेंगे।
मर्दानी का खल नायक करेगा रोमांस
ताहिर राज भसीन ने
किस्मत लव पैसा दिल्ली, काई पो चे और वन बय
टू जैसी फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिकाएं करने के बाद रानी मुख़र्जी की वापसी फिल्म
मर्दानी में सरगना करण वाल्ट रस्तोगी का किरदार किया था। इस रोल के लिए ताहिर की खूब प्रशंसा हुई। इसके बाद जॉन अब्राहम के साथ फिल्म फ़ोर्स २ में
भेदिये शिव शर्मा का किरदार किया। इन दो फिल्मों के बाद ताहिर की फिल्म इंडस्ट्री
में पहचान बन गई । इसी का नतीजा है कि वह एक वेब सीरीज टाइम आउट में वह एक आम युवा
का किरदार कर रहे हैं, जिसे आम दिनों की
परेशानियों का सामना करना पड़ता है । यह करैक्टर, ताहिर के फ़ोर्स २ और मर्दानी के खल चरित्रों से बिलकुल अलग है । ताहिर
कहते हैं, “इस फिल्म में मुझे किसी को मारना नहीं है
।“ अलबत्ता इस चरित्र में कई परते हैं, कई आयाम हैं । इस फिल्म में ताहिर राज भसीन अपने
काम और अपने प्यार के बीच फंसे युवा हैं । ताहिर के लिए वेब सीरीज एक नया अनुभव है
। यह माध्यम गहन और सख्त है । एक एक्टर को १२-१२ घंटे काम करने की ज़रुरत होती है ।
एक ही समय में अच्छे और बुरे किरदार करने होते हैं । ताहिर बायोपिक फिल्म मंटो में
सादत हसन मंटो के दोस्त एक्टर श्याम का किरदार कर रहे हैं ।
नीरज पांडेय की 'पैडमैन' से 'ऐय्यारी' !
अभी तक खान
अभिनेताओं को कड़ी चुनौती पेश करने वाले अक्षय कुमार को भी इस बार चुनौती मिली
है। जब, २.० रिलीज़ की तारीख़
२५ जनवरी से अप्रैल के लिए टली थी, तभी अक्षय कुमार ने
अप्रैल में रिलीज़ हो रही अपनी फिल्म पैडमैन की रिलीज़ की तारीख़ अपने पसंदीदा वीकेंड
गणतंत्र दिवस को कर दी। गणतंत्र दिवस में
रिलीज़ अक्षय कुमार की तमाम फिल्मों को बहुत अच्छी सफलता मिली है। इस लिहाज़ से महिलाओं के लिए सस्ते सेनेटरी पैड
बनाने वाली मशीन की ईज़ाद करने वाले अरुणाचलम मुरुगनंथम पर बायोपिक फिल्म पैडमैन की
सफलता भी सुनिश्चित है। लेकिन, अब इसके लिए अक्षय कुमार का रास्ता बिलकुल खुला
सपाट नहीं होगा। उनकी फिल्म को चुनौती
देने आ रही है। यह फिल्म पहले ९ फरवरी को
रिलीज़ होने जा रही थी। परन्तु, अब इस फिल्म को २६
जनवरी को रिलीज़ करने का ऐलान कर दिया गया है।
नीरज पांडेय निर्देशित फिल्म
ऐय्यारी में मनोज बाजपेई, सिद्धार्थ मल्होत्रा, राकुल प्रीत सिंह और अनुपम खेर काम कर रहे हैं। कम बजट की फिल्म अ वेडनेसडे को सफल बनाने वाले
नीरज पांडेय ने अक्षय कुमार के साथ भी दो सुपर हिट फ़िल्में स्पेशल २६ और बेबी बनाई
हैं। वह अक्षय कुमार की फिल्म टॉयलेट एक
प्रेम कथा और रुस्तम के एक निर्माता भी थे।
इस प्रकार से अक्षय कुमार और नीरज पांडेय की फिल्म का आमना सामना दिलचस्प
हो जाता है। दोनों ही फिल्मों की अपनी
शैली है। जिस फिल्म को दर्शक पसंद कर
लेंगे, वह फिल्म ज़्यादा कमाई कर ले जाएगी।
इलिआना बनेंगी उज़मा
उज़्मा अहमद पर
बायोपिक बनने जा रही है। इस फिल्म की
स्क्रिप्ट लिख ली गई है। फिल्म का
निर्देशन नाम शबाना के डायरेक्टर शिवम् नायर करेंगे। फिल्म की स्क्रिप्ट पिंक और रेड के लेखक रितेश
शाह लिख रहे हैं। शिवम् नायर अपनी इस फिल्म में उज़्मा के किरदार के लिए परिणीति
चोपड़ा को लेना चाहते थे। लेकिन, अब उनका ध्यान इलीना डिक्रूज़ पर लगा हुआ है। इलीना को भी कहानी पसंद आई है। फिलहाल, फिल्म की स्क्रिप्ट पर छोटे-मोटे ज़रूरी बदलाव किये जा रहे हैं। इसके
बाद स्क्रिप्ट इलीना को पढ़ाई जाएगी। हाँ, बायोपिक बनाने से
पहले शिवम् नायर उज़्मा से मिल चुके हैं और उनकी सहमति भी ले ली है। अब आपको बताते चलें कि शिवम् नायर के बायोपिक
की उज़्मा वही लड़की है, जिसे भारतीय विदेश
मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान से छुड़वाया था।
उज़्मा अहमद एक भारतीय है, जिसे बहला फुसला कर
पाकिस्तान ले जाया गया था।फिर उसका निकाह दूसरे आदमी से करवा दिया गया । उज़्मा ने किसी प्रकार से भाग कर भारतीय
उच्चायोग में शरण ली। इसके बाद उसे अदालती
कार्यवाही के बाद हिंदुस्तान लाया जा सका। यह मामला इस साल मई में बड़ा सुर्ख हुआ
था। अब इलीना डिक्रूज़ सेल्युलाइड पर इसी
