Tuesday 2 January 2018

ट्विंकल खन्ना की कहानी पर नहीं है पैडमैन

क्या कभी एक्शन कुमार से मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार अब जिम्मेदार बन गए हैं ?  वह सामजिक सरोकार रखने वाले और उपदेशक की मुद्रा में भी नज़र आने लगे हैं। ख़ास तौर पर अपनी फिल्मों में। अक्षय कुमार ने २०१३ तक खिलाडी ७८६, वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा, जोकर, आदि खालिस मसाला और कमोबेश सस्ते हास्य वाली फिल्में की थी। २०१४ से उन्होंने अपनी फिल्मों में बदलाव लाना शुरू किया। उन्होंने कंटेंट बेस्ड फ़िल्में करनी शुरू कर दी।  ख़ास बात यह है कि उनकी फ़िल्में सार्थक और संदेशात्मक फ़िल्में थी। पिछले तीन सालों में अक्षय कुमार की प्रदर्शित फ़िल्में बेबी, गब्बर इज बैक, एयरलिफ्ट, रुस्तम, जॉली एलएलबी २, नाम शबाना और टॉयलेट : एक प्रेम कथा देश प्रेम से लबालब संदेशात्मक फ़िल्में थी। अब, इस गणतंत्र दिवस वीकेंड पर रिलीज़ होने जा रही अक्षय कुमार, राधिका आप्टे और सोनम कपूर की फिल्म पैडमैन एक और संदेशात्मक फिल्म है। यह महिलाओं के पीरियड्स के दौरान होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए, स्वच्छता के प्रति सन्देश देने वाली फिल्म है। इस फिल्म के कहानी सस्ते पैड बनाने वाली मशीन का निर्माण करने वाले अरुणाचलम मुरुगुनान्थम के जीवन पर फिल्म है। इस फिल्म में केन्द्रीय भूमिका अक्षय कुमार ही कर रहे हैं। वह फिल्म के निर्माता भी हैं। इस फिल्म के लिए यह कहा जा रहा था कि यह अक्षय कुमार की पत्नी ट्विंकल खन्ना की किताब पर आधारित फिल्म है। लेकिन, पैडमैन के लेखक-निर्देशक आर बाल्की इसका खंडन करते हैं। आर बल्कि ने, वैसे तो कभी पैडमैन जैसी फ़िल्में नहीं बनाई। उन्होंने चीनी कम, पा, षमिताभ और की एंड का जैसी हलकी फुलकी कॉमेडी फ़िल्में ही बनाई हैं।  बाल्की कहते हैं, “मैं कभी भी बायोपिक फिल्म नहीं बनाना चाहता था। लेकिन, अरुणाचलम का किरदार काफी प्रेरणादायक है।  लेकिन, यह ट्विंकल खन्ना की किताब पर आधारित फिल्म नहीं है।  यह अरुणाचलम के जीवन पर नितांत काल्पनिक फिल्म है। जो मनोरंजन की दृष्टि से बनाई गई है।” वैसे अक्षय कुमार भी अब कहाँ संदेशात्मक फिल्म बनाने जा रहे। इस साल वह रजनीकांत की बहुभाषी विज्ञान फंतासी फिल्म २.० में रिचर्ड का खल किरदार कर रहे होंगे। वह बायोपिक फिल्म गोल्ड में एक चालाक मैनेजर की भूमिका कर रहे हैं, जो हॉकी में मैनेज करने में काफी तेज़ है। वह बैटल ऑफ़ सरगढ़ी पर फिल्म केसरी और गुलशन कुमार के जीवन पर मुग़ल भी कर रहे हैं। 

