एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा व्दारा बायोस्कोप विलेज यह नयी परिकल्पना लायी गयी हैं। इस बायोस्कोप विलेज के
मोबाइल थिएटर आकर अभिनेता नाना पाटेकर और मनोज जोशी ने सिनेमा लवर्स के लिए इफी का
तिसरा दिन यादगार बनाया। इस मौके पर नाना पाटेकर ने कहाँ, “बायोस्कोप
विलेज यह परिकल्पना मेरे लिए काफी नयी हैं। मेरे बचपन में हमारे गांव में हम
बायोस्कोप पर फिल्म देखते थे। वह फिल्म देखना हमारे लिए काफी यादगार लम्हा हुआ
करता था। हम गांव में मल्टिप्लेक्सेस नही बना सकतें। ऐसे में बायोस्कोप परिकल्पना
जो सिनेमा देखने के लिए जिनके पास पैसे नहीं हैं, उनके लिए एक
अच्छी पहल हैं।“ इस मौके पर मनोज जोशी ने कहाँ, “गोवा को
सांस्कृतिक विरासत मिली हैं। और इश राज्य में इफी का आयोजन होना एक बेहतरीन बात
हैं।“ भारत का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव इस साल अपना 48 वा साल मना
रहा हैं। जिसमें देश और दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का चयन किया गया हैं। और
यह निश्चित ही, यह फेस्टिवल इस साल सिनेमा जगत का सबसे बडा
और भव्य फेस्टिवल है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 23 November 2017
नाना पाटेकर और मनोज जोशी पहूँचे, इफ्फी गोवा 2017 में 'बायोस्कोप विलेज'
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IFFI,
फिल्म फेस्टिवल
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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