एक्टर अंगद सिंह बेदी को इंटेंस भूमिकाओं के लिए जाना जाता है । अपनी पहली
ही फिल्म फालतू (२०११) से उन्होंने यह ट्रेंड स्थापित किया था । पिंक में उनकी सधी
हुई एक्टिंग की खूब प्रशंसा हुई । ऊँगली, डिअर ज़िन्दगी, इनसाइड एज और टाइगर जिंदा
है में उनकी भूमिका दर्शकों का ध्यान आकर्षित करती रही । लेकिन, ज़ल्द रिलीज़ होने
जा रही फिल्म सूरमा में उनकी भूमिका, अब तक की उनकी भूमिकाओं से बिलकुल अगल हैं ।
शाद अली निर्देशित फिल्म सूरमा में अंगद, एक हॉकी खिलाड़ी विक्रमजीत सिंह की भूमिका
कर रहे हैं, वह एक धमाकेदार हॉकी प्लेयर है । हिंदुस्तान के श्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर
में से एक है वह । लेकिन, एक चोट उसका करियर ख़त्म कर देती है । उसका छोटा भाई
संदीप सिंह हालातों का शिकार हो चूका भारत की हॉकी टीम का श्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर है
। संदीप का करियर एक बुलेट इंजरी से ख़त्म हो चूका है । लेकिन, संदीप वापसी करना
चाहता है । इसमे मदद करता है, भाई विक्रमजीत । संदीप, अपने भाई की मदद से भारतीय
टीम में वापसी करता है । यह फिल्म रियल लाइफ करैक्टर वाली फिल्म है । अभिनेता
दिलजीत दोसांझ फिल्म में भारतीय टीम के ड्रैग फ्लिकर संदीप सिंह की भूमिका कर रहे
हैं । अंगद कहते हैं, “विक्रमजीत परिवार की मदद और संदीप के इलाज़ के लिए धन अर्जित
करता है ।“ बताते चलें कि अंगद बेदी, हिंदुस्तान के प्रख्यात लीजेंड लेग स्पिनर
बिशन सिंह बेदी की बेटे हैं । वह पगड़ी नहीं पहनते । अपनी फिल्मों में वह मोना बन
कर एक्टिंग करते हैं । उन्हें दिलजीत दोसांझ पर गर्व है । वह कहते हैं, “मुझे
दिलजीत दोसांझ पर गर्व है । वह लुधियाना से हैं । उन्होंने खुद के बल पर
इंडस्ट्री में पगड़ी के साथ अपना नाम बनाया । उन्होंने लोगों की धरना बदल दी कि सिख
चरित्र कॉमेडी के लिए होते हैं । दिलजीत की सफलता के बाद अब कई युवाओं ने पगड़ी
पहनना शुरू कर दिया । सूरमा २९ जून को रिलीज़ हो रही है ।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 23 January 2018
सिख करैक्टर अब हंसाने के लिए नहीं ! -अंगद बेदी
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बॉलीवुड
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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