गर्मागर्म फिल्मों के टेलीविज़न स्टार

टेलीविज़न से फिल्मों में आने का सिलसिला तेज़ हुआ लगता है। टेलीविज़न के पॉपुलर पारिवारिक  शो के अभिनेता और अभिनेत्रियाँ हिंदी फिल्मों में अपना स्थान बना रहे हैं । खास बात यह है कि इन टेलीविज़न सितारों को फिल्मों के नायक-नायिका के इर्दगिर्द के नाते रिश्तेदारों और दोस्तों की भूमिकाएं नहीं मिल रही, बल्कि, इनकी भूमिकाये अहम् होती हैं । ख़ास तौर पर टेलीविज़न की नायिकाएं अपनी फिल्म के नायक के साथ कंधे से कंधा मिलाती नज़र आती हैं । अलबत्ता, टीवी के अभिनेताओं का इस्तेमाल सेक्स सिंबल के तौर पर किया जा रहा है । वह अपनी फिल्म की नायिका की शारीरिक भूख मिटाते ही नज़र आते हैं ।
मौनी रॉय का गोल्ड बना ब्रह्मास्त्र 
कुछ समय पहले यह खबर गर्म थी कि मौनी रॉय ने पोपुलर टीवी शो नागिन छोड़ दिया है। उनके बॉलीवुड फिल्म करने की खबरे आ रही थी । इन खबरों के गर्म और ठंडी होने बीच, मौनी रॉय  पहले सलमान खान के शो बिग बॉस के विज्ञापन में सलमान खान के साथ नज़र आई और फिर बिग बॉस के घर गई । इसके बाद उनके अक्षय कुमार के साथ हॉकी पर बायोपिक फिल्म गोल्ड की नायिका चुने जाने का समाचार आया । इसके बाद मौनी को अयान मुख़र्जी निर्देशित फिल्म ब्रह्मास्त्र में भी रणबीर कपूर और अलिया भट्ट के साथ ले लिया गया । अब सलमान खान की दबंग सीरीज की फिल्म दबंग ३ में मौनी रॉय के सलमान खान की नायिका बनने की खबर भी काफी सुर्ख हैं ।
सुपर ३० में मृणाल
अब खबर है कि कुमकुम भाग्य में बुलबुल अरोड़ा की भूमिका करने वाली अभिनेत्री मृणाल ठाकुर भी हिंदी फिल्म नायिका बन गई हैं । वह सुपर ३० की स्टार कास्ट में शामिल कर ली गई है। यह फिल्म पटना के एक गणितज्ञ आनंद कुमार के जीवन पर आधारित है । सुपर ३० टाइटल वाली इस फिल्म में आनंद कुमार की भूमिका हृथिक रोशन कर रहे हैं । मृणाल ठाकुर, आनंद कुमार की पत्नी की भूमिका करेंगी। आनंद कुमार का किरदार प्रेरणादायक है। वह खुद आर्थिक तंगी झेलने के बावजूद गरीब बच्चों की मदद करते हैं। इस काम में उनकी पत्नी और भाई भी मदद करते हैं। आनंद कुमार के मिशन में साथ देने के लिहाज़ से आनंद कुमार की पत्नी का किरदार ख़ास हो जाता है। हृथिक रोशन को कभी बड़ी एक्ट्रेस की चाह नहीं होती। उन्होंने नवोदित पूजा हेगड़े के साथ फिल्म मोहनजोदड़ो की थी। लेकिन, मृणाल ठाकुर के लिए ख़ास है कि वह हृथिक रोशन जैसे सितारे के साथ स्क्रीन शेयर कर रही हैं ।
टीवी एक्टर बने इरोटिक हीरो
टीवी सीरियल की एक्ट्रेस के ठीक विपरीत टेलीविज़न के चॉकलेटी चेहरा एक्टरों की कहानी है । वह अपनी तमाम फिल्मों के नायक होने के बावजूद फिल्म की नायिका के सपोर्टिंग भूमिका में लिए जाते हैं । यह ज्यादा फ़िल्में या तो हॉरर होती हैं या इरोटिक थ्रिलर या फिर इरोटिका । ऎसी फिल्मों में नायिका की सेक्स अपील भुनाई जाती हैं । टीवी एक्टर इसे हवा देते हैं । टेलीविज़न सीरियलों के अभिनेताओं की त्रासदी यही है कि वह हिंदी फिल्मों के नायक तो बन पाते हैंलेकिन इन फिल्मों में वह अपनी नायिका से हॉट रोमांस ही करते नज़र आते हैं। बाकी, जो कुछ एक्शन करना होता है, वह फिल्म की नायिका ही करती है । उनका अस्तित्व नायिका के इशारों का मोहताज़ होता है।
फिल्म से पहुंचे कंडोम विज्ञापन में
टीवी एक्टर गुरमीत चौधरीजय भानुशालीकरण वाहीअभिनव शुक्ल और करण सिंह ग्रोवर  उदाहरण हैं। कसौटी  ज़िन्दगी की के शरद गुप्तादिल मिल गए के अरमान मालिकक़ुबूल है के असद अहमद खानआदि जैसे मशहूर सीरियलों के किरदार करने वाले अभिनेता करण सिंह ग्रोवर ने भ्रम और आई एम् २४ जैसी फ़िल्में की।  लेकिनइन फिल्मो में उनकी भूमिका बहुत छोटी और नायक/ नायकों की सहयोगी की थी।  उन्हें नायक की भूमिका मिली बिपाशा बासु के साथ हॉरर फिल्म अलोन में। लेकिन, इस फिल्म में अंजना और संजना दोहरी में अभिनेत्री बिपाशा बासु छाई हुई थी । करण सिंह ग्रोवर बेचारे तो जिगोलो बने हुए अपनी नायिका बिपाशा बासु के साथ कामुक दृश्य करते नज़र आ रहे थे । उनकी इस गर्मागर्म रील लाइफ का नज़ारा करण और बिपाशा विवाह के रूप में सामने आया । इन दोनों की कामुक छवि का परिणाम एक कंडोम का विज्ञापन भी था । करण अपनी दूसरी फिल्म हेट स्टोरी ३ में भी फिल्म की नायिकाओं ज़रीन खान और डेज़ी शाह के साथ वही कहानी दोहरा रहे थे ।
राम भी इरोटिक
इमेजिन टीवी के शो रामायण में भगवान राम की भूमिका करने वाले गुरमीत चौधरी ने टीवी शो गीत- हुई सबसे पराई और पुनर्विवाह में मान सिंह खुराना और यश सूरज प्रताप सिंघानिया के गुडीगुडी किरदार किये थे । लेकिन, जब वह फिल्मों के नायक बने तब ? खामोशियाँ और वजह तुम हो में, गुरमीत चौधरी अपनी नायिकाओं के चरित्र को मज़बूत कर रहे थे । उन्होंने, खामोशियाँ में सपना पब्बी और सना खान के साथ उत्तेजक सेक्स दृश्य करकेअपनी राम वाली छवि मिटटी में मिला दी। वजह तुम हो में भी उनके पीछे हटने की कोई वजह नहीं थी ।
जय भानुशाली की लीला
क़यामत के नीव शेरगिल जय भानुशाली किस देश में है मेरा दिल और कैरी रिश्ता खट्टा मीठा में रोमांटिक किरदार किये थे । लेकिन, उन्होंने फ़िल्में बिलकुल उलट की । वह, फिल्म हेट स्टोरी २ में सुरवीन चावला और एक पहेली लीला में सेक्सी अवतार में नज़र आये। यह दोनों फ़िल्में नायिका के अपना बदला लेने की कहानियाँ थी । जय के हिस्से गर्मागर्म रोमांस दृश्य ही आये ।
अक्सर २ में ज़रीन खान के साथ टीवी के दो सितारे थे । टीवी सीरियल जाने क्या बात हुई के शांतनु, छोटी बहु के विक्रम, गीत के देव सिंह, आदि की इमोशनल भूमिकाये करने अभिनव शुक्ल फिल्म अक्सर २ की नायिका ज़रीन खान का बिस्तर गर्म कर रहे थे। इसमें उनका साथ सरस्वतीचंद्र सीरियल के गौतम रोडे दे रहे थे। गौतम रोड़े को टीवी दर्शक जहाँ प्यार मिले, रिश्ते, अपना अपना स्टाइल, बा बहू और बेबी, इंतज़ार, आदि सीरियलों के कारण पारिवारिक अभिनेता मानते थे ।
यह इरोटिका थ्रिलर फिल्म नहीं है
एक दूसरे  टीवी एक्टर करण वाही फिल्म हेट स्टोरी ४ में दो नायिकाओं पंजाबी एक्ट्रेस ईहाना ढिल्लों और उर्वशी रौतेला के साथ गर्मागर्म दृश्य देते नज़र आएंगे। टीवी के चोकोलेटी चेहरा करण वाही दर्शक मेरे घर आई एक नन्ही परीदिल मिल गएबात हमारी पक्कीआदि टीवी सीरियलों के अलावा दर्जनों डांस और एडवेंचर रियलिटी शो के कारण अच्छी तरह से पहचानते हैं। करण का बॉलीवुड फिल्म डेब्यू आदित्य रॉय  कपूर और परिणीति चोपड़ा की मुख्य भूमिका वाली फिल्म दावत-ए-इश्क़ (२०१४) से हुआ था। फिल्म बुरी तरह पिटी।  अब करण वाही की दूसरी फिल्म हेट स्टोरी ४ आ रही है। इस फिल्म में वह एक बड़े उद्यमी के प्रतिभाशाली और भावप्रवण बेटे की भूमिका कर रहे हैं।  मशहूर हेट स्टोरी सीरीज की इस चौथी फिल्म को इरोटिका फिल्म बताया जा रहा है।  लेकिनकरण वाही कहते हैं कि यह मूल रूप में सेक्सी नहींथ्रिलर फिल्म है।  हालाँकिकरण वाही यह तो कह रहे हैं कि हेट स्टोरी ४ अपनी मूल फिल्मों की तरह इरोटिका फिल्म नहीं है।  लेकिनटेलीविज़न के अभिनेताओं की त्रासदी है कि वह बॉलीवुड फिल्मों की नायिका के साथ उत्तेजक शयन कक्ष दृश्य करते ही नज़र आते हैं।  क्या दूसरे टेलीविज़न सितारों की तरह करण वाही भी विशाल पंड्या की इस फिल्म में उर्वशी रौतेला के साथ सिर्फ हॉट रोमांस करते नज़र आएंगे कुछ समय पहले ऋत्विक धनजानी के पांच इरोटिक कहानियों वाली फिल्म एक्सएक्सएक्स में नज़र आने को तैयार थे।  लेकिनअब इस फिल्म में कोई ख़ास प्रोग्रेस हुई नहीं लगती है।