उज़्मा के किरदार में नज़र आ सकती है।
ऐश्वर्या राय ने ठुकराई शाहरुख़ खान के साथ
फिल्म
ऐश्वर्या राय बच्चन
अपनी वापसी पर फ़िल्में चुन चुन कर कर रही हैं।
वह अपनी उम्र के अनुकूल परिपक्व भूमिकाएं तो कर ही रही हैं, अपनी भूमिकाओं की मज़बूती पर भी ध्यान दे रही
हैं। अगर भूमिका सशक्त नहीं है तो फिल्म
चाहे जितनी भी बड़ी क्यों न हो, साफ़ इंकार कर दे रही
हैं। गुज़ारिश (२०१०) के बाद फिल्मों में
वापसी करने वाली ऐश्वर्या राय ने फिल्म जज़्बा (२०१५) के बाद सरबजीत और ऐ दिल है
मुश्किल की थी। इन फिल्मों में उनकी
भूमिकाएं केंद्रीय और सशक्त थी।पहली दो फ़िल्में तो उनके किरदार पर केंद्रित थी। यह
दोनों फ़िल्में २०१६ में रिलीज़ हुई थी। २०१७ में ऐश्वर्या राय की कोई भी फिल्म
रिलीज़ नहीं हुई है। आजकल वह फन्ने खान की शूटिंग कर रही हैं। इसी दौरान उन्हें कई
बड़ी फिल्मों के प्रस्ताव मिले। लेकिन,
ऐश्वर्या ने इन सभी को मना कर दिया। इनमे से एक फिल्म शाहरुख़ खान के साथ भी
थी। जोश (२०१०) में शाहरुख़ खान की बहन की
भूमिका करने के बाद ऐश्वर्या राय ने मोहब्बतें, हम तुम्हारे हैं सनम और देवदास में शाहरुख़ खान के साथ रोमांटिक एंगल
ही मंज़ूर किया। यह सभी फ़िल्में बड़ी हिट
साबित हुई। लेकिन, ऐश्वर्या राय ने प्रस्तावित फिल्म की स्क्रिप्ट देखने के बाद अपना रोल
मज़बूत नहीं पाया और फिल्म को न कह दी। ऐ दिल है मुश्किल में ऐश्वर्या राय के
तलाक़शुदा शौहर की भूमिका करने वाले शाहरुख़ खान के लिए यह अच्छी खबर तो नहीं
है।
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
सरनेम में क्या रखा है !
करण जौहर की फिल्म धड़क के पोस्टरों पर एक नज़र डालिये। इस फिल्म से दो नए चेहरों का आगमन हो रहा है। यह दो चेहरे हैं नीलिमा अज़ीम और राजेश खट्टर के बेटे और शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर और श्रीदेवी और बोनी कपूर की बेटी जाह्नवी कपूर। मगर, यह दोनों फिल्म के पोस्टरों में जाह्नवी और ईशान के नाम से परिचित कराये जा रहे हैं। यानि कि इन्हे अपने फेमस सरनेम कपूर और खट्टर की ज़रुरत नहीं है। वास्तव में एक नहीं ऐसे कई उदाहरण पहले से हैं, जब इनके एक्टरों को लगा कि सरनेम में क्या रखा है और उन्होंने खुद के नाम के बाद उपनाम लगाना ही छोड़ दिया।
बिना उपनाम के एक्टर
ऐसे कई उदाहरण हैं, जहाँ फिल्म एक्टर अपने नाम के साथ अपने माँ या पिता का उपनाम नहीं लगाते। तनूजा और शोमू मुख़र्जी की बेटी कजोल ने हिंदी फिल्म डेब्यू काजोल नाम से किया था। लेकिन, कभी भी नाम के आगे मुख़र्जी नहीं लगाया। आज भी वह खुद का परिचय काजोल देवगन नाम से नहीं कराती। गोविंदा जब फिल्मों में आये तो वह आहूजा नहीं रहे। पहली फिल्म लव ८६ में उनका परिचय गोविंदा नाम से ही कराया गया। तबस्सुम हाश्मी ने तो खुद के नाम को काफी ट्रिम कर दिया। वह न हाश्मी रही, न तबस्सुम ही। उन्हें फिल्मों में तब्बू नाम से जाना जाता है। जीतेन्द्र ने कभी अपने मूल नाम से फ़िल्में नहीं की। उनके बेटे अपने मूल नाम तुषार से फ़िल्में तो करते हैं, लेकिन कपूर नहीं लगाते। राज बब्बर और स्मिता पाटील के बेटे प्रतीक नाम से फ़िल्में करते हैं। उन्हें बब्बर की ज़रुरत नहीं। गायक शान ने अपना परिचय कभी भी शान मुख़र्जी से नहीं दिया।इरफ़ान खान नाम से मशहूर हुए इस एक्टर ने खुद का नाम सिर्फ इरफ़ान रख लिया है।
दक्षिण में भी चलन
दक्षिण की तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों के शुरूआती युग को छोड़ दिया जाये तो साफ़ नज़र आता है कि दक्षिण के फिल्म एक्टर्स ने छोटे नाम या एक शब्द के नामों पर भरोसा किया। ख़ास बात यह रही कि इन एक्टरों को इन्हीं छोटे नामों से सफलता और पहचान भी मिली। शिवाजी गणेशन, जैमिनी गणेशन, एम जी रामचंद्रन, एन टी रामाराव, आदि की परंपरा में बाद के एक्टरों ने एक शब्द वाले नाम ही रखे। रजनीकांत, मोहनलाल, माम्मूटी और चिरंजीवी इसके उदाहरण हैं। आज की पीढ़ी के एक्टर भी एक शब्द के नामों को प्राथमिकता दे रहे हैं। धनुष, पृथ्वीराज, विक्रम, सूर्या, माधवन, सिद्धार्थ, विजय, अजित, सुदीप, असिन, तमन्ना, तापसी, अमला, स्नेहा और मल्लिका कुछ ऐसे ही उदाहरण हैं।
