भारत का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव इस साल अपना 48 वा साल मना
रहा हैं। जिसमें देश और दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का चयन किया गया हैं। निश्चित ही, यह फेस्टिवल इस साल सिनेमा जगत का सबसे बडा
और भव्य फेस्टिवल बन गया है। गुरूवार को इफी में पैनल डिस्कशन में युवा फिल्ममेकर्स शामिल हुए। अश्विनी
अय्यर तिवारी, भास्कर हजारिका,
कार्थिक सुब्बराज, राजा क्रिश्न मेनन जैसे युवा फिल्ममेकर्स का
सिनेमा की ओर नजरिया जानने का मौका सिनेमा लवर्स को मिला। इस सत्र में उभरती प्रतिभाओं और कथाओं को लेकर
यह युवा फिल्ममेकर्स बातचित की। साथ ही, फिल्ममेकर मधुर भांडारकर ने ब्रिक्स
फिल्ममेकिंग प्रोग्राम में हिस्सा लिया। मधुर के अलावा यहाँ वॉल्टर सैलस,
एलेक्सी फेदर्चेन्को,
जेमिल एक्स. टी., क्यूबाका और
जिया झेंगके यह विभिन्न देशों के फिल्ममेकर्स का भी समावेश था। मधुर भंडारकर ने
कहा, "इस तरह के बेहतरीन फिल्म निर्माताओं से
मिलना एक सम्मानजनक बात हैं। यह मेरे लिए एक यादगार लम्हा था।"
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 23 November 2017
इफी के चौथे दिन युवा फिल्ममेकर्स का पैनल डिस्कशन
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IFFI,
फिल्म फेस्टिवल
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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