न्यू यॉर्क में न गड़बड़ न गोलमाल, होगी बैंग बैंग

अब न्यू यॉर्क में गोलमाल नहीं होगा, बल्कि अब न्यू यॉर्क में बैंग बैंग होगी। ऐसा संभव हुआ है फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर के कारण। करण जौहर, वाशु भगनानी के साथ एक फिल्म के सह निर्माता हैं। इस फिल्म का निर्देशन भारतीय अमेरिकी लेखक, निर्देशक और एक्टर चक्री टोलेती को सौंपा गया है। इस कॉमेडी फिल्म के नायक-नायिका सोनाक्षी सिन्हा और दिलजीत दोसांझ हैं।  वाशु भगनानी ने इसे हिंदुस्तान की पहली स्टेज रियलिटी फिल्म बताया था। इस फिल्म का नाम गोलमाल इन न्यू यॉर्क रखा गया था। किसी फिल्म के साथ गोलमाल शीर्षक जुडा होने के कारण, गोलमाल सीरीज की फिल्मों के मूल निर्माता रोहित शेट्टी को यह टाइटल नागवार गुजरा था। बातचीत में रोहित ने यह नाराज़गी व्यक्त भी कर दी थी। समाचारों के माध्यम से सभी जानते हैं कि रोहित शेट्टी और करण जौहर एक साथ मिल कर, न केवल एक रियलिटी शो का निर्माण कर रहे हैं, बल्कि एक खालिस एक्शन फिल्म सिम्बा भी बना रहे हैं।  करण जौहर को यह ठीक नहीं लगा कि उनके मित्र की सीरीज का टाइटल किसी दूसरी फिल्म के साथ जुड़े और वह परेशानी महसूस करें। इसलिए, करण जौहर ने, अपने सह निर्माता वाशु भगनानी को साफ़ हिदायत दे दी कि उनकी कोप्रोडक्शन फिल्म के साथ गोलमाल नाम जोड़ा जाये। उन्होंने वाशु भगनानी को यह भी हिदायत दी कि या तो फिल्म का टाइटल बदल दें, अन्यथा वह फिल्म से कोई सरोकार नहीं रखेंगे। इस पर वाशु भगनानी अपनी फिल्म का टाइटल बदल कर गड़बड़ इन न्यू यॉर्क रखने की सोचने लगे, क्योंकि न्यू यॉर्क के एक अवार्ड शो का नाम भी यही है। लेकिन, वाशु ने फिर इरादा बदला। अब उनकी फिल्म का टाइटल बैंग बैंग इन न्यू यॉर्क होगा। वाशु भगनानी ने इस शीर्षक के साथ यह पूरी गुंजाईश रखी है कि ज़रुरत पड़ने पर दुनिया के विभिन्न शहरों के नाम के साथ बैंग बैंग जोड़ कर फिल्म के सीक्वल की एक सीरीज  तैयार की जा सके। इस फिल्म का ट्रेलर ज़ल्द ही सोशल मीडिया पर आ सकता है। वाशु भंगानी अपनी बैंग फिल्म को ३डी में भी रिलीज़ करना चाहते हैं। बैंग बैंग इन न्यू यॉर्क के नायक दिलजीत दोसांझ हॉकी पर बायोपिक फिल्म सूरमा में संदीप सिंह की भूमिका कर रहे हैं।  सोनाक्षी सिन्हा एक सीक्वल फिल्म हैप्पी भाग जाएगी रिटर्न्स में भी काम कर रही हैं।  

रामायण के राम की सीता, अब आतंकी की बीवी

ग़ालिब में दीपिका चिखलिया 
गणतंत्र दिवस वीकेंड पर, २५ जनवरी १९८७ को, रामानंद सागर का धार्मिक राम गाथा,  सीरियल  रामायण का प्रसारण शुरू हुआ था। इस के साथ ही हर हफ्ते सडकों पर सन्नाटा पसरने लगा। ऐसा ठीक ७८ हफ़्तों तक होता रहा, जब रविवार की सुबह सन्नाटा पसरा रहता था। इस सीरियल में राम और सीता, यानि अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया पूरे देश में भगवान् राम और सीता के तौर पर पूजे जाने लगे। इसी इमेज की बदौलत दीपिका चिखलिया सांसद बनी। इस सीरियल के शुरू होने के बाद, दीपिका चिखलिया की एक हॉरर फिल्म रात के अँधेरे रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में हॉरर फिल्मों की नायिका के अनुरूप दीपिका चिखलिया ने भी काफी अंग प्रदर्शक और उत्तेजनापूर्ण शयन कक्ष दृश्य किये थे। हालाँकि, इससे पहले भी दीपिका चिखलिया ने कुछ ऎसी फिल्मों में काम किया था। लेकिन, उन पर सीता की छवि कुछ ऐसी चिपकी थी कि रात के अँधेरे के गर्म दृश्यों के कारण दीपिका को अपने धार्मिक किरदार पर श्रद्धा रखने वाले लोगों के क्रोध का शिकार होना पडा था। इस घटना का दीपिका चिखलिया पर कुछ ऐसा असर पडा कि उन्होंने रामायण ख़त्म होने के बाद भी शॉर्ट पहनने की कोई कोशिश नहीं की। दीपिका ने कहा था, "मैं  अपने प्रशंसकों का दिल नहीं दुखाना चाहती थी।" शादी के बाद दीपिका चिखलिया गृहस्थी में व्यस्त हो गई। उनकी दो बच्चियां हैं। अब खबर है कि दीपिका चिखलिया हिंदी फिल्मों में वापसी करने जा रही हैं। हालाँकि, उन्होंने कलर्स
गुजराती के शो छुटा छेड़ा सीजन २ का सञ्चालन किया हैं। इस शो में रियल लाइफ युगल की कहानियाँ होती हैं, जो अपने संबंधों के बीच आने वाले झगड़ों से निबटते हैं। अपनी वापसी फिल्म में दीपिका चिखलिया रियल लाइफ आतंकी अफज़ल गुरु की बीवी तबस्सुम का किरदार कर रही हैं। वह मनोज गिरी की फिल्म ग़ालिब में आतंकी की बीवी का किरदार कर रही हैं। फिल्म संसद पर हमले के लिए दोषी अफज़ल गुरु की पत्नी की कहानी होने के बावजूद अफज़ल गुरु की आतंकी गतिविधियों पर फिल्म नहीं है। यह फिल्म अफज़ल गुरु के बेटे ग़ालिब गुरु की कहानी है, जो डॉक्टर बनना चाहता है। ग़ालिब गुरु की माँ के रूप में दीपिका चिखलिया ग़ालिब की माँ के संघर्षों की दास्तान बयान करेंगी। हालाँकि, दीपिका इस बात से इनकार करती हैं कि यह अफज़ल गुरु के परिवार की कहानी है। उनके विचार से यह कहानी आतंकी की बीवी और बच्चे की कहानी होने के बावजूद अफज़ल गुरु की कहानी नहीं है। यह एक माँ और उसके बेटे की कहानी है, जिन्हें आतंकी के फांसी चढ़ जाने के बाद क्या झेलना पड़ता है। अपने इस रोल को लेकर दीपिका चिखलिया कहती हैं, “मैं अपनी वापसी कुछ अलग भूमिका से करना चाहती थी. ग़ालिब की भूमिका वैसी ही है.” ग़ालिब की शूटिंग का एक शिड्यूल इलाहाबाद और वाराणसी में पूरा हो चूका है।  