इरफ़ान खान नाम से मशहूर हुए इस एक्टर ने खुद का नाम सिर्फ इरफ़ान रख लिया है। दरअसल, इरफ़ान का पूरा नाम साहबज़ादे इरफ़ान अली खान है। वास्तव में तुषार की एंट्री भी तुषार कपूर के नाम से ही हुई थी। उनकी बहन एकता खुद का परिचय एकता जीतेन्द्र कपूर के बतौर देती है। तुषार ने काफी बाद में अपने नाम के आगे कपूर लगाना छोड़ दिया। प्रतीक की शुरुआत भी प्रतीक बब्बर नाम से हुई थी।
बहुत लंबा था नाम
बॉलीवुड के शोमैन राजकपूर का पूरा नाम रणबीर राजकपूर था। आज उनके पोते को रणबीर कपूर के नाम से पहचाना जाता है। दारा सिंह रंधावा को पूरी दुनिया दारा सिंह के नाम से ही जानती है। वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण को उनके फिल्म नाम गुरुदत्त से ही जाना जाता है। मदर इंडिया के साहूकार सुखिया कन्हैयालाल वास्तव में कन्हैया लाल चतुर्वेदी थे। सैय्यदना इफ़्तेख़ार अहमद शरीफ को हिंदी फिल्म दर्शक फिल्मों में पुलिस भूमिका करने वाले इफ़्तेख़ार के बतौर जानते हैं। रणवीर सिंह को अपना पूरा नाम रणवीर सिंह भवनानी इसलिए छोटा करना पड़ा कि इस नाम से बॉलीवुड में समस्या आ रही थी। श्रीदेवी को तो अपना पूरा नाम श्रीअम्मा यांगर अयप्पन हास्यास्पद और कठिन लग रहा था। काजोल ने माँ-पिता के तलाक़ के कारण नाम के आगे चक्रवर्ती नहीं लगाया। तमन्ना भाटिया ने ज्योतिष की सलाह पर खुद को तमन्ना तक सीमित कर लिया। तबस्सुम हाश्मी ने अपने नाम को अनोखापन देने के लिए तब्बू तक छोटा कर दिया। गोविंदा अरुण आहूजा ने खुद के नाम को सूंदर और मशहूर बनाने के लिए गोविंदा में तब्दील कर दिया। कठिन होने के कारण असिन ने थोट्टुमकल नाम से निकाल दिया। धरम देवदत्त पिशोरीमल आनंद ने एक्टर बनने के लिए खुद को देव आनंद या देवानंद में तब्दील कर दिया था।
बॉलीवुड में ईशान और जाह्नवी को अपवाद तो नहीं कहा जा सकता है। लेकिन, बॉलीवुड के ज़्यादातर युवा सितारे एक शब्द वाले नामों को ज़्यादा तरजीह नहीं दे रहे। आने वाले युवा सितारों में करण देओल, सारा अली खान, हर्षवर्धन कपूर, टीना आहूजा, कृष्णा श्रॉफ, आर्यन खान, सुहाना खान, अहान शेट्टी, श्रद्धा कपूर, आदित्य रॉय कपूर, अर्जुन कपूर, परिणीति चोपड़ा, हुमा क़ुरैशी, आयुष्मान खुराना, विद्युत् जामवाल, वरुण धवन, आलिया भट्ट, आदि आदि नाम उदाहरण हैं कि वह फिल्मों में आएंगे तो अपने सरनेम के साथ।
बिना उपनाम के एक्टर
ऐसे कई उदाहरण हैं, जहाँ फिल्म एक्टर अपने नाम के साथ अपने माँ या पिता का उपनाम नहीं लगाते। तनूजा और शोमू मुख़र्जी की बेटी कजोल ने हिंदी फिल्म डेब्यू काजोल नाम से किया था। लेकिन, कभी भी नाम के आगे मुख़र्जी नहीं लगाया। आज भी वह खुद का परिचय काजोल देवगन नाम से नहीं कराती। गोविंदा जब फिल्मों में आये तो वह आहूजा नहीं रहे। पहली फिल्म लव ८६ में उनका परिचय गोविंदा नाम से ही कराया गया। तबस्सुम हाश्मी ने तो खुद के नाम को काफी ट्रिम कर दिया। वह न हाश्मी रही, न तबस्सुम ही। उन्हें फिल्मों में तब्बू नाम से जाना जाता है। जीतेन्द्र ने कभी अपने मूल नाम से फ़िल्में नहीं की। उनके बेटे अपने मूल नाम तुषार से फ़िल्में तो करते हैं, लेकिन कपूर नहीं लगाते। राज बब्बर और स्मिता पाटील के बेटे प्रतीक नाम से फ़िल्में करते हैं। उन्हें बब्बर की ज़रुरत नहीं। गायक शान ने अपना परिचय कभी भी शान मुख़र्जी से नहीं दिया।इरफ़ान खान नाम से मशहूर हुए इस एक्टर ने खुद का नाम सिर्फ इरफ़ान रख लिया है।
दक्षिण में भी चलन
दक्षिण की तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों के शुरूआती युग को छोड़ दिया जाये तो साफ़ नज़र आता है कि दक्षिण के फिल्म एक्टर्स ने छोटे नाम या एक शब्द के नामों पर भरोसा किया। ख़ास बात यह रही कि इन एक्टरों को इन्हीं छोटे नामों से सफलता और पहचान भी मिली। शिवाजी गणेशन, जैमिनी गणेशन, एम जी रामचंद्रन, एन टी रामाराव, आदि की परंपरा में बाद के एक्टरों ने एक शब्द वाले नाम ही रखे। रजनीकांत, मोहनलाल, माम्मूटी और चिरंजीवी इसके उदाहरण हैं। आज की पीढ़ी के एक्टर भी एक शब्द के नामों को प्राथमिकता दे रहे हैं। धनुष, पृथ्वीराज, विक्रम, सूर्या, माधवन, सिद्धार्थ, विजय, अजित, सुदीप, असिन, तमन्ना, तापसी, अमला, स्नेहा और मल्लिका कुछ ऐसे ही उदाहरण हैं।
