Tuesday, 2 January 2018

रामायण के राम की सीता, अब आतंकी की बीवी

ग़ालिब में दीपिका चिखलिया 
गणतंत्र दिवस वीकेंड पर, २५ जनवरी १९८७ को, रामानंद सागर का धार्मिक राम गाथा,  सीरियल  रामायण का प्रसारण शुरू हुआ था। इस के साथ ही हर हफ्ते सडकों पर सन्नाटा पसरने लगा। ऐसा ठीक ७८ हफ़्तों तक होता रहा, जब रविवार की सुबह सन्नाटा पसरा रहता था। इस सीरियल में राम और सीता, यानि अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया पूरे देश में भगवान् राम और सीता के तौर पर पूजे जाने लगे। इसी इमेज की बदौलत दीपिका चिखलिया सांसद बनी। इस सीरियल के शुरू होने के बाद, दीपिका चिखलिया की एक हॉरर फिल्म रात के अँधेरे रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में हॉरर फिल्मों की नायिका के अनुरूप दीपिका चिखलिया ने भी काफी अंग प्रदर्शक और उत्तेजनापूर्ण शयन कक्ष दृश्य किये थे। हालाँकि, इससे पहले भी दीपिका चिखलिया ने कुछ ऎसी फिल्मों में काम किया था। लेकिन, उन पर सीता की छवि कुछ ऐसी चिपकी थी कि रात के अँधेरे के गर्म दृश्यों के कारण दीपिका को अपने धार्मिक किरदार पर श्रद्धा रखने वाले लोगों के क्रोध का शिकार होना पडा था। इस घटना का दीपिका चिखलिया पर कुछ ऐसा असर पडा कि उन्होंने रामायण ख़त्म होने के बाद भी शॉर्ट पहनने की कोई कोशिश नहीं की। दीपिका ने कहा था, "मैं  अपने प्रशंसकों का दिल नहीं दुखाना चाहती थी।" शादी के बाद दीपिका चिखलिया गृहस्थी में व्यस्त हो गई। उनकी दो बच्चियां हैं। अब खबर है कि दीपिका चिखलिया हिंदी फिल्मों में वापसी करने जा रही हैं। हालाँकि, उन्होंने कलर्स
गुजराती के शो छुटा छेड़ा सीजन २ का सञ्चालन किया हैं। इस शो में रियल लाइफ युगल की कहानियाँ होती हैं, जो अपने संबंधों के बीच आने वाले झगड़ों से निबटते हैं। अपनी वापसी फिल्म में दीपिका चिखलिया रियल लाइफ आतंकी अफज़ल गुरु की बीवी तबस्सुम का किरदार कर रही हैं। वह मनोज गिरी की फिल्म ग़ालिब में आतंकी की बीवी का किरदार कर रही हैं। फिल्म संसद पर हमले के लिए दोषी अफज़ल गुरु की पत्नी की कहानी होने के बावजूद अफज़ल गुरु की आतंकी गतिविधियों पर फिल्म नहीं है। यह फिल्म अफज़ल गुरु के बेटे ग़ालिब गुरु की कहानी है, जो डॉक्टर बनना चाहता है। ग़ालिब गुरु की माँ के रूप में दीपिका चिखलिया ग़ालिब की माँ के संघर्षों की दास्तान बयान करेंगी। हालाँकि, दीपिका इस बात से इनकार करती हैं कि यह अफज़ल गुरु के परिवार की कहानी है। उनके विचार से यह कहानी आतंकी की बीवी और बच्चे की कहानी होने के बावजूद अफज़ल गुरु की कहानी नहीं है। यह एक माँ और उसके बेटे की कहानी है, जिन्हें आतंकी के फांसी चढ़ जाने के बाद क्या झेलना पड़ता है। अपने इस रोल को लेकर दीपिका चिखलिया कहती हैं, “मैं अपनी वापसी कुछ अलग भूमिका से करना चाहती थी. ग़ालिब की भूमिका वैसी ही है.” ग़ालिब की शूटिंग का एक शिड्यूल इलाहाबाद और वाराणसी में पूरा हो चूका है।  

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