संजयलीला भंसाली की विवादों से घिरी फिल्म पद्मावती में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के बीच अदिति राव हैदरी का किरदार अहम् है। ऐतिहासिक कथानक पर पद्मावती की कहानी यों तो शाहिद कपूर के करैक्टर रावल रतन सिंह, दीपिका पादुकोण के रानी पद्मिनी या पद्मावती और रणवीर सिंह के खल चरित्र अलाउद्दीन खिलजी के इर्दगिर्द घूमती है। फिल्म के विरोध का ख़ास निशाना रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के चरित्र है। रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण को जोड़ी रील और रियल लाइफ में काफी गर्मागर्म रोमाटिक जोड़ी की तरह मशहूर हैं। इस फिल्म में दोनों एक दूसरे के विरोध में खड़े हैं। रणवीर सिंह के किरदार यानि अलाउद्दीन खिलजी के कारण ही रानी पद्मिनी यानि दीपिका पादुकोण के किरदार को जौहर करना पड़ता है। जो लोग दीपिका-रणवीर रोमांस की खबर रखते हैं, उन्हें रील लाइफ में उनके यह रोल समझ में नहीं आये। फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली के फिल्म के पहले शिड्यूल के दौरान पत्रकारों से यह कह देना कि पद्मिनी और खिलजी के बीच एक रोमांटिक स्वप्न दृश्य फिल्माया जायेगा, आग भी घी का काम कर गया। इसके साथ ही पद्मावती का विरोध दुनिया भर में पहुँच गया। सुप्रीम कोर्ट और संसद सदस्यों के बीच इस विवाद ने सवाल खड़े कर दिए। परन्तु, अगर अदिति राव हैदरी के किरदार मेहरुन्निसा उर्फ़ मेहरू पर ध्यान दिया जाए तो विवादों का कोई लक्ष्य ही नहीं रह जायेगा। इतिहास की किताबों में दर्ज है कि मेहरुन्निसा अलाउद्दीन खिलजी की बीवी थी। वह बड़ी समझदार और राजनीतिक रूप से चतुर थी। उसे जब राजपूतों से युद्ध, रावल रतन सिंह के मारे जाने और पद्मिनी के जौहर करने को तैयार होने की खबर मिली तो उसने खिलजी को बहुत फटकार लगाईं। उसने अलाउद्दीन खिलजी को समझाया कि वह मेवाड़ को वापस से कब्ज़ा हटा कर दिल्ली वापस चले। पश्चाताप करते हुए खिलजी ने मेवाड़ से कब्ज़ा हटा कर दिल्ली को प्रस्थान किया था। इस पक्ष के लिहाज़ से मेहरुन्निसा यानि अदिति राव हैदरी का किरदार फिल्म के लिए काफी अहम् है। यह किरदार पद्मिनी सतीत्व को नमन करने वाला और खिलजी को रास्ते पर लाने वाला चरित्र है। १९६४ में रिलीज़ महारानी पद्मिनी में इस किरदार को सज्जन के खलजी के साथ श्यामा ने किया था। श्यामा का हाल ही में देहांत हुआ है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday, 25 November 2017
अलाउद्दीन खिलजी को राह में लाइ थी मेहरुन्निसा
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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