बहुत से हैं ऐसे
उपनाम को साथ न रखना आज का चलन नहीं। ओमप्रकाश छिब्बर ने छिब्बर हटा कर ओमप्रकाश नाम से कॉमेडी की दुनिया में तहलका मचा दिया। दक्षिण की तमाम एक्ट्रेस बिना उपनाम के आई। वैजयंतीमाला के उपनाम को कोई नहीं जानता। उन्होंने डॉक्टर चमनलाल बाली से विवाह के बाद खुद का परिचय वैजयंतीमाला बाली से ही दिया। रेखा ने भी सावन-भादो से फिल्म डेब्यू रेखा नाम से किया, न कि रेखा गणेशन नाम से। श्रीदेवी ने हिंदी फिल्म डेब्यू करने से पहले अपने पूरे नाम श्रीअम्मा यांगर अयप्पन को काटछांट कर श्रीदेवी कर लिया था। शिवाजीराव गायकवाड़ को कितने लोग जानते हैं। लेकिन, इसे रजनीकांत नाम से पूरी दुनिया जानती है। रवि कपूर को फ़िल्मी दुनिया ने जीतेन्द्र नाम से ही पहचाना। धर्मेंद्र आज तक धर्मेंद्र देओल से खुद का परिचय नहीं कराते। क्या आपको मालूम है कि पुराने ज़माने की एक्टर-डांसर हेलेन का पूरा नाम हेलेन जैराग रिचर्डसन है? साउथ के एक्टर और ३इडियट्स से मशहूर माधवन खुद को आर माधवन नाम से परिचित कराते हैं। उनका पूरा नाम माधवन बालाजी रंगनाथन है। इसी प्रकार से गोलियों की रासलीला: राम-लीला, बाजीराव-मस्तानी और पद्मावती के एक्टर रणवीर सिंह ने भी अपने नाम को छोटा किया है। दरअसल, वह वास्तव में रणवीर सिंह भवनानी हैं। असिन थोट्टुमकल को हिंदी फिल्म दर्शक असिन के नाम से ही जानते हैं। हेमा मालिनी ने कभी भी अपने पिता वीएसआर चक्रवर्ती का उपनाम अपने नाम के आगे नहीं लगाया। इरफ़ान खान नाम से मशहूर हुए इस एक्टर ने खुद का नाम सिर्फ इरफ़ान रख लिया है। दरअसल, इरफ़ान का पूरा नाम साहबज़ादे इरफ़ान अली खान है। वास्तव में तुषार की एंट्री भी तुषार कपूर के नाम से ही हुई थी। उनकी बहन एकता खुद का परिचय एकता जीतेन्द्र कपूर के बतौर देती है। तुषार ने काफी बाद में अपने नाम के आगे कपूर लगाना छोड़ दिया। प्रतीक की शुरुआत भी प्रतीक बब्बर नाम से हुई थी।
बहुत लंबा था नाम
बॉलीवुड के शोमैन राजकपूर का पूरा नाम रणबीर राजकपूर था। आज उनके पोते को रणबीर कपूर के नाम से पहचाना जाता है। दारा सिंह रंधावा को पूरी दुनिया दारा सिंह के नाम से ही जानती है। वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण को उनके फिल्म नाम गुरुदत्त से ही जाना जाता है। मदर इंडिया के साहूकार सुखिया कन्हैयालाल वास्तव में कन्हैया लाल चतुर्वेदी थे। सैय्यदना इफ़्तेख़ार अहमद शरीफ को हिंदी फिल्म दर्शक फिल्मों में पुलिस भूमिका करने वाले इफ़्तेख़ार के बतौर जानते हैं। रणवीर सिंह को अपना पूरा नाम रणवीर सिंह भवनानी इसलिए छोटा करना पड़ा कि इस नाम से बॉलीवुड में समस्या आ रही थी। श्रीदेवी को तो अपना पूरा नाम श्रीअम्मा यांगर अयप्पन हास्यास्पद और कठिन लग रहा था। काजोल ने माँ-पिता के तलाक़ के कारण नाम के आगे चक्रवर्ती नहीं लगाया। तमन्ना भाटिया ने ज्योतिष की सलाह पर खुद को तमन्ना तक सीमित कर लिया। तबस्सुम हाश्मी ने अपने नाम को अनोखापन देने के लिए तब्बू तक छोटा कर दिया। गोविंदा अरुण आहूजा ने खुद के नाम को सूंदर और मशहूर बनाने के लिए गोविंदा में तब्दील कर दिया। कठिन होने के कारण असिन ने थोट्टुमकल नाम से निकाल दिया। धरम देवदत्त पिशोरीमल आनंद ने एक्टर बनने के लिए खुद को देव आनंद या देवानंद में तब्दील कर दिया था।
बॉलीवुड में ईशान और जाह्नवी को अपवाद तो नहीं कहा जा सकता है। लेकिन, बॉलीवुड के ज़्यादातर युवा सितारे एक शब्द वाले नामों को ज़्यादा तरजीह नहीं दे रहे। आने वाले युवा सितारों में करण देओल, सारा अली खान, हर्षवर्धन कपूर, टीना आहूजा, कृष्णा श्रॉफ, आर्यन खान, सुहाना खान, अहान शेट्टी, श्रद्धा कपूर, आदित्य रॉय कपूर, अर्जुन कपूर, परिणीति चोपड़ा, हुमा क़ुरैशी, आयुष्मान खुराना, विद्युत् जामवाल, वरुण धवन, आलिया भट्ट, आदि आदि नाम उदाहरण हैं कि वह फिल्मों में आएंगे तो अपने सरनेम के साथ।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
सनी लियॉन पर सांप ! ज़हर उगला पत्रकार ने !!