Monday 1 January 2018

आज १ जनवरी को जन्मे थे नाना पाटेकर, असरानी, विद्या, शकीला, सोनाली

आज १ सितम्बर को, अलग अलग सालों में हिंदी फिल्मों के ग्लैमर से भरपूर और सशक्त  अभिनय के लिए अपनी पहचान बनाने वाले एक्टर जन्मे थे, जिन्होंने बॉलीवुड को अपनी मौजूदगी से गुलजार किया। आग, नाराज़, गद्दार, टक्कर, सपूत, भाई, तराजू, कहर, डुप्लीकेट, हमसे बढ़ कर कौन, मेजर साब, हम साथ साथ, दाहक, आदि फिल्मों की नायिका सोनाली बेंद्रे आज ही के दिन मुंबई में १९७५ में जन्मी थी। वह एक ऐसी अभिनेत्री थी, जिन्होंने शाहरुख़ खान, आमिर खान, सलमान खान, सैफ अली खान, अक्षय कुमार, आदि की नायिका बनी। सोनाली बेंद्रे ने कुछ तमिल, तेलुगु, मराठी और कन्नड़ फ़िल्में भी की हैं। वह फिल्म निर्माता गोल्डी बहल से विवाहित हैं। पालघाट केरल में १९७९ में जन्मी विद्या बालन को परिणिता की लोलिता के रोल से ख्याति मिली।  वह लगे रहो मुन्नाभाई, पा, द डर्टी पिक्चर, इश्किया, तुम्हारी सुलु, कहानी, भूल भुलैया, आदि फिल्मों को अपने दम पर चलाने वाली अभिनेत्री थी ।  वह फिल्म निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर से विवाहित हैं। नाना पाटेकर अभिनय का पर्याय हैं। महाराष्ट्र के मुरुड जंजीर में १९५१ को जन्मे नाना पाटेकर ने परिंदा, प्रहार, अग्निसाक्षी, अंकुश, प्रतिघात, तिरंगा, क्रांतिवीर, अंगार, भालू, सिंहासन, माफीचा साक्षीदार, आदि फिल्मों में सशक्त भूमिकाये की। उन्होंने फिल्म प्रहार का निर्देशन भी किया है। मेरे अपने, चला मुरारी हीरो बनने, शोले, कोशिश, अभिमान, चुपके चुपके, गुड्डी, मिली, बावर्ची, अनामिका, आपकी कसम, परिचय, अजनबी, हिम्मतवाला जैसी फिल्मों के अभिनेता तथा शोले के अंग्रेजों के जमाने के जेलर असरानी का जन्म राजस्थान के सिन्धी परिवार में हुआ था। पुणे फिल्म संस्थान की अपनी सहपाठिन से शादी करने वाले असरानी का पूरा नाम गोवर्धन असरानी था। उन्होंने चला मुरारी हीरो बनाने, सलाम मेमसाहब, हम नहीं सुधरेंगे, दिल ही तो है और उड़ान जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया था। १९३५ में जन्मी शकीला को गुरुदत्त की आर पार और सीआईडी फिल्मों की नायिका के तौर पर पहचाना जाता है। आरपार का बाबूजी धीरे चलना गीत उनका सदाबहार गीत है। उन्होंने आरपार और  सीआइडी के अलावा टावर हाऊसगेस्ट हाऊसपोस्ट बॉक्स नं. ९९९चाइना टाऊनकाली टोपी लाल रुमाल, आदि कोई ६९ फिल्मों में अभिनय किया। वह पिछले साल २० सितम्बर को ८२ साल की उम्र में स्वर्ग सिधार गई।

वरुण धवन की पहली फिल्म अक्टूबर

वरुण धवन ने २०१७ में बद्री की दुल्हनिया और जुड़वाँ २ जैसी कॉमेडी और हल्केफुल्के हास्य वाली हिट फ़िल्में दी थी। अब इन फिल्मों को देखने वाले हिंदी फिल्म दर्शकों, ख़ास तौर पर युवा दर्शकों को वरुण धवन की फिल्म का इंतज़ार रहता है। वरुण धवन का खिलंदड़ा अंदाज़ युवा दर्शकों को भाता है। लेकिन, युवा दर्शकों को, इस साल रिलीज़ हो रही वरुण धवन की पहली दो फिल्मों से निराशा हो सकती है। २०१७ में हंसा हंसा कर लोटपोट कर देने वाले वरुण धवन अब सीरियस होने जा रहे हैं। वह शूजित सरकार की फिल्म अक्टूबर और शरत कटारिया और मनीष शर्मा की फिल्म सुई धागा कर रहे हैं। सुई धागा की टैग लाइन मेड इन इंडिया है। फिल्म में वरुण धवन एक दरजी का किरदार कर रहे हैं। निर्माताओं की माने तो यह फिल्म आत्मनिर्भरता और स्वदेशी पर है। खबर है कि फिल्म का बैनर यशराज फिल्म्स सुई धागा: मेड इन इंडिया को गाँधी जयंती वीकेंड पर रिलीज़ करना चाहता है। दूसरी फिल्म अक्टूबर का कथानक दिलचस्प है। सुगबुगाहट है कि यह फिल्म हॉलीवुड  की रोमांस, ड्रामा साइंस फैन्टसी फिल्म हर पर आधारित है। इस फिल्म का निर्देशन स्पाइक जोंज़े ने किया था। फिल्म में अभिनेता जोएक्विन फ़ीनिक्स ने थिओडोर का किरदार किया था, जो एक ऑपरेटिंग सिस्टम की महिला आवाज़ के साथ रोमांस करने लगता है। वह उस आवाज़ के शरीर के साथ घूमता-फिरता, खाता-पीता और सोता है। यह फिल्म वर्चुअल वर्ल्ड में खोये आज के युवाओं के लिए एक सन्देश है। इन दोनों ही फिल्मों, सुई धागा और अक्टूबर में वरुण धवन की नायिका बद्रीनाथ की दुल्हनिया की जोड़ीदार अलिया भट्ट नहीं है। सुई धागा की नायिका अनुष्का शर्मा हैं। फिलहाल, अनुष्का शर्मा दक्षिण अफ्रीका में अपना हनीमून मना रही हैं। वहां से लौट कर वह सुई धागा की शूटिंग शुरू कर देंगी। अक्टूबर की नायिका नवोदित मॉडल बनिता संधू है। वरुण धवन की पहली रिलीज़ होने वाली फिल्म अक्टूबर होगी, जो ६ अप्रैल को रिलीज़ होगी। जबकि दूसरी फिल्म सुई धागा अक्टूबर में गाँधी जयंती वीकेंड पर रिलीज़ होगी।  

आनंद एल राज की फिल्म में शाहरुख़ खान 'जीरो'