बॉलीवुड अभिनेत्री सनी लियॉन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में एक वीडियो शेयर किया था, जिसमे उनकी यूनिट का एक आदमी उन पर सांप डाल कर प्रैंक करता है। सनी लियॉन शरीर से सांप फेंक कर उस आदमी के पीछे दौड़ती दिखाई गई है। यह मज़ाक था या नहीं, सही था या गलत, इसका निर्णय करने का अधिकार सिर्फ सनी लियॉन को है। लेकिन, एक स्वयंभू पत्रकार, एनिमल राइट एक्टिविस्ट आदि आदि इसमें कूद पड़ी और पेटा, आदि संगठनों को घसीट लाइ, सांप को सनी लियॉन द्वारा कथित नुकसान पहुंचाने का हवाला देकर।
अगर उस पशु प्रेमी महिला के पेटा, आदि संगठनों को इस प्रैंक में घसीटने पर कोई कमैंट्स न भी किये जाएँ, तो सवाल यह है कि स्क्रिप्ट पढ़ने में व्यस्त सनी लियॉन को यकायक सांप गिरने पर क्या करना चाहिए था ? अगर उस महिला पर सांप छोड़ा जाता तो क्या वह उस सांप को प्यार दुलार कर शरीर से उतारती और पेटा वालों को इसकी सूचना देती ? त्वरित रिएक्शन क्या होता ? समझ में नहीं आता कुछ ख़ास विचारधारा के लोग खुद के
लिए कॉपीराइट क्यों बुक कर लेते हैं कि वह हर फटे में टांग अड़ाएंगे और मज़ाक को बड़े अपराध में बदल देंगे। हालाँकि, उस एनिमल लवर को ट्विटर पर अच्छी लताड़ पड़ी। खुद सनी ने भी कहा - "मैं जानती हूँ। वह कभी मुझे पसंद नहीं करती। मेरे बारे में घटिया बातें लिखती रहती है।" शर्म आनी चाहिए इन लोगों को !
अगर उस पशु प्रेमी महिला के पेटा, आदि संगठनों को इस प्रैंक में घसीटने पर कोई कमैंट्स न भी किये जाएँ, तो सवाल यह है कि स्क्रिप्ट पढ़ने में व्यस्त सनी लियॉन को यकायक सांप गिरने पर क्या करना चाहिए था ? अगर उस महिला पर सांप छोड़ा जाता तो क्या वह उस सांप को प्यार दुलार कर शरीर से उतारती और पेटा वालों को इसकी सूचना देती ? त्वरित रिएक्शन क्या होता ? समझ में नहीं आता कुछ ख़ास विचारधारा के लोग खुद के
लिए कॉपीराइट क्यों बुक कर लेते हैं कि वह हर फटे में टांग अड़ाएंगे और मज़ाक को बड़े अपराध में बदल देंगे। हालाँकि, उस एनिमल लवर को ट्विटर पर अच्छी लताड़ पड़ी। खुद सनी ने भी कहा - "मैं जानती हूँ। वह कभी मुझे पसंद नहीं करती। मेरे बारे में घटिया बातें लिखती रहती है।" शर्म आनी चाहिए इन लोगों को !
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ये ल्लों !!!
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Saturday, 25 November 2017
बॉलीवुड के बादशाह से बातें
स्टार के सभी चैनलों स्टार प्लस, स्टार भारत, स्टार उत्सव और स्टार प्लस एचडी से एक नया शो लक्स गोल्डन डिवाज बातें विथ द बादशाह प्रसारित होने जा रहा है। शाहरुख़ खान इस शो के एंकर होंगे। वह हर हफ्ते बॉलीवुड की लक्स गर्ल से उसके करियर और निजी जीवन के बारे में बातें करेंगे। शाहरुख़ खान की प्रस्तुति का अपना तरीका है। वह इस शो में अपनी फिल्मों की नायिकाओं से भी बातें करेंगे। इसलिए, शो के दौरान कुछ ऐसे क्षण मेलंगे ही, जिनमे वह शाहरुख़ खान की अन्तरंगतता में भी झाँक सकेंगे। आज प्रसारित हो रहे एपिसोड में बादशाह खान अभिनेत्री दीपिका पादुकोण से बातचीत कर रहे थे । रानी पद्मावती गर्ल से बॉलीवुड के बादशाह का बात करना तो बनता ही है।
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Television
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
जब भी नया करती हैं विद्या बालन हमेशा असफल नहीं होती !