तमाम अनुमान झूठे निकले।  निर्देशक आनंद एल राज की शाहरुख़ खान के साथ पहली फिल्म का टाइटल न ड्वार्फ है, न  टिंगया और न ही कैटरीना मेरी जान।  फिल्म में शाहरुख़ खान बौने का किरदार कर रहे हैं।  इसलिए अनुमान था कि फिल्म का टाइटल भी कुछ ऐसा ही  मिलता जुलता होगा। पिछले सात महीनों से दर्शक इस फिल्म का टाइटल जानने को बेताब थे।  कल (३१ दिसंबर को) आनंद एल राज और शाहरुख़ खान ने ट्वीट करते हुए यह  जानकारी दी थी कि १ जनवरी की शाम ५ बजे फिल्म का टाइटल बताया और साथ में कुछ दिखाया भी जायेगा। इसी के अनुसार आज फिल्म  के टाइटल का एक मिनट के टीज़र के साथ ऐलान कर दिया गया है।  शाहरुख़ खान की बौने किरदार वाली फिल्म का टाइटल जीरो होगा।  इस फिल्म में कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा दो नायिकाएं है।  लेकिन, फिल्म के टीज़र में केवल शाहरुख़ खान का बौना किरदार, न्यू ईयर संगीत के बीच नाचते जोड़ों के बीच, फिल्म जब जब फूल खिले में शशि कपूर पर फिल्माए गए गीत हमको तुमसे प्यार आया पर शशि कपूर की शैली में डांस करते हुए दिखाया गया है।  शाहरुख़ खान के इस बौने किरदार को देखना  रोमांचक लगता है।  फिल्म कैसी लगेगी, इसका पता तो २१ दिसंबर २०१८ को चलेगा, जब यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी।  फिलहाल के लिए तो शाहरुख़ खान, आनंद एल राज और फिल्म ही फिल्म के  पाठकों को हैप्पी न्यू ईयर।  

वज़न के साथ वजनी अभिनय करने वाली विद्या बालन

विद्या बालन, आज ३८ साल की हो गई। हिंदी फिल्मों में उनकी गिनती किसी कैटरीना कैफ या करीना कपूर, या फिर श्रद्धा कपूर और अलिया भट्ट के साथ नहीं की जा सकती। इसलिए नहीं कि वह कभी खान अभिनेताओं की फिल्मों की नायिका नहीं बन सकी। बल्कि, उन्हें कभी किसी खान की ज़रुरत ही नहीं महसूस हुई । निखिल अडवाणी की फिल्म में, सलमान खान भी थे, लेकिन, विद्या बालन जॉन अब्राहम के अपोजिट थी। उन्होंने अक्षय कुमार के साथ फ़िल्में खूब की। लेकिन, शाहरुख़ खान की फिल्म ओम शांति ओम में वह खुद के तौर पर कैमिया कर रही थी। वह ऐसी अभिनेत्री है, जिन्होंने कभी साइज़ जीरो करने या जिम में जा कर पसीना बहाने की ज़रुरत नहीं समझी। उन्होंने जो साइज़ अपनाया, वही ट्रेंड बन गया। फिल्म द डर्टी पिक्चर को ही लीजिये। इस फिल्म में सिल्क स्मिता के किरदार के लिए विद्या बालन ने वजन काफी बढ़ाया। बढे वजन की तरह द डर्टी पिक्चर उन्हें वजनदार अभिनेत्री साबित कर गई। उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल फिल्म अवार्ड मिला। इससे पहले, विद्या बालन ने इश्किया की थी।  यह लम्पट किरदार था। एक माफिया औरत कृष्णा अपने पति का खून करवाने के लिए मामू-भांजे का अपने शरीर से शिकार बनाती है। वह बेधड़क गालियाँ बकती है। ऐसा बेखटक अभिनय किसी कटरीना, करिश्मा या श्रद्धा के हिम्मत की बात नहीं। इसके बावजूद विद्या बालन ने इश्किया की कृष्णा के लिए प्रशंसा और पुरस्कार बटोरे। फिल्म कहानी का विद्या बागची का किरदार इतनी आसानी से विद्या बालन ही कर सकती हैं। लगभग आधा दर्जन फिल्मों की असफलता के बाद ऐसा लगता था कि विद्या बालन का करियर ख़त्म हो गया। हालाँकि, इन सभी फिल्मो में विद्या बालन ने अपने किरदार को स्वभाविक बनाने के लिए हर प्रकार से मेहनत की थी। वजन बढ़ाया, प्रोस्थेटिक मेकअप चढ़ाया और चरित्रों के अनुकूल अपने शब्द उच्चारण पर ख़ास मेहनत की। इसके बावजूद खुद के साथ किये गए विद्या के प्रयोगों को दर्शकों ने नकार दिया तो इसमे विद्या बालन नाम की अभिनेत्री का क्या कसूर ! इसी का नतीजा मिला उन्हें तुम्हारी सुलू में गृहणी सुलोचना और शरारती रेडियो जोकि सुलू के किरदार की सफलता से। इस फिल्म ने धीमी ही रफ़्तार से सही, विद्या के करियर को रफ़्तार दे दी है। आज विद्या बालन, जब अपना जन्मदिन अपने पति सिद्धार्थ रॉय कपूर के साथ मनाने के बाद अपने माँ-पिता के साथ खाना खा रही होंगी तो ज़रूर सोच रही होंगी कि अब आगे क्या ? निश्चित रूप से विद्या बालन के प्रशंसक दर्शक भी उन्हें उनके ३९वे जन्मदिन की बधाईयाँ देने के बाद पूछना चाहेंगे कि अब वह अपने दर्शकों को क्या देने जा रही हैं ? इंतज़ार रहेगा विद्या बालन की फिल्मों का।  

बाहुबली से शुरू होता है राणा डग्गुबती


तेलुगु- तमिल-हिंदी हाथी मेरे में राणा डग्गुबती  
२०१८ की पहली सुबह, अभिनेता राणा डग्गुबती ने, अपने  प्रशंसकों को बनदेव के दर्शन करवा दिए।  यह बनदेव, जंगलों में रहने वाला, वनों का रखवाला और हाथियों का रक्षक है।  वह हाथी के दांतों की तस्करी  करने के खिलाफ मुहीम छेड़ता है।  वनों के पर्यावरण के प्रति सचेत करने वाले इस प्राणी का नारा  हाथी मेरे साथी है । हाथी भी उसे अपना साथी मानते हैं । साथ की तस्वीर से यह साफ़ भी होता है । यह तस्वीर है तेलुगु, तमिल और हिंदी में बनाई जा रही फिल्म हाथी मेरे साथी की । यह फिल्म १९७१ में रिलीज़ राजेश खन्ना की फिल्म हाथी मेरे साथ का रीमेक या सीक्वल नहीं है । जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था । यह राजेश खन्ना की फिल्म के टाइटल पर बनने के कारण राजेश खन्ना को श्रद्धांजलि तो बताई जा रही है । मगर, राजेश खन्ना की फिल्म से इसका कोई सरोकार नहीं । राना दग्गुबती की कहानी बिलकुल भिन्न है । यह पूरी तरह से जंगल, हाथी और पर्यावरण पर केन्द्रित फिल्म है । मनुष्यों के जीवन मे पर्यावरण के महत्त्व को आदमी और हाथी के संबंधों के ज़रिये बड़ी खूबसूरती से उतारा गया है । बनदेव बने राणा दग्गुबती के साथ फिल्म की नायिका के किरदार में काजल अगरवाल हैं । हाथी मेरे साथ को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में राना दग्गुबती के सफ़र को आगे बढाने वाली फिल्म कहा जा सकता हैं । हालाँकि, राणा दग्गुबती ने अपने हिंदी फिल्म करियर की शुरुआत फिल्म दम मारो दम से २०११ में की थी । यह, तेलुगु फिल्म लीडर (२०१०) से फिल्मों में कदम रखने वाले राणा दग्गुबती के करियर की दूसरी फिल्म थी । दम मारो दम फ्लॉप हुई । लेकिन, राना दग्ग्बुबती घबराए नहीं ।  उनकी दूसरी हिंदी फिल्म डिपार्टमेंट भी फ्लॉप हुई । इस थर्टी प्लस के एक्टर के अच्छे दिन शुरू हुए २०१५ से । इस साल, वह सबसे पहले हिंदी फिल्म बेबी (अक्षय कुमार) में दिखाई दिए । फिल्म सफल हुई । फिर आई तेलुगु ऐतिहासिक फंतासी फिल्म बाहुबली : द बेगिनिंग । यह फिल्म एक बड़ी सफल फिल्म बनी । इस फिल्म को हिंदी में डब कर रिलीज़ किया गया था । हिंदी बह्बली को भी सफलता हासिल हुई । रुद्रमादेवी के हिंदी में डब संस्करण में भी राना नज़र आये ।  पिछले साल, वह पूरे हिंदुस्तान में भल्लाल देवा के किरदार से मशहूर हो गए । बाहुबली प्रभाष के हर कष्टों का कारण यह भल्लाल दर्शकों के बीच बाहुबली की तरह लोकप्रिय हो गया । पिछले साल बाहुबली २: द कांक्लुजन से पहले रिलीज़ फिल्म द गाजी अटैक को सफलता मिली । बाहुबली २ तो लम्बे समय तक कायम रहने वाले कीर्तिमानों वाली फिल्म बन गई है । अब राना दग्गुबती अपनी इस फिल्म हाथी मेरे साथी से हिंदी दर्शकों को प्रभावित करने आ रहे हैं । क्या १९७१ की तरह २०१८ की हाथी मेरे साथ में भी हाथी और इंसान की दोस्ती की कहानी सफल होगी । इस सवाल का जवाब पाने की कोशिश तो हमेशा ही रखते हैं ।

ग़दर के उत्कर्ष के लिए अनिल शर्मा ने हाईजैक की इशिता चौहान

आज नए साल के पहले  दिन की पहली सुबहफिल्म निर्देशक अनिल शर्मा ने अपने बेटे उत्कर्ष को लांच करने वाली फिल्म जीनियस का फर्स्ट लुक जारी किया।  इस फर्स्ट लुक में, जीनियस के नायक उत्कर्ष शर्मा और फिल्म में उनकी नायिका इशिता चौहान, अलग अलग और साथ साथ हैं। जीनियस एक रोमांटिक एक्शन फिल्म है। उत्कर्ष और इशिता पहली बार किसी फिल्म में नायक-नायिका के किरदार में आ रहे हैं । लेकिन, हिंदी फिल्म दर्शक इन दोनों के चेहरों से काफी परिचित है । उत्कर्ष
शाइनी आहूजा के साथ इशिता 
शर्मा ने, अपने पिता निर्देशित फिल्म ग़दर एक प्रेम कथा (२००१) में, सनी देओल और अमीषा पटेल के बेटे चरणजीत की भूमिका की थी । वह एक शॉर्ट फिल्म पर्पज का लेखन और निर्देशन कर चुके हैं । वहीँ, फिल्म में उनकी नायिका इशिता चौहान भी दो हिंदी फिल्मों और एक मलयालम थ्रिलर फिल्म में अभिनय कर चुकी हैं । हिंदी दर्शक उन्हें आप का सुरूर (२००७) और हाईजैक (२००८) में
अमीषा पटेल और सनी देओल के साथ उत्कर्ष 
बाल भूमिकाओं में देख चुके हैं । हाईजैक में वह शाइनी आहूजा की बेटी के तौर पर याद कर सकते हैं । इशिता चौहान की मलयालम फिल्म में भूमिका छोटी मगर केन्द्रीय थी । वह लड़कियों पोशाकों के ब्रांड पेपरमिंट की ब्रांड एम्बेसडर हैं । उत्कर्ष शर्मा और इशिता चौहान की पहली रोमांस फिल्म जीनियस की टैग लाइन जीनियस: दिल की लड़ाई दिमाग से है । इससे साफ़ है कि फिल्म में रोमांस के अलावा एक्शन भी होगा । जीनियस की शूटिंग मॉरिशस में पूरी हो जाने के बाद आजकल मुंबई में हो रही है। तो इंतज़ार कीजिये इस नए जोड़े के बीच की केमिस्ट्री देखने के लिए जीनियस की रिलीज़ का ।

यूपी में फिल्मों के विकास में गब्बर सिंह की बाधा !

उत्तर प्रदेश में, २०१७ में शूट हुई कुछ फिल्मों के नामों पर नज़र डालिये। २०१७ में उत्तर प्रदेश में लखनऊ, मथुरा, इलाहाबाद, बरेली, आदि शहरों मे बारात कंपनी, मिस्टर कबाड़ी, बरेली की बर्फी, बाबूमोशाय बन्दूक्बाज़, टॉयलेट एक प्रेम कथा. लखनऊ सेंट्रल, भूमि, मुल्क, रेड, आदि फिल्मों की शूटिंग हो चुकी हैं।  इस फिल्मों की बदौलत अक्षय कुमार, अजय देवगन, तापसी पन्नू, इलीना डिक्रूज़, आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव, फरहान अख्तर, आदि अभिनेता उत्तर प्रदेश की सरनामी पर पैर  रख चुके हैं।  इन फिल्मों की शूटिंग में राजकुमार गुप्ता, श्री नारायण सिंह, अनुभव सिन्हा, आदि फिल्म निर्देशक भीं उत्तर प्रदेश भिन्न शहरों की ख़ाक छान चुके हैं।  इन फिल्मों की शूटिंग के बदौलत स्थानीय प्रतिभाओं को अस्थाई  रोजगार के अवसर मिले।  संभव है कि इनमे से कुछ बॉलीवुड के बड़े निर्माताओं की नज़रों में आ जाएँ।  तो क्या इससे यह समझा जाए कि उत्तर प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग के मामले में अच्छे दिन आ गए ? क्या उत्तर प्रदेश सरकार की फिल्म नीति कारगर साबित हो रही है ? क्या उत्तर प्रदेश या ख़ास  तौर पर लखनऊ फिल्म वालों का हब बनता जा रहा है ? 
फिल्म बंधू से जुड़े एक अधिकारी की बात मानी जाए तो लखनऊ फिल्म मेकिंग का हब बनता जा रहा है। जिस तरह से आये दिन उत्तर प्रदेश के लखनऊ आदि शहरों में फिल्मों की शूटिंग होने लगी हैं, इससे भी इस बात की पुष्टि होती है।  फिल्म बंधू के अंतर्गत इसी साल २१ करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चूका है। यह शूट फिल्मो को कुछ शर्तों के साथ कर मुक्त भी किया जा रहा है।गोवा और मुंबई में  उत्तर प्रदेश की फिल्म नीति और इन्वेस्टमेंट के लिए सेमिनार आदि हो चुके हैं।सूत्र बताते हैं कि लखनऊ ही व्यक्तिगत तौर पर फिल्मों का निर्माण जारी है। मेरठ में तो बाकायदा फिल्म इंडस्ट्री है, जो सिनेमाघरों में रिलीज़ के लिए नहीं, बल्कि सीडी के लिए फिल्मों का निर्माण  करते हैं। स्थानीय लोग इसे मॉलीवुड कहते हैं। यह फ़िल्में स्थानीय उच्चारण से सनी भाषा में होती हैं।  इस इंडस्ट्री की फिल्म धाकड़ छोरा को बॉलीवुड की शोले जैसी कहा जाता है। व्यक्तिगत तौर पर बनाई जा रही फिल्मों को छोड़ दें तो क्या सरकारी प्रयासों के परिणामस्वरुप उत्तर प्रदेश के फिल्मों का हब बनने की संभावना की जा सकती है ? 
१९६७ में सुनील दत्त ने उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माण की संभावना देखी थी।  उन्होंने तत्कालीन चंद्रभानु गुप्त सरकार से अजंता आर्ट्स स्टूडियो के लिए ज़मीन भी ली थी।  लेकिन, गुप्त सरकार के गिर जाने के बाद सुनील दत्त के स्टूडियो का पत्थर ही लगा रह गया।  फिर १९७५ में वीपी सिंह सरकार में उत्तर प्रदेश चलचित्र निगम की स्थापना की गई।  फिल्म बनाने वालों को उम्दा उपकरण देने और तीन लाख तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया गया।  फिल्मों को कुछ हफ्ते मनोरंजन कर से छूट भी दी गई। चलचित्र निगम के अधिकारीयों ने नीतियों का दोहन करते हुए महंगे और उस समय के सबसे आधुनिक कैमरा आदि उपकरण खरीद कर कमीशन कम लिया। उसके बाद यह उपकरण निगम की गोडाउन में धुल फांकते रहे। अधिकारियों के भ्रष्टाचार ने निगम को घाटे के गम में डुबो दिया। 
ज़ाहिर है कि सुनील दत्त के कथित स्टूडियो के पचास साल बाद भी उत्तर प्रदेश में कोई इंडस्ट्री स्थापित नहीं हो सकी है। निजी स्टूडियो ज़रूर हैं।  लेकिन, इन्हें उत्तर प्रदेश में फिल्मों के विकास का गम नहीं है।  उत्तर प्रदेश में जो भी फिल्म निर्माता आते हैं, वह काहनियों की मांग पर।  अगर उनकी फिल्म में पुरानी इमारतों की ज़रुरत है, स्थापत्य दिखाना है तो लखनऊ, फैजाबाद, आदि जगहे हैं न ! अभी अनुभव सिन्हा की फिल्म मुल्क की शूटिंग भी इसी वजह से लखनऊ में की गई थी।  बकौल, सुनील बत्ता, "माहौल बन रहा है। लेकिन, सब कुछ सरकार की नीतियों पर निर्भर करेगा।" 
लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि आगे कोई सरकार कैसे काम करेगी ? मनोरंजन कर से फिल्म बंधू को प्रति टिकेट ५० पैसे मिलते थे। फिल्म मनोरंजन कर से मुक्त भी कर दी जाती थी।  अब मनोरंजन कर रहा नहीं।  सब राहुल गाँधी के गब्बर सिंह टैक्स यानि जीएसटी में शामिल हो गया है। फिल्म विकास निधि के पैसे कहाँ से आयेंगे ? मनोरंजन कर रहा नहीं।  फ़िल्में टैक्स फ्री किस हिसाब से होंगी सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों के रखरखाव और मल्टीप्लेक्स बनाने के लिए अनुदान कैसे मिलेगा ? इन सवालों का जवाब राज्य सरकार को ढूँढना है। इसके लिए एक बिलकुल नई नीति बनानी होगी। जीएसटी के नियमों में यथावश्यक संशोधन करने होंगे। पहले तो सरकार बदलने के बाद सब उल्टा पुल्टा हो जाता था। अब जीएसटी आने से सब उलटा पुल्टा हो गया है। क्या कुछ सुलटा होगा ?

१९२१ से सिम्बा तक २०१८

बॉलीवुड, हमेशा की तरह तीनों खान एक्टरों -सलमान, आमिर और शाहरुख़- के साथ फ़िल्में रिलीज़ करेगा।  कई ऐतिहासिक, बायोपिक और रीमेक-सीक्वल फ़िल्में भी रिलीज़ होंगी।  कई नए चहरे भी दर्शकों के सामने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।  लेकिन, दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार रहेगा स्त्री लिंग से पुरुष लिंग बनी पद्मावती उर्फ़ पद्मावत का।  इस फिल्म का अब इसलिए इंतज़ार नहीं होगा कि यह संजय लीला भंसाली की महंगे बजट की फिल्म है।  न ही इसका इंतज़ार  रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की हॉट जोड़ी के कारण होगा।  बल्कि, इस फिल्म से जुड़े लम्बे विवाद के मद्देनज़र यह देखने के लिए होगा कि फिल्म में ऐसी क्या गङबङी कर दी गई थी कि इसका लिंग परिवर्तन कर दिया गया।  यह, बॉलीवुड के इतिहास की, शायद ऐसी इकलौती फिल्म होगी, जो २०१७ की ब्लॉकबस्टर मानी जा  रही थी और ब्लॉकबस्टर होगी २०१८ में। 
खान से रणबीर और रणवीर तक हिंदी फ़िल्में
इस साल, हिंदी फिल्मों के प्रदर्शन की शुरुआत इंडस्ट्री के फ्लॉप खान सैफ अली खान की फिल्म कालकांडी से होगी।  यह एक डार्क कॉमेडी फिल्म है।  जबकि, साल का खत्म रणवीर सिंह की एक्शन फिल्म सिम्बा से होगा।  इस फिल्म से रणवीर सिंह पहली बार एक्शन में हाथ आजमाएंगे।  २०१८ की ख़ास बात यह होगी कि बॉक्स ऑफिस पर  बॉलीवुड के सभी सुपर सितारों की फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  इनमे अक्षय कुमार की पैडमैन, अजय देवगन की रेड, रणबीर कपूर की संजू, देओल एंड संस की यमला पगला दीवाना फिर से, रजनीकांत और अक्षय कुमार की २.०सलमान खान की रेस ३, ऐश्वर्या राय बच्चन की फन्ने खानबाहुबली एक्टर प्रभाष की साहो, अक्षय कुमार की गोल्ड, अमिताभ बच्चन और  आमिर खान की ठग्स ऑफ़ हिंदोस्थान, हृथिक रोशन की सुपर ३०, अजय देवगन की टोटल धमाल, शाहरुख़ खान की आनंद एल राज निर्देशित अनाम फिल्म और रणवीर सिंह की सिम्बा उल्लेखनीय टाइटल हैं।
हिंदी फिल्मे इंग्लिश टाइटल
हिंदी फिल्मों के इंग्लिश टाइटल होना कोई नई बात नहीं।  मामलाहॉलीवुड से उधार लेने वाली फिल्म इंडस्ट्री की फिल्मों का  जो है।  २०१८ भी इसका अपवाद नहीं होगा।  इस साल इंग्लिश टाइटल वाली फिल्म की शुरुआत जनवरी से ही हो जाएगी।  साल के पहले महीने के दूसरे शुक्रवार रिलीज़ होने वाली विक्रम भट्ट की हॉरर फिल्म का टाइटल १९२१ होगा।  यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल हो या असफल, इंग्लिश टाइटल के साथ फ़िल्में पूरे साल रिलीज़ होती रहेंगी।  इन फिल्मों में साइकोलॉजिकल थ्रिलर माय बर्थडे सॉंग, ड्रामा यूनियन लीडर, कॉमेडी ड्रामा पैडमैन, थ्रिलर मिस्ट्री द विंडो, ३ स्टोरीज, ड्रामा लव सोनिया, एक्शन/ड्रामा ड्राइव, इरोटिक थ्रिलर हेट स्टोरी ४, एक्शन थ्रिलर रेड, कॉमेडी ब्लैक, ड्रामा अक्टूबर, रोमांटिक कॉमेडी लव पर स्क्वायर फुट, साइंस फिक्शन सुपरहीरो २.०थ्रिलर रेस ३, बायोपिक गोल्ड, पीरियड एक्शन एडवेंचर ठग्स ऑफ़ हिंदोस्थान, एक्शन ड्रामा सुपर ३० और बायोपिक द एक्सिंडेंटल प्राइम मिनिस्टर के नाम उल्लेखनीय हैं।  इन फिल्मों के अलावा कुछ इंग्लिश हिंदी टाइटल के घालमेल वाली  फ़िल्में भी रिलीज़ होंगी।  इन फिल्मों में एक्शन ड्रामा परमाणु : द स्टोरी ऑफ़ पोखरण, बायोपिक मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ़ झाँसीरोमांटिक कड़ी वीरा दी वेडिंगड्रामा सुई धागा : मेड इन इंडियाकॉमेडी टोटल धमाल, आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।  ख़ास बात यह है कि अंग्रेज़ी शीर्षक वाली तमाम फ़िल्में हर जॉनर की है।  लेकिन, हिंदी अंग्रेजी मिश्रित शीर्षक वाली फिल्मों का मिश्रण हिंदी शीर्षक को अंग्रेजी में विस्तार देने के कारण हुआ है। 
नयी चेहरों का आगमन
कुछ नए चेहरे भी अपनी चमक का एहसास करने आ रहे हैं।  इनमे ज़्यादातर हिंदी  फिल्मों के बड़े सितारों  बच्चे हैं।  सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान का सुशांत सिंह राजपूत के साथ  अभिषेक कपूर निर्देशित फिल्म केदारनाथ से डेब्यू हो रहा है।  सारा, २०१८ में डेब्यू करने वाली आखिर स्टार डॉटर होंगी।  इसी प्रकार से हिंदी फिल्म डेब्यू करने वाली टेलीविज़न एक्ट्रेस में मृणाल ठाकुर आखिर एक्ट्रेस होंगी।  वह हृथिक रोशन के साथ फिल्म सुपर ३० से डेब्यू कर रही हैं।  एक्शन कॉमेडी फिल्म पल पल दिल के पास से सनी देओल के बेटे करण का हिंदी फिल्म डेब्यू हो रहा है।   उनकी फिल्म का निर्देशक खुद सनी देओल कर रहे हैं।  इस फिल्म से करण की नायिका सहर बम्बा का भी डेब्यू हो रहा है।  टेलीविज़न की नागिन मौनी रॉय फिल्म गोल्ड में पहली बार।  दर्शक बाहुबली फिल्म सीरीज के नायक प्रभाष को अच्छी तरह से पहचानते हैं।  लेकिन, बाहुबली प्रभाष की तेलुगु में बनी और हिंदी में डब फिल्म थी।  अब प्रभाष पहली बार हिंदी में भी बनाई जा रही फिल्म साहो से डेब्यू कर रहे हैं।  फिल्म में उनकी नायिका श्रद्धा कपूर हैं।  श्रीदेवी की बेटी और शाहिद कपूर के भाई ईशान की डेब्यू फिल्म धड़क का निर्देशन बद्री की दुल्हनिया के शशांक खेतान कर रहे हैं।  टीवी एक्ट्रेस अंकिता 'पवित्र रिश्ते' लोखंडे का कंगना रनौत के साथ फिल्म मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ़ झाँसी से डेब्यू हो रहा है।  वरुण धवन की ड्रामा फिल्म अक्टूबर में उनकी नायिका बनिता संधू की यह पहली फिल्म है।  २०१८ में डेब्यू करने वालों में प्रितीश चक्रवर्ती खुद के डेब्यू के लिए खुद ही फिल्म का निर्माण, निर्देशन, लेखन, आदि आदि कर रहे हैं।  इरोटिक थ्रिलर हेट स्टोरी ४ से पंजाबी फिल्म एक्ट्रेस इहाना ढिल्लों पहली बार किसी हिंदी फिल्म में अभिनय कर रही होंगी। 
जोड़ियों पर लगी निगाहें
हिंदी फिल्म दर्शकों को जोड़ियों की फिल्मों का बेसब्री से इंतज़ार रहता है।  इनमे रियल लाइफ जोड़ियां भी हो सकती हैं और अस्वाभाविक जोड़ियां भी।  नई जोड़ियां भी बन रही हैं।  आर बाल्की की फिल्म पैडमैन में अक्षय कुमार की राधिका आप्टे के साथ जोड़ी बन रही है।  सुशांत सिंह राजपूत और जैक्विलिन फर्नॅंडेज़ फिल्म ड्राइव में, वरुण धवन और बनिता संधू फिल्म अक्टूबर में, रजनीकांत और एमी जैक्सन फिल्म २.० में,   विक्की कौशल और आलिया  भट्ट फिल्म राज़ी में, ऐश्वर्या राय बच्चन और राजकुमार राव फिल्म फन्ने खान में,   ईशान खट्टर और जाह्नवी कपूर फिल्म धड़क में, प्रभाष और श्रद्धा कपूर फिल्म साहो में, अक्षय कुमार और मौनी रॉय फिल्म गोल्ड मेंवरुण  धवन और अनुष्का शर्मा फिल्म सुई धागा में, करण देओल और सहर बम्बा फिल्म पल पल दिल के पास  में, हृथिक रोशन और मृणाल ठाकुर फिल्म सुपर ३० में, सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान  फिल्म केदारनाथ में जोड़ियां बना रहे हैं।  यह जोड़ियां पहली बार बन रही है और पहली पहली बार भी।  अनिल  कपूर और ऐश्वर्या राय फिल्म फन्ने खान में तथा अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित फिल्म टोटल धमाल में नास्टैल्जिया जोड़ी बनाएंगे।  आनंद एल राज और अनुराग कश्यप का भी अस्वाभाविक मिलन हो रहा है।  निर्माता आनंद एल राज ने अनुराग कश्यप को अपनी स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म मुक्केबाज़ का  निर्देशन सौंपा है।

रजनीकांत की फिल्म २.०, प्रभाष की फिल्म साहो, कंगना  रनौत की फिल्म मणिकर्णिका : द रानी ऑफ़ झाँसी, राणा डग्गुबाती की फिल्म हाथी मेरे साथी, विद्युत् जम्वाल की फिल्म जंगलीआदि कुछ ऎसी फ़िल्में हैं, जो हिंदी के अलावा दूसरी भारतीय भाषाओँ और  अंग्रेजी में भी रिलीज़ की जाएँगी।