विद्या बालन एक अलबेला |
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हस्तियां
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नहीं टूटा है वरुण धवन का नताशा से नाता !
वरुण धवन- नताशा दलाल |
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ये ल्लों !!!
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रजनीगंधा सिल्वर पर्ल की विज्ञापन फिल्म में प्रियंका चोपड़ा
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विज्ञापन फिल्म
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तमिल फिल्मों की ग्लैमर डॉल नमिता हुई वीरेंद्र की
तमिल तेलुगु फिल्मों की ग्लैमरस अभिनेत्री नमिता मुकेशकुमार वांकवाला २४ नवंबर को वीरेंद्र चौधरी के साथ वैवाहिक जीवन में प्रवेश किया। सूरत गुजरात की मॉडल अभिनेत्री नमिता ने २००१ में मिस इंडिया प्रतिस्पर्द्धा
में हिस्सा लिया था। अगले ही साल तेलुगु रोमांस फिल्म संथम से उनका फिल्म डेब्यू हुआ। तमिल फिल्मों की ग्लैमर डॉल के रूप में वह पॉपुलर हुई। ख़ास बात यह रही कि तमाम फिल्मों में वह बड़ी उम्र के अभिनेताओं की नायिका बनी। वह तमिल की सबसे पॉपुलर अभिनेत्रियों में शुमार की जाती थी। उल्लेखनीय है कि खुशबू के
अलावा नमिता ही इकलौती ऎसी अभिनेत्री हैं, जिनका कोइम्बटूर में मंदिर है। २०१० में उनका अपहरण करने का प्रयास भी किया गया। २०१० से उनके फिल्म करियर में उतार आना शुरू हो गया। इसलिए, उन्होंने फिल्मों में काम करना कम कर दिया। नमिता को वैवाहिक जीवन की शुभकामनायें।
में हिस्सा लिया था। अगले ही साल तेलुगु रोमांस फिल्म संथम से उनका फिल्म डेब्यू हुआ। तमिल फिल्मों की ग्लैमर डॉल के रूप में वह पॉपुलर हुई। ख़ास बात यह रही कि तमाम फिल्मों में वह बड़ी उम्र के अभिनेताओं की नायिका बनी। वह तमिल की सबसे पॉपुलर अभिनेत्रियों में शुमार की जाती थी। उल्लेखनीय है कि खुशबू के
अलावा नमिता ही इकलौती ऎसी अभिनेत्री हैं, जिनका कोइम्बटूर में मंदिर है। २०१० में उनका अपहरण करने का प्रयास भी किया गया। २०१० से उनके फिल्म करियर में उतार आना शुरू हो गया। इसलिए, उन्होंने फिल्मों में काम करना कम कर दिया। नमिता को वैवाहिक जीवन की शुभकामनायें।
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हस्तियां
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जेनिफर विंगेट फिर थ्रिलर बेपनाह
बेपनाह में जेनिफर विंगेट और हर्षद मेहता |
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वीकेंड का वार में रेस ३ टीम
बिग बॉस के वीकेंड का वॉर में रेस ३ की टीम |
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फिल्म प्रमोशन
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अलाउद्दीन खिलजी को राह में लाइ थी मेहरुन्निसा
संजयलीला भंसाली की विवादों से घिरी फिल्म पद्मावती में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के बीच अदिति राव हैदरी का किरदार अहम् है। ऐतिहासिक कथानक पर पद्मावती की कहानी यों तो शाहिद कपूर के करैक्टर रावल रतन सिंह, दीपिका पादुकोण के रानी पद्मिनी या पद्मावती और रणवीर सिंह के खल चरित्र अलाउद्दीन खिलजी के इर्दगिर्द घूमती है। फिल्म के विरोध का ख़ास निशाना रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के चरित्र है। रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण को जोड़ी रील और रियल लाइफ में काफी गर्मागर्म रोमाटिक जोड़ी की तरह मशहूर हैं। इस फिल्म में दोनों एक दूसरे के विरोध में खड़े हैं। रणवीर सिंह के किरदार यानि अलाउद्दीन खिलजी के कारण ही रानी पद्मिनी यानि दीपिका पादुकोण के किरदार को जौहर करना पड़ता है। जो लोग दीपिका-रणवीर रोमांस की खबर रखते हैं, उन्हें रील लाइफ में उनके यह रोल समझ में नहीं आये। फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली के फिल्म के पहले शिड्यूल के दौरान पत्रकारों से यह कह देना कि पद्मिनी और खिलजी के बीच एक रोमांटिक स्वप्न दृश्य फिल्माया जायेगा, आग भी घी का काम कर गया। इसके साथ ही पद्मावती का विरोध दुनिया भर में पहुँच गया। सुप्रीम कोर्ट और संसद सदस्यों के बीच इस विवाद ने सवाल खड़े कर दिए। परन्तु, अगर अदिति राव हैदरी के किरदार मेहरुन्निसा उर्फ़ मेहरू पर ध्यान दिया जाए तो विवादों का कोई लक्ष्य ही नहीं रह जायेगा। इतिहास की किताबों में दर्ज है कि मेहरुन्निसा अलाउद्दीन खिलजी की बीवी थी। वह बड़ी समझदार और राजनीतिक रूप से चतुर थी। उसे जब राजपूतों से युद्ध, रावल रतन सिंह के मारे जाने और पद्मिनी के जौहर करने को तैयार होने की खबर मिली तो उसने खिलजी को बहुत फटकार लगाईं। उसने अलाउद्दीन खिलजी को समझाया कि वह मेवाड़ को वापस से कब्ज़ा हटा कर दिल्ली वापस चले। पश्चाताप करते हुए खिलजी ने मेवाड़ से कब्ज़ा हटा कर दिल्ली को प्रस्थान किया था। इस पक्ष के लिहाज़ से मेहरुन्निसा यानि अदिति राव हैदरी का किरदार फिल्म के लिए काफी अहम् है। यह किरदार पद्मिनी सतीत्व को नमन करने वाला और खिलजी को रास्ते पर लाने वाला चरित्र है। १९६४ में रिलीज़ महारानी पद्मिनी में इस किरदार को सज्जन के खलजी के साथ श्यामा ने किया था। श्यामा का हाल ही में देहांत हुआ है।
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खबर है
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मृगदीप सिंह के फुकरों की वापसी
यह मृगदीप सिंह लाम्बा के चार फुकरों में से तीन फुकरे। शनिवार के दिन भी इन फुकरों को छुट्टी की फिक्र नहीं। भोली पंजाबन के साथ यह फुकरे अपने फुकरेपन का प्रदर्शन करते घूम रहे हैं। चित्र में भोली पंजाबन ऋचा चड्डा और सिद्धार्थ कन्नन के साथ पुलकित सम्राट, वरुण शर्मा और मनजोत सिंह के साथ स्टूडियो स्टूडियो फुकरागिरि कर रहे हैं। २०१३ की हिट फिल्म फुकरे की सीक्वल फिल्म फुकरे रिटर्न्स ८ दिसंबर को रिलीज़ होगी।
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फिल्म प्रमोशन
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ऐन मौके पर वापस ले ली गई एक्सटिंक्शन
यूनिवर्सल पिक्चर्स ने रिलीज़ की तारिख २६ जनवरी २०१८ से ठीक दो महीना पहले एक्सटिंक्शन की रिलीज़ टाल दी। जिस प्रकार से यूनिवर्सल ने एक्सटिंक्शन के प्रमोशन का कोई संकेत नहीं दिया था, ट्रेलर, आदि नहीं जारी किये गए थे, एक्सटिंक्शन के २६ जनवरी को रिलीज़ होने पर शंकाएं प्रकट की जाने लगी थी। स्टूडियो की यह विज्ञान फैन्टसी फिल्म २०१८ के आखिर आखिर में रिलीज़ होगी। वैसे अगर एक्सटिंक्शन रिलीज़ होती तो इसका टकराव ट्वेंटिएथ सेंचुरी फॉक्स की फिल्म द मेज़ रनर: द डेथ क्योर और स्टूडियो ८ की वाइट बॉय रिक से हो रहा होता। एक ख़ास बात और कि एक्सटिंक्शन कुछ ही हफ़्तों के भीतर रिलीज़ होने वाली यूनिवर्सल की दूसरी फिल्म होती। यूनिवर्सल की हॉरर फिल्म इंसिडियस की सीक्वल फिल्म इंसिडियस: द लास्ट की पांच जनवरी २०१८ को रिलीज़ होनी है। जनवरी में ही रिलीज़ होने वाली कुछ बड़े स्टूडियोज की मशहूर फिल्मों में लायंसगेट की द कम्यूटर, वार्नर ब्रदर्स की पड्डिंगटन २ और सोनी प्राउड मैरी १२ जनवरी को तथा वार्नर ब्रदर्स की १२ स्ट्रॉंग, एसटीएक्स एंटरटेनमेंट की डेन ऑफ़ थीव्स और रोडसाइड अट्रैक्शन की फॉरएवर माय गर्ल १९ जनवरी को रिलीज़ होनी है। बहरहाल, अब जबकि एक्सटिंक्शन की रिलीज़ टाल दी गई है तो सभी को इंतज़ार होगा एक्सटिंक्शन की रिलीज़ की नई तारीखों का। कब रिलीज़ होगी निर्देशक बेन यंग की माइकल पेना, लिज़ी कप्लान, माइक कलटर, आदि अभिनीत यह फिल्म!
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हॉलीवुड
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नीता अम्बानी से प्रेरित शीबा !
करिश्मा अ मिरेकल ऑफ़ डेस्टिनी के १४ साल बाद फ्लॉप बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री शीबा की टेलीविज़न पर वापसी हुई है। वह सोनी के रोमांटिक थ्रिलर ड्रामा सीरीज हासिल में सारिका रायचंद का किरदार कर रही है, जो दो बच्चों माँ है। वह अपने विशाल कारोबार के दूर दूर तक फैले साम्राज्य की कुशलतापूर्वक देखभाल करती है। वह एक गरिमापूर्ण गंभीर महिला है। इस शो में सारिका की भूमिका के लिए शीबा ने मशहूर शिक्षाविद, उद्यमी और परोपकार के काम करने वाली नीता अम्बानी के चरित्र से प्रेरित है। शीबा की सारिका के व्यक्तित्व से उसके प्रभाव का पता चलता है। यही कारण है कि ज़ायेद खान, वत्सल सेठ और निकिता दत्ता की मौजूदगी में भी शीबा का किरदार उभर कर आता है। शीबा खुश है कि उन्हें उनके प्रशंसकों के फ़ोन आने लगे हैं, पत्रों की भरमार हो रही है।
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Television
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
सोनी सब के 'पार्टनर्स' में सब डबल है ट्रबल
अपने कॉमेडी कंटेंट के कारण पहचान बनाने वाले चैनल सोनी सब पर अब डबल ट्रबल होने जा रही है। यह ट्रबल पैदा करेंगे दो पुलिस किरदार- इंस्पेक्टर मानव आनंद देसाई उर्फ़ मैड और इंस्पेक्टर आदित्य देव उर्फ़ ऐड। यह ट्रबल पैदा तब होगी, जब दोनों अपराध की गुत्थियां सुलझाने के लिए साथ आएंगे। पार्टनर्स - ट्रबल हो गई डबल में मैड का किरदार कीकू सारदा और इंस्पेक्टर आदित्य विपुल रॉय बने हैं। मानव बड़ा सुस्त और उद्दंड है, लेकिन वह खुद को काफी तेज़तर्रार और जानकार पुलिस अधिकारी समझता है। इसके विपरीत आदित्य एक समझदार, दृढ और समर्पित पुलिस अधिकारी है। इन दोनों की मुश्किलें तब डबल हो जाती हैं, जब उन्हें पुलिस
कमिश्नर के अंतर्गत गठित स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम में शामिल कर लिया जाता है। पुलिस कमिश्नर गोगोल चटर्जी का किरदार जॉनी लीवर ने किया है। पुलिस कमिश्नर अपने काम के प्रति समर्पण के कारण ही इस पद तक पंहुचा है। उसके अंतर्गत मानव और आदित्य एक दूसरे को नापसंद करने वाले दुश्मन टाइप के पुलिस अधिकारी हैं। दिलचस्प तथ्य यह है कि यह दोनों नाडकर्णी बहनों डॉली (श्वेता गुलाटी) और आएशा (किश्वर मर्चेंट) से प्रेम करते हैं। डॉली कैफ़े चलाती है और आयेशा एक क्रिमिनल लॉयर है। इन दोनों की विधवा माँ नीना सोशल एक्टिविस्ट है। वह कमिश्नर से काफी समय से प्रेम करती रही है। नीना का रोल अश्विनी कलसेकर ने किया है। इस डबल ट्रबल पार्टनरशिप में एक खबरी का किरदार भी है, जो कमिश्नर का जुड़वा हमशक्ल भाई है।
कमिश्नर के अंतर्गत गठित स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम में शामिल कर लिया जाता है। पुलिस कमिश्नर गोगोल चटर्जी का किरदार जॉनी लीवर ने किया है। पुलिस कमिश्नर अपने काम के प्रति समर्पण के कारण ही इस पद तक पंहुचा है। उसके अंतर्गत मानव और आदित्य एक दूसरे को नापसंद करने वाले दुश्मन टाइप के पुलिस अधिकारी हैं। दिलचस्प तथ्य यह है कि यह दोनों नाडकर्णी बहनों डॉली (श्वेता गुलाटी) और आएशा (किश्वर मर्चेंट) से प्रेम करते हैं। डॉली कैफ़े चलाती है और आयेशा एक क्रिमिनल लॉयर है। इन दोनों की विधवा माँ नीना सोशल एक्टिविस्ट है। वह कमिश्नर से काफी समय से प्रेम करती रही है। नीना का रोल अश्विनी कलसेकर ने किया है। इस डबल ट्रबल पार्टनरशिप में एक खबरी का किरदार भी है, जो कमिश्नर का जुड़वा हमशक्ल भाई है।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
विशाल भरद्वाज रोमकॉम बनाएं भी तो कैसे !
निर्माता विशाल भरद्वाज की अगली फिल्म सपना दीदी में दीपिका पादुकोण और इरफ़ान खान की जोड़ी है। लेकिन यह रोमांस फिल्म नहीं है। फिल्म में दीपिका पादुकोण और इरफ़ान खान के किरदार गैंगस्टर हैं। विशाल भरद्वाज की ज़्यादातर फिल्में डार्क होती हैं। गैंगस्टर, अपराध और खून खराबा अहम् होता है। विशाल भरद्वाज अपनी लीक से हट कर कोई रोमकॉम फिल्म क्यों नहीं बनाते? क्या विशाल भारद्वाज की प्रतिभा इसकी इज़ाज़त नहीं देती ? सच कहा जाये तो विशाल भरद्वाज रोमकॉम बनाना चाहते हैं। लेकिन, बनायें तो बनायें कैसे ! विशाल भरद्वाज ने एक रोमकॉम फिल्म शुरू भी की थी। नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी के साथ अदिति राव हैदरी की जोड़ी बनाई गई थी। लेकिन, इस फिल्म का रोमांस नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी और विशाल भरद्वाज की दोस्ती टूटने के साथ ख़त्म हुआ। सूत्र बताते हैं कि क्रिएटिव डिफरेंस थे। जबकि, कुछ का कहना है कि नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी का रवैया काफी अनप्रोफेशनल था। पिछली तमाम फिल्मों, ख़ास तौर पर उनकी बतौर नायक फिल्मों की असफलता के बावजूद वह नख़रेबाज़ी किया करते थे। नतीजे के तौर पर विशाल भरद्वाज ने फिलहाल अपनी इस रोमकॉम फिल्म को बनाने का इरादा ही छोड़ दिया है। अब उनका पूरा ध्यान सपना दीदी पर लगा हुआ है। बेचारे विशाल भरद्वाज